maharana pratap ke vansaj ye log ho hi nahi sakta hai agar Pratap ke vansaj hote to ye raaj path ke liye लड़ाई नहीं करते प्रताप ने तो राजमहल का त्याग कर दिया था और ये लोग है जिन्हे बस संपाति चाइए आप लोग महाराणा प्रताप की इज्जत मिटी मे मिलना बंद करे मेरा यही निवेदन है
*:MUST READ:* *पहली बात यह है कि यह संपत्ति भगवत सिंह जी ने स्वयं नहीं बनाई थी, यह उन्हें विरासत में मिली थी। इसलिए यह संपत्ति एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) है।* *दूसरी बात मेवाड़ की रीति-रिवाज के अनुसार, मेवाड़ के महाराणा के सबसे बड़े पुत्र को अगला महाराणा बनाया जाता है, जो मेवाड़ के उमराव और राव के समर्थन से होता है... जो कि भगवत सिंह जी के बाद महाराणा महेंद्र सिंह मेवाड़ बने और उनके बाद महाराणा विश्वराज सिंह मेवाड़ बने। इन दोनों मामलों में ये दोनों परिवार में सबसे बड़े हैं और उन्हें मेवाड़ के उमराव और राव का पूरा समर्थन है, और मेवाड़ की जनता का भी।*
बिल्कुल गलत है क्योंकि यह संपति, जब महाराणा भगवतसिंहजी ने अपना राज्य भारत में विलय किया तब भारत सरकार के द्वारा प्रदात स्पेशल अधिकार से उन्हें यह संपति रखने को छूट मिलो थी और उस वक्त देश में शासन बदलने के साथ, भारत सरकार ने मेवाड महाराज की संपति को तत्कालीन महाराणा की निजी सम्पति के रूप में स्वीकारा था अब तत्कालीन मेवाड़ महाराणा भगवतसिंहजी इस सम्पत्ति के स्व अर्जित मालिक बन गए उसके बाद उन्हें उस तमाम सम्पत्ति के डिस्पोजल का बँटवारा करने का अधिकार प्राप्त हो गया और उसी अधिकार के रूह से उन्होंने वह समस्त सम्पत्ति प्राइवेट ट्रस्ट बनाके उसे हस्तगत कर दी अब एक बार जो सम्पत्ति, प्राइवेट ट्रस्ट में चली गई उसके बाद, उस सम्पत्ति पर व्यक्ति का निजी अधिकार समाप्त हो जाता है और प्राइवेट ट्रस्ट के ट्रस्टि का अधिकार शुरू हो जाता है और प्राइवेट ट्रस्ट के ट्रस्टी थे महाराणा भगवतसिंह जी और प्राइवेट ट्रस्ट के ट्रस्टी के रूप में व्यक्ति जिसके नाम वसीयत लिखे सिर्फ उसे ही अगला ट्रस्टी, इनकम टैक्स और भारत सरकार स्वीकारती है और ऐसे ही प्राइवट ट्रस्ट पेढ़ियो तक चलता रहता है प्राइवेट ट्रस्ट का सबसे बड़ा फायदा यह है की उसमे जो संपति है वह किसी व्यक्ति की निजी सम्पत्ति नहीं है बल्कि वह ट्रस्ट की सम्पत्ति है इस लिये ट्रस्ट में जो भी पारिवारिक सदस्य, ट्रस्ट के मेंबर हो वह उस सम्पत्ति पर अपना दावा नहीं ठोक सकते है नहीं परिवार की कोई बहू तलाक़ के वक्त उस सम्पत्ति में अपना अधिकार माँग सकती है तो प्राइवेट ट्रस्ट एक रामबाण उपाय है अपनी सम्पत्ति को ग़लत हाथो में जाने से रोकने का
@harshyagnik5334 आपके द्वारा दिए गए तर्क में कुछ बातें सही हैं, लेकिन कुछ बातें अधूरी या गलत हैं। महाराणा भगवतसिंहजी को भारत सरकार द्वारा विशेष अधिकार दिए गए थे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि संपत्ति का स्वामित्व उन्हें मिल गया था। भारतीय कानून में संपत्ति के उत्तराधिकार के नियम हैं, जो परिवार के सदस्यों को संपत्ति में हिस्सा दिलाने के लिए बनाए गए हैं। प्राइवेट ट्रस्ट बनाने से संपत्ति का स्वामित्व ट्रस्ट के पास चला जाता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि परिवार के सदस्यों को संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं होगा। मेवाड़ के रॉयल फैमिली की परंपरा में सबसे बड़े पुत्र को अगला महाराणा बनाया जाता है, यह एक स्थापित रीति-रिवाज है। लेकिन यह परंपरा संपत्ति के उत्तराधिकार के नियमों के साथ नहीं टकराती है। फिलहाल सम्पति का मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है।
@ भाई मेरे वर्ष १९४८ अंतिम मेवाड़ के रूप में जब उन्हौने अपनी मेवाड़ रियासत का भारतीय संघ में विलय किया तभी भारत सरकार ने बहुत सारे राजाओ को, अपने राज्य में अपने पुरखो की चली आई सम्पत्ति को स्वर्जित सम्पत्ति के रूप में रखने का अधिकार दिया था और इंस्ट्रूमेंट ऑफ़ सक्सेशन के तहत वह आज भी वैलिड है और हिंदू उत्तराधिकारी क़ानून इससे आठ साल बाद सन 1956 में लागू हुआ तो महाराणा भगवतसिंहजी की निजी स्व अर्जित सम्पत्ति का वह चाहे वैसे डिस्पोजल करने को स्वतंत्र थे और अजीतसिंज एवं महेंद्रसिंहजी का यह डिस्प्यूट सुप्रीमकोर्ट तक में तक जाया है जिसमे अरविंदसिंहजी जीत चुके है
@ महाराणा भगवतसिंहजी उस वक्त वह समस्त सम्पत्ति के स्वअर्जित मालिक थे उसी नाते वह उस समस्त सम्पत्ति का डिस्पोजल करने को स्वतन्र थे और उसी नाते उन्होंने प्राइवेटर ट्रस्ट फॉर्म कर सारी सम्पत्ति प्राइवेट ट्रस्ट में ले गये और एक बाद कोई व्यक्ति अपने मालिकाना सम्पत्ति को प्राइवेट ट्रस्ट में ले जाये उसके बाद वह संपती का डिस्पोजल उसके इच्छा अनुसार होगा नाकी उत्तराधिकारी कानून या किसी परंपरां के तहत बाकी रही परम्परा की बात तो अगर जो महाराणा भगवतसिंहजी ने यह सब मेवाड राजघराने की सम्पति को अपने पास ना रखा होता तो उसे भारत सरकार ले जाती तो फिर तब क्या करते ? उसके बाद उदयपुर का सिटी पैलेस और चित्तौड़गढ़ सब मेवाड राजघराने के पास ना रहते बल्कि भारत सरकार के पास चले जाते
delhi noida me zameen bachane ke liye tum gulam bane rajput to phir bhi raja the tum jaat tab bhi taati saaf kiye aaj bhi vahi ker rahe ......jao zameen bech ke 4 din ki chandani ka maja lelo
"बारह बरस लौ कूकर जीवै, अरु सोरह लौ जियै सियार बरस अठारह क्षत्री जीवै, आगे जीवै को धिक्कार" ▎Notable Battles Involving Rajput Kings 1. Battle of Haldighati (1576) - Maharana Pratap vs. Man Singh (Mughals) 2. Battle of Dewair (1582) - Maharana Pratap vs. Mughal forces 3. Battle of Khatoli (1544) - Raja Maldeo Rathore vs. Mughal forces 4. Battle of Mandalgarh (1561) - Maharana Udai Singh II vs. Mughal forces 5. Battle of Chittorgarh (1535) - Rana Sanga vs. Bahadur Shah of Gujarat 6. Battle of Bhatner (1540) - Rao Jaisal vs. Sultan of Delhi 7. Battle of Kalingarh (1568) - Maharana Pratap vs. Mughal army 8. Siege of Ranthambore (1301) - Hammir Singh vs. Alauddin Khilji 9. Battle of Kumbhalgarh (1450) - Rao Kumbha vs. various invaders 10. Battle of Sarangpur (1600) - Raja Man Singh vs. local rulers 11. Battle of Durgapur (1569) - Maharana Pratap vs. Mughal forces 12. Battle of Khilchipur (1600) - Raja Man Singh vs. local chieftains 13. Battle of Udaipur (1556) - Maharana Udai Singh II vs. Mughal forces 14. Battle of Chanderi (1528) - Rana Sanga vs. Ibrahim Lodi 15. Battle of Banswara (1554) - Rao Maldeo Rathore vs. local rulers 16. Siege of Chittor (1568) - Maharana Udai Singh II's defense against Akbar 17. Battle of Bikaner (1541) - Rao Jaisal vs. Afghan invaders 18. Battle of Gagron (1450) - Rao Kumbha vs. Malwa Sultanate 19. Battle of Ranthambore (1311) - Hammir Singh's defense against Khilji 20. Battle of Mandore (1453) - Rao Kumbha vs. Sultan of Malwa ▎Additional Notable Conflicts 21. Battle of Jaisalmer - Rao Jaisal vs. local chieftains. 22. Battle of Sirohi - Rajputs vs. invading forces. 23. Battle of Bikaner (Rao Bika's era) - Establishment against rival clans. 24. Battle of Sikar - Regional conflicts among Rajputs. 25. Battle of Ajmer - Various Rajput kings against invaders. 26. Battle of Khetri - Resistance against Mughal incursions. 27. Battle of Banswara - Local skirmishes led by Rajput chiefs. 28. Siege of Ranthambore - Continued resistance against Khilji. 29. Battle of Merta - Conflict with local rulers. 30. Battle of Nahar Singh Ki Haveli - Regional power struggles. ▎Further Expansion While specific battles beyond this point become less documented, many Rajput kings engaged in numerous skirmishes and conflicts to defend their territories against various invaders, including the Mughals, Afghans, and other regional powers. ▎Conclusion The Rajput kings were involved in a multitude of battles over centuries, but detailed records may not exist for all engagements, especially minor skirmishes or internal conflicts among various clans and kingdoms. If you need more specific information or details about a particular king or battle, please let me know!
Reason kya rha? Kis kis ke madhe ladayi huvi ? Ladayi me kya prayog kiya gya? Konse year me ladayi huvi? OMG itne saare questions or yaad karne padenge 😢
महाराणा...... सिर्फ और सिर्फ महाराणा प्रताप के के नाम आगे लगता है. बाकि के सारे राणा ही थे तो. औकात में रहो. और.. अपने अपने. नये नये फेमस हुए. फ़र्ज़ी राजा को भी रखो
Ekdam sahi farmaya hukam ye BJP ke gundo ka hi samarthan hai Mewad ki janta janti hai loknayak Janta ka sevak jo har bure se bure samay me Janta ke liye janta ke sath khada raha wo Arvind Singh ji Mewad or Unke Suputra Kuwar Lakshyraj Singh ji Mewad hi the jinhone Janta ka har sambhav sath diya . Bura mat manna Vidhvraj Singh ji ka naam hi hamne pahli baar suna hai Wo bhi is vivad ke baad . Kher Eklingji sab sahi kar denge chinta kis baat ki hai hame apne Data par pura pura bharosha hai . Jay Mewad Jay Eklingji. 🌞🙏🙏🙏🌞
अरविन्द सिंह जी के रहते हुये महाराणा का राज तिलक ये कोइ नई बात नहीं हैं जब उनके भाई महेंद्र सिंह जी महाराणा बने तो अब उनके बाद उनके बेटे ही महाराणा बनेंगे अरविन्द सिंह जी नहीं बन सकते, और ये तो कई राजपरिवार में कई बार हुआ है।
मैं उदयपुर जिले में ही रहता हूं जहां तक प्रश्न है किसी रस्म को निभाने का और वहां जाकर देवता को चरण स्पर्श करने का तो यह बिल्कुल मेवाड़ की सामान्य प्रक्रिया है, जो सिटी पैलेस के वर्तमान ट्रस्टी है उन्होंने सिटी पैलेस के दरवाजे बंद कर अपने काका को आने से रोक कर छोटे दिल का परिचय दिया
सिर्फ दर्शन लेणा उद्देश नाही था इस्के पीछे का ... राजकारण नाही समजपाओगे आप दोनो के झगडे होंगे फिर ये कोर्ट मे जयेगे सब पॅलेस सरकार मे जमा हो जायेंगे फिर वहा प्रायव्हेट अडाणी को भाडेसे हॉटेल देंगे आम जनता को भी वाहा जाणा बोहोत खार्चीला और मुस्किल होगा ये प्लॅन हे बी जे पी सरकार का मोहरा राज घराणे के MLA होंगे
यहा भी महाभारत वाला झगड़े का कारण है। धृतराष्ट्र बडा बेटा था लेकिन अंधा था इसलिए गद्दी पांडु को मीली थी। पांडु को श्राप के कारण जंगल मे जाने से पहले धृतराष्ट्र को राज गद्दी की चौकीदारी मिली थी और बाद में गद्दी का मालिक अपने बेटे दुर्योधन को बनाना चाहता था। ईसी तरह महेन्द्र सिंह मेवाड़ ने अपने ही पिता पे कानूनी कार्यवाही थी इसी लिए छोटे बेटे अरविंद सिंह मेवाड़ को वारिस बताया तो अरविंद सिंह मेवाड़ ही मेवाड़ के अगले महाराणा हुए। लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ अगले युवराज हुए। ऐसे मे दुसरा कोई महाराणा बन के धुईमाता एवं एकलिंग जी का दर्शन करने जाना गलत है।
Atharva veda 12 5 62 non hindus or ved nindak ko malech bola gaya he unko marne jalane katne bola gaya he Yajurved 25 7 andha kutil sap gudendri me lene likha he Rigveda 10.61.5-7 brahma apni beti se kand kiya likha he Shiva Vishnu brahma ne anusuya jo atri muni ki wife thi kya kiya uske sath? Kiska linga kat ke daruvan me ag phek raha tha Shivduti kon thi jisko andkosh khilaya gaya Watch jago panch chanel realist azad chanel rational world chanel Vimoh chanel Human with science chanel
आज के परिवेश मे देखा जाए तो उदयपुर के वर्तमान राजा उदयपुर कलेक्टर ias अरविंद पोस्वाल है , जिसके हाथ मे पुरे उदयपुर का प्रशासन है, पूरे उदयपुर की कमान है , जिसके आदेश पर कल किसी पक्ष की मनमानी नही चल पाई, जिसके कहने पर विवादित संपत्ति कुर्क कर दी गई है कुछ वक्त के लिए, ये ताकत संविधान की देन है, इसलिए खूब पढो लिखो आगे बढो ❤
राजपूत आपस में नहीं लड़ते तो ना तर्क ना मुगल ना अंग्रेज का गुलाम बनता भारत ।। राजपूतों की राज्य लालसा और 2 कौड़ी का घमंड , राष्ट्रभक्ति से ज़्यादा था ।।🙏🏻
@@राजस्थानीछोरा-ल5म दोनों राजकुमारों के बीच गृह युद्ध होना चाहिए और पुश्तैनी गद्दी उसी को मिलेगी जो उस युद्ध में जिंदा रहेगा अगर दोनों वीरगति को प्राप्त होते हैं तो राजवाड़ा भारतीय गणतंत्र में पूर्ण तरीके से मिलाया जाए और वहां पर लोकतंत्र की स्थापना कर दी जाए घर के सदस्यों को राजशाही से बेदखल करते हुए लोकतंत्र में शामिल कर देना चाहिए😂😂😂😂😂😂
लड़ाई किसी राजगद्दी और किसी प्रॉपर्टी की नही है..लड़ाई परंपरा और लोगों की आस्था की है..विश्वराज सिंह जी को मंदिर में माथा टेकने से रोका गया जो एक परंपरा रही है...और लश्यराज सिंह ने की पत्थरबाजी की वजह से विवाद है...कोई सत्ता की मांग करने नही गया था वहां
एक तरफा रिपोर्टिंग.." लक्ष्यराज के घर" से क्या मतलब है.. नियम के अनुसार राजा का बेटा राजा बनता है उसी अनुसार पूरे पारंपरिक ढंग से विश्वराज जी का राजतिलक हुआ.. पैलेस उनके घर का नहीं है जो वो किसीको अंदर आने से मना कर दे.. वो कोई पैलेस पर अधिकार करने नहीं आ रहे थे केवल दर्शन करने आए थे.. मेवाड़ महाराजा एकलिंग जी के देवन होते है ऐसे में एकलिंगजी के दर्शन करने से रोकना कहा तक सही है..
संपत्ति पर अधिकार होने से कोई महाराणा नही बन जाता..महाराणा को सामंत चुनते हैं...और सलूंबर रावत का खून ही फैसला करता है असली महाराणा का...जब ज्ञान की कमी हो तो बोलना नहीं चाहिए... मेवाड़ के लोगों ने पहले महेंद्र सिंह जी और उसके बाद विश्वराज सिंह जी को चुना है..बाहरी लोग क्या सोचते हैं उससे मेवाडियों को घंटा फरक नही पड़ता
हाँ ,मान भी ले कि विश्वराज महाराणा है, लेकिन सिटी पैलेस का जो उद्धार हुआ है वो लक्ष्यराज के वजह से हुआ है, लक्ष्यराज की पॉपुलरिटी बर्दास्त नही कर पा रहा और पावर का खेल चल रहा है अब
मेवाड़ राजघराने की लड़ाई देखकर कुछ बातें मन में आ रही है एक तो यह है कि यह लोग कहते हैं कि हमने रियासतें दान दे दी जो एक सरासर झूठ है, दूसरी बात यह रात दिन अपने आप को कट्टर हिंदू या हिंदू एकता की बात करते हैं और ईनकी आपस में ही माथा_फोड़ी चल है, तीसरा इनका एक बहुत बड़ा भ्रम है क्षत्रिय केवल राजपूत जिनकी आपसे लड़ाई देखकर पता चल गया है कि क्षत्रिय कौन है मुझे गर्व होता है उसे वीर गुर्जर योद्धा सरदार वल्लभभाई पटेल पर जिसने इन लोगों से अपने अकेले के दम पर इनकी रियासतें छीन लि, इनकी औकात नहीं थी दान करने की यह संपत्ति बंटवारे के लिए भी लोकतंत्र में माता_पौड़ी कर रहे हैं 🙏🙏 जय श्री राम हिंदू एकता जिंदाबाद❤❤
दोनों राजकुमारों को एक बार सेना ले आना चाहिए, और एक युद्ध कर लेना चाहिए। जो जीतेगा उसका राज्याभिषेक होगा। हमें भी थोड़ा आनंद मिलेगा। लेकिन सेना वो लायेंगे कहां से। "महाराणा प्रताप ने भी नहीं सोचा होगा, कि हमारे वंशज ऐसे निकलेंगे, छापामार युद्ध करेंगे, वो भी पत्थर से।"
@@ShaileshKumar-gt1ul मंदबुद्धि का परिचय यहां मत दे भाई रही बात खिलजी से लड़ने की तो उसने सभी को पेला था रणथंभोर (1301), चितौड़ (1303), सिवाना (1308), जालौर 1311, जैसेलमेर (1299), लिस्ट लंबी है और तेरे को सुनने की औकात नहीं। खिलजी ने तो उस समय के बर्बर मंगोलों को भारत पर आक्रमण करने से रोका था वो भी तीन बार । खिलजी ने सबसे पहले बाजार सुधार, bhumi upjao Pan के आधार पर भूराजस्व बांटा था
@@ShaileshKumar-gt1ul रही बात अकबर की तो मध्यकाल में संपूर्ण भारत में उसके जैसा राजा नहीं हुआ आज तक उसकी प्रशासनिक व्यवस्था पढ़ी कभी या यूंही ज्ञान चोदने आ गया
राजाओं की सेनो को हथियार क्यों नहीं दिए गए , पथरी मिले थे केवल लड़ने के लिए, पिक्चरों में युद्ध लड़ते हुए एक्टरों को देखा है अगर लड़ जाते भला तलवार सैनिकों द्वारा तो हकीकत में देख लेते हैं युद्ध कैसा होता है 😅😂 अब समझ नहीं आ रहा है भारत लोकतांत्रिक है या राजतंत्र किसी को पता है तो बताना
एक तरफ हमारे समृद्ध इतिहास में राज्य को दो भाइयों ने फुटबॉल की भांति ठुकरा दिया । आज दो भाई राज्य की संपत्ति के लिए लड़ रहे हैं 😖 बहुत ही निंदनीय 😖 पूर्वजों की शान को धूमिल कर रहे हैं 😖
Rajputana 🗣️ वीर काल भोज (बप्पा रावल) सिसोदिया वंश का संस्थापक और पहला शासक 💪🏻🙇🏻 वीर राणा खुम्बकरण सिंह वीर राणा संग्राम सिंह जी वीर हमीर देव चौहान वीर राणा उदय सिंह जी वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप वीर दुर्गादास राठौड़ वीर कल्लाजी राठौड़/जयमल राठौड़ सम्राट पृथ्वीराज चौहान जी वीर मालदेव राठौड़ वीर जसवंत सिंह राठौड़ वीर गोरा जी चौहान/बादल जी चौहान वीर अमर सिंह राठौड़ वीर पृथ्वीराज सिंह सिसौदिया वीर राणा राज सिंह जी वीर राणा अमर सिंह जी जय जय राजपूताना क्षत्रिय धर्म युग युग ✒️⚔️📿
uski okat nhi h itni vo gunda he or ye dono samaj ke प्रतिष्ठित vyakti h jhagde ho jate h sampti ko peke per kisi nirdan grib ko mara nhi h inhone apne hak ki khate h ase gundo ke gungan karna band kro or us gunde ki itni okat nhi k ase man chahe use mar dega bharat me
पहले भी ये राजा महाराजा देश या धर्म के लिए नहीं बल्कि केवल अपने राज्य के लिए लड़ते थे और आज भी वहीं हाल है। किताबों में झूठ में हीं इन्हे देशभक्त और वीरता का बड़ा बड़ा बखान देखने को मिलता है।
जिस मानसिक्ता से ये हक मांग रहे हैं अपने ही गौरव को पत्थर मार के मुझे नहीं लगता इन लोगो के अंदर वो राजपूती शालिनता नज़र नहीं आ रही है बहुत दर्द भी हो रहा ये देख के एक राजपूत होने के नाते.....😓
कहा जाता है कि महराणा प्रताप ने घास की रोटी खाई मेवाड की खातिर और ये लोग छाली के लिये लड रहे हैं।दोनों को एक एक तलवार दे दिया जाय आपस में फैसला कर लेंगे।
Kaha jata ki bat Mt sun khud maharana ki apne bhai chacha se yudh hua ta is sampati k lie, is sampati k lie hi maharana k olado ne mansingh se sandhi Krane k lie Akbar ko bola ta, or is samapti k lie hi British k khilaaf koi bhi jung na kri
@@kasifmalik280or Mewar mughal sandhi kyo karni padi usko padhna, Mewar ne sabse jyada yuddha lade the akele jisse Mewar ki sena or aam janta tak kam ho gayi thi isliye sandhi ki liye samanto ne Maharana Amar Singh Ji ko manaya or fir sandhi hui to bhi Mewar ki sharte thi jo baki riyasato se Mewar ko upar hi rakhti thi
@@arpitmenaria2610janata kab kam hui to kya mansingh apni hi logo ko mar raha ta,😂 ulte side logic lgana chordo 😂 janta ki fikr inhe hoti to ye 1857 kranti me bhag lete jaliyawala kand k bad krantikari k sath hote ,
@@kasifmalik280 Mansingh Jaipur ka tha or wo har bar yuddh ladne nahi aaya wo haldi ghati me aaya tha, uske bad salim or baki log aate rahe the, akal pe patthar pada rahega to kaha se kuch samajh aaega bhai, isliye padhai likhai karo,
हमे भारत की इतिहास से एक चीज सीखने को मिलता है कि जितने भी योद्धा थे सब लड़ते -लड़ते वीर गति को प्राप्त हो गए जैसे महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवा महाराज, राणा साँगा, बाकी जितने भी बचे सब दुम दिखाकर भाग गए और वही लोग आज झूठे शान के लिए गद्दी की लडाई लड़ रहें है शर्म आनी चाहिए इनलोगो.
Raja to arvind singh ji mevad hi banege 🔥 Chacha ke jinda hote hue bhateeje ko rajya nahi mil sakta mai rajguruon ke vansh se hu or rajvansh ki yahi parampara hai
जय माता जी री दरबार अपने आप की पहचान करो हुक्म आप उस खानदान के वाजीर्म है जिससे मौत भी डरा करती और आज आप अपनों से लड़ रहे हो जय मां जगदम्बा भवानी 🔱🙏🏿 जय मेवाड़
मुझे लगता है इस समस्या का हल नागौर दरबार 2.0 से निकल सकता है। इस कार्यक्रम हेतु राष्ट्रपति/प्रधानमंत्री को नागौर दरबार का आयोजन करना चाहिए।😊 जनता की क्या राय है😂 होजाए
आपकी बात सो टका सही है मगर इनके यहां आज भी रॉयलनेस के नाम पर वो सब चलता है और रही सविधान ओर लोकशाही की बात तो भाई जनता के चुने गए नेता भी 4.5 साल तक राजतंत्र ही चलाते है भाई बाकी के 6 महीनों में काम याद आता है उसके बाद चुनाव आने पर लोकशाही याद आती है
राजतंत्र की मांग कर कौन रहा है? यहां तो सिर्फ परंपरा निभाने की बात हो रही है...और वो परंपरा सिर्फ एक परिवार की नही है बल्कि लाखों लोगों की है...और राजतंत्र हो या लोकतंत्र परंपरा निभाने का अधिकार संविधान ही देता है...अनुच्छेद 14 से 18 पढ़ लेना
श्री मान जी मेरा एक साधारण सा सवाल है कि इन राजाओं ने अपने कार्यकाल में जनता के लिए कोन कोन से अच्छे काम किए थे।न सड़कें थीं न गलियां और न ही कोई स्कूल। यदि कोई स्कूल या अस्पताल थे तो उनमें गरीब के बच्चे नहीं जा सकते थे। सारी सुविधाएं अपने लिए रखी थी।आज जो ये नाचते नजर आ रहे हैं ये टुकड़े के लिए संघर्ष कर रहे हैं।इनकी और औकात नहीं।
चाहे कोई भी राज घराना हो लड़ाई जमीन ओर जोरू की वर्षों से नहीं शताब्दियों से है खुद राणा प्रताप को भी ज्येष्ठ होने के बावजूद उनके पिता राणा उदय सिंह ने अपनी एक महारानी के दखल के कारण युवराज नहीं बनाया था उन्हें भी लड़ाई लड़कर सत्ता हासिल की बाकी प्रजा को हमेशा मोह माया से दूर रहने की घुट्टी दी जा रही है 😢
I believe further improvement is needed, particularly in the clarity of the family tree. Enhanced video editing and visualization techniques could significantly improve its presentation. Additionally, the storytelling could be strengthened by providing more specific details and facts.
Aaj 26 November h, "Samvidhan divas ". Aur Aaj hi Samvidhan virodhi samachar aap dikha rahe hain. Jab Bharat 26 January 1950 ko hi lok tantrik desh ho chuka h , jisme sabhi nagrikon ke saman adhikar aur barabar ka samman h to koi Raja kaise ho sakta h? Rajtilak kaise Kiya ja sakta h? Kyon Aap logon ko in tathakathit rajaon ka rajtilak sanvidhan aur loktantrik sarkar ke muh pe jor ka Thappad jaisa nahi lagta?
अरविंद सिंहजी मेवाड़ ही असली महाराणा है । महेंद्र सिंह जी को तो उनके पिताजी ही संपति ओर किसी भी पद से बाहर का रास्ता दिखा चुके थे फिर केसा विवाद है भाई। हमारे लिए तो महाराणा अरविंद सिंह जी मेवाड़ और उनके सुपुत्र लक्ष्यराज सिंह जी मेवाड़ ही मेवाड़ के महाराणा है और बने रहेंगे बाकी एकलिंग नाथ प्रभु की इच्छा 🙏🙏🙏🌞🙏🙏🙏
मेवाङ की संस्कृति मे राजा को हक ही नही है अपना उत्तराधिकारी चुनने का.. मेवाङ का उत्तराधिकारी सलूम्बर और बाकी ठिकानो के सामंत मिलकर चुनते है.. जब मेवाङ महाराज उदयसिंह ने छोटे बेटे जगमाल को राजा बनाया तो सामंतो ने उनका विरोध करके गोगुंदा मे महाराणा प्रताप का राजतिलक कर दिया.. ये तो सुना होगा आपने
सरकार को तुरंत प्रभाव से कार्रवाई कर इस प्रकार के राजशाही के अवशेषों को समाप्त करना चाहिए जैसे इंदिरा गांधी ने उनके प्रिवी पर्स को समाप्त किया था ठीक उसी प्रकार कार्रवाई करनी चाहिए विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में इस प्रकार के राजशाही अवशेष उचित नहीं है यह भविष्य के लिए लाभदायक नहीं है।❌️❌️❌️
प्रिवी पर्स sarkar ki suvidha thi jise vo khtm kr skti thi. Prr ye aayojan sarkar ne nhi krvaya or na hi usko right h ise khtm karvane ka. Koi bhi Aadmi apni personal capacity m koi bhi aayojan krva skta h. jisse kisi ko koi nuksan nhi ho to gov. Ke pass koi right nhi h ki vo uss aayojan ko band krva ske.
@@samarveersinghshakatawat6727 अगर आप इसे सम्मेलन या आयोजन मान रहे हैं तो संविधान के अनुच्छेद 19(3) के अनुसार भारत की प्रभुता या अखंडता के के खतरों के तहत सरकार इस पर प्रतिबंध लगा सकती है। परंतु भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है तो इस लोकतंत्र में ये लोग राज्याभिषेक किस हैसियत से कर रहे हैं ?
@@anilbishnoi1592 भारत की प्रभुता और अखण्डता तब खतरे में होती जब इन्होंने अलग राज्य की माँग की होती। आप को याद दिला दु। यें वहीं लोग जिनके पूर्वजों नें देश को अपने स्टेटस दान में दे दिये थे। ताकी यह देश संगठित और इसकी प्रशासनिक व्यवस्था केन्द्रित हों सकें। जब इन्होंने अपने स्टेटस देश में merge किए थे तो इनसे बहुत सारे वादे किए गए थे। 1971 में भारतीय सरकार ने वो सारे वादे तो तोड़ दिये। पर सरकार इनकों अपने रीति-रिवाज और परम्पराएँ follow करने से नहीं रोक सकती। और ना ही सरकार कि पास ऐसा कोई अधिकार है।
बांग्लादेश में हिन्दू संत के अरेस्ट की पूरी कहानी! 👇👇👇👇
ruclips.net/video/jEuhRS2U_Ig/видео.html
It's time invade rajputana again and apply chauth to poots 😂
अपने देख में मुस्लिम के साथ क्या ऐसा नहीं हो रहा?😂😂😂😂😂
😢
कभी महाराणा प्रताप ने जनता के लिए उन राजमहलों को त्याग दिया था आज ये संपति विवाद कैसे उत्पन्न हुआ?
जय मेवाड़ जय महाराणा प्रताप जी 🚩
Vivaad ghar me paida hote h ,ye aam jan ka msla nai h
maharana pratap ke vansaj ye log ho hi nahi sakta hai agar Pratap ke vansaj hote to ye raaj path ke liye लड़ाई नहीं करते प्रताप ने तो राजमहल का त्याग कर दिया था और ये लोग है जिन्हे बस संपाति चाइए
आप लोग महाराणा प्रताप की इज्जत मिटी मे मिलना बंद करे
मेरा यही निवेदन है
Praja ki responsibility inke upar nhi h magar rajao wale entitlement inhe mil rhe h to ye to hona hi tha na.
@@arjunsolanki261शक्ति सिंह महाराणा प्रताप का भाई था, उसके बारे में पढ़ो।
Apni kurshi ke liye na ki janta ke liye
इस से यह पता चलता है कि मुगलों और अंग्रेजों ने इसलिए ज्यादा भारत पर राज किया ।
Are Bhai Sahi Kaha EK dam
Bhai tum ko bhe pata chal gya ❤😂
Bhai jara itehas pad lo
Sirf 2-4 sau saal ka he jante ho lagta hai.
Right
Hushyar ho
मेवाड़ के सारे शूरवीर जैसे महाराणा प्रताप राणा सांगा सारे वीर योद्धा मेवाड़ को बचाने के लिए लड़े थे और यहां पर भाई भाई लड़ रहे हैं गजब यार ?
Tumko💋शायद पता नहीं राणा सांगा को भी 3भाई के मरने के बाद राणा बने क्यों की वो सबसे छोटे थे 😂😂
ये पारंपरिक रीति है जिसे आज भी बरकरार रहे है 😂
Inka ye hal hi phle tha
सबसे ज्यादा मजा मीडिया ले रही है सुबह शाम 😂😂😂
हर घर में लड़ाई होती रहती हैं
dono rajkumaro ko bolo apna apna sena leke china se yudhh kre ..jo jitega usko palace milega😂
Ha sahi hai yha ladne se kya hoga agar itna hi desi khun hai to china ke khilaf lad lo Jo jita vo le Lena rajya
Bhai Super bola🙏🙏🙏
@@MahafuzurRahman-Az कोई सेना नहीं है भाईलोगों 😂😂
apne baap aur chahcha ko kyu nhi bhej deta fir talibanio se ladne
Sahi idea diya bhai bhahubali movie ke jese utradhikari ka bhi chuna ho jayega
विवाद कैसा?
लक्ष्यराज सिंह होटल मालिक हैं।
और विश्वराज सिंह महाराणा हैं। जनता और सामंतों का तो यही मानना है।
😂😂 भाई किस era me जी रहा है
@@IVAAN_03 Era बदलने से संस्कृति नहीं बदलती.. era बदलने से भी लोग अपने बाप को बाप ही मानते है..
Jb kuch nhi malum to muh kahe chiyar rhe ho. @@IVAAN_03
@@IVAAN_03nashe k 😂
Bhai pr tu dusre ke bap ko apna bap man raha hai@@TheApkMagic
*:MUST READ:*
*पहली बात यह है कि यह संपत्ति भगवत सिंह जी ने स्वयं नहीं बनाई थी, यह उन्हें विरासत में मिली थी। इसलिए यह संपत्ति एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) है।*
*दूसरी बात मेवाड़ की रीति-रिवाज के अनुसार, मेवाड़ के महाराणा के सबसे बड़े पुत्र को अगला महाराणा बनाया जाता है, जो मेवाड़ के उमराव और राव के समर्थन से होता है... जो कि भगवत सिंह जी के बाद महाराणा महेंद्र सिंह मेवाड़ बने और उनके बाद महाराणा विश्वराज सिंह मेवाड़ बने। इन दोनों मामलों में ये दोनों परिवार में सबसे बड़े हैं और उन्हें मेवाड़ के उमराव और राव का पूरा समर्थन है, और मेवाड़ की जनता का भी।*
बिल्कुल गलत है
क्योंकि यह संपति, जब महाराणा भगवतसिंहजी ने अपना राज्य भारत में विलय किया तब भारत सरकार के द्वारा प्रदात स्पेशल अधिकार से उन्हें यह संपति रखने को छूट मिलो थी और उस वक्त देश में शासन बदलने के साथ,
भारत सरकार ने मेवाड महाराज की संपति को तत्कालीन महाराणा की निजी सम्पति के रूप में स्वीकारा था
अब तत्कालीन मेवाड़ महाराणा भगवतसिंहजी इस सम्पत्ति के स्व अर्जित मालिक बन गए उसके बाद उन्हें उस तमाम सम्पत्ति के डिस्पोजल का बँटवारा करने का अधिकार प्राप्त हो गया और उसी अधिकार के रूह से उन्होंने वह समस्त सम्पत्ति
प्राइवेट ट्रस्ट बनाके उसे हस्तगत कर दी
अब एक बार जो सम्पत्ति, प्राइवेट ट्रस्ट में चली गई उसके बाद, उस सम्पत्ति पर व्यक्ति का निजी अधिकार समाप्त हो जाता है और प्राइवेट ट्रस्ट के ट्रस्टि का अधिकार शुरू हो जाता है और प्राइवेट ट्रस्ट के ट्रस्टी थे महाराणा भगवतसिंह जी
और प्राइवेट ट्रस्ट के ट्रस्टी के रूप में व्यक्ति जिसके नाम वसीयत लिखे सिर्फ उसे ही अगला ट्रस्टी, इनकम टैक्स और भारत सरकार स्वीकारती है और ऐसे ही प्राइवट ट्रस्ट पेढ़ियो तक चलता रहता है
प्राइवेट ट्रस्ट का सबसे बड़ा फायदा यह है की उसमे जो संपति है वह किसी व्यक्ति की निजी सम्पत्ति नहीं है बल्कि वह ट्रस्ट की सम्पत्ति है इस लिये ट्रस्ट में जो भी पारिवारिक सदस्य, ट्रस्ट के मेंबर हो वह उस सम्पत्ति पर अपना दावा नहीं ठोक सकते है नहीं परिवार की कोई बहू तलाक़ के वक्त उस सम्पत्ति में अपना अधिकार माँग सकती है
तो प्राइवेट ट्रस्ट एक रामबाण उपाय है अपनी सम्पत्ति को ग़लत हाथो में जाने से रोकने का
@harshyagnik5334 आपके द्वारा दिए गए तर्क में कुछ बातें सही हैं, लेकिन कुछ बातें अधूरी या गलत हैं। महाराणा भगवतसिंहजी को भारत सरकार द्वारा विशेष अधिकार दिए गए थे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि संपत्ति का स्वामित्व उन्हें मिल गया था।
भारतीय कानून में संपत्ति के उत्तराधिकार के नियम हैं, जो परिवार के सदस्यों को संपत्ति में हिस्सा दिलाने के लिए बनाए गए हैं। प्राइवेट ट्रस्ट बनाने से संपत्ति का स्वामित्व ट्रस्ट के पास चला जाता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि परिवार के सदस्यों को संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं होगा।
मेवाड़ के रॉयल फैमिली की परंपरा में सबसे बड़े पुत्र को अगला महाराणा बनाया जाता है, यह एक स्थापित रीति-रिवाज है। लेकिन यह परंपरा संपत्ति के उत्तराधिकार के नियमों के साथ नहीं टकराती है।
फिलहाल सम्पति का मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है।
@
भाई मेरे वर्ष १९४८ अंतिम मेवाड़ के रूप में जब उन्हौने अपनी मेवाड़ रियासत का भारतीय संघ में विलय किया तभी भारत सरकार ने बहुत सारे राजाओ को, अपने राज्य में अपने पुरखो की चली आई सम्पत्ति को स्वर्जित सम्पत्ति के रूप में रखने का अधिकार दिया था और इंस्ट्रूमेंट ऑफ़ सक्सेशन के तहत वह आज भी वैलिड है
और हिंदू उत्तराधिकारी क़ानून इससे आठ साल बाद सन 1956 में लागू हुआ तो महाराणा भगवतसिंहजी की निजी स्व अर्जित सम्पत्ति का वह चाहे वैसे डिस्पोजल करने को स्वतंत्र थे और
अजीतसिंज एवं महेंद्रसिंहजी का यह डिस्प्यूट सुप्रीमकोर्ट तक में तक जाया है जिसमे अरविंदसिंहजी जीत चुके है
@
महाराणा भगवतसिंहजी उस वक्त वह समस्त सम्पत्ति के स्वअर्जित मालिक थे उसी नाते वह उस समस्त सम्पत्ति का डिस्पोजल करने को स्वतन्र थे और उसी नाते उन्होंने प्राइवेटर ट्रस्ट फॉर्म कर सारी सम्पत्ति प्राइवेट ट्रस्ट में ले गये
और एक बाद कोई व्यक्ति अपने मालिकाना सम्पत्ति को प्राइवेट ट्रस्ट में ले जाये उसके बाद वह संपती का डिस्पोजल उसके इच्छा अनुसार होगा नाकी उत्तराधिकारी कानून या किसी परंपरां के तहत
बाकी रही परम्परा की बात तो अगर जो महाराणा भगवतसिंहजी ने यह सब मेवाड राजघराने की सम्पति को अपने पास ना रखा होता तो उसे भारत सरकार ले जाती तो फिर तब क्या करते ? उसके बाद उदयपुर का सिटी पैलेस और चित्तौड़गढ़ सब मेवाड राजघराने के पास ना रहते बल्कि भारत सरकार के पास चले जाते
@@makeeffortstolearnयोग्यता भी देखी जाती है। और अब कोई राज्य नहीं है जो शासक की जरूरत पड़ेगी सब सम्पत्ति की लड़ाई है
छत्रपति शिवाजी महाराज की जय ❤
हम राजपूत हैं सहाब हम आज भी एक दूसरे के दुश्मन है। और कल भी रहेंगे 😢
Bhai ae tum me nhi har cast mai hai 😅😅😅
सलुम्बर के सामंत ने जिसका राज तिलक कर दिया वही राणा है मेवाड के,
बाकी पता चल गया हम गुलाम क्यो हुए थे..
delhi noida me zameen bachane ke liye tum gulam bane rajput to phir bhi raja the tum jaat tab bhi taati saaf kiye aaj bhi vahi ker rahe ......jao zameen bech ke 4 din ki chandani ka maja lelo
@@Dr_-e5u-z9w वो सही कह रहा है😊😊
rajput ladgye toh gulam hogye tab tum jato ki hawazi kha thi??
Bilkul sahi salumber ne jisko bol Diya wahi Maharana hoga mewaad ka
बिल्कुल सही.. ललनटॉप जैसे लोगों के बिकने की वजह से ही हम गुलाम हुए थे..
छापामार युद्ध प्रणाली से पत्थर बरसाए गए😂😂
😂😂😂😂😂
😂😂😂😂
😂
अच्छा तो फिर दोनों में से कौन जीता😂😂😂
😂😂😂😂😂
अगर महाराणा प्रताप की आत्मा ये सब देख रही है तो क्या सोचेगी 😢
Yhi ki aaj man singh bhai or akbar zinda hote na to esa kam hi nhi hota , vo alg leval k bnde ,ese lalachi kayar ko unhone bhga bhaga kar mara
@@kasifmalik280 agreed 😅
@@kasifmalik280ha jese muslim bhaiyo ne apne bahi aur baap ka sar kat Diya tha vese hi na 😂😂😂
@@kasifmalik280haa wo battle of dewair mein 40,000 muglo ko kajar-mulli ke trh kaata tha tb kha tha Akbar
Inko bolo ki Pakistan se ladai jit ke dikhaye jojite Raj gadhi uski
भगवान दोनों भाइयों को एक करे.... ऐसे परिवार ही लड़ेंगे तो क्या सन्देश जाएगा राजस्थान मे
Tumko badi taklif hai , maje se tamasha dekho itni kya tension hai.
भाई ये उनका महा मंत्री होगा।😂@@deepakagrawal4243
Sarkar ko chahiye k desh k maharana ki sampatti desh hit mi adhigrihit kr li jaye.
Bhagwan bhi to lardte hai to bhagwan kaise ek krengee😂😂😂
Khandani bimari hai😂😂😂😂
बटेगें तो कटेगें
और हम कूर्सी से नही हटेंगे
😂😂😂😂
😂
"बारह बरस लौ कूकर जीवै, अरु सोरह लौ जियै सियार
बरस अठारह क्षत्री जीवै, आगे जीवै को धिक्कार"
▎Notable Battles Involving Rajput Kings
1. Battle of Haldighati (1576) - Maharana Pratap vs. Man Singh (Mughals)
2. Battle of Dewair (1582) - Maharana Pratap vs. Mughal forces
3. Battle of Khatoli (1544) - Raja Maldeo Rathore vs. Mughal forces
4. Battle of Mandalgarh (1561) - Maharana Udai Singh II vs. Mughal forces
5. Battle of Chittorgarh (1535) - Rana Sanga vs. Bahadur Shah of Gujarat
6. Battle of Bhatner (1540) - Rao Jaisal vs. Sultan of Delhi
7. Battle of Kalingarh (1568) - Maharana Pratap vs. Mughal army
8. Siege of Ranthambore (1301) - Hammir Singh vs. Alauddin Khilji
9. Battle of Kumbhalgarh (1450) - Rao Kumbha vs. various invaders
10. Battle of Sarangpur (1600) - Raja Man Singh vs. local rulers
11. Battle of Durgapur (1569) - Maharana Pratap vs. Mughal forces
12. Battle of Khilchipur (1600) - Raja Man Singh vs. local chieftains
13. Battle of Udaipur (1556) - Maharana Udai Singh II vs. Mughal forces
14. Battle of Chanderi (1528) - Rana Sanga vs. Ibrahim Lodi
15. Battle of Banswara (1554) - Rao Maldeo Rathore vs. local rulers
16. Siege of Chittor (1568) - Maharana Udai Singh II's defense against Akbar
17. Battle of Bikaner (1541) - Rao Jaisal vs. Afghan invaders
18. Battle of Gagron (1450) - Rao Kumbha vs. Malwa Sultanate
19. Battle of Ranthambore (1311) - Hammir Singh's defense against Khilji
20. Battle of Mandore (1453) - Rao Kumbha vs. Sultan of Malwa
▎Additional Notable Conflicts
21. Battle of Jaisalmer - Rao Jaisal vs. local chieftains.
22. Battle of Sirohi - Rajputs vs. invading forces.
23. Battle of Bikaner (Rao Bika's era) - Establishment against rival clans.
24. Battle of Sikar - Regional conflicts among Rajputs.
25. Battle of Ajmer - Various Rajput kings against invaders.
26. Battle of Khetri - Resistance against Mughal incursions.
27. Battle of Banswara - Local skirmishes led by Rajput chiefs.
28. Siege of Ranthambore - Continued resistance against Khilji.
29. Battle of Merta - Conflict with local rulers.
30. Battle of Nahar Singh Ki Haveli - Regional power struggles.
▎Further Expansion
While specific battles beyond this point become less documented, many Rajput kings engaged in numerous skirmishes and conflicts to defend their territories against various invaders, including the Mughals, Afghans, and other regional powers.
▎Conclusion
The Rajput kings were involved in a multitude of battles over centuries, but detailed records may not exist for all engagements, especially minor skirmishes or internal conflicts among various clans and kingdoms.
If you need more specific information or details about a particular king or battle, please let me know!
😂😂😂
Bettle Only for his kingdom not for india
@@shaludevi6671 kingdom India se bhar ki thi😂 or phir wese kon lada India ke liye sab ko raaj hi karna tha or apni praja ko bachana
अब इनकी वजह से एक युद्ध और याद करना पड़ेगा लक्ष्यराज सिंह vs विश्वराज सिंह😂
Humanities students 😂
Reason kya rha?
Kis kis ke madhe ladayi huvi ?
Ladayi me kya prayog kiya gya?
Konse year me ladayi huvi?
OMG itne saare questions or yaad karne padenge 😢
@@Govind-12.9 🤣🤣🤣
अब तो घंटा पढ़ेंगे लड़ो खूब ये जाने इनका काम जाने 😂😂😂😂
@@motivefacts932Padna to padega bhai nahi to sir hume fail kar denge......😂😂😂
राजस्थान में इतना बडा युद्ध हो गया और भारत सरकार और हिन्दूओ को पता ही नही है
Bhi Manipur jitna bada nahi hai waha bumb k Gole or Goliya chalni shuru ho gayi hai ye kya hai uske samne
Yeh andh bhakts nahi samjenge@@lovaneygurung4373
Shnti pura. Pardarshn th par lakshy raj singh ne pathar bazi karwye ise girftar karo
😂😂😂😂 युद्ध
अब यह दो पक्षमें एक तो वही पार्टीका है जो बोल रहे हैं कि बंटेंगे तो काटेंगे। और उसने ही अपने भाई का हक काटा है।
मेवाड विश्व राज को महाराणा स्वीकार कर चुका है
Bilkul bhai, aur har jaati aur community ke log ne vishwaraj singh ko Maharana sweekaar kar liya
महाराणा...... सिर्फ और सिर्फ महाराणा प्रताप के के नाम आगे लगता है. बाकि के सारे राणा ही थे
तो. औकात में रहो. और..
अपने अपने. नये नये फेमस हुए. फ़र्ज़ी राजा को भी रखो
Maharana sirf maharana Pratap hue hai faaltu ki bakchodi band ki jaaye
विश्वराज सिंह पर जनता का प्रेम नहीं बल्कि बीजेपी के गुंडा का प्रेम ओर समर्थन मिल रहा है
जब दिमाग की कमी हो तो मुंह बंद रखना चाहिए
Ekdam sahi farmaya hukam ye BJP ke gundo ka hi samarthan hai Mewad ki janta janti hai loknayak Janta ka sevak jo har bure se bure samay me Janta ke liye janta ke sath khada raha wo Arvind Singh ji Mewad or Unke Suputra Kuwar Lakshyraj Singh ji Mewad hi the jinhone Janta ka har sambhav sath diya . Bura mat manna Vidhvraj Singh ji ka naam hi hamne pahli baar suna hai Wo bhi is vivad ke baad . Kher Eklingji sab sahi kar denge chinta kis baat ki hai hame apne Data par pura pura bharosha hai . Jay Mewad Jay Eklingji. 🌞🙏🙏🙏🌞
अरविन्द सिंह जी के रहते हुये महाराणा का राज तिलक ये कोइ नई बात नहीं हैं जब उनके भाई महेंद्र सिंह जी महाराणा बने तो अब उनके बाद उनके बेटे ही महाराणा बनेंगे अरविन्द सिंह जी नहीं बन सकते, और ये तो कई राजपरिवार में कई बार हुआ है।
बिल्कुल 💯💯
Bhai tu jo bata raha h es hisab se duryodhana Raja banta Mahabharat me par hua kya .
Bhai pr unke pita n vasiyat me jmeen se bedkhl kr rkha hai to kese bn skte hai
@@nakulpareek7275 bhai patric sampatti me vasiyat valid nhi hoti khud se kharidi jamin me valid hoti h.
@@nakulpareek7275toh mahendra singh the maharana ki gaddi par bedkhal karne se kya hoga unka maharana ka pad chhena nahi gaya
मैं उदयपुर जिले में ही रहता हूं जहां तक प्रश्न है किसी रस्म को निभाने का और वहां जाकर देवता को चरण स्पर्श करने का तो यह बिल्कुल मेवाड़ की सामान्य प्रक्रिया है, जो सिटी पैलेस के वर्तमान ट्रस्टी है उन्होंने सिटी पैलेस के दरवाजे बंद कर अपने काका को आने से रोक कर छोटे दिल का परिचय दिया
सिर्फ दर्शन लेणा उद्देश नाही था इस्के पीछे का ... राजकारण नाही समजपाओगे आप दोनो के झगडे होंगे फिर ये कोर्ट मे जयेगे सब पॅलेस सरकार मे जमा हो जायेंगे फिर वहा प्रायव्हेट अडाणी को भाडेसे हॉटेल देंगे आम जनता को भी वाहा जाणा बोहोत खार्चीला और मुस्किल होगा ये प्लॅन हे बी जे पी सरकार का मोहरा राज घराणे के MLA होंगे
सहमत🙏
यहा भी महाभारत वाला झगड़े का कारण है। धृतराष्ट्र बडा बेटा था लेकिन अंधा था इसलिए गद्दी पांडु को मीली थी। पांडु को श्राप के कारण जंगल मे जाने से पहले धृतराष्ट्र को राज गद्दी की चौकीदारी मिली थी और बाद में गद्दी का मालिक अपने बेटे दुर्योधन को बनाना चाहता था। ईसी तरह महेन्द्र सिंह मेवाड़ ने अपने ही पिता पे कानूनी कार्यवाही थी इसी लिए छोटे बेटे अरविंद सिंह मेवाड़ को वारिस बताया तो अरविंद सिंह मेवाड़ ही मेवाड़ के अगले महाराणा हुए। लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ अगले युवराज हुए। ऐसे मे दुसरा कोई महाराणा बन के धुईमाता एवं एकलिंग जी का दर्शन करने जाना गलत है।
आज कैमरे नहीं होते तो इनके बहादुरी के किस्से इतिहास मे दर्ज हो जाते
😂😂😂😂 right
Lulli katti nhi inhi ki den h
Atharva veda 12 5 62 non hindus or ved nindak ko malech bola gaya he unko marne jalane katne bola gaya he
Yajurved 25 7 andha kutil sap gudendri me lene likha he
Rigveda 10.61.5-7 brahma apni beti se kand kiya likha he
Shiva Vishnu brahma ne anusuya jo atri muni ki wife thi kya kiya uske sath?
Kiska linga kat ke daruvan me ag phek raha tha
Shivduti kon thi jisko andkosh khilaya gaya
Watch jago panch chanel realist azad chanel rational world chanel Vimoh chanel Human with science chanel
Bilkul hote fir aage aane Vali pidhiya pdti inki history 😂😅Jaise hum pd rhe h abi
@PrernaSinghlilar 😃😃😃👌
आज के परिवेश मे देखा जाए तो उदयपुर के वर्तमान राजा उदयपुर कलेक्टर ias अरविंद पोस्वाल है , जिसके हाथ मे पुरे उदयपुर का प्रशासन है, पूरे उदयपुर की कमान है , जिसके आदेश पर कल किसी पक्ष की मनमानी नही चल पाई, जिसके कहने पर विवादित संपत्ति कुर्क कर दी गई है कुछ वक्त के लिए, ये ताकत संविधान की देन है, इसलिए खूब पढो लिखो आगे बढो ❤
Mla sabka baap he politics samjhta he kya hoti he
@@lednsupport2397 बेटा mla तेरा बाप होगा , mla का बाप जनता है, और इन सब को साथ लेकर चलने वाले अधिकारी होते है,
@_kaptaan__ lagta he tu bahut ias ki reel dekh rha he mla to ias ka transfer ek call me kr deta he 🤣🤣🤣
@@_kaptaan__ or sun mla se bda mp mp se bda cm cm se bda pm pm se bda bhagwan
@@lednsupport2397 सबका बाप सविधान, PM CM MLA MP सब अपने बाप सविधान की ही शपथ लेते है, वहम हो तो निकाल दो
राजपूत आपस में नहीं लड़ते तो ना तर्क ना मुगल ना अंग्रेज का गुलाम बनता भारत ।।
राजपूतों की राज्य लालसा और 2 कौड़ी का घमंड , राष्ट्रभक्ति से ज़्यादा था ।।🙏🏻
Us se pehle rajput ka gulam ta bharat tab bhi kon sa azad ta, kam se kam mugal k aane k bad logo ko videsh or dusre culture k bare me pta to chla
O bhai bhad me gya dusra culture jo hamare dharm ko nich dikhaye hamare hindu Raja hi mahan the
Aaj bhi yahi hal hai😂
अभी भी इनको लग रहा है कि 15 वी शताब्दी में है 😂😂
😂😂😂
अगर राजपूत आपस में न लड़ते तो आजादी का प्रश्न ही नहीं नहीं क्योंकि तब हमें कोई गुलाम नहीं बना सकता था और आज कल ये सब हो रहा 😢
😂😂😂😂
Reel Wale Maharana - LakshyaRaj ❎
Real Maharana - VishvaRaj✅
ये पहले भी दारू पीकर लड़ते थे आज भी लड़ रहे है और संज्ञा दे दी युद्ध की।
chal ladte toh the tere purvajo ki trah chudia aur patikot toh pahen k ghar me nhi ghus jate the
Jesai bharatpur anirudh or baap daru pi kai ld rhai 😂
😂😂😂
ये बहुत छोटा सच है
😂😂😂😂
एक बार पहले की तरह राजगद्दी पाने के लिए उतराधिकारी युद्ध कर लिया जाए जो जीता वो ही असली मालिक होगा 😂😂
Yah loktantra Na Ho yuddh karne mein koi parhez nahin hai kisi ko aur agar kuchh Na pata ho to उटाला के युद्ध ke bare mein Sun Lena
@@Jaswantsinghjhala18अरे तो दोनों को अखाड़े में तलवार के साथ लाडवा दो न लोकतन्त्र में तलवाल चलना माना थोड़ी है मुगलपुत
@@राजस्थानीछोरा-ल5म 🤣🤣🤣🤣🤣
@@राजस्थानीछोरा-ल5म दोनों राजकुमारों के बीच गृह युद्ध होना चाहिए और पुश्तैनी गद्दी उसी को मिलेगी जो उस युद्ध में जिंदा रहेगा अगर दोनों वीरगति को प्राप्त होते हैं तो राजवाड़ा भारतीय गणतंत्र में पूर्ण तरीके से मिलाया जाए और वहां पर लोकतंत्र की स्थापना कर दी जाए घर के सदस्यों को राजशाही से बेदखल करते हुए लोकतंत्र में शामिल कर देना चाहिए😂😂😂😂😂😂
@@mohit7518BAAT TW EKDUM SAHI KAHI 👍
लोकतंत्र के जमाने में राजशाही को प्रत्यक्ष रूप से देखने का घमंड है 😂😂
baat toh pate ki he bhai
Konsa loktantra Kahan h loktantra capitalist country h hum ab
@@Climate-change_is-real1 India is a socialist country
Rajput Or swrna log to loktantrik country chahtay hi nahi, bhla ho british logo ka jo bhart ko in raja mharaja kay jangul sai log ko azaad kya
@@shaludevi6671तुम जैसे ही चाटुकार थे अंग्रेजों के
दोनों चीन से युद्ध करें जो जीतेगा वही मेवाड़ किंग होगा
राजगद्दी की कोई कीमत होती है भाई
महाराणा प्रताप की तरह लड़ो और जीतो राजगद्दी 🇮🇳
लड़ाई किसी राजगद्दी और किसी प्रॉपर्टी की नही है..लड़ाई परंपरा और लोगों की आस्था की है..विश्वराज सिंह जी को मंदिर में माथा टेकने से रोका गया जो एक परंपरा रही है...और लश्यराज सिंह ने की पत्थरबाजी की वजह से विवाद है...कोई सत्ता की मांग करने नही गया था वहां
१००० साल दूनिया की सबसे ताकतवर सेनाओं से युद्ध लड़े हे इस परिवार ने
@@sawaisingh1794British se kab yudh hua
महाराणा प्रतापशर्मिंदा है
Maharani pratap bilkul sharminda nhi h
Bhai yudh me apne senapati ko apna mukut pehna kar bhagte hue sharminda nhi hue , or vo khud apne bhai se lad kar Raza bne , vo sharminda nhi honge
Bhai Akbar to hizra tha jo kabhi yudh hi nhi lada darta tha sala
@@kasifmalik280tu gu kha le pagal tu hel bhe ja sakta hai aisa comments se😡😡😡😡😡
Aurangzeb to gift de k raja banna tha apne baap ko
Apna bade bhai ka Saar😂@@kasifmalik280
एक तरफा रिपोर्टिंग.." लक्ष्यराज के घर" से क्या मतलब है.. नियम के अनुसार राजा का बेटा राजा बनता है उसी अनुसार पूरे पारंपरिक ढंग से विश्वराज जी का राजतिलक हुआ.. पैलेस उनके घर का नहीं है जो वो किसीको अंदर आने से मना कर दे.. वो कोई पैलेस पर अधिकार करने नहीं आ रहे थे केवल दर्शन करने आए थे.. मेवाड़ महाराजा एकलिंग जी के देवन होते है ऐसे में एकलिंगजी के दर्शन करने से रोकना कहा तक सही है..
only the strongest will prevail, has always been, should always be
युद्ध के लिए तैयार हो जाओ और दोनों तरफ से सेना इकट्ठी करो और युद्ध की तैयारी करो ।
जय श्री महाराणा प्रताप❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
परम्परा सदेव कायम रहनी चाहिए क्योकि यह भारतीय संस्कृति है
जब पुराने महाराणा ने बड़े बेटे को संपति से बाहर निकाल दिया तो लक्ष्यराज जी ही असली युवराज है
संपत्ति पर अधिकार होने से कोई महाराणा नही बन जाता..महाराणा को सामंत चुनते हैं...और सलूंबर रावत का खून ही फैसला करता है असली महाराणा का...जब ज्ञान की कमी हो तो बोलना नहीं चाहिए... मेवाड़ के लोगों ने पहले महेंद्र सिंह जी और उसके बाद विश्वराज सिंह जी को चुना है..बाहरी लोग क्या सोचते हैं उससे मेवाडियों को घंटा फरक नही पड़ता
हाँ ,मान भी ले कि विश्वराज महाराणा है, लेकिन सिटी पैलेस का जो उद्धार हुआ है वो लक्ष्यराज के वजह से हुआ है, लक्ष्यराज की पॉपुलरिटी बर्दास्त नही कर पा रहा और पावर का खेल चल रहा है अब
I want to see maharana pratap and chatrapati shivaji statue together 😍
सरकार को ऐसी चीजों पर रोक लगानी चाहिए.... राजतन्त्र खत्म हो गया है तो ऐसी चीजों का कोई महत्व नहीं हैं
राजतंत्र खतम हो सकता हैं पर राज परंपरा नही, परम्परा अनुसार राणा विश्वराज सिंह जी ही है।
Itni hi mirch lg ri h …. To insb rajao ki riyasat or gadh vapis dedo or jo bch jaye usme laga lena loktantra
तुम रोक लगाने की बात कर रहे हो, एक आदिवासी सांसद तो शिकायत कर रहा था कि राजतिलक में मुझे क्यों नहीं बुलाया ! 🙂
लड़ाई परिवार के भाइयों के बीच में है। लोग फालतू में झगड़ा कर कर घायल हो रहे।
पशु परिचर में आयेगा
राजमहलो की क्रांति 2.0 कब और किसके मध्य हुई थीं
😂😂😂
चलो कुछ तो सुकून है क्यूंकि अब ये चाहे कितना ही लड़े भिड़े हमे इतिहास मे तो ना पढ़ना पड़ेगा 😂😂😂 लागो मोरो 😅😅
@@motivefacts932 Ho sakta hai bhai.....😂😂😂
Yaad karke jaeoga sa😂
Bhai ab to paper bn suka hai ab RAS me aayega
Padega bhai ye bhi history me aayega @@motivefacts932
मेवाड़ राजघराने की लड़ाई देखकर कुछ बातें मन में आ रही है एक तो यह है कि यह लोग कहते हैं कि हमने रियासतें दान दे दी जो एक सरासर झूठ है, दूसरी बात यह रात दिन अपने आप को कट्टर हिंदू या हिंदू एकता की बात करते हैं और ईनकी आपस में ही माथा_फोड़ी चल है, तीसरा इनका एक बहुत बड़ा भ्रम है क्षत्रिय केवल राजपूत जिनकी आपसे लड़ाई देखकर पता चल गया है कि क्षत्रिय कौन है मुझे गर्व होता है उसे वीर गुर्जर योद्धा सरदार वल्लभभाई पटेल पर जिसने इन लोगों से अपने अकेले के दम पर इनकी रियासतें छीन लि, इनकी औकात नहीं थी दान करने की यह संपत्ति बंटवारे के लिए भी लोकतंत्र में माता_पौड़ी कर रहे हैं
🙏🙏
जय श्री राम हिंदू एकता जिंदाबाद❤❤
मारवाड़ और ढूंढाड के राजाओं से सहायता मांगी जाए 😂😂😂
2 Take ka... King ✅
British Destroyed them in their homaland 😂😂😂😂
श्री अरविंद सिंह महाराज कुमार और लक्ष्यराज मेवाड़ का पक्ष पूरी तरह से गलत है उन्हें वर्तमान महाराणा का सम्मान करना चाहिए।
दोनों राजकुमारों को एक बार सेना ले आना चाहिए, और एक युद्ध कर लेना चाहिए। जो जीतेगा उसका राज्याभिषेक होगा। हमें भी थोड़ा आनंद मिलेगा। लेकिन सेना वो लायेंगे कहां से। "महाराणा प्रताप ने भी नहीं सोचा होगा, कि हमारे वंशज ऐसे निकलेंगे, छापामार युद्ध करेंगे, वो भी पत्थर से।"
Aray bhai loktantra hai 😢
Ye ऐसी लड़ाइयां पहले भी लड़ते थे और चारण भाइयों ने इसको युद्ध कि संज्ञा दे दी।
😂😂😂😂😂
Usko bhakti bhav se, jivan vyapan ka jariya bana diya.
Gade ladte hai jese
अच्छा! यह अपने घरेलु झगड़ों में व्यस्त थे तो खिलजी और अकबर से तुम्हारे पप्पा लड़ने गये थे ।
@@ShaileshKumar-gt1ul मंदबुद्धि का परिचय यहां मत दे भाई रही बात खिलजी से लड़ने की तो उसने सभी को पेला था रणथंभोर (1301), चितौड़ (1303), सिवाना (1308), जालौर 1311, जैसेलमेर (1299), लिस्ट लंबी है और तेरे को सुनने की औकात नहीं। खिलजी ने तो उस समय के बर्बर मंगोलों को भारत पर आक्रमण करने से रोका था वो भी तीन बार । खिलजी ने सबसे पहले बाजार सुधार, bhumi upjao Pan के आधार पर भूराजस्व बांटा था
@@ShaileshKumar-gt1ul रही बात अकबर की तो मध्यकाल में संपूर्ण भारत में उसके जैसा राजा नहीं हुआ आज तक उसकी प्रशासनिक व्यवस्था पढ़ी कभी या यूंही ज्ञान चोदने आ गया
राजाओं की सेनो को हथियार क्यों नहीं दिए गए , पथरी मिले थे केवल लड़ने के लिए, पिक्चरों में युद्ध लड़ते हुए एक्टरों को देखा है अगर लड़ जाते भला तलवार सैनिकों द्वारा तो हकीकत में देख लेते हैं युद्ध कैसा होता है 😅😂 अब समझ नहीं आ रहा है भारत लोकतांत्रिक है या राजतंत्र किसी को पता है तो बताना
बिना मूंछ वाला महाराणा प्रताप जी का वंशज हो नहीं सकता है मूछें तो राजपूतों की शान है
jab maharana ki mout hue h to bal rakhenge , parampara ko nh jante ho kya
क्या बकवास है
एक तरफ हमारे समृद्ध इतिहास में राज्य को दो भाइयों ने फुटबॉल की भांति ठुकरा दिया ।
आज दो भाई राज्य की संपत्ति के लिए लड़ रहे हैं 😖
बहुत ही निंदनीय 😖
पूर्वजों की शान को धूमिल कर रहे हैं 😖
संपत्ति और साम्राज्य के लिए आपस में ही लड़ते रहे हैं इसी लिए बाहर से आने वाले लोग दूसरों से मिलके हराने में सफल हुए हैं
Rajputana 🗣️
वीर काल भोज (बप्पा रावल) सिसोदिया वंश का संस्थापक और पहला शासक 💪🏻🙇🏻
वीर राणा खुम्बकरण सिंह
वीर राणा संग्राम सिंह जी
वीर हमीर देव चौहान
वीर राणा उदय सिंह जी
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप
वीर दुर्गादास राठौड़
वीर कल्लाजी राठौड़/जयमल राठौड़
सम्राट पृथ्वीराज चौहान जी
वीर मालदेव राठौड़
वीर जसवंत सिंह राठौड़
वीर गोरा जी चौहान/बादल जी चौहान
वीर अमर सिंह राठौड़
वीर पृथ्वीराज सिंह सिसौदिया
वीर राणा राज सिंह जी
वीर राणा अमर सिंह जी
जय जय राजपूताना
क्षत्रिय धर्म युग युग ✒️⚔️📿
Maharana Pratap ❤
जो लॉरेंस को मरेगा वही गद्दी पर बैठेगा।
दोनों गायब हो जाएंगे😂
uski okat nhi h itni vo gunda he or ye dono samaj ke प्रतिष्ठित vyakti h jhagde ho jate h sampti ko peke per kisi nirdan grib ko mara nhi h inhone apne hak ki khate h ase gundo ke gungan karna band kro or us gunde ki itni okat nhi k ase man chahe use mar dega bharat me
😅😅😅
Sahi h bhai 😂😂
पहले भी ये राजा महाराजा देश या धर्म के लिए नहीं बल्कि केवल अपने राज्य के लिए लड़ते थे और आज भी वहीं हाल है। किताबों में झूठ में हीं इन्हे देशभक्त और वीरता का बड़ा बड़ा बखान देखने को मिलता है।
सलूंबर के चुंडा रावत चाहे वो कर सकते है अगर उन्होंने जिस परिवेश में राजतिलक किया है वो सही माना जाएगा । विश्वराजसिंह ही महाराणा रहेंगे राजतिलक के बाद
महाराणा प्रताप भी छोटे बेटे थे मगर वह काबिल थे इसलिए राजा बने लक्ष्यराज सिंह काबिल है
जिस मानसिक्ता से ये हक मांग रहे हैं अपने ही गौरव को पत्थर मार के मुझे नहीं लगता इन लोगो के अंदर वो राजपूती शालिनता नज़र नहीं आ रही है बहुत दर्द भी हो रहा ये देख के एक राजपूत होने के नाते.....😓
Gajab hai jab foundation seva karne ke liye banya tha to seva kro na jruri hai kya ki raja bano
Sata ke liye sangharsh aaj bbi jari hai😢😅
तलवार तोफ बॉम्ब युद्ध कब है.....😂😂😂😂.
अरविन्दसिंह छोटे भाई होने के कारण उत्तराधिकारी नहीं हो सकते। महेन्द्रसिंह के पुत्र होने के कारण विश्वराजसिंह ही उचित उत्तराधिकारी हैं।
कहा जाता है कि महराणा प्रताप ने घास की रोटी खाई मेवाड की खातिर और ये लोग छाली के लिये लड रहे हैं।दोनों को एक एक तलवार दे दिया जाय आपस में फैसला कर लेंगे।
Kaha jata ki bat Mt sun khud maharana ki apne bhai chacha se yudh hua ta is sampati k lie, is sampati k lie hi maharana k olado ne mansingh se sandhi Krane k lie Akbar ko bola ta, or is samapti k lie hi British k khilaaf koi bhi jung na kri
@@kasifmalik280or Mewar mughal sandhi kyo karni padi usko padhna, Mewar ne sabse jyada yuddha lade the akele jisse Mewar ki sena or aam janta tak kam ho gayi thi isliye sandhi ki liye samanto ne Maharana Amar Singh Ji ko manaya or fir sandhi hui to bhi Mewar ki sharte thi jo baki riyasato se Mewar ko upar hi rakhti thi
@@arpitmenaria2610janata kab kam hui to kya mansingh apni hi logo ko mar raha ta,😂 ulte side logic lgana chordo 😂 janta ki fikr inhe hoti to ye 1857 kranti me bhag lete jaliyawala kand k bad krantikari k sath hote ,
@@kasifmalik280 Mansingh Jaipur ka tha or wo har bar yuddh ladne nahi aaya wo haldi ghati me aaya tha, uske bad salim or baki log aate rahe the, akal pe patthar pada rahega to kaha se kuch samajh aaega bhai, isliye padhai likhai karo,
@@kasifmalik280 angrejo ki chaatne waale hyedrabad bhopal ramour ke nawab thy or r=tonk ke pindari ko angrezo ne raja banaya thaa dallo
आप दोनो से हाथ जोडकर विनंती है की कृपया कर के दोनो मे सहमती कर लिजीए..यही मनोकामना करते है.
This why democracy is great... idiot public always fight for leaders and king but king always fight for their legacy😅
Leader always fight for power and money. Arrange danka, Booth capturing, hate speech, jati ke naam par this things do by our leader
💯
❤❤@@sid.7146
जय महाराणा ⚔️💪🚩🚩
Chundawat sardaar hi bataye ki kon hai raja
Vishvraj
चुंडावत सरदार ने ही महाराणा साहेब का राजतिलक किया है,,, 🚩
Aaj kal peso me bik jate he sardar
Wo time kuch or tha
हमे भारत की इतिहास से एक चीज सीखने को मिलता है कि जितने भी योद्धा थे सब लड़ते -लड़ते वीर गति को प्राप्त हो गए जैसे महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवा महाराज, राणा साँगा, बाकी जितने भी बचे सब दुम दिखाकर भाग गए और वही लोग आज झूठे शान के लिए गद्दी की लडाई लड़ रहें है शर्म आनी चाहिए इनलोगो.
ये ऊंची जाति के लोग आपस में ही इस तरह लड रहे है तो अपने से छोटी जाति वालो का क्या हाल करते होगे वर्चस्व के लिए
Brother ye unki property h phale purra smjo kyo ldd rehe h be
बौद्ध काल्पनिक
All gifted by their Mughal and British friends... Jaipur dynasties served them and built alishan palaces
घंटा
Ok brijbhushan saab
Raja to arvind singh ji mevad hi banege 🔥
Chacha ke jinda hote hue bhateeje ko rajya nahi mil sakta mai rajguruon ke vansh se hu or rajvansh ki yahi parampara hai
Itihaas apne aap ko dohrata hai🎉
इससे ये सिद्ध हो जाता है की राजपूतो को आपस मे लड़वाना आसन था
जो अभी महाराणा विश्वराज सिंह जी मेवाड़ हैं
❤ऐसा नहींहोना चाहिएमैं तो एससे ज्यादा कुछ नहीं समझता जय भारत जय भारतीजय राजस्थान जय मेवाड़ ।।जय जयभारत।। माता।।
यही तो इतिहास है आज कैमरे के सामने है 😂😂😂😂
इनको गुरिल्ला युद्ध करना चाहिए 😅
जो जीत गद्दी उसकी😂
Kab start karwa rahe ho 😂😂😂😂
@@awesome83335jab teri behem agree karegi
@@PankajChauhan-bp2vf😂😂😂
जय माता जी री दरबार
अपने आप की पहचान करो हुक्म आप उस खानदान के वाजीर्म है जिससे मौत भी डरा करती और आज आप अपनों से लड़ रहे हो
जय मां जगदम्बा भवानी 🔱🙏🏿
जय मेवाड़
भारत देश में लोकतंत्र आ गया है मगर यह लोग ख़याली पुलाव में महाराज बने बेठे है 😂😂😂😂
Bahut jaldi khatam bhi ho jaayega
Tumhari kyon jal rahi hai😂
@@HarshitSingh-of5rf राजपूत पहले लड़चट्ट थे और आज भी है
Chsl k2we 😂😂
Jay Maharana Pratap ji ki
मुझे लगता है इस समस्या का हल नागौर दरबार 2.0 से निकल सकता है। इस कार्यक्रम हेतु राष्ट्रपति/प्रधानमंत्री को नागौर दरबार का आयोजन करना चाहिए।😊
जनता की क्या राय है😂 होजाए
😂😂😂
😂😂😂😂
Abhi jodhpur pakistan ka hissa hota phir pata chalta tu konsa darbar lagata aur kiske roti khane ke fake padte
@@digpalsinghpanwar523 it will be worst decision ever
भाई जब राजतंत्र ही खत्म हो गया है। और राजगद्दी पर चाहे कोई भी बैठे उसका राज तो चलने वाला है नहीं संविधान का राज चलेगा।
आपकी बात सो टका सही है मगर इनके यहां आज भी रॉयलनेस के नाम पर वो सब चलता है और रही सविधान ओर लोकशाही की बात तो भाई जनता के चुने गए नेता भी 4.5 साल तक राजतंत्र ही चलाते है भाई बाकी के 6 महीनों में काम याद आता है उसके बाद चुनाव आने पर लोकशाही याद आती है
सही बात है..लेकिन लोगो को इनके ऊपर भरोसा है तभी महाराणा MLA और महारानी MP है.. ये निस्वार्थ सेवा और जिम्मेवारी का नतीजा है..
Fuddu bnate h y log sta ke lalach m
राजतंत्र की मांग कर कौन रहा है? यहां तो सिर्फ परंपरा निभाने की बात हो रही है...और वो परंपरा सिर्फ एक परिवार की नही है बल्कि लाखों लोगों की है...और राजतंत्र हो या लोकतंत्र परंपरा निभाने का अधिकार संविधान ही देता है...अनुच्छेद 14 से 18 पढ़ लेना
Tumhari samajh s bahar h
Haldi ghati 2.0😂😂😂😅😅
श्री मान जी मेरा एक साधारण सा सवाल है कि इन राजाओं ने अपने कार्यकाल में जनता के लिए कोन कोन से अच्छे काम किए थे।न सड़कें थीं न गलियां और न ही कोई स्कूल। यदि कोई स्कूल या अस्पताल थे तो उनमें गरीब के बच्चे नहीं जा सकते थे। सारी सुविधाएं अपने लिए रखी थी।आज जो ये नाचते नजर आ रहे हैं ये टुकड़े के लिए संघर्ष कर रहे हैं।इनकी और औकात नहीं।
UPSC Pre...fact
Indian Empire ''Last war of succession''
In MEVAAD
LAKSHYARAJ vs. VISVARAJ
25 nov 2024
😂😂😂
Intense fighting between berozgar infantaries on both sides. 🤣
Oo bhai 😅😅😅😅😅
@@nord7556 🤣🤣😭😅
चाहे कोई भी राज घराना हो लड़ाई जमीन ओर जोरू की वर्षों से नहीं शताब्दियों से है
खुद राणा प्रताप को भी ज्येष्ठ होने के बावजूद उनके पिता राणा उदय सिंह ने अपनी एक महारानी के दखल के कारण युवराज नहीं बनाया था उन्हें भी लड़ाई लड़कर सत्ता हासिल की
बाकी प्रजा को हमेशा मोह माया से दूर रहने की घुट्टी दी जा रही है 😢
लोकतांत्रिक देश में यह क्या नौटंकी है!!!
I believe further improvement is needed, particularly in the clarity of the family tree. Enhanced video editing and visualization techniques could significantly improve its presentation. Additionally, the storytelling could be strengthened by providing more specific details and facts.
उदय पुर शहर में वोटिंग करा लो जो जीता वही महाराणा
हां ऐसे भी किया जा सकता है....😂😂😂
Ladai maharana ki nahi h sampati ki h bhai
@@Dripstore01 Ha to Sampatti to usi ki hogi na jo agla Maharana banega usi ki to ladai hai.....
ये तो सदियों से लड़ते आ रहे हैं। आगे भी लड़ते रहे गे । आपसी लड़ाई के चलते ही मुगलों ने भारत पर राज किया।
ओर हम पागल इनके पूर्वजों की पूजा करते हैं
मीडिया के कैमरे नहीं होते तो इस ड्रामे को भी किताबों में महिमामंडन करके युद्ध घोषित कर दिया जाता 😅😅
😂
Ye jalan barkaraar rakhna
@@jatinrathore7032sahi kha 😂
Ladai kisi aur kee aur kal kisi aur kee rahi hai
Wah Choudhary 😂
জয় মা ভবানী, জয় শিব চন্ডি , Raja Bisharaj sing Ka joy
Aaj 26 November h, "Samvidhan divas ". Aur Aaj hi Samvidhan virodhi samachar aap dikha rahe hain.
Jab Bharat 26 January 1950 ko hi lok tantrik desh ho chuka h , jisme sabhi nagrikon ke saman adhikar aur barabar ka samman h to koi Raja kaise ho sakta h? Rajtilak kaise Kiya ja sakta h? Kyon
Aap logon ko in tathakathit rajaon ka rajtilak sanvidhan aur loktantrik sarkar ke muh pe jor ka Thappad jaisa nahi lagta?
अरविंद सिंहजी मेवाड़ ही असली महाराणा है । महेंद्र सिंह जी को तो उनके पिताजी ही संपति ओर किसी भी पद से बाहर का रास्ता दिखा चुके थे फिर केसा विवाद है भाई। हमारे लिए तो महाराणा अरविंद सिंह जी मेवाड़ और उनके सुपुत्र लक्ष्यराज सिंह जी मेवाड़ ही मेवाड़ के महाराणा है और बने रहेंगे बाकी एकलिंग नाथ प्रभु की इच्छा 🙏🙏🙏🌞🙏🙏🙏
HUF ka concept sikho
मेवाङ की संस्कृति मे राजा को हक ही नही है अपना उत्तराधिकारी चुनने का.. मेवाङ का उत्तराधिकारी सलूम्बर और बाकी ठिकानो के सामंत मिलकर चुनते है.. जब मेवाङ महाराज उदयसिंह ने छोटे बेटे जगमाल को राजा बनाया तो सामंतो ने उनका विरोध करके गोगुंदा मे महाराणा प्रताप का राजतिलक कर दिया.. ये तो सुना होगा आपने
आपको पूरी बात ही नि पता नहीं है आप लक्ष्यराज सिंह को सही बताना चाह रहे हो लेकिन लक्ष्यराज सिंह बिल्कुल गलत है
Logo ko koi fark nhi padtaa sab maje lete rahengey
I m with arvind Rana🙏
हिंदू समाज की यही खामियोंसे जुझना आजका परम कर्तव्य होगा| नही तो योगीजीने पहलेही बताया है| बटेंगे तो कटेंगे
Fanta khud kursi ke liye sab drama karta hai.
ऐसे मूर्खो की बजह से ही सभी छत्रिय एकदूसरे से लड़ते rahe पूरी life mujhe दुःख ho रहा 😥
सरकार को इनलोगों की संपति का अधिग्रहण कर लेना चाहिए।
Kyu Sarkar k baapp ki h
यदि आज सिन्हा लिख लिख रहे हो तो उसी मेवाड़ के महाराणाओं की देन है, अन्यथा हम सभी खान लिख रहे होते।
Sarkar ko inhone Riyasat dedi Sampati lene ka koi adhikar nhi hai
@_kr_utpal_singh_sanga are bhabha shri inki jalti apn rajputo se or kn hr wkt bs defame krne ki kosis hi krenge
Kyu tere baap ne kmayi thi kya virasat... Tera ghar jameen deke dekh ek bar sarkar ko dan m pta chlega tujhe...
सरकार को तुरंत प्रभाव से कार्रवाई कर इस प्रकार के राजशाही के अवशेषों को समाप्त करना चाहिए जैसे इंदिरा गांधी ने उनके प्रिवी पर्स को समाप्त किया था ठीक उसी प्रकार कार्रवाई करनी चाहिए विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में इस प्रकार के राजशाही अवशेष उचित नहीं है यह भविष्य के लिए लाभदायक नहीं है।❌️❌️❌️
प्रिवी पर्स sarkar ki suvidha thi jise vo khtm kr skti thi. Prr ye aayojan sarkar ne nhi krvaya or na hi usko right h ise khtm karvane ka.
Koi bhi Aadmi apni personal capacity m koi bhi aayojan krva skta h. jisse kisi ko koi nuksan nhi ho to gov. Ke pass koi right nhi h ki vo uss aayojan ko band krva ske.
Mtlb janta bewkoof h
@@samarveersinghshakatawat6727 अगर आप इसे सम्मेलन या आयोजन मान रहे हैं तो संविधान के अनुच्छेद 19(3) के अनुसार भारत की प्रभुता या अखंडता के के खतरों के तहत सरकार इस पर प्रतिबंध लगा सकती है। परंतु भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है तो इस लोकतंत्र में ये लोग राज्याभिषेक किस हैसियत से कर रहे हैं ?
@@anilbishnoi1592 भारत की प्रभुता और अखण्डता तब खतरे में होती जब इन्होंने अलग राज्य की माँग की होती। आप को याद दिला दु। यें वहीं लोग जिनके पूर्वजों नें देश को अपने स्टेटस दान में दे दिये थे। ताकी यह देश संगठित और इसकी प्रशासनिक व्यवस्था केन्द्रित हों सकें।
जब इन्होंने अपने स्टेटस देश में merge किए थे तो इनसे बहुत सारे वादे किए गए थे। 1971 में भारतीय सरकार ने वो सारे वादे तो तोड़ दिये। पर सरकार इनकों अपने रीति-रिवाज और परम्पराएँ follow करने से नहीं रोक सकती। और ना ही सरकार कि पास ऐसा कोई अधिकार है।
जनता ने वोट से या मन से हर तरीके से महाराणा विश्वराज सिंह जी को ही अपना प्रतिनिधि चुना है कुछ तो काबिलियत होगी उनमे😢😢😢
Others will take advantage be united brothers ek hai toh safe hai always remember