पशुपत उपनिषद् | pashupat upnishad | pashupati upnishad

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  • Опубликовано: 28 авг 2024
  • पाशुपत सम्प्रदाय शैव धर्म की एक शाखा है। यह सम्प्रदाय शिव को सर्वोच्च शक्ति मानकर उपासना करने वाला सबसे पहला हिन्दू सम्प्रदाय है। बाद में इसने असंख्य उपसम्प्रदायों को जन्म दिया, जो गुजरात और महाराष्ट्र में कम से कम 12वीं शताब्दी तक फला-फूला तथा जावा और कंबोडिया भी पहुंचा। पाशुपत सम्प्रदाय ने पाशुपत नाम शिव की एक उपाधि पशुपति से लिया है, जिसका अर्थ है 'पशुओं के देवता', इसका अर्थ बाद में विस्तृत होकर 'प्राणियों के देवता' हो गया। सम्पूर्ण जैव जगत् के स्वामी के रूप में शिव की कल्पना इस सम्प्रदाय की विशेषता है। यह कहना कठिन है कि, सगुण उपासना का शैव रूप अधिक प्राचीन है अथवा वैष्णव। विष्णु एवं रुद्र दोनों वैदिक देवता हैं। परन्तु दशोपनिषदों में परब्रह्म का तादात्म्य विष्णु के साथ दिखाई पड़ता है। श्वेताश्वतर उपनिषद में यह तादात्म्य शंकर के साथ पाया जाता है। श्रीमद्भागवदगीता में भी 'रुद्राणां शंकर श्चास्मि' वचन है। यह निर्विवाद है कि वेदों से ही परमेश्वर के रूप में शंकर की उपासना आरम्भ हुई। यजुर्वेद में रुद्र की विशेष स्तुति है। यह यज्ञसम्बन्धी वेद है और यह मान्यता है कि क्षत्रियों में इस वेद का आदर विशेष है। धनुर्वेद यजुर्वेद का उपागं है। श्वेताश्वतर उपनिषद कृष्ण यजुर्वेद की है। अर्थात् यह स्पष्ट है कि क्षत्रियों में यजुर्वेद और शंकर की विशेष उपासना प्रचलित है। इसके अतिरिक्त यह भी ध्यान देने के योग्य है कि क्षत्रिय युद्धादि कठोर कर्म किया करते थे, इस कारण उनमें शंकर की भक्ति रुढ़ हो गई। महाभारत काल में पाँचरात्र मत के समान तत्त्वज्ञान में भी पाशुपत मत को प्रमुख स्थान मिल गया।
    ॐ शान्ति विश्वम् ।।

Комментарии • 6

  • @user-mu1xf3tt1l
    @user-mu1xf3tt1l 6 месяцев назад

    વેદાન્ત જ્ઞાન ને સત સત નમન 🎉🎉

  • @SaritaDevi-uw7bn
    @SaritaDevi-uw7bn 6 месяцев назад

    Om 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @Sanataniyokaparivar
    @Sanataniyokaparivar 6 месяцев назад

    🌷🌷🙏

  • @fitsarira
    @fitsarira 6 месяцев назад

    🕉️🙏

  • @SaritaDevi-uw7bn
    @SaritaDevi-uw7bn 6 месяцев назад

    Om Shanti Om Shanti Om Shanti Om Shanti 🙏🙏🙏🙏