ब्रह्मविद्योपनिषद्||Bramhavidopanishad||bramhavidya upnishad|bramh vidyya upnishad.
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- Опубликовано: 27 окт 2023
- यह उपनिषद् कृष्ण यजुर्वेद से सम्बद्ध है। इसमें ब्रह्म की प्राप्ति के उपाय और उसके स्वरूप का
विशद विवेचन किया गया है। सर्वप्रथम ब्रह्मविद्या के रहस्यभूत प्रणव व्रह्म का उलेख करते हुए प्रणव की
चार मात्राओं की विवेचना है। जीव का स्वरूप, बन्ध-मोक्ष का कारण, हंस विद्या द्वारा परमेश्वर की प्राप्ति,
सकल और निष्कल ब्रह्म का स्वरूप, केवल शास्त्रीय ज्ञान एवं आचरण से पाप-पुण्य की प्राप्त, प्रणव- हंस
का अनुसन्धान ही प्रत्यक्ष यजन, हंस-मंत्र के अभ्यास से समाधि की प्राप्ति, हंस योग का अभ्यास क्रम तथा
हंस योगी द्वारा आत्मा के स्वरूप का चिन्तन इत्यादि विषयों का क्रमश: विवेचन किया गया है । ये सभी विषय
'ब्रह्म के तात्विक स्वरूप को स्पष्ट करते हैं, इसलिए इस उपनिषद् की 'ब्रह्मविद्या' यह संज्ञा सार्थक ही है।
।।ॐ शांति विश्वम।।
अतिसुंदर ज्ञान मंगलमय जीवन हो हरि नारायण नारायण हरि हरि। इसी तरह जिज्ञासु साधक को ब्रहमविद्याका, ज्ञान देते रहे। आनंदमय भक्ति मय ज्ञान मय जीवन भरपूर हो हरिशरणम हरिशरणम हरिशरणम
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ॐ नमः नारायण
ॐ नमः नारायण हरि ॐ नमः नारायण हरि ॐ नमः नारायण हरि ॐ नमः नारायण हरि ॐ नमः नारायण हरि ॐ नमः नारायण हरि ॐ नमः नारायण हरि ॐ नमः नारायण हरि ॐ नमः नारायण हरि ॐ नमः नारायण हरि 🙏
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय 🙏
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः 🙏
ॐ ब्रह्म विद्याय नमो नमः ,,,,,,अनंंतावृति,,,,,
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः ॐ नमः नारायण हरि हरि 🙏
ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया 🙏
सभी उपनिषद का ज्ञान अमोध हैं और सब शात्रो का घी मुख्य रूप से श्री मद भगवत गीता ही है। सभी को श्री ॐ नमः नारायण मंत्र जप करते हुए जीवन को धन्य बनावे।
सत्य है सारे उपनिषदों का निचोड़ श्रीमद् भगवत गीता ही है।
ॐ शान्ति विश्वम।।
ॐ नमः नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण नारायण हरि ॐ नमः नारायण 🙏
बहुत अच्छी ब्रम्ह ग्यान ❤❤❤
ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता मैया जय 🙏
OM santi shiv baba ji
OM. NAMO. BHAGVATE. VASUDEO. NAMO
Om Shivoham Om Shanti Shanti Shanti Om
Har. Har. Mahadav
Pranam ji ❤
Om 🕉 shree prmatmne namah..om🕉🕉🕉🕉🙏🙏🚩🚩🕉🕉
बहुत बहुत सुन्दर व्याख्या
आपको सादर सादर प्रणाम
Jai shree Krishna...
Param MHA Shanti
जय श्री राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे कृष्णा कृष्णा हरे हरे 🙏
Thanks
Naman
Om Namah shivay 👏 🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
ऊं नम नारायण।
जय श्री राम जय राम जय राम जय जय श्री राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम जय राम जय राम जय जय श्री राम,🙏
Pranam
ॐ नमः नारायण हरि ॐ हरि हरि ॐ हरि हरि ॐ हरि हरि ॐ हरि हरि ॐ हरि हरि ॐ हरि हरि ॐ हरि हरि ॐ हरि हरि ॐ हरि हरि ॐ हरि हरि ॐ हरि हरि ॐ हरि हरि ॐ हरि हरि ॐ हरि हरि ॐ हरि हरि ॐ हरि हरि ॐ नमः नारायण 😡🙏
Very good feeling. Thanku so much.
Naman h mahatman.. Etne achhe se es gud vidya ko smjhane hetu aapka prayas or vani bahut aanand ko dene wali h.... Ye vidya aakhiri janam me jiv ko samjh aati h.. Yni es jananae ke bad jiv awagaman se muqt ho jata h..... Sambhv ho to or bhi bramvidya, Kenoupnishad, shri vidya aadi bishy me, kuch margdarshan krte rahiye prabho 🕉🙏🏻😌🌹😊
हमारी कोशिश ऐसे ही जारी रहेगी कि आप सभी उस परम् तत्त्व को पहचाने
ॐ शान्तिः विश्वम्।।
जय श्री राधे कृष्णा हरे राम हरे कृष्णा हरे राम हरे कृष्णा हरे राम हरे कृष्णा हरे राम हरे कृष्णा हरे राम हरे कृष्णा हरे राम हरे कृष्णा हरे राम हरे कृष्णा हरे राम हरे कृष्णा हरे राम हरे कृष्णा हरे राम राम हरे हरे कृष्णा कृष्णा हरे हरे 🙏
Sri Gurubhyo namaha
ॐ जय जगदीश हरे राम जय जगदीश हरे राम जय जगदीश हरे राम जय जगदीश हरे राम जय जगदीश हरे राम जय जगदीश हरे राम जय जगदीश हरे राम जय जगदीश हरे राम जय जगदीश हरे राम जय जगदीश हरे हरे 🙏
Brahm hi eshwar hai
जय श्री राधे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा हरे हरे 🙏
Bahut Hi Achhi Tarah Se Samjane Ke Liye Dhanyavad. Namaste.
Radha swami ji
❤❤
Dhanyawad
Om shanti my dear. I love you too much for your kindness bless. May you live long ever healthy wealthy holy and happy.
जय श्री राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे कृष्णा कृष्णा हरे हरे 🙏
जय श्री राधे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा हरे हरे राम राम हरे हरे 🙏
Radhe radhe
ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः नारायण 🙏
You are genius ✨🕉️🌟🙏🏻 thank you so much, God bless you always ♾️🕉️🙏🏻✨
जय श्री राम जय राम जय राम जय जय श्री राम श्री राधे राधे श्याम 🙏
Excellent
Good
ॐ जय जगदीश हरे हरे राम जय जगदीश हरे हरे 🙏
Aapka prayatna maina rakhta hei. Dhanyavad.
🙏🙏🙏🙏🙏🕉🕉🕉🕉🕉🕉🕉🌹🌹🌹🌹🌹👏 Om Namo Shakti Shivay Radhe Radhe Jay Shri Krishna
H u vagelna jyjygurudev
जय श्री राधे राधे कृष्णा हरे हरे कृष्णा कृष्णा हरे कृष्णा हरे हरे राम राम हरे हरे राम राम हरे हरे 🙏
🙏💐🙏
🎉❤😊
Please make one UPNISHAD by adding two UPNISHAD Avdhut +Brahmvidhya etc
Ye sab discribe in Shivsavroday me, nathuram shrama aacharya yog kaustubha Book,Gujrati bhojak ki book pantanjly yog shutra,
Swar shiddi sailja akleswaria kandiwali book me Trikamacharaya Trikam ji bapu ya tha Pinde tha brammade gyan Prakash book
कृपया background music low रखे
According to Lalitha Sahasranaam Vishnu grandhi is in naabhi. I think it was said to be in hriday kamal in this video. Will you please clarify.
Ya m Krna chahta hu Guru ji
हमे गुरु न कहे हम भी पथिक है आप अगर उस परम् तत्त्व को जानना चाहते हैं तो हमारे विडियोज देखे आपको अवश्य ही ज्ञान मिलेगा।
ॐ शान्तिः विश्वम्।।
Apkokotekotenmn
Mei pahele ki gai comment se sahamat nahi hu. Bhale hi agale tatva vedarthi rushio ne kiya ho.
उपनिषद् शब्द का साधारण अर्थ है - ‘समीप उपवेशन’ या 'समीप बैठना (ब्रह्म विद्या की प्राप्ति के लिए शिष्य का गुरु के पास बैठना)। यह शब्द ‘उप’, ‘नि’ उपसर्ग तथा, ‘सद्’ धातु से निष्पन्न हुआ है। सद् धातु के तीन अर्थ हैं : विवरण-नाश होना; गति-पाना या जानना तथा अवसादन-शिथिल होना। उपनिषद् में ऋषि और शिष्य के बीच बहुत सुन्दर और गूढ संवाद है जो पाठक को वेद के मर्म तक पहुंचाता है।
उपनिषद् भारतीय सभ्यता की अमूल्य धरोहर है। उपनिषद ही समस्त भारतीय दर्शनों के मूल स्रोत हैं, चाहे वो वेदान्त हो या सांख्य। उपनिषदों को स्वयं भी 'वेदान्त' कहा गया है। १७वीं सदी में दारा शिकोह ने अनेक उपनिषदों का फारसी में अनुवाद कराया। 19वीं सदी में जर्मन तत्त्ववेता शोपेनहावर ने इन ग्रन्थों में जो रुचि दिखलाकर इनके अनुवाद किए वह सर्वविदित हैं और माननीय हैं। विश्व के कई दार्शनिक उपनिषदों को सबसे बेहतरीन ज्ञानकोश मानते हैं।
उपनिषद भारतीय आध्यात्मिक चिन्तन के मूल आधार हैं, भारतीय आध्यात्मिक दर्शन के स्रोत हैं। वे ब्रह्मविद्या हैं। जिज्ञासाओं के ऋषियों द्वारा खोजे हुए उत्तर हैं। वे चिन्तनशील ऋषियों की ज्ञानचर्चाओं का सार हैं। वे कवि-हृदय ऋषियों की काव्यमय आध्यात्मिक रचनाएँ हैं, अज्ञात की खोज के प्रयास हैं, वर्णनातीत परमशक्ति को शब्दों में प्रस्तुत करनेकि की कोशिशें हैं और उस निराकार, निर्विकार, असीम, अपार को अन्तरदृष्टि से समझने और परिभाषित करने की अदम्य आकांक्षा के लेखबद्ध विवरण हैं।
हमारा प्रयास है कि आप सभी को सही ज्ञान प्राप्त हो।
||ॐ शांति विश्वम||
बहुत सुन्दर अद्भुत अद्वितीय। प