‘Manusmriti’ और ‘Smriti Irani’ के बीच दंडवत पड़ा Dainik Bhaskar | NL Tippani 152
HTML-код
- Опубликовано: 12 июн 2023
- अपने हिस्से का काम छोड़कर बाकी सबके काम में अपनी नाक, कान और टांग घुसेड़ने का रिवाज अब आम हो चुका है. मसलन #journalist का काम है जन प्रतिनिधियों से सवाल पूछना, जनप्रतिनिधि का काम है उसका जवाब देना. लेकिन नेताजी को पत्रकार का सवाल पूछना अब अच्छा नहीं लगता. #smritiirani अमेठी में एक पत्रकार के सवाल से इतना भड़क गई कि पत्रकार का कपड़ा ही उतरवा लिया. इस पर विशेष टिप्पणी.
टिप्पणी के इस अंक में हम खबरों का नया बुलेटिन लेकर आए हैं. इसका नाम है ‘विश्वगुरु बुलेटिन’. जी हां, अब देश में आज़ादी की यही परिभाषा है, यहां मीडिया मदारी है, जनता तमाशा है. नेता चुनावों में वोट मांगेंगे और काम के समय नोट मांगेंगे.
देश के हाईकोर्टों में मौजूद महामहिम न्यायमूर्तियों ने भारत को विश्वगुरू बनाने का बीड़ा अपने सिर पर उठा लिया और ऐसा उठाया कि मानों आसमान सिर पर उठा लिया. महामहिमों की इस मुहिम से बहुतों को लगा कि उनकी बात का कोई सिर पैर नहीं है. संविधान की शपथ खाकर #manusmriti की श्रद्धा में नतमस्तक हैं.
Contribute to Press Freedom Fund: newslaundry.com/sena?ref=social
अन्य सभी अपडेट्स के लिए डाउनलोड करें न्यूज़लॉन्ड्री एप-
www.newslaundry.com/download-app
न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करें और गर्व से कहें, मेरे ख़र्च पर आज़ाद हैं ख़बरें!
www.newslaundry.com/subscript...
न्यूज़लॉन्ड्री हिंदी से आप इन सोशल मीडिया चैनल्स पर भी जुड़ सकते हैं-
व्हाट्सएप: hindi.newslaundry.com/hindi-w...
फेसबुक: / newslaundryhindi
ट्विटर: / nlhindi
इंस्टाग्राम: / newslaundryhindi
अब व्हाट्सएप पर भी सभी कहानियों के अपडेट प्राप्त करें: hindi.newslaundry.com/hindi-whatsapp-optin
हमारे Press Freedom Fund में योगदान दें : newslaundry.com/sena?ref=social
😊
Ravish Kumar ka episode लाइए
Ravish Kumar ko newslundry joining karai
⁰7k0jl
😝😝😝😝छोटी सी जिंदगी,, लंबा है रास्ता,,
मुझे मेरे 15 लाख दे दो,, तुम्हे स्मृति का वास्ता😝😝😝😝
रोड पर बैठकर राजनीति वाली मनुस्मृति ईरानी से और क्या आशा कर सकते हैं, अतुल भैया! आप जैसे पत्रकार का हमारे देश की मुख्यधारा की मीडिया में होना आवश्यक है। ऐसे ही निष्ठावान पत्रकारिता करते रहें। हम Team Newslaundry के साथ हमेशा रहेंगे। अच्छी और निष्पक्ष पत्रकारिता की आवाज़ों को बुलंद करने की आवश्यकता आन पड़ी है। जय हिंद! Keep up the good work, Team Newslaundry!
आदरणीय 🙏 !
हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है
औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
बहुत बहुत धन्यवाद सर जी, मेरी आँखें खोलने और पत्रकारिता को बचाने के लिए।
कोटिक सलाम आभार साधुवाद शानदार सटीक निर्भीक टिप्पणी के लिए
लाजवाब प्रस्तुति ,
शानदार आवाज
बहुत सुन्दर बिश्लेषण। उमदा पत्रकारिता सिर्फ कुछ चुनिन्दा पत्रकार ही कर सकते हैं । धन्यवाद अतुल जी अतुलनीय ।
आदरणीय 🙏 !
हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है
औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
देश इस कदर बरबाद ना हुआ होता यदि
देश का मिडिया इस तरह गद्दार ना हुआ होता
Kya kare bhaiyya andhbhakto ko news hi aise chahiye jo sarakar ki aalochna n karta ho aaj aalam ye hai ki bjp ke khilaf khabar n dikhane vale channale itne jyada ho gaye haiki andhbhakt confused ho gaye hai ki kise dekhe kise nahi
Dharm ki afim hindurast ramrajya ka sapna dikhakar aur Ramrajya ki suruaat ho chuki h yese manuwadi juge desh ke loktantra ke liye khtra h .
First problem is funding of media houses by political parties. Ban of such funding will force them to be less biased towards funding parties.
Guru Nanak rejected and criticized Manusmriti, if u Hindus hate your God who created Manusmriti, the Divine Laws then go convert to Sikhism, i'm a proud Hindu and love my religious books
@arwind sawant 🤣🤣aur admiyo ki g***** maar ke rkh di, Aur aurto ko bhi pata nahi kaunsi izzat dila di., khoye raho inhi haseen sapno mein#andhbhakt
वाह क्या बात हुई पत्र कार महोदय इस तरह के सटीक विश्लेषण करने के लिए
बहुत सराहनीय पत्रकारिता के आप सम्मानित पत्रकार है मै आपकी भूरि भूरि प्रसंसा करता hu
Why is the Supreme Court not removing such disgraceful judges? This is just unbearable.
Court system is also compromised dude. Frankly, it's not surprising that a lot of people have lost faith in the whole Indian system now.
In Amritkal of Independence, "Manusmriti" is being brought from the cold storage of the society!! Save the Indian Constitution adopted in the Parliament of Independent India.
Voters deserve this
@@iqbalahmedkhan7 are you defending the government by saying this ???? 😮😮😮😮😮😮 or you are just being sarcastic ?? 😊😊
@@ashokdas7041 surely we can't let this go on. This is crossing all limits. I hope 2024 will show whether our citizens have grown any sort of backbone....or brain...for that matter...
बहुत ही जबरदस्त और शानदार ऐसी पत्रकारिता अब देखने को नहीं मिलती जो सच कहती हो। आला दर्जे के अधिकारियों को सच का आइना दिखाने का धन्यवाद। अब सारे काम मनु स्मृति से होंगे
धिक्कार है इस रेलवे मंत्री वैष्णव और इसकी शिक्षा को। देश ऐसे लोगों को ढ़ोने को अभिशप्त है।
जनता है सब जानती है उचित समय पर जवाब देगी
परम आदरणीय श्रीमान अतुल चौरसिया जी आपकी सच्ची निष्पक्ष निडर पत्रकारिता को सादर प्रणाम जय भीम जय संविधान
आदरणीय 🙏 !
हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है
औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
साहित्यिक भाषा और सच्ची खबरों का बेजोड़ समागम । ❤
Aawaz bhi bahut soft aur soothing hai...❤❤❤❤
Bahot hi shandar prastuti.Antaratma ko zakzor diya.Aap sada khush rahe.yehi ISHwAR se kamna.❤❤
आदरणीय🙏 !
हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है
औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
साहित्य का नlश होते नहीं दिख रहा किसी को, ऐसे *कॉमनिस्ट यूट्यूब चैनल* पe
Apologies for not having the same group over Hindi, but I'd like to add another adjective, his sarcasm and deadpan delivery of harrowing incidents really outshines all others. Kripiya issi tarah banne rahiye team Newslaundry ❤
खबरों के इतने शिष्ट प्रस्तुतिकरण और उत्तम धाराप्रवाह वाचन ने मुझे अति आकर्षित किया है।
विश्व गुरु बन गए। इतना कह देने भर से हम विश्व गुरु बन जाते हैं क्या? धन्य हो ऐसे ही विश्व गुरु बनने की प्रथा की।
मनुस्मृति लागू होने के बाद क्या हम जैसे लोग जीवित रहेंगे?
आदरणीय Prince2irppl🙏 !
हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
Lagu hone denge nhi
यहीं होगा जब बिना पढ़े लिखे और टीवी में काम करने वाले लोगो के हाथों में सत्ता दी जायेगी। जिन्हे बस डायलोग बोलने आते है जनता के सवालों का जवाब देना नही।
आप को समाचार के लिये धन्यवाद ।
सवाल को टालने के लिए किस तरह मुद्दा बहकाया जाता है, इसमें पारंगत है मनु‘स्मृति’ ।
ऐसी महिला का अगर भगवान है तो अलग से हिसाब होगा।
आप की पत्रकारिता निराली है। बधाई और शुभकामनाएं। 🎉🎉
आदरणीय Dr.B.Jagdish Raoji🙏 !
हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है
औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
Umee hai k ...islam k khamio ko bhi ujagar karenge ye Nirale patrakar.
@@sjdkxkc5490मुगल काल में जी रहे है क्या साहब?
@@150_RsDega bassss... islam ka nam lete hi..jaag gyi secularism.
Phir 3talaq, nikah halala, 5biwiyan.... sab maaf. Personal law board ne apni Jagir bana k rakh lia hai...islamiat ko.
Lekin uski reporting karne k lie funding ni milti na NL ko comunist party se.
*भारतवर्ष ने विश्व को विश्वगुरु देते-देते, विश्व को, विश्वदेशद्रोही दे दिया...❤*
Thanks
अभी तक तो प्रश्न पूछे जाने पर नेताओं और मंत्रियों का ही अपमान हो रहा था। अब तो प्रश्न पूछे जाने पर जनता का ही अपमान होने लगा।
आप जैसे ही पत्रकारों की वजह से ही अब सच्चाई दिखाई देती हैं।
आपकी पत्रकारिता को जितना भी नमन करूं कम है।
Ye newslaundry wala patrakar hai? Presstitute word inhi k liye ijaad hua tha.
@@Exiide89 और ये गोदी मीडिया का पत्रकार हैं। और इनके जैसे ही लोगो के मोदी जी बाप हैं।
विश्वगुरु नहीं अफगानिस्तान बन रहा हैं यह देश 💀
😂😂😂 Afghanistan ne World ki super power countries ko 2 bar buri tarah se defeat Kiya h (ussr and American Ally) aur india china ke samne apni gand jhuka rakha h aur China ghusata ja rahah h badle me thoda pesa party ko mil jata h Chinese companies se aur apne bharat mata ki ijjat lutuwa rhe hn bhagwa atanki 😂
😂😂😂....To Time se Afgan Chaleja Yha Kya kr rha..
@@mrkeshav736 Abe bewakuf koi nahi chahta ki desh ki haalat battar ho. Sivay tum jeso ke. Op ne likha kya aur tune samjha kya? Dimag mein gobar hi bhara pada hain tumhare
@@mrkeshav736 Abey gober jane ki jaroorat nahi 😆😆😆 Akhand Bharat jab banega to automatic Afghanistan, India me shamil ho jayega ...isiliye kehte hn ki gay ke gober ke sath mullon ka moot bhi Piya Karo to aqal = kam karegi🤣😃🤣😃🤣
@@mrkeshav736 kyun jayega uska hi Desh hai woh nahi bolega to aur kon bolega?? Idhar chala ja udhar chala ja band karo aur sahi sawal pucho sarkar se....
आप जैसे सच्ची खबरे दिखाने वाले लोगो का धन्यवाद। आप लोगो के कारण आज भी सच्ची पत्रकारिता जिंदा है।
सटीक तरपूर्ण विश्लेषण के लिए आपके हौशले को सलाम
इतनी शालीनता इतना देसीपन जुबान में लबो लहज़े में ठेठ गांव का ज़मीनी जुड़ाव ऐसा लग रहा खबर नहीं आपकी जुबान चटकारे ले रही है काम के प्रति इतनी निष्ठा ईमानदारी गरीबी देश सत्य गरीबों का हक़ दिलाती पत्रकारिता 👏👏👏👃👃👃👃 धन्यवाद चौरसिया भाई
सडती पत्रकारिता के बीच आप आशा हो!
@arwind sawant Not even one flaw? Do you hear yourself?
@arwind sawant I love sweet girls geeta, smriti, aarti, puja and tapassya is the most sexy.
@arwind sawantmanusmrit is a religious book ?? if u think so just letting u know i wouldn't even spit on that trash forget about following it as an hindu
@@arwindsawant8538 Draupadi ki najayez aulaad khulay mein Hagana bandh kar
Sadti buddhi ke aap Qayal ho 👌
Thanks!
अति सुन्दर विश्लेषण धन्यवाद
क्या यह वही अहसान फरामोश औरत है जिसने अपनी सहेली के अनगिनत अहसानों का बदला उस सहेली के पति को उसके माल सहित भगा कर और अपना पति बनाकर दिया था?
Yyyyyyyesss exactly is Aurt ne khud ke Mabap se bhi Esa hi kiya he Dagabazi
@@rashidarupani9519 क्या मैं जान सकता हूं कि इस दुष्टा ने उन बेचारों से क्या दगाबाजी की है?
नमस्कार चौरसिया जी , आपको समाचार. के लिये धन्यवाद ।
निश्चित रूप से यह माना जा सकता है कि हम मूर्खों के देश में निवास कर रहे
*Duniya
Nahi janaab. Aap kewal apna hi vishleshan kar rahe hain. Baaki log theek hain.
@@Exiide89.. Sahi kaha... Ye janaab murkh hi lagte hai. Baki ham sab to Gobar Gyani hai.
Pata nahi bechare par kya naubat aayi hogi jo verified sources pe rely karna aur desh ke muddo par dhyan dena padaa ho is murkh insaan ko. Kaash ye bhi hamaari tarah hindu muslim me lag jaaye. Bhai isko bhi gyaan do ki kaise Nehru aaj desh ka nuksaan kar raha hai, kaise congress se hame sawaal puchhne chahiye kyuki wo power me hai. Ye murkh log BJP ke pichhe pade hai... Unko koi bataaye ki mandir banaane me aur desh chalaane me fark hota hai, apne sawaal aur complaints ka nishana kahi aur lagaaye.
Jab desh ka mukhi ha to hamara desh vishwa garu zoor ban jayega
राहुल गांधी ने जितने भी आरोप लगाए थे सब के सब सच साबित हो रहा है चौकीदार ही भागीदार है
Chowkidar he "Chor" hai.
आदरणीय Jagat Kambojji🙏 !
हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है
औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
Pariwarwaad🥲
@@avadhutjoshi796 दो रुपल्ली आईटीसेल गैंग वाट्स अप यूनिवर्सिटी का फर्जी ज्ञान मत पेल मेरे भाई 🙏🙏🙏
@@jagatkamboj9975just bcz someone showing reality of your father orangeseb doesn't mean you'll be angry😂..
शानदार धारदार और दिलचस्प प्रस्तुति। इसीलिए तो हम न्यूज़लोंड्री की ख़बर के कायल हैं। शुक्रिया चौरसिया जी ❤
कमाल का अंदाज और असली पत्रकारिता 👍👍👍👍
शानदार बुलेटिन। शानदार एंकरिंग के लिए आपको बधाई भाई साहब
कोई बात नही अमेठी वालो , फिर जब चुनाव आयेगा तो धर्म देखकर वोट दे देना
Wo log usi k vote denge chahe koi garib atmhatya kre chahe kisi ki naukri jaye.
😂😂😂😂😂😂😂
ईरानी का pichwadaa भारी हो गया है
Sc st obc खुद ही बीजेपी को वोट देता है ।चुनाव के वक्त सब अचानक पलट जाता है।
Hn bhai denge vote aur dharm bhi dekhenge school ki condition bhi roads bhi hospital bhi aur itna sab dekhne ke baad bhi BJP ko hi jitayenge ❤
Lots of love from AMETHI
A crucial episode that shows how bad the rot has gotten in society. The brazenness of those seeking favours from this government is beyond words. It's a pity that the Supreme Court justices don't act against clearly deranged lower court judges. The rot in the last nine years has gotten so bad that I fear that even if Modi loses in 2024, it will take a long time and a lot of will to put things right. Congress should clarify that they will identify and crack down on all such elements and purge them determinedly.
Very true 👍
आदरणीय 🙏 !
हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है
औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
@@arwindsawant8538 gaye k
Lol😂😂
Very true. But, now, i m scared of congress too
Thankyou , apko mera respectfully Namon hai. Bahut achcha pol khol diya.
सर आप इतनी अच्छी पत्रकारिता करते हैं आपके सब्सक्राइबर दो चार करोड़ होने चाहिए लेकिन धिक्कार है ऐसी जनता पर जो फालतू के चैनलों को तो इतना मतलब पसंद करती है इसको डिस्को वाले लेकिन जनता को आप जैसा चैनल को बढ़ावा देना चाहिए जय हिंद जय भारत
अगर भारत को विश्व गुरु बनाना है तो आपका और आपके चैनल का होना बहुत जरूरी है
आदरणीयTalwarrajasthanji🙏 !
हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है
औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
@@avadhutjoshi796 आपके विचार श्रेष्ठ है मै आपका हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं जय भीम जय भारत
@@talwarrajasthan5744 जय भारत जय संविधान. देशव्यापी चर्चा की बात लोगों के साथ साझा करना और समर्थन करना ऐसी आपसे प्रार्थना है. 🙏. अवधूत जोशी
बीजेपी हटाओ देश बचाओ
यही तो हमारे देश में अंधभक्तों की पहचान है,
(मनुस्मृति = 💩 ahhhhhhh thuuuu )
आदरणीय 🙏 !
हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
Maodm ka rat mein jhagda hunga
Very nice thank you
Very good and correct analysis .thanks chaurasia साहिब.
'रेंटल मौलाना और राष्ट्रवादी आपा' बहुत बढ़िया अतुल जी।
आदरणीय 🙏 !
हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
itna shameless party nahi dekha ...😡😡
आगे आगे देखिए होता है क्या...
shameless koi party nhi hoti puri manav jati he shameless h aap bhi mai bhi hu hum sb h
Having sexual relationship in the promise of marriage should not be considered as rape. Women are not castles, they had sex by consent for what ever reasons it may be. Stupid Indian laws consider them as rape.
But India's 40-50% people are supporting this shameless party,they are giving votes to this party
आदरणीय 🙏 !
हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है
औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
How great you God bless you
Sachchi patrakarita ko koti koti Naman
समझ नहीं आ रहा इस देश का क्या होगा?
😭😭
Kuch nahi hoga. Next elections me bhi Dharam ke naam pe criminals ko vote de denge.
Very well researched presentation.
Good job, Atul bro.
आदरणीय 🙏 !
हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
Great journalism... Congratulations to the Newslaundry....
शानदार प्रस्तुति।साधुवाद।
I really feel sad for the reporters whose faith is unreported.
Thats why Dr B.R. Ambedkar burned Manu-Smrthi
बहुजन नेता पता नहीं क्यों डरपोक बने हुए हैं। बाबा साहब द्वारा लिखी किताबें पाठ्यक्रम में शामिल होनी चाहिए, जिससे नई पीढ़ी में वैज्ञानिक सोच विकसित हो सके।
@@realityground.4714दंगा फसाद मैं नीच जाति वाले ही ज्यादा होते है ।। ब्राह्मण और बीजेपी वालों के सपोर्ट में ।।पैसे के लिए नीच जाति के लोग अपनी लुगाई ।।ब्राह्मण के घर टुकाई के लिए चोद देते है ।।
आदरणीय 🙏 !
Dr.Babasaheb and his theory of Hindu religion is the root cause of all disputes. Before that there was no contradiction about Hindu religion. Either we should adopt his theory or reject his theory after finding truth. I have a better idea for this. Pl support it.
हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
@@avadhutjoshi796 राजाओं का इतिहास एक तरफा नहीं है, औरंगजेब इसलिए टारगेट पर है क्योंकि वो मुस्लिम था। राजस्थान के खेजडली शहीदों का इतिहास भी देखा जाना चाहिए जब पेड़ों को बचाने के लिए 400 से ज्यादा व्यक्तियों के सर काटे गए और मरने वाले कौन थे। जैसलमेर के रावल जालिम सिंह से तंग आकर पालीवाल ब्राह्मण क्यों जैसलमेर छोड़ने पर मजबूर हुए जिसके अवशेष कुलधारा के उजड़े गांव उसकी कहानी बताते हैं और भी राजाओं, सामंतों का उजला और कालिख इतिहास है, लेकिन वो सूट नहीं करेगा 😂🤭
@@avadhutjoshi796 अंबेडकर ने अपनी मर्जी से कुछ नहीं लिखा, उन्होंने वही बताया जो पहले से लिखा था।
Salute तुम जैसे निर्भीक पत्रकार के लिए
Jabardast reporting
Pehli baar dekha ye channel. Aapne bahot hi santulit aur sabhya bhasha me bade hi vyangatmak tarike se sach hum tak pahuchaya. 👍👍👍👍👍👍👍
Salute to Atul chaurasiya sir.
Spineless media owner can take action only by seeing the video also.
No need for madam Irani to call
😂😂😂😂
आप बहुत बहुत सुंदर शांत बोलते हो - काश विपक्षी दल को सद्बुधि आए और आपके प्रति अपना ऋण चुका पाए ।
आपकी पत्रकारिता की भाषा उच्च शिक्षा प्राप्तकर्ता संस्कार युक्त व्यक्ति है
Brilliant episode 👏 hope it reaches out to masses!
आदरणीय Navneet Kaurji🙏 !
हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
ये सरकार संवाद नहीं विवाद में विश्वास करती है 😬
आदरणीय Sarlaji 🙏 ! Isake pahale bhi hamari bat ho gayi hai. aaj thodi alag bat bhi hai.
हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है
औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
जागरूकता ही लोकतंत्र का जीवन है धन्यवाद युवा पीढ़ी शिक्षित है सोच समझ कर वोट करें आपके भविष्य का सवाल है। धन्यवाद
What a journalism it is... How calmly in full hindi he is dictating.. loved itttt❣️❣️❣️❣️
You guys are like ray of hope in the darkness 🙏🏻. God bless you immensely
बहुत सुंदर विश्लेषण करते हैं सर्!
💐💐 👌👌
आदरणीय Saumitra Mohanji🙏 !
हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है
औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
हम गुलामी की तरफ जा रहे है।😓😨
Fir bhi bjp bhakt samjhte nahin hai.
Lagbhag 60% log bjp bhakt hain😢
@@Sanatani_VirenSingh 😓😓
Thanks...
Aapko dilse salam h
Heart taching ❤
next level of journalism hat's off Guru🎉
सलाम करते है आपको 🎉
Great salute to you for your very good gernalism and reporting and analysis
Excellent efforts for explaining reality nicely 👍
Superb reporting as always 👏🏻👏🏻👏🏻
आदरणीय Atiyasheerinji🙏 !
हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
I m a huge fan of Tippadi. There’s nothing remotely like this any where in India or, I dare say, the entire world. From the choice of words to the storytelling style, everything is pure gold.
Chaursiya ji asking jai ho, ati mahaan karya hai aapka. Jai Bhim jai Bharat
Veri nice veri nice bahut acchi saheli mein aapane news bola iske liye bahut bahut dhanyvad
I am speechless!!!! Wah wah.... ur way of explaining is superb sir
आदरणीय Varinder Kaurji🙏 !
हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
Thank you for the wonderful show.
Great program well Done
Bhiya this appishod for
I humbly thanku
सर आपकी पत्रकारिता और आप को दिल ❤ से प्रणाम करता हू
Bahot khub.
Kadwa sach
आप का अंदाज सब से निराला है बहोत अच्छा है
This is so heartbreaking in a way. No wonder we are a nation of idiots!
indeed we r
Exactly..🤣😨
100% no doubt
Absoletly right. We should blame ourself for electing such fools . Lady in question is specimen.
You should change language of your comment or you will abused by Online bjp itcell employees
Desh bachao save country save democracy
Thankyou Sir for the truth 🙏
Bahut Sundar prastuti
शर्म आ रही है कि मैं भी उस देश का वासी हूँ जहाँ मनुस्मृति पढ़ी जाती है। 😢
आदरणीय🙏 !
हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं।
भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है
औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
हां आपको US ने वीजा देने से मना किया होगा,
नही तो आप NASA के scientest होते।
@@TheP-gb9prjaise Modi ko 12 saal tak US ne Visa nahi diya na
@@TheP-gb9prBaki usne kabhi ye nhi bola ki wo US ka nagrik hai
@@soumyas5576 मैने नही कहा की वो US ka निवासी है,
संभवतः आप mislead ho gaye hai
अति उत्तम प्रस्तुति और व्यंग्य । बधाई और धन्यवाद।
आदरणीय 🙏 !
महोदय, कृपया व्यंग्य से खुश न हों। ये विषय गंभीर प्रकृति के होते हैं। मेरे पास इसका गंभीर उपाय है। कृपया इसका समर्थन करें।
हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए।
औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया।
दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए।
और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था।
मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे?
जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए।
मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है।
यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है
1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है।
यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें।
आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें।
अवधूत जोशी
बहुत ही अच्छी सहाफ़त
इसके लिए दिल से सलाम❤❤❤
RAVISH KUMAR... AAP JAISE PATRAKARO KI DESH KO BAHUT JARURAT HAI..🙏🙏🙏
Andhbhakt mukt Bharat 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
😂😂😂😂😂
Shatparishat.100%.
Yes.
Bilkul 👍
aur sath m jihadi mukt bharat bhi
काश! यह जज जाति से दबे न होते तो मनुस्मृति को कोड न करते😡😡😡
सहमत हूं आपसे 👍
To vo Jude hi na ban pataa... brhamin bhadwe sirf brhamin ko hi support karte
@@mrkeshav736 udne wale bander ne banaya hai. 😂😂😂
Great ....Great...no words.
Excellently done as always! Kudos for the hardwork behind such work. Big Salute!!