परिवर्तन [भाग ०९]

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  • Опубликовано: 11 сен 2024
  • इस पुस्तक में प्राचीन आर्यावर्त का वैभव काल, भारत को क्यों विश्वगुरू और सोने की चिडिया कहा जाता था और फिर इसके लगातार पतन के कारण तथा पतनकाल की स्थितियां; साथ ही महर्षि दयानंद के आने के समय बन चुकी हमारी परिस्थितियां और ऋषि दयानंद का चिंतन और उनके द्वारा स्थापित आर्य समाज द्वारा किए गए समाज में "परिवर्तन" के क्रांतिकारी कार्यों को क्रमश: बताया गया है|

Комментарии • 2

  • @Bhagwaearab
    @Bhagwaearab 23 дня назад

    Aap samaj me prakash kar kahe he dhanyavad

    • @dilipl.vaidya3090
      @dilipl.vaidya3090 23 дня назад

      नमस्ते! धन्यवाद जी!!