क्या आप जानना चाहते है रमई काका ( स्वर्गीय चन्द्र भूषण त्रिवेदी जी) के बेटे और उनके परिवार के बारे मैं? अगर हां? तो देखिए Hindi podcast Dr Arun Trivedi Ji Kya app Janna chahate hai Ramai Kaka( Late Shri Chandra Bhushan Trivedi ji) ke family aur unke Bete ke baare mai ? Agar hain? Tho dekhiye Dr. Arun Trivedi Ji Podcast
श्री चंद्र भूषण त्रिवेदी उर्फ रम ई काका की बौछार पुहार गुलछर्रा बहुत पुस्तकें हमारे पास थीं उनकी कई कविताएँ अपनी कथा आयोजनों में हम संगीत बद्ध सुनाते थे बहुत बडे़ अवधी के विद्वान कवि थे ऐसे रत्न अब नहीं हो सकते उनका अंत समय सुना है कि दुखद रहा😢🦢 विनम्र श्रद्धांजलि 🙏🙏
@@praveenpandey203 पांडे जी धन्यवाद बौछार बहुत दिनों तक मेलों में पुस्तकों की दुकानों पर मिलती रही अब पता नहीं लेकिन फुहार कभी नज़र नहीं आई जिसमें जाड़े की कविता थी कुछ ग्रामयाचकी पंडितों के पास देखी और उसे प्राप्त करने का निवेदन किया यद्यपि बाद में उन्होंने बताया कि वो नष्ट हो चुकी है लेकिन हमें नहीं दिया था वर्ना आज भी सुरक्षित रहती हमारे पिता जी भिनसार लाए थे वो भी एक रिश्तेदार ने ज़प्त कर दिया था लेकिन सबसे लोकप्रिय बुढ़ऊ का ब्याह कविता थी जो हम तीनों भाइयों को याद है लेकिन उनकी कविताओं का लोप होना काव्य प्रेमियों को सदैव खटकता रहेगा🦢 🙏 आपको प्रणाम🙏
@@SureshTrivedi-qy1co सादर अभिवादन आदरणीय, वैसे अवधी भाषा का ही लोप हो रहा है।मेरा एक प्रयास है कि इसको पुनर्जीवित किया जाय। मैंने भी अवधी में कई रचनाएं लिखी हैं और आगे भी यह प्रयास जारी रहेगा।
आपकी इसी कविता की किताब थी जो मेरे पिताजी पढ़ते थे आज मैंने आपकी कविता सुनी तो बहुत अच्छी लगी बचपन की याद आ गई बहुत-बहुत धन्यवाद। 🙏
बहुत खूब
बहुत सुंदर
Wah pandey ji
आत्मिक आभार बंधुवर
वाह बहुत सुंदर
बहुत बहुत आभार
क्या आप जानना चाहते है रमई काका ( स्वर्गीय चन्द्र भूषण त्रिवेदी जी) के बेटे और उनके परिवार के बारे मैं?
अगर हां? तो देखिए Hindi podcast Dr Arun Trivedi Ji
Kya app Janna chahate hai Ramai Kaka( Late Shri Chandra Bhushan Trivedi ji) ke family aur unke Bete ke baare mai ?
Agar hain?
Tho dekhiye Dr. Arun Trivedi Ji Podcast
उम्दा 👌
Nice👍👍
Bahut sundar
Nice
👏👏👏👏👏👏👏👏Arre kabse khoj rahi thi. Bahut shukriya 🙏
सादर धन्यवाद आदरणीया
ब चे बहुत ❤❤❤हरं
🎉🎉🎉
Aapke padhne ka Andaaz bahut Achcha hai
सादर आभार आदरणीय
श्री चंद्र भूषण त्रिवेदी उर्फ रम ई काका की बौछार पुहार गुलछर्रा बहुत पुस्तकें हमारे पास थीं उनकी कई कविताएँ अपनी कथा आयोजनों में हम संगीत बद्ध सुनाते थे बहुत बडे़ अवधी के विद्वान कवि थे ऐसे रत्न अब नहीं हो सकते उनका अंत समय सुना है कि दुखद रहा😢🦢 विनम्र श्रद्धांजलि 🙏🙏
मुझे भी अवधी में बहुत रुचि है। बौछार पुस्तक अभी तक मेरे पास सुरक्षित है।
@@praveenpandey203 पांडे जी धन्यवाद बौछार बहुत दिनों तक मेलों में पुस्तकों की दुकानों पर मिलती रही अब पता नहीं लेकिन फुहार कभी नज़र नहीं आई जिसमें जाड़े की कविता थी कुछ ग्रामयाचकी पंडितों के पास देखी और उसे प्राप्त करने का निवेदन किया यद्यपि बाद में उन्होंने बताया कि वो नष्ट हो चुकी है लेकिन हमें नहीं दिया था वर्ना आज भी सुरक्षित रहती हमारे पिता जी भिनसार लाए थे वो भी एक रिश्तेदार ने ज़प्त कर दिया था लेकिन सबसे लोकप्रिय बुढ़ऊ का ब्याह कविता थी जो हम तीनों भाइयों को याद है लेकिन उनकी कविताओं का लोप होना काव्य प्रेमियों को सदैव खटकता रहेगा🦢 🙏 आपको प्रणाम🙏
@@SureshTrivedi-qy1co सादर अभिवादन आदरणीय, वैसे अवधी भाषा का ही लोप हो रहा है।मेरा एक प्रयास है कि इसको पुनर्जीवित किया जाय। मैंने भी अवधी में कई रचनाएं लिखी हैं और आगे भी यह प्रयास जारी रहेगा।
Merey pass b bauchhar book thi kahi kho gayi 😢
मेरे पास भी थी
बौछार और फुहार
9 की लकड़ी 90 खर्च
मैं kahueu वाह re तोंद वाह
छेछलद्यार वाली