आकाशवाणी लखनऊ से बाल्यकाल में स्वर्गीय श्री चंद्रभूषण त्रिवेदी की हास्य कविताएं नाटक झलकी मंत्रमुग्ध भावविभोर करने वाली हंसा हंसा कर लोटपोट कर देती थीं ऐसे कलाकार रत्न कवि बारंबार जन्म नहीं लेते वे अमर हो जाते हैं लेकिन सुना है आदि सुखद और अंत दुखद हुआ 🌹🙏 विनम्र श्रद्धांजलि 🙏🌹🚩
हम अविभूत है उन्नाव के बैसवरा की धरा पर जन्म लेकर जिसमे कलम और तलवार के पुरोधाओं का जन्म हुआ जिसमे से एक रमई काका (चंद्रभूषण त्रिवेदी) बैसवारी निवासी रावतपुर तिकौली मे हुआ जो साहित्य के साथ साथ अनवरत आकाशवाणी लखनउ से जुड़े रहे जब रेडियो का जमाना था तब काका हम सबके सुपर हीरो थे हमें इनपर नाज़ है।
स्वर्गीय श्री चंद्र भूषण त्रिवेदी उर्फ रमई काका बहरे बाबा 😀 अवधी सम्राट थे उनकी किताबें पढ़ते थे😅 उनके कई रिकॉर्ड रेडियो और ग्रामोफोन में अपने गाँव में सुना करते थे अब ऐसे कलाकार और कवि नहीं होंगे लेकिन उनका अंत सुना है बहुत दुखमय बीता था😢
सामाजिक ट्रेजडी को सहज कॉमेडी से पेश करने की सहज सरल कथा शैली आदरणीय चन्द्रभूषण त्रिवेदी जी की ही विलक्षण प्रतिभा की ही हो सकती है। मुझे सौभाग्य है कि मैं रेडियो युग के साथ पला-बढ़ा और बड़ा हुआ।मैने उनके सैकड़ों रेडियो प्रहसन सुने है।सभी सन्देशपरक होते थे।
आकाशवाणी लखनऊ से बाल्यकाल में स्वर्गीय श्री चंद्रभूषण त्रिवेदी की हास्य कविताएं नाटक झलकी मंत्रमुग्ध भावविभोर करने वाली हंसा हंसा कर लोटपोट कर देती थीं ऐसे कलाकार रत्न कवि बारंबार जन्म नहीं लेते वे अमर हो जाते हैं लेकिन सुना है आदि सुखद और अंत दुखद हुआ 🌹🙏 विनम्र श्रद्धांजलि 🙏🌹🚩
हम अविभूत है उन्नाव के बैसवरा की धरा पर जन्म लेकर जिसमे कलम और तलवार के पुरोधाओं का जन्म हुआ जिसमे से एक रमई काका (चंद्रभूषण त्रिवेदी) बैसवारी निवासी रावतपुर तिकौली मे हुआ जो साहित्य के साथ साथ अनवरत आकाशवाणी लखनउ से जुड़े रहे जब रेडियो का जमाना था तब काका हम सबके सुपर हीरो थे हमें इनपर नाज़ है।
स्वर्गीय श्री चंद्र भूषण त्रिवेदी उर्फ रमई काका बहरे बाबा 😀 अवधी सम्राट थे उनकी किताबें पढ़ते थे😅 उनके कई रिकॉर्ड रेडियो और ग्रामोफोन में अपने गाँव में सुना करते थे अब ऐसे कलाकार और कवि नहीं होंगे लेकिन उनका अंत सुना है बहुत दुखमय बीता था😢
My great grandmother krishna mishra.... Proud❤
❤ बाहरी बाबा नाटक बहुत बहुत पसंद लगा हंसी से भरपूर इंद्र पाल मिश्रा अमृता महोली सीतापुर
सामाजिक ट्रेजडी को सहज कॉमेडी से पेश करने की सहज सरल कथा शैली आदरणीय चन्द्रभूषण त्रिवेदी जी की ही विलक्षण प्रतिभा की ही हो सकती है।
मुझे सौभाग्य है कि मैं रेडियो युग के साथ पला-बढ़ा और बड़ा हुआ।मैने उनके सैकड़ों रेडियो प्रहसन सुने है।सभी सन्देशपरक होते थे।
Bahut hi sundar 🙏🏻🙏🏻
रेडियो की पुरानी यादें ताजा हो गईं,,
आपसे अनुरोध है कि जगराना लौटी नाटक हो तो अपलोड करें 🙏🙏🙏
O wow kaka baseaari
बहुत सुंदर कॉमेडी
Nice
verynice
😂😂😂😂😂
❤ ह❤❤😂😊😊
पुस्तक का नाम है बौछार।