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Acharya ji Geeta m sookshm shareer aur aatma ka vivran hai... ye ki aatma ko accha bura ni sehna padta lekin sookshm shareer sthool shareer ki mrityu k baad accha bura sehta h swarg narak m ... kya ye sahi h ?
सिर्फ 2 प्रश्न है आचार्य जि मर्नेके वाद तो मै खतम हि हो जाउङ्गा तो मुझे क्या पढी है प्रकृतिको मुक्ती दिलानेकी आचार्य जि? मर्ने से मै और मेरि अहन्कार खत्म होते है , यैसे मे मै जैसे भि जिउ खुस हु तो प्रकृति/ अहमवृत्ती जो भि है उसे मुक्त कर्नेका माध्यम मै क्यु बनु?? मै मुक्त होउङ्गा तो मर्नेके बादका अनुभव क्या होगा ? अगर मुक्त नहि हुवा तो क्या अनुभव होगा? अगर मर्नेके वाद सबकुछ खत्म होजाता है तो मै क्यु ध्यान दु उस प्रकृतिको मुक्ती दिलानेमे? क्यु? और , प्रकृति हमारे माध्यम से मुक्त होना चाहती है तो कित्निबार? कित्निबार मुक्त होगि? बुद्ध के माध्यम से भि मुक्त हुयि । कृष्ण , शिव , ओशो के माध्यम से भि मुक्त हुयि । अब हमे जन्म देरही है । सायद आपकी माध्यम से भि मुक्त होगि । य कैसि बला है प्रकृति जिसका मन कभी भरता हि नहि? कित्नी बार मुक्त होगि? य फिर सबकी प्रकृति अलग अलग है? सबकी common प्रकृति है तो एक बार मुक्त होगैना बुद्ध के माध्यम से ? फिर क्यु?
जब अह्म वृत्ति एक ही है और वो एक बार शांत होना चाहती है तो क्या वो महावीर बुद्ध जैसे लोगो के शरीर का प्रयोग करके शांत हो नहीं पाई।अब वो बार बार नए शरीर बनाकर फिर से उनसे शांत होने की उम्मीद क्यों लगती है। और प्रकृति खुद ही आह्म वृत्ति उत्पन्न करती है खुद ही अशांत होती है खुद ही शांत होने के लिए शरीर बनती है और जब शरीर उसको शांत करने में helpful नही होता तो उसको blame karti hai khatm kr deti hai क्या खेल है ये सब??
Saashtaang Namaskar to the greatest Guru of current times and among the greatest in all time! He’s surpassed all other fancy gurus that I hv followed till now but never been satisfied or convinced by. N my Aham isn’t hurt at all in denouncing or unfollowing them as this is what I was feeling inside me all along but AP has given the best reason fr that!🙌🙌🙌
I am a Sikh, what Acharya is saying is the True message of Gurbaani as well. Most sikhs don’t understand it as well. We are still obsessed with the cycle of birth and rebirth. According to Gurbaani and Saints like Bhagat Kabir, Naamdev, this different life forms are a mental state or states of mind. My Pranaam to Acharya for bringing out true spiritual philosophy 🙏🙏🙏
आचार्य जी का एक एक शब्द ,एक एक वाक्य ब्रह्म वाक्य है l आचार्य जी का ज्ञान तेजी से हमें सत्य की ओर ले जा रहा है lजैसे जैसे आचार्य जी को सुनती जा रही हूं अपनी अज्ञानता का बोध हो रहा है ,माया के प्रति सारे भ्रम टूट रहे हैं l मैंने कृष्ण को , बुद्ध को ,महावीर को ,कबीर साहब को नहीं देखा ,लेकिन मुझे आचार्य जी में ये सब नज़र आते हैं l कोटि कोटि नमन मेरे कृष्ण समान गुरुवर आचार्य प्रशांत को 🙏❤️
बुढ़ापा अवस्था की मृत्यु समझ में आती है लेकिन छोटे छोटे बच्चों की मृत्यु हो जाती है प्रकृति उसे जीवन जीने का अवसर क्यों नहीं देती. मृत्यु की कोई समय सीमा निश्चित नहीं है
आधुनिक अर्जुन( हम सब के प्रतिनिधि के रूप में अंशु) और सनातनी कृष्ण का ये संवाद जीवन और मृत्यु के अनगिनत रहस्य खोल रहा है उम्मीद है आचार्य जी की करुणा और प्रेम से हम लोग जल्दी ही आत्मसात् कर मुक्ति की और शिघ्रता से अग्रसर हो जाएँगे .🙏
मेरे जन्म का उद्धार हो गया आचार्य प्रशांत जी की वजह से, आचार्य प्रशांत एक सच्चे गुरु है सिर्फ सत्य के शांति के मार्ग पर चलने वाले और अनेकों को सत्य के मार्ग पर साथ लेके चलने वाले 🙏
अंशु भाई अत्यंत प्रशंसा के पात्र है, बहुत ही अच्छे प्रश्न पूछते है त्वरित विश्लेषण के आधार पर। इस प्रश्न का उत्तर लेकिन मुझे स्पष्ट नही हुआ कि जब अहम वृत्ति को हमसे पहले हुए महापुरुष जनों के शरीर से मुक्ति मिल गयी तो यह प्रकृति का खेल अभी तक क्यों चल रहा, अगर हम सिर्फ प्रकृति के उपकरण मात्र है जिनके माध्यम से अहम वृत्ति मुक्ति तलाश रही है तो मुक्ति तो उसे कई बार मिल गयी राम, कृष्ण , कबीर आदि के माध्यम से फिर मेरा निर्माण क्यों किया प्रकृति ने??
पेशे से डॉक्टर होने के बाद भी, दो दशकों से शरीर विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान का अध्ययन-अध्यापन करने के बाद भी, आज जो स्पष्टता आपके इस वीडियो ने दी है- शरीर,जीवन, मृत्यु के सम्बंध में, वो कभी नहीं थी मुझमें। अनुग्रहित हूँ। चरणस्पर्श आचार्य जी🙏🙏🙏🙏🙏
हर स्थिति में तुम्हें वो करना होता है जो तुम्हें ऊँचाई की ओर ले जाए और जब तुम ऊँचाई की ओर जाते हो तो वहाँ से संभावना बनती है और ऊँचा जाने की। तो इसी शरीर के भीतर पल-पल तुम्हारे पुनर्जन्म होते रहते हैं और कर्मफल प्राप्त होते रहते हैं। *आचार्य प्रशांत*
आज खलील जिब्रान की कहीं बात बेहतर समझ आ गयी वे कहते हैं कि- आपके बच्चे आपके बच्चे नहीं है वे जीवन की खुद के प्रति लालसा के पुत्र पुत्रियां हैं वे आपके द्वारा आये हैं पर आपसे नहीं आये, सहृदय धन्यवाद आचार्य जी🙏 आप लगातार अति जटिल और महत्वपूर्ण विषयों पर इतनी गहन और सटीक व्याख्या दे रहे हैं, बहुत विरल बातचीत है ये , आभारी हैं हम कि हमें सुनने का अवसर मिल रहा है।
0:55 - 8:48 जीवन क्या है और क्यों है? 8:49 -10:38 मृत्यु क्या है और क्यों है? 10:41 -15:00 इवोल्यूशनरी (क्रम-विकास-संबंधी) तल पर जीवन और मृत्यु। 17:17 - 20:25 क्या पुनर्जन्म होता है? 21:37 - 21:58 ये पूरा खेल इंपर्सनल (निर्वैयक्तिक) है? 22:00 - 25:30 फिर तो मैं आज ही सुसाइड (आत्महत्या) कर लेता हूँ? 25:41 - 26:37 अध्यात्म और विज्ञान। 26:54 - 29:06 अहं वृत्ति कहाँ से आई? अहं वृत्ति क्यों प्यासी है? 29:29 - 32:48 जीवन, मृत्यु और अहं वृत्ति। 32:49 - 36:24 इन दो मौतों में फ़र्क क्या? मुक्ति क्या है? 36:25 - 37:49 रोज़मर्रा जीवन। जीवन का उद्देश्य? 37:49 - 40:08 बाकी योनियाँ हैं ही क्यों? 40:18 - 41:49 छोटी योनि में ऊँचा काम? 43:55 - 46:22 आफ्टर लाइफ (मरणोपरांत जीवन)? 46:24 - 49:28 लोग गलत लोगों को गुरु क्यों बना लेते हैं? 49:32 - 52:41 अहंकार के कारण गलती न स्वीकारना। 53:01 - 54:13 क्या आचार्य जी अब भी हमसे कुछ छुपा रहे हैं? 54:44 - 1:00:59 क्यों विवेकानंद जैसे सच्चे, ईमानदार, धार्मिक व्यक्ति इतनी कम आयु में मौत को उपलब्ध हो जाते हैं? 1:01:00 - 1:06:39 कोई अमीर, कोई गरीब, कोई विकलांग, कोई काला, कोई गोरा क्यों-सब अलग परिस्थिति में क्यों हैं? 1:06:40 - 1:07:41 कर्मफल कैसे प्राप्त होता है? 1:07:41- 1:08:46 प्रेम क्या है? 1:08:52 - 1:10:00 अब भी कुतर्क हों तो?
अत्यंत बोधपूर्ण व्याख्यान एहसास होता है हम बाबा कबीर को ,बुद्ध को नानक को जीसस को ही सुन रहे है जीवन का उद्देश्य इस चर्चा में समाया हुआ है नमन आचार्य जी🙏
आपने कहा कि जब प्रकृति को यह निश्चय हो जाता है कि इस शरीर के माध्यम से मुक्ति सम्भव नहीं है तो वह उस शरीर को त्याग देती है /अर्थात उस शरीर की म्रत्यु हो जाती है .....पर बाद के सवाल में पूछा गया कि बहुत पापी/खराब लोग 90 -100साल तक जीते हैं , तो ऐसे पापी लोगों से प्रकृति को मुक्ति की आशा तो नहीं होती होगी तो फिर वह उस शरीर को त्याग क्यों नहीं देती ??.....आपके शब्दों में प्रकृति उस शरीर को मार को नहीं देती ...????
What a Great Knowledgeable person he is ! His explanation is clear like Science and deep like Sipritualism as both are the sides of the same coin of Wisdom . Pronam 🙏
@@sauravsharma7873 doctors BHI hamare jese hi to h , wohi body , wohi mind , wohi thought ... Sirf itna SA fark h wo wo human body k mechanism ko deeply jante h buss , or isi information se bhare mind ko hum doctor Bolte h..
Sir mujhe ek baat samajh nahin aati ke Agar punarjanm Nahin hota hai Sharir Ka, To Ham Jab Kisi dusre bekti ko loot ke Uske paisoSe Aaram Se Jindagi batate Hain aur chain Se Mar Jaate Hain To Koi Kahta Hai bo bahut bura aadami tha, dusre ke sath Hamesha galat kiya . to uska Paap jo hai bo kaise bhogega . Agar dusra Janm Nahin Hua to
बहुत बहुत धन्यवाद आचार्यजी।मेरी माता का 3 महीने पहले ही 78 वर्ष की आयु में निधन हुआ है जो बरसो विकलांग होने से एक ही बेड पर जीती रही। व मेरे साथ ही बरसो रही।उसके जाने से में आज तक नही समझ पाई की क्या हुआ,अब कैसे क्या करूंगी, चूंकि मेरा समग्र जीवन उसी के आसपास गुजरा।व अचानक में खाली सी हो गयी। रोज ही भगवान के सामने रौतीं ।की क्यों मेरे साथ ये किया।पर आज ये वीडियो सुनी व मन शांत हुआ ।समझी की उसका शरीर का काम खत्म हुआ था।सो उसको जाना हुआ।आपका बहुत बहुत धन्यवाद।,व नमन।
वर्तमान काल में आप मसीहा बनकर आए है आचार्य जी आप से प्रेरणा पा कर मैं अपने आप को और उत्कृष्ट और दूसरो को भी कुछ तर्कपूर्ण बता पाने के काबिल बन पा रहा हु शत शत नमन आपको🙏💐
सच पर बहस नहीं की जाती सच को स्वीकार किया जा सकता है और सच ये है कि इंसान कभी भी ये नहीं जान पायेगा कि जन्म और मृत्यु क्या है। जितने शब्द लिखे या बोले जाएंगे उतना सत्य छुपता जाएगा । ब्रह्म ही ब्रह्म को पैदा करता है, ब्रह्म ही ब्रह्म को पालता है और ब्रह्म ही ब्रह्म का विनाश करता है । आप एक महान आचार्य बनेंगे।
ये वीडियो आध्यात्मिक मार्ग पर मील का पत्थर है। वीडियो के अंत भाग से आज यह स्पष्ट हो गया कि आचार्य जी आप हम सभी से बेहद प्रेम करते हैं।😭🙏 🌼यह वीडियो गागर में सागर समान है।🌼 आपके ज्ञान और तर्क के आगे नतमस्तक हूं।🙏 सादर प्रणाम आचार्य जी 🙏
भारतीय जीवन दर्शन के आधार स्तंभ के सभी टॉपिक को समझना होगा.भारतीय जीवन दर्शन के विकास की जड़ों तक पहुँचने में आपकी बातचित काफी हेल्पफुल है आचार्य.थैंक्यू आचार्य
Acharya ko wahi samj sakta hai jo 24 hour khudko or veda,upnisaad,upveda,or sàath hi dusre sant mahatma,fakir ko day night study karte rahte hai kyonki sab ek dusre se interlink hai.Thankyou Acharya
आज फिर सुना और ऐसा लगा की आधुनिक गीता से अर्जुन के अतिरिक्त कौरव और पाण्डव भी एक साथ लाभान्वित हो रहे है . आचार्य जी आपको देख कर, सून कर हृदय द्रवित हो जाता है चेतना का सर्वोच्च शिखर हमारे सामने है देरी हमसे ही हो रही है 🙏
आचार्य श्री मैंने बहुत लोगो को सुनी हूँ, पर मैं ख़ुद ही उनमें खोट निकाल लेती थी, तो प्रभावित कभी हो नहीं पाई, अभी के जितने भी प्रचलित बाबा लोग हैं , मुझे आपके इतना ज्ञान तो था नहीं, पर जितना था उतने में ही दिख जाता था कि कम पता है इसको, और मैं आगे बढ़ जाती थी, मैंने कभी नहीं सोचा की ये लोग अपने फायदे के लिए लोगों को बेवकुफ़ बनाते हैं, मुझे लगता था इनको कम पता है, खैर ये मेरी मासूमियत ही थी , आप मेरे गुरु समान है, आपको प्रणाम ❤
धन्यवाद आचार्य जी आपने जो यह मौत की परिभाषा को समझाया है? वह अपने आप में एक सत्य का एक प्रतीक लग रहा है। प्रकृति को भी गर्व होगा कि उसका एक प्रयोग मुक्ति के शीर्ष पर पहुंचने के लिए आपको उपयोग किया। और आपकी बड़ी कृपा है, कि आपकी चेतना के माध्यम से हम जैसे कितने शरीर को मुक्ति की यात्रा करने में सहूलियत मिलेगी।
अज्ञान का मतलब यही है कि तुम *जीव* बनकर बैठे हो लेकिन तुमको पता हीं नहीं ये *जीवन* क्यों मिला है? तुम्हें ये जीवन इसलिए मिला है क्योंकि तुम सब बन्धनों, सब कष्टों से मुक्त हो सको। सारे अज्ञान को पीछे छोड़ सको -आचार्य प्रशांत
Thank you so much. You are helping in very noble cause. May God bless you.🙏😇 I hope more people will get inspired from you and will donate atleast 50-100 rupees. Our smallest contribution can make a big difference.🙌
कैसा अनुठा सम्योग रहा कि आज हि एक साधु कि लिखी लेख " देथ इज फिक्सन "नामक नौवी कि अङ्रेजी किताब मे देखा था और इस विडिओ पर भि आज हि नजर पढी , ऐसा लगता है "कृपा" बहुत जल्दी भ्रम तोड रही है, बहुत बहुत धन्यबाद इस भिडिओ के लिए !
आचार्य जी ये आपकी करुणा हे कि आप लौगों को ईतना समझा रहे हो लेकिन कबीर साहेब कि वाणी मुझे याद आरही हे । मूरख को समझावते, ज्ञान गांठ का जाय । कोयला होय ना ऊजरो , नव मन साबुन लाय ।। तुलसीदासजी ने भी कहा । मूरख हृदय न चेत, जो गुरु मिलहिं बिरचिं सम। फूलइ फरइ न बेत जदपि सुधा बरषहिं जलद ।।
50:04 Eye opening 👍👍 बात यह नहीं गुरु जी गलत हो सकते हैं कि नहीं हो सकते हैं; बात यह है कि मैंने उन्हें गुरु जी माना था। अरे! मैंने उन्हें गुरु जी माना था। तो अगर वो गलत हुए, तो कौन गलत हुआ, मैं गलत हुआ। तो मैं मानूँगा ही नहीं कि मेरे गुरु जी गलत है। मैं कुछ भी करके अपने गुरु जी को सही साबित करते की कोशिश करता रहूँगा क्योंकि वो मेरे गुरु जी हैं। यह अहंकार, व्यक्तिगत अहंकार की बात है। मान लो ना सीधे-सीधे तुमसे गलती हो गई। तुम पर्फेक्ट (पूर्णतः अच्छा, दोषरहित) हो क्या? तुम हर निर्णय में गलती करते हो। यह मानने में तुम्हें क्या दुविधा है? कि गुरु जिसको तुमने मान लिया, वहाँ भी तुमने गलती करी थी।
जब तक तुम्हें पूर्णता उपल्ब्ध नहीं होगी, तुम्हारे लिए यह सृजन का और विनाश का चक्र चलता रहेगा। जिन्हें मुक्ति मिल जाती है, उनके लिए प्रकृति का चक्र रुक जाता है। ठीक है? उनके अहं को पूर्णता मिल जाती है, उस पूर्णता को ही आत्मा कहते हैं।
guru dev words hi nahi h apke liye krtyaghta prakat karne ke liye...ap jo btate h vo smjh bhi ata h sun na b acha lgta h...warna kabhi spirituality,ved, upnishad k bare me suna tha samjha nahi...hm dhanya h jo apko sun pate h, ap hme itna sab batatein hai...itne ache videos provide karwane k liya apka aabhaar
Powerful aadmi to aacharya jee v bn skte the bhut bhut bhut jyada ....lekin unhon ne alg faisla kiya alg rah pkdi ................or ksam se esh bdi powerful raah aur koi nhi ...........jitni jldi jisko smjh aa jaye utna achha ................ye bhut jatil kaam h jo aacharya jee smjhane ki koshish kr rhe h ............bhut jatil ......aur smjhne waalon ke liye bhut aasaan v h
Start from wherever and whichever situation in you are. Don't wait for a specific day. I also used to think like that but not anymore. Your smallest contribution means a lot. Give whatever is possible now. 👍
Acharya Ji, I have got the highest level of clarity today. Watching you since 5 months and I have never doubted your intentions because I see my reflection in you. I too had the same thought process and intentions when I was 14 years old but got misled with time and conditioning. You did the job of restoring my consciousness back again. This was the best explanation of yours regarding human existence.
1:06:18 हर स्थिति पर तुम्हें वो करना होता है, जो तुम्हें ऊँचाई की ओर ले जाए। और जब तुम ऊँचाई की ओर जाते हो, तो फिर वहाँ से संभावना बनती है और ऊँचा जाने की। ठीक है? तो इसी शरीर के भीतर बहुत सारे तुम्हारे पुनर्जन्म होते रहते हैं। ठीक है? और कर्मफल तुम्हें प्राप्त होता रहता है। कर्मफल तुम्हें ऐसे नहीं प्राप्त होगा कि, इस शरीर के बाद तुम्हें बढ़िया, सुंदर और अमीर शरीर मिलेगा। कि अगर तुमने अभी अच्छे कर्म करें हैं, तो अगले जन्म में तुम एक सुंदर और अमीर घर में पैदा होओगे। कर्मफल ऐसे नहीं मिलता। कर्मफल ऐसे मिलता है कि अभी, आज अगर तुमने जीवन में सही निर्णय लिए, तो अगले पल तुम्हें और ताकत मिलेगी और सही निर्णय लेने की। देखो कर्मफल मिल गया। कर्मफल मिल गया, पुरस्कार मिल गया तुमको। अगर मैं सही हूँ, तो मैं और सही हो सकता हूँ। अगर मैं सही हूँ, तो अगले पल में मुझे और आनंद मिल सकता है। यह नहीं कि मैंने अगले पल के आनंद की कोशिश की थी। मैंने तो बस, इस पल में सही होना था। मुझे तो इस पल वो करना था, जो मेरी चेतना को ऊँचा ले जाए। लेकिन उसका मुझे पुरस्कार क्या मिला, फल क्या मिला? फल यह मिला कि अगले पल में, मैं और सही हो सकता हूँ। तो इसी जन्म के भीतर जो भी तुम्हारे पुनर्जन्म होने है वो हो जाएँगे। इसी जन्म के भीतर होंगे। इसी जन्म के भीतर कष्ट है, मृत्यु है, मुक्ति है, सब कुछ है। ये सारी बातें कि मैं मरूँगा, और फिर मैं फलानी जगह जन्म लूँगा, और फिर मुझे मुक्ति मिलेगी, ये व्यर्थ है।
Itni clarity 🙏🙏🙏🙏. Watching this video again after one year .. total 180 degrees transformation of my life since one year . Greatest teachers of my life Oshoji and Acharyaji! I request all of you to please start listening to acharyajis videos . Slowly slowly you will yourself start questioning everything around you . You will get the clarity to distinguish between right and wrong .
34:42 सब लोग प्रकृति को अपनी-अपनी दृष्टि से देखते हैं ना। जिसकी दृष्टि अभी साफ़ नहीं है, उसको लगेगा कि प्रकृति का चक्र चल ही रहा है। जिसकी दृष्टि साफ़ हो गई, उसके लिए प्रकृति का चक्र रुक गया, माने समय का चक्र रुक गया, माने वह समय से बाहर आ गया। कलाकार ने अपना काम कर लिया। कलाकार अब उठ करके सोने चला गया। इसी को कहते हैं कि प्रकृति पहुँच गई लय तक। सब समाप्ति हो गई।
आचार्य जी🙏 1. कृपया प्रकृति को विस्तार से स्पष्ट करने की कृपा करें और प्रकृति मुक्ति की कामना क्यों करती है, और प्रकृति बंधन में क्यों/कैसे आई ? 2. क्या परमात्मा ने प्रकृति को बनाया है,यदि नहीं तो प्रकृति को किसने बनाया और उसे बंधन कैसे हुआ? यदि हाँ तो "परमात्मा" को स्पष्ट करने की कृपा करें।
Believe me Acharya ji is giving greatest ever explanation on quantum physics,duality of matter ,schrodinger's cat experiment if one can observe deep enough .
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Ninda mat kijiye Plz
Pranam
Acharya ji Geeta m sookshm shareer aur aatma ka vivran hai... ye ki aatma ko accha bura ni sehna padta lekin sookshm shareer sthool shareer ki mrityu k baad accha bura sehta h swarg narak m ... kya ye sahi h ?
सिर्फ 2 प्रश्न है आचार्य जि
मर्नेके वाद तो मै खतम हि हो जाउङ्गा तो मुझे क्या पढी है प्रकृतिको मुक्ती दिलानेकी आचार्य जि?
मर्ने से मै और मेरि अहन्कार खत्म होते है , यैसे मे मै जैसे भि जिउ खुस हु तो प्रकृति/ अहमवृत्ती जो भि है
उसे मुक्त कर्नेका माध्यम मै क्यु बनु??
मै मुक्त होउङ्गा तो मर्नेके बादका अनुभव क्या होगा ? अगर मुक्त नहि हुवा तो क्या अनुभव होगा? अगर मर्नेके वाद सबकुछ खत्म होजाता है तो मै क्यु ध्यान दु उस प्रकृतिको मुक्ती दिलानेमे? क्यु?
और , प्रकृति हमारे माध्यम से मुक्त होना चाहती है तो कित्निबार? कित्निबार मुक्त होगि? बुद्ध के माध्यम से भि मुक्त हुयि । कृष्ण , शिव , ओशो के माध्यम से भि मुक्त हुयि । अब हमे जन्म देरही है । सायद आपकी माध्यम से भि मुक्त होगि । य कैसि बला है प्रकृति जिसका मन कभी भरता हि नहि? कित्नी बार मुक्त होगि? य फिर सबकी प्रकृति अलग अलग है? सबकी common प्रकृति है तो एक बार मुक्त होगैना बुद्ध के माध्यम से ? फिर क्यु?
जब अह्म वृत्ति एक ही है और वो एक बार शांत होना चाहती है तो क्या वो महावीर बुद्ध जैसे लोगो के शरीर का प्रयोग करके शांत हो नहीं पाई।अब वो बार बार नए शरीर बनाकर फिर से उनसे शांत होने की उम्मीद क्यों लगती है।
और प्रकृति खुद ही आह्म वृत्ति उत्पन्न करती है खुद ही अशांत होती है खुद ही शांत होने के लिए शरीर बनती है और जब शरीर उसको शांत करने में helpful नही होता तो उसको blame karti hai khatm kr deti hai
क्या खेल है ये सब??
ये बाते अगर आचार्य जी ना होते तो जीवन भर पता नहीं लगती।।
100%
Acharya ji Aisa aur vi hain ...par Acharya ji ke phle Mila..Acharya ji ko naman
bhai meko toh nahi samaj raha
Sacche guru hai
जिस मरने से जग डरे,मेरे मन आनंद।
मरने से ही पाइए, पूर्ण परमानंद।
कबीर दास
बहुत सही बात बोले आप , परमानंद सब्द का सही अर्थ अपने बताया, धन्यवाद।
मौत आवती देख के दिया कबीर रोए
जो सुख साध संगत में वो बैकुण्ठ ना होए
कहो कबीर एह पंच को झगरा झगरत जनम गवाययो
Saashtaang Namaskar to the greatest Guru of current times and among the greatest in all time! He’s surpassed all other fancy gurus that I hv followed till now but never been satisfied or convinced by. N my Aham isn’t hurt at all in denouncing or unfollowing them as this is what I was feeling inside me all along but AP has given the best reason fr that!🙌🙌🙌
I am a Sikh, what Acharya is saying is the True message of Gurbaani as well. Most sikhs don’t understand it as well. We are still obsessed with the cycle of birth and rebirth. According to Gurbaani and Saints like Bhagat Kabir, Naamdev, this different life forms are a mental state or states of mind. My Pranaam to Acharya for bringing out true spiritual philosophy 🙏🙏🙏
आचार्य जी का एक एक शब्द ,एक एक वाक्य ब्रह्म वाक्य है l आचार्य जी का ज्ञान तेजी से हमें सत्य की ओर ले जा रहा है lजैसे जैसे आचार्य जी को सुनती जा रही हूं अपनी अज्ञानता का बोध हो रहा है ,माया के प्रति सारे भ्रम टूट रहे हैं l मैंने कृष्ण को , बुद्ध को ,महावीर को ,कबीर साहब को नहीं देखा ,लेकिन मुझे आचार्य जी में ये सब नज़र आते हैं l कोटि कोटि नमन मेरे कृष्ण समान गुरुवर आचार्य प्रशांत को 🙏❤️
बुढ़ापा अवस्था की मृत्यु समझ में आती है लेकिन छोटे छोटे बच्चों की मृत्यु हो जाती है प्रकृति उसे जीवन जीने का अवसर क्यों नहीं देती. मृत्यु की कोई समय सीमा निश्चित नहीं है
आधुनिक अर्जुन( हम सब के प्रतिनिधि के रूप में अंशु) और सनातनी कृष्ण का ये संवाद जीवन और मृत्यु के अनगिनत रहस्य खोल रहा है उम्मीद है आचार्य जी की करुणा और प्रेम से हम लोग जल्दी ही आत्मसात् कर मुक्ति की और शिघ्रता से अग्रसर हो जाएँगे .🙏
अंशु जी कों समझ आया या नहीं पता नहीं, पर हमें अच्छे से समझ आ गया, इतनी अच्छी तरह से समझाने के लिए सुक्रिया सार 🙏
मेरे जन्म का उद्धार हो गया आचार्य प्रशांत जी की वजह से, आचार्य प्रशांत एक सच्चे गुरु है सिर्फ सत्य के शांति के मार्ग पर चलने वाले और अनेकों को सत्य के मार्ग पर साथ लेके चलने वाले 🙏
शरीर तो मोक्ष प्राप्ति का साधन मात्र है : आचार्य प्रशांत 🙏
The great Guru Ji 🙏👍❤️🌍.
कोटि कोटि नमन गुरु जी❤❤❤❤❤
अंशु भाई अत्यंत प्रशंसा के पात्र है, बहुत ही अच्छे प्रश्न पूछते है त्वरित विश्लेषण के आधार पर।
इस प्रश्न का उत्तर लेकिन मुझे स्पष्ट नही हुआ कि जब अहम वृत्ति को हमसे पहले हुए महापुरुष जनों के शरीर से मुक्ति मिल गयी तो यह प्रकृति का खेल अभी तक क्यों चल रहा, अगर हम सिर्फ प्रकृति के उपकरण मात्र है जिनके माध्यम से अहम वृत्ति मुक्ति तलाश रही है तो मुक्ति तो उसे कई बार मिल गयी राम, कृष्ण , कबीर आदि के माध्यम से फिर मेरा निर्माण क्यों किया प्रकृति ने??
धन्यवाद आचार्य जी। आप की आवश्यकता आज पूरे विश्व को हैं।।❣️❣️❣️❣️❣️🙏🙏🙏
सरल तरीके से ज्ञान की बाते बताने के लिए आपको शत शत नमन
पेशे से डॉक्टर होने के बाद भी, दो दशकों से शरीर विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान का अध्ययन-अध्यापन करने के बाद भी, आज जो स्पष्टता आपके इस वीडियो ने दी है- शरीर,जीवन, मृत्यु के सम्बंध में, वो कभी नहीं थी मुझमें।
अनुग्रहित हूँ।
चरणस्पर्श आचार्य जी🙏🙏🙏🙏🙏
Right
हर स्थिति में तुम्हें वो करना होता है
जो तुम्हें ऊँचाई की ओर ले जाए
और जब तुम ऊँचाई की ओर जाते हो
तो वहाँ से संभावना बनती है
और ऊँचा जाने की।
तो इसी शरीर के भीतर पल-पल
तुम्हारे पुनर्जन्म होते रहते हैं
और कर्मफल प्राप्त होते रहते हैं।
*आचार्य प्रशांत*
Perfect
आज खलील जिब्रान की कहीं बात बेहतर समझ आ गयी वे कहते हैं कि- आपके बच्चे आपके बच्चे नहीं है वे जीवन की खुद के प्रति लालसा के पुत्र पुत्रियां हैं वे आपके द्वारा आये हैं पर आपसे नहीं आये, सहृदय धन्यवाद आचार्य जी🙏 आप लगातार अति जटिल और महत्वपूर्ण विषयों पर इतनी गहन और सटीक व्याख्या दे रहे हैं, बहुत विरल बातचीत है ये , आभारी हैं हम कि हमें सुनने का अवसर मिल रहा है।
Tomarji ekdum sahi kaha aapne chunki aapne b wahu baat kahi jo mei kahna chahta tha isiliye comment na karke aapki baat ka samarthan kar raha hun.
@@shivanshshashi google kar lo bhai
हम आजीवन ऋणी रहेंगे आपके आचार्य जी...
कोटि कोटि नमन
0:55 - 8:48 जीवन क्या है और क्यों है?
8:49 -10:38 मृत्यु क्या है और क्यों है?
10:41 -15:00 इवोल्यूशनरी (क्रम-विकास-संबंधी) तल पर जीवन और मृत्यु।
17:17 - 20:25 क्या पुनर्जन्म होता है?
21:37 - 21:58 ये पूरा खेल इंपर्सनल (निर्वैयक्तिक) है?
22:00 - 25:30 फिर तो मैं आज ही सुसाइड (आत्महत्या) कर लेता हूँ?
25:41 - 26:37 अध्यात्म और विज्ञान।
26:54 - 29:06 अहं वृत्ति कहाँ से आई? अहं वृत्ति क्यों प्यासी है?
29:29 - 32:48 जीवन, मृत्यु और अहं वृत्ति।
32:49 - 36:24 इन दो मौतों में फ़र्क क्या? मुक्ति क्या है?
36:25 - 37:49 रोज़मर्रा जीवन। जीवन का उद्देश्य?
37:49 - 40:08 बाकी योनियाँ हैं ही क्यों?
40:18 - 41:49 छोटी योनि में ऊँचा काम?
43:55 - 46:22 आफ्टर लाइफ (मरणोपरांत जीवन)?
46:24 - 49:28 लोग गलत लोगों को गुरु क्यों बना लेते हैं?
49:32 - 52:41 अहंकार के कारण गलती न स्वीकारना।
53:01 - 54:13 क्या आचार्य जी अब भी हमसे कुछ छुपा रहे हैं?
54:44 - 1:00:59 क्यों विवेकानंद जैसे सच्चे, ईमानदार, धार्मिक व्यक्ति इतनी कम आयु में मौत को उपलब्ध हो जाते हैं?
1:01:00 - 1:06:39 कोई अमीर, कोई गरीब, कोई विकलांग, कोई काला, कोई गोरा क्यों-सब अलग परिस्थिति में क्यों हैं?
1:06:40 - 1:07:41 कर्मफल कैसे प्राप्त होता है?
1:07:41- 1:08:46 प्रेम क्या है?
1:08:52 - 1:10:00 अब भी कुतर्क हों तो?
अत्यंत बोधपूर्ण व्याख्यान
एहसास होता है हम बाबा कबीर को ,बुद्ध को नानक को जीसस को ही सुन रहे है
जीवन का उद्देश्य इस चर्चा में समाया हुआ है नमन आचार्य जी🙏
Jesa aapko laga vesa hi hum sab b mehsus kar rahe hei.
Yes
*RUclips should recommend this to every Indian 🇮🇳.*
*Acharya Prashant has the power to guide the entire Human race. 🙏🙏🏿🙏🏾🙏🏽🙏🏼🙏🏻*
आपने कहा कि जब प्रकृति को यह निश्चय हो जाता है कि इस शरीर के माध्यम से मुक्ति सम्भव नहीं है तो वह उस शरीर को त्याग देती है /अर्थात उस शरीर की म्रत्यु हो जाती है .....पर बाद के सवाल में पूछा गया कि बहुत पापी/खराब लोग 90 -100साल तक जीते हैं , तो ऐसे पापी लोगों से प्रकृति को मुक्ति की आशा तो नहीं होती होगी तो फिर वह उस शरीर को त्याग क्यों नहीं देती ??.....आपके शब्दों में प्रकृति उस शरीर को मार को नहीं देती ...????
उसे ज्यादा मौका दिया जाता है
What a Great Knowledgeable person he is ! His explanation is clear like Science and deep like Sipritualism as both are the sides of the same coin of Wisdom . Pronam 🙏
वो शरीर स्वस्थ है जिससे मुक्ति का
परिमाण मिल रहा हो।
भले हीं मेडिकल साइंस कहती रहे
ये शरीर बीमार है।
-आचार्य प्रशांत
Ji👍 ryt👌
एक चिकित्सक होते हुए आपके मुख से ये बात सुनकर मेरा उत्साह बढ गया
Ji gupta ji
@@sauravsharma7873 doctors BHI hamare jese hi to h , wohi body , wohi mind , wohi thought ... Sirf itna SA fark h wo wo human body k mechanism ko deeply jante h buss , or isi information se bhare mind ko hum doctor Bolte h..
Sir mujhe ek baat samajh nahin aati ke Agar punarjanm Nahin hota hai Sharir Ka, To Ham Jab Kisi dusre bekti ko loot ke Uske paisoSe Aaram Se Jindagi batate Hain aur chain Se Mar Jaate Hain To Koi Kahta Hai bo bahut bura aadami tha, dusre ke sath Hamesha galat kiya . to uska Paap jo hai bo kaise bhogega . Agar dusra Janm Nahin Hua to
बहुत बहुत धन्यवाद आचार्यजी।मेरी माता का 3 महीने पहले ही 78 वर्ष की आयु में निधन हुआ है जो बरसो विकलांग होने से एक ही बेड पर जीती रही। व मेरे साथ ही बरसो रही।उसके जाने से में आज तक नही समझ पाई की क्या हुआ,अब कैसे क्या करूंगी, चूंकि मेरा समग्र जीवन उसी के आसपास गुजरा।व अचानक में खाली सी हो गयी। रोज ही भगवान के सामने रौतीं ।की क्यों मेरे साथ ये किया।पर आज ये वीडियो सुनी व मन शांत हुआ ।समझी की उसका शरीर का काम खत्म हुआ था।सो उसको जाना हुआ।आपका बहुत बहुत धन्यवाद।,व नमन।
🙏🙏
"प्रकृति का प्रत्येक दीपक सूरज नहीं हो जाता लेकिन प्रत्येक दीपक में सूरज बन जाने के क्षमता होती है"
- 🌄💐आचार्य प्रशांत ❤️🌷🌹🥀
व्यक्ति ने बहुत अच्छे प्रश्न पूछे हैं।
वर्तमान काल में आप मसीहा बनकर आए है आचार्य जी आप से प्रेरणा पा कर मैं अपने आप को और उत्कृष्ट और दूसरो को भी कुछ तर्कपूर्ण बता पाने के काबिल बन पा रहा हु
शत शत नमन आपको🙏💐
सच पर बहस नहीं की जाती सच को स्वीकार किया जा सकता है और सच ये है कि इंसान कभी भी ये नहीं जान पायेगा कि जन्म और मृत्यु क्या है। जितने शब्द लिखे या बोले जाएंगे उतना सत्य छुपता जाएगा । ब्रह्म ही ब्रह्म को पैदा करता है, ब्रह्म ही ब्रह्म को पालता है और ब्रह्म ही ब्रह्म का विनाश करता है । आप एक महान आचार्य बनेंगे।
These types of teachings should be applied in schools .
यहां मुक्ति का अर्थ परम शांति,आंनद,सत्य,प्रेम, निडरता और संतुष्टि की अवस्था है कोई सच में सूरज नहीं बन जाएगा।
ये वीडियो आध्यात्मिक मार्ग पर मील का पत्थर है। वीडियो के अंत भाग से आज यह स्पष्ट हो गया कि आचार्य जी आप हम सभी से बेहद प्रेम करते हैं।😭🙏
🌼यह वीडियो गागर में सागर समान है।🌼
आपके ज्ञान और तर्क के आगे नतमस्तक हूं।🙏
सादर प्रणाम आचार्य जी 🙏
भारतीय जीवन दर्शन के आधार स्तंभ के सभी टॉपिक को समझना होगा.भारतीय जीवन दर्शन के विकास की जड़ों तक पहुँचने में आपकी बातचित काफी हेल्पफुल है आचार्य.थैंक्यू आचार्य
ओम् आचार्य श्री आप को मृत्यु का दिव्य ज्ञान देने के लिए बहुत - बहुत धन्यवाद,
नमन, वंदन, प्रणाम।
आचार्य जी के चरणों में कोटि कोटि नमन🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼❤ इतने गूढ रहस्य आज तक किसी धर्मगुरु ने नहीं बताएं और लोगों को अज्ञान में रखा
Acharya ko wahi samj sakta hai jo 24 hour khudko or veda,upnisaad,upveda,or sàath hi dusre sant mahatma,fakir ko day night study karte rahte hai kyonki sab ek dusre se interlink hai.Thankyou Acharya
आज फिर सुना और ऐसा लगा की आधुनिक गीता से अर्जुन के अतिरिक्त कौरव और पाण्डव भी एक साथ लाभान्वित हो रहे है .
आचार्य जी आपको देख कर, सून कर हृदय द्रवित हो जाता है
चेतना का सर्वोच्च शिखर हमारे सामने है
देरी हमसे ही हो रही है 🙏
आचार्य जी और अंशु जी चरणस्पर्श🙌
आभार व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं है मेरे पास।
भारत देश का परम भाग्य है और भविष्य उज्ज्वल है।🙏
ये बातें दुनिया के हर कोने तक पहुँचनी चाहिए।
आचार्य श्री मैंने बहुत लोगो को सुनी हूँ, पर मैं ख़ुद ही उनमें खोट निकाल लेती थी, तो प्रभावित कभी हो नहीं पाई, अभी के जितने भी प्रचलित बाबा लोग हैं , मुझे आपके इतना ज्ञान तो था नहीं, पर जितना था उतने में ही दिख जाता था कि कम पता है इसको, और मैं आगे बढ़ जाती थी, मैंने कभी नहीं सोचा की ये लोग अपने फायदे के लिए लोगों को बेवकुफ़ बनाते हैं, मुझे लगता था इनको कम पता है, खैर ये मेरी मासूमियत ही थी , आप मेरे गुरु समान है, आपको प्रणाम ❤
धन्यवाद आचार्य जी आपने जो यह मौत की परिभाषा को समझाया है? वह अपने आप में एक सत्य का एक प्रतीक लग रहा है। प्रकृति को भी गर्व होगा कि उसका एक प्रयोग मुक्ति के शीर्ष पर पहुंचने के लिए आपको उपयोग किया। और आपकी बड़ी कृपा है, कि आपकी चेतना के माध्यम से हम जैसे कितने शरीर को मुक्ति की यात्रा करने में सहूलियत मिलेगी।
अज्ञान का मतलब यही है
कि तुम *जीव* बनकर बैठे हो
लेकिन तुमको पता हीं नहीं
ये *जीवन* क्यों मिला है?
तुम्हें ये जीवन इसलिए मिला है
क्योंकि तुम सब बन्धनों,
सब कष्टों से मुक्त हो सको।
सारे अज्ञान को पीछे छोड़ सको
-आचार्य प्रशांत
ओशो के बाद सटीक बातें करने वाले आप अकेले ही हैं ✍️
प्रस्तुति के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद🙏 धन्यवादउपस्थिति के लिए धन्यवाद 🙏
इवोल्यूशनरी (क्रम-विकास-संबंधी) तल पर जीवन और मृत्यु।
10:41 लाइसोसोम
12:52 एपोप्टोसिस
13:31 नेक्रोसिस
15:59 मिटोसिस (समसूत्री विभाजन)
Thanks
Thank you so much. You are helping in very noble cause. May God bless you.🙏😇
I hope more people will get inspired from you and will donate atleast 50-100 rupees. Our smallest contribution can make a big difference.🙌
Hello Sir, I am a Doctor and I never heard such meaningful definition of Health. Thank you
उपस्थिति के लिए धन्यवाद 🙏प्रस्तुति के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद🙏 धन्यवाद
Aisa lgta hai khud aatma guru bnkr hme saccha marg dikha rhi hai..taki hme mukti mile...❤
कैसा अनुठा सम्योग रहा कि आज हि एक साधु कि लिखी लेख " देथ इज फिक्सन "नामक नौवी कि अङ्रेजी किताब मे देखा था और इस विडिओ पर भि आज हि नजर पढी , ऐसा लगता है "कृपा" बहुत जल्दी भ्रम तोड रही है, बहुत बहुत धन्यबाद इस भिडिओ के लिए !
Acharya ji to hamesha ki tarah sateek aur sundar jawaab de hi rahe hain par parshnkarta bhi kaafi hoshiyaar hai.
आचार्य जी ये आपकी करुणा हे कि आप लौगों को ईतना समझा रहे हो लेकिन कबीर साहेब कि वाणी मुझे याद आरही हे । मूरख को समझावते, ज्ञान गांठ का जाय । कोयला होय ना ऊजरो , नव मन साबुन लाय ।। तुलसीदासजी ने भी कहा । मूरख हृदय न चेत, जो गुरु मिलहिं बिरचिं सम। फूलइ फरइ न बेत जदपि सुधा बरषहिं जलद ।।
Me bar bar is video ko sunungi taaki jaldi se jaldi mukt ho jaun.
Pranam achary shri 👏💐
50:04 Eye opening 👍👍
बात यह नहीं गुरु जी गलत हो सकते हैं कि नहीं हो सकते हैं; बात यह है कि मैंने उन्हें गुरु जी माना था। अरे! मैंने उन्हें गुरु जी माना था। तो अगर वो गलत हुए, तो कौन गलत हुआ, मैं गलत हुआ। तो मैं मानूँगा ही नहीं कि मेरे गुरु जी गलत है। मैं कुछ भी करके अपने गुरु जी को सही साबित करते की कोशिश करता रहूँगा क्योंकि वो मेरे गुरु जी हैं। यह अहंकार, व्यक्तिगत अहंकार की बात है।
मान लो ना सीधे-सीधे तुमसे गलती हो गई। तुम पर्फेक्ट (पूर्णतः अच्छा, दोषरहित) हो क्या? तुम हर निर्णय में गलती करते हो। यह मानने में तुम्हें क्या दुविधा है? कि गुरु जिसको तुमने मान लिया, वहाँ भी तुमने गलती करी थी।
प्रणाम आचार्य जी बहुत अच्छे से समझ आ गया धन्यवाद आचार्य जी
I had been studying Vedanta for the past so many years. Never got it in such a beautiful way. Really a prasadam
Love You Acharya Shri JI.....
he is one of the greatest teacher like buddha, krishna etc
Ultimate clearity(परम स्पष्टता) 🙏💚🐚🌺🌸🌻Hare krishna
बहुत ही सुंदर तरीके से स्पष्ट किया आचार्य जी ने, इस भ्रम को दूर करने के लिए बहुत ही सरल (जटिल) वीडियो है।
जब तक तुम्हें पूर्णता उपल्ब्ध नहीं होगी, तुम्हारे लिए यह सृजन का और विनाश का चक्र चलता रहेगा।
जिन्हें मुक्ति मिल जाती है, उनके लिए प्रकृति का चक्र रुक जाता है। ठीक है? उनके अहं को पूर्णता मिल जाती है, उस पूर्णता को ही आत्मा कहते हैं।
गुरु जी!प्रणाम
पूर्ण सहमति
पूर्ण संतुष्टि।
guru dev words hi nahi h apke liye krtyaghta prakat karne ke liye...ap jo btate h vo smjh bhi ata h sun na b acha lgta h...warna kabhi spirituality,ved, upnishad k bare me suna tha samjha nahi...hm dhanya h jo apko sun pate h, ap hme itna sab batatein hai...itne ache videos provide karwane k liya apka aabhaar
सत सत प्रणाम आचार्य जी किया सारे भरम सब दूर🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹
Powerful aadmi to aacharya jee v bn skte the bhut bhut bhut jyada ....lekin unhon ne alg faisla kiya alg rah pkdi ................or ksam se esh bdi powerful raah aur koi nhi ...........jitni jldi jisko smjh aa jaye utna achha ................ye bhut jatil kaam h jo aacharya jee smjhane ki koshish kr rhe h ............bhut jatil ......aur smjhne waalon ke liye bhut aasaan v h
When I become a financial independent I donate a huge amount of money to help in Mukiti to all ❤️
🙏🏻
Start from wherever and whichever situation in you are. Don't wait for a specific day. I also used to think like that but not anymore. Your smallest contribution means a lot. Give whatever is possible now. 👍
Acharya Ji, I have got the highest level of clarity today. Watching you since 5 months and I have never doubted your intentions because I see my reflection in you. I too had the same thought process and intentions when I was 14 years old but got misled with time and conditioning. You did the job of restoring my consciousness back again. This was the best explanation of yours regarding human existence.
शत् शत् नमन्. आपके वृहद ज्ञान को जीवन के गूढ़ रहस्य को दंडवत प्रणाम.🙏🙏🙏✌✌🙌🙌🙌🙌🙌🙌🙌
1:06:18 हर स्थिति पर तुम्हें वो करना होता है, जो तुम्हें ऊँचाई की ओर ले जाए। और जब तुम ऊँचाई की ओर जाते हो, तो फिर वहाँ से संभावना बनती है और ऊँचा जाने की। ठीक है? तो इसी शरीर के भीतर बहुत सारे तुम्हारे पुनर्जन्म होते रहते हैं। ठीक है? और कर्मफल तुम्हें प्राप्त होता रहता है।
कर्मफल तुम्हें ऐसे नहीं प्राप्त होगा कि, इस शरीर के बाद तुम्हें बढ़िया, सुंदर और अमीर शरीर मिलेगा। कि अगर तुमने अभी अच्छे कर्म करें हैं, तो अगले जन्म में तुम एक सुंदर और अमीर घर में पैदा होओगे। कर्मफल ऐसे नहीं मिलता। कर्मफल ऐसे मिलता है कि अभी, आज अगर तुमने जीवन में सही निर्णय लिए, तो अगले पल तुम्हें और ताकत मिलेगी और सही निर्णय लेने की। देखो कर्मफल मिल गया। कर्मफल मिल गया, पुरस्कार मिल गया तुमको।
अगर मैं सही हूँ, तो मैं और सही हो सकता हूँ। अगर मैं सही हूँ, तो अगले पल में मुझे और आनंद मिल सकता है। यह नहीं कि मैंने अगले पल के आनंद की कोशिश की थी। मैंने तो बस, इस पल में सही होना था। मुझे तो इस पल वो करना था, जो मेरी चेतना को ऊँचा ले जाए। लेकिन उसका मुझे पुरस्कार क्या मिला, फल क्या मिला? फल यह मिला कि अगले पल में, मैं और सही हो सकता हूँ।
तो इसी जन्म के भीतर जो भी तुम्हारे पुनर्जन्म होने है वो हो जाएँगे। इसी जन्म के भीतर होंगे। इसी जन्म के भीतर कष्ट है, मृत्यु है, मुक्ति है, सब कुछ है। ये सारी बातें कि मैं मरूँगा, और फिर मैं फलानी जगह जन्म लूँगा, और फिर मुझे मुक्ति मिलेगी, ये व्यर्थ है।
This channel deserves 1 billion subscribers and 100+ billion views.
Maan gayi appko Aacharya Sir ji..🎉😊 I got all wht I ws looking for!
Mere acharya ji mere pyare baba🙏🙏🙏❤️❤️
❤❤acharya prashant
आचार्य जी आप तो biology मे master हो 🙏🏽🙏🏽🙏🏽🙏🏽
प्रकृति का उद्देश्य इतना रहस्यमय क्यों है ? प्रकृति हमे इतना सामर्थ्य क्यों नहीं बना देता ।
Itni clarity 🙏🙏🙏🙏. Watching this video again after one year .. total 180 degrees transformation of my life since one year . Greatest teachers of my life Oshoji and Acharyaji! I request all of you to please start listening to acharyajis videos . Slowly slowly you will yourself start questioning everything around you . You will get the clarity to distinguish between right and wrong .
I'm here just because of questioning and I'm getting all answers here.
कितने उच्च कोटि की बात है।
प्रणाम 🙏
🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁अध्यात्म की आत्यंतिक गहराइयों को छूता आचार्य जी का उद्बोधन, इस चैनल के सर्वश्रेष्ठ विडियोज में से एक।।🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁
Thanks!
🙏
अतुलनीय वर्णन आचार्य जी आपको कोटि-कोटि नमन धन्यवाद
🌸🌸🌸🌸🌸
34:42 सब लोग प्रकृति को अपनी-अपनी दृष्टि से देखते हैं ना। जिसकी दृष्टि अभी साफ़ नहीं है, उसको लगेगा कि प्रकृति का चक्र चल ही रहा है। जिसकी दृष्टि साफ़ हो गई, उसके लिए प्रकृति का चक्र रुक गया, माने समय का चक्र रुक गया, माने वह समय से बाहर आ गया। कलाकार ने अपना काम कर लिया। कलाकार अब उठ करके सोने चला गया। इसी को कहते हैं कि प्रकृति पहुँच गई लय तक। सब समाप्ति हो गई।
बहुत बढ़िया series चल रहा हैं ।।।
कृपया इसे continue रखें 🙏🙏🙏
बहुत -बहुत धन्यवाद 🙏🙏🙏
मुक्ति और आनंद में जीना है सही जीना हैस्वास्थ्य है❤🎉
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सटीक विश्लेषण!! 🙏👍🏻
Jivan etna sunder h apne aap me kristal h aap apne aap me ek point h
अंशुमन जी आप को भी धन्यवाद इतनी गहराई से आचार्य जी को सवाल पूछने के लिए. 🙏
वाह 1
बेहतरीन से बेहतरीन
सवाल अच्छे हो तो हल मिल जाते हैं।
धन्यवाद । धन्यवाद । धन्यवाद ।🙏
बहुत सुन्दर प्रस्तुति अति सुन्दर व्याख्या 😊👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Aacharya Ji ko koti koti pranam
आपको इतनी गहराई कहाँ से मिली ,हम तो चाह कर भी इस और बढ़ नहीं पाते 🙏🌷
वेद, पुराण, उपनिषद्, गीता आदि पढ़कर। यही तो हमारी धरोहर हैं। संसार की सर्वश्रेष्ठ कृति हैं। जीवन की बुनियाद हैं।
Y bat hh tooo.... 🙄🙄 hm pta nhi kya kya smjte the.... Tq आचार्य जी 💙💙💙💜💜💜💜💚💚💚💚😊😊😊
आचार्य जी🙏
1. कृपया प्रकृति को विस्तार से स्पष्ट करने की कृपा करें और प्रकृति मुक्ति की कामना क्यों करती है, और प्रकृति बंधन में क्यों/कैसे आई ?
2. क्या परमात्मा ने प्रकृति को बनाया है,यदि नहीं तो प्रकृति को किसने बनाया और उसे बंधन कैसे हुआ? यदि हाँ तो "परमात्मा" को स्पष्ट करने की कृपा करें।
also ki jo AUM shabd h, uski kya importance h, jo hamare mantra, wagerah h, unpe itna zor kyu deti h
Thanks Sparsh
Yahi Jigyasa meri bhi hai.
Itna sunne ke baad bhi kahi na kahi kuchh samajh ke pare hai.
बहुत सुंदर आचार्य जी
मेरी बहुत दिनों की खोज पूरी हुई गुरुजी सहृदय आपको धन्यवाद 🙏🙏🙏❤️❤️❤️
Believe me Acharya ji is giving greatest ever explanation on quantum physics,duality of matter ,schrodinger's cat experiment if one can observe deep enough .
Wah... Wah... Ab to aisa lagta h, ki ku6 paa liya h, maine.. 🙏🙏🙏
आचार्य जी हमारे जीवन में आये हमारा जन्म सफल हो गया । 🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤
Bhaut khub Acharya ji ❤❤❤
Absolute Truth is beyond our discussion, intellect and cognition !