आचार्य प्रशांत से समझें गीता, लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00022 ✨ प्रतिमाह 20+ लाइव सत्र और नियमित परीक्षाएँ ✨ 40,000+ गीता छात्रों की कम्युनिटी ✨ पिछले 1,000+ घंटों के सत्रों की रिकॉर्डिंग - निशुल्क ✨ आचार्य प्रशांत से पूछें अपने सवाल
🌟श्रीप्रशांत जी को देखने व सुनने वाले सभी दर्शकों एवं श्रीताओं से आग्रह है कि, श्रीप्रशांत जी को सुनते समय हाथ में कलम व डायरी अवश्य रखें। प्रमुख बातों को नोट करें, वीडियो देखने के बाद उन बातों पर फिर निगाह डालें। लाभ कई गुणा बढ़ जाएगा।✍🏻💯🙏🏻
जीतेजी मोह नरहे, चेतना ही रहें तो मुक्ति है. मरनेके बाद मुक्त होने क़ो कैसे जाने? चैतन्य रुप मेबंधन रहित अ नुभूति कोमोक्ष कहा जा सकता है. इसeहम नीन्द से थोड़ासा समझ सकते हैं.पूरीनीन्द होनेपर ही उसकाआ नंद सोचा अ नुभव किया जा सकता है. 🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾
आचार्य प्रशांत से समझें गीता,
लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00022
✨ प्रतिमाह 20+ लाइव सत्र और नियमित परीक्षाएँ
✨ 40,000+ गीता छात्रों की कम्युनिटी
✨ पिछले 1,000+ घंटों के सत्रों की रिकॉर्डिंग - निशुल्क
✨ आचार्य प्रशांत से पूछें अपने सवाल
न तो अपनी वर्तमान स्थितियों पर घुटने टेकने है, और न ही भविष्य पर आश्रित रहना है
🌟श्रीप्रशांत जी को देखने व सुनने वाले सभी दर्शकों एवं श्रीताओं से आग्रह है कि, श्रीप्रशांत जी को सुनते समय हाथ में कलम व डायरी अवश्य रखें। प्रमुख बातों को नोट करें, वीडियो देखने के बाद उन बातों पर फिर निगाह डालें। लाभ कई गुणा बढ़ जाएगा।✍🏻💯🙏🏻
तुम्हारा कोई भी रिश्ता सिर्फ तभी
प्राणवान हो सकता है जब उसका आधार आध्यात्मिक हो।
🌟श्री आचार्य प्रशांत जी
जो मुक्त है सिर्फ वही प्रेम कर सकता है,जो बन्धन में है वो सिर्फ स्वार्थ जानेगा
प्रणाम आचार्य जी🙏🙏❤❤
जब भी किसी को सहारा देना कई बार देखते रहना
कहीं वो तुम पर आश्रित तो नहीं हो रहा है
~आचार्य प्रशांत ❤❤
आपकी वाणी में ओज है। वाणी सततवाहिनी है।आप प्रबुध्द एवं शुद्ध हैं। प्रणाम। 🙏🙏
छाटले जरि पंख माझे.अजून मी विझले नाही .जखमी असून सुद्धा आकाशात भरारी घ्यायचे विसरले नाही .❤️❤️🌹🙏
धन्यवाद आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏
मैं रहे पर क़ैद न रहे 🙏 यही है मुक्ति
आचार्य प्रशांत ❤
Pranam achariyaji 🙏🏼 ♥️ ❤️ 💖 🎉🎉🎉
जीतेजी मोह नरहे, चेतना ही रहें तो मुक्ति है. मरनेके बाद मुक्त होने क़ो कैसे जाने?
चैतन्य रुप मेबंधन रहित अ नुभूति कोमोक्ष कहा जा सकता है. इसeहम नीन्द से थोड़ासा समझ सकते हैं.पूरीनीन्द होनेपर ही उसकाआ नंद सोचा अ नुभव किया जा सकता है. 🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾
Parnam sir ❤❤❤
बहुत-बहुत धन्यवाद आचार्य जी।
Divare kabhi na kabhi tutnevali hai.sahas rakhiye .❤️❤️🌹🙏
Mukti Jeeta je hoti hai bilkul right
I am with so proud of you Acharya parshant g❤❤❤❤❤
Pranam Aacharyji aapne muze bahot motivate kiya aur me depression jaisa lag raha hai⭐
🙏🙏🙏💕💕💕💕🇳🇵
Bilkul mai 🖊️ Aur 📓 ke sath beithti hu
प्रणाम आचार्य जी
❤❤❤🙏🙏🙏🌹🌹
Aacharya Shri ko pranam
❤❤❤❤❤
❤🙏
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Everyone episode I listening❤❤
Mai ka arth h kaid
Urdu kamal ki hai is bande ki.....
I'm from Malaysia❤❤
देह की मुक्ति हो ही नहीं सकती
मृत्यु को पूजना, धर्म कहाँ हो सकता है 🙏🏻
🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️❤️
Islam ki great explain
पीढ़ी दर पीढ़ी स्वर्ग और पुनर्जन्म के नाटक में मानवता फंसी जी रही है।
Jis tarah se thori si tere sath Kati hai
Baaki bhi usi tarah , gujar Jai to achchha.
(Isse jyada ummeed mat kro)
Deepstate dream rule by the ?
❤❤❤❤❤
आचार्य श्री सादर प्रणाम 🙏🏾
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
❤❤❤❤
❤❤❤❤
❤❤❤