जावो नुगरी काया || Jaavo Nugari Kaya || Prahlad Singh Tipanya ||

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  • Опубликовано: 8 фев 2025
  • जावो नुगरी काया || Jaavo Nugari Kaya || Prahlad Singh Tipanya ___________________________________________________________________
    Credits
    Main Vocal : Padmashri Prahlad Singh Tipanya
    Chours : Ashok Tipaniya, Vijay Tipaniya
    Violin : Devnarayan Saroliya
    Dholak : Ajay Tipaniya
    Harmonium : Dharmandra Tipaniya
    Timki : Manglesh Mangroliya
    Khadtal : Himanshu Tipaniya
    Video : Mayank Tipaniya, Pritam Tipaniya
    Sound Mixing : Peter Jamra
    Video Mixing : Mayank Tipaniya
    _______________________________________________________________________
    भजन:
    जावो नुगरी काया
    साखी:
    आया है सो जाऐगा, राजा रंक फ़कीर
    कोई सिंहासन चढ़ चले कोई बंधे जंजीर।।
    ऊंचे महल चुनावते, करते होड़म होड़।
    अरे ते मंदिर खाली पड़े, जब गए पलक में छोड़।।
    अरे जो उगे सो आथमें,फूले सो कुमलाय ।
    अरे जो चुने सो ढही पड़े जन्में सो मरी जाए।।
    काल खड़ा सिर ऊपरे, जागो बिराने जीव।
    जा का घर है गेल में, तू क्यों सोवे है नचीव।।
    जाओ नुगरी काया थारो कई गुण गांवां
    अरे हां हां रे
    कई गुण गांवां अब थारो कंई जस गांवां
    महल बणाया हंसा रेवानी पाया
    अरे हां हां रे।
    1. काटी लेना घांस बांध लेना टटिया
    सोना हंदा महल रूपा हंदा खंबा कठे तो गयो ईणी नगरी को
    राजा अरे हां हां रे
    2. बालू की भींत अटारी का चढ़ना अरे हां हां रे
    ओछे से प्रीत कटारी का मरना अरे हां हां रे
    3. गादी गलीचा थारा धरिया रे महल में अरे हां हां रे
    एक दिन जलेगा काया लकड़ी का संग में अरे हां हां रे
    4. कहें हो कबीर साहेब जुग जुग जीवणां अरे हां हां रे
    घणी ममता ने मार भसम कर पीवणा अरे हां हां रे

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