अति सुंदर संसार की माया जाल को साधकों ने हजारों साल पहले सरल भाषा केसे समझाया तिपनिया जी की मधुर वाणी हमे उस रास्ते पर ले जाति है जिनको कबीर नानक गोरख ने जिया न काया न माया न जगत न जाया फिर ये गोरा काला पंथ पाखंड सब समझना है जो भौतिक है वह बाहर है उसको शरीर में अनुभव कर सकते है
शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई। फिर इसी शब्दों से ब्यक्तियों में भाव भजन शुरू हो गया।यही भजन से ही हमारा जीवन में आध्यात्मिक ज्ञान प्रवेश कर था है। भजन ही हमें अमरलोक प्रदान करता है। साहेब बंदगी
कबीर साहेब की महिमा सुनकर आंखों में आँसू आते ह जो परमात्मा अपनी भूमिका एक दास के रूप में निभा के गए उस परमात्मा को आज भी दुनिया समज नही पाई भजन को गाने वाले ने नही समजे तो फिर दुनिया क्या समझ गि
प्रहलाद सिंह जी, आप और आपकी भजन मंडळी समय-समय पर सोशल मीडिया के माध्यम से बहुत ही शानदार प्रस्तुतियाँ देते रहते हैं। आपने हमें कबीर साहिब के हर अनुभव से परिचित कराया। आप इस जगत को अच्छी तरह से अवगत करा रहे हैं कि आप इस भ्रम के अंधेरे को छोड़ दें और कबीर साहिब द्वारा जलाए गए इस दीपक की छाया में शरण लें। आपको साहेब बन्दगी🙌
कबीर साहेब की उलटबासी हमारे जीवन के दैनिक अनुभवों की एक कड़ी है यह थोड़ी समझ से लगती है की यह बात हम पर कही है बिना शीश यानी आप में अहंकार रूपी शीश का बलिदान कर प्रेम रूपी बाड़ी जिसमे ज्ञान का बीज बोया है हमाहमारे प्राण बिना भूमि के कुआ से जल लेते है और ज्ञान सत्य समता के खेती परमाता के नाम से पाक जाति है तभी वह रसोई साधक रूपी dash paka kar apni bahu pati ko deti hai
I am an Paneurysm survivor from Genpact. Our Dad is a journalist and our Mom is an awesome painter. Whatever we do in our lives we should be cautious about the Almighty presence....He is there to support us all and all the living beings.... 😊😊
यह सब वेदों कि ऋचाएं हैं जो संतों ने अपने दोहों सवैया और भजन कीर्तन में लिखा है यह सब वेदों में प्रमाण है पर भेद कोई बिरला हीसमझ पाता इसीलिए संतो ने ऐसी कृपा की है हम कलयुग की जीवो पर
बिना सिर की पनिहारी कबीर जी कहते जय रूपी सरोवर से जीवात्मा हर समय सांस उषास रूपी जल लेते है हमारा शरीर कुआं है सांस रूपी डोर उससे पानी लेती है जीवन की सार्थकता है की ज्ञान रूपी राशि बनाकर अपने परमेश्वर से साक्षात्कार कर जीवन को सफल बनाएं जीवन में आवागमन के चक्र से मुक्ति पाई
स्वास की क्रिया प्रकाश की क्रिया अमृत की क्रिया अनहद नाद की क्रिया ये चार प्रकार की क्रिया एक शब्द से उत्पन हुई यह शब्द तीन गुण से न्यारा है । सत रज तम से न्यारा है। इस शब्द को पूर्ण गुरू दिखा सकता है । जो एक बार गुरूसे जान लै तो आवागमन मिटजाए।
बिग बोस मे जाओगे या पाश्चात्य संस्कॄति में घुसोगे , तो ग्रह कलेश होगा !! औलादे बिगड़ेगी , गलत संगत बनेगी और घर बरबाद होगा ?? सनातन ओर सतगुरु की शरण मे जाओगे , तो घर परिवार में शांति ,समृध्दि होगी // सभ्य समाज का विकास होगा , सभी तरफ ख़ुशहाली होगी // अपराध शून्य होगे 🙏🙏 जय सनातन - जय सतगुरू / /
There's a sweet flute sound that I listen everytime since last 20 years , but failed to find it's origination point from within my body. " Bina shabad ke......" Namaskar from kadi town of Gujarat state. Advaita's teachings are simple but Kabir's words hits where it pains most . He is such a sweetest Sadguru.
निर्गुण परमात्मा कबीर साहिब हरियाणा की पवित्र भूमि पर प्रकट है सभी को मोक्ष प्रदान करने के लिए आए हैं परम संत सतगुरु रामपाल जी महाराज जी रूप में साधना चैनल पर शाम 7:30 से 8:30 तक प्रमाण सहित। आपसे विनम्र प्रार्थना है।🙏
Bhaut bahut Abhar aap ki sabhi mandali ko ittani sunder aaur aache se Kabir Sahib ji ki amritvani ko hum tak pahuchane ke liye🙏🙏💐lot's of Gratitude,blessings & good wishes🙏💐
कबीर परमात्मा सर्व का पिता है। उसके प्राणियों को मारने वाले से वह कभी खुश नहीं होता। कबीर-माँस अहारी मानई, प्रत्यक्ष राक्षस जानि। ताकी संगति मति करै, होइ भक्ति में हानि।।
कणीयारी=कण,अणु ,परमाणु पणीयारी=बादल भव बिन खेत =पृथ्वी पर प्रत्येक जीव(सजीव) कुअा=समुन्द्र ,नदी etc. रह्ट =वर्षा,means ek jiv janm leta hai or ek jive panch tatve mai vilin ho jata hai or ye karm chalta rahta hai बाकी आप पता करीये, Or ha kabir ka manna hai isvar ek hai ,its mean energy ek hai or usi ka baki sab rupantran hai,
सादर नमन 🙏👋महान शख्शीयत श्री प्रह्लाद जी के चरणों में,,,, आप की वाणी में स्वयं कबीर साहेब विराजते हैं। ऐसे गहरे रहस्यों से भरे भजन को व्याख्या सहित गा कर हम अल्प बुद्धि जन को समझाने की कृपा करें🌷🏵️ धन्यवाद।
अति सुंदर संसार की माया जाल को साधकों ने हजारों साल पहले सरल भाषा केसे समझाया तिपनिया जी की मधुर वाणी हमे उस रास्ते पर ले जाति है जिनको कबीर नानक गोरख ने जिया न काया न माया न जगत न जाया फिर ये गोरा काला पंथ पाखंड सब समझना है जो भौतिक है वह बाहर है उसको शरीर में अनुभव कर सकते है
लीखित मैं भजन लिरिक्स सॉन्ग टिपानिया जी
शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई। फिर इसी शब्दों से ब्यक्तियों में भाव भजन शुरू हो गया।यही भजन से ही हमारा जीवन में आध्यात्मिक ज्ञान प्रवेश कर था है।
भजन ही हमें अमरलोक प्रदान करता है।
साहेब बंदगी
सहज भाव प्रस्तुतीकरण और मनन स्वाभाविक मधुर आवाज का प्रकट रूप एकाग्रचित मे स्रवण से आनंद आया। शब्द वाणी को नमन। बधाई। धन्यवाद ।
कबीर साहेब की महिमा सुनकर आंखों में आँसू आते ह
जो परमात्मा अपनी भूमिका एक दास के रूप में निभा के गए
उस परमात्मा को आज भी दुनिया समज नही पाई
भजन को गाने वाले ने नही समजे तो फिर दुनिया क्या समझ गि
प्रहलाद सिंह जी, आप और आपकी भजन मंडळी समय-समय पर सोशल मीडिया के माध्यम से बहुत ही शानदार प्रस्तुतियाँ देते रहते हैं। आपने हमें कबीर साहिब के हर अनुभव से परिचित कराया। आप इस जगत को अच्छी तरह से अवगत करा रहे हैं कि आप इस भ्रम के अंधेरे को छोड़ दें और कबीर साहिब द्वारा जलाए गए इस दीपक की छाया में शरण लें।
आपको साहेब बन्दगी🙌
६ब211ए६7७6⁵
⁷६
Very nice video
👌
कबीर साहेब की उलटबासी हमारे जीवन के दैनिक अनुभवों की एक कड़ी है यह थोड़ी समझ से लगती है की यह बात हम पर कही है बिना शीश यानी आप में अहंकार रूपी शीश का बलिदान कर प्रेम रूपी बाड़ी जिसमे ज्ञान का बीज बोया है हमाहमारे प्राण बिना भूमि के कुआ से जल लेते है और ज्ञान सत्य समता के खेती परमाता के नाम से पाक जाति है तभी वह रसोई साधक रूपी dash paka kar apni bahu pati ko deti hai
Atı sundar, Dhanyawad. Lekin mei sabhi lines ka meaning kaha dhoondh sakta hu, pls yeh bhi bataye 🙏🙏🙏
दुनिया को अगर कोई अध्यात्म का रास्ता दिखा सकता है तो वह सिर्फ कबीर दास जी के विचार ही है
जयश्रीराधा कृष्ण भजनीहोकी जयहो❤
आज के युग में हम कबीर जी ,मीरा जी तथा अपने ओर इतने संतों की वाणि को भूल चुके हे हमें गर्व होना चाहिए इन संतो पर जिनकी हर बात में सीख हे
❤
Bhaut bahut abhar Prahlad ji, aap se Kabir Sahib ji ke bhajan sun kr bahut aatmic aanand feel hota hai 🙏💐🙇♀️
शानदार सामयिक यथार्थ प्रेरणा युक्त संग्रहणीय भजन
एक अलग ही आनंद है कबीर दुनिया मे भले ही उसका अर्थ समझ ना आए बहुत बार पर सुनने मे कर्ण प्रिय है।
सत साहेब कबीर महाराज
कबीर की वाणी इस काया से सम्बधित हो ने से इसे खोल कर बताना जरुरी है ।
बहुत Badhiya Bhajan hai Saheb bhaut achha gaya hai aur shabdo ka gyan bhi bahut अच्छा kiya
I am an Paneurysm survivor from Genpact. Our Dad is a journalist and our Mom is an awesome painter. Whatever we do in our lives we should be cautious about the Almighty presence....He is there to support us all and all the living beings.... 😊😊
यह सब वेदों कि ऋचाएं हैं जो संतों ने अपने दोहों सवैया और भजन कीर्तन में लिखा है यह सब वेदों में प्रमाण है पर भेद कोई बिरला हीसमझ पाता इसीलिए संतो ने ऐसी कृपा की है हम कलयुग की जीवो पर
Sat saheb ji inka sahi gyan sirf aj ke samy me rampal ji ke pas s 21 brhman me kisike pas nahi
कोटी कोटी प्रणाम टिपानिया जी
कबीर साहब जी को बार-बार नमन करता हूं सभी सत पुरुषो को मेरा साधू साधू व साहिब बन्दगी ❤
बहुत ही अच्छा लगा धन्यवाद आदरणीय श्री
🙏🙏🌹🌹🙏🙏
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति बहुत ही सुंदर भजन
Bahut hi achha satyanam saheb bandagi
Is vikat paristhiti me satsang se behatar kuchh nahi.....baarambaar pranaam guruji ko😍🙏
सही है
Sahi kaha sir ji
अगम भय आमली पछम उकी डार खेग्या म्हारा सतगुरू वही बैठ के खाय 🙏🙏🙏🙏
जय सतगुरू दाता 🙏🙏
जय हो अलख दरबार की
Saheb bandgi saheb ji
यह शब्द पहली बार सुना अति मनभावन मनमोहक प्रस्तुति साहेब बंदगी
વાહામારાસાહેબ તખતસિહ
😊😊😊😊😂😂😂😂😂😂❤❤❤
जब दुनिया मे कही सुकून नही मिलता तब कबीर भजन में मिलता है ! पता नही क्यू मेरा आत्मिक झुकाव साहिब कबीर की ओर हो गया है !
मेरा भी भाई क्योकि कबिरजी ने सत्य है वो ही बताया है
PUNA
भाई कबीर दास जी के भजनों की महिमा निराली है
@@ldcarpotaofficial6837 y
साहिब बंदगी
Satnam saheb bandgi saheb 🙏💙🌺
Saheb bandagi
बिना सिर की पनिहारी कबीर जी कहते जय रूपी सरोवर से जीवात्मा हर समय सांस उषास रूपी जल लेते है हमारा शरीर कुआं है सांस रूपी डोर उससे पानी लेती है जीवन की सार्थकता है की ज्ञान रूपी राशि बनाकर अपने परमेश्वर से साक्षात्कार कर जीवन को सफल बनाएं जीवन में आवागमन के चक्र से मुक्ति पाई
जय रूपी का मतलब क्या है ❤
Om Nahoh Narayan ❤🙏
बहुत हि सुन्दर भजन है टिपानिया जी
मन प्रसन्न हो गया
कबीर परमेश्वर के ये वो सब्द ह जो सतलोक जाने का सरल रास्ता ह
Sat saheb saheb bangi
स्वास की क्रिया
प्रकाश की क्रिया
अमृत की क्रिया
अनहद नाद की क्रिया
ये चार प्रकार की क्रिया एक शब्द से उत्पन हुई
यह शब्द तीन गुण से न्यारा है । सत रज तम से न्यारा है। इस शब्द को पूर्ण गुरू दिखा सकता है ।
जो एक बार गुरूसे जान लै तो आवागमन मिटजाए।
Bilkul sahi baat
वो है सतनाम दो अक्षर का
Bilkul sahi kaha ji apne
Wo h Radha (Surat) or sawami (sabad) h
@@rekhamehrolia5747 Ha ji Sahi he bilkul
कबीर साहब ही पूर्ण परमेश्वर है
कबीर जी की वाणी अटपटी हे पर जिसके समझ में आ गई वो भव से पर हो गई
बहुत खूब आदरणीय श्री चरणों में शत शत नमन
बहुत बहुत धन्यवाद आपका हम तक ये अनमोल वाणी पहुंचाने के लिए 🙏🙏
''Badi mai sahab kabir ji ke bol" '' sunkar man ko bahut bhaya'' aap ka dhnyawad.
Saheb bandgi Saheb bandgi Saheb bandgi Bahut Sundar Bhajan
क्या मधुरता है आपकी वाणी मैं बडा हि सुकुन ओर आनंद मिलता है आपकै भजन सुनकर
बोत अच्छी वाणी है ❤️
🙏🙏👍👍
साहेब बंदगी 🙏
हे गुरू देव आप को मेरा इस शब्दो
के साथ चरण वंदना व प्रणाम
बिग बोस मे जाओगे या पाश्चात्य संस्कॄति में घुसोगे , तो ग्रह कलेश होगा !! औलादे बिगड़ेगी , गलत संगत बनेगी और घर बरबाद होगा ??
सनातन ओर सतगुरु की शरण मे जाओगे , तो घर परिवार में शांति ,समृध्दि होगी // सभ्य समाज का विकास होगा , सभी तरफ ख़ुशहाली होगी // अपराध शून्य होगे 🙏🙏
जय सनातन - जय सतगुरू / /
❤❤❤
वाह क्या बात है।
प्रह्लाद जी से निवेदन है कि कृपया ऐसे भजनों की व्याख्या अवश्य करे,ताकि सभी भजन के भाव को समझ सके।।
🙏🙏🙏🙏
👍
🙏
🙏
1
बहुत ही सुंदर भजन है। दादा जी
कोटि श नमन दादा जी
आपके चरणों में कोटि कोटि साहेब बंदगी साहेब
प्रणाम टिपानिया जी 🙏🏻🌹🙏🏻
क्या बात कही है भजन मे साहेब जी
Saheb bandgi
कहे कबीर सुनो भाई साधो यह पते निर्वाणी अनी भजन की करे खोजना वही संत है सुर ज्ञानी
कोटीकोटीपरणामजी जयहिन्द जी गुरु जी परणामजी हरहरमहादेवजी ❤❤❤❤❤
जय हो कबीर साहेब
कबीर साहेब का मूल ज्ञान 13 वे पंथ मे प्रगट हो गया है ।
12 वे पथ प्रगट होय उजियारा
13वे पंथ मिटे अन्धियारा ।
तो तेहरवा पंथ कोनसा है ❤❤
हमारे वेद गवाही देते है, कबीर ही भगवान है,
जिन्होंने शब्दों के मद्धम से भगवान से साक्षात्कार कराया ।वो कबीर है। भगवान तो नही कह सकते जी
जय कबीर
जय कबीर साहब जी कोटि कोटि प्रणाम
साहेब बंदगी
Wah wah kya bat h
Jay ho
आपके भजनों में बहुत गहरी बात बताई गई है🙏🙏
बहुत ही अच्छा भजन है ।
ककककक
Hamne Kabir Ji ko nahi dekha lekin bo bilkul aap jaise hi honge aap ki vani madhur hai 🙏
बोलो कबीर भगवान की जय
Bhut badiy
Pranam bhai apka tambura sangit or apka gaya bhajan man ko prafulit kar deta h dhanyavad 🙏🙏🌺🌺
खूप खूप सुंदर आवाज आणि भजन सकाळी सकाळी मन शांत आणि फ्रेश होवून गेली ❤🙏🙏💫
कोटी कोटी प्रणाम गुरुजी ♥️♥️🚩🚩🙏🙏🙏🙏
Bahut hi madhur wani.
अनमोल ज्ञान भजन 🎉❤
Jaikabirdas❤
There's a sweet flute sound that I listen everytime since last 20 years , but failed to find it's origination point from within my body. " Bina shabad ke......"
Namaskar from kadi town of Gujarat state. Advaita's teachings are simple but Kabir's words hits where it pains most . He is such a sweetest Sadguru.
कबीर साहेब पूर्ण परमेश्वर हैं पर दुनिया समझ नही पायी
Ye galat he
Purn parmeswer vo nhi he
Kabir sahib hi parmatma hai...
क्या आप जानते हैं
परमेश्वर कभी जन्म नहीं लेता हैं।ओर ना मरता है।
🙏❤️ दिल को छूते है आपके सारे भजन गुरु जी 🙏🙏
सादर साहेब बंदगी साहेब
नाइस
जय कबीर साहब की🙏🏾🙏🏾🙏🏾
निर्गुण परमात्मा कबीर साहिब हरियाणा की पवित्र भूमि पर प्रकट है सभी को मोक्ष प्रदान करने के लिए आए हैं परम संत सतगुरु रामपाल जी महाराज जी रूप में साधना चैनल पर शाम 7:30 से 8:30 तक प्रमाण सहित। आपसे विनम्र प्रार्थना है।🙏
इस वाणी को न जाने कितने ही बार सुना है पर इसका अर्थ कोई नहीं बता पाया है आज तक
अभी भी नही मिला क्या ?
वाह वाणी वाह सतगुरु जी को प्रणाम करता हूं
बंदगी साहेब
Apke song sir jab bhi main sunta ho kise or Duniya mai chala jata ho !
Life main jo hain ptaa chalta hain hum to kuch hai. Hi nhi
Bahut hi Shandar prastuti Anand aa gya👌👌
गुरुदेव को भी साहेब बंदगी साहेब
Bhaut bahut Abhar aap ki sabhi mandali ko ittani sunder aaur aache se Kabir Sahib ji ki amritvani ko hum tak pahuchane ke liye🙏🙏💐lot's of Gratitude,blessings & good wishes🙏💐
बहोत अच्छा 💐💐👌👌👌🙏🙏
Saheb bandagi man bhav vibhor ho jata hai sat,sat naman karta hun
Jay ho
गुरूजी आपके चरणो मे साधक प्रणाम .
आप जो यह भजन गा रहे हो , यह भजन किस पुस्तक मे है,
कृपया हमे मार्गदर्शन करे.
हमे संत कबीर जी के भजन बहुत प्रिय है.
Kabir bhajan sagar, aur damakheda Raipur , CG se bhi saheb ke dhyan se la sakte hai
सत साहेब सत कबीर साहेब बंदगी
Saheb Bandi
Aap hamare ghr p satsang kr gye
कबीर परमात्मा सर्व का पिता है। उसके प्राणियों को मारने वाले से वह कभी खुश नहीं होता।
कबीर-माँस अहारी मानई, प्रत्यक्ष राक्षस जानि।
ताकी संगति मति करै, होइ भक्ति में हानि।।
कणीयारी=कण,अणु ,परमाणु
पणीयारी=बादल
भव बिन खेत =पृथ्वी पर प्रत्येक जीव(सजीव)
कुअा=समुन्द्र ,नदी etc.
रह्ट =वर्षा,means ek jiv janm leta hai or ek jive panch tatve mai vilin ho jata hai or ye karm chalta rahta hai
बाकी आप पता करीये,
Or ha kabir ka manna hai isvar ek hai ,its mean energy ek hai or usi ka baki sab rupantran hai,
सर हींदी में बताएं 🙏
Prakash lega aap pura samaye
Bahut Sundar bhajan Gate ho aap Dhanya Ho
sahab bandagi sat nam guru ji bhurelal suryawanshi 🙏🙏👍👍
सादर नमन 🙏👋महान शख्शीयत श्री प्रह्लाद जी के चरणों में,,,, आप की वाणी में स्वयं कबीर साहेब विराजते हैं। ऐसे गहरे रहस्यों से भरे भजन को व्याख्या सहित गा कर हम अल्प बुद्धि जन को समझाने की कृपा करें🌷🏵️ धन्यवाद।
वाह बिना शीश की पनिहारी
Saheb bandagi ❤