धन्यवाद सर जी, आपने जो महार जाती का इतिहास बताया है वो बहुत ही अमुल्य है,आपने जो बेडसे बौद्ध गुफा का जिक्र किया है,मेरा वो गांव है, और सातवाहन वंश भी मावल प्रांत से ही निकला है,जो कार्ला,भाजे और बेडसे गुफाएं भी मावल प्रांत मे ही है। डा बाबासाहेब आंबेडकर जी भी महार जाती से ही आते है,और महात्मा फुले जी ने पहली बार महार जाती के बारें में कहां था,की अगर भारत में सामाजिक क्रांति होनी है तो केवल महार जाती ही करेगी और समाज परिवर्तन करेगी। उनका यह सपना डा अम्बेडकर जी जो महार जाती से आते है,वो पुरा किया है। I'm very proud to be Mahar !
I am from Maharashtra belong to Mahar community....my great grandfather name was balanag ( बालानाग) every thing is factually correct.... thank you so much sir
महार का अर्थ बहुत बड़ा या सर्वश्रेष्ठ होता है , इसी महार शब्द का रूप महाआर्य होता है जो सबसे बड़ा का बोध कराता है, महार शब्द से ही महाराष्ट्र, महाराज, महारथी, महारत आदि बने , कहा जाता है कि उसने इस विद्या में महारत हासिल की है इसका मतलब बहुत बड़ी योग्यता हासिल की है ये सब महार शब्द से बने हैं | जिन लोगों ने इन लोगों को नीचे किया उन्हीं लोगों ने खुद को महाराज लगाना शुरू किया, जैसे आप देखते हैं कि समाज में कुछ लोग अपने नाम में महाराज लगाते हैं और अपने को श्रेष्ठ सावित करने की कोशिश करते हैं उसकी उत्पत्ति महार शब्द से हुई है
Sir Mai Maharashtrase hu Hamare dada pardadayonke nam Gopnak, Tuknak, Yesnak aise the aur ye sab log khudako Mahar bolkar apana kul Shresta bolate the! Dhanyavaad aapane soya huva ithihas jagaya! Ab ham log Buddhist hai! 🙏🙏🙏🙏🙏
मै राजस्थान का निवासी हूँ और स्वामी समाज से ताल्लुक रखता हूँ हमारे समाज में महार जाती सबसे बड़ी कम्युनिटी है। हमारा इतिहास कहता है कि धर्म सुधार आंदोलन के समय हमारे पूर्वज पंढरपुर में रहते थे, आज का सोलापुर जिला। हमारे पूर्वज, रुढ़िवादियों के अत्याचार के चलते। गुरु रामानंद के सहयोग से अपनी जान बचा कर उत्तर भारत की और चले आए थे। आज राजस्थान में रंकावत स्वामी समाज के लोगों की बहुत बड़ी संख्या है और जोधपुर, बीकानेर रियासत के महाराजाओं के संरक्षण के कारण सुरक्षित हुए और आज इज्जत पुर्ण जीवन जी रहे हैं ।
Apne bahot sahi bat ki hai. Mahar, Maratha shabd maharatti se aya hai aur ye purv ke Nagwanshi Buddhist hai. Mai bhi Maharashtra ka Buddhist hun aur sawant hun. Sawant surname bhi satwahan se aya hai. Bhima Koregaon ke stambh par marne wale mahar sainikonke nam bhi nak se hai jo nag ka apbhrunsh hai. Nagpur shahar ka nam bhi nagonse hai.
सरजी,आपने सही कहा है। हम भगत अडनाम के लोग कौंडीण्यपूर गांवके है वह भगत लोगोंका राज्य कौंडीण्यपूर को भोज राजाका शासन था। बहोत पूर्व हमारे घरानेमेंही कौंडीण्य नामक बुद्धका जन्म हुवा था। अभी पूराने गांव को जहांगिरपूर कहते है। जहांगिरपूरको जो मारोती मदीर है वह वास्तवीक कौंडीण्य बुद्धकी मुर्ती है। वहां सम्राट असोकने बनायाहुवा एक स्तंभ भी उसी परिसरमें पडा हुवा है। एक पत्थरसे बना एक वास्तूमें वह स्तंभ था। शायद सरकारने म्युझीयमके तोरपर यह आधी अधुरी वास्तू बनाई होगी। कौंडीण्य बुद्ध की मुरत जमीनमें गडीहुई है। अभी उसका चथरा उंचा किया और उसके लिए मंदीरभी बनाया है। उसे बहोत पूर्व से मारोती कहते है।
मैं भी एक यदुवंशी हुं (आहिर) हमारे यादव वंश में 1700 शाखा थी जो आज के आधुनिक युग में भी औनली (आहिर) यादवो में हैं । में गुजरात से हुं डांगर शाखा (आहिर) से भगवान कृष्ण के प्रपोत्र वज्रनाभ के वंश से । मेरे पास हमारा वंशवृक्ष भी हैं डांगर शाखा का । मूलतः यदुवंशी केवल आहिर ही थे ⚜️ जय यदुवंश मुझे बहोत अच्छा ज्ञान हैं
धन्यवाद सर,आपने सच्चाई उजागर की! महाराष्ट्र मे महात्मा फुले ने सन 1850 के दरम्यान उनके साहित्य मे और महर्षी विठ्ठल रामजी शिंदे ने सन 1936 दरम्यान उनके भारतीय अस्पृश्यतेचा प्रश्न इस किताबमे यही सच्चाई लिख दी. भारत ( जम्बुद्वीप ) मे अनंतनाग से कान्चीपुरम तक महार (महाभोज,अहिर ,यादव) का साम्राज्य कैसा, कितना , कितने साल था इसका कृपया विडिओ बनाईएगा .🙏🙏🙏🙏🙏
Saari duniya me buddh hi Satya hai baki sub kalpanic hai namo buddhay Jai bhim Jai samvidhan Jai vigyan Jai bharat Jai mulnivasi namaste 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
कुकूर राज्य का उल्लेख जूनागढ़ के रुद्र दामन के शिलालेख में है और वह जगह आज भी गुजरात नर्मदा के डेडीयापाडा तहसील में कुकरदा गाँव प्राचीन कुक्दा भील का विकसित राज्य के साक्ष्य आज भी जमीन में मौजूद है
Nagpur- mahar / Nag Bhumi- Mahar Rattha- Pandharpur Temple of Maharashtra - Buddhist Temple of Kisan-Radha(now so-called occupied by War-Marie’s - all castes. Mahars were/ are fighters, intellectual who fought Bhima koregaon fight with Peshwas. Dr Babasaheb Ambedkar embrassed Buddhism in Nagpur - mostly by Mahars. You have brought correct details before us.
आपकी जानकारी मे तथ्य है महाराष्ट्र मे गुफाँओ को मराठी मे लेणी ही कहते है.. आपने जीस सातवाहन राजा का ऊल्लेख किया है वह राज्य महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिल्हा याःनी आज का छञपती संभाजीनगर जिल्हा यहा यलोरा अंजिठा की गुफाँ मे बौद्ध गुफा भी है और सातवहन कि राजधानी प्रतीष्ठान थी जो आज के समय पैठ्ठण नाम से पहचाना जाता तहसील जो छञपती संभाजीनगर जिल्हा मे है गोदावरी नदी यानी दक्षिण गंगा के तिर पर बसा है.. सातवहन राजाओ के वंशज छञपती शिवाजी महाराज कि माँ जिजाबाई थी जीनका पीहर शिंदेखेड राजा था जहाँ पर जाजाबाई के पिताजी लखुजी जाधव जी को 3 हजार घोडो कि वतनदारी दी गयी थी .. जाधव इस शब्द का ऊत्पत्ती यादव से हुई है लखुजी जाधव जी ने देवगीरी यह अंजिक्य किल्ला पर विजय प्राप्त की थी ईस लिऐ लखुजीराव जी को मुघलोंने जाधव नाम किताब से नवाजा था,. महाराष्ट्र के बहुत से जाती जैसे माळी मराठा धोबी जैसे लोगो के सरनेम जाधव थे..... लेकिन महाराष्ट्र मे जो महार जाती वह पुरी तरह से सातवहन के वंशज नही है .. क्योंकि मराठा मे भी सातवहन के वंशज मिक्स हुई है. महाराष्ट्र के महार जाती मे कुच बाहरी जाती के लोग भी बहीष्कृत थे ऊनका विलय हुआ है. डाँक्टर बाबासाहेब की किताब who is shudra मे लिखा है..... कुच हद तक आपका सही कहना है लेकीन ऊनमे तुर्टी है... आंध नाम कि जनजाती महाराष्ट्र मे है ....
17:51 महार जाती वर्मा (कुम्हार) समाज भी में उपजाति के रुप में पाई जाती है। विभिन्न समाजों महार जाती पाई जाती है। इतनी बड़ी कौम जो देश के हर भूभाग में है। जरूर इसके पीछे कोई एतिहासिक कारण है। इस पर बड़े पैमाने पर शोध करने की जरूरत है
book link - amzn.to/3Xop3Bm
हम यादव ओर् जाधव महार नागवंशी हैं ओर् नाग वंशी बौद्ध थे आज भी हम बौद्ध ही हैं
मे महाराष्ट्र से हुं. महार जातीसे हुं. मे नागवंशी हुं
धन्यवाद सर जी, आपने जो महार जाती का इतिहास बताया है वो बहुत ही अमुल्य है,आपने जो बेडसे बौद्ध गुफा का जिक्र किया है,मेरा वो गांव है, और सातवाहन वंश भी मावल प्रांत से ही निकला है,जो कार्ला,भाजे और बेडसे गुफाएं भी मावल प्रांत मे ही है।
डा बाबासाहेब आंबेडकर जी भी महार जाती से ही आते है,और महात्मा फुले जी ने पहली बार महार जाती के बारें में कहां था,की अगर भारत में सामाजिक क्रांति होनी है तो केवल महार जाती ही करेगी और समाज परिवर्तन करेगी।
उनका यह सपना डा अम्बेडकर जी जो महार जाती से आते है,वो पुरा किया है।
I'm very proud to be Mahar !
आपका बहुत बड़ा योगदान है भारतीय इतिहास उजागर करने में ❤
I am from Maharashtra belong to Mahar community....my great grandfather name was balanag ( बालानाग) every thing is factually correct.... thank you so much sir
☸️👌बहोत बढी़याँ जाणकारी है ! जय नागवंश ! जय महारराष्ट्र ! 👍🔄🇮🇳❤🙏
ज्यादातर महार लोगों के नाम के आखिर में ‘नाक’ शब्द लगा रहता है। जैसे सिधनाक
महार का अर्थ बहुत बड़ा या सर्वश्रेष्ठ होता है , इसी महार शब्द का रूप महाआर्य होता है जो सबसे बड़ा का बोध कराता है, महार शब्द से ही महाराष्ट्र, महाराज, महारथी, महारत आदि बने , कहा जाता है कि उसने इस विद्या में महारत हासिल की है इसका मतलब बहुत बड़ी योग्यता हासिल की है ये सब महार शब्द से बने हैं | जिन लोगों ने इन लोगों को नीचे किया उन्हीं लोगों ने खुद को महाराज लगाना शुरू किया,
जैसे आप देखते हैं कि समाज में कुछ लोग अपने नाम में महाराज लगाते हैं और अपने को श्रेष्ठ सावित करने की कोशिश करते हैं उसकी उत्पत्ति महार शब्द से हुई है
इस वीडियो का काफी समय से इंतजार था धन्यवाद आपका कार्य सहरानीय है। 🙏🏻
Sir Mai Maharashtrase hu Hamare dada pardadayonke nam Gopnak, Tuknak, Yesnak aise the aur ye sab log khudako Mahar bolkar apana kul Shresta bolate the! Dhanyavaad aapane soya huva ithihas jagaya! Ab ham log Buddhist hai! 🙏🙏🙏🙏🙏
Hum maharshtra se hai hum nagvanshi hai hamare purvajo ko bhoj kaha jata hai ab bhi maharastra me😊😊😊thank u sir
Adhbhut jankari...us swarnim itihas ko itne acche se batane ke liye aapko koti koti dhanyawad ❤🙏
बहुत ही सराहनीय कार्य 🙏🙏🙏
बिलकुल सही बात कही है आपने हमारे लोग आज भी नाक शब्ध लागते है आपने नाम के पीछे जैसे शिद्धनाक.भिकनाक.गंगाधर नाक. जय भीम नमो बुद्ध ❤❤
शायद महारथी ’महार’ और महाभोज आज के ’मराठा’ (कुणबी) है। आज एक पिछड़ा वर्ग में आता है तो एक अछूत है।
यह प्राचीन जानकारी एवं किताबें सार्वजनिक हूं एवं टीवी सीरियल मैं दिखाई जाए ताकि लोगों को सच का पता चले
अति सुन्दर संसूचना
Great knowledge sir , thanks 😊
मीणाओ के बहुत सारे गाँव महर गौत्र के मौजूद है राजस्थान के दौसा, करौली, अलवर क्षेत्र मे
Bahut khoob
सर बहुत ही अच्छी जानकारी दी गई है
भारत के इतिहास में जो चार बौद्ध संगतियां हुईं थीं, उनका भारत के इतिहास में बड़ा ही महत्व है। कृपया करके इस विषय पर विस्तार से जानकारी प्रदान कीजिए।🙏🌹
महाराष्ट्र के महार समूदाय में मोरे कूल और जाधव कूल हैं, जो कि उत्तर भारत में, यादव कूल और मौर्य कूल हैं।
सर आपने सही इतिहास बताया धन्यवाद 🎉🎉🎉
Namobudhay jaybhim Jay savidhan Satya mev jayate
Jaybhim namo budhhay bohot achhi information di thank ap roj video banao sir ham sunege i like yours video and apka talent muze bohot pasand hain ❤❤❤
🙏
Great information Thanks a lot.
आपका बहुत धन्यवाद. हम original सोना है.
Thankyou sir.... Please roz ese hi ek video daal diya karo... Sukun milta h 👑
जी जरूर कोशिश करूंगा
मै राजस्थान का निवासी हूँ और स्वामी समाज से ताल्लुक रखता हूँ हमारे समाज में महार जाती सबसे बड़ी कम्युनिटी है। हमारा इतिहास कहता है कि धर्म सुधार आंदोलन के समय हमारे पूर्वज पंढरपुर में रहते थे, आज का सोलापुर जिला। हमारे पूर्वज, रुढ़िवादियों के अत्याचार के चलते। गुरु रामानंद के सहयोग से अपनी जान बचा कर उत्तर भारत की और चले आए थे। आज राजस्थान में रंकावत स्वामी समाज के लोगों की बहुत बड़ी संख्या है और जोधपुर, बीकानेर रियासत के महाराजाओं के संरक्षण के कारण सुरक्षित हुए और आज इज्जत पुर्ण जीवन जी रहे हैं ।
सर इस व्हिडिओ मे आपणे बहुत हि महत्व पूर्ण इतिहास की सच्चाई बाताई है.इस के लिये बहुत बहुत धन्यवाद.
कृपया 'तथागत' शब्द का अर्थ बताई ये.
Good knowledge sirG
Aap krantikarii kaam kar rahe hain guriji🙏
Excellent and authentic information
💐💐💐🙏 फार महत्वपूर्ण व्हिडिओ सर आपले फार फार धन्यवाद🙏
Apne bahot sahi bat ki hai. Mahar, Maratha shabd maharatti se aya hai aur ye purv ke Nagwanshi Buddhist hai. Mai bhi Maharashtra ka Buddhist hun aur sawant hun. Sawant surname bhi satwahan se aya hai.
Bhima Koregaon ke stambh par marne wale mahar sainikonke nam bhi nak se hai jo nag ka apbhrunsh hai. Nagpur shahar ka nam bhi nagonse hai.
Beautiful sir ❤❤❤❤❤❤❤❤
सरजी,आपने सही कहा है। हम भगत अडनाम के लोग कौंडीण्यपूर गांवके है वह भगत लोगोंका राज्य कौंडीण्यपूर को भोज राजाका शासन था। बहोत पूर्व हमारे घरानेमेंही कौंडीण्य नामक बुद्धका जन्म हुवा था। अभी पूराने गांव को जहांगिरपूर कहते है। जहांगिरपूरको जो मारोती मदीर है वह वास्तवीक कौंडीण्य बुद्धकी मुर्ती है। वहां सम्राट असोकने बनायाहुवा एक स्तंभ भी उसी परिसरमें पडा हुवा है। एक पत्थरसे बना एक वास्तूमें वह स्तंभ था। शायद सरकारने म्युझीयमके तोरपर यह आधी अधुरी वास्तू बनाई होगी। कौंडीण्य बुद्ध की मुरत जमीनमें गडीहुई है। अभी उसका चथरा उंचा किया और उसके लिए मंदीरभी बनाया है। उसे बहोत पूर्व से मारोती कहते है।
क्या महार नाम से ही "महार राष्ट्र " नाम बना है जो बाद में " महाराष्ट्र " हो गया ?
हां जी
Hamara ateet on 🔥 back to back videos thanks sir
Please sir Thailand Buddhism pe video banana
Sir मेघवाल, चमार, महार, जाधव , जाटव, कैसे अलग अलग हुए कभी प्रकाश डालियेगा।
Thank you very much Sir for enlightening us!!!!!
Bahut hi sunder tarike se padaya jai bheem manywer
Nice Sir💙☸️
धन्यवाद सर जी💙💙💙💙🙏🙏🙏🙏
Thnku sir 🙏🙏🙏
Very very thank you 🙏
ek ke baad ek come back💙💙💙💙💙
True history of Mahar..Race...Gan.. people.. historical evidence is available in country... Literature ... Thanks
मैं भी एक यदुवंशी हुं (आहिर) हमारे यादव वंश में 1700 शाखा थी जो आज के आधुनिक युग में भी औनली (आहिर) यादवो में हैं । में गुजरात से हुं डांगर शाखा (आहिर) से भगवान कृष्ण के प्रपोत्र वज्रनाभ के वंश से । मेरे पास हमारा वंशवृक्ष भी हैं डांगर शाखा का । मूलतः यदुवंशी केवल आहिर ही थे ⚜️ जय यदुवंश मुझे बहोत अच्छा ज्ञान हैं
Sir apki mehnat ke liye kuch v bolu kam hai 🙏🙏🙏 Thank you so much
This is real history and thanks a lot 🙏
बहोत सही जानकारी
वो महार नहीं शुद्ध नाम महर है। रसखान आदि कवियों ने भी महर शब्द का प्रयोग किया है।
jay mulniwasi
धन्यवाद सर,आपने सच्चाई उजागर की! महाराष्ट्र मे महात्मा फुले ने सन 1850 के दरम्यान उनके साहित्य मे और महर्षी विठ्ठल रामजी शिंदे ने सन 1936 दरम्यान उनके भारतीय अस्पृश्यतेचा प्रश्न इस किताबमे यही सच्चाई लिख दी.
भारत ( जम्बुद्वीप ) मे अनंतनाग से कान्चीपुरम तक महार (महाभोज,अहिर ,यादव) का साम्राज्य कैसा, कितना , कितने साल था इसका कृपया विडिओ बनाईएगा .🙏🙏🙏🙏🙏
Superb jankari milti he Aapke har Vedio se sir Thank you 🫡
8:25 बिलकुल सही कहा
Saari duniya me buddh hi Satya hai baki sub kalpanic hai namo buddhay Jai bhim Jai samvidhan Jai vigyan Jai bharat Jai mulnivasi namaste 🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏🌹
🌷🌷🙏🙏🤳📘🕯️🥇🌹🌹🌹🌹🌹📘📘📘🎍🎉🕯️🖊️📚☸️☸️☸️☸️☸️☸️ जयभिम नमो बुध्दऻय 🙏🌷🤝✊💯👌👌👌🇮🇳🌏💙🔵🌅
Kyu ki sir Bihar se hu mere dada ke time chamar ko Mahar hi kahate the vhi maharastra me h
Thanks a lot Sirji
Dear Hamara Ateet sir ji good evening 🙏 🙏
जय भीम ❤
,very nice information sir 🙏 thankyou so much sir
Very nice information god bless you
Mai Maharashtra se hi Mahar hu mai Bhudhist hu
लेकीन बहोत से महार खुदको सोमवंशी मानते है
नमो बुद्धाय
आभार ❤🙏
कुकूर राज्य का उल्लेख जूनागढ़ के रुद्र दामन के शिलालेख में है और वह जगह आज भी गुजरात नर्मदा के डेडीयापाडा तहसील में कुकरदा गाँव प्राचीन कुक्दा भील का विकसित राज्य के साक्ष्य आज भी जमीन में मौजूद है
Ham intejar karate ha sir aapke video ka
Good night sir ji 🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹
🙏
I'm from Maharashtra
Nagvanshi MAHAARI 🎉🎉🎉
Nagpur- mahar / Nag Bhumi- Mahar Rattha- Pandharpur Temple of Maharashtra - Buddhist Temple of Kisan-Radha(now so-called occupied by War-Marie’s - all castes. Mahars were/ are fighters, intellectual who fought Bhima koregaon fight with Peshwas. Dr Babasaheb Ambedkar embrassed Buddhism in Nagpur - mostly by Mahars. You have brought correct details before us.
Thanks a lot
सुभेदार मेजर रामनाक मालनाक . Father of Dr Ambedkar from seventh Bombay native infantry
Jai siddnak(siddhnag) mahar source bima koregao pillar
फिर ये महार नीच जातीयो में कब और कैसे हुये ?
❤❤❤
I am mahar from Punjab belong to Jatt family. Thanks sir
Sir आज कल तो मौज कर रखी है आपने हमारी, रोज वीडियो रोज आ रहे हैं🤗🤗🤗
❤❤❤❤❤❤❤❤
जय भीम नमो बुद्धाय जय संविधान 🙏🌹
Good sir
Tq 🙏🙏🙏
श्री मान जी बहुत बहुत धन्यवाद दुर्लभ ज्ञान देने के लिए। पाल ( गडरिया) जाति के gotar की पुस्तक चाहिए कैसे मिल सकती है।
बताऊंगा आपको
Sir हरियाणा,पंजाब, यूपी के दलितों का इतिहास क्या है?
Thank you hamara ateet sir ji 🙏🙏
क्या जिनका Surname आज ‘जोशी’ है, क्या उनके ज्यादातर पूर्वज ज्योतिष थे क्या ? और जिनका Surname ‘देव’ है उनके बौद्ध भिक्षु (पुजारी) ?
🙏
आपकी जानकारी मे तथ्य है महाराष्ट्र मे गुफाँओ को मराठी मे लेणी ही कहते है..
आपने जीस सातवाहन राजा का ऊल्लेख किया है वह राज्य महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिल्हा याःनी आज का छञपती संभाजीनगर जिल्हा यहा यलोरा अंजिठा की गुफाँ मे बौद्ध गुफा भी है और सातवहन कि राजधानी प्रतीष्ठान थी जो आज के समय पैठ्ठण नाम से पहचाना जाता तहसील जो छञपती संभाजीनगर जिल्हा मे है गोदावरी नदी यानी दक्षिण गंगा के तिर पर बसा है..
सातवहन राजाओ के वंशज छञपती शिवाजी महाराज कि माँ जिजाबाई थी जीनका पीहर शिंदेखेड राजा था जहाँ पर जाजाबाई के पिताजी लखुजी जाधव जी को 3 हजार घोडो कि वतनदारी दी गयी थी ..
जाधव इस शब्द का ऊत्पत्ती यादव से हुई है लखुजी जाधव जी ने देवगीरी यह अंजिक्य किल्ला पर विजय प्राप्त की थी ईस लिऐ लखुजीराव जी को मुघलोंने जाधव नाम किताब से नवाजा था,.
महाराष्ट्र के बहुत से जाती जैसे माळी मराठा धोबी जैसे लोगो के सरनेम जाधव थे.....
लेकिन महाराष्ट्र मे जो महार जाती वह पुरी तरह से सातवहन के वंशज नही है ..
क्योंकि मराठा मे भी सातवहन के वंशज मिक्स हुई है.
महाराष्ट्र के महार जाती मे कुच बाहरी जाती के लोग भी बहीष्कृत थे ऊनका विलय हुआ है. डाँक्टर बाबासाहेब की किताब who is shudra मे लिखा है.....
कुच हद तक आपका सही कहना है लेकीन ऊनमे तुर्टी है...
आंध नाम कि जनजाती महाराष्ट्र मे है ....
राधा की शादी वैश्य परिवार में हुई थी
Namaste sir ji please bhar jati par video banae
जी जरूर
महारठ्ठी मे ठ पे विषेश जोर लगता हे जो की मराठा नाम मे परावर्तित होना शायद ऊचित होगा.
17:51 महार जाती वर्मा (कुम्हार) समाज भी में उपजाति के रुप में पाई जाती है। विभिन्न समाजों महार जाती पाई जाती है। इतनी बड़ी कौम जो देश के हर भूभाग में है। जरूर इसके पीछे कोई एतिहासिक कारण है। इस पर बड़े पैमाने पर शोध करने की जरूरत है
जी आपने सही कहा l शोध करने की आवश्यकता है l
❤️❤️😍😍🥰🥰
सर कृपा करके जवाब दे सम्राट अशोक के स्तंभ पर जैसे सिंह है वो सीरिया में कैसे क्या पाए जाते है ? क्या इसका कोई भारत से संबंध है ?
Video ही बनाऊंगा
सर अहीर यादव में अत्रि गोत्र के बारे में थोड़ा कमेंट के माध्यम से बताइये कि ये किसके वंशज हैं ?❤