1)नास्तिकता? २)धर्म पर विश्वास? 3) पराये कल्ट को समान महत्व देना? ये तीनों अलग अलग बाते है? हमारे ललन टॉप के मित्र, इनमे से किसी कैटेगरी में नहीं आते। वे परम ढोंगी कैटेगरी में आते है। दिवाली पर फटाके के खिलाफ ज़रूर होंगे।क्योंकि प्रदूषण होता है , यह तर्क होगा। पर उसी समय, ईद पर लाखों बकरी कटने के कारण, atmosphere में जो कार्बन रिलीज़ होगा। ग्लोबल वार्मिंग होगा, उसकी चर्चा नहीं करेंगे। इसीलिए ढोंगी कहा है मैने।
@@ShashankSingh-m1h Aaesa nahi hai "Mujhe aaesa lagta hai" Sab religion kisi higher form ko god maante hai Agar tum kisi 1k ko maante ho to sab k liye tum aastik ho jaaoge "Mai galat bhi ho sakta hu"
चाइना में 90% नास्तिक यूरोप और अमेरिका में 50% से ज्यादा नास्तिक हैं लेकिन भारत में रहने वाले 95% आस्तिकों की तुलना में उन नास्तिकों की सोच और उनके देश विकसित हैं 🙏
यहां पर, ताऊजी, द्विवेदी जी नास्तिक विचार पर चर्चा कर रहे है। They concluded,Rational thinking नास्तिक विचारोंसे भी महत्वपूर्ण है। सनातन धर्म में आपको rational thinking नजर आएगी। सनातन धर्म में हम होली मनाते हैं। लेकिन हम होली क्यों मनाते हैं.? विकास की प्रक्रिया में, वानर (होमो सेपियन्स के प्रारंभिक चरण) पलाश के लाल केसरिया फूलों की ओर आकर्षित हुए। उन्होंने कुछ पलाश के फूल उठाए और अपने परिवार और दोस्तों के साथ फूल डाल कर खेला। . 70,000 वर्षों से हम होली रंग उत्सव मनाते आ रहे हैं। Its immortal. हम सनातनी दिवाली क्यों मनाते हैं?? क्योंकि नई फसल खेतों से सीधे उसके घर आती है। , अक्टूबर और दिसंबर के महीने में। अपनी फसल का सम्मान (सम्मान) करने के प्रयास में, वह अपनी फसल को धन की देवी यानी लक्ष्मी माता के रूप में देखा। उसकी पूजा की। दीवाली में, हिंदू सिर्फ अपने धन धान्य की पूजा कर रहा है, आप जानते हैं। सनातन हिंदू धर्म ही तो rational thinking हैं। नास्तिक क्यों बने? ताऊ जी ओर सौरव उत्तर दे🙏
@@OMAryavart00थोड़ी दुनिया घूमो थोड़ा अध्ययन करो, दिमाग विकसित होगा. फिर ऐसे तर्क नहीं दोगे. दुनिया का हर देश अपने past को महान कहता है. तुम जिसे सोने की चिड़िया कहते हो, वो राजाओं के सही हो सकता है, पर संपूर्ण देश के लिए नहीं...वो समय ही ऐसा था, पूरी दुनिया में राजाओं का ही सिस्टम चलता था और सभी राजाओं के पास भरपूर दौलत होती थी.. इसका मतलब ये नहीं कि जनता भी सोने से लबालब थी
@@Sanjayplay10 तुम निपट चू हो, एक राज्य की खुशहाली और समृद्धि का पैमाना कभी भी राजा महाराजाओं या बादशाहों की दौलत से नहीं होता था, बल्कि वहां की प्रजा या अवाम के लिए बुनियादी सुविधाओं, आर्थिक स्थिति, राज्य की संपदा का एक समान वितरण, taxation या कर का प्रभावी तरीका, चोर उचक्कों , असामाजिक तत्वों में कानून का डर, सामाजिक सुरक्षा इन पैमानों से एक राज्य के अच्छे या बुरे होने, समृद्ध या कंगाल होने का फैसला होता था, और इन्हीं पैरामीटर्स पर देश सोने की चिड़िया कहलाया, तुम्हारे पुरखे भी इसी सिस्टम का हिस्सा रहे होंगे, उन्हें कब्र में से उठाकर पूछ ले।
बिल्कुल नहीं, नास्तिक सिर्फ बातों और कागज के शेर होते हैं। मैने बहुसंख्य ऐसे नास्तिक देखे हैं जो अपने घर के बल्ब नहीं बदल सकते, बेसिक घर के काम नहीं कर पाते जिस साइंस के ज्ञान का दम भरते हैं उसका प्रैक्टिकल लाइफ में s भी नहीं अमल में ला पाते, सिर्फ बौद्धिक कलाबाजियों में माहिर होते हैं। आखिर में सब कामों के लिए उन्हीं धार्मिक लोगों के आसरे रहते हैं जिनको घृणा की भावना से देखते हैं। ऐसे लोगों के लिए मेरे इलाके में कहावत है बिल्ली के g@o...
@adwaita6663 बिल्कुल गलत मेरे भाई .. नास्तिक किसी को मूर्ख नही समझते .. इसके विपरीत आस्तिक लोग नास्तिक को मूर्ख समझते है की इनको कुछ भी ज्ञान नही है एक बार के लिए तुम्हारा बात मान भी ले तो मूर्ख समझना फिर भी उतना बुरा नही है जितना की नफरत करना तुम भी अपने से किसी छोटे को मूर्ख कह देते हो या समझ लेते हो लेकिन उनसे नफरत तो नही करते ..
सही है सरपंच जैसे mythology को हकीकत मान लेना क्योंकि मन किया, तो मूर्खता भी एक शौक है , जैसे धर्म एक धंधा है , पाखंड तुम्हारी आस्था है क्योंकि तुम मन को मानते हो।
Brother check the facts the best countries of the world are where people are least religious. I am not saying being religious is bad but neither is atheism. I know you will not agree but that's fine,don't expect you to be .
@@greatkaafir7478 yeah chutiye Hindu desh me baithkar Hindu community me paida Ho karr hi yeah sab bol paa rahe hany, knyo ki yanha Sir tan se juda nahi hota,
सौरभ सर! आपका यह वीडियो देखा जिसमें आप वीगन वाद को एक शौक कह रहे हैं। मैं आपकों बहुत सुलझा हुआ पत्रकार और एक सुलझे हुऐ इंसान की तरह देखता हूं। आपकी पत्रकारिता का सम्मान और उसकी प्रशंसा करता हूं। परन्तु वीगनवाद पर आपका यह विचार सुनकर काफी आहत हुआ। आप जैसे जिम्मेदार शख्सियत की ओर से इस तरह की बात आना काफी आश्चर्यजनक लगा। मैं चाहता हूं आप वीगनवाद का और अध्ययन करें और उसके पीछे की विचारधारा को समझने का प्रयास करें। विगनवाद शौक नहीं आवश्यकता है इस समय की। पर्यावरण और जानवरों की आवाज है वीगनवाद। मैं नहीं चाहता की आप जैसे जीवन के विधार्थी इस विचारधारा की महत्ता और आवश्यकता से अछूते रह जाए।
Atheist Means a person who prefer rationalism in very field not like a community or Religion ..And I am proud Athiest But I will oppose every point where Athism acts like Religion , Athieism is of Passion not compulsion 😅
1)नास्तिकता? २)धर्म पर विश्वास? 3) पराये कल्ट को समान महत्व देना? ये तीनों अलग अलग बाते है? हमारे ललन टॉप के मित्र, इनमे से किसी कैटेगरी में नहीं आते। वे परम ढोंगी कैटेगरी में आते है। दिवाली पर फटाके के खिलाफ ज़रूर होंगे।क्योंकि प्रदूषण होता है , यह तर्क होगा। पर उसी समय, ईद पर लाखों बकरी कटने के कारण, atmosphere में जो कार्बन रिलीज़ होगा। ग्लोबल वार्मिंग होगा, उसकी चर्चा नहीं करेंगे। इसीलिए ढोंगी कहा है मैने।
@@IceBreaker-yj1qq you are doing dogma, Saurabh is right for sure And yes We must ban Crackers on diwali for our health , Now You are saying killing goats on Eid so to ban Killing of goats you should protest and request to your government that if the govt. have guts so, they ban killing of goats, Every day in India more than 30 000(Thirty thousand) goats are being killed and these meats are being consumed by Hindus .so firstly look at your own religion and own dogma lol . We must ban crackers for 100% so that Our Environment will be clean.
@@PAWANKUMAR-ed3ug Rationality:- the quality of being based one logic, reason, asking question again anything , analysing things with open mind not having any kind if myth or faith (where there is no logic, no reason just accepted the existence without questioning )is Rationality lol
@@Atheist7850bat ye nhi h kon astik h kon nastik batt yeh h ki jo bhi h kya wo ye smjh paya ki tammez ki zindagi kaise jini h nhi na jis dharma ka virodh bhgat singh krte the wo dharm tha bhi nhi or na wo dhram kha jayega kuki logo ne dharam ke nam par apni roti pakayi h smjhe to agar tum nastik ho to kis basis pe kya sirf jhute dharm ke virodh mai kuki asli dharm ko to nastik bhi nhi mana kar skta kuki dhram apne app mai hi ek better word h pure word smjhe ajj Jo dharam apne aass pass dekh rhe ho wo dhram nhi h bhagat singh uske nastik the asli dharm ke nhi jha tammez i zindagi or tameez dar log ho us dharm ke nastik nhi the nastik ka matlb h na asti Abe jo ho phle uska matlb Jan to lo or proud hone wali batt hi nhi h ki mai nastik hu I am proud what to proud in it ha Ambani Roz mandir jata h ammer to h successful to h Lekin ek garib nastik h phir bhi gareeb h to nastik hone ka kya proud it's nothing to be proud of or ajj kal india me nastik or dharm or har chezzz ka level hi gira diya h kuki market Mai ajj kal nastik hona sirf shock ho gya h bina Jane bina smjhe bas social called attitude nastik bas abhi yhi intelligent intellectual ke samne face to face debate karwa do to comment section ke social called nastik Neo atheist sab apne app level pe ajenge had h Ap acharya Prashant Aram se nastik ko smjha skte h dharm ka mtlb lekin whi dharmik insan sirf apni Manyata par chalta h asli dharm pe nhi isiliye nastik log hho jate h smjha Or ajj kal india mai na to dharm smjh paye na nastik ko Bas apni mentality ke gulam phir chae so called atheist ho ya so called Puja krne wale bina mtlb jane festival manna na par koi asli matlb smjhye to bahvna ko tes pahucha rha h are dharm ko jane to or phir aj ate h so called atheist ka trend Means india mai har chezz ka level gir chuka h either Atheism or thesis people are just following mental though and think themselves as well cool.wow.
Bhai ye sab bhi to insaan dharm se hi sikhta hai na pet se to leke paida nhi hota jisko tum insaniyat bolte ho actual me ho religionsness hoti hai kyoki insan animal kingdom me ata h vo bhi ek trah ka animal hi h aur animals me human values jesa kuch nhi hota vo sab dharm sikhata h hme
@@Krishanveer333 जो व्यक्ति प्रेम ,दया और करुणा से जीवन जी रहा है वही सच्चा धार्मिक है ।आस्तिक और नास्तिक दोनों धार्मिक हो धार्मिक ही है यदि वो मानवीय मूल्यों को तरजीह देकर जी रहे है
@@mastikipathshala2023 bhai to Jin manviya mulyo ki baat kr raha h vo bhi kahi se ate honge na koi pet se dayavan, karunavan thodi ata h pet se hum sab janwar hi peda hote h jab maaa baap ache sanskar dalte h humme tab hum ese bante h aur vo ache sanskar dharm se hi ate h kahi aur se nhi isliye jisko manavta bolte ho actual me vo religiousness hoti h manavta naam ki koi cheez nhi hoti bhai
@@Krishanveer333Human right धर्म से नही आए, पहले जाके धर्म, नास्तिकता, Human values and Ethics पर थोड़ा ज्ञान अर्जित करो, तब Argument करने मै ठीक भी लगे, ये तुमने जो बात बोली है बो 1200AD se लोग बोलते हुए आ रहे है, तुमने भी बही बात Repeat कर दी
@@AGRIUNNYAN acha bhai to ye btade jab human jungle me tha tab ye human right kaha the ethics kaha thi agar ye natural h to ye human right human values jungle me kyu chlti thi wha ek insaan dusre ko mar mar kyu khata tha
विज्ञान और संविधान पर विश्वास ही मेरी नास्तिकता है,जिस दिन विज्ञान भगवान सिद्ध कर देंगे तो मानने लगूंगा,वैदिक/ब्राह्मण/हिंदू/सनातन धर्म भी वेद मानने के पर आस्तिक माना है न कि भगवान,अब मेरा वेद विज्ञान की पुस्तक और देवता आविष्कारक जिन्होंने मानव विकास किया
1)नास्तिकता? २)धर्म पर विश्वास? 3) पराये कल्ट को समान महत्व देना? ये तीनों अलग अलग बाते है? हमारे ललन टॉप के मित्र, इनमे से किसी कैटेगरी में नहीं आते। वे परम ढोंगी कैटेगरी में आते है। दिवाली पर फटाके के खिलाफ ज़रूर होंगे।क्योंकि प्रदूषण होता है , यह तर्क होगा। पर उसी समय, ईद पर लाखों बकरी कटने के कारण, atmosphere में जो कार्बन रिलीज़ होगा। ग्लोबल वार्मिंग होगा, उसकी चर्चा नहीं करेंगे। इसीलिए ढोंगी कहा है मैने।
यहां पर, ताऊजी, द्विवेदी जी नास्तिक विचार पर चर्चा कर रहे है। They concluded,Rational thinking नास्तिक विचारोंसे भी महत्वपूर्ण है। सनातन धर्म में आपको rational thinking नजर आएगी। सनातन धर्म में हम होली मनाते हैं। लेकिन हम होली क्यों मनाते हैं.? विकास की प्रक्रिया में, वानर (होमो सेपियन्स के प्रारंभिक चरण) पलाश के लाल केसरिया फूलों की ओर आकर्षित हुए। उन्होंने कुछ पलाश के फूल उठाए और अपने परिवार और दोस्तों के साथ फूल डाल कर खेला। . 70,000 वर्षों से हम होली रंग उत्सव मनाते आ रहे हैं। Its immortal. हम सनातनी दिवाली क्यों मनाते हैं?? क्योंकि नई फसल खेतों से सीधे उसके घर आती है। , अक्टूबर और दिसंबर के महीने में। अपनी फसल का सम्मान (सम्मान) करने के प्रयास में, वह अपनी फसल को धन की देवी यानी लक्ष्मी माता के रूप में देखा। उसकी पूजा की। दीवाली में, हिंदू सिर्फ अपने धन धान्य की पूजा कर रहा है, आप जानते हैं। सनातन हिंदू धर्म ही तो rational thinking हैं। नास्तिक क्यों बने? ताऊ जी ओर सौरव उत्तर दे🙏
Aap Kabhi Osho ko Osho K Nazariye se Nahi Samjhe , Aap hamesha Osho ki Baato mei Vo Chize Dhundhte rahe ho aapki Manyatao se Sambafh Rakhe , Rationality Hume sikhata hai kaise Hume apne Vichaar se Na Jide Rehkr Saamne Wale k Nazariye se bhi Cheeze samjhni chahiye
Osho was con man Atheist means a person who read scriptures understand science and then become atheist because religion have so many rituals and concept that you can easily deny on the basis of today's understanding of world(science). There term called Atheist Agnostic means don't believe in human made god but not say anything about fundamental truth
1)नास्तिकता? २)धर्म पर विश्वास? 3) पराये कल्ट को समान महत्व देना? ये तीनों अलग अलग बाते है? हमारे ललन टॉप के मित्र, इनमे से किसी कैटेगरी में नहीं आते। वे परम ढोंगी कैटेगरी में आते है। दिवाली पर फटाके के खिलाफ ज़रूर होंगे।क्योंकि प्रदूषण होता है , यह तर्क होगा। पर उसी समय, ईद पर लाखों बकरी कटने के कारण, atmosphere में जो कार्बन रिलीज़ होगा। ग्लोबल वार्मिंग होगा, उसकी चर्चा नहीं करेंगे। इसीलिए ढोंगी कहा है मैने।
धर्म का मतलब है आस्था, करुणा, विश्वास, दया, ममता। नास्तिक लोग जड़ होते हैं हमेशा denial मोड में रहने वाले, उन्हें किसी का डर नहीं इसलिए किसी भूखे को रोटी नहीं 50 डिग्री गर्मी में किसी प्यासे और सूखे हलक वाले को पानी भी नहीं पूछते।
जब दो विद्वान अंगुरो के बीच ऐसा लंगूर हो, तो बात जल्दी खतम होती है कृपया ठहरावं हो, उच्चल कुद वाले लंगूर को दुबारा ना बुलाये..... अच्छे व्यक्तित्व कि कमी हो तो ईस सर्कस्टिक व्यक्ती याने हमे बुलाये .......,.❤
वेद में आस्तिक और नास्तिक की परिभाषा दी गई है जगद्गुरु आदि शंकराचार्य जी ने कहा है कि जो ब्रह्म सत्य जगत मिथ्या को मानता है वह आस्तिक जो जगत सत्य ब्रह्म मिथ्या मानता है वह नास्तिक ब्रह्म मतलब ब्रह्मांड हमेशा सत्य है और चलता रहेगा जगत का मतलब होता है मानव पशु पक्षी पेड़ पौधे यह हमेशा पैदा होंगे और मृत्यु को प्राप्त होंगे आस्तिक का मतलब होता है अपने अस्तित्व को नकारना यह पांच तत्वों से बना शरीर एक दिन नष्ट हो जाएगा लेकिन आत्मा मतलब ब्रह्मांड चलती रहेगी
VED SE DUNIYA NAHI CHALTI HAI SCIENCE SE CHALTI HAI ,,,KOI BRAHMNICAL PONGA PANTI KO NHI MANTA AB ,,,AUR SHANKRACHARYA K BARE MEIN JANNA HAI TOH SCIENCE JOURNEY NASTIK CHANNEL HAI POL KHOL RAKHI HAI
ये ऐसे ही अपने आप को बड़ा intellectual दिखाने का प्रयास कर रहे हैं वास्तव में यदि इन्हें एक नास्तिक और आस्तिक के बीच में रख दिया जाये और तथ्यों के आधार पर बहस करने बोला जाये तो इनकी बोलती बंद हो जाएगी
Afghanistan agar chutiya h toh kya app bhi Banna chate h vha tho women k bhi bhut bure haal h compare Krna h toh develop desh jese china singapore s karo
1)नास्तिकता? २)धर्म पर विश्वास? 3) पराये कल्ट को समान महत्व देना? ये तीनों अलग अलग बाते है? हमारे ललन टॉप के मित्र, इनमे से किसी कैटेगरी में नहीं आते। वे परम ढोंगी कैटेगरी में आते है। दिवाली पर फटाके के खिलाफ ज़रूर होंगे।क्योंकि प्रदूषण होता है , यह तर्क होगा। पर उसी समय, ईद पर लाखों बकरी कटने के कारण, atmosphere में जो कार्बन रिलीज़ होगा। ग्लोबल वार्मिंग होगा, उसकी चर्चा नहीं करेंगे। इसीलिए ढोंगी कहा है मैने।
सौरभ सर खुद को हर विषय पर एक्सपर्ट मान लेना गलत है आप थोड़ा रिसर्च करिए फेक्चुअल बात करिए शायद अब आपकी उम्र जवानी से प्रौढता की ओर ढल रही है उसी के लिए छाया दिखने लगी है,
5:32 व्यक्ति चाहे आस्तिक यो या नास्तिक, यह बात तो सभी पर लागू होती है। एक धार्मिक व्यक्ति यह मानता है कि उसका धर्म सब से श्रेष्ठ है और सभी को उसका ही अनुसरण करना चाहिए। लेकिन एक नास्तिक व्यक्ति भी यही मानता है कि उसको सोच सर्वश्रेष्ठ है इसलिए सभी को नास्तिक हो जाना चाहिए। समस्या तब शुरू होती है जब हम एक दूसरे के विश्वास को नीचा दिखाने लगते हैं। दूसरे के विश्वास पर सवाल मत करिए जब तक वो आपको या किसी और को नुकसान नहीं कर रहा है। हम अपनी आस्तिकता या नास्तिकता किसी पर थोप नहीं सकते हैं।
Astikta itna nuksaan pahucha rahi hai pri duniya ko desh ko .. faltu ka time waste. Ram mandir vs babri masjid kar rahi thi chutiya public...koi hospital hee khol dete ya school ya college
यह संसार जिस तरीके से बुना गया है वो अपने आप विस्फोट करने से कभी भी नहीं हो सकता है ।इसकी संरचना बताती है कि कोई तो शक्ति है जिससे प्रभावित हो कर ये सब बना है ।रही बात अंधविश्वास की तो जिसके विषय में जिसकी पहुंच नहीं जा पाती है उसे वो अंधविश्वास कह देता है ।मैं आपको अपना अनुभव बताऊं ,मैने परमात्मा को तो नहीं देखा है लेकिन उन्हीं के अंश प्रेतात्मा को जरूर देखा है और ये केवल मेरा ही नहीं बहुतों ने इसका अनुभव किया है ।आप लोगों के मानने या न मानने से सच्चाई बदल तो नहीं सकती ना।मैं आप लोगों से एक सवाल करता हूं उसका जवाब ईमानदारी से दीजिएगा ।एक अच्छे समाज के लिए कैसा व्यक्ति ज्यादा अच्छा रहेगा एक सच्चा नास्तिक या एक सच्चा आस्तिक ?बात सच्चे की पूछा हूं ये ध्यान रहे ok
नास्तिकता भी उतना ही बाकी प्रचलित विचारों से बल्कि यह कहने में भी कोई हिचकिचाहट नही होनी चाहिए की यह सबसे परिपक्व विचार है.. मानये की गुरु,... नास्तिकता का उद्बोधन ही ना से आरम्भ हो रहा है यह एक 'न' अक्षर से उसके बाद आ की मात्रा वह शब्द भी सकारात्मक दिशा की और इंगित कर रहा है न अक्षर से नील, नाग, नयन, नमन, नीम, निश्छल, नवीन, नित, ना जाने कितने... ना को इतना बदनाम या अस्वीकार्य बना देना यह अ या आ के लिए 'ना' ज़रूरी है ना यह होगा
Yuppp, i exactly say this kinda of stuff but wo bhi thoda sophisticated tarike se. Saurabh ne saurabh se aaj ek kaavyatmak tarika seekha khud ko bayan karne kaa. Aur haa, rational yaa sirf tark karne waalo ko me unki shaadi ke baad waali pehli raat ko room ke andar jaane se Pehle pakad ke puchunga, saale pyar kaise tarkik tarike se kiye ho. Kaise poetry kare tark lagaa ke aur jab tak jawab naa mile usko jaane nahi dunga. Ab chahe wo kuch bhi kare lekin klpd (khade dot dot pe dhoka) mehsus karega to samjhega ki kyu jaruri hai jeevan jeena uss tarike se ki tum bargad bano taaki logo ko chaav de sako. "Me nahi jaanta, lekin chalo khojte hai yaa dekh ke batata hu" Aise kuch statement hai jinko normalise karna hai. Iss hetu channel chlaata hu, naam nahi bataunga kyuki kisi ki mehnat pe neeche jaake comment karke traffic laana unethical saa lagta hai. baaki sab log samjhdaar hai hi, mujhe dhund lenge kahi naa kahi. 😂
Human with science 😅 I have been exploring religion through prism of atheism, Advaita vedanta,rationalism.And i must say i found resonance in your podcast with chal baat kar that as rationalist we should not be rigid but to accept the complexities of religion and philosophy.Atheism should not be so rigid to become a religion in itself (We know what Mahayana did to Buddha's original philosophy).
जो स्वयं के अस्तित्व को नकारता है केवल वो नास्तिक है बाकी सब आस्तिक ही है, चाहे किसी को माने या नहीं माने, समस्या वहां है जहां दूसरे अपना मत दूसरे पर थोपने लगते हैं और उसके अनुसार आस्तिक और नास्तिक परिभाषित करते हैं, बाकी सब की जय हो, जय हो जय हो
नास्तिकता खराब नहीं है लेकिन क्यों नास्तिकता आईं हम बड़ी विनम्रता से प्रश्न करेंगे। देखिए नास्तिक इस दुनिया में किसी शक्ति के विपरीत नहीं है।उसका कारण है। देखिए आस्तिक पक्ष, नास्तिक विपक्ष है ना। वास्तविकता क्या होनी चाहिए, सत्य क्या होना चाहिए,यह प्रश्न हम दोनों पक्षों से करेंगे। हम सभी विद्वानों का सम्मान करते हैं।
1)नास्तिकता? २)धर्म पर विश्वास? 3) पराये कल्ट को समान महत्व देना? ये तीनों अलग अलग बाते है? हमारे ललन टॉप के मित्र, इनमे से किसी कैटेगरी में नहीं आते। वे परम ढोंगी कैटेगरी में आते है। दिवाली पर फटाके के खिलाफ ज़रूर होंगे।क्योंकि प्रदूषण होता है , यह तर्क होगा। पर उसी समय, ईद पर लाखों बकरी कटने के कारण, atmosphere में जो कार्बन रिलीज़ होगा। ग्लोबल वार्मिंग होगा, उसकी चर्चा नहीं करेंगे। इसीलिए ढोंगी कहा है मैने।
और vegan होना किसी का शौक नहीं है निरीह पशुओं का शोषण उन पर क्रूरता की सारी हदें पार करके भी नास्तिक आस्तिक बने रहना आप का शौक होगा,, क्रूरता मुक्त रहकर ही कोई इंसान सच्चा आस्तिक या नास्तिक बन सकता है। बाकी सब ढोंग है
नास्तिकता भी एक धर्म की तरह बहक रहा है, मैं नास्तिक हूं पर नास्तिक होने का कारण सिर्फ जिज्ञासा है पर नास्तिकता आज के समय पर नास्तिक लोग सिर्फ भगवान जैसी विचारधारा की पर सिर्फ भरोसा करना नहीं चाहते। बल्कि नास्तिकता सिर्फ सवाल का जवाब ढूंढने का प्रयास होना चाहिए।
ताऊ का ये कहना कि ईश्वर नहीं है; कितना सही है? सबसे पहले उनसे ये जानना चाहता हूं कि वो उस ईश्वर को परिभाषित करें जिसके बारे में वो जानते हैं कि वह नहीं है तथा वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कैसे हैं 🙏
नास्तिक लोग साइंस के आड़ में तर्क देते हैं, लेकिन साइंस को भी अभी सब कुछ पता नहीं होता। इसलिए हम आस्तिक हैं, क्योंकि मेरा विश्वास ईश्वर में है। कभी न कभी साइंस ईश्वर को भी ढूंढ ही लेगा।
Jo daawa karte hain hamrare grantho kitaabo mein saar gyan hai unhe bhi kahan sab kuch pata hai?...jitna pata hai utna sweekar karna aur zyada jaan'ne ka prayaas karna hi sahi raasta hai
To be athiest you need to financially well and not dependent on anyone. You will have to live by society norms being a rebel is not easy and affordable by everyone. I personally believe that people in high positions are always athiest but they propagate idea of religion in people to control them easily.
05:34 *दिक्कत जिसका जिक्र हो रहा है वो धार्मिक नहीं नास्तिक लोग करते हैं बाकियों से जबरदस्ती जैसे इसरो चीफ से की,जैसे hc verma से की,ये उल्टा हो गया है आजकल* 😂
नास्तिकता कोई चीज ही नहीं होती हाँ ये एक कम विकसित मानसिकता या यों कहे की अविकसित मानसिकता का भ्रम ज़रूर है।। अगर आप ये मानते हो की मेरा अस्तित्व है या मैं चीजों को देख या महसूस कर पा रहा हूँ तो वो एक तरह सर आस्तिकता मै प्रवेश कर चुका है।। आस्तिकता अद्रष्टा की सत्ता को मानने या महसूस करने से है आप स्वयं को सर्वेसर्वा न मान कर अदृष्टा की सत्ता को स्वीकारना ही आस्तिकता है
ईश्वर क्या हैँ? और ईश्वर का होना क्यों जरुरी हैँ अराजकता भीतर होती हैँ बार नहीं l अस्तिकता अक्सर कमजोर और भिकमांगी रही हैँ l मत सोचना की इसकी वजह से अराजकता मिटी हैँ बल्की इसने अपनी ही सत्ता बना दी हैँ l वो जिसने जाना ही नहीं वो आस्तिक कैसा वो जिसने तर्क वितर्क खोया ही नहीं वो नास्तिक कैसा l
Permanand mharaj n kya bula nastik logg k bare m pta h religious people afraid of atheist or koi agar galat kre toh usee sajaa honi chahiye Bina belief gender ko dekhe
ishvar ne hum logo ko bolni ki ajaadi di he ye uska hone ka pramad he sir humaari apki parikalpna, tark vitark nastikta astikta se Ghanta phark nahi padta he pure duniya me hum chamatkar me bharosa he koi hume chamatkar karke apne adhin karle tab Ap mano ge ki ishvar he? Ishvar ko janjavoge to tumhi ishvar bajavoge use adhyama se bhi nahi Jana jasakt vo kon he kasa he kyo he kya karta dharta he uska puchha chodo sir desh me kitni gambhir samshya he uski charcha Karo ❤❤.
ये जो इसरो के वैज्ञानिक मंदिर गए ये बही बात हुई कि ,कोई कहे कि में vegan हूं लेकिन आज मेरा मूड किया की मुर्गा खा लू तो खा लिया ,फिर कोई कहे कि ये मूड है न गुरु ये चीज ही अलग है कोई वैज्ञानिक ये करे तो देश के लोग क्या फॉलो करेंगे
"मैं नास्तिक इसलिए नहीं हूं की मुझे धर्म से नफरत है, ब्लकि मैं नास्तिक इसलिए हूँ की धर्म को इंसानियत से नफरत है "
Bhagat singh
1)नास्तिकता? २)धर्म पर विश्वास? 3) पराये कल्ट को समान महत्व देना? ये तीनों अलग अलग बाते है?
हमारे ललन टॉप के मित्र, इनमे से किसी कैटेगरी में नहीं आते। वे परम ढोंगी कैटेगरी में आते है।
दिवाली पर फटाके के खिलाफ ज़रूर होंगे।क्योंकि प्रदूषण होता है , यह तर्क होगा।
पर उसी समय, ईद पर लाखों बकरी कटने के कारण, atmosphere में जो कार्बन रिलीज़ होगा। ग्लोबल वार्मिंग होगा, उसकी चर्चा नहीं करेंगे। इसीलिए ढोंगी कहा है मैने।
दुनिया में 4000 से अधिक धर्म हैं यदि कोई किसी एक धर्म का अनुसरण करता है तो वह स्वतः ही दूसरे धर्म का नास्तिक बन जाता है
Chill bro...@@IceBreaker-yj1qq
Tum pakka Islam Christian ki baat kr rheho agr hindu ki h to tum unme se ho jo diwali mnate hn pr kyun nhi pta
@@ShashankSingh-m1h
Aaesa nahi hai "Mujhe aaesa lagta hai"
Sab religion kisi higher form ko god maante hai
Agar tum kisi 1k ko maante ho to sab k liye tum aastik ho jaaoge
"Mai galat bhi ho sakta hu"
जो धर्म का आडंबर समझ जाते है वो नास्तिक बन जाते है ।
चाइना में 90% नास्तिक यूरोप और अमेरिका में 50% से ज्यादा नास्तिक हैं लेकिन भारत में रहने वाले 95% आस्तिकों की तुलना में उन नास्तिकों की सोच और उनके देश विकसित हैं 🙏
यहां पर, ताऊजी, द्विवेदी जी नास्तिक विचार पर चर्चा कर रहे है। They concluded,Rational thinking नास्तिक विचारोंसे भी महत्वपूर्ण है। सनातन धर्म में आपको rational thinking नजर आएगी।
सनातन धर्म में हम होली मनाते हैं। लेकिन हम होली क्यों मनाते हैं.?
विकास की प्रक्रिया में, वानर (होमो सेपियन्स के प्रारंभिक चरण) पलाश के लाल केसरिया फूलों की ओर आकर्षित हुए। उन्होंने कुछ पलाश के फूल उठाए और अपने परिवार और दोस्तों के साथ फूल डाल कर खेला। . 70,000 वर्षों से हम होली रंग उत्सव मनाते आ रहे हैं। Its immortal.
हम सनातनी दिवाली क्यों मनाते हैं??
क्योंकि नई फसल खेतों से सीधे उसके घर आती है। , अक्टूबर और दिसंबर के महीने में। अपनी फसल का सम्मान (सम्मान) करने के प्रयास में, वह अपनी फसल को धन की देवी यानी लक्ष्मी माता के रूप में देखा। उसकी पूजा की। दीवाली में, हिंदू सिर्फ अपने धन धान्य की पूजा कर रहा है, आप जानते हैं।
सनातन हिंदू धर्म ही तो rational thinking हैं। नास्तिक क्यों बने?
ताऊ जी ओर सौरव उत्तर दे🙏
और जब सोने की चिड़ियाँ था तब कहाँ थे ? 😂🤣
Kaha pade ho bhai ghr m bethe bethe Jaan gye europe or America m christian hn
@@OMAryavart00थोड़ी दुनिया घूमो थोड़ा अध्ययन करो, दिमाग विकसित होगा. फिर ऐसे तर्क नहीं दोगे.
दुनिया का हर देश अपने past को महान कहता है. तुम जिसे सोने की चिड़िया कहते हो, वो राजाओं के सही हो सकता है, पर संपूर्ण देश के लिए नहीं...वो समय ही ऐसा था, पूरी दुनिया में राजाओं का ही सिस्टम चलता था और सभी राजाओं के पास भरपूर दौलत होती थी.. इसका मतलब ये नहीं कि जनता भी सोने से लबालब थी
@@Sanjayplay10 तुम निपट चू हो, एक राज्य की खुशहाली और समृद्धि का पैमाना कभी भी राजा महाराजाओं या बादशाहों की दौलत से नहीं होता था, बल्कि वहां की प्रजा या अवाम के लिए बुनियादी सुविधाओं, आर्थिक स्थिति, राज्य की संपदा का एक समान वितरण, taxation या कर का प्रभावी तरीका, चोर उचक्कों , असामाजिक तत्वों में कानून का डर, सामाजिक सुरक्षा इन पैमानों से एक राज्य के अच्छे या बुरे होने, समृद्ध या कंगाल होने का फैसला होता था, और इन्हीं पैरामीटर्स पर देश सोने की चिड़िया कहलाया, तुम्हारे पुरखे भी इसी सिस्टम का हिस्सा रहे होंगे, उन्हें कब्र में से उठाकर पूछ ले।
नास्तिक बहुसंख्यक भी हो गए तो आज कल के धार्मिकों से बेहतर जीवन जीयेंगे और जीने देंगे।।
Ye aap nahin keh sakte ! Koi evidence nahin hai !
बिल्कुल नहीं, नास्तिक सिर्फ बातों और कागज के शेर होते हैं। मैने बहुसंख्य ऐसे नास्तिक देखे हैं जो अपने घर के बल्ब नहीं बदल सकते, बेसिक घर के काम नहीं कर पाते जिस साइंस के ज्ञान का दम भरते हैं उसका प्रैक्टिकल लाइफ में s भी नहीं अमल में ला पाते, सिर्फ बौद्धिक कलाबाजियों में माहिर होते हैं। आखिर में सब कामों के लिए उन्हीं धार्मिक लोगों के आसरे रहते हैं जिनको घृणा की भावना से देखते हैं। ऐसे लोगों के लिए मेरे इलाके में कहावत है बिल्ली के g@o...
बौद्ध स्तुपो को तोड़ दे फिर .?
मस्जिदों को गिरा दे फिर .?
चर्चो को जला दे .?
तूने वीडियो देख के कुछ नहीं सीखा ये जो नास्तिक होने का घमंड है यही तेरी आस्तिकता है मूर्ख 😂
france dekhlo jeevan kitna sahi hua.
एक आस्तिक दूसरे धर्म के आस्तिक लोगो से नफरत करता है
वही नास्तिक किसी धर्म के लोगो से कोई नफरत नही करता..
संसार मे सारे लड़ाई धर्म को लेकर ही है..
नास्तिक सारे आस्तिकों को मूर्ख समझते हैं नफरत करना और दूसरों को मूर्ख समझने मे बहुत भेद नहीं है
@adwaita6663 बिल्कुल गलत मेरे भाई .. नास्तिक किसी को मूर्ख नही समझते .. इसके विपरीत आस्तिक लोग नास्तिक को मूर्ख समझते है की इनको कुछ भी ज्ञान नही है
एक बार के लिए तुम्हारा बात मान भी ले तो मूर्ख समझना फिर भी उतना बुरा नही है जितना की नफरत करना
तुम भी अपने से किसी छोटे को मूर्ख कह देते हो या समझ लेते हो लेकिन उनसे नफरत तो नही करते ..
@@adwaita6663to esme galat kya h aastik murkh hi to hote h
Poore comment me nastik bhre pde hai... Proud feel ho rh❤🎉👏
सही है सरपंच जैसे mythology को हकीकत मान लेना क्योंकि मन किया, तो मूर्खता भी एक शौक है , जैसे धर्म एक धंधा है , पाखंड तुम्हारी आस्था है क्योंकि तुम मन को मानते हो।
@0:45 विगन होना कोई शोख की बात नहीं होती सौरभ! विगन ना होने के करण ही ये जलवायु परिवर्तन हम देख रहे हैं।
Aacharya Prashant ❤
Exactly, but Veganism agar sahi kendra se nhi aara hai to wo hmare Ahnakar ki Bhet chad jayega !
तापरहित बसयुद्ध हो❤
This dallantop guy is gluttony and to justify his vices he goes raging against anything and everything.
@@Ecatasy Haa bhaiya
I'm student of AP too❤️
@@Ecatasy Haa bhaiya
I'm student of AP too❤️
Acha desh m 80 crore logg k pass khane ko nahi h aur app vegan vegan khel rhe ho
नास्तिकता एक शौक है और धर्म अफीम है .?
वाह रे चमनो "!
Brother check the facts the best countries of the world are where people are least religious.
I am not saying being religious is bad but neither is atheism.
I know you will not agree but that's fine,don't expect you to be .
@@greatkaafir7478 yeah chutiye Hindu desh me baithkar Hindu community me paida Ho karr hi yeah sab bol paa rahe hany, knyo ki yanha Sir tan se juda nahi hota,
धर्म हमेशा से अपने अपने हिसाब से चला हैं। जिसके पास जैसी ताकत उसने धर्म को उसी हिसाब से चलाया
First u tell me what is the definition of religion बकलोल@@MithileshJha-tn3ks
@@MithileshJha-tn3ks Dont get confused between Dharm and Religion.They both are completely different terms.
सौरभ सर! आपका यह वीडियो देखा जिसमें आप वीगन वाद को एक शौक कह रहे हैं। मैं आपकों बहुत सुलझा हुआ पत्रकार और एक सुलझे हुऐ इंसान की तरह देखता हूं। आपकी पत्रकारिता का सम्मान और उसकी प्रशंसा करता हूं। परन्तु वीगनवाद पर आपका यह विचार सुनकर काफी आहत हुआ। आप जैसे जिम्मेदार शख्सियत की ओर से इस तरह की बात आना काफी आश्चर्यजनक लगा। मैं चाहता हूं आप वीगनवाद का और अध्ययन करें और उसके पीछे की विचारधारा को समझने का प्रयास करें। विगनवाद शौक नहीं आवश्यकता है इस समय की। पर्यावरण और जानवरों की आवाज है वीगनवाद। मैं नहीं चाहता की आप जैसे जीवन के विधार्थी इस विचारधारा की महत्ता और आवश्यकता से अछूते रह जाए।
सौरभ द्विवेदी को कुछ ज्यादा ही नंबर दिए बैठे हो गुरु..तुम क्या चाहते हो कि एक पत्रकार/बिजनेसमैन सब चीजों का जानकार हो??
@Sanjayplay10 सब चीजों का नहीं..पर वो चीजें जरूर जिनपर आप बात कर रहे हैं। या अपनी राय दें रहे हैं।
@@mohitsaindane1318 sabka apna mat ho sakta hai
मै तो तर्कवादी विचारधारा को ज्यादा बेहतर समझाता हु।
Atheist Means a person who prefer rationalism in very field not like a community or Religion ..And I am proud Athiest But I will oppose every point where Athism acts like Religion , Athieism is of Passion not compulsion 😅
Rationality ko kese define karoge
1)नास्तिकता? २)धर्म पर विश्वास? 3) पराये कल्ट को समान महत्व देना? ये तीनों अलग अलग बाते है?
हमारे ललन टॉप के मित्र, इनमे से किसी कैटेगरी में नहीं आते। वे परम ढोंगी कैटेगरी में आते है।
दिवाली पर फटाके के खिलाफ ज़रूर होंगे।क्योंकि प्रदूषण होता है , यह तर्क होगा।
पर उसी समय, ईद पर लाखों बकरी कटने के कारण, atmosphere में जो कार्बन रिलीज़ होगा। ग्लोबल वार्मिंग होगा, उसकी चर्चा नहीं करेंगे। इसीलिए ढोंगी कहा है मैने।
@@IceBreaker-yj1qq you are doing dogma, Saurabh is right for sure And yes We must ban Crackers on diwali for our health , Now You are saying killing goats on Eid so to ban Killing of goats you should protest and request to your government that if the govt. have guts so, they ban killing of goats, Every day in India more than 30 000(Thirty thousand) goats are being killed and these meats are being consumed by Hindus .so firstly look at your own religion and own dogma lol . We must ban crackers for 100% so that Our Environment will be clean.
@@PAWANKUMAR-ed3ug Rationality:- the quality of being based one logic, reason, asking question again anything , analysing things with open mind not having any kind if myth or faith (where there is no logic, no reason just accepted the existence without questioning )is Rationality lol
@@Atheist7850bat ye nhi h kon astik h kon nastik batt yeh h ki jo bhi h kya wo ye smjh paya ki tammez ki zindagi kaise jini h nhi na jis dharma ka virodh bhgat singh krte the wo dharm tha bhi nhi or na wo dhram kha jayega kuki logo ne dharam ke nam par apni roti pakayi h smjhe to agar tum nastik ho to kis basis pe kya sirf jhute dharm ke virodh mai kuki asli dharm ko to nastik bhi nhi mana kar skta kuki dhram apne app mai hi ek better word h pure word smjhe ajj Jo dharam apne aass pass dekh rhe ho wo dhram nhi h bhagat singh uske nastik the asli dharm ke nhi jha tammez i zindagi or tameez dar log ho us dharm ke nastik nhi the nastik ka matlb h na asti
Abe jo ho phle uska matlb Jan to lo or proud hone wali batt hi nhi h ki mai nastik hu I am proud what to proud in it ha
Ambani Roz mandir jata h ammer to h successful to h
Lekin ek garib nastik h phir bhi gareeb h to nastik hone ka kya proud it's nothing to be proud of or ajj kal india me nastik or dharm or har chezzz ka level hi gira diya h kuki market Mai ajj kal nastik hona sirf shock ho gya h bina Jane bina smjhe bas social called attitude nastik bas abhi yhi intelligent intellectual ke samne face to face debate karwa do to comment section ke social called nastik Neo atheist sab apne app level pe ajenge had h
Ap acharya Prashant Aram se nastik ko smjha skte h dharm ka mtlb lekin whi dharmik insan sirf apni Manyata par chalta h asli dharm pe nhi isiliye nastik log hho jate h smjha
Or ajj kal india mai na to dharm smjh paye na nastik ko
Bas apni mentality ke gulam phir chae so called atheist ho ya so called Puja krne wale bina mtlb jane festival manna na par koi asli matlb smjhye to bahvna ko tes pahucha rha h are dharm ko jane to or phir aj ate h so called atheist ka trend
Means india mai har chezz ka level gir chuka h either Atheism or thesis people are just following mental though and think themselves as well cool.wow.
कोई कुछ भी हो उसमें मानवता होनीं चाहिए ,संवेदनशीलता होनी चाहिए ।प्रेम ,दया ,करुणा होनी चाहिए ।
Bhai ye sab bhi to insaan dharm se hi sikhta hai na pet se to leke paida nhi hota jisko tum insaniyat bolte ho actual me ho religionsness hoti hai kyoki insan animal kingdom me ata h vo bhi ek trah ka animal hi h aur animals me human values jesa kuch nhi hota vo sab dharm sikhata h hme
@@Krishanveer333 जो व्यक्ति प्रेम ,दया और करुणा से जीवन जी रहा है वही सच्चा धार्मिक है ।आस्तिक और नास्तिक दोनों धार्मिक हो धार्मिक ही है यदि वो मानवीय मूल्यों को तरजीह देकर जी रहे है
@@mastikipathshala2023 bhai to Jin manviya mulyo ki baat kr raha h vo bhi kahi se ate honge na koi pet se dayavan, karunavan thodi ata h pet se hum sab janwar hi peda hote h jab maaa baap ache sanskar dalte h humme tab hum ese bante h aur vo ache sanskar dharm se hi ate h kahi aur se nhi isliye jisko manavta bolte ho actual me vo religiousness hoti h manavta naam ki koi cheez nhi hoti bhai
@@Krishanveer333Human right धर्म से नही आए, पहले जाके धर्म, नास्तिकता, Human values and Ethics पर थोड़ा ज्ञान अर्जित करो, तब Argument करने मै ठीक भी लगे, ये तुमने जो बात बोली है बो 1200AD se लोग बोलते हुए आ रहे है, तुमने भी बही बात Repeat कर दी
@@AGRIUNNYAN acha bhai to ye btade jab human jungle me tha tab ye human right kaha the ethics kaha thi agar ye natural h to ye human right human values jungle me kyu chlti thi wha ek insaan dusre ko mar mar kyu khata tha
नास्तिकता कोई मान्यता या शौक नहीं है। नास्तिक कहता है आप प्रमाण दिखा दो मैं मान लूंगा। जैसे आत्मा।काल्पनिक है।मान्यता है।कोई प्रमाण नहीं।
sahi kaha...
दुनिया में 4000 से अधिक धर्म हैं यदि कोई किसी एक धर्म का अनुसरण करता है तो वह स्वतः ही दूसरे धर्म का नास्तिक बन जाता है
@@hks-h9q atom, Quark दिखा दो विश्वास मान जाऊँगा ? 🤣😂
तु गोबर को मान बेटा😂जाग😂😂😂😂
@hks। - कभी ध्यान किया है?
जो नास्तिक नहीं है वो कभी भी सच्चा आस्तिक नहीं बन सकता....
विज्ञान और संविधान पर विश्वास ही मेरी नास्तिकता है,जिस दिन विज्ञान भगवान सिद्ध कर देंगे तो मानने लगूंगा,वैदिक/ब्राह्मण/हिंदू/सनातन धर्म भी वेद मानने के पर आस्तिक माना है न कि भगवान,अब मेरा वेद विज्ञान की पुस्तक और देवता आविष्कारक जिन्होंने मानव विकास किया
1)नास्तिकता? २)धर्म पर विश्वास? 3) पराये कल्ट को समान महत्व देना? ये तीनों अलग अलग बाते है?
हमारे ललन टॉप के मित्र, इनमे से किसी कैटेगरी में नहीं आते। वे परम ढोंगी कैटेगरी में आते है।
दिवाली पर फटाके के खिलाफ ज़रूर होंगे।क्योंकि प्रदूषण होता है , यह तर्क होगा।
पर उसी समय, ईद पर लाखों बकरी कटने के कारण, atmosphere में जो कार्बन रिलीज़ होगा। ग्लोबल वार्मिंग होगा, उसकी चर्चा नहीं करेंगे। इसीलिए ढोंगी कहा है मैने।
यहां पर, ताऊजी, द्विवेदी जी नास्तिक विचार पर चर्चा कर रहे है। They concluded,Rational thinking नास्तिक विचारोंसे भी महत्वपूर्ण है। सनातन धर्म में आपको rational thinking नजर आएगी।
सनातन धर्म में हम होली मनाते हैं। लेकिन हम होली क्यों मनाते हैं.?
विकास की प्रक्रिया में, वानर (होमो सेपियन्स के प्रारंभिक चरण) पलाश के लाल केसरिया फूलों की ओर आकर्षित हुए। उन्होंने कुछ पलाश के फूल उठाए और अपने परिवार और दोस्तों के साथ फूल डाल कर खेला। . 70,000 वर्षों से हम होली रंग उत्सव मनाते आ रहे हैं। Its immortal.
हम सनातनी दिवाली क्यों मनाते हैं??
क्योंकि नई फसल खेतों से सीधे उसके घर आती है। , अक्टूबर और दिसंबर के महीने में। अपनी फसल का सम्मान (सम्मान) करने के प्रयास में, वह अपनी फसल को धन की देवी यानी लक्ष्मी माता के रूप में देखा। उसकी पूजा की। दीवाली में, हिंदू सिर्फ अपने धन धान्य की पूजा कर रहा है, आप जानते हैं।
सनातन हिंदू धर्म ही तो rational thinking हैं। नास्तिक क्यों बने?
ताऊ जी ओर सौरव उत्तर दे🙏
धर्म ने दुनिया को पाखण्डी बना दिया और विज्ञान ने सारी दुनिया को बारूद के ढेर पर लाकर खड़ा कर दिया!
आपने एक बीमारी छोड़कर दूसरी पकड ली
Nastik hona Astik hone ki pahli seedi hai
Osho
Aap Kabhi Osho ko Osho K Nazariye se Nahi Samjhe , Aap hamesha Osho ki Baato mei Vo Chize Dhundhte rahe ho aapki Manyatao se Sambafh Rakhe , Rationality Hume sikhata hai kaise Hume apne Vichaar se Na Jide Rehkr Saamne Wale k Nazariye se bhi Cheeze samjhni chahiye
Osho was con man Atheist means a person who read scriptures understand science and then become atheist because religion have so many rituals and concept that you can easily deny on the basis of today's understanding of world(science). There term called Atheist Agnostic means don't believe in human made god but not say anything about fundamental truth
Ye ek theist kha raha h😂😂
Osho ke upar Ek lekh likha gaya tha torch bechne wale harishankar persai
1)नास्तिकता? २)धर्म पर विश्वास? 3) पराये कल्ट को समान महत्व देना? ये तीनों अलग अलग बाते है?
हमारे ललन टॉप के मित्र, इनमे से किसी कैटेगरी में नहीं आते। वे परम ढोंगी कैटेगरी में आते है।
दिवाली पर फटाके के खिलाफ ज़रूर होंगे।क्योंकि प्रदूषण होता है , यह तर्क होगा।
पर उसी समय, ईद पर लाखों बकरी कटने के कारण, atmosphere में जो कार्बन रिलीज़ होगा। ग्लोबल वार्मिंग होगा, उसकी चर्चा नहीं करेंगे। इसीलिए ढोंगी कहा है मैने।
I'm thinking there for i am ( मैं सोचता हूं इस लिए मैं हूँ) by western philosopher Rene Descate ❤
आस्तिकता एक सुविधाजनक आदत।
नास्तिक और आस्तिक दोनों अपने आप को सिद्ध नहीं कर पाएंगे सबकी अपनी अपनी विचारधारा है और ओ अपनी विचारधारा को ही सत्य मानते हैं।
नास्तिकता एक शौक है तो क्या धर्म एक धंधा नहीं है।
Yes....
धर्म का मतलब है आस्था, करुणा, विश्वास, दया, ममता। नास्तिक लोग जड़ होते हैं हमेशा denial मोड में रहने वाले, उन्हें किसी का डर नहीं इसलिए किसी भूखे को रोटी नहीं 50 डिग्री गर्मी में किसी प्यासे और सूखे हलक वाले को पानी भी नहीं पूछते।
@@vishalbhatnagar4305Kon bola hai nastik log jadd buddhi ke hote hai
To tumne nastik ho kar apne jivan me aaccha kya keya ??
Astha me charan wandana karwalo😂@@vishalbhatnagar4305
जब दो विद्वान अंगुरो के बीच
ऐसा लंगूर हो, तो बात जल्दी खतम होती है
कृपया ठहरावं हो, उच्चल कुद वाले लंगूर को
दुबारा ना बुलाये.....
अच्छे व्यक्तित्व कि कमी हो
तो ईस सर्कस्टिक व्यक्ती याने हमे बुलाये
.......,.❤
"Shreecastic" was subtle! Tau Ji's humour quotient have my respect.
वेद में आस्तिक और नास्तिक की परिभाषा दी गई है जगद्गुरु आदि शंकराचार्य जी ने कहा है कि
जो ब्रह्म सत्य जगत मिथ्या को मानता है वह आस्तिक
जो जगत सत्य ब्रह्म मिथ्या मानता है वह नास्तिक
ब्रह्म मतलब ब्रह्मांड हमेशा सत्य है और चलता रहेगा
जगत का मतलब होता है मानव पशु पक्षी पेड़ पौधे यह हमेशा पैदा होंगे और मृत्यु को प्राप्त होंगे
आस्तिक का मतलब होता है अपने अस्तित्व को नकारना
यह पांच तत्वों से बना शरीर एक दिन नष्ट हो जाएगा लेकिन आत्मा मतलब ब्रह्मांड चलती रहेगी
VED SE DUNIYA NAHI CHALTI HAI SCIENCE SE CHALTI HAI ,,,KOI BRAHMNICAL PONGA PANTI KO NHI MANTA AB ,,,AUR SHANKRACHARYA K BARE MEIN JANNA HAI TOH SCIENCE JOURNEY NASTIK CHANNEL HAI POL KHOL RAKHI HAI
Brhama matlab aatma hota
ये ऐसे ही अपने आप को बड़ा intellectual दिखाने का प्रयास कर रहे हैं
वास्तव में यदि इन्हें एक नास्तिक और आस्तिक के बीच में रख दिया जाये और तथ्यों के आधार पर बहस करने बोला जाये तो इनकी बोलती बंद हो जाएगी
अफगानिस्तान में नास्तिक बना कर देख शौरभ द्विवेदी ।
Bhonk mt bey...IT CELL ke dalle
सर तन से जुदा हो जाएगा इसका😂😂😂
Afghanistan agar chutiya h toh kya app bhi Banna chate h vha tho women k bhi bhut bure haal h compare Krna h toh develop desh jese china singapore s karo
1)नास्तिकता? २)धर्म पर विश्वास? 3) पराये कल्ट को समान महत्व देना? ये तीनों अलग अलग बाते है?
हमारे ललन टॉप के मित्र, इनमे से किसी कैटेगरी में नहीं आते। वे परम ढोंगी कैटेगरी में आते है।
दिवाली पर फटाके के खिलाफ ज़रूर होंगे।क्योंकि प्रदूषण होता है , यह तर्क होगा।
पर उसी समय, ईद पर लाखों बकरी कटने के कारण, atmosphere में जो कार्बन रिलीज़ होगा। ग्लोबल वार्मिंग होगा, उसकी चर्चा नहीं करेंगे। इसीलिए ढोंगी कहा है मैने।
@@IceBreaker-yj1qq yeah 4 dhongi kisi bimari lagne parr sabse pahle mandir bhagte hany, buss dhong nastik wala karna hay, jihadinyo ka suport mil jata hay
सौरभ सर खुद को हर विषय पर एक्सपर्ट मान लेना गलत है आप थोड़ा रिसर्च करिए फेक्चुअल बात करिए शायद अब आपकी उम्र जवानी से प्रौढता की ओर ढल रही है उसी के लिए छाया दिखने लगी है,
भगवान और भूत दोनो मानवों की सोच है,
Athesim is based on logic and क्रिटिकल thinking
5:32 व्यक्ति चाहे आस्तिक यो या नास्तिक, यह बात तो सभी पर लागू होती है। एक धार्मिक व्यक्ति यह मानता है कि उसका धर्म सब से श्रेष्ठ है और सभी को उसका ही अनुसरण करना चाहिए। लेकिन एक नास्तिक व्यक्ति भी यही मानता है कि उसको सोच सर्वश्रेष्ठ है इसलिए सभी को नास्तिक हो जाना चाहिए। समस्या तब शुरू होती है जब हम एक दूसरे के विश्वास को नीचा दिखाने लगते हैं। दूसरे के विश्वास पर सवाल मत करिए जब तक वो आपको या किसी और को नुकसान नहीं कर रहा है। हम अपनी आस्तिकता या नास्तिकता किसी पर थोप नहीं सकते हैं।
Astikta itna nuksaan pahucha rahi hai pri duniya ko desh ko .. faltu ka time waste. Ram mandir vs babri masjid kar rahi thi chutiya public...koi hospital hee khol dete ya school ya college
Bahut khub
Ye bahut accha karyakram hai
दुनिया में 4000 से अधिक धर्म हैं यदि कोई किसी एक धर्म का अनुसरण करता है तो वह स्वतः ही दूसरे धर्म का नास्तिक बन जाता है
This is called real debate
यह संसार जिस तरीके से बुना गया है वो अपने आप विस्फोट करने से कभी भी नहीं हो सकता है ।इसकी संरचना बताती है कि कोई तो शक्ति है जिससे प्रभावित हो कर ये सब बना है ।रही बात अंधविश्वास की तो जिसके विषय में जिसकी पहुंच नहीं जा पाती है उसे वो अंधविश्वास कह देता है ।मैं आपको अपना अनुभव बताऊं ,मैने परमात्मा को तो नहीं देखा है लेकिन उन्हीं के अंश प्रेतात्मा को जरूर देखा है और ये केवल मेरा ही नहीं बहुतों ने इसका अनुभव किया है ।आप लोगों के मानने या न मानने से सच्चाई बदल तो नहीं सकती ना।मैं आप लोगों से एक सवाल करता हूं उसका जवाब ईमानदारी से दीजिएगा ।एक अच्छे समाज के लिए कैसा व्यक्ति ज्यादा अच्छा रहेगा एक सच्चा नास्तिक या एक सच्चा आस्तिक ?बात सच्चे की पूछा हूं ये ध्यान रहे ok
मैं ज्यादा न कह कर इतना कहूंगा कि कल्ट आस्तिकता का ठेका है नास्तिकता में अगर कल्ट है तो वो निसंदेह नास्तिकता नहीं है
नास्तिकता भी उतना ही बाकी प्रचलित विचारों से बल्कि यह कहने में भी कोई हिचकिचाहट नही होनी चाहिए की यह सबसे परिपक्व विचार है..
मानये की गुरु,...
नास्तिकता का उद्बोधन ही ना से आरम्भ हो रहा है यह एक 'न' अक्षर से उसके बाद आ की मात्रा वह शब्द भी सकारात्मक दिशा की और इंगित कर रहा है न अक्षर से नील, नाग, नयन, नमन, नीम, निश्छल, नवीन, नित, ना जाने कितने... ना को इतना बदनाम या अस्वीकार्य बना देना यह अ या आ के लिए 'ना' ज़रूरी है ना यह होगा
Yuppp, i exactly say this kinda of stuff but wo bhi thoda sophisticated tarike se.
Saurabh ne saurabh se aaj ek kaavyatmak tarika seekha khud ko bayan karne kaa.
Aur haa, rational yaa sirf tark karne waalo ko me unki shaadi ke baad waali pehli raat ko room ke andar jaane se Pehle pakad ke puchunga, saale pyar kaise tarkik tarike se kiye ho. Kaise poetry kare tark lagaa ke aur jab tak jawab naa mile usko jaane nahi dunga.
Ab chahe wo kuch bhi kare lekin klpd (khade dot dot pe dhoka) mehsus karega to samjhega ki kyu jaruri hai jeevan jeena uss tarike se ki tum bargad bano taaki logo ko chaav de sako.
"Me nahi jaanta, lekin chalo khojte hai yaa dekh ke batata hu" Aise kuch statement hai jinko normalise karna hai.
Iss hetu channel chlaata hu, naam nahi bataunga kyuki kisi ki mehnat pe neeche jaake comment karke traffic laana unethical saa lagta hai. baaki sab log samjhdaar hai hi, mujhe dhund lenge kahi naa kahi. 😂
Human with science 😅
I have been exploring religion through prism of atheism, Advaita vedanta,rationalism.And i must say i found resonance in your podcast with chal baat kar that as rationalist we should not be rigid but to accept the complexities of religion and philosophy.Atheism should not be so rigid to become a religion in itself (We know what Mahayana did to Buddha's original philosophy).
@@Ut-yi4githank u so much sir. This means a lot. ❤
@@SaurabhMotalkar haa sir aapse bahut kuch seekhne ko milta hai..
@@AnalysisLegend 😄 I think me aapse seekha hu, your comments and suggestions are helpful to me thanks to you too.
Bohot khoob 🎉🎉👏🏼👏🏼👏🏼
जो स्वयं के अस्तित्व को नकारता है केवल वो नास्तिक है बाकी सब आस्तिक ही है, चाहे किसी को माने या नहीं माने, समस्या वहां है जहां दूसरे अपना मत दूसरे पर थोपने लगते हैं और उसके अनुसार आस्तिक और नास्तिक परिभाषित करते हैं, बाकी सब की जय हो, जय हो जय हो
नास्तिकता खराब नहीं है लेकिन क्यों नास्तिकता आईं हम बड़ी विनम्रता से प्रश्न करेंगे।
देखिए नास्तिक इस दुनिया में किसी शक्ति के विपरीत नहीं है।उसका कारण है।
देखिए आस्तिक पक्ष, नास्तिक विपक्ष है ना।
वास्तविकता क्या होनी चाहिए, सत्य क्या होना चाहिए,यह प्रश्न हम दोनों पक्षों से करेंगे।
हम सभी विद्वानों का सम्मान करते हैं।
Long live nastikta ❤❤❤❤
Bahut hi acha samvad 🙏
वैज्ञानिक मार्क्सवाद पर जोर देना चाहिए धर्म का अर्थ अपना निर्धारित कर्म है
1)नास्तिकता? २)धर्म पर विश्वास? 3) पराये कल्ट को समान महत्व देना? ये तीनों अलग अलग बाते है?
हमारे ललन टॉप के मित्र, इनमे से किसी कैटेगरी में नहीं आते। वे परम ढोंगी कैटेगरी में आते है।
दिवाली पर फटाके के खिलाफ ज़रूर होंगे।क्योंकि प्रदूषण होता है , यह तर्क होगा।
पर उसी समय, ईद पर लाखों बकरी कटने के कारण, atmosphere में जो कार्बन रिलीज़ होगा। ग्लोबल वार्मिंग होगा, उसकी चर्चा नहीं करेंगे। इसीलिए ढोंगी कहा है मैने।
और vegan होना किसी का शौक नहीं है निरीह पशुओं का शोषण उन पर क्रूरता की सारी हदें पार करके भी नास्तिक आस्तिक बने रहना आप का शौक होगा,, क्रूरता मुक्त रहकर ही कोई इंसान सच्चा आस्तिक या नास्तिक बन सकता है। बाकी सब ढोंग है
jo khet me pescicide chidakte ho usse hinsa nahi hoti kya?
@@astee.007 वो मजबूरी है, लेकिन बकरे को काटना मजबूरी नहीं है!
Kafi accha topic hai
नास्तिकता भी एक धर्म की तरह बहक रहा है, मैं नास्तिक हूं पर नास्तिक होने का कारण सिर्फ जिज्ञासा है पर नास्तिकता आज के समय पर नास्तिक लोग सिर्फ भगवान जैसी विचारधारा की पर सिर्फ भरोसा करना नहीं चाहते।
बल्कि नास्तिकता सिर्फ सवाल का जवाब ढूंढने का प्रयास होना चाहिए।
आज्ञायवादी होने की जरूरत है पहले जानो फिर आप उससे माने ❤❤❤❤
हर चीज के एक्सपर्ट हैं ये बाबा जी
बनी नहीं बात यार कुछ, ऐसे ही time pass कर रहे हैं
Bahut badhiya topic.........
ताऊ का ये कहना कि ईश्वर नहीं है; कितना सही है? सबसे पहले उनसे ये जानना चाहता हूं कि वो उस ईश्वर को परिभाषित करें जिसके बारे में वो जानते हैं कि वह नहीं है तथा वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कैसे हैं 🙏
नास्तिकता तार्किकता की उच्चतम शिखर है।
Saurabh Bhai sahi pakde hain..... Nastikta ek shauq ho gaya hai..😂
Kabhi science journy pe ja k debet kar lo apne aap samajh ajayega.shauk hai ya nhi.
अच्छी वार्तालाप रही 👍
तू नास्तिक है तो शौरव कुरान पर बोल कर दिखा, बोल कर दिखा कि अल्लाह है ही नहीं ।
allah ishwar aur god kuch bhi nahi hai. Tum religious logo ne pira prithvi ka battadhar kararakhe ho
Alllah bulla lulla sab kalpanik hai sare dharmo ko kude mai fek dena chahiye
03:04 अच्छा बेटा तू जनता है कि ईश्वर नहीं है😂😂😂😂
मैं तो ये जनता हूं कि अल्लाह नहीं है गारंटी से जानता हूं कि अल्लाह सिर्फ हल्ला है😂😂😂
😂😂
Mujhe bhi pata h allah , bhagwaan, bhoot ye sab kuch nahi h
नास्तिक लोग साइंस के आड़ में तर्क देते हैं, लेकिन साइंस को भी अभी सब कुछ पता नहीं होता। इसलिए हम आस्तिक हैं, क्योंकि मेरा विश्वास ईश्वर में है। कभी न कभी साइंस ईश्वर को भी ढूंढ ही लेगा।
Bhai pta to religion ko bhi sab kuch nahi hai
Jab dundh legi tab man lenge 😂😂😂
Why religion vs Science
@@dharamarya2892 because religion makes people believe in superstition and dogma and also kills open mindedness
Jo daawa karte hain hamrare grantho kitaabo mein saar gyan hai unhe bhi kahan sab kuch pata hai?...jitna pata hai utna sweekar karna aur zyada jaan'ne ka prayaas karna hi sahi raasta hai
एक भी धर्म अगर तार्किक होता और मज़ाकिया और झूठा नहीं होता तो मैं... नास्तिक नहीं होता
To be athiest you need to financially well and not dependent on anyone. You will have to live by society norms being a rebel is not easy and affordable by everyone.
I personally believe that people in high positions are always athiest but they propagate idea of religion in people to control them easily.
Hindu hai isliye nastik bol raha, Musalmaan hota aur aaisa bola hota toh.... 🤡
जीवात्मा की सिद्धी ( Part 3 ) नास्तिक न देखें 🤣 वरना आस्तिक बन जाओगे । 😂
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05:34 *दिक्कत जिसका जिक्र हो रहा है वो धार्मिक नहीं नास्तिक लोग करते हैं बाकियों से जबरदस्ती जैसे इसरो चीफ से की,जैसे hc verma से की,ये उल्टा हो गया है आजकल* 😂
Modi ji se koi swaal puchhta it was amazing 😂
जीवात्मा की सिद्धी ( Part 2 ) । नास्तिक न देखें 😂 वरना आस्तिक बन जाओगे ।
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वो भी पढ़ रहे हैं! पर इलू के धर्मगुरुओं ने आयशा माइंड वॉश किया है गजब यार
नास्तिकता कोई चीज ही नहीं होती हाँ ये एक कम विकसित मानसिकता या यों कहे की अविकसित मानसिकता का भ्रम ज़रूर है।। अगर आप ये मानते हो की मेरा अस्तित्व है या मैं चीजों को देख या महसूस कर पा रहा हूँ तो वो एक तरह सर आस्तिकता मै प्रवेश कर चुका है।। आस्तिकता अद्रष्टा की सत्ता को मानने या महसूस करने से है आप स्वयं को सर्वेसर्वा न मान कर अदृष्टा की सत्ता को स्वीकारना ही आस्तिकता है
Nastikta or veganism manvata or environment ki jrurt hai
Sahi kaha aapne agree💯💯.
बढ़िया डिस्कशन हुआ। ❤
आस्तिक व्यक्ति से आज नास्तिक अच्छा अंधविश्वास को नहीं बढ़ावा देता
यहां पर सब कुछ लाल है
कमरे की दीवारें लाल
तीनों के विचार लाल
और इन विचारों से जो लहू भूतकाल में पूरे विश्व में बह था वह भी लाल था
Kisi ko koi fark nhi padta koi Nastik ho to😂😂.......
Agnostic view
ईश्वर क्या हैँ? और ईश्वर का होना क्यों जरुरी हैँ
अराजकता भीतर होती हैँ बार नहीं l अस्तिकता अक्सर कमजोर और भिकमांगी रही हैँ l मत सोचना की इसकी वजह से अराजकता मिटी हैँ बल्की इसने अपनी ही सत्ता बना दी हैँ l वो जिसने जाना ही नहीं वो आस्तिक कैसा वो जिसने तर्क वितर्क खोया ही नहीं वो नास्तिक कैसा l
नास्तिकता के जड़ में देवताओं की अकर्मण्यता है।
देव अकर्मण्य हुए तो भगत नास्तिक हो गए।
Jab vippatti aati hai to acche acche nastik mandir mandir ghumne lagte hai.
KOI BHI KATTRTA GALAT HAI,
ASTIK BHI, NASTIK BHI
ASAL MEIN ASTIKTA MEIN GALAT LOG GUSPAITH KR GYE HEIN.
यही तो प्रॉब्लम है हमारे भारत में दूसरों की उंगली करना यह तीनों डिबेटर को पता ही होगा कौन कब से किसको उंगली कररहा है
नास्तिकता और तर्क का आपस में क्या संबंध है भला... अतार्किक लोगों का एक समूह "मात्र" ही तो है नास्तिकता..😂
N;aastik a;gar bahu;samkhyak hu;e t;oh d;esh bar;baad ko j;ayega.
nastika shouk hai to hai astikta kya hai majboori ?? astika virasat me milti hai sir nastik hone ke liye mehnat lagti hai..
Koi sense h 😂
आजकल अवसरवादी ज्यादा है। जिसमें सुविधा लगे उसी में adjust हो जाते है।
ये सोरभ ने पहली बार कुतर्क दिया है
शौक 🤣🤣🤣
पण्डितजी तो पण्डितजी ही है.... 😅😅😅
Saurabh ji
Proud to be an atheist 💪
आस्तिकों से अधिक नास्तिको में कट्टरता देखी है , कभी कोई आस्तिक नास्तिक का मजाक नही उड़ाता, लेकिन दुनिया के नास्तिक आस्तिकों का मजाक उड़ाते मिलते है
Lekin galiyan jarur de dete h
@@TheVigyanPodcast बिल्कुल नास्तिक बहुत गालियां देते और मजाक उड़ाते है, अभी इसरो चीफ मन्दिर क्या चले गए , सबके बवासीर का दर्द उठ गया था
@@shivam00668 उल्टा बोल दिया भाई 😂😂
Permanand mharaj n kya bula nastik logg k bare m pta h religious people afraid of atheist or koi agar galat kre toh usee sajaa honi chahiye Bina belief gender ko dekhe
तू उल्टा बोल रहा है 😂...तुम पब्लिक मे जाके धार्मिक को ये पूछना की इंसान के शरीर पे हाथी का सर कैसे लगाओगे.. फिर देखना असली कट्टर कौन है.....😂😂😂
ਆਪਣੇ ਆਪਣੇ ਵਿਚਾਰ ਨੇ
ishvar ne hum logo ko bolni ki ajaadi di he ye uska hone ka pramad he sir humaari apki parikalpna, tark vitark nastikta astikta se Ghanta phark nahi padta he pure duniya me hum chamatkar me bharosa he koi hume chamatkar karke apne adhin karle tab Ap mano ge ki ishvar he? Ishvar ko janjavoge to tumhi ishvar bajavoge use adhyama se bhi nahi Jana jasakt vo kon he kasa he kyo he kya karta dharta he uska puchha chodo sir desh me kitni gambhir samshya he uski charcha Karo ❤❤.
जो आस्तिक है वो कभी किसी पर कुछ नहीं थोपता
ये जो इसरो के वैज्ञानिक मंदिर गए ये बही बात हुई कि ,कोई कहे कि में vegan हूं लेकिन आज मेरा मूड किया की मुर्गा खा लू तो खा लिया ,फिर कोई कहे कि ये मूड है न गुरु ये चीज ही अलग है कोई वैज्ञानिक ये करे तो देश के लोग क्या फॉलो करेंगे
Sabse zyada per capita GDP aur happiest Nordic countries ke majority log nastik hai.
Kese us country me mental health problem jayada hota hai
Ep-??? Kon sa hai link send kar do please
About dharma, "mode of life and code of conduct "( धर्म कोई संप्रदाय नहीं ब्लकि यह जीवन जीने की एक padhati है)..p.b.kane
dharm is to make people life easy. not necessary to follow it
नास्तिकता को भी अब कल्ट के लेवल तक पहुंचाना होगा
एक आस्तिक हमे बतायेगा की नास्तिक किसे कहते है 😂😂😂😂😂
गुरु नास्तिक होने के लिए पहले आस्तिक होना पड़ता ह तब ही आप नास्तिक बन सकते हो।
Nupur sharma ke case mein to kuchh bol nahi paya aur yahan astik aur nastik ka sarpanch bana fir raha hai.😂😂😂
मै धर्म के बंधनो मे नही बंधना चाहता अगर यही नास्तिकता है तो सही है ...बाकी आप लोग ज्ञान पेलते रहो