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बर्माड में हर चीज कुछ प्रकृति नें बनाई तों कुछ इंसानों नें. और बर्माड का ही रचेता ना कोई था ना कोई होगा. बर्माड चारो दिसओं से अनन्त है जिसकी कोई अंत नहीं. मतलब कोई बर्माड की चारो दिसाओं में कोई बोण्ड्री जैसी किसी तरह की दिवार या छत नहीं. बर्माड में चाँद सितारे सभी ग्रह एक कण के बराबर भी नहीं
Quantum physics के सब प्रयोग बताते हैं ब्रह्माण्ड है ही नहीं आंख का धोका है। ईश्वर को बनाने वाला कोई है तो वोह भी ईश्वर है....पूरी जिंदगी यही प्रश्न करते रहो मृत्यु आने तक ....❤❤
ब्रह्मांड में जितने भी चीज हैं सब तत्वों से मिलकर बनी है हम मनुष्य की बुद्धि इस काबिल नहीं है कि ईश्वर की संरचना को अच्छी तरह से समझ सके ईश्वर को किसी ने नहीं बनाया वह खुद निर्माता है
Sare Dharmo ke bare me jaruri baat jo jyada Tar sabhi Dharm ke log nahi jante hum sab jyada tar log Sochte he ki hum jaha jis dharm me peda huwe he usi me apni sari jindagi gujarni he lekin ye galat he kyoki hum ye nahi jante ki Allah ishwer or hindu me jo pehle bhagban he nirakar sab ek hi he or jitni Bhi murtio ko poojte he vo ishwer Allah bhagwan ke Avtar he nirakar jinhe hum insan dekh nahi sakte sirf mahsus karte he hum unhe marne ke baad hi dekh sakte he jab Allah ishwer ne Croro year pehle duniya ko banaya tab apna ek postman bheja jise islam isai me Navi kehte he jab duniya me pehle Navi or unke sath ek dharm jisko bo khud bhi mante or logo ko bhi manne ke liye kehte log unki Baat dharm ko asani se man lete kyoki vo duniya ka pehla dharm tha fir jab ek hazar year baad ya do hazar year baad log ishwer Allah ko bhul ke gunaho pap me jindagi gujarne lage fir ishwer ne duniya me ek naya Navi unke sath naya dharm bheja fir usne logo ko samjhaya naye dharm ko manne ke liye kaha jo unki baat ko manlete vo us naye dharm ko apna lete jo nahi mante vo ishwer Allah or us Navi ki nazar me kafir ho jate or fir duniya ek ya do ya teen hazar year tak chalti fir Allah ishwer ek Naya dhrm naye navi ke sath fir vesa hi hota jesa pehle huwa tha aisa chalte chalte duniya me 1 lakh 24 hazar dharm duniya me abhi tak Aa chuke he islam Akhri he muslim se pehle isai isai se pehle yahoodi me sare dharm ke bare me nahi janta nahi to me yahoodiyo se pehle dharm ko bhi bata deta badal badal ke dhrm es liye Aaye he kyoki jese insan ka fashion jindagi jeene ka tarika time ke hisab se badal jata he usi tarah insan ke lye dhrm bhi update badal jata he es liye insan ko vakt time ke navi or Akhri dharm ko man ke hi vo kamyab ho sakta he esi liye islam ki baki sare dharmo se nahi banti kyoki islam Akhri duniya ka dharm he or vo logo ko islam me Aane ke liye kehta he jise log galat samjhte he log ye bhi to soche ke jis dharm me vo he usme bhi to unke baap dada pardada ya unke bhi dada kabhi to dharm badle honge na es time duniya ka koi bhi dharm pehla he hi nahi Sab ek dusre se convart he...
1.04 मैं कहूंगा कि भगवान् नहीं है मगर मुझे डर है कि वो मुझे सुनता होगा! इस विचार का सीधा सा अर्थ है कि कहीं न कहीं उन्हें संदेह तो था की भगवान् हो सकते हैं 🙏✍️✍️✍️✍️
श्रीमान, आप राम, कृष्ण, शिव,अल्लाह, गोड, बुद्ध की पूजा करो या आयरनमैन, बैटमैन की कोई फर्क नहीं पड़ता क्यों कि ये सब काल्पनिक है। जैसी आपकी कल्पना वैसा अनुकूलित भगवान बन जाता है कोई अदृश्य, कोई चार हथवाला, कोई चार मुंह वाला, कोई जानवर के मुंह वाला। ये सारे अलग-अलग भगवान कभी किसी लोगो की कोई मदद नहीं करता क्योंकि ये काल्पनिक है।
आपकी हिम्मत कैसे हुई आयरन मैन को काल्पनिक बताने की l आयरन मैने असली है और उन्होंने ही धरती और पूरे ब्रह्माण्ड को थानोस नामक राक्षस के प्रकोप से बचाया था l 🫡😅
जीव जगत और ईश्वर ये तीनो ब्रह्म ही है ये अज्ञान के कारण है, और मैं का प्रतिबिंब है, ज्ञान होने पर सब एक ही मालूम पड़ता है, वही सचिदानंद स्वरूप ब्रह्म, है,,,,,
ईश्वर है, उसको कही डूंढने नही जाना होता है ,ये एक उच्च कोटि का विज्ञान है,वो आप के भीतर है और ये निरंतर ध्यान के अभ्यास से मिलेगा,, उच्चतम कोटि का विज्ञान है ये,, मुश्किल से पृथ्वी की पूरी आबादी का 10% ही लोग जानते होंगे ,,
किसी भी चीज को बनाने के लिए किसी बनाने वाले की और मैटेरियल की जरूरत होती है। तो ये सवाल ही मूर्खता पूर्ण है कि ईश्वर को किसने बनाया। क्योंकि सृष्टि आरंभ में ईश्वर क्रिएटर, प्रकृति और आत्मा ये हमेशा मौजूद रहते है। इन्हें कोई नहीं बनाता।
Bilkul sahi, in murkho ko ye nhi pata ki universe kya h aur kyu bana, apne aap kyu bana, aur jis Stefan Hawkins ki ye log batein karte hain uski aisi haalat kaise hui kyunki wo nastik tha, puri umar ek murde ki tarah pada raha sab yahi karan tha ki wo supreme power ko nhi manta tha
@@pawanbhagat9078 पर मैं जिस ईश्वर की बात कर रहा हूं। वेदों में उसे निराकार बताया गया है। वह वैसा नहीं है जैसा हिन्दू लोग मानते है। 70% हिन्दू उस ईश्वर को न तो मानते है न उसकी उपासना करते है।
सुने पूरा ये गजब रहस्य हैं परन्तु वो है तो है, हम अपने शरीर के बारे मे सही से नहीं जान पाते, इसकी एक छोटे से भाग की जानकारी हेतु PhD करनी पड़ जाती हैं सोचो सारे शरीर के बारे मे जानकारी हेतु जीवन कम होगा, और खोज उसकी करते है जो स्वयं एक रहस्य है। दुनिया रहस्यों से भरी पड़ी हैं।
Sare Dharmo ke bare me jaruri baat jo jyada Tar sabhi Dharm ke log nahi jante hum sab jyada tar log Sochte he ki hum jaha jis dharm me peda huwe he usi me apni sari jindagi gujarni he lekin ye galat he kyoki hum ye nahi jante ki Allah ishwer or hindu me jo pehle bhagban he nirakar sab ek hi he or jitni Bhi murtio ko poojte he vo ishwer Allah bhagwan ke Avtar he nirakar jinhe hum insan dekh nahi sakte sirf mahsus karte he hum unhe marne ke baad hi dekh sakte he jab Allah ishwer ne Croro year pehle duniya ko banaya tab apna ek postman bheja jise islam isai me Navi kehte he jab duniya me pehle Navi or unke sath ek dharm jisko bo khud bhi mante or logo ko bhi manne ke liye kehte log unki Baat dharm ko asani se man lete kyoki vo duniya ka pehla dharm tha fir jab ek hazar year baad ya do hazar year baad log ishwer Allah ko bhul ke gunaho pap me jindagi gujarne lage fir ishwer ne duniya me ek naya Navi unke sath naya dharm bheja fir usne logo ko samjhaya naye dharm ko manne ke liye kaha jo unki baat ko manlete vo us naye dharm ko apna lete jo nahi mante vo ishwer Allah or us Navi ki nazar me kafir ho jate or fir duniya ek ya do ya teen hazar year tak chalti fir Allah ishwer ek Naya dhrm naye navi ke sath fir vesa hi hota jesa pehle huwa tha aisa chalte chalte duniya me 1 lakh 24 hazar dharm duniya me abhi tak Aa chuke he islam Akhri he muslim se pehle isai isai se pehle yahoodi me sare dharm ke bare me nahi janta nahi to me yahoodiyo se pehle dharm ko bhi bata deta badal badal ke dhrm es liye Aaye he kyoki jese insan ka fashion jindagi jeene ka tarika time ke hisab se badal jata he usi tarah insan ke lye dhrm bhi update badal jata he es liye insan ko vakt time ke navi or Akhri dharm ko man ke hi vo kamyab ho sakta he esi liye islam ki baki sare dharmo se nahi banti kyoki islam Akhri duniya ka dharm he or vo logo ko islam me Aane ke liye kehta he jise log galat samjhte he log ye bhi to soche ke jis dharm me vo he usme bhi to unke baap dada pardada ya unke bhi dada kabhi to dharm badle honge na es time duniya ka koi bhi dharm pehla he hi nahi Sab ek dusre se convart he...
एलियन को हमारे पुरखे लोग हमारे पितरों के तौर पर परख चुके हैं ❤✌️👌🙏🤔....... उनके अनुसार हमारे यहां से जाने वाले जबतक वापस पूरे तौर पर निर्मित नहीं हो जाते हैं तबतक वह अर्ध निर्मित स्थिति में हमसे संपर्क से दूर के अन्य ग्रहों पर रहते हैं और वह हमसे ज्यादा महत्वपूर्ण जानकारी रखते हैं और समय समय पर हमारे सहायता भी कर सकते हैं ✌️🙏
श्रीमान, आप राम, कृष्ण, शिव,अल्लाह, गोड, बुद्ध की पूजा करो या आयरनमैन, बैटमैन की कोई फर्क नहीं पड़ता क्यों कि ये सब काल्पनिक है। जैसी आपकी कल्पना वैसा अनुकूलित भगवान बन जाता है कोई अदृश्य, कोई चार हथवाला, कोई चार मुंह वाला, कोई जानवर के मुंह वाला। ये सारे अलग-अलग भगवान कभी किसी लोगो की कोई मदद नहीं करता क्योंकि ये काल्पनिक है।
Haaa or baba fir yuhi jel mein thikana dekhte hain. Wrna yha ke log ka scientist ban nahi skte? Ab ekadh aisa aayega koi bna hoga uska naam ginwane aayega mera comment pdhkr lekin usko phle hi clear krdu 150 cr population mein se koi ekadh ka bnna laajmi nahi
इतने बड़े अदभुत विज्ञानी और ज्ञानी पुरुष की बातें सुनकर बहुत ही आनंद और आश्चर्य होता है मानता हूं विज्ञानी लोग प्रैक्टिकल को प्राथमिकता देते हैं पर इसने दोनों ही बातें कहीं है जो अंध विश्वास से आदमी को बाहर करते हैं कुछ बातों में इसने ईश्वर से इनकार भी नहींकिया मुझे तो यह इतनी अच्छी पेशकश लगी इसकी उपमा के लिए मेरे पास शब्द नहींहै आपका बहुत बहुत धन्यवाद
ईश्वर अजन्मा है । जाता वही है जिसका जन्म होता है । तो ईश्वर का जन्म ही नहीं हुआ तो जाएगा कहा ? निराकार है । आकर ही नहीं है इसलिए सर्वव्यापक है मतलब हर जगह है । यात्रा करने की जरूरत नहीं है हर जगह हर कण में है । सर्वशक्तिमान है । मतलब उसे किसी की सहयता की जरूरत नहीं पड़ती वो अपने कम स्वयं कर लेता है ।
@@nirajwani7709 80 परसेंट है डार्क मैटर । तो ईश्वर कैसे हुआ ? सो परसेंट है कण में ईश्वर है । पृथ्वी पर हवा है तो अंतरिक्ष में नहीं है । लॉजिक की बात कर भाई ।
इस ब्रह्माण्ड के रूप में ही परमेश्वर स्वम् को अभिव्यक्त कर रहा है अतः यह अंतहीन विस्तृत ब्रह्माण्ड ही परमेश्वर है जिसमे जड़ चेतन, ऊर्जा एवं पदार्थ एवं हम सभी जन निहित हैं।हम सब प्राणी भी ब्रह्माण्ड की इसी अभिव्यक्ति का एक रूप हैं ।इस सत्य को केवल अंतरमुखी स्वध्यान से जाना जा सकता है।Meditation and only Mediation is the way to realise the ultimate secrets of the infinite Universe.
@@ndesign2649 kisi supreme power ki wajah se hee big bang huaa hoga jiski shakti universe ke har choti badi ceejo me hai ye universe kewal aishe hee nahi ban gaya hoga iske peeche koi karan jarur hoga
@@AS_Creations-x8d बिलकुल सही सब्जी अपने आप नही बनेगी लेकिन सब्जी हम खाने के लिए बनाते लेकिन ब्रह्मांड क्यू बनाया भगवान ने इंसान क्यू बनाए उसे क्या लोभ लालच था अलग धर्म क्यू बनाए और हम कुछ चीज बनाते और वो खराब हो जाती तो हम उसे ठीक करते तो तुम्हारा भगवान हम जैसे नास्तिक का कुछ उखाड़ क्यू नही पता किसी रेपिस्ट को सजा क्यू नहीं देता
शतप्रतिशत सत्य है। यदि मुझे मेरे पिता ने बनाया तो मेरे पिता को किसने बनाया? सही है पहली बात तो आपकी बनावटी आवाज बहुत अधिक असुन्दर और असहनीय है। दूसरा यदि हाकिन्स बहुत बडा वैज्ञानिक इस संसार का था या है तो मैने आज तक कोई भी बुद्धिहीन व्यक्ति नहीं देखा आजन्म हाकिन्स के अलावा। अंतर यदि संज्ञा का है उसे ईश्वर भगवान गोड परमात्मा या कुछ कहना यदि हाकिनस को पसन्द नहीं तो वो कुछ और नाम दे सकते थे। लेकिन यह कहना कि ब्रम्हांड चल नहीं रहा है तो हाकिनस अंधा था उसे सूर्य चांद पृथ्वी और आकाश चलते हुए ही नजर नहीं आए तो वह तो सभी सूरदासों का पितामह था व
ईश्वर को तर्क और विज्ञान से नहीं समझा जा सकता है, वह परम तत्व है जो संपूर्ण में व्याप्त है वही जड़ है चैतन्य भी वही है सब कुछ उसी के भीतर व्याप्त है सूक्ष्म से सूक्ष्म तक और विराट से भी परे जो अनंत है वह निराकार परमेश्वर ( शिव ) ही है। हम मनुष्य अपनी सीमाओं में बंधे हैं, मोह माया, विकारों और मूढ़ बुद्धि के बने दायरे में सीमित रहते हैं ईश्वर को समझने के लिए पवित्र हृदय और विश्वास की जरूरत है।
ईश्वर आत्मा और प्रकृति इनको किसी ने नहीं बनाया। वो पहले से मौजूद है। इसलिए इनका कभी विनाश नही होता। ईश्वर को किसने नही बनाया। इसलिए ईश्वर अमर है। सर्वगुण संपन्न है। आत्मा भी ईश्वर ने नही बनाई। इसलिए आत्मा अमर है। आत्मा याने कोई भूत नहीं। जैसे टीवी या फिल्म में दिखाते है। आत्मा याने स्वयं ऊर्जा । याने जिसका खुद ही अस्तित्व है। और प्रकृति भी ईश्वर ने नही बनाई। वो भी पहले से है। ईश्वर ने उसी प्रकृति से ब्रम्हांड बनाया।
@kaushikparmar2469 ईश्वर सभी पशू और पंछी यो को ज्ञान देता है। करोड़ों साल पहले इंसान को भी दिया था। संस्कृत भाषा ये ब्रह्मांड का कंपन (वाइब्रेशन) है। जिसकी आत्मा पवित्र होती है। कोई छल कपट नहीं होता। उनको ईश्वरी ज्ञान मिलता है। करोड़ों साल पहले ऋषि मुनि यो को मिला था। उन्होंने बाद में दूसरे इंसानों को सिखाया।
यह दुनिया कितनी बडी हैं. और हम लोग धर्म,जाती,पैसा,उंच,नीच,कम,ज्यादा,को लेकर बैठे हैं 😢 यह बात ही हैं जो मुझे समज मे आई की जीवन मे ब्रम्हांड को ही जांनना लक्ष होणा चाहिये. इस दुनिया के हर एक व्यक्ती को
😅तब अब आप इस तरफ के अग्रसर होने के बारे में क्या सोच रहे हैं 😁 क्या करने वाले हैं 👍🙏✌️.....??? मैं आपके उपहास नहीं कर रही हूं सचमुच ✌️🙏 जानना चाहती हूं 🤔❓🙏
@@swatiexperiencerecall5295 मैडम मे एक आम लडका हु जीसकी पढाई १० वी तक की हुई है,मे एक मराठी लडका हुं जो महारष्ट्र राज्य से हुं,मे ऐसा क्या कर सकता हुं.बस मेरी ऐसी सोच है, है जो की आज की जनरेशन science की तरफ बढे औंर प्रगती करे.मी हर एक दोन जो देखता हुं दुनिया मे जो चल रहा है, वह बस मोहमाया मे है. हम इस ब्रम्हांड के एक किडे मकोडे है. हम सोच भी नहीं सकते इतना बडा ब्रम्हांड है.मी तो इतना ही करूंगा मेरी फॅमिली मित्रोंके जितने भी बच्चे हैं उन सबको सायन्स्टीस की पढाई करणे suggest करुंगा. हम इस दुनिया में वापिस आयेंगे या नहीं पता नहीं आगे आगे क्या होगा
@@swatiexperiencerecall5295 madam me ek Marathi ladka hun jo Maharashtra me rehta hun me 10 vi fail hu, to ek hi cheez karunga mere friends family ane wali pidhiyo ko scientists padhne k liye suggest krunga jitne bhi bachhe ho me to Etna hi kar sakta hun😅🙏
आदरणीय वैज्ञानिक जी आपने विज्ञान के लिए बहुत कुछ किया है जब शून्य को किसी भी संख्या को भाग दिया जाता है तो पूरी संख्या शून्य हो जाती है ऐसा क्यों होता है जब उत्तर मिल जाए तब यह सवाल करना विज्ञान की एक सीमा है उससे आगे जाने की उसकी औकात नहीं है 😂😂😂😂😂😂
Ishwar is uncreated . From infinite. Our mindset is that every thing should be created. Ishwar is uncreated. One & only. Nirakar Ishwar. Murti Puja krna duniya ka sabse badaa paap h. Murti Pujak Gehre Andhere Nark me daale jayenge hamesha ke liye Yajurveda 40 8 9.
ईश्वर को खोजने के लिए अध्यात्मिक दर्शन योगाभ्यास की आवश्यकता है, वो सर्वव्यापी है और हमेशा हमारे आसपास है, कुण्डलिनी जागरण से संवाद और दर्शन संभव है 🙏🏻🚩 जय श्री नारायण
इंसान मुर्ख है सिर्फ खोज करो वो अलग चीज है ईश्वर नही है ये मूर्खता भरा सवाल और विचार है, समय के साथ जो हर चीज संभव है और सही प्रकार समय पर अपनी अपनी दिशा मे काम करते है तो उनको नियंत्रित करने वाला भगवान् जरूर है, बस इंसान ही मूर्ख है😂
हॉकिंन साहब अब आप इस दुनियां में है नहीं। लेकिन आप अपने जीवन में सनातन दर्शन पढ़ लिए होते तो शायद "ईश्वर को किसने बनाया " जैसे प्रश्न आपके दिमाग में आते ही नहीं। खैर एक वैज्ञानिक के रूप में दुनिया को आपने जो दिया। वह भी बहुत सराहनीय है। 💐🙏
Mt uljho inn dhrmo mein.btao kya aisa mila inme uljhne se. Ere insaan jis jivan ka aanad lene ke liye bhagwan ne bnaya dhrmo mein uljh kr insaan jeena bhul gya sirf andhvishwas mein time kaat rha hai
@girishchandra4133 आपकी सोच ही आपकी संकीर्णता को दर्शाती है। आप खुद ईश्वर को एक धर्म विशेष से सीमित कर रहे।आप जैसों का अधूरा ज्ञान ही मानव सभ्यता के विनाश का कारण है।आप जैसी जहरीले विचार के मानव ही सभी मानव में घृणा पैदा करते हैं और भेदभाव को बढ़ावा देते हैं।ईश्वर असीम निराकार अनंत है वो किसी धर्म विशेष से बंधा नही हो सकता।आप को असली जरूरत है सारे भारतीय और पाश्चात्य दर्शन पढ़ने की।माफ कीजिएगा आपका ज्ञान सीमित है और आपके विचार भी, आप एक झूठे इंसान हैं जो बस दिखावा करके भगवान को भी खुश करने की कोशिश करते हैं। ईश्वर न हिंदू है न इस्लाम और न ही क्रिश्चियन , वह इन सब धर्मों से परे है।
ईश्वर/ भगवान एक रहस्य है जिसके बारे मे कुछ भी कहा नहीं जा सकता सिर्फ कल्पना की जा सकती और रही बात ब्रह्मांड को बनाने की तो इतना सच है कि ब्रह्मांड को किसी मनुष्य ने नहीं बनाया फिर सवाल यह है कि इसे बनाया किसने कोई तो होगा ही....
Sunnay se khatam nehi suruaat hoti hai is par vichaar karo Koi bhi karya karne se pehle manushya ke andar ek vichar utpann hota hai ye uska example hai
@@SubodhGoutam-yj4sl mark zuckerberg ,Prof Henry, Ken ono or naa janay kitni Hollywood movie m inki baat hui h The man who knew infinity inkay upr Hollywood movie h " The good will hunting " movies m inki baat hoti h Inhonay 4 thousand formula diye h jismah say black hole theory m use honay wala mock theta formula h Jakar research kar or v bhut kuch milega tujhe tum logo ki jal uth ti h jab v koi bhartiya ka talent aata h Fellow of Royal society k member v rehh chuke h Jo Newton v usi k member t
ज्यादा तो नहीं कह सकते पर इतना जरूर कह सकता हूँ कि ईश्वर को विज्ञान के द्वारा समझना नादानी है या विज्ञान से ईश्वर की तुलना करना उचित नहीं क्योंकि विज्ञान इंसान के दिमाग की उपज या चीजों को समझने की जिज्ञासा मात्र है। इंसान और सारी सृष्टि ईश्वर से है। इसलिए विज्ञान के द्वारा ईश्वर को समझना असम्भव है। ईश्वर ने सृष्टि की रचना की है। ईश्वर की रचना करने वाला कोई नहीं क्योंकि ईश्वर खुद है इसलिए उसे खुदा भी कहते हैं।
यह बिल्कुल सही है कि एक अनपढ़ को समझाना बहुत ही कठिन है, लेकिन एक शिक्षित को समझाना नामुमकिन है। Stephen hawking एक महान विद्वान थे। उनकी विद्वता केवल भौतिकवाद पर ही थी, लेकिन आध्यात्मिकता के बारे में उनका ज्ञान शून्य था। क्योंकि जहां पर इंसान के हाथ खड़े हो जाते है वहां से ईश्वर का साम्राज्य शुरु होता है। जिसका जीता जागता सबूत इंसान का जन्म व मृत्यु है, क्योंकि यह घटना जैविक रूप से संभव है ही नहीं, अगर संभव है तो बताइए। अगर असंभव है तो इसका तात्पर्य यह हुआ कि कोई न कोई ताकत तो है जिसके कारण हम सब अस्तित्व में आए।
Mere kuch sawal hai mere guruji se... 1) agar ishwar nahi hai, to human body ke her part itne perfection ke saath kaise bane hai...? E.g. ungliya, kaan, aankh, naak, liver, aatadiya.. 2) insan ke saath animals kaise bane...? 3) insaan oxygen he kaise leta hai..? 4) Sabse badi baat...hum brhmand me akele kyon hai...? Love you sir...❤🙏
यहाँ दिखाई गयी बहुत सारी बातें बहुत हद तक सत्य है, कुछ बातें शब्दों के अर्थ के अनर्थ हो जाने से सही नहीं लगती पर जैसे शब्दों के अर्थ को लिया गया है ( अशुद्ध) उस हिसाब से सटीक दिखती है। धन्य है ये महान वैज्ञानिक जिन्होंने सत्य को जानने के लिए शरीर से विक्षिप्त होकर भी असाध्य कर्म किया, ऐसे महामानव को मेरा शत शत प्रणाम 🙏
Isliye to uski itni buri halat hui, kyunki wo Ishwar ko nhi manta tha na Marne k liye tha na Jine k liye, science ko to main bhi manta hu par Hamlin kisne banya science ne ?
@@pawanbhagat9078 apko apne khud ne banaya hai, Apne apne chasme kala color kar rakha h jisse apko kala hi kala nazar aa raha hai. भगवत गीता मे बताया है जो ज्ञान से सत्य को जानने की कोशिश करता है उससे बड़ा कर्म और भक्ति कुछ भी नहीं हो सकती। प्रणाम 🙏
Panchmahabhut yani pani,agni,vayu,bhumi,akash yeh vh panch ttv hi prakriti hai aur jb ye panch ikkathe hote hai tbi jivan pnpta hai...iska mtlb hai ki nature ko koi adrasy takat chla rhi hai aur vhi isvar ho skte he...me bs jo mehsus krta hu vhi bta rha hu...hm sbke vichar algh...isliye yh sb kafi alag he
बर्माड अनन्त काल से बना हुआ है और ईश्वर इंसान का वो मस्तिक्स है जिसको इंसान नें हर बात को सुन कर देख कर सूंघ कर या शरीर पर किसी तरह का आकर्सन करके महसूस करके विचार बनाए तरह तरह.सृष्टि में बदलाव लाने के लिए संसार के लिए.उन सभी बातो को महसूस करके समझ कर इंसान इतना गियानी हों गया के उसने ईश्वर होने का प्रमाण अपने कर्मो के अनुसार सिद्ध कर दिखाया. इतना गियान कोई डॉक्टर बन गए तों कोई साइंटिस्ट कोई गुरु रूप में जन्ने लगे. और ईश्वर मस्तीस्क ही है. वो मस्तिष्क जिसने सभी बातो की खोज निकाली वो इंसान ही है. सोचो इंसान में अगर मस्तिष्क ना होता इंसान इतने कर्म कर सकता था हर तरह की बातो पर विचार करके?
हर चीज किसी न किसी के बनाने पर बनती है.. तिनका, ईश्वर बनाता है, तिनके से घोसला, नन्ही चिड़िया बनाती है.. तभी तो हम सनातनी, 'अह्म ब्रह्मष्मी' को मान्यता देते हुए चिड़िया सहित स्वयं को भी ब्रह्म का अंश मानते हैं.. जो भी कुछ सृजन करता है वह छोटा मोटा भगवान है.. ❤❤
ईश्वर निराकार है उसे किसी ने नहीं बनाया लेकिन ईश्वर ने सब को बनाया है। प्रकृति ईश्वर नहीं है क्योंकि प्रकृति जड़ है। आत्मा और परमात्मा चेतन वस्तु का नाम है।
ईश्वर को हम बनाते हैं 🙌🙏 अपने मान सम्मान श्रदधा प्रेम भक्ति सतत याद सतत प्रयास सतत विश्वास आदि 👍 देते रहकर ....... हमारी पृथ्वी की ही तरह बाकी के भी नवग्रह हैं ❤🎉🎉🎉🙏👍....... जैसे हमारे सोसाइटी के भीतर सैंकड़ों परिवार के अलग अलग फ्लैट्स बनते हैं 😄✌️🙏.......पर हम एक दूसरे को जानते पहचानते तक नहीं हैं 🤔...... किसी के भी डिटेल्स या रिश्ते 💝🙏 उनके पोजीशन कुछ भी नहीं जानते हैं 😁 पर साथ में रहते हैं 😄✌️ और हम सभी का ही एक मालिक और उन सब मालिकों के एक मात्र या पार्टनर्स मालिक और उनके भी ऊपर नेता लोग ✌️ मालिक और उन नेता पर कौन 😅😂हम जनता लोग ...... बस मुझे तो स्पष्ट यही कहानी नजर आती रहती हैं 😁👍💖🙌🙏✌️✔️😊
@@Gaurav_Atheist ब्रह्मांड को जानना तुम्हारे वस का तो 100%नहीं है। अरे जिस पृथ्वी पर वैज्ञानिक अंकल रह रहे हैं उस पृथ्वी को अभी तक 1-2% भी जान नहीं सकें।पुरी पृथ्वी को जब तक जानेंगे तब तक तो इस पृथ्वी पर कम से कम 1-2 बार प्रलय जाएगा। ओर इस ब्रह्मांड में हर रोज एक नई पृथ्वी का निर्माण होता है तो इस ब्रह्मांड को ये वैज्ञानिक अंकल कब समझ पाएंगे।
Bhai Stephen Hawking ne khud ne ek theory di hai God particle ki. Aisa Ansh toh hai jo Adi hai anant hai aur wahi ishwar hai. Energy can neither be created nor be destroyed woh bas hai. Ishwar bhi bas hai !
ब्रह्माण्ड को किसी ने बनाया नहीं है।वह कुदरती है।काल चलता ही रहता है। धरती घुमती ही रहती है। सूर्य उगता ही रहता है। मनुष्य आत्मा भी अनादिकाल से धरती पर है। सबसे पहले धरती पर भारत ही होता है लेकिन उसमें एक भी हिन्दू नहीं होता। सिर्फ आदि सनातन देवी देवता धर्म जो आज नहीं है। क्योंकि स्वर्ग समाप्त होते ही सभी देवताओं का नैतिक पतन हो जाता है।वह सभी वाम मार्ग में आते हैं। स्वर्ग रामराज्य अर्थात ईश्वर शिव परमात्मा निर्मित दैवी अटल, अखण्ड अद्वैत राज्य होता है।राम सीता राजा रानी थे। रामराज्य समाप्त होने के बाद सभी देवताओं का पतन हो जाता है।इसको ही सकते हैं कि सीता जो रामराज्य (पवित्र आत्मा) थी अब इस रावण राज्य में प्रवेश होती है। अभी कोई भी आत्मा पवित्र नहीं है। सभी विकारों के वशीभूत हुए हैं। इसलिए इस राज्य को रामराज्य नहीं रावण राज्य कहा जाता है। अभी फिर से रामराज्य आ रहा है।यह रावण राज्य भी खत्म होने वाला है। परिवर्तन सृष्टि का नियम है।यह नियम कुदरती बना हुआ है। भगवान शिव पतित आत्माओं को पावन बनाता है। शिव परमात्मा कोई मनुष्य नहीं है।परम आत्मा है। सर्वशक्तिमान है।सभी आत्माओं का पिता है। ज्योति स्वरूप में है। सूक्ष्म भी है। इसलिए वह इन आंखों को दिखाई नहीं देता है। ऐसे ही हमारी आत्मा भी दिखाई नहीं देती है।वह हमारी चैतन्य शक्ति है। आत्मा कहती हैं।यह मेरा शरीर है।यह मेरे हाथ पांव है। कहने वाली आत्मा अन्दर मस्तक में बैठी है। आत्मा कभी नष्ट नहीं होती। परमात्मा शिव भी एक आत्मा ही है। वहीं हमारा भगवान बाप है। क्रिश्चियन लोग उसको गाॅड फादर कहते हैं। सुप्रीम सोल कहते हैं।हम उसे परम आत्मा कहते हैं।वह ब्रह्मलोक में रहता हैं। उनके पास सभी नालेज है।वह हर चीज जानता है। सबकुछ साक्षी होकर देखता है। उसने हमें गीता ज्ञान दिया है।हमे उसपर चलना है। वरना हमें सजाएं खानी पड़ती है। विकारों में नहीं जाना है। पवित्रता को अपनाना है क्योंकि अभी हमें ब्रह्मलोक जाना है।वह परमात्मा हमे लेकर जाएगा।
ईश्वर कारण है। सृष्टि का। और कारण का कारण कभी नहीं हो सकता है। इसलिए ईश्वर का कोई कारण नहीं हो सकता है। ईश्वर स्वयंभू है। ईश्वर का कोई कारण हो भी नहीं सकता है
Ishwar ek Kalpana hai jisko insaano ne apne dimag peda kiya hai Aise he kalpana bhooto ke liye bhi banaye gayi thi jiske hawa 21 century me nikal gayi hai
God is "autogenous" or "svayambhu" (Sanskrit: स्वयम्भू), which means "self-manifested" or "self-existent." In spiritual traditions, "svayambhu" often refers to a divine entity or being that is believed to have been born without a creator or external cause, emerging independently. It is commonly used to describe deities or spiritual forces that are believed to be self-created or eternal.
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😂😂😂😂😂😂😂😂
ुुेेहपपह
ुुेेहपपहप
ुुेेहपपहप
ुुेेहपपहप
प्रकृति ही ईश्वर है❤❤ इसी में सब जन्म लेते हैं इसी में विलीन हो जाते हैं 🙏🙏🌳
@NirajNiraj-o7g roti kha se kha reha he aasman se
बर्माड में हर चीज कुछ प्रकृति नें बनाई तों कुछ इंसानों नें. और बर्माड का ही रचेता ना कोई था ना कोई होगा. बर्माड चारो दिसओं से अनन्त है जिसकी कोई अंत नहीं. मतलब कोई बर्माड की चारो दिसाओं में कोई बोण्ड्री जैसी किसी तरह की दिवार या छत नहीं. बर्माड में चाँद सितारे सभी ग्रह एक कण के बराबर भी नहीं
@@Vipin-g6jek nature hi toh satya hai baki sb andhvishwas.nature ko dekh skte hain sun skte hain yhi bhagwan hai yhi ek power hai
@@Soch_Soni very nice 👍
@@Vipin-g6j इस ब्रह्मांड को बनाने वाली मां दुर्गा ही है। अनंत ब्रह्मांड मां दुर्गा ही है। इस ब्रह्मांड में हर रोज एक नई पृथ्वी का जन्म होता है।
Quantum physics के सब प्रयोग बताते हैं ब्रह्माण्ड है ही नहीं आंख का धोका है।
ईश्वर को बनाने वाला कोई है तो वोह भी ईश्वर है....पूरी जिंदगी यही प्रश्न करते रहो मृत्यु आने तक ....❤❤
इस महान वैज्ञानिक को कोटि कोटि प्रणाम । दुनिया उनकी ऋणी है ।
Ek chinti agar soche ki ye
A sambhav hai ki insan 100
Sal tak jinda reh sakta hai
Kyu ki wo sirf chand ghanta hi
Jivit rehti hai?
Kya bewkufi nahi hai
ये तो ठीक है मगर इस ने क्या खोज की वो मैं जानना चाहता हूं
ब्रह्मांड को बनाने वाला बंदी छोड़ कबीर परमेश्वर है
ब्रह्मांड में जितने भी चीज हैं सब तत्वों से मिलकर बनी है हम मनुष्य की बुद्धि इस काबिल नहीं है कि ईश्वर की संरचना को अच्छी तरह से समझ सके ईश्वर को किसी ने नहीं बनाया वह खुद निर्माता है
😂😂😂😂 kaha se aaya ye swayam ka nirmata
@@gondwana1990 Ye गोबर खाकर aur गोमूत्र पिकर पैदा होते हैं 😂😂
To tumko ye pata chal gya ki insan kabil nhi hai khojne me par tumko bhi pata nhi 😂😂😂
@@Nilesh_Sonawane73नीला कबूतर [चमार]😂😂
Ye sab ek power h joki ek hi god ko define karta h
ईश्वर अनादी अनंत हैं. जिसका ना कोई आदी (शुरुवात) और ना कोई अंत हैं... मानो तो सब कुछ हैं, नहीं मानो तो कुछ भी नहीं...
Sare Dharmo ke bare me jaruri baat jo jyada Tar sabhi Dharm
ke log nahi jante hum sab jyada tar log Sochte he ki hum jaha
jis dharm me peda huwe he usi me apni sari jindagi gujarni he
lekin ye galat he kyoki hum ye nahi jante ki Allah ishwer or
hindu me jo pehle bhagban he nirakar sab ek hi he or jitni
Bhi murtio ko poojte he vo ishwer Allah bhagwan ke Avtar
he nirakar jinhe
hum insan dekh nahi sakte sirf mahsus karte he hum unhe marne
ke baad hi dekh sakte he jab Allah ishwer ne Croro year pehle
duniya ko banaya tab apna ek postman bheja jise islam isai me
Navi kehte he jab duniya me pehle Navi or unke sath ek dharm
jisko bo khud bhi mante or logo ko bhi manne ke liye kehte log
unki Baat dharm ko asani se man lete kyoki vo duniya ka pehla
dharm tha fir jab ek hazar year baad ya do hazar year baad
log ishwer Allah ko bhul ke gunaho pap me jindagi gujarne lage
fir ishwer ne duniya me ek naya Navi unke sath naya dharm
bheja fir usne logo ko samjhaya naye dharm ko manne ke liye
kaha jo unki baat ko manlete vo us naye dharm ko apna lete
jo nahi mante vo ishwer Allah or us Navi ki nazar me kafir ho
jate or fir duniya ek ya do ya teen hazar year tak chalti
fir Allah ishwer ek Naya dhrm naye navi ke sath fir vesa hi hota
jesa pehle huwa tha aisa chalte chalte duniya me 1 lakh 24
hazar dharm duniya me abhi tak Aa chuke he islam Akhri he
muslim se pehle isai isai se pehle yahoodi me sare dharm ke bare
me nahi janta nahi to me yahoodiyo se pehle dharm ko bhi bata
deta badal badal ke dhrm es liye Aaye he kyoki jese insan ka
fashion jindagi jeene ka tarika time ke hisab se badal jata he
usi tarah insan ke lye dhrm bhi update badal jata he es liye
insan ko vakt time ke navi or Akhri dharm ko man ke hi vo
kamyab ho sakta he esi liye islam ki baki sare dharmo se nahi
banti kyoki islam Akhri duniya ka dharm he or vo logo ko islam
me Aane ke liye kehta he jise log galat samjhte he log ye bhi to
soche ke jis dharm me vo he usme bhi to unke baap dada pardada
ya unke bhi dada kabhi to dharm badle honge na es time duniya
ka koi bhi dharm pehla he hi nahi Sab ek dusre se convart he...
Shi kha bhai
Bilkul sahi kaha apne
1.04 मैं कहूंगा कि भगवान् नहीं है मगर मुझे डर है कि वो मुझे सुनता होगा! इस विचार का सीधा सा अर्थ है कि कहीं न कहीं उन्हें संदेह तो था की भगवान् हो सकते हैं 🙏✍️✍️✍️✍️
एक ज्ञानी आदमी जो वैज्ञानिक है वो सारी संभावनाओं को साथ लेके चलता
Bhagwan bhi vigyaan ki treh hi hua to vigyaan ke niyam h or bhagwan ke bhi to dono ek hi huye... vigyaan me gyaan h or bhagwan me bhi atm gyaan h
श्रीमान, आप राम, कृष्ण, शिव,अल्लाह, गोड, बुद्ध की पूजा करो या आयरनमैन, बैटमैन की कोई फर्क नहीं पड़ता क्यों कि ये सब काल्पनिक है। जैसी आपकी कल्पना वैसा अनुकूलित भगवान बन जाता है कोई अदृश्य, कोई चार हथवाला, कोई चार मुंह वाला, कोई जानवर के मुंह वाला। ये सारे अलग-अलग भगवान कभी किसी लोगो की कोई मदद नहीं करता क्योंकि ये काल्पनिक है।
आपकी हिम्मत कैसे हुई आयरन मैन को काल्पनिक बताने की l आयरन मैने असली है और उन्होंने ही धरती और पूरे ब्रह्माण्ड को थानोस नामक राक्षस के प्रकोप से बचाया था l 🫡😅
ठीक कहा सब सुन रहे है उन्हें पाप नहीं बल की सबकी हाई लगेगी
जीव जगत और ईश्वर ये तीनो ब्रह्म ही है ये अज्ञान के कारण है, और मैं का प्रतिबिंब है, ज्ञान होने पर सब एक ही मालूम पड़ता है, वही सचिदानंद स्वरूप ब्रह्म, है,,,,,
स्टीफन हॉकिंग जिन्होंने विज्ञान को
सर्वसाधारण की भाषा और समझ में
लाने का महान कार्य किया है .
2.11 इंसान का सबसे बडा दुश्मन मूर्खता नहीं, बल्की ज्ञानी होने का भ्रम हैं...
समजदार को इतना काफी हैं....
ईश्वर है, उसको कही डूंढने नही जाना होता है ,ये एक उच्च कोटि का विज्ञान है,वो आप के भीतर है और ये निरंतर ध्यान के अभ्यास से मिलेगा,, उच्चतम कोटि का विज्ञान है ये,, मुश्किल से पृथ्वी की पूरी आबादी का 10% ही लोग जानते होंगे ,,
किसी भी चीज को बनाने के लिए किसी बनाने वाले की और मैटेरियल की जरूरत होती है। तो ये सवाल ही मूर्खता पूर्ण है कि ईश्वर को किसने बनाया। क्योंकि सृष्टि आरंभ में ईश्वर क्रिएटर, प्रकृति और आत्मा ये हमेशा मौजूद रहते है। इन्हें कोई नहीं बनाता।
Bilkul sahi, in murkho ko ye nhi pata ki universe kya h aur kyu bana, apne aap kyu bana, aur jis Stefan Hawkins ki ye log batein karte hain uski aisi haalat kaise hui kyunki wo nastik tha, puri umar ek murde ki tarah pada raha sab yahi karan tha ki wo supreme power ko nhi manta tha
@@pawanbhagat9078 पर मैं जिस ईश्वर की बात कर रहा हूं। वेदों में उसे निराकार बताया गया है। वह वैसा नहीं है जैसा हिन्दू लोग मानते है। 70% हिन्दू उस ईश्वर को न तो मानते है न उसकी उपासना करते है।
अपनी खोज करने वाला ही वैज्ञानिक है जिसे प्राप्ति हुयी उसे भगवान कहते हैं.
सुने पूरा ये गजब रहस्य हैं परन्तु वो है तो है, हम अपने शरीर के बारे मे सही से नहीं जान पाते, इसकी एक छोटे से भाग की जानकारी हेतु PhD करनी पड़ जाती हैं सोचो सारे शरीर के बारे मे जानकारी हेतु जीवन कम होगा, और खोज उसकी करते है जो स्वयं एक रहस्य है। दुनिया रहस्यों से भरी पड़ी हैं।
Sare Dharmo ke bare me jaruri baat jo jyada Tar sabhi Dharm
ke log nahi jante hum sab jyada tar log Sochte he ki hum jaha
jis dharm me peda huwe he usi me apni sari jindagi gujarni he
lekin ye galat he kyoki hum ye nahi jante ki Allah ishwer or
hindu me jo pehle bhagban he nirakar sab ek hi he or jitni
Bhi murtio ko poojte he vo ishwer Allah bhagwan ke Avtar
he nirakar jinhe
hum insan dekh nahi sakte sirf mahsus karte he hum unhe marne
ke baad hi dekh sakte he jab Allah ishwer ne Croro year pehle
duniya ko banaya tab apna ek postman bheja jise islam isai me
Navi kehte he jab duniya me pehle Navi or unke sath ek dharm
jisko bo khud bhi mante or logo ko bhi manne ke liye kehte log
unki Baat dharm ko asani se man lete kyoki vo duniya ka pehla
dharm tha fir jab ek hazar year baad ya do hazar year baad
log ishwer Allah ko bhul ke gunaho pap me jindagi gujarne lage
fir ishwer ne duniya me ek naya Navi unke sath naya dharm
bheja fir usne logo ko samjhaya naye dharm ko manne ke liye
kaha jo unki baat ko manlete vo us naye dharm ko apna lete
jo nahi mante vo ishwer Allah or us Navi ki nazar me kafir ho
jate or fir duniya ek ya do ya teen hazar year tak chalti
fir Allah ishwer ek Naya dhrm naye navi ke sath fir vesa hi hota
jesa pehle huwa tha aisa chalte chalte duniya me 1 lakh 24
hazar dharm duniya me abhi tak Aa chuke he islam Akhri he
muslim se pehle isai isai se pehle yahoodi me sare dharm ke bare
me nahi janta nahi to me yahoodiyo se pehle dharm ko bhi bata
deta badal badal ke dhrm es liye Aaye he kyoki jese insan ka
fashion jindagi jeene ka tarika time ke hisab se badal jata he
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insan ko vakt time ke navi or Akhri dharm ko man ke hi vo
kamyab ho sakta he esi liye islam ki baki sare dharmo se nahi
banti kyoki islam Akhri duniya ka dharm he or vo logo ko islam
me Aane ke liye kehta he jise log galat samjhte he log ye bhi to
soche ke jis dharm me vo he usme bhi to unke baap dada pardada
ya unke bhi dada kabhi to dharm badle honge na es time duniya
ka koi bhi dharm pehla he hi nahi Sab ek dusre se convart he...
ईश्वर तक न पहुंचें, एलियंस की खोज ही मानव जाति के लिए बहुत बड़ी खोज होंगी।
Mirchi lagi kya 😂
@@ravishankaryadav9473lagi hai 😆
एलियन को हमारे पुरखे लोग हमारे पितरों के तौर पर परख चुके हैं ❤✌️👌🙏🤔.......
उनके अनुसार हमारे यहां से जाने वाले जबतक वापस पूरे तौर पर निर्मित नहीं हो जाते हैं तबतक वह अर्ध निर्मित स्थिति में हमसे संपर्क से दूर के अन्य ग्रहों पर रहते हैं और वह हमसे ज्यादा महत्वपूर्ण जानकारी रखते हैं और समय समय पर हमारे सहायता भी कर सकते हैं ✌️🙏
भाई पहले भूतो तक पहोचो फिर एलियन तक फिर ईश्वर तक 😂😂
श्रीमान, आप राम, कृष्ण, शिव,अल्लाह, गोड, बुद्ध की पूजा करो या आयरनमैन, बैटमैन की कोई फर्क नहीं पड़ता क्यों कि ये सब काल्पनिक है। जैसी आपकी कल्पना वैसा अनुकूलित भगवान बन जाता है कोई अदृश्य, कोई चार हथवाला, कोई चार मुंह वाला, कोई जानवर के मुंह वाला। ये सारे अलग-अलग भगवान कभी किसी लोगो की कोई मदद नहीं करता क्योंकि ये काल्पनिक है।
भारत को पिछे रहने में सबसे बड़ी बाधा धर्म और ईश्वर है, यही कारण है यहां वैज्ञानिक कम और बाबा ज्यादा पैदा होते हैं
Haaa or baba fir yuhi jel mein thikana dekhte hain.
Wrna yha ke log ka scientist ban nahi skte?
Ab ekadh aisa aayega koi bna hoga uska naam ginwane aayega mera comment pdhkr lekin usko phle hi clear krdu 150 cr population mein se koi ekadh ka bnna laajmi nahi
गलत मौलाना, हमारे concept अभी thik hai jivo पर दया, प्रकृति में ही ईश्वर है
तुम्हारे में halala 😂😂😂😂
बहन से sadi, 😂😂
सही बात
Super thought
Or Molana bi 😂😂
Jiski jitni chadar pair failaye dost thanks 👍❤
स्टीफन सहित उससे समान ईश्वर को समझने वाले लोगों की बुद्धि जहां सोचना बंद कर देती है वहीं से ईश्वर की सत्ता आरम्भ होती है
Haw re gyani 😂😂😂 Ishwar ko darpok or lalchi logo ne banaya hai apne swarth ke liye
Bhai ye gyan tumhe kha se mila😂😂😂
Mansik gulam ho
Aapne bahut bada ghyan Paya. PhD. Karo.
मतलब जहां से मूर्खता सुरु ईश्वर की सत्ता सुरु😂
इतने बड़े अदभुत विज्ञानी और ज्ञानी पुरुष की बातें सुनकर बहुत ही आनंद और आश्चर्य होता है मानता हूं विज्ञानी लोग प्रैक्टिकल को प्राथमिकता देते हैं पर इसने दोनों ही बातें कहीं है जो अंध विश्वास से आदमी को बाहर करते हैं कुछ बातों में इसने ईश्वर से इनकार भी नहींकिया मुझे तो यह इतनी अच्छी पेशकश लगी इसकी उपमा के लिए मेरे पास शब्द नहींहै आपका बहुत बहुत धन्यवाद
वह ये नहीं समझ पाए कि सड़क पार करने से पहले वो,,देखना भी तो तय था,,🙏🏻
ईश्वर अजन्मा है । जाता वही है जिसका जन्म होता है । तो ईश्वर का जन्म ही नहीं हुआ तो जाएगा कहा ? निराकार है । आकर ही नहीं है इसलिए सर्वव्यापक है मतलब हर जगह है । यात्रा करने की जरूरत नहीं है हर जगह हर कण में है । सर्वशक्तिमान है । मतलब उसे किसी की सहयता की जरूरत नहीं पड़ती वो अपने कम स्वयं कर लेता है ।
Isiliye 33 crores devi devtao ko pujte hai tum log😂😂. Bramhano ke pet bharte ho tum bhagwan ke naam pe
Ram shankar ko bhagwan mante ho to Ram shankar ko urope me kutta bhi nahi pehchana 😂😂😂😂
क्या बात कही है ब्रो राइट
हर जगा तो डार्क म्याटर है , कही वही तो इस्वर नही ..!😂
@@nirajwani7709 80 परसेंट है डार्क मैटर । तो ईश्वर कैसे हुआ ? सो परसेंट है कण में ईश्वर है । पृथ्वी पर हवा है तो अंतरिक्ष में नहीं है । लॉजिक की बात कर भाई ।
बहुत बड़ा सुंदरसा बैज्ञानिक सूचना है, धन्यवाद।
इस ब्रह्माण्ड के रूप में ही परमेश्वर स्वम् को अभिव्यक्त कर रहा है अतः यह अंतहीन विस्तृत ब्रह्माण्ड ही परमेश्वर है जिसमे जड़ चेतन, ऊर्जा एवं पदार्थ एवं हम सभी जन निहित हैं।हम सब प्राणी भी ब्रह्माण्ड की इसी अभिव्यक्ति का एक रूप हैं ।इस सत्य को केवल अंतरमुखी स्वध्यान से जाना जा सकता है।Meditation and only Mediation is the way to realise the ultimate secrets of the infinite Universe.
Is bakbas ko kya name du😅
Again the same question who made the God and why? Still not clear...
Yhi Satya hai
@@ndesign2649 kisi supreme power ki wajah se hee big bang huaa hoga jiski shakti universe ke har choti badi ceejo me hai ye universe kewal aishe hee nahi ban gaya hoga iske peeche koi karan jarur hoga
@@Gaurav_Atheist at least universe nature ko to bakwas mat bolo ye nahi hota to aaj tum yaha baikaiti nahi kar rahe hote
Parmeshwar है aap dil se khoj rhe hai apko jarur milega
❤ yes amen 🙏 God bless you 🙏
Ghanta
God has created nature and jivatmas and He is the source of everything
Nature se bada koi nhi...........
..
बिना करे तो आज भी कुछ नहीं होता इसलिए अनन्त ब्रह्माण्ड रचना खुद कभी अपने आप नहीं हो सकती
Fir tere Bhagvan ko kisne banaya ghochu😅
कैसे नही हो सकती बताओगे 😂
@@sandeeprawat7694 universe apne aap nhi ban sakta lekin God apne aap ban gaya 🤔
@@SubodhGoutam-yj4slतुम तेल तरकारी मसाले नमक मिर्च सब कुछ एक जगह रख दो और देखो सब्जी अपने आप बनती है क्या?
@@AS_Creations-x8d बिलकुल सही सब्जी अपने आप नही बनेगी लेकिन सब्जी हम खाने के लिए बनाते लेकिन ब्रह्मांड क्यू बनाया भगवान ने इंसान क्यू बनाए उसे क्या लोभ लालच था अलग धर्म क्यू बनाए और हम कुछ चीज बनाते और वो खराब हो जाती तो हम उसे ठीक करते तो तुम्हारा भगवान हम जैसे नास्तिक का कुछ उखाड़ क्यू नही पता किसी रेपिस्ट को सजा क्यू नहीं देता
शतप्रतिशत सत्य है। यदि मुझे मेरे पिता ने बनाया तो मेरे पिता को किसने बनाया? सही है पहली बात तो आपकी बनावटी आवाज बहुत अधिक असुन्दर और असहनीय है। दूसरा यदि हाकिन्स बहुत बडा वैज्ञानिक इस संसार का था या है तो मैने आज तक कोई भी बुद्धिहीन व्यक्ति नहीं देखा आजन्म हाकिन्स के अलावा। अंतर यदि संज्ञा का है उसे ईश्वर भगवान गोड परमात्मा या कुछ कहना यदि हाकिनस को पसन्द नहीं तो वो कुछ और नाम दे सकते थे। लेकिन यह कहना कि ब्रम्हांड चल नहीं रहा है तो हाकिनस अंधा था उसे सूर्य चांद पृथ्वी और आकाश चलते हुए ही नजर नहीं आए तो वह तो सभी सूरदासों का पितामह था व
Mere anusar bhagwan ko kisi ne nehi banayi..wo khud bane hai isliye toh wo bhagwan hai hum human
भगवन aur कही नहीं बेवकुफ़हो हमारे अंदर है बस उसे 0.01 percent jaan पाते हैं जो जान जाता है उसी को पता होता है😊😊😊example Great स्वामी विवेकानंद😊😊😊😊😊
@@Niteshkumar-r7f tum bahut bade bewkuf ho jo sabko bewkuf bol rahe ho example har pagal ko sab pagal najar aate hai
@@DurgeshPatel-vc8ib😂😂😂
मूल शंकर तिवारी उर्फ विवेकानंद ने तो स्वयं अपनी ऑटोबायोग्राफी में मैक्स मूलर को भगवान का अवतार घोषित कर रखा है😂😂😂😂
मतलब जो आदमी रेप करता उसमे भी भगवान है
ईश्वर को तर्क और विज्ञान से नहीं समझा जा सकता है, वह परम तत्व है जो संपूर्ण में व्याप्त है वही जड़ है चैतन्य भी वही है सब कुछ उसी के भीतर व्याप्त है सूक्ष्म से सूक्ष्म तक और विराट से भी परे जो अनंत है वह निराकार परमेश्वर ( शिव ) ही है।
हम मनुष्य अपनी सीमाओं में बंधे हैं, मोह माया, विकारों और मूढ़ बुद्धि के बने दायरे में सीमित रहते हैं ईश्वर को समझने के लिए पवित्र हृदय और विश्वास की जरूरत है।
यह जितने अंग्रेजी साइंटिस्ट है सारे नकली है इन्होंने असली ज्ञान का बंटाधार किया है
ईश्वर, जीव और प्रकृति अनादि है, जिसको बनाने का कोई कारण नहीं होता उसको अनादि कहते हैं.
Bilkul sahi kaha aapne
Tune kase pata kiya
@@Gaurav_Atheist gaurav ji.apne experience and ishwar ki kripa se anubhav kiya
@@seemuify ham kase manlen
@@Gaurav_Atheist cannot explain here. Give me ur number. Will explain there. Jai shree krishna.
प्रकृति ही ईश्वर है❓
❤ right
ईश्वर आत्मा और प्रकृति इनको किसी ने नहीं बनाया। वो पहले से मौजूद है। इसलिए इनका कभी विनाश नही होता।
ईश्वर को किसने नही बनाया। इसलिए ईश्वर अमर है। सर्वगुण संपन्न है।
आत्मा भी ईश्वर ने नही बनाई। इसलिए आत्मा अमर है। आत्मा याने कोई भूत नहीं। जैसे टीवी या फिल्म में दिखाते है।
आत्मा याने स्वयं ऊर्जा । याने जिसका खुद ही अस्तित्व है।
और प्रकृति भी ईश्वर ने नही बनाई। वो भी पहले से है। ईश्वर ने उसी प्रकृति से ब्रम्हांड बनाया।
aap ko kisne bataya ishwar ne banaya 😂😂
@kaushikparmar2469 ईश्वर सभी पशू और पंछी यो को ज्ञान देता है। करोड़ों साल पहले इंसान को भी दिया था। संस्कृत भाषा ये ब्रह्मांड का कंपन (वाइब्रेशन) है। जिसकी आत्मा पवित्र होती है। कोई छल कपट नहीं होता। उनको ईश्वरी ज्ञान मिलता है। करोड़ों साल पहले ऋषि मुनि यो को मिला था। उन्होंने बाद में दूसरे इंसानों को सिखाया।
Agar time travel possible h to future k tourist hum h , Stephen's Hawking sir❤
Hari anant Hari katha Ananta... Itna kafi he es sawaal ke answer ke liye
G - Generator
O - Operator
D - Destroyer
Jaha par insaan ki soch khatam hoti h🤔 waha se Bhagwaan ki shuruat hoti h 🤯
यह दुनिया कितनी बडी हैं. और हम लोग धर्म,जाती,पैसा,उंच,नीच,कम,ज्यादा,को लेकर बैठे हैं 😢 यह बात ही हैं जो मुझे समज मे आई की जीवन मे ब्रम्हांड को ही जांनना लक्ष होणा चाहिये. इस दुनिया के हर एक व्यक्ती को
😅तब अब आप इस तरफ के अग्रसर होने के बारे में क्या सोच रहे हैं 😁 क्या करने वाले हैं 👍🙏✌️.....???
मैं आपके उपहास नहीं कर रही हूं सचमुच ✌️🙏 जानना चाहती हूं 🤔❓🙏
@@swatiexperiencerecall5295 मैडम मे एक आम लडका हु जीसकी पढाई १० वी तक की हुई है,मे एक मराठी लडका हुं जो महारष्ट्र राज्य से हुं,मे ऐसा क्या कर सकता हुं.बस मेरी ऐसी सोच है, है जो की आज की जनरेशन science की तरफ बढे औंर प्रगती करे.मी हर एक दोन जो देखता हुं दुनिया मे जो चल रहा है, वह बस मोहमाया मे है. हम इस ब्रम्हांड के एक किडे मकोडे है. हम सोच भी नहीं सकते इतना बडा ब्रम्हांड है.मी तो इतना ही करूंगा मेरी फॅमिली मित्रोंके जितने भी बच्चे हैं उन सबको सायन्स्टीस की पढाई करणे suggest करुंगा. हम इस दुनिया में वापिस आयेंगे या नहीं पता नहीं आगे आगे क्या होगा
@@swatiexperiencerecall5295 madam me ek Marathi ladka hun jo
Maharashtra me rehta hun me 10 vi fail hu, to ek hi cheez karunga mere friends family ane wali pidhiyo ko scientists padhne k liye suggest krunga jitne bhi bachhe ho me to Etna hi kar sakta hun😅🙏
और सत्य को जानोगे, और सत्य तुम्हें स्वतंत्र करेगा।”
आदरणीय वैज्ञानिक जी आपने विज्ञान के लिए बहुत कुछ किया है जब शून्य को किसी भी संख्या को भाग दिया जाता है तो पूरी संख्या शून्य हो जाती है ऐसा क्यों होता है जब उत्तर मिल जाए तब यह सवाल करना विज्ञान की एक सीमा है उससे आगे जाने की उसकी औकात नहीं है 😂😂😂😂😂😂
aap kyu dukhi hote ho
Bhagvan shurvat hai aur ant bhi bhagvan hai.
Bhgvan o shkti hai jise samajna jatil hai.
Lekin bhagvan hai jarur hai.
आपने बहुत अच्छी बात कही 😻
Nature se bada bhagwan koi...nhi h🙏
To nature ko kisne banaya science ne 😂😂😂😂
It is some supernatural power. We worship Power and strength, not weakness. We need to bow down before the Supreme Supernatural power
आप अमर है...... आप को हमेशा दुनिया कभी नही भुल पायेगी... आप महान है..
Ishwar hi Satya hai❤
भगवान कहे या प्रकृति यह स्वयं अपना जीवन जी रहे हैं। अध्यात्म विज्ञान एवं ब्रह्मांड की स्थिति और जीने वाले सारे जीव परमात्मा का प्रस्तुतीकरण है।
सनातन ही सत्य है🚩🙏
Radhe Radhe 🙏🙏🌹🌹♥️♥️
Iswar nahi to kaise desing howa galaxy , khudi desing ho hi nahi sakta , banane walla jorur hoga!
Ishwar is uncreated
.
From infinite.
Our mindset is that every thing should be created.
Ishwar is uncreated.
One & only.
Nirakar Ishwar.
Murti Puja krna duniya ka sabse badaa paap h.
Murti Pujak Gehre Andhere Nark me daale jayenge hamesha ke liye Yajurveda 40 8 9.
ईश्वर को खोजने के लिए अध्यात्मिक दर्शन योगाभ्यास की आवश्यकता है, वो सर्वव्यापी है और हमेशा हमारे आसपास है, कुण्डलिनी जागरण से संवाद और दर्शन संभव है 🙏🏻🚩
जय श्री नारायण
Kuch na hai ye tum logo ne dhande ke liye bnaya
Mujhe aisa lagta hai...
Khali jagah hi iswar hai or wo har ek cheej ka jimmedar h sab me h chahe wo prakarti ho ya bramand
इंसान मुर्ख है सिर्फ खोज करो वो अलग चीज है ईश्वर नही है ये मूर्खता भरा सवाल और विचार है, समय के साथ जो हर चीज संभव है और सही प्रकार समय पर अपनी अपनी दिशा मे काम करते है तो उनको नियंत्रित करने वाला भगवान् जरूर है, बस इंसान ही मूर्ख है😂
Simply great❤
ईश्वर मनुष्य ने ही बनाया और वह भी किसी धूर्त इंसान ने
Bina matlab k tum kyu aye duniya mein, kisne banaya tumhe, aur kyu banaya
इंसानों के आने से पहले इस धरती पर ईश्वर नाम की चीज अस्तित्व में नहीं थी और यही सच्चाई है। मैं साबित कर सकता हूं।
प्रकृति ही असली भगवान है, चाहे हम अपनी आस्था अनुसार किसी को भी पूज ले।
ईश्वर वो परम् शक्ति है जो अदृश्य है,, जो सर्व व्यापी है, जो असाधारण है,, जो बहुत पावरफुल है,, आप सिर्फ अपना कर्म करें
😂😂😂😂
नेगी जी को प्रणाम… ये आपने बहुत सही बात कही 😻
@@LittleBigIdea प्रणाम sir,, tnqqq
😂😂😂 ishwar jaisa kuch nahi hota agar hota to charbi wala laddu na khata 😂😂
पावरफुल ईश्वर दुनिया में फैले ,अन्याय,अत्याचार,भ्रष्टाचार क्यू आंख बंद करके अब तक देख रहा है? अपनी शक्ति का उपयोग कब करेगा?
आपकी आवाज 😊😊😊❤
Jesus ji ne vada kia he ke main auga zarur ham ko lene
Amen 🙏🙌❤ God bless you ❣️🙏 praise the lord 🙏❤️🙌🙌🙌
😂😂😂
जीसस ने और अल्लाह ने बनाया है , भाई साहेब। लगे रहो ज्ञान पेलो।
हॉकिंन साहब अब आप इस दुनियां में है नहीं। लेकिन आप अपने जीवन में सनातन दर्शन पढ़ लिए होते तो शायद "ईश्वर को किसने बनाया " जैसे प्रश्न आपके दिमाग में आते ही नहीं। खैर एक वैज्ञानिक के रूप में दुनिया को आपने जो दिया। वह भी बहुत सराहनीय है। 💐🙏
Mt uljho inn dhrmo mein.btao kya aisa mila inme uljhne se.
Ere insaan jis jivan ka aanad lene ke liye bhagwan ne bnaya dhrmo mein uljh kr insaan jeena bhul gya sirf andhvishwas mein time kaat rha hai
@@girishchandra4133 ऐसे ही इस्लाम भी बोल सकता है कुरान पड़ लेते तो बाडिया होता 😆, ईसाई कहता बाइबल पड़ लेटे तो बाडिया होता 😆
Ishwar Ko hoking ke ma ke dost ne banaya
@@meraj4226sahi baat
@girishchandra4133 आपकी सोच ही आपकी संकीर्णता को दर्शाती है। आप खुद ईश्वर को एक धर्म विशेष से सीमित कर रहे।आप जैसों का अधूरा ज्ञान ही मानव सभ्यता के विनाश का कारण है।आप जैसी जहरीले विचार के मानव ही सभी मानव में घृणा पैदा करते हैं और भेदभाव को बढ़ावा देते हैं।ईश्वर असीम निराकार अनंत है वो किसी धर्म विशेष से बंधा नही हो सकता।आप को असली जरूरत है सारे भारतीय और पाश्चात्य दर्शन पढ़ने की।माफ कीजिएगा आपका ज्ञान सीमित है और आपके विचार भी, आप एक झूठे इंसान हैं जो बस दिखावा करके भगवान को भी खुश करने की कोशिश करते हैं। ईश्वर न हिंदू है न इस्लाम और न ही क्रिश्चियन , वह इन सब धर्मों से परे है।
Jo bhagwanji par bharosa karta hai woh buddhi maan hai
All statements are true . Undoubtedly he was a Great man .
Osho thoughts in this connections is vital. Being Nastik is life dry, heartless, non juicy, unkind, jnloving
ईश्वर/ भगवान एक रहस्य है जिसके बारे मे कुछ भी कहा नहीं जा सकता सिर्फ कल्पना की जा सकती
और रही बात ब्रह्मांड को बनाने की तो इतना सच है कि ब्रह्मांड को किसी मनुष्य ने नहीं बनाया फिर सवाल यह है कि इसे बनाया किसने
कोई तो होगा ही....
वही तो वो भी बोल रहा है😊
❤very good analysis sir
Nature is the God. This man knew well. Otherwise he would have overcome his disability😢he sought mechanical assistance to define nature.
Jai maa adi sakti unhone hi bramhand banaya aur usi me vilin ho gyi hai swayam pargat aur swayam vikshipta ho jati hai jai shree radhe
सुनए से कोई चीज़ उत्पन होती हैं तो क्या कहोगे, मतलब जहां आपकी सोच शुरू होकर खत्म हो जाती हैं।
मैं पागल हूँ और बहुत पागल हूँ ।
Sunnay se khatam nehi suruaat hoti hai is par vichaar karo Koi bhi karya karne se pehle manushya ke andar ek vichar utpann hota hai ye uska example hai
देखिए हम वैज्ञानिकों, ज्ञानियों का सम्मान करते हैं। देखिए आपने विज्ञान को समझा जाना तो प्रश्न किया हमने भी अपने स्वयं के ज्ञान से दो शब्द बताए।
Ramanujan is much greater than Stephan but he believed in god
Andbkt ramanujan kuch nhi hai Stephen ke samne
Koi janta bhi nhi ramanuj ko inhe puri duniya
@@SubodhGoutam-yj4sl mark zuckerberg ,Prof Henry, Ken ono or naa janay kitni Hollywood movie m inki baat hui h
The man who knew infinity inkay upr Hollywood movie h
" The good will hunting " movies m inki baat hoti h
Inhonay 4 thousand formula diye h jismah say black hole theory m use honay wala mock theta formula h Jakar research kar or v bhut kuch milega tujhe tum logo ki jal uth ti h jab v koi bhartiya ka talent aata h Fellow of Royal society k member v rehh chuke h Jo Newton v usi k member t
@@वंदेमात्रम-प6झ कुछ भी फेंक देने से सच नही हो जाता समझे
हम कैसे बने वो भूतकाल है। हमे जिंदा रहणा है तो दो ही संकलप है वर्तमान काल और भविष्यकाल
ज्यादा तो नहीं कह सकते पर इतना जरूर कह सकता हूँ कि ईश्वर को विज्ञान के द्वारा समझना नादानी है या विज्ञान से ईश्वर की तुलना करना उचित नहीं क्योंकि विज्ञान इंसान के दिमाग की उपज या चीजों को समझने की जिज्ञासा मात्र है। इंसान और सारी सृष्टि ईश्वर से है। इसलिए विज्ञान के द्वारा ईश्वर को समझना असम्भव है। ईश्वर ने सृष्टि की रचना की है। ईश्वर की रचना करने वाला
कोई नहीं क्योंकि ईश्वर खुद है इसलिए उसे खुदा भी कहते हैं।
यह बिल्कुल सही है कि एक अनपढ़ को समझाना बहुत ही कठिन है, लेकिन एक शिक्षित को समझाना नामुमकिन है। Stephen hawking एक महान विद्वान थे। उनकी विद्वता केवल भौतिकवाद पर ही थी, लेकिन आध्यात्मिकता के बारे में उनका ज्ञान शून्य था। क्योंकि जहां पर इंसान के हाथ खड़े हो जाते है वहां से ईश्वर का साम्राज्य शुरु होता है। जिसका जीता जागता सबूत इंसान का जन्म व मृत्यु है, क्योंकि यह घटना जैविक रूप से संभव है ही नहीं, अगर संभव है तो बताइए। अगर असंभव है तो इसका तात्पर्य यह हुआ कि कोई न कोई ताकत तो है जिसके कारण हम सब अस्तित्व में आए।
Mere kuch sawal hai mere guruji se...
1) agar ishwar nahi hai, to human body ke her part itne perfection ke saath kaise bane hai...? E.g. ungliya, kaan, aankh, naak, liver, aatadiya..
2) insan ke saath animals kaise bane...?
3) insaan oxygen he kaise leta hai..?
4) Sabse badi baat...hum brhmand me akele kyon hai...?
Love you sir...❤🙏
Agar ishwar hai to ishwar ko kisne banaya ye batao saahab 😅
@@deep1639 pani kisne banaya iska jawab tum de nahi sakte..waise he ishwar ko kisne banaya iska jawab main nahi de sakta...🙂
@@mithilnalawade2781 to sawal hi kyu kar rhe jab kisi ko pata nhi ki kaise bana
@@deep1639 to bhai uper dale mere sawalo ka jawab tu de de aur agar nahi de sakta to ishwar ka astitwa manle..😆😄
यहाँ दिखाई गयी बहुत सारी बातें बहुत हद तक सत्य है,
कुछ बातें शब्दों के अर्थ के अनर्थ हो जाने से सही नहीं लगती पर जैसे शब्दों के अर्थ को लिया गया है ( अशुद्ध) उस हिसाब से सटीक दिखती है।
धन्य है ये महान वैज्ञानिक जिन्होंने सत्य को जानने के लिए शरीर से विक्षिप्त होकर भी असाध्य कर्म किया, ऐसे महामानव को मेरा शत शत प्रणाम 🙏
Isliye to uski itni buri halat hui, kyunki wo Ishwar ko nhi manta tha na Marne k liye tha na Jine k liye, science ko to main bhi manta hu par Hamlin kisne banya science ne ?
@@pawanbhagat9078 apko apne khud ne banaya hai,
Apne apne chasme kala color kar rakha h jisse apko kala hi kala nazar aa raha hai.
भगवत गीता मे बताया है जो ज्ञान से सत्य को जानने की कोशिश करता है उससे बड़ा कर्म और भक्ति कुछ भी नहीं हो सकती। प्रणाम 🙏
Panchmahabhut yani pani,agni,vayu,bhumi,akash yeh vh panch ttv hi prakriti hai aur jb ye panch ikkathe hote hai tbi jivan pnpta hai...iska mtlb hai ki nature ko koi adrasy takat chla rhi hai aur vhi isvar ho skte he...me bs jo mehsus krta hu vhi bta rha hu...hm sbke vichar algh...isliye yh sb kafi alag he
बर्माड अनन्त काल से बना हुआ है और ईश्वर इंसान का वो मस्तिक्स है जिसको इंसान नें हर बात को सुन कर देख कर सूंघ कर या शरीर पर किसी तरह का आकर्सन करके महसूस करके विचार बनाए तरह तरह.सृष्टि में बदलाव लाने के लिए संसार के लिए.उन सभी बातो को महसूस करके समझ कर इंसान इतना गियानी हों गया के उसने ईश्वर होने का प्रमाण अपने कर्मो के अनुसार सिद्ध कर दिखाया. इतना गियान कोई डॉक्टर बन गए तों कोई साइंटिस्ट कोई गुरु रूप में जन्ने लगे. और ईश्वर मस्तीस्क ही है. वो मस्तिष्क जिसने सभी बातो की खोज निकाली वो इंसान ही है. सोचो इंसान में अगर मस्तिष्क ना होता इंसान इतने कर्म कर सकता था हर तरह की बातो पर विचार करके?
Bilkul
Agar bhagwan hota to dinosaur ke time bhi insaan hote but insaan to khud earth pr kafi late aaye hai
Satte bachan hajur
हर चीज किसी न किसी के बनाने पर बनती है.. तिनका, ईश्वर बनाता है, तिनके से घोसला, नन्ही चिड़िया बनाती है.. तभी तो हम सनातनी, 'अह्म ब्रह्मष्मी' को मान्यता देते हुए चिड़िया सहित स्वयं को भी ब्रह्म का अंश मानते हैं.. जो भी कुछ सृजन करता है वह छोटा मोटा भगवान है.. ❤❤
Ishvar ek kalpna hai
The Universe is the systematic creation by the Intelligent Creator for the Souls.
Bakbas mat kar
अगर ब्रह्माण्ड को ईश्वरने नही बनाया तो फिर ब्रह्माण्ड बना कैसे?????
ईश्वर से बनाया गया है
@@Mansukh1962fir ishvar ko kisne banaya
@@2Ramlalishvar ko kisne bnaya
Apne aap
@@2Ramlal jab ishvar apne ban sakta hai to ye universe kyo nhi
Agar aapko sabhi answer chahiye to jain darshan samjho .
Pandit Todarmal smart Trust, jaipur .
Ye hi sabh prashno ko nyay & logically bataya jata hai.🙏
👏🏼👏🏼is insan ko👏🏼👏🏼👏🏼
ईश्वर निराकार है उसे किसी ने नहीं बनाया लेकिन ईश्वर ने सब को बनाया है। प्रकृति ईश्वर नहीं है क्योंकि प्रकृति जड़ है। आत्मा और परमात्मा चेतन वस्तु का नाम है।
Beshaq mere bhai
Ishur hai ❤
मतलब ईश्वर है ही नही 😂😂😂
Har Har Mahadev 🚩🕉️🙏
भोले 😻
iska is video se kya lena dena be
@@clonenub-kh7yc😂
Sabhka malik yek he .God
Nice thought 🙏
मैं पागल हूँ और बहुत पागल हूँ । 😂😂😂😂
ईश्वर को हम बनाते हैं 🙌🙏 अपने मान सम्मान श्रदधा प्रेम भक्ति सतत याद सतत प्रयास सतत विश्वास आदि 👍 देते रहकर ....... हमारी पृथ्वी की ही तरह बाकी के भी नवग्रह हैं ❤🎉🎉🎉🙏👍....... जैसे हमारे सोसाइटी के भीतर सैंकड़ों परिवार के अलग अलग फ्लैट्स बनते हैं 😄✌️🙏.......पर हम एक दूसरे को जानते पहचानते तक नहीं हैं 🤔...... किसी के भी डिटेल्स या रिश्ते 💝🙏 उनके पोजीशन कुछ भी नहीं जानते हैं 😁 पर साथ में रहते हैं 😄✌️ और हम सभी का ही एक मालिक और उन सब मालिकों के एक मात्र या पार्टनर्स मालिक और उनके भी ऊपर नेता लोग ✌️ मालिक और उन नेता पर कौन 😅😂हम जनता लोग ...... बस मुझे तो स्पष्ट यही कहानी नजर आती रहती हैं 😁👍💖🙌🙏✌️✔️😊
गलत
भव सागर ईतना बडा हय केसे बताये अंनत रहस्य भरे पडे हय
गीता में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा है कि अर्जुन तुम मुझे (ब्रह्मांड) को ज्ञान और बुद्धि से कभी जान ही नहीं सकता।
Jis chij ko jan hi nhi sakte uska achar dale
@@Gaurav_Atheist ब्रह्मांड को जानना तुम्हारे वस का तो 100%नहीं है। अरे जिस पृथ्वी पर वैज्ञानिक अंकल रह रहे हैं उस पृथ्वी को अभी तक 1-2% भी जान नहीं सकें।पुरी पृथ्वी को जब तक जानेंगे तब तक तो इस पृथ्वी पर कम से कम 1-2 बार प्रलय जाएगा। ओर इस ब्रह्मांड में हर रोज एक नई पृथ्वी का निर्माण होता है तो इस ब्रह्मांड को ये वैज्ञानिक अंकल कब समझ पाएंगे।
@@Gaurav_Atheistpagal😮
@@SumitSaikia101 hmmm
Pagl
Bhai Stephen Hawking ne khud ne ek theory di hai God particle ki. Aisa Ansh toh hai jo Adi hai anant hai aur wahi ishwar hai. Energy can neither be created nor be destroyed woh bas hai. Ishwar bhi bas hai !
ब्रह्माण्ड को किसी ने बनाया नहीं है।वह कुदरती है।काल चलता ही रहता है। धरती घुमती ही रहती है। सूर्य उगता ही रहता है। मनुष्य आत्मा भी अनादिकाल से धरती पर है। सबसे पहले धरती पर भारत ही होता है लेकिन उसमें एक भी हिन्दू नहीं होता। सिर्फ आदि सनातन देवी देवता धर्म जो आज नहीं है। क्योंकि स्वर्ग समाप्त होते ही सभी देवताओं का नैतिक पतन हो जाता है।वह सभी वाम मार्ग में आते हैं। स्वर्ग रामराज्य अर्थात ईश्वर शिव परमात्मा निर्मित दैवी अटल, अखण्ड अद्वैत राज्य होता है।राम सीता राजा रानी थे। रामराज्य समाप्त होने के बाद सभी देवताओं का पतन हो जाता है।इसको ही सकते हैं कि सीता जो रामराज्य (पवित्र आत्मा) थी अब इस रावण राज्य में प्रवेश होती है। अभी कोई भी आत्मा पवित्र नहीं है। सभी विकारों के वशीभूत हुए हैं। इसलिए इस राज्य को रामराज्य नहीं रावण राज्य कहा जाता है। अभी फिर से रामराज्य आ रहा है।यह रावण राज्य भी खत्म होने वाला है। परिवर्तन सृष्टि का नियम है।यह नियम कुदरती बना हुआ है। भगवान शिव पतित आत्माओं को पावन बनाता है। शिव परमात्मा कोई मनुष्य नहीं है।परम आत्मा है। सर्वशक्तिमान है।सभी आत्माओं का पिता है। ज्योति स्वरूप में है। सूक्ष्म भी है। इसलिए वह इन आंखों को दिखाई नहीं देता है। ऐसे ही हमारी आत्मा भी दिखाई नहीं देती है।वह हमारी चैतन्य शक्ति है। आत्मा कहती हैं।यह मेरा शरीर है।यह मेरे हाथ पांव है। कहने वाली आत्मा अन्दर मस्तक में बैठी है। आत्मा कभी नष्ट नहीं होती। परमात्मा शिव भी एक आत्मा ही है। वहीं हमारा भगवान बाप है। क्रिश्चियन लोग उसको गाॅड फादर कहते हैं। सुप्रीम सोल कहते हैं।हम उसे परम आत्मा कहते हैं।वह ब्रह्मलोक में रहता हैं। उनके पास सभी नालेज है।वह हर चीज जानता है। सबकुछ साक्षी होकर देखता है। उसने हमें गीता ज्ञान दिया है।हमे उसपर चलना है। वरना हमें सजाएं खानी पड़ती है। विकारों में नहीं जाना है। पवित्रता को अपनाना है क्योंकि अभी हमें ब्रह्मलोक जाना है।वह परमात्मा हमे लेकर जाएगा।
Bakbas achchi h
Tum apne samne khane ki plate rakho par hath na lagao or na kisi ki madad lo fir dekhta khana apne aap tumhare pet me pahunch jata hai ya nahi
Thanks brother ❤🎉
अति उत्तम विचार आदरणीय स्टीफेन हाकिंस महोदय
ईश्वर कारण है। सृष्टि का। और कारण का कारण कभी नहीं हो सकता है। इसलिए ईश्वर का कोई कारण नहीं हो सकता है। ईश्वर स्वयंभू है। ईश्वर का कोई कारण हो भी नहीं सकता है
Prabhu hai yhi satya hai satya, Satya hota hai iska koi Karan nhi hota hai 😅
Ye baat kissey suni
Ishwar ek Kalpana hai jisko insaano ne apne dimag peda kiya hai
Aise he kalpana bhooto ke liye bhi banaye gayi thi jiske hawa 21 century me nikal gayi hai
Ishwar hota to vo har desh me ek hota naki alag alag
@@sumityadav7nastik.with.science Apne ye nahi deka harr Bhashaa me ek hi chiz ka alag naam hota hai.
Thanks. Your. Discovery
Deep thinking 😊
डीप ही डीप को समझ सकता है 😻
God is "autogenous" or "svayambhu" (Sanskrit: स्वयम्भू), which means "self-manifested" or "self-existent." In spiritual traditions, "svayambhu" often refers to a divine entity or being that is believed to have been born without a creator or external cause, emerging independently. It is commonly used to describe deities or spiritual forces that are believed to be self-created or eternal.