असली 'विकास' इसे कहते हैं || आचार्य प्रशांत, वेदांत महोत्सव (2022)

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  • Опубликовано: 26 авг 2024
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    अध्यात्म की दृष्टि कहेगी कि आचार्य प्रशांत वेदांत मर्मज्ञ हैं, जिन्होंने जनसामान्य में भगवद्गीता, उपनिषदों ऋषियों की बोधवाणी को पुनर्जीवित किया है। उनकी वाणी में आकाश मुखरित होता है।
    और सर्वसामान्य की दृष्टि कहेगी कि आचार्य प्रशांत प्रकृति और पशुओं की रक्षा हेतु सक्रिय, युवाओं में प्रकाश तथा ऊर्जा के संचारक, तथा प्रत्येक जीव की भौतिक स्वतंत्रता व आत्यंतिक मुक्ति के लिए संघर्षरत एक ज़मीनी संघर्षकर्ता हैं।
    संक्षेप में कहें तो,
    आचार्य प्रशांत उस बिंदु का नाम हैं जहाँ धरती आकाश से मिलती है!
    आइ.आइ.टी. दिल्ली एवं आइ.आइ.एम अहमदाबाद से शिक्षाप्राप्त आचार्य प्रशांत, एक पूर्व सिविल सेवा अधिकारी भी रह चुके हैं।
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    वीडियो जानकारी: 24.09.2022, वेदांत महोत्सव, ग्रेटर नॉएडा
    प्रसंग:
    ~ भारत का विकास कैसे हो सकता है?
    ~ विकास का सही अर्थ क्या है?
    ~ किसी की तरक्की कब माने?
    ~ विकास और वृद्धि में क्या अंतर है?
    ~ जीडीपी सही मापदंड है विकास का?
    ~ दुनिया की बड़ी समस्या क्या?
    संगीत: मिलिंद दाते
    ~~~~~

Комментарии • 462

  • @ShriPrashant
    @ShriPrashant  Год назад +28

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    • @dailylifewithnicky1993
      @dailylifewithnicky1993 Год назад +2

      Main bahut pareshan hu or kuch samjh nhi aa raha kya ho raha to mujhe judna lekin kese

    • @mukulpundir4799
      @mukulpundir4799 Год назад

      ❤️❤️

    • @mukulpundir4799
      @mukulpundir4799 Год назад

      Real

    • @mukulpundir4799
      @mukulpundir4799 Год назад

      🙏🙏🙏

    • @PriyaKumari-md1wd
      @PriyaKumari-md1wd 6 месяцев назад +1

      नीति को मुक्ति का अनुगामी होना चाहिए, विकास अंदरूनी होती है और वृद्धि बाहरी होती है, असली विकास वही है जो हमें मुक्ति की ओर ले जाए

  • @316berg
    @316berg Год назад +27

    "संसाधन खत्म हो रहें हैं संतोष मिल नहीं रहा, ये कौनसी Economics है?"
    Very deep thought 🙏

    • @Kkmashin
      @Kkmashin 6 месяцев назад

      Tenks ❤

  • @priyankagupta8002
    @priyankagupta8002 Год назад +119

    चेतना जब बढ़ना चाहती है, बेहतर होना चाहती है तो वो गति करती है, किसी दिशा की ओर आगे बढ़ती है।
    और चेतना कभी भी अपने से संतुष्ट तो होती नहीं।
    मन रहता तो हमेशा बेचैन ही है।
    तो उसे गति तो करनी ही है। गति माने परिवर्तन।
    अब उसे परिवर्तन तो करना ही है, जैसी उसकी हालत है। तो परिवर्तन दो तरह से हो सकता है।
    अगर बेहोश है चेतना तो वो कहेगी कि "मुझे वृद्धि चाहिए।"
    वृद्धि का अर्थ होता है फैलाव, विस्तार और ज़्यादा हो जायें चीज़ें। और ज़्यादातर चेतना बेहोश ही होती है। तो इसलिए जब हम अपनी बेहतरी करना चाहते हैं तो हम वास्तव में यही कह रहे होते हैं कि- हमें अपनी वृद्धि करनी है।
    वृद्धि के लिए शब्द है- growth।
    तो एक आम आदमी से पूछें आप कि ज़िन्दगी में तरक्की के क्या मायने हैं?
    तो वो आपको जो भी उत्तर देगा वो सारे उत्तर एक शब्द में समा जाएँगे- वृद्धि
    वो आपसे कहेगा घर में फॉर्निचर बढ़ जाने चाहिए। समाज में प्रतिष्ठा बढ़ जानी चाहिए। बैंक में पैसा बढ़ जाना चाहिए, मकान में एक-दो तल और बढ़ जाने चाहिए। घर के आगे गाडियां बढ़ जानी चाहिए। ये सब वृद्धि के प्रतीक हैं और आमतौर पर हम प्रगति को वृद्धि से ही जोड़कर देखते हैं।
    किसी के घर में ये सब हो रहा हो, आप कहोगे न तरक़्क़ी हो रही है?
    स्कूटर से दो कार पर आ गए और कार को जगह अब दो कार खड़ी हैं।
    पहले एक छोटा सा मकान था अब दो मकान हो गया। अब बड़े मकान में भी दो मंज़िलें और जुड़ गईं। आप कहोगे न तरक़्क़ी हो रही है। कपड़े उसके बहुत ज़्यादा बढ़ गए, बहुत सारे लोग उसे जानने लगे।
    आप तुरंत कहोगे ये प्रकृति के सूचक हैं।
    ये कौन-सी वाली प्रगति है?
    ये चेतना की बेहोश स्थिति वाली प्रगति है।
    जिसमें चेतना वृद्धि माँगती है और वृद्धि हमेशा संसार में होती है।
    और इकट्ठा कर लो उसमें बेहतरी है अपनी ये मान्यता चेतना की बेहोश स्थिति की सूचक है।
    पर चेतना को बेहतर तो होना ही है। मन जैसा है उससे संतुष्ट तो होना नहीं है।
    तो बेहतर होने के लिए एक दूसरा रास्ता भी होता है।
    वो रास्ता होता है- विकास का।
    विकास में और वृद्धि में बहुत अंतर है।
    वृद्धि कहती है मुझे और ज़्यादा इकट्ठा करना है।
    और विकास पूछता है इकट्ठा कर के जो पाना है वो कैसे मिलेगा?
    क्योंकि तुम जो इकट्ठा कर रहे हो वो अपने आप में कोई अंत तो नहीं है न?
    वही तो आख़िरी लक्ष्य नहीं है न?
    जो कुछ तुम इकठ्ठा कर रहे हो उसके द्वारा भी तुम कुछ पाना चाहते हो।
    विकास पूछता है कि वो क्या है जो तुम अंततः पाना चाहते हो?
    ये development है।
    अब development की बातें तो खूब होती हैं समाज में, राजनीति में, दुनिया के बड़े-बड़े मंचों पर।
    लेकिन आमतौर पर जब विकास की बात हो रही होती है तो आशय वृद्धि से ही होता है।
    तो शब्द हम भले ही कहते हैं विकास लेकिन मंसूबा होता है हमारा वृद्धि।
    -आचार्य प्रशांत

  • @AgyatPathkeraahi
    @AgyatPathkeraahi Год назад +35

    अर्थ व्यवस्था का अंतिम उद्देश्य होना चाहिए व्यक्ति को मुक्ति तक ले जाना
    - सत्य वचन आचार्य प्रशांत

  • @flashtricks4546
    @flashtricks4546 Год назад +32

    प्रणाम गुरु जी 🙏
    इसका मतलब ये हुआ कि कभी हमारा देश भी सही अर्थ में पूर्ण विकसित हो चुका था ॽ

  • @prasenjit1122
    @prasenjit1122 Год назад +39

    "नीति मुक्ति की दिशा मैं होनी चाहिए" प्रनाम गुरु जी🙏🙏

  • @SantoshAJadhav
    @SantoshAJadhav Год назад +142

    मन के सारे भ्रम मिटाकर जीवन में प्रकाश लाने केलीए धन्यवाद आचार्यजी 🙏

    • @Kkmashin
      @Kkmashin 6 месяцев назад

      धन्यवाद ❤

  • @smitapandey-5551
    @smitapandey-5551 Год назад +182

    जीवन में पहली बार विकास और वृद्धि का सही मायने में अर्थ समझ पाई। आचार्य श्री आपने सत्य कहा अध्यात्म को यदि हरेक क्षेत्र में जोड़ दे, तो वो क्षेत्र अपने आप सही और शुद्ध रूप में हो जाएगा। 🙏🙌

  • @user-bj8pf8iz5j
    @user-bj8pf8iz5j Год назад +45

    वृद्धि हमेशा बाहर होती है और विकास हमेशा अंदर होता है
    धन्यवाद आचार्य जी 🙇‍♀️🙇‍♀️🤗🌹🌹

  • @kaushalpandey9354
    @kaushalpandey9354 Год назад +80

    आजतक इतने संतो को सुना पर आपके पास जो तरीका है समझने का वो गजब है
    एकदम झंझोर देती है महराज,ओर हकीकत सामने ला देती है🙏

    • @AH-gk3xr
      @AH-gk3xr Год назад

      अरे भाई ये संत, IIT/IIM से निकला हुआ है।। मुझे नहीं लगता कि इतना सीरियस संत किसी गांव मोहल्ले में मिल जाय..??? मतलब शिक्षा का महत्व बहुत ज्यादा है

  • @rajgarg2398
    @rajgarg2398 Год назад +6

    Thanks

  • @cosmoschaos1414
    @cosmoschaos1414 Год назад +11

    "प्रगति नापी जाएगी की देश में साहित्य कैसा रचा जाता है,
    देश में कलाओं की क्या स्थिति है?
    देश में अपराध का क्या दर है और अपराध यदि कम है डर से या बोध से? ये होगी एक विकसित लोगो की पहचान।
    उनका संगीत देखो,
    उनकी कला कृतियां देखो,
    उनका शिल्प देखो,
    उनकी रचनाएं देखो,
    उनका साहित्य देखो,
    उनका स्वास्थ्य देखो,
    उनका ज्ञान देखो,
    और गहरे जाओ तो
    उनकी करुणा देखो,
    उनका प्रेम देखो,
    उनका आनंद देखो,
    क्या यही वो चीजें नहीं है जिनके लिए हम तड़प ते रहे हैं?"

    • @Kkmashin
      @Kkmashin 6 месяцев назад

      धन्यवाद

  • @tusharkumarcity
    @tusharkumarcity Год назад +24

    इंसान को बेहतर बनाओ, यही विकास है।
    🙏नमन आचार्य जी🙏

  • @Rishurao
    @Rishurao Год назад +56

    *अर्थव्यवस्था वो होनी चाहिए जो* *लोगों को “मुक्ति” की ओर ले जाए।*
    *फिर उस देश में विकास का अर्थ* *होगा, वहां के लोगों की “करुणा,* *प्रेम और आनंद” से।* ❤🔥🔥🙏🙏

    • @Kkmashin
      @Kkmashin 6 месяцев назад

      धन्यवाद ❤❤

  • @yogendramandal4387
    @yogendramandal4387 Год назад +23

    आंखें खोल दीं आचार्य जी आपने 🙏🙏🙏❤️

  • @mona05rj
    @mona05rj Год назад +120

    प्रश्नकर्ता ने सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न पूछा है 🙏 ये प्रश्न प्रत्येक नागरिक के मन में होना चाहिए और आचार्य जी का वक्तव्य बहुत ही महत्वपूर्ण है ,जिसे हर नागरिक को सुनना, समझना और अपने जीवन में लागू करना चाहिए तभी हम इस पृथ्वी और स्वयं के जीवन के साथ न्याय कर पाएंगे 🙏
    आज के वक्तव्य के लिए बहुत बहुत आभार🙏

    • @pardeepkochar9587
      @pardeepkochar9587 Год назад +9

      आचार्य प्रशांत जी बहुत व्यापक विस्तार है हर ऑडियो सच्चाई से भरा हुआ है ,किस का विकास सभी गलतफहमी में है।आपका मार्ग दर्शन जीवन को बदलने में मेरे सहायक है।

  • @radheshyaam8778
    @radheshyaam8778 Год назад +22

    जो व्यक्ति आध्यात्मिक रूप से अज्ञानी है
    वो किसी भी व्यवस्था में किसी शीर्ष पद
    का हकदार नहीं हो सकता🙏🙏🙏🙏🙏

  • @hierarchy934
    @hierarchy934 Год назад +10

    और इसे कहते हैं विकास 🙏बात आ रही है समझ में🪔

  • @Akhil_nishad
    @Akhil_nishad Год назад +14

    Development 📈 के ऊपर इससे बेहतर video हो ही नहीं सकता 🙏

  • @vandanakashyap5176
    @vandanakashyap5176 Год назад +74

    बिना प्रेम धीरज नही बिरहा बिना वैराग्य,सद्गुरु बिना न छुटिहै मन मनसा की दाग।🍁❤🌿🙏

  • @ambrishsingh6092
    @ambrishsingh6092 Год назад +25

    यह पूरा कथन एक बार यूनाइटेड नेशन्स में प्रसारित हो जाए तो , दुनिया भर में हलचल मच जायेगी 😊 , और वो हलचल वर्तमान व्यवस्था को बदलने की होगी ☺️ । , धन्यवाद आचार्य जी 🙏

  • @joyetahazra2864
    @joyetahazra2864 Год назад +98

    झकझोर कर देने वाले संदेश ,बहुत उत्कृष्ट वर्णन👌👌👌
    सहृदय धन्यवाद गुरूजी स्पष्टता देने के लिए, नीति को मुक्ति का अनुगामी होना चाहिए।🙏

    • @Kkmashin
      @Kkmashin 6 месяцев назад

      धन्यवाद ❤

  • @smitapandey-5551
    @smitapandey-5551 Год назад +29

    आचार्य जी आप एक शिक्षक की भाँति अर्थशास्त्र विशुद्ध रूप में समझा दिए। आचार्य श्री आप यदि अर्थशास्त्र का विकास माॅडल बनाए तो वो सबसे शुद्धतम होगा। 🙏😇❤️

  • @priyankagupta8002
    @priyankagupta8002 Год назад +17

    आज जैसा जीवन स्तर अमेरिका का है, वैसा जीवन स्तर अगर पूरी दुनिया जीने लगे तो हमें सत्रह पृथ्वियाँ चाहिए होंगी।
    तो जो वृद्धि का सिद्धांत है और हमारे मन में वृद्धि की मान्यता है उसमें ये बहुत बड़ी अड़चन आ गयी कि हमें सत्रह पृथ्वियाँ चाहिए।
    -आचार्य प्रशांत

  • @GreenCelebrations
    @GreenCelebrations Год назад +17

    नीति कोई भी हो मुक्ति लक्ष्य होना चाहिए।❤️

  • @user-nu7tl6yc5w
    @user-nu7tl6yc5w Год назад +29

    विकास और वृद्धि में अंतर सब इंसानों को गहराई तक पता होनी चाहिए । 🙏

  • @Jagriti-x4h
    @Jagriti-x4h Год назад +16

    शत शत नमन आचार्य श्री

  • @gaurav_18_
    @gaurav_18_ Год назад +46

    आचार्य जी का ये संवाद स्पष्टता और बोध की ऊंचाइयों से ओतप्रोत है, ये अमृतुल्य शब्द मुक्तिदायी है ।
    दुर्भाग्य है उनका जो ये नही सुन और समझ रहे।
    इसे सभी को सुनना चाहिए ।
    प्रणाम आचार्य जी🙏🙏

  • @devrajthakur9742
    @devrajthakur9742 Год назад +29

    गीता में भी साधन संसाधन पर गुरुदेव ने यही बात समझाया था।
    आचार्य जी का हर सत्र अब मुझे गीता और वेदांत से एक जबरदस्त तरीके से जुड़ाव के साथ समझ में आने लगा है।
    गुरुदेव को प्रणाम।

  • @komalnathani4116
    @komalnathani4116 Год назад +4

    दुनिया के सभी राजनेताओं को अध्यात्म ज्ञान की सख्त जरूरत है।🙏🏻🙏🏻

  • @Seerat_Chaudhary
    @Seerat_Chaudhary Год назад +3

    वृद्धि हमेशा बाहर होती है और विकास हमेशा भीतर होता है। 🙏🙏🙏🙏

  • @gautamrawat5543
    @gautamrawat5543 Год назад +10

    Ap :- बात आ रही है समझ में ?
    Me :- आप ही की बात समझ आती आचार्य जी

  • @manusharma2273
    @manusharma2273 Год назад +5

    अचार्य जी मैं शोसल मिडिया पर बहुत वीडियो देखा लेकिन,,,सांसारिक,,, ज्ञान,,, देने वाला आप जैसा कोई भी नही 🙏🙏

  • @Anil-Yadav....
    @Anil-Yadav.... Год назад +2

    आचार्य जी आपका तर्क ,हमारी आंखे खोल देता हैं।

  • @priyankagupta8002
    @priyankagupta8002 Год назад +11

    वृद्धि हमेशा क्वांटिटेटिव होती है और विकास हमेशा क्वालिटेटिव होता है, अंदरूनी होता है। उसमें संख्या नहीं गिन पाओगे।
    -आचार्य प्रशांत

  • @PoonamKumari-tn3nu
    @PoonamKumari-tn3nu Год назад +10

    शत शत नमन आचार्य जी🙏🙏🙏🙏

  • @hemantchouhan3760
    @hemantchouhan3760 Год назад +3

    वृद्धि और विकास का अर्थ आज मुझे समझ आया है। सारा समाज वृद्धि पर जोर दे रहा है। विकास का मतलब ही यही है , कि हम हमारी चेतना को जो काम हमें मुक्ति के लिए मुक्ति कि ओर ले जाता है ।वही सही मायने में विकास होगा ना।
    अगर समाज सही दिशा में बढ़ा तो यह बिल्कुल सुनिश्चित किया जाएगा, कि देश में गरीबी और स्वास्थ्य का अभाव किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

  • @anshukumariyadav7262
    @anshukumariyadav7262 Год назад +26

    Excellent explanation ❤️🙏

  • @neggoutam4861
    @neggoutam4861 Год назад +9

    माननीय महोदय मुझे ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री के पद पर आपको होना चाहिए क्योकि माननीय नरेंद्र मोदी जी से कई गुना अच्छा आप भारत संभाल सकते है कौन कौन सहमत है इस विचार से ,,अगर कुछ गलत बोला हो तो माफ़ किजिए , धन्यवाद ।🙏🏻🙏🏻🙏🏻

  • @asthasingh4786
    @asthasingh4786 Год назад +18

    Aaj duniya ki samsya hi yhi hai ki hamne tarakki ka matlab vriddhi samajh rkha hai, vikas nhi.😐
    Shat Shat Naman Acharya Ji 🙏

  • @Sanketbhujbal
    @Sanketbhujbal Год назад +9

    चेतना को उचे से उचे तल पर ले जाना ही मुक्ती है 😌

  • @comedydrama5642
    @comedydrama5642 Год назад +18

    Shubhprabhat guru ji 🙏🏼🙏🏼🌺🌹

  • @RajeshTiwari-lu1db
    @RajeshTiwari-lu1db Год назад +33

    I don't know much about economics and always thought it to be something that scholars should know and that it has nothing to do with Adhyatm. But today acharya ji, you made it so simple to understand and so important know in this explanation. Thank you so much Acharya ji. Pranam.
    🙏

  • @ganeshkakde3115
    @ganeshkakde3115 Год назад +21

    प्रणाम आचार्य जी! आज सही मायने मे वास्तविक विकास क्या होता हैं और होना चाहीये ये पता चला! आचार्य जी आपके बोध और ज्ञान को शत शत नमन!!!

  • @PushPendrASHakYa.
    @PushPendrASHakYa. Год назад +15

    चरण स्पर्श आचार्य जी🙏🙏🙏❤️❤️❤️

  • @Ashish-ie5di
    @Ashish-ie5di Год назад +27

    आचार्य जी को शत-शत नमन! आपने बहुत ही सरल शब्दों में अर्थशास्त्र, वृद्धि और विकास के बारे में बताया।

  • @jayantchouhan9981
    @jayantchouhan9981 Год назад +42

    We think growth and development in terms of expansion of cities, something which happens outside in the world. Acharya ji is emphasizing on how the real growth happens inside our selves, the outer expansion can be a medium through which we can achieve the inner containment, but it shouldn't be the end goal. Real growth is liberty.

  • @prashantsharma3907
    @prashantsharma3907 Год назад +3

    मुझे वृद्धि और विकास में असली अंतर आज समझ आया। धन्यवाद आचार्य जी 🙏😇❣️

  • @kumaraman821
    @kumaraman821 Год назад +5

    आचार्य जी ने इस वीडियो में, संसाधन ओर संतोष के गठजोड़ का बहुत ही मार्मिकता के साथ विश्लेषण किया है।
    जब तक शिक्षा में अध्यात्म को अनिवार्य रूप से शामिल नहीं किया जायेगा। तब तक हम बाहरी ओर आन्तरिक दोनों रुपों से विनाष कि ओर बढ़ते रहेंगे। इस दुनिया को बचाने का अब एक मात्र तरीका का है लोगो का आध्यात्मिक रूप से जाग्रत ओर जागरूक किये जाये। तब ही हम अपने आने वाले एक बेहतर कल की कल्पना कर सकते है। नहीं तो हमारे अस्तित्व का मिटना निश्चित है। __ प्रणाम आचार्य जी 🌻🙏

  • @asthasingh4786
    @asthasingh4786 Год назад +21

    Vikas ka arth hai insan ko bheetar se behtar bnao.❤
    Vastavik vikas ki parakashtha Liberation hoti hai. So our economics has to be liberation minded❤
    Dhanyawad Acharya Ji🙏

  • @hemantpuri9298
    @hemantpuri9298 Год назад +29

    🚩गुरुदेव के चरणों में कोटि-कोटि नमन🚩 जय हो सनातन धर्म की 🚩🌹🌹🙏🙏

  • @yogirajchaudhary6333
    @yogirajchaudhary6333 Год назад +13

    Pranam acharya ji

  • @manojkesharwani2661
    @manojkesharwani2661 Год назад +27

    Very sensitive n meaningful session,
    I'm grateful to you Achary ji 💝

  • @armybom24
    @armybom24 Год назад +8

    धन्यवाद, आचार्य जी आप के वीडियोस आनंद से भर देते हैं और कुछ अच्छा करने के लिए प्रेरित करते हैं🙏

  • @joyetahazra2864
    @joyetahazra2864 Год назад +24

    शत शत नमन गुरूजी ❤️🙏

  • @-KundanYadav
    @-KundanYadav Год назад +8

    सादर अभिवादन आचार्य जी 🙏

  • @pankajsahoo8574
    @pankajsahoo8574 Год назад +14

    !! नमन आचार्य जी !!

  • @ashishprakashdsouza9790
    @ashishprakashdsouza9790 Год назад +5

    गहराई से समझाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद 🙏

  • @atulkumargupta4011
    @atulkumargupta4011 Год назад +10

    आचार्य जी प्रणाम 🙏
    टीम से request hai. Agar acharya ji se निवेदन है कि अगर उचित समझे आप तो संदीप माहेश्वरी के plateform पर आए. Wha bahut se युवाओं को वेदांत दर्शन को समझने का अवसर मिलेगा. 🙏🙏🙏

  • @priyanshurai617
    @priyanshurai617 Год назад +8

    बेहतरीन मार्गदर्शन 🙏🏻

  • @prashantdubey5357
    @prashantdubey5357 Год назад +6

    चेतना के बेहोश स्थिति में प्रगति वृद्धि(गाड़ी ,बंगला , रुपया , जान पहचान , प्रसिद्धि ) के रूप में होती है ,,,

  • @menukakhadka3359
    @menukakhadka3359 Год назад +6

    I love you Acharya ji 🙏❤️🙏

  • @yogendramandal4387
    @yogendramandal4387 Год назад +20

    शत् शत् नमन आचार्य जी 🙏🙏🙏❤️

  • @prathmeshsingh9699
    @prathmeshsingh9699 Год назад +12

    Your words always improves my vision towards life

  • @harshtripathi973
    @harshtripathi973 Год назад +4

    प्रणाम आचार्य जी ,आज आपने विकास का असली अर्थ समझा दिया मुझे ।

  • @pradeepsah6872
    @pradeepsah6872 Год назад +39

    गुरू जी आप की चरणो मे कोटी कोटी नमन 🙏🚩🌹💗🕉️😭

    • @sudhaagrawal9165
      @sudhaagrawal9165 Год назад +4

      बहुत ही उम्दा प्रस्तुति।विकास n वृध्दि

  • @pranav9732
    @pranav9732 Год назад +15

    आचार्य जी यदि इस ज्ञान को आपको द्वारा हमारे देश के प्रधान मंत्री के पद पर बैठने वाले व्यक्ति समझ ने का प्रयत्न करें तो हमारा देश भारत सही मायने में विश्वगुरु बन जाएगा।🙏

  • @kamaljoshi1507
    @kamaljoshi1507 Год назад +2

    संसद में चलना चाहिए यह सत्र
    तब ये सब समझेंगे
    🙏
    धन्यवाद आपका

  • @anjusingh9000
    @anjusingh9000 Год назад +11

    आचार्य श्री प्रणाम 🙏
    आपके द्वारा दिए गए ज्ञान व्यक्ति को स्वयं
    के जीवन ब्यापन में हो रही गलतियों को समझने की सीख प्रदान करतें हैं🙏🙏
    🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @purushottamdas160
    @purushottamdas160 Год назад +4

    अभिवादन सर... मुक्ति का अर्थ है इच्छा से मुक्ति... Libration means libration from desire.. 🙏🙏

  • @devrajthakur9742
    @devrajthakur9742 Год назад +7

    कीमत की कसौटी सिर्फ मुक्ति की संभावना तय करेगी।
    ये आचार्य जी ने सपनों का भारत दिखा दिया।
    काश ऐसा जल्दी हो पाता

  • @komalnathani4116
    @komalnathani4116 Год назад +2

    मनुष्य के असली विकास का अर्थ बहुत अच्छी तरह से समझाया है।आचार्य जी ने।🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 काश ये मार्गदर्शन सबको मिले।🙏🏻🙏🏻

  • @asthasingh4786
    @asthasingh4786 Год назад +5

    Vriddhi kehti hai - mujhe aur ikkattha krna hai.
    Aur vikas kehta hai - ikkattha krke hme jo pana hai wo kaise milega.❤

  • @anishamathur5131
    @anishamathur5131 Год назад +8

    शत् शत् नमन आचार्य जी 🙏🏻😊🙇🏻‍♀️🙇🏻‍♀️

  • @akpstudy368
    @akpstudy368 Год назад +5

    Aisa gyaan kahi aur nahi mil sakta

  • @Himanshu_Upadhyay_
    @Himanshu_Upadhyay_ Год назад +6

    चरण स्पर्श, आचार्य जी...🙏🏻🙇🏻

  • @poojabashyal2611
    @poojabashyal2611 Год назад +9

    हे गुरुदेव🙏

  • @Akhil_nishad
    @Akhil_nishad Год назад +6

    Most important video.
    काफ़ी दिन से इंतजार था। लाइव सुना था तब से।

  • @rsgamingzone2331
    @rsgamingzone2331 Год назад +9

    मार्ग दर्शन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी 🙏

  • @LadleeShreeRadhey
    @LadleeShreeRadhey Год назад +2

    आचार्य जी आपका ये व्याख्यान दुनिया मे उन लोगों के लिए सहायक होगा जो सच मे विकास की इच्छा, आकांक्षा की प्यास लिए बैठे हैं शत शत नमन गुरुजी🙏❤👌

  • @deepika2661
    @deepika2661 Год назад +3

    वाह आचार्य जी, इतनी सरल आसान तरीके से आप ही समझा सकते हैं , हमारे जीवन को प्रकाशित करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी सादर प्रणाम🙏🙏🙏🙏🙏

  • @anumalik5064
    @anumalik5064 Год назад +5

    speechless as usual...👏👏👏👏

  • @gkgs4910
    @gkgs4910 Год назад +4

    चरण स्पर्श आचार्य जी कोटि कोटि नमन आचार्य जी

  • @suhanirao700
    @suhanirao700 Год назад +2

    नीति मुक्ति की दिशा में होना चाहिए,, प्रणाम गुरु जी🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @yogendramandal4387
    @yogendramandal4387 Год назад +5

    धन्यवाद आचार्य जी ♥️♥️♥️♥️♥️♥️

  • @arunsivayogi8566
    @arunsivayogi8566 Год назад +2

    The politician who really loves the country should listen to this speech and implement immediately.

  • @prateeksprayogs
    @prateeksprayogs Год назад +3

    इतना sharp observation. Waah.
    Ps. The individual needs it, thereby the policymakers need this. This message itself is very powerful.

  • @karunaathankar5644
    @karunaathankar5644 Год назад +1

    Guruji nobody is like you but everybody should be like you.......

  • @sonuprajapati5549
    @sonuprajapati5549 Год назад +5

    सच्चाई के पथ पर चलना दुख भले ही लगे पीडा चाहे जो हो*
    किन्तु उसके बाद जो मिले उही आनन्द होगा
    🙏🙏🙏🙏🙏आचार्य जी सादर प्रणाम

  • @priyankagupta8002
    @priyankagupta8002 Год назад +5

    वास्तविक विकास क्या है?
    इंसान को बेहतर बनाओ।
    ये है असली अर्थव्यवस्था जिसमें मूल्य उन चीज़ों को दिया जाएगा जो इंसान को भीतर से बेहतर बनाती हैं।
    उसमें भी संसाधनों का उपयोग होगा पर उसमें महत्व संसाधनों का नहीं होगा कि किसने कितने कप इकट्ठा कर लिए।
    -आचार्य प्रशांत

  • @AnujGupta-rw6mn
    @AnujGupta-rw6mn Год назад +9

    Your wisdom is changing millions life. Thanks@achrayaprashant

  • @DharmendraKumar-DS
    @DharmendraKumar-DS Год назад +4

    What a different and great way of viewing this aspect...👏👏👏

  • @anilpant1584
    @anilpant1584 Год назад +4

    प्रणाम आचार्यजी । बिकास के प्रचलित तरीकों से मै भी लोगों से हमेसा असहमत रहा हुं उन्हे समझाने मे असफल ही रहा आचार्यजी के ये व्याख्यान बहुत गहन और महत्वपूर्ण है । प्रार्थना करता हुँ मानव सभ्यता आचार्यजीके ये व्याख्यान समझ जाए और इस पर अमल करें।

  • @AnilYadav-iu1zt
    @AnilYadav-iu1zt Год назад +3

    गुरु जी आप तो महादेव के रूप हो यह जीव आपको पहचान गया गुरु जी हृदय से प्रणाम प्रभु जी🕉 यह वीडियो से हमें बहुत बड़ा आत्मज्ञान मिला है जय हो प्रभु जी🕉🙏🕉🙏🕉🙏🕉🙏🕉🌄✅👌

  • @VikasSharma-nm1pc
    @VikasSharma-nm1pc Год назад +1

    हमें मन के वैज्ञानिक की आवश्यकता है.... ऋषि मन के स्वामी थे... आज इसकी अधिक आवश्यकता है... जब तक हम शिक्षा प्रणाली में वेद उपनिषद को शामिल नहीं करते हैं, तब तक सुधार करना बहुत कठिन होगा...

  • @mohammedsaifuddin7040
    @mohammedsaifuddin7040 Год назад +5

    Thanks!

  • @respect.pandit1762
    @respect.pandit1762 10 месяцев назад +2

    आचार्य जी आपको इतिहास याद रखेगा 💯✅🙏🙏

  • @jina3177
    @jina3177 Год назад +5

    सुप्रभात आचार्य जी कोटी कोटी प्रणाम
    🙏💐🌺

  • @gurunathjadhav9451
    @gurunathjadhav9451 Год назад +3

    बाप रे,:⁠-⁠! आचार्य जी ज्ञान का भंडार है.. विडियो थोडा लंबा है लेकीन विश्लेषण 💯काम का है... 😊👌

  • @nareshchhabria345
    @nareshchhabria345 Год назад +3

    Sounds good! Real development is inner growth leading to liberation