#श्री_महर्षि_भरद्वाज_मुनि_आश्रम_कर्नलगंज_प्रयागराजआज

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  • Опубликовано: 16 окт 2024
  • 🕉️🪷🌿#श्री_महर्षि_भरद्वाज_मुनि_आश्रम_कर्नलगंज_प्रयागराज🌿🪷🕉️
    🚩☀️#लाल_मंदिर_भारद्वाज_मुनि_आश्रम_कर्नलगंज_प्रयागराज_☀️🚩
    🌙🌃🪷📜#श्री_भरद्वाजेश्वर_महादेव_📜🪷🌃🌙🔱
    🌞#वंशावली-:#स्व_महंत_महावीरनाथ_उर्फ_वीरनाथ_योगी🔱🚩
    🚩श्री महर्षि भरद्वाज मुनि आश्रम कर्नलगंज प्रयागराज🚩
    पुजारी-:#पार्थो_गोस्वामी_रुद्रा📜🔥🪷☀️🚩
    महत्त्वपूर्ण जानकारी-: इस स्थान को भरद्वाजेश्वर महादेव कहा जाता है महर्षि भरद्वाज मुनि ने प्रयाग के इस स्थान पर शिवलिंग को स्थापित किया था
    श्री महर्षि भरद्वाज जी द्वारा स्थापित शिवलिंग पे मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम जी ने पूजा अर्चना किया और विश्राम किया था
    प्रभु श्रीरामचंद्र जी 2 बार यहां प्रयाग में आए थे पहली बार अयोध्या से वनवास काल के दौरान चलना शुरू किए थे तो निषादराज जी के साथ
    1 रात्रि महर्षि भरद्वाज आश्रम में रूके थे और यहां से महर्षि के कहानुसार प्रभु श्री राम जी चित्रकूट धाम की ओर आगे बढ़े पंचवटी,किसकिंधा होते हुए रामेश्वरम
    से लंका रावण की नगरी में जा पहुंचे और लंका विजय प्राप्त कर पुनः पुष्पक विमान की सहायता से प्रयाग महर्षि भरद्वाज जी से मिलने श्री रामचंद्र जी आएं थे और यहीं पे महर्षि भरद्वाज मुनि जी के कहानुसार श्री रामचंद्र जी को ब्राह्मण हत्या का दोष लगा हुआ था प्रभु श्री रामचंद्र जी ने त्रिवेणी संगम में स्नान किया और ब्रह्महत्या का दोष दूर करने के लिए फिर महर्षि भरद्वाज जी ने मंत्रोचार विधिविधान से शुरू किया देवाधिदेव महादेव जी का अभिषेक वा पूजन शुरू हुआ जिससे महादेव प्रसन्न होकर प्रकट हुए और मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम जी ने महादेव को सुमंगल प्रणाम किया और देवाधिदेव महादेव जी ने प्रभु श्री रामचंद्र जी को ब्रह्म हत्या से मुक्त किया और साथ ही साथ महादेव ने इस त्रेतायुग के पवित्र स्थान प्रयाग के ऋषि भरद्वाज आश्रम को वरदान दिया कि आज से जो भी भक्त इस यज्ञों की भूमि प्रयाग के महर्षि भरद्वाज मुनि के आश्रम पे आयेगा और सच्चे मन से मेरी इस शिवलिंग पे पूजा अर्चना अभिषेक और जल चढ़ाएंगा उसे मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम और महर्षि भरद्वाज मुनि के साथ साथ मेरा आशीर्वाद सदैव प्राप्त होगा और उस भक्त की हर मनोकामना पूर्ण होगी और भक्तगणों को इस शिवलिंग के दर्शन मात्र से आंतरिक रुप से त्रेतायुग काल की मेरी और मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम वा ऋषि भरद्वाज की अनुभूति प्राप्त होगा इतना कहकर महादेव अंतरध्यान हों गए फ़िर प्रयाग से मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री रामचंद्र जी अपनें जन्मभूमि अयोध्या आ गए और राज्य को संभाला था.!!
    🚩🕉️☀️ पुजारी पार्थो गोस्वामी,(रुद्रा)☀️🕉️🚩

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