धरती की विविधताओं और विविध संस्कृतियों को देखने का बहुत ही सुन्दर नजरिया। सांस्कृतिक विविधताओं के संरक्षण और जीवंत सम्पर्क के जरिए मूल संस्कृति को अगली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रख सकते हैं। हम धरती के हैं और धरती के मेहमान हैं। और हम अंतिम मेहमान नहीं हैं। हमारे बाद आने वाले मेहमानों के लिए इस धरती को और सुन्दर और खूबसूरत बना कर रखना है। गिरिजेश्वर प्रसाद, माइथान, धनबाद, झारखण्ड।
धरती की विविधताओं और विविध संस्कृतियों को देखने का बहुत ही सुन्दर नजरिया। सांस्कृतिक विविधताओं के संरक्षण और जीवंत सम्पर्क के जरिए मूल संस्कृति को अगली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रख सकते हैं। हम धरती के हैं और धरती के मेहमान हैं। और हम अंतिम मेहमान नहीं हैं। हमारे बाद आने वाले मेहमानों के लिए इस धरती को और सुन्दर और खूबसूरत बना कर रखना है।
गिरिजेश्वर प्रसाद, माइथान, धनबाद, झारखण्ड।