BISMILLAH = > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ , = > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है , = > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं । = > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा = > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ? = > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं , = > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया 1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है । 2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया । = > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया । = > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए । = > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से । = > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार " एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता " = > काफिर बना देता है यह कहना - 1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है । = > या का मतलब होता है पुकारना। जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं । = ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है। अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "। तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है । तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए । = > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा । SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h . what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey Check my playlist links full Quran, what is islam and who is ALLAH so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,......
ماشاءاللہ اللّٰہ پاک اپکو لمبی عمر اور اچھی صِحت عطا فرفاۓ اپکا ہر ویڈیو میں ڈاٶن لوڈ کرتا ہو“ بہت ذیادہ فاٸدہ مِل رہا ھے“میں سعودی میں ہو ،یہاں بہت سے مسایل کا سامنا کرنا پڑتا ھے“ شکر ہے اپ کے وجہ سے کمر وغیرہ میں جتنے مسایل سامنے اتے اللّٰہ تعالٰی کے فضلُ کرم سے اپکے طریقوں سے شِفا مِلتا ہے“بھاٸ میرے گردن پر چھت سے پنکھا گِرا ھے“وہ ورزش میں کررہا ہو فاٸدہ مِل رہا ہے لیکن جو ہڈّی ہے وہ ایک دوسرے کے قریب ہوچکے ھے“اُس کے وجہ سے میں بہت تکلیف میں ہو میرے بھاٸ کچھ طریقہ بتادو میں بہت مشکور رھونگا اپکا۔
BISMILLAH = > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ , = > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है , = > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं । = > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा = > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ? = > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं , = > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया 1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है । 2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया । = > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया । = > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए । = > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से । = > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार " एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता " = > काफिर बना देता है यह कहना - 1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है । = > या का मतलब होता है पुकारना। जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं । = ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है। अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "। तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है । तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए । = > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा । SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h . what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey Check my playlist links full Quran, what is islam and who is ALLAH so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,....,....,..
BISMILLAH = > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ , = > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है , = > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं । = > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा = > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ? = > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं , = > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया 1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है । 2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया । = > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया । = > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए । = > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से । = > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार " एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता " = > काफिर बना देता है यह कहना - 1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है । = > या का मतलब होता है पुकारना। जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं । = ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है। अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "। तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है । तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए । = > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा । SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h . what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey Check my playlist links full Quran, what is islam and who is ALLAH so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,......,..,..
very nice dear Jabir Bangash Sir i really appreciate to you and your team and i'm learn also this course today i learned 06 six class perfectly thank you very much now i'm continiously practice at home also outside park and i'm waitnig class 07 seven.
@@KarateSekho dear i also cleared 2 belt last 7 years then i leaved some bigest reason then now i'm learning Dear Respectable Sir #Master_Jabir_Bangash online
BISMILLAH = > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ , = > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है , = > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं । = > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा = > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ? = > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं , = > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया 1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है । 2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया । = > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया । = > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए । = > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से । = > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार " एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता " = > काफिर बना देता है यह कहना - 1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है । = > या का मतलब होता है पुकारना। जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं । = ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है। अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "। तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है । तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए । = > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा । SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h . what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey Check my playlist links full Quran, what is islam and who is ALLAH so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,........,...
BISMILLAH = > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ , = > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है , = > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं । = > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा = > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ? = > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं , = > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया 1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है । 2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया । = > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया । = > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए । = > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से । = > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार " एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता " = > काफिर बना देता है यह कहना - 1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है । = > या का मतलब होता है पुकारना। जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं । = ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है। अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "। तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है । तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए । = > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा । SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h . what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey Check my playlist links full Quran, what is islam and who is ALLAH so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,......,.,..
ماشاء اللہ بہت ہی عمدہ کام کر رہے ہیں آپ جزاک اللہ خیر پیارے بھائی میری 40 سال کی عمر ہے, میں بھی کک boxing سیکھنا چاہتا ہوں, پر 3 سال پہلے میری kamar کا آپریشن ہوا تھا, ابھی میں اللہ تعالیٰ کے فضل سے بالکل فٹ ہو, پر کمزوری رہتی ہے, پلیز سر اپ میری رہنمائی فرمائیں کہ میں گھر میں کس طرح سے practice اسٹارٹ کرو, and کمزوری کے لیے kya use کرو,
BISMILLAH = > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ , = > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है , = > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं । = > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा = > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ? = > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं , = > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया 1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है । 2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया । = > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया । = > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए । = > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से । = > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार " एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता " = > काफिर बना देता है यह कहना - 1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है । = > या का मतलब होता है पुकारना। जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं । = ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है। अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "। तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है । तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए । = > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा । SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h . what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey Check my playlist links full Quran, what is islam and who is ALLAH so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,....,..,
میرا بڑھا بیٹا 20 سال کا ہے علی شیر, میں نے اس کو بھی بولا کہ میں dubara اسٹارٹ کرنا چاہتا ہوں تو وہ میرے ساتھ کوئی ہیلپ نہیں کرتے, پر میری بیٹی zainab Fatima 16 سال کی ہے, وہ مجھے بہت سپورٹ کرتی ہے, میری حوصلہ افزائی کرتی ہے, میری 1 ہی بیٹی ہے, اُسکو بھی بہت شوک ہے
BISMILLAH = > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ , = > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है , = > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं । = > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा = > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ? = > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं , = > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया 1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है । 2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया । = > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया । = > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए । = > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से । = > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार " एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता " = > काफिर बना देता है यह कहना - 1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है । = > या का मतलब होता है पुकारना। जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं । = ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है। अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "। तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है । तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए । = > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा । SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h . what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey Check my playlist links full Quran, what is islam and who is ALLAH so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,......,.,..
Sir I think you should to make a full pay course of karate lesson Because your viewere has been low and if you have to take it they will buy it themselves The way you used to teach your course is very good. If something seems big I am really sorry.
BISMILLAH = > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ , = > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है , = > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं । = > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा = > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ? = > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं , = > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया 1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है । 2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया । = > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया । = > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए । = > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से । = > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार " एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता " = > काफिर बना देता है यह कहना - 1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है । = > या का मतलब होता है पुकारना। जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं । = ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है। अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "। तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है । तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए । = > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा । SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h . what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey Check my playlist links full Quran, what is islam and who is ALLAH so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,....,.,...
jabir bahi kik mi aapko badan wazan daalna hota hai ki nahi yani aap jo pair zamen pi rakhty hai sirf ousy tight rakh ky aap ko kik maarni hai ya badan wazan bhee daalna hai kik pi isliyi ki mera khayal hai agar badan ka wazan daalty hai fir to bignar ky liyi zamen waala pair kam se kam dheela he rakhna hoga kabhee kise vidio mi yi waali baat batayi
BISMILLAH = > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ , = > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है , = > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं । = > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा = > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ? = > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं , = > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया 1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है । 2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया । = > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया । = > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए । = > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से । = > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार " एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता " = > काफिर बना देता है यह कहना - 1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है । = > या का मतलब होता है पुकारना। जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं । = ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है। अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "। तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है । तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए । = > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा । SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h . what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey Check my playlist links full Quran, what is islam and who is ALLAH so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,
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Uncle split ka bara ma btain
Hamari tanga ni khulti jiss ki wja sa ham wheel kick or 360 kick ni mar sakta
JABIR bhai yeh aap ney behtareen kardia kay aap video kay zariyeh mukammal martial arts training dey rahey HEIN.Keep it up sir!❤️👍
Karachi
BISMILLAH
= > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ ,
= > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है ,
= > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं ।
= > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा
= > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ?
= > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ,
= > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया
1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है ।
2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया ।
= > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया ।
= > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए ।
= > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से ।
= > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार "
एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता "
= > काफिर बना देता है यह कहना -
1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है ।
= > या का मतलब होता है पुकारना।
जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं ।
= ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है।
अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "।
तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है ।
तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए ।
= > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा ।
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ماشاءاللہ، بارک اللہ ۔۔۔۔💖💖💖💖💖💖
👍
I love marshall art
kick punch blocks fight and running as self defense and ...
I love so much full split/flexibility 😍
اسلام علیکم یا علی مدد
ماشاءالہ مولا سلامت رکہی آپ کو
5th view love from Germany 💝
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Erika
Good, #karatesekho
Thanks sir for your support us thanks Allah bless you
ماشاءاللہ اللّٰہ پاک اپکو لمبی عمر اور اچھی صِحت عطا فرفاۓ اپکا ہر ویڈیو میں ڈاٶن لوڈ کرتا ہو“ بہت ذیادہ فاٸدہ مِل رہا ھے“میں سعودی میں ہو ،یہاں بہت سے مسایل کا سامنا کرنا پڑتا ھے“ شکر ہے اپ کے وجہ سے کمر وغیرہ میں جتنے مسایل سامنے اتے اللّٰہ تعالٰی کے فضلُ کرم سے اپکے طریقوں سے شِفا مِلتا ہے“بھاٸ میرے گردن پر چھت سے پنکھا گِرا ھے“وہ ورزش میں کررہا ہو فاٸدہ مِل رہا ہے لیکن جو ہڈّی ہے وہ ایک دوسرے کے قریب ہوچکے ھے“اُس کے وجہ سے میں بہت تکلیف میں ہو میرے بھاٸ کچھ طریقہ بتادو میں بہت مشکور رھونگا اپکا۔
Good, #karatesekho
Nice sir love from Bhawalpur uchsahrif I am doing practice daily
Goooood hogya sir g Thanks
Sir you are doing really good work for people like us who can not come due to several reasons God bless you sir keep it up 👍
Good, #karatesekho
BISMILLAH
= > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ ,
= > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है ,
= > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं ।
= > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा
= > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ?
= > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ,
= > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया
1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है ।
2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया ।
= > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया ।
= > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए ।
= > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से ।
= > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार "
एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता "
= > काफिर बना देता है यह कहना -
1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है ।
= > या का मतलब होता है पुकारना।
जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं ।
= ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है।
अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "।
तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है ।
तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए ।
= > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा ।
SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h .
what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey
Check my playlist links full Quran, what is islam and who is ALLAH
so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,....,....,..
Proud on him to be pakistani...
Good, #karatesekho
Buhut shukriya jari raky apna
sir its very easy and enjoyfull.
BISMILLAH
= > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ ,
= > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है ,
= > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं ।
= > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा
= > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ?
= > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ,
= > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया
1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है ।
2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया ।
= > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया ।
= > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए ।
= > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से ।
= > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार "
एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता "
= > काफिर बना देता है यह कहना -
1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है ।
= > या का मतलब होता है पुकारना।
जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं ।
= ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है।
अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "।
तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है ।
तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए ।
= > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा ।
SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h .
what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey
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so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,......,..,..
very nice dear Jabir Bangash Sir i really appreciate to you and your team and i'm learn also this course today i learned 06 six class perfectly thank you very much now i'm continiously practice at home also outside park and i'm waitnig class 07 seven.
Good, #karatesekho
@@KarateSekho dear i also cleared 2 belt last 7 years then i leaved some bigest reason then now i'm learning Dear Respectable Sir #Master_Jabir_Bangash online
Nice
Nice sir
Very very good thanks
Love from India
Good, #karatesekho
Masha allah sir very good videos . اللہ اپ کو خوش رکے
Good self defense training
*🌹اَلسَلامُ عَلَيْكُم وَرَحْمَةُ اَللهِ وَبَرَكاتُهُ🌹*
سر سٹیچنگ مکمل کرنے کی ویڈیو بھی بنا دیں شکریہ
Good, #karatesekho
Ap ka school Khan ha
Lajawwaab g
😘😍 tanks dear Sir
Mashallah Sir g
Love you 😘
Allah apko Salamat rakay Ameen Suma ameen
Sir g kamal MashAllah ...
Allah ap ko salamat rakhey ...
Sheraz Khan Joiya from Bahwal pur punjab
BISMILLAH
= > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ ,
= > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है ,
= > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं ।
= > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा
= > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ?
= > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ,
= > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया
1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है ।
2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया ।
= > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया ।
= > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए ।
= > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से ।
= > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार "
एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता "
= > काफिर बना देता है यह कहना -
1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है ।
= > या का मतलब होता है पुकारना।
जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं ।
= ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है।
अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "।
तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है ।
तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए ।
= > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा ।
SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h .
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Excellent
IN SHA ALLAH SIR
jabir bangash zindabaad
V good sir
Sir I can go over my head with the kick i am very good at it
Nice video
بہت خوب, ماشااللہ
👍👍👌👌👌
Mn sikhne ke liye tiyar hon
Nice g
Good g
Mashallah 💯💞💞💞💯 nice sir ...
Allah Pak apko Lambi sehat wali Zindagi ata farmay Ameen
Sir Koi army se related vedio bnay physical / medical test kesey pass kro etc
سر میں نے 25 سال پہلے bando Marshall art 1 سال tak کی تھی پھر taleem روزگاری کی وجہ سے میں نے چھور دیا
Sir in sb ki full video b bnana
Nine
Thanks master...!!
Good, #karatesekho
Kashmir 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
Thanx master
Good, #karatesekho
Thanks
Deer ho
Thank you sir you are doing great job keep it up
BISMILLAH
= > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ ,
= > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है ,
= > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं ।
= > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा
= > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ?
= > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ,
= > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया
1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है ।
2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया ।
= > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया ।
= > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए ।
= > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से ।
= > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार "
एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता "
= > काफिर बना देता है यह कहना -
1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है ।
= > या का मतलब होता है पुकारना।
जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं ।
= ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है।
अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "।
तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है ।
तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए ।
= > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा ।
SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h .
what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey
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so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,......,.,..
Sir part 6 lesson 5 ki practice ho gi haw 🤘❤️👍
Master g ye video hatna ni hum iin ko deek deek k parcitis krty hain
Very nice video .. kick mai issue horaha hai zada upper nahi jati due to body weight height okay hai 5.10 any suggestion ?
*Sir G*
Ap boht acha kam kr rhy han . ALLAH apko salmat rakhy
Sir. Accept me as a student .
Good, #karatesekho
ماشاء اللہ بہت ہی عمدہ کام کر رہے ہیں آپ جزاک اللہ خیر پیارے بھائی میری 40 سال کی عمر ہے, میں بھی کک boxing سیکھنا چاہتا ہوں, پر 3 سال پہلے میری kamar کا آپریشن ہوا تھا, ابھی میں اللہ تعالیٰ کے فضل سے بالکل فٹ ہو, پر کمزوری رہتی ہے, پلیز سر اپ میری رہنمائی فرمائیں کہ میں گھر میں کس طرح سے practice اسٹارٹ کرو, and کمزوری کے لیے kya use کرو,
Sir stretching par video
Sir ap ka school Khan ha agar ham ap sy kraty sekhna chayn to ham ap ky school sy sikh skty han kea
Great ⭐ Y kicks bohat easy hen Sir , Round us , outer & inner kick bh easy hen ..😊
shoq ho to her cheez easy lagti hai. #karatesekho
BISMILLAH
= > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ ,
= > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है ,
= > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं ।
= > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा
= > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ?
= > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ,
= > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया
1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है ।
2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया ।
= > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया ।
= > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए ।
= > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से ।
= > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार "
एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता "
= > काफिर बना देता है यह कहना -
1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है ।
= > या का मतलब होता है पुकारना।
जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं ।
= ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है।
अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "।
तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है ।
तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए ।
= > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा ।
SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h .
what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey
Check my playlist links full Quran, what is islam and who is ALLAH
so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,....,..,
میرا بڑھا بیٹا 20 سال کا ہے علی شیر, میں نے اس کو بھی بولا کہ میں dubara اسٹارٹ کرنا چاہتا ہوں تو وہ میرے ساتھ کوئی ہیلپ نہیں کرتے, پر میری بیٹی zainab Fatima 16 سال کی ہے, وہ مجھے بہت سپورٹ کرتی ہے, میری حوصلہ افزائی کرتی ہے, میری 1 ہی بیٹی ہے, اُسکو بھی بہت شوک ہے
Ma shaa Allah
sir agr koi Tang pakr le Phr?
love from Hongkong jabir bahi
Good, #karatesekho
Stay safe
Great video sir but my kicks are not so high ( waist level ) what should i do for higher kicks?
Masha Allah
Kickboxing acha hai ya boxing
#ap #ki # academy #kaha #hai #karate #kaha #sikhate #hu
Sir apne Weight reducing pe video banae ab weight gain pe video banao
Eid mubarak sir 😙thanks next part
Good, #karatesekho
BISMILLAH
= > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ ,
= > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है ,
= > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं ।
= > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा
= > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ?
= > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ,
= > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया
1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है ।
2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया ।
= > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया ।
= > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए ।
= > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से ।
= > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार "
एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता "
= > काफिर बना देता है यह कहना -
1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है ।
= > या का मतलब होता है पुकारना।
जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं ।
= ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है।
अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "।
तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है ।
तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए ।
= > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा ।
SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h .
what will happen after death with you ? if you obey allah's order or disobey
Check my playlist links full Quran, what is islam and who is ALLAH
so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,......,.,..
Sir I think you should to make a full pay course of karate lesson Because your viewere has been low and if you have to take it they will buy it themselves The way you used to teach your course is very good. If something seems big I am really sorry.
Good, #karatesekho
Sir ap ka fight club Islamabad ya Rawalpindi main Nhi hai??
sir musals Barani ka tariqa
sir musals Barani ka tariqa plic
Sat ap kha training kha par karwto
Great SiR G😍
BISMILLAH
= > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ ,
= > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है ,
= > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं ।
= > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा
= > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ?
= > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ,
= > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया
1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है ।
2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया ।
= > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया ।
= > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए ।
= > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से ।
= > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार "
एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता "
= > काफिर बना देता है यह कहना -
1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है ।
= > या का मतलब होता है पुकारना।
जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं ।
= ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है।
अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "।
तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है ।
तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए ।
= > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा ।
SONG sunne ke bjaye Quran tarjume se padhe sune taqi tumhe pta chale us malik ne hukum kya bheja h .
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so plz minimum one time read Quran , it is a word of god , i promise you will know everything that you want,,....,.,...
Sir charges ka bta dein plz
Sir total bulet ketna hota ha
thank you sirrr
Sir apka center kaha per hai
Sir charges ka bta dein plz plz plz
Thanks sir
Ap kahan hote hain?
Shukya bhai
Good, #karatesekho
اگر کوئی جانور مثلاً کتا 🐕 حملہ کرے تو اس سے کیسے بچا جائے؟
jabir bahi kik mi aapko badan wazan daalna hota hai ki nahi yani aap jo pair zamen pi rakhty hai sirf ousy tight rakh ky aap ko kik maarni hai ya badan wazan bhee daalna hai kik pi isliyi ki mera khayal hai agar badan ka wazan daalty hai fir to bignar ky liyi zamen waala pair kam se kam dheela he rakhna hoga kabhee kise vidio mi yi waali baat batayi
BISMILLAH
= > अपने बनाने वाले को पहचानो इससे पहले की मौत आ जाए और तुम पछताते हुए रह जाओ ,
= > तुम्हारा दिल धड़क रहा तुम सांस ले रहे , मौत बुढ़ापा , क्या तुम यह रोक सकते हो ? इससे साबित होता है कि तुम पर तुम्हारी हुकूमत नहीं है उस अल्लाह की है जो सब कुछ बनाने वाला है ,
= > जिसको अल्लाह के सिवा पूजा जाता है , अगर सभी एक साथ मिल भी जाए तो एक मक्खी नहीं बना सकते , अगर मक्खी उन पर बैठ जाए तो उसे उड़ा नहीं सकते , और मक्खी अगर उनसे छीन कर कुछ ले जाए तो उसे छुड़ा नहीं सकते , अगर गिर जाए तो उठ नहीं सकते , टूट जाए तो जुड़ नहीं सकते और कुछ बना नहीं सकते खुद बनाए जाते हैं ।
= > अल्लाह ना बीवी रखता है ना औलाद वह बेनियाज़ है , उसे किसी खाने पीने , औरत बच्चे की जरूरत नहीं , वह किसी चीज का मोहताज नहीं बल्कि सब उसके मोहताज है , अल्लाह को ना ऊंघ आती है ना नींद वह हमेशा हमेशा से जिंदा है और हमेशा हमेशा जिंदा रहेगा
= > जिसने तुम्हें बनाया है गंदे पानी की कुछ बूंदों से ( मां बाप से ) फिर वो उसने आंख कान नाक में हड्डियों नसों में , धड़कते दिल तुम्हारे सोचते दिमाग बोलती हुई जुबान में , बदल दिया बताओ कितनी बड़ी शान वाला है अल्लाह । क्या यह सब अपने आप ही बन गए ? क्या इन्होंने अपने आप ही आकार ले लिया ? या इनको तुमने बनाया है ?
= > अगर तुमने अल्लाह के हुक्मो को झूठलाते हुए अपनी जिंदगी गुजारी और अपनी मनमानी चलाई तो तुम नाकाम हो जाओगे क्योंकि उस अल्लाह ने तुम्हें इसलिए पैदा किया है कि तुम उसके हुक्मो को मानो , उसके भेजे हुए पैगंबर यानी अवतार का कहा मानो क्योंकि यह दुनिया इम्तिहान है , इम्तिहान है इसका कि हम उसके हुक्म को मानते हैं या नहीं ,
= > जिसने अल्लाह का हुकुम झुठलाया वह काफिर हो गया
1) सबसे पहला अल्लाह का हुकुम यह है कि यकीन हो उस अल्लाह पर यानी कि अल्लाह के सिवा कोई दूसरा इबादत के लायक नहीं मोहम्मद सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम अल्लाह के बंदे आखरी पैगंबर रसूल है ।
2) दूसरा हुकुम पांच वक्त की नमाज का है जिस ने जानबूझकर ये पांच वक्त की नमाज छोड़ी वो काफिर हो गया ।
= > जिस ने अल्लाह के साथ-साथ दूसरों की भी पूजा की यानी सभी धर्मों को माना तो उसने अल्लाह का पहला हुकुम झुठला दिया ।
= > ध्यान रखो कि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम एक मक्खी नहीं बना सकते वह मोहताज हैं । अवतार यानी पैगंबर की भी पूजा नहीं हो सकती अगर पूजा की तो काफिर हो गए ।
= > पहले भी पैगंबर आए हैं और कुरान की तरह पहले भी किताबें उतरी हैं अल्लाह की तरफ से ।
= > कुरान की एक आयत का मफुम है कि " ऐ पैगंबर (मुहम्मद) अगर तुम वही ऐ इलाही के आने के बाद भी गैरों के रास्ते पर चलोगे तो तुमको हमारी पकड़ से बचाने वाला ना कोई दोस्त होगा ना कोई मददगार "
एक और आयत का माफुम है कि " अगर ये पैगंबर (मोहम्मद) हमारी निस्बत कोई बात झूठ बना लाते तो हम इनका दाहिना हाथ पकड़ लेते और इनकी रगे गर्दन काट डालते फिर हमको इससे कोई रोकने वाला ना होता "
= > काफिर बना देता है यह कहना -
1.) या अली, या रसूल अल्लाह कहना ,मौला अली , भर दो झोली मेरी या मोहम्मद , या हुसैन , दरगाह पर कब्रों पर सजदा करना , जिसकी मौत हो चुकी है उसको या कहकर पुकारना काफिर बना देता है। मातम मनाना मोहर्रम को , यह हराम है और । जबकि मुहम्मद सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम पैगंबर ने यह सब चीजें नहीं बताई , और जब मोहम्मद जिंदा थे इस दुनिया में तो यह चीजें थी भी नहीं यह लोगों ने खुद गढी बनाई है ।
= > या का मतलब होता है पुकारना।
जिसको मौत आ जाए उसको पुकारा नहीं जा सकता और अल्लाह हर जगह मौजूद है उसको पुकार सकते हैं ।
= ) मान लो अगर तुम्हारी मां जिंदा है तो तुम कहोगे " या मां मुझे रोटी दे दो " । तो मां तुम्हें रोटी दे देगी ठीक है।
अब मान लो तुम्हारी मां को मौत आ जाती है और अब तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद ना होगी अब अगर तुमने यह कहा " या मां मुझे रोटी दे दो "।
तो तुम काफिर हो जाओगे क्योंकि तुम्हारी मां तुम्हारे पास मौजूद नहीं और अल्लाह हर जगह मौजूद है ।
तुम अल्लाह से कह सकते हो या अल्लाह मेरी रोटी का इंतजाम कीजिए, मेरी मदद कीजिए या अल्लाह मुझ पर रहम फरमाए मैं माफी मांगता हूं या अल्लाह मुझे बख्श दीजिए ।
= > कहीं भी किसी दरगाह पर जाकर सजदा ना करना दरगाह वालों से जाकर दुआएं ना मांगना उन्हें खुद मौत आ चुकी है, वह खुद अल्लाह के मोहताज है जैसे कि तुम मोहताज हो , और तुम को तो यह भी नहीं पता कि वह जन्नत वाले हैं या जहन्नुम वालों में से , उनको कहीं कब्र के अंदर अजाब तो नहीं हो रहा ।
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جابر بھائ اپ کا کراٹے سنٹر پاکستان کے کونسے صوبے اور کونسے شہر میں ھیں ھے
شکریہ
Good, #karatesekho
karachi
Uncle plz split ka bara ma btain plz plz plz
Good, #karatesekho
Sir ma Azad Kashmir sa ma ap boxinge sakna chta ho toh ap plz apna nu da dy
257 view
Hello sir where is your academy
KMC SPORTS COMPLX KASHMIR road karachi mangal jumarat hafta Raat 8 se 10
Sir ap lon si city ma sikhata han
Good, #karatesekho
Where is the acadmy
یا اللہ میری مدد فرمایہ دنیا والے نہیں سنتے بڑے یو ٹیوبر بہت تکبر کرتے ہیں اللہ تعالی🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏽🙏😥😥😥🙏🏻🙏🏻😥😥😥😥🙏🙏🙏🙏🙏😥
Sir kicke tura mushkal hi isko salow motion my karo shukeria
Good, #karatesekho
Yeh bando karate hain?
Mixed
Aoa ustad jee 6 sets complete thora sa masla bus ho raha ha speed ma nh kr pa raha hn
speed slow slow banti hai, ap practice kerty raho, speed ban jeye gi. #karatesekho
Noted sir
مین احمدالله افغانستان کندهار سی هو مینی بهت سی سیکهاهی اپسی الله ﷻاپ کو خوش رکهی اپکا واټساف نمبر بهیجدو سر جی
Akash Koi piche se nikale to aapka 8 Koi piche se karle sikhayen
Your pakistani