स्कूलों में कड़ाई हो, स्कूलों में पढ़ाई हो,, इसके लिए छुट्टियों की कटौती और टाइमिंग बढ़ाकर कुछ नहीं होगा। हां होगा, शिक्षक समूह को मानसिक, शारीरिक और पारिवारिक तनाव,,, मुख्यमंत्री के बोलने के बाद भी टाइमिंग दस से चार नहीं किया गया। आखिर बच्चों को घेरकर, ठुसकर कितना पढ़ाया जा सकता है। चार से पाँच घंटा बच्चों को समझाना, पढ़ाना काफी है। जिस तरह शिक्षा विभाग के पदाधिकरी हाय बाप कर रहे हैं, उससे कुछ नहीं होगा। आखिर कार पढ़ाना शिक्षकों को ही है न। शिक्षा का कानून अधिकारी को नहीं बनाने दिया जाना चाहिए। ये काम शिक्षाविदों का है। सरकार शिक्षाविदो से रिपोर्ट ले और अपने अधिकारी से लागू करवाए। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में सप्ताह में मात्र 29 घंटे ही पढ़ाई होगी। सोमवार से शुक्रवार तक 5 से 5:30 घंटे एवं महीने के दो शनिवार को दो से ढाई घंटे ही क्लास लगेंगे। एक मिनट के लिए मान लिया जाय कि नई शिक्षा नीति में ज़्यादा घंटे हैं तो शिक्षा तो समवर्ती सूची का विषय है, राज्य सरकार तो निर्णय ले ही सकती है। लेकिन बिहार में बहार है, अधिकारी सरकार के उपर है। अब छुट्टियों की बात, 1987 से पहले 71 छुट्टी मिलता था,1987 में छुट्टी 60 किया गया और अर्जित अवकाश 03 से बढ़ाकर 14 दिन किया गया। इस वर्ष छुट्टी को साठ से घटा दिया गया। कैलेंडर बनाने में जादूगरी हुई है कि साठ गिनती पूरा दिया है लेकिन गर्मी छुट्टी जोड़ा गया लेकिन स्कूल खुले रहे, बसंत पंचमी, 26जनवरी, पंद्रह अगस्त छुट्टी में जोड़े गए स्कूल खुली रही। कई रविवार को साठ छुट्टी में जोड़ दिया गया। जब ऊर्दू विद्यालयों (शुक्रवार बंद और रविवार खुली)के लिए अलग कैलेंडर बनाया गया तो फिर रविवार को साठ छुट्टी में क्यों जोड़ा गया। विभाग शिक्षकों का शोषण कर रही है। घर परिवार समाज सब छुड़ा दिया है। इसका बहुत बुरा असर पड़ेगा। अंदर अंदर शिक्षकों में उबाल है, कब यह उबाल बाहर आएगा कोई नहीं जानता। अति की पराकाष्ठा हो गईं है। विभाग अपना फेल्योर शिक्षकों पर दे रही है। भगौड़े शिक्षक को पकड़े, अपने विभाग का घूसखोरी बंद करे,,, ये सब नहीं करना है, बस शिक्षकों को परेशान करना है, शिक्षा व्यवस्था चौपट करनी है
Agar sarkar ye soch rhi h ki sikshako ko pratarit krke unko samaj aur pariwar se kaat kr k wo bhut jyada quality la paenge to wo galat soch rhe h. Hamein hmara haq na chhine sarkar
शिक्षक भीख में छुट्टियां नहीं मांग रहे हैं! उनका अधिकार है त्योहार में छुट्टियां और गर्मी छुट्टियां। अन्य विभाग में 33 आकस्मिक अवकाश मिलते हैं लेकिन शिक्षकों को केवल 11 त्योहार और गर्मी छुट्टी वही है।
जिसका खुद का काम है वो दिवाली के दिन तक काम करते है .तुम मास्टर लोग वेतन पर है इसीलिए छुट्टी के पिछे परे रहते अगर छुट्टी ही चाहिए तो नौकरी छोड़ दो फिर भूल जाओगे छुट्टी. स्कूल में रहकर भी कोन तीर मार देते हो पूरे गप्पे मारते रहते हो. जो मास्टर पढ़ाने आते उसको छुट्टी से कोई मतलब नही रहता है...80% मास्टर ईमानदारी नही पढाता है .
Tu bewakoof ladki hai...aur berojgar bhi hai...tere Ghar m koi teacher hai nhi...tumhara rajya Bihar isi vjh se peenche hai ki yahan teacher ka koi samman nhi hai....aur sun jaisa tumhara vichar jindagi bhar peeche rahoogi....pehle vichar sudharoo...
Chutti jo rule ke hisab se hai wo mang rahe hai bheek nahi mangrhe madam .ap to anpad ho apko kya pta niyam ka ghar baithe comment kr dete ho bas .teacher ko jo chutti milti hai wo kahatm kar di hai isliye teacher bol rahe h chutti wapas de nahi ti chutti ki jagah EL de de
स्कूलों में कड़ाई हो, स्कूलों में पढ़ाई हो,,
इसके लिए छुट्टियों की कटौती और टाइमिंग बढ़ाकर कुछ नहीं होगा। हां होगा, शिक्षक समूह को मानसिक, शारीरिक और पारिवारिक तनाव,,,
मुख्यमंत्री के बोलने के बाद भी टाइमिंग दस से चार नहीं किया गया। आखिर बच्चों को घेरकर, ठुसकर कितना पढ़ाया जा सकता है। चार से पाँच घंटा बच्चों को समझाना, पढ़ाना काफी है। जिस तरह शिक्षा विभाग के पदाधिकरी हाय बाप कर रहे हैं, उससे कुछ नहीं होगा। आखिर कार पढ़ाना शिक्षकों को ही है न। शिक्षा का कानून अधिकारी को नहीं बनाने दिया जाना चाहिए। ये काम शिक्षाविदों का है। सरकार शिक्षाविदो से रिपोर्ट ले और अपने अधिकारी से लागू करवाए।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में सप्ताह में मात्र 29 घंटे ही पढ़ाई होगी। सोमवार से शुक्रवार तक 5 से 5:30 घंटे एवं महीने के दो शनिवार को दो से ढाई घंटे ही क्लास लगेंगे।
एक मिनट के लिए मान लिया जाय कि नई शिक्षा नीति में ज़्यादा घंटे हैं तो शिक्षा तो समवर्ती सूची का विषय है, राज्य सरकार तो निर्णय ले ही सकती है।
लेकिन बिहार में बहार है, अधिकारी सरकार के उपर है।
अब छुट्टियों की बात, 1987 से पहले 71 छुट्टी मिलता था,1987 में छुट्टी 60 किया गया और अर्जित अवकाश 03 से बढ़ाकर 14 दिन किया गया।
इस वर्ष छुट्टी को साठ से घटा दिया गया। कैलेंडर बनाने में जादूगरी हुई है कि साठ गिनती पूरा दिया है लेकिन गर्मी छुट्टी जोड़ा गया लेकिन स्कूल खुले रहे, बसंत पंचमी, 26जनवरी, पंद्रह अगस्त छुट्टी में जोड़े गए स्कूल खुली रही। कई रविवार को साठ छुट्टी में जोड़ दिया गया। जब ऊर्दू विद्यालयों (शुक्रवार बंद और रविवार खुली)के लिए अलग कैलेंडर बनाया गया तो फिर रविवार को साठ छुट्टी में क्यों जोड़ा गया।
विभाग शिक्षकों का शोषण कर रही है। घर परिवार समाज सब छुड़ा दिया है। इसका बहुत बुरा असर पड़ेगा। अंदर अंदर शिक्षकों में उबाल है, कब यह उबाल बाहर आएगा कोई नहीं जानता। अति की पराकाष्ठा हो गईं है।
विभाग अपना फेल्योर शिक्षकों पर दे रही है। भगौड़े शिक्षक को पकड़े, अपने विभाग का घूसखोरी बंद करे,,,
ये सब नहीं करना है, बस शिक्षकों को परेशान करना है, शिक्षा व्यवस्था चौपट करनी है
Sahi hua payment bhi 50000 ruppess chaiye aur chatti bhi🤡🤡🤡🤡lol sahi hua... ❤️❤️
छूटी देनी चाहिए सरकार ❤❤❤
Sbhi log ek sath halla boliye
Kuch bhi payment bhi 50000 chaiye🤡🤡🤡 aur chutti bhi lol
Agar sarkar ye soch rhi h ki sikshako ko pratarit krke unko samaj aur pariwar se kaat kr k wo bhut jyada quality la paenge to wo galat soch rhe h. Hamein hmara haq na chhine sarkar
Saniwar ko school full-time chlta h patrakar mahoday ji band nhi rhta h
Fir v aaplog Jdu Bjp ko vote rhe..aplog ka atmasamman mar gya h😢
छुट्टी पर ध्यान ज्यादा पढ़ाने पर कम
Bilkul sahi hai
शिक्षक भीख में छुट्टियां नहीं मांग रहे हैं! उनका अधिकार है त्योहार में छुट्टियां और गर्मी छुट्टियां। अन्य विभाग में 33 आकस्मिक अवकाश मिलते हैं लेकिन शिक्षकों को केवल 11 त्योहार और गर्मी छुट्टी वही है।
Education vibhag hay hay😂😂
सब हेड मास्टर चोर है फेक हाजरी बंद करो, सब सुधर जाएगा
Very good.
Chhutti honi chahiye he chhathi maiya 🙏🙏
क्या आपका स्कूल रेसीडेंसियल है जो आप स्कूल मे रहते है और आपको छुट्टी की भी ज़रूरत नहीं पडती है???
Bahot galat h
great
Up or bihar ke sabse bada festival chhath puja hai . Chhath puja me chhuti ki katawti ye bilkul glat hai
Tumlog ko free ka betan chahiye kya garib na padhe sir ji you are great media sir ji
Techar ko diwali chhat manana h Or Dusre department me jo chute ni milta o kisko khe
दूसरे department में कितने EL मिलते हैं पहले पता करो तब शिक्षकों के छुट्टी पर सवाल उठाना
Chhuti milni chahiye
Gulami shasan Hai Sar log bolane mein bhi darte hain
जिसका खुद का काम है वो दिवाली के दिन तक काम करते है .तुम मास्टर लोग वेतन पर है इसीलिए छुट्टी के पिछे परे रहते अगर छुट्टी ही चाहिए तो नौकरी छोड़ दो फिर भूल जाओगे छुट्टी. स्कूल में रहकर भी कोन तीर मार देते हो पूरे गप्पे मारते रहते हो. जो मास्टर पढ़ाने आते उसको छुट्टी से कोई मतलब नही रहता है...80% मास्टर ईमानदारी नही पढाता है .
Tu bewakoof ladki hai...aur berojgar bhi hai...tere Ghar m koi teacher hai nhi...tumhara rajya Bihar isi vjh se peenche hai ki yahan teacher ka koi samman nhi hai....aur sun jaisa tumhara vichar jindagi bhar peeche rahoogi....pehle vichar sudharoo...
Acha
आपके कॉमेंट को पढ़कर दिल चाह रहा है कि राष्ट्रपति से शिफारिश करके आपको अवार्ड से सम्मानित karwau 😂
अरे जाहिल लोग जिन शिक्षकों की बुराई कर रहे हो उन्हीं टीचरों से पढ़कर आज कमेंट भी कर पा रहे हो, शर्म से डूब मरो
Chutti jo rule ke hisab se hai wo mang rahe hai bheek nahi mangrhe madam .ap to anpad ho apko kya pta niyam ka ghar baithe comment kr dete ho bas .teacher ko jo chutti milti hai wo kahatm kar di hai isliye teacher bol rahe h chutti wapas de nahi ti chutti ki jagah EL de de
Galat hai
इसका बदला election me lenge