निजी आस्था से बढक़र अब पूरी जिंदगी पर हावी!

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  • Опубликовано: 27 ноя 2024

Комментарии • 6

  • @deepankerkhobragade1684
    @deepankerkhobragade1684 22 дня назад +1

    साहसी पत्रकारिता इस भयाक्रांत वातावरण मे धर्म के धर्मांधता का बेहतर विश्लेषण
    निश्चित ही विचारणीय है।।
    अप्प दीपो भवः

  • @rajeshwarshukla7302
    @rajeshwarshukla7302 21 день назад +1

    सुनील जी आज तो दिवाली नहीं है, लेकिन प्रदूषण आज भी है। साल में एक बार पटका जलने से दिल्ली में पूरे सर्दी के मौसम में हवा खराब होने का क्या लेना देना है9

  • @kuleshwarbharti3067
    @kuleshwarbharti3067 23 дня назад +1

    जय संविधान

  • @gulush1
    @gulush1 23 дня назад

    आश्चर्य की बात है कि जबलपुर के सिविल लाइंस पुलिस थाने में मंदिर का पूरी योजना के साथ निर्माण किया गया। जहां सिविल लाइंस पुलिस थाना स्थित है वहां से पुलिस आईजी का बंगला मुश्किल से 200 मीटर है और पुलिस डीआईजी व एसपी निवास एक फर्लांग दूरी पर है। ये पुलिस अधिकारी प्रतिदिन वहां से दसियों बार गुजरते हैं और उनकी नज़र कभी निर्माणाधीन मंदिर पर नहीं पड़ी? मंदिर की स्थापना पर बड़ा आयोजन और भंडारा हुआ। यहां से हाईकोर्ट के अधिकांश जज भी कोर्ट आने जाने के लिए गुजरते हैं। जब से मंदिर स्थापित हुआ तब से मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। पहले कभी पुलिस थाने में जाने में लोग हिचकते थे लेकिन जब से मंदिर बना लोगों का थाने में जाने से संकोच खत्म हो गया। वैसे जबलपुर हाईकोर्ट परिसर में एक हनुमान मंदिर भी है। अब इसकी खोजबीन करनी होगी कि मंदिर पूर्व से है या यह हाईकोर्ट बनने के बाद बना।

  • @kvgamingyt4359
    @kvgamingyt4359 22 дня назад +1

    Gyani admi dusre dharm ke bare me bol ke dikhao to manu. Fatake se kutte billi ko dard hota hai. Lekin bakra ko dard nai hota. Pollution nai hota katne se.