"क्या हम दोस्त की तरह नहीं रह सकते" उसका यह कहना और अंत में व्यक्ति का अमरीकी पत्रिका में अर्धनग्न महिला का चित्र देखना । बेशक दोनो अनकहे से लवर्स हैं। एक के अंदर आंतरिक भय है वह प्रेम में जानें से डरती है। दूसरा बहुत आग्रह भी नहीं करता। लेकिन कथा के अंत में वह भी उसी व्यक्ति की तरह जो कहानी के शुरु मे पत्रिका में अर्धनग्न महिला के चित्र को देखता है, वह भी अमेरिकी पत्रिका में अर्धनग्न महिला के चित्र को उठाकर देखता है और और किताब बेचने वाला लड़का सीटी बजाता है। वास्तव में प्रेम के अभिव्यक्ति मे असफलता तत्काल उसे हल्का सा छिछोरा बना देती है.... और भी बहुत कुछ कहती है यह कहानी
❤❤
बहुत सुंदर कहानी और अत्यंत सुमधुर और सम्मोहक ढंग से शुद्ध उच्चारण के साथ पाठ। धन्यवाद। ❤️
❤️❤️ Thank you so much sahitya tak
बहुत सुंदर
कहानी को आपने अपनी सुनाने की कला से ज्यादा अच्छा बना दिया
Sweet voice sarika mam ❤️
"क्या हम दोस्त की तरह नहीं रह सकते" उसका यह कहना और अंत में व्यक्ति का अमरीकी पत्रिका में अर्धनग्न महिला का चित्र देखना । बेशक दोनो अनकहे से लवर्स हैं। एक के अंदर आंतरिक भय है वह प्रेम में जानें से डरती है। दूसरा बहुत आग्रह भी नहीं करता। लेकिन कथा के अंत में वह भी उसी व्यक्ति की तरह जो कहानी के शुरु मे पत्रिका में अर्धनग्न महिला के चित्र को देखता है, वह भी अमेरिकी पत्रिका में अर्धनग्न महिला के चित्र को उठाकर देखता है और और किताब बेचने वाला लड़का सीटी बजाता है। वास्तव में प्रेम के अभिव्यक्ति मे असफलता तत्काल उसे हल्का सा छिछोरा बना देती है.... और भी बहुत कुछ कहती है यह कहानी
🙏🙏🙏🙏🙏
मनोहारी
Samajh nahi aayai