When you talk about street food. If you have paid attention, in a modern high Street context , what we call today as “ Small Plates and a culture of Snacking & Grab and Go”. It can be said Indians were the pioneers of this concept.
@@abhishekagarwal846आपकी बात आपके क्षेत्र के लिए सच हो सकती है। यदि ऐसा है तो यह खंड-सत्य है। इसी क्रम में दूसरी क्षेत्रीयताओं और दूसरों का सच भी धैर्यपूर्वक सुना जाना चाहिए। 🎉🎉
@@madhavasamvad6537 भाई क्या करें, अपने क्षेत्र की ही बता सकते हैं, दिल्ली और आस पास मटर कुल्चे काफी खाए जाते हैं, जिनको ज्यादतार छोले कुलचे ही कहते हैं ruclips.net/video/fr0wRiurzaI/видео.htmlfeature=shared
@@abhishekagarwal846 आपकी टिप्पणी में "जी नहीं" से यही ध्वनित (sound) हो रहा था कि आप मेरी बात को सीधे ख़ारिज कर रहे हैं। बिना सामने वाले की बात को ठीक से समझे ऐसी सीधी प्रतिक्रिया से बचना चाहिए। दिल्ली, अभी कई-कई मामलों में पूरा भारत नहीं है। ख़ैर कोई बात नहीं। मैं दिल्ली पहुँचकर अभिषेक भाई, आपकी इस बात को याद करते हुए मटर के छोले/चाट ज़रूर खाने का प्रयास करूँगा। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पंजाब, हिमाचल और उत्तराखंड परिक्षेत्र में यह एक तरह से दुर्लभ है। इस प्रकरण को यहीं समाप्त करते हैं। आपका आभार।
Ayasi conversation ko bas sunte rehne ka dil karta hai. Sahab puri life lag jayegi itni jankari sametne me. Lucky to find this piece or treasure. 🙏
भारतीय विदेश नीति के महान ज्ञाता. पाक कला के महारथी को शत शत नमन.
Pushpesh Pant has great knowledge and I always love listening to him. He has a vast knowledge. Per Anubhav saheb Pushpesh ji ko bolne to do.
PUSHPESH PANT is very knowledgeable.
Listening to Prof is a delight
Beautiful..
Wonderful interaction ... it’s always nice to listen to you Professor Sir ...
I invite you to come to Deoghar Jharkhand to explore food here
Great interaction.
Nice Urdu conversation by the guest.....❤
it is amazing. what a interview i learn lot of thinks thank you to u both mr. anubhav and sir pushpesh pant jee
Baal mithaye of Almora is specific
Awesome
U should also try lovely lassi and Basant lassi in Mahendru Patna
When you talk about street food. If you have paid attention, in a modern high Street context , what we call today as “ Small Plates and a culture of Snacking & Grab and Go”. It can be said Indians were the pioneers of this concept.
Love from hp
पटियाला में नमकीन गजक भी बनती है
What is the difference between biriani and Pulao
Such an informative discussion.
Sir kbhi kbhi Allahabad ki jalebi ki bhi baaat krliya kro
🌟🌟🌟🌟
रामनगर के नुक्कड़ की लस्सी याद आई।
चम्मच से खाई जाने वाली बेमिसाल लस्सी। 🎉
Food n agriculture minister banao inko😅
बीच में कुत्ता आ गया!
🎉🎉
मटर के छोलों पर भी बात होनी चाहिए। चने के छोलों ने इसे अपदस्थ ही कर दिया मानो!
जी नहीं, अभी भी ज्यादतर जगह मटर-कुल्चे मिलते हैं। लोग उनको छोले-कुल्चे ही बोलते हैं।
@@abhishekagarwal846आपकी बात आपके क्षेत्र के लिए सच हो सकती है। यदि ऐसा है तो यह खंड-सत्य है। इसी क्रम में दूसरी क्षेत्रीयताओं और दूसरों का सच भी धैर्यपूर्वक सुना जाना चाहिए।
🎉🎉
@@madhavasamvad6537 भाई क्या करें, अपने क्षेत्र की ही बता सकते हैं, दिल्ली और आस पास मटर कुल्चे काफी खाए जाते हैं, जिनको ज्यादतार छोले कुलचे ही कहते हैं
ruclips.net/video/fr0wRiurzaI/видео.htmlfeature=shared
@@abhishekagarwal846 आपकी टिप्पणी में "जी नहीं" से यही ध्वनित (sound) हो रहा था कि आप मेरी बात को सीधे ख़ारिज कर रहे हैं। बिना सामने वाले की बात को ठीक से समझे ऐसी सीधी प्रतिक्रिया से बचना चाहिए।
दिल्ली, अभी कई-कई मामलों में पूरा भारत नहीं है। ख़ैर कोई बात नहीं।
मैं दिल्ली पहुँचकर अभिषेक भाई, आपकी इस बात को याद करते हुए मटर के छोले/चाट ज़रूर खाने का प्रयास करूँगा। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पंजाब, हिमाचल और उत्तराखंड परिक्षेत्र में यह एक तरह से दुर्लभ है।
इस प्रकरण को यहीं समाप्त करते हैं।
आपका आभार।
@@abhishekagarwal846 भाई! वीडियो देखकर मुँह में पानी आ गया!! 😀
The younger fellow knows nothing, who the F is he??