द्वितीय सर्ग || Ep 01 || कर्ण की सास्त्र विद्या की तलाश: भगवान परशुराम के द्वार
HTML-код
- Опубликовано: 20 авг 2024
- द्वितीय सर्ग का आरम्भ परशुराम के आश्रम-वर्णन से होता है। पाण्डवों के विरोध के कारण द्रोणाचार्य ने जब कर्ण को अपना शिष्य नहीं बनाया तो कर्ण परशुराम के आश्रम में धनुर्विद्या सीखने के लिए जाता है। परशुराम क्षत्रियों को शिक्षा नहीं देते थे। कर्ण के कवच और कुण्डल देखकर परशुराम ने उसे ब्राह्मण कुमार समझा और अपना शिष्य बना लिया।
#sarg #rashmirathi #dinkar #mahabharat #parshuram #ram #hindi #kavita #kalki #poetry #karn #poetry #motivation