जो पहले लगभग पांच हजार युवक फौज की पक्की नौकरी पाते थे, वे भी योग्य वर की श्रेणी में आते थे. अब हैं Agniveer! बेटियाँ समझती हैं कि उनका भविष्य कहाँ सुरक्षित है. धन्यवाद पंवार जी is ज्वलंत समस्या को उठाने और विचार विमर्श करने के लिए.
लड़कियों भी ये तय करना होगा की सरकारी मतलब सबसे अच्छा ही नहीं होता. सरकारी होगा सुख ही देगा क्या guranntee है. और pvrivat वाला नहीं कमा सकता ये भी सही नहीं. .. लड़कों का स्वाभाव देखो. लड़की भी देखो..... सरकारी वाले भी
Kundli nhi vichar milne chahiye.. Log kundliya mila mila k barbaad ho gye.. Jb tk vhi atke rhoge ek dusre ko smjhne or ek dusre ke vicharo ko tavajjo nhi denge tb tk na rishte bnenge or bn b gye to rhenge nhi. To behtar hoga use chune jo apke liye best ho apki smjh se. Kundli wundli k chakkar me apna time waste krne ke din gye
उत्तराखंड में पुरातन संस्कृति तथा सभ्यता का ह्रास हो गया है पहले दादा दादी ताऊ ताई पिता माता तथा बड़े भाई ही रिस्तेदारो में बच्चों का वैवाहिक संबंध खोजते थे लेकिन आजकल सिर्फ लडका या लडकी ही एक दूसरे को देख कर रहे परिवार व समाज को कोई भी महत्व नहीं दिया जा रहा है बल्कि नाई कसाई हलवाई पेंटर कारपेंटर को पसंद किया करते हैं??? आजकल धनवान तथा नौकरी पेशा एक मात्र शादी का आधार मूल्य है विवाह नहीं बल्कि शादी अर्थात सौदाबाजी बन गयी है?? तदोपरांत सिर्फ धोबी का कुत्ते जैसे जीवन जीने लगे हैं??
पशुपालन और खेती बड़ी सबसे बड़ा रोजगार है सबसे अच्छा रोजगार है सबसे पुराना रोजगार है सबसे पुरानी कल है और हमारी सरकारों ने इसे ही सबसे बड़ा बना दिया इसके बिना यह 4 घंटे भी किसी का काम नहीं चलेगा दूध पंगे लेकिन पशु नहीं पाएंगे अनाज खाएंगे पर खेती नहीं करेंगे यह कब तक चलेगा यह सरकारों की हमारी सरकारों की सबसे बड़ी गलती है खेती और पशुपालन सबसे अच्छा है इसे इसकी दशा सुधार नहीं होगी इसमें भी आए बढ़ानी होगी सरकारों को
कौशिश कीजिये कि कुछ नौजवान युवाओं और युवतियों से भी बात की जाए। इससे इस विषय पर और विस्तार से जानने समझने को मिलेगा। गाँव और शहरो से मिलाकर सबसे बात करेगे तो दोनो पृष्ठभूमि के युवाओं की बात सामने आएगी।
Bahari rajyo ke bade bade naukri wale se lekar labour class tak uttranchal mai kafi sankhya mai basne lage hai.. muslim log alag..ऊपर से प्रशाशन भी उनको नौकरी ओर रोजगार प्रोवाइड कर रहा... स्थाई बन रहा (तो मूलवासी कौन है)..राशन कार्ड स्कीम सब दे रहे.. sab ladke... Pahadiyo ke liye ladkiya kam padengei hee.. shadi shuda mahilaye, navyuvtiya or school ke chatro tak ko nahi छोड़ rhe... बेरोजगार पहाड़ी लड़के क्या करेंगे.. पहाड़ी अस्तित्व ही खतरे मै है.. उत्तरांचल मै संविधान के अंतर्गत अनुसूची 5 (शेड्यूल 5 ) लागू की घोषणा कर एनी चाहिए मूलवासियों ने... आर्टिकल 13(1),(3) की जानकारी ले.. संविधान कहता है.. ना विधान सभा ना लोक सभा सबसे बड़ी ग्राम सभा...🙏🏼
काफी पहले लोगबाग लडकी की शादी उस लडके से भी कर देते थे जिस लडके का घर बार है खेती बाडी है भले नौकरी ना भी हो ।लेकिन अब बदलते जरूरत व वक्त और फैशन के हिसाब से लडके का बेहतर रोजगार होना चाहिए। मांग व आपूर्ति का गणित भी साथ चल रहा है।लडकियां शिक्षित समझदार होशियार हो चली है, उसे लगता है प्राइवेट नौकरी तो मिल जायेगी लेकिन स्थायित्व सरकारी नौकरी में है और मकान भी है तो किराया भाडा की सीधी बचत है नहीं तो मकान किराये चुकाने में जेब खाली। इसलिए लडकियों की सोच सही है योग्य वर और घर उसका प्रथमिकता होगीं ही।
पहाड़ मे लड़को की शादी नही हो रही तो लड़कियों की शादी किससे हो रही है। क्या लड़कियां पेड़ पौधो से शादी कर रही है। अगर लड़के अविवाहित हैं तो लड़की भी अविवाहित होगी।
भाई साहब उत्तराखंड की लड़कियां उड़ीसा और बिहार के लड़कों को शादी करना पसंद कररही है मैं खुद अपने रिश्तेदारी में देखा है अपने गांव में देखा है जो भी लड़की अच्छी पढ़ी लिखी है जिनके मां बाप के पास पैसा है वह सारी बिहार उड़ीसा जैसे प्रदेशों के लड़कों से शादी कर रही है जबकि यह खुद गरीबराज्य है
लड़कों की शादी ना होना लड़कियों की कमी होना है जब हमारा समाज लड़की पैदा ही नहीं करेगा तो शादी कहां से होगी नसबंदी परिवार नियोजन कम बच्चे पैदा करना समस्याओं का जड़ है
हमारे गडवाल में कोई कमी नहीं हे सुख सुविधा की लेकिन जब लड़की बहार के राज्यों के लड़के से शादी करेंगी संस्कार बिहीन हो गये बहुत दुखद होता हे हमारे गढ़वाल मे ही ऐसा हे
To ladkio ko apna jeevan ka nirnay lene ka pura hak hai. Unko bhi hak hai ki sukh suvidha future ki safety ko dhyan mai rakh kar nirnay le. Chahe fir ladka dusre state ka hi ho
Jai shri Ram sir bahut hi achha bachon ko ye vidio dekhna chahiye asliyat to yahi hai ki sadi ka ladoo ke visaya me aajkal ke nawjawanon ko dusit samaj aur socil media ne hatosahit kar diya hai koi dilchaspi hi nahi rah gai hai is liye v 35 40 ki umar tak navjawan abhibhawit hain sir isi prakar jagrukta banaye rakhein jai Shri krishna Har Har Mahadev
पवार जी आपके सवाल बिल्कुल सही हैं। पंडित जी ज्ञान की जो बात कह रहे हैं वह तो ऐसे लग रहा है जैसे उद्धव गोपियों को ज्ञान दे रहे थे। लकड़ियां अब शिक्षित होकर आत्म निर्भर हो रही हैं । मां बाप पर बोझ न होकर उनका सहारा बन रही हैं। समय बदल गया है।शादी एकमात्र प्राथमिकता नहीं रह गई है । और भी कई कारणों से यह सामाजिक समस्या हो गई है। उनका विश्लेषण वक्ताओं ने कर ही दिया है । पूजा पाठ धार्मिक रीति रिवाज बहुत अच्छी बात है लेकिन इस आधुनिक समय में भी लोग जन्म पत्री का मिलान हो जाने के बाद ही बात आगे बढ़ाते हैं।
Darsal Me Aaj Ka Youwa Jimmedaari Nahi Uthana Chahta, Aur Iss Bhotik Wadi Samaaj Me Sabki Aakaanshaye Badh Chuki Hai, Samaaj Badal Chuka Hai, Logo Ko Maya Ne Jakad Diya Hai, Puraane Logo Ki Ek Kahawat Hai, Taka Hai To Taktaka, Nahi To Pyaare Jhak-Jhakaa
There are many reasons:Awarness due to education, social media and more opportunities for female to work.Above bring them confidence to make their own decisions rather than parents and family.
❤😅 तीनों पंडितों को मेरा नमस्कार है पहले के जमाने में झूठ बोलकर की भी शादियां होती थी लेकिन वह साड़ियां भी टीका होती अभी तक टिकी है और आजकल कह रहे हैं पढ़े लिखे का जमाना है लेकिन लव मैरिज कोर्ट मैरिज कर मैरिज के बाद भी शादी 6 महीना साल भर दो साल टिक नहीं पा रही है इस कारण को ढूंढो ना कहां कमी है लड़की में कमी है या लड़का में कमी है यह लड़के के मां बाप में कमी है या लड़की के मां बाप में कमी है आज की लड़कियों में तो खाली एगो बैक रखा है जैसे भट्ट जी ने कहा है संस्कारों की कमी पढ़ लिख कर के डिग्री तो दे दी हाथ में डिग्री मिल गई लेकिन संस्कार हैं बच्चा हो गया है
Are yar gaaw mai hospital nahi hai school nahi market nahi road nahi rojgar nahi hai kaha pahad mai ladke ko ladki milegi sarkar ko pahado mai sukh suvida de tabhi to gaaw bachega
Bhai jinko kewal Larke chahiye aur Larkiya paida hi nahi hone doge to uska pariram to bhogana hi parega prkrti ka santulan banane ke liye har chij ka hona jaruri hai ab pachhata ke kya hoga
आज कल के लड़की को लड़के के परिवार में लड़के अलावा और सदस्य नहीं होने चाहिए अगर इन पे कोई दुख आएगा तो कोन देखेगा लड़का चाहिए सरकारी नौकरी वाला न इनके परिवार में सब लोग सरकारी नौकरी वाले हैं समय है सभल जाओ अभी भी
सच तो ये है कि पहाड़ की लड़कियां काम धाम कुछ करना चाहती नहीं हैं बस नौकरी वाला लड़का मिल जाए देहरादून में आराम से बैठे बैठे खाएं नौकरी वाले लड़के को भी केवल नौकरी वाली लड़की ढूंढनी चाहिए फिर balance ho jyga
Sadi krne mai koi fayda nhi hai sadi kro bibi ko palo or bibi ke nkhre utao bibiya apne pti ki ijjat bhi nhi krti aapki bibi aapki kitni ijjat krti hai jra ye bhi btao ishwar ko sakhi rkhte hue i boycott of marriage agar lrdki ka ghar dehradun ya haldwani mai hai to tab sadi ke bare mai soch skta hu agar 40 lakh tak dhej mil kaye car or plot kharidne ke liye
आज के समय किसी मां बाप की हिम्मत नहीं है कि वे अपने बच्चों की शादी कर सकें.चाहे उसका बहुत बड़ा मकान हो या लड़के या लड़की का बहुत बड़ा पैकेज हो. इस समय नौकरी समस्या नहीं है बल्कि शादी न होना समस्या है.
Logo ko sidhi sadhi miljati hai uske sath bhi nahi kha pate hai ajkl ladkiya adjust nahi krskti hai isliye wo apna sab age ka dekh kr krte hai ye sab ladko ki mao ke durwywhar ke karn hai
Mera ek bhai h avi 22 ka h or berojgar h uske liye koi ldki ho to btana kaise v chlegi ldki honi chahiye zinda honi chahiye bss... Mujhe to apne bhai ki fikr hone lgi avi se pehle shadi ho jaye to baad me naukri lg hi jayegi..😂😂
असली कारण बेरोजगारी नहीं है। बड़ा कारण हैं लड़कियों में शादी को लेकर रुचि कम हो चुकी है। अगर शादी करनी है तो तमाम प्रकार को demands है लड़कियों को जिसमें नौकरी भी एक demand है।
Jinhone ldkiyan mari h garbh m wo non pahadi community pdahiyo dwara pdhai gyi ldki ko le jaa rhe h aur pahadi pde likhe ldko ko ldki nhi mil rhi toh kya pahadiyo ne bhi whi krna chahiye jo non pahadiyo ne kra tha
Koi graduate garl boy ko bhi like kre kya boy kya garl boy ne hi responsibility le rkha hai garl ko palne ke liye marriage kyo ki jati hai mje lene ke liye i thing first time mje to dono brabar lete hai boy ko hi kyo dosi mana jata hai isiliye Islam ka raj aayega India mai definitely
Esa hai phado ki bujurg orate or admi chahe kitne bhi padhe likhe ho sas sasur banne ke baad apni barabri krte hai ki hum esa krte thy esa hota tha or gaav ke logo ka dharra nahi badalta kitna bhi pesa ho kukasw chupaao kam nahi hota
Jo ladkiya compromise karti h, padi likhi sunder sushil hoti h unki bhi to sasural wale kadra nahi karte, Kuch ladke to sach m bahut kharab hote h, ladkiyo ki jindagi kharab ho jati h, Jo ladki aur ladkiyo k Maa baap compromise nahi karte sahi rahte h
मुझे तो ऐसा लगता है कि यदि इन्टर पास करने के उपरांत कोई माँ बाप अपनी लड़की की शादी अपने हिसाब से कर दें तो ठीक नहीं तो ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट करने के बाद लड़की माँ बाप के हिसाब से नहीं अपने हिसाब से शादी के लिए राजी होती है।
बहुत से कारण हैं। पहले लड़कियां पढ़ी लिखी कम थी, कम उम्र में शादी हो जाती थी और गांव घरों में रहती थी। अब लड़कियां पढ़ी लिखी ज्यादा हैं, गांव में रहना पसंद नहीं करती। शहर में मकान हो ऐसा रिश्ता उन्हें चाहिए। उसके ऊपर लड़का भी अच्छा खासा पढ़ा लिखा होना चाहिए। बड़ा परिवार generaly avoid किया जाता है। फिर कुछ सामाजिक समस्याएं हैं जैसे प्रेम विवाह में दिक्कतें, जातिवाद vgrh ये सब भी contribute करते हैं शादी न होने में। एक और बड़ी वजह है 90 के दशक में लड़कियों के साथ जो हुआ उसका असर अब दिख रहा है। पहले सबको लड़का ही चाहिए होता था जिस वजह से गांव घरों में लड़कियां अब दिखती ही नहीं। मैने इतने सारे गांव देख दिए हैं जहां 12-15 अविवाहित लड़के हैं लेकिन लड़कियां 1-2 भी नहीं
Palayan ho gaya hai gaon mein koi rahana nahin chahta aur naye bacchon Ko padhaanaa hai kirae ke Makan mein raho kharcha pura nahin hota berojgari jyada hai❤, 🙏
Pahadi logo k paas jammen nhi h jinke paas hai wo hai plains k log aur. Wo hi garhwal ki ldkiyon se saadi kr re hain they have all thing money all prosperty
जो पहले लगभग पांच हजार युवक फौज की पक्की नौकरी पाते थे, वे भी योग्य वर की श्रेणी में आते थे. अब हैं Agniveer! बेटियाँ समझती हैं कि उनका भविष्य कहाँ सुरक्षित है. धन्यवाद पंवार जी is ज्वलंत समस्या को उठाने और विचार विमर्श करने के लिए.
Poplyshan rejaykt netee on love mareej netee aap to aapkaa ak basyaa retee khataam
लड़कियों भी ये तय करना होगा की सरकारी मतलब सबसे अच्छा ही नहीं होता. सरकारी होगा सुख ही देगा क्या guranntee है. और pvrivat वाला नहीं कमा सकता ये भी सही नहीं. .. लड़कों का स्वाभाव देखो. लड़की भी देखो..... सरकारी वाले भी
Uttrakhand womens ki vjh se hi tha... ab vo apne liye sochne lggi hai pehle ki womens ne bhut dukh dekha bhai is pr bhi bolo 😢😢😢😢😢😢😢😢
Bahut Sunder Interview
बात तो बिल्कुल सही कहा है पंडित जी आपने
Kundli nhi vichar milne chahiye.. Log kundliya mila mila k barbaad ho gye.. Jb tk vhi atke rhoge ek dusre ko smjhne or ek dusre ke vicharo ko tavajjo nhi denge tb tk na rishte bnenge or bn b gye to rhenge nhi. To behtar hoga use chune jo apke liye best ho apki smjh se. Kundli wundli k chakkar me apna time waste krne ke din gye
मै पढी- लिखी और जागरुक बेटियों को प्रणाम करता हूं मेरी मां ने अपना पूरा जीवन बच्चे पैदा करने, खेती-बाड़ी करने और पशु पालने में गुजार दिया।
शाबाश बेटी।
😂😂😂😂😂BA pass karna padha likha hota hai kya ?? Ba pass karke musalmaan ke saath bhaag jao bas yahi hai .. or kheti baadi karna konsa galat hai bhai..
पहाड़ी लड़कियों दूसरी कास्ट में ज्यादा शादी कर रही हे इसलिए लड़कियां कम हो रही हैं 🙏 जागरूक नागरिक
पूजा पंडित जी बिलकुल सही करें जब तक सोच नहीं बदलेगे तब तक कुछ नहीं हो सकता नमस्कार पंडित जी
उत्तराखंड में पुरातन संस्कृति तथा सभ्यता का ह्रास हो गया है पहले दादा दादी ताऊ ताई पिता माता तथा बड़े भाई ही रिस्तेदारो में बच्चों का वैवाहिक संबंध खोजते थे लेकिन आजकल सिर्फ लडका या लडकी ही एक दूसरे को देख कर रहे परिवार व समाज को कोई भी महत्व नहीं दिया जा रहा है बल्कि नाई कसाई हलवाई पेंटर कारपेंटर को पसंद किया करते हैं??? आजकल धनवान तथा नौकरी पेशा एक मात्र शादी का आधार मूल्य है विवाह नहीं बल्कि शादी अर्थात सौदाबाजी बन गयी है?? तदोपरांत सिर्फ धोबी का कुत्ते जैसे जीवन जीने लगे हैं??
भाई सहाब जरा तलाक के केश भी बता दो हर जिले मे कितने केश चलरे
Apka bolne ka andaaz bhut acha laga pawanr ji
जरूर पंडित जी आप की बात बिलकुल सही है
पशुपालन और खेती बड़ी सबसे बड़ा रोजगार है सबसे अच्छा रोजगार है सबसे पुराना रोजगार है सबसे पुरानी कल है और हमारी सरकारों ने इसे ही सबसे बड़ा बना दिया इसके बिना यह 4 घंटे भी किसी का काम नहीं चलेगा दूध पंगे लेकिन पशु नहीं पाएंगे अनाज खाएंगे पर खेती नहीं करेंगे यह कब तक चलेगा यह सरकारों की हमारी सरकारों की सबसे बड़ी गलती है खेती और पशुपालन सबसे अच्छा है इसे इसकी दशा सुधार नहीं होगी इसमें भी आए बढ़ानी होगी सरकारों को
कौशिश कीजिये कि कुछ नौजवान युवाओं और युवतियों से भी बात की जाए। इससे इस विषय पर और विस्तार से जानने समझने को मिलेगा। गाँव और शहरो से मिलाकर सबसे बात करेगे तो दोनो पृष्ठभूमि के युवाओं की बात सामने आएगी।
Bahari rajyo ke bade bade naukri wale se lekar labour class tak uttranchal mai kafi sankhya mai basne lage hai.. muslim log alag..ऊपर से प्रशाशन भी उनको नौकरी ओर रोजगार प्रोवाइड कर रहा...
स्थाई बन रहा (तो मूलवासी कौन है)..राशन कार्ड स्कीम सब दे रहे.. sab ladke...
Pahadiyo ke liye ladkiya kam padengei hee.. shadi shuda mahilaye, navyuvtiya or school ke chatro tak ko nahi छोड़ rhe... बेरोजगार पहाड़ी लड़के क्या करेंगे..
पहाड़ी अस्तित्व ही खतरे मै है..
उत्तरांचल मै संविधान के अंतर्गत अनुसूची 5 (शेड्यूल 5 ) लागू की घोषणा कर एनी चाहिए मूलवासियों ने...
आर्टिकल 13(1),(3)
की जानकारी ले..
संविधान कहता है.. ना विधान सभा ना लोक सभा सबसे बड़ी ग्राम सभा...🙏🏼
काफी पहले लोगबाग लडकी की शादी उस लडके से भी कर देते थे जिस लडके का घर बार है खेती बाडी है भले नौकरी ना भी हो ।लेकिन अब बदलते जरूरत व वक्त और फैशन के हिसाब से लडके का बेहतर रोजगार होना चाहिए। मांग व आपूर्ति का गणित भी साथ चल रहा है।लडकियां शिक्षित समझदार होशियार हो चली है, उसे लगता है प्राइवेट नौकरी तो मिल जायेगी लेकिन स्थायित्व सरकारी नौकरी में है और मकान भी है तो किराया भाडा की सीधी बचत है नहीं तो मकान किराये चुकाने में जेब खाली। इसलिए लडकियों की सोच सही है योग्य वर और घर उसका प्रथमिकता होगीं ही।
Ldke ka hi ghar kun ho ldkiyun ka bhi apna ghar hona chahiye.
पहाड़ मे लड़को की शादी नही हो रही तो लड़कियों की शादी किससे हो रही है। क्या लड़कियां पेड़ पौधो से शादी कर रही है।
अगर लड़के अविवाहित हैं तो लड़की भी अविवाहित होगी।
भाई साहब उत्तराखंड की लड़कियां उड़ीसा और बिहार के लड़कों को शादी करना पसंद कररही है मैं खुद अपने रिश्तेदारी में देखा है अपने गांव में देखा है जो भी लड़की अच्छी पढ़ी लिखी है जिनके मां बाप के पास पैसा है वह सारी बिहार उड़ीसा जैसे प्रदेशों के लड़कों से शादी कर रही है जबकि यह खुद गरीबराज्य है
गरीब राज्य है लेकिन जिनसे लड़कियां शादी कर रही वो लड़के गरीब नहीं
😂😂अगर लड़के गरीब होते तो उनसे क्यों करती है
@samratmaurya033 Yes absolutely
But Uttrakhand mai unse bhi achche ladke aur achhe pariwar bhi hai
@@birendraprasadjuyal1357 sb jgh acche aur bure hote hai isme koi saq nhi
@@birendraprasadjuyal1357 koi accha hai ye bura ye criteria aap nhi set kar skte hai jinko karna hai wo apne liye उपयुक्त देखता है
Bilkul sahi bat hai🙏
Bilkul sahai bat hai pandit ji
Sau baat ka ek jodd h ye h ki beti shehar me biyaani h lekin bahu gaav me hi rahegi....asi dohari mansikta se kase kam chalega....
लड़कों की शादी ना होना लड़कियों की कमी होना है जब हमारा समाज लड़की पैदा ही नहीं करेगा तो शादी कहां से होगी नसबंदी परिवार नियोजन कम बच्चे पैदा करना समस्याओं का जड़ है
Kanya ka khokh me marder kyo nahi bolte
हमारे गडवाल में कोई कमी नहीं हे सुख सुविधा की लेकिन जब लड़की बहार के राज्यों के लड़के से शादी करेंगी संस्कार बिहीन हो गये बहुत दुखद होता हे हमारे गढ़वाल मे ही ऐसा हे
To ladkio ko apna jeevan ka nirnay lene ka pura hak hai. Unko bhi hak hai ki sukh suvidha future ki safety ko dhyan mai rakh kar nirnay le. Chahe fir ladka dusre state ka hi ho
जब से लडकियो को हद से ज्यादा बढावा दिया तब से सब सिस्टम ही खराब हो गया मै भी
Jai shri Ram sir bahut hi achha bachon ko ye vidio dekhna chahiye asliyat to yahi hai ki sadi ka ladoo ke visaya me aajkal ke nawjawanon ko dusit samaj aur socil media ne hatosahit kar diya hai koi dilchaspi hi nahi rah gai hai is liye v 35 40 ki umar tak navjawan abhibhawit hain sir isi prakar jagrukta banaye rakhein jai Shri krishna Har Har Mahadev
बहुत ही गम्भीर समस्या बन रही है
पवार जी आपके सवाल बिल्कुल सही हैं। पंडित जी ज्ञान की जो बात कह रहे हैं वह तो ऐसे लग रहा है जैसे उद्धव गोपियों को ज्ञान दे रहे थे। लकड़ियां अब शिक्षित होकर आत्म निर्भर हो रही हैं । मां बाप पर बोझ न होकर उनका सहारा बन रही हैं। समय बदल गया है।शादी एकमात्र प्राथमिकता नहीं रह गई है । और भी कई कारणों से यह सामाजिक समस्या हो गई है। उनका विश्लेषण वक्ताओं ने कर ही दिया है । पूजा पाठ धार्मिक रीति रिवाज बहुत अच्छी बात है लेकिन इस आधुनिक समय में भी लोग जन्म पत्री का मिलान हो जाने के बाद ही बात आगे बढ़ाते हैं।
टाइप की अशुद्धि के लिए क्षमा। लड़कियों की जगह लकड़ियों छप गया ।
Ganta aatmnirbhar aaj phir maintenance and alimony kyu chahiye uk me hr 10 me se 3 shaadiya tut rii bhaag riii tikda ka koi scientific aadhr nhii
Darsal Me Aaj Ka Youwa Jimmedaari Nahi Uthana Chahta, Aur Iss Bhotik Wadi Samaaj Me Sabki Aakaanshaye Badh Chuki Hai, Samaaj Badal Chuka Hai, Logo Ko Maya Ne Jakad Diya Hai, Puraane Logo Ki Ek Kahawat Hai, Taka Hai To Taktaka, Nahi To Pyaare Jhak-Jhakaa
Uttrakhand boy nasha jyada kr rhe hai shaadi naa krro pr shrabi naa mille😂😂😂😂😂😂😂😂😂😂
Ladkiyan bhi kandhe se kandha mila ke chal rahi hai...paisa ho ladke paas sab chalega..😂
Pandit ji sanskaro ki kami hoga
There are many reasons:Awarness due to education, social media and more opportunities for female to work.Above bring them confidence to make their own decisions rather than parents and family.
गिरीश जी के धंधे पर चोट पड़ी है, काफ़ी दुःखी हैं.
हर मा बाप अपने बच्चे का हमेशाभला ही चाहते है
🌹🌹❤🇮🇳🇮🇳🌹❤🌹
Bollywood / Social Media ko state ban kar, UK Govt ko State culture emergency declare karna chahiye...
Bollywood / Social Media ko state me ban kar dena chahiye, aur UK Govt ko culture emergency declare karna chahiye.
❤😅 तीनों पंडितों को मेरा नमस्कार है पहले के जमाने में झूठ बोलकर की भी शादियां होती थी लेकिन वह साड़ियां भी टीका होती अभी तक टिकी है और आजकल कह रहे हैं पढ़े लिखे का जमाना है लेकिन लव मैरिज कोर्ट मैरिज कर मैरिज के बाद भी शादी 6 महीना साल भर दो साल टिक नहीं पा रही है इस कारण को ढूंढो ना कहां कमी है लड़की में कमी है या लड़का में कमी है यह लड़के के मां बाप में कमी है या लड़की के मां बाप में कमी है आज की लड़कियों में तो खाली एगो बैक रखा है जैसे भट्ट जी ने कहा है संस्कारों की कमी पढ़ लिख कर के डिग्री तो दे दी हाथ में डिग्री मिल गई लेकिन संस्कार हैं बच्चा हो गया है
भौतिकता वादी सोच पहाड़ों में भी हावी है
क्या पहले शादिया नही होती थी मा बाप जो कहै वो होता था फिर भी लडकी सुखमय जीवन जीती थी कयोंकि मा बाप की इज्जत सर्वो परि थी ठीक है ज्यादा दिन नही रहेगा
Sir ji mere two betiya hai agar koi larka ho to batana
Hame to ladke hii nahi mile pahad mai
Kaise baat kardi aapne..aap haan toh bolo
Kya??? अरे भरा पड़ा है पहाड़ लड़कों से.. कौनसी दुनिया में हो
Hmm boldo mai ready hu
क्या पहले सब सरकारी नौकरी मे होते थे पर अपने बच्चो सारा सुख देते थे
भाई साहब ऐंसा भी हैं यदि लडकियां दिल्ली, व देहरादून से बाहर नहीं जाना चाहती हैं, माँ बाप भी बोलते हैं, हम लोकल में ही लडकी के लिए लडका देख रहे हैं।
लड़को को शादी के लिए ऐसी लड़की ढू़ढना चाहिए जिसके पास सरकारी नौकरी और शहर मे घर हो।
लड़को को भी अपना सुरक्षित भविष्य देखना चाहिए।
Dekh lo fir
@@sumanthakur1561😂👍
आज लडकिया खुद देख ले रहे है कयोंकि मर्यादा से बाहर चले गयी है मा बाप का मेहनत करके पढाना रह गया है बाकी वो सब खुद करेगी
Sahi karti hai.
Ek hi content ko chor ke share karke pesa kamane ko kya kahte hai .
मैं जाना भी बड़ा मुश्किल हो गया दोस्तों देश की सुरक्षा व्यवस्था डाकबया जाएगी
Ladkiyon ka ati aakanshao se prerit ho kar paisewale ladko ko gherne k liye kitna bhi girne se gurej nahi karna.
सुखमय नही बहुत ही दुखमय
Are yar gaaw mai hospital nahi hai school nahi market nahi road nahi rojgar nahi hai kaha pahad mai ladke ko ladki milegi sarkar ko pahado mai sukh suvida de tabhi to gaaw bachega
पण्डित जी मनुस्मृति से दूरी बनाऔ आपके लिए यहीं शुभ है
Manusmriti me kya h?
@@dsrawat267 Bhimto ka baap h manu
टिपड़ी मिलाने का संकट नहीं,
Bhai jinko kewal Larke chahiye aur Larkiya paida hi nahi hone doge to uska pariram to bhogana hi parega prkrti ka santulan banane ke liye har chij ka hona jaruri hai ab pachhata ke kya hoga
आज कल के लड़की को लड़के के परिवार में लड़के अलावा और सदस्य नहीं होने चाहिए अगर इन पे कोई दुख आएगा तो कोन देखेगा लड़का चाहिए सरकारी नौकरी वाला न इनके परिवार में सब लोग सरकारी नौकरी वाले हैं समय है सभल जाओ अभी भी
सच तो ये है कि पहाड़ की लड़कियां काम धाम कुछ करना चाहती नहीं हैं
बस नौकरी वाला लड़का मिल जाए देहरादून में आराम से बैठे बैठे खाएं
नौकरी वाले लड़के को भी केवल नौकरी वाली लड़की ढूंढनी चाहिए फिर balance ho jyga
सही बोले ,मन को संतुलित करना पङेगा ।लङकियों ने अपना दिमाग ऊपर उठा दिए है ,जो गलत हो रहा है ।
Aajkal ladko ko bhi kamane wali patni chahiye.
Ladki sundar hoti hai or desi ladke paise wale isliye sb set ho jati hai time se pehle hi.
गुरु जी 🙏 आपका कहना बिल्कुल सही है
Sadi krne mai koi fayda nhi hai sadi kro bibi ko palo or bibi ke nkhre utao bibiya apne pti ki ijjat bhi nhi krti aapki bibi aapki kitni ijjat krti hai jra ye bhi btao ishwar ko sakhi rkhte hue i boycott of marriage agar lrdki ka ghar dehradun ya haldwani mai hai to tab sadi ke bare mai soch skta hu agar 40 lakh tak dhej mil kaye car or plot kharidne ke liye
पंडित जी नमस्कार मैं कह रहा हूं कि जो लड़का नौकरी नहीं है पढ़ा लिखा है क्या उसकी शादी नहीं होगी इस युग में
Bilkul nahi
दादा परदादाओ ने पढ़ाई तो नहीं की होगी ... फिर शादी बच्चे करते थे... गांव मै रहेंगे तो सब पॉसिबल है...
कहा 27 28 कह रहे है आप 35 साल तक मा बाप कोधोखा दे रहे है
आज के समय किसी मां बाप की हिम्मत नहीं है कि वे अपने बच्चों की शादी कर सकें.चाहे उसका बहुत बड़ा मकान हो या लड़के या लड़की का बहुत बड़ा पैकेज हो. इस समय नौकरी समस्या नहीं है बल्कि शादी न होना समस्या है.
Ek dam illogical baat
Logo ko sidhi sadhi miljati hai uske sath bhi nahi kha pate hai ajkl ladkiya adjust nahi krskti hai isliye wo apna sab age ka dekh kr krte hai ye sab ladko ki mao ke durwywhar ke karn hai
Sir aap mujhse koi kaaran jaan skte hain
ये सब नतीजा लडकियो को बाहर भेजने का है
Mera ek bhai h avi 22 ka h or berojgar h uske liye koi ldki ho to btana kaise v chlegi ldki honi chahiye zinda honi chahiye bss... Mujhe to apne bhai ki fikr hone lgi avi se pehle shadi ho jaye to baad me naukri lg hi jayegi..😂😂
असली कारण बेरोजगारी नहीं है। बड़ा कारण हैं लड़कियों में शादी को लेकर रुचि कम हो चुकी है। अगर शादी करनी है तो तमाम प्रकार को demands है लड़कियों को जिसमें नौकरी भी एक demand है।
डाज्यू कुछ युवा साथियों से इस विषय पर बात करके वास्तविक का परिचय हो सकता है।
Jinhone ldkiyan mari h garbh m wo non pahadi community pdahiyo dwara pdhai gyi ldki ko le jaa rhe h aur pahadi pde likhe ldko ko ldki nhi mil rhi toh kya pahadiyo ne bhi whi krna chahiye jo non pahadiyo ne kra tha
Bilkul sahi bat hai ❤💯🙏🙉🙈🙊
Koi graduate garl boy ko bhi like kre kya boy kya garl boy ne hi responsibility le rkha hai garl ko palne ke liye marriage kyo ki jati hai mje lene ke liye i thing first time mje to dono brabar lete hai boy ko hi kyo dosi mana jata hai isiliye Islam ka raj aayega India mai definitely
Unhi ladkiyu ki dimand ha jin ladkiyu ne apne ghr pe ak roti khane ko tarashte ha o bol rhe ki bhar ghar ho achi nokri ho
Esa hai phado ki bujurg orate or admi chahe kitne bhi padhe likhe ho sas sasur banne ke baad apni barabri krte hai ki hum esa krte thy esa hota tha or gaav ke logo ka dharra nahi badalta kitna bhi pesa ho kukasw chupaao kam nahi hota
Nice
Jo ladkiya compromise karti h, padi likhi sunder sushil hoti h unki bhi to sasural wale kadra nahi karte, Kuch ladke to sach m bahut kharab hote h, ladkiyo ki jindagi kharab ho jati h, Jo ladki aur ladkiyo k Maa baap compromise nahi karte sahi rahte h
Mai ladka search karte karte 40 ki ho gayi
Sahi kaha pandit ji logo ne....sanskaron ki kami or sirf sunhare sapne dekhna filmy duniya mein jeena seekh liya hai
me shailji se sahamat hon
❤❤❤❤❤❤
Bhai sahab mata mota sare desh me yahi hal hai
मुझे तो ऐसा लगता है कि यदि इन्टर पास करने के उपरांत कोई माँ बाप अपनी लड़की की शादी अपने हिसाब से कर दें तो ठीक नहीं तो ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट करने के बाद लड़की माँ बाप के हिसाब से नहीं अपने हिसाब से शादी के लिए राजी होती है।
Naman hai swablambi betio ko..jo apne uttam bhavishya ke liye khud dulha chunti hai.unko hak hai
Mera bhi beta hai 35 sal ka
Koi nahi abhi aage aage dekhte raho kya kya hota hai
🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹
ladki koapne aap per bharosa nahi hai ki wo apna pariwar bana sake
सही बोले
Pandit ji 🙏 ye seb problem eslye ho rhee h ki bete betiya maa pitaaji ki nhi Maante h mujhe Esa lgeta h🙏🙏
बहुत से कारण हैं।
पहले लड़कियां पढ़ी लिखी कम थी, कम उम्र में शादी हो जाती थी और गांव घरों में रहती थी। अब लड़कियां पढ़ी लिखी ज्यादा हैं, गांव में रहना पसंद नहीं करती। शहर में मकान हो ऐसा रिश्ता उन्हें चाहिए। उसके ऊपर लड़का भी अच्छा खासा पढ़ा लिखा होना चाहिए। बड़ा परिवार generaly avoid किया जाता है। फिर कुछ सामाजिक समस्याएं हैं जैसे प्रेम विवाह में दिक्कतें, जातिवाद vgrh ये सब भी contribute करते हैं शादी न होने में। एक और बड़ी वजह है 90 के दशक में लड़कियों के साथ जो हुआ उसका असर अब दिख रहा है। पहले सबको लड़का ही चाहिए होता था जिस वजह से गांव घरों में लड़कियां अब दिखती ही नहीं। मैने इतने सारे गांव देख दिए हैं जहां 12-15 अविवाहित लड़के हैं लेकिन लड़कियां 1-2 भी नहीं
आज कल के लड़की को पैसा चाहिए और कुछ नहीं विनाश के लड़की के क्या बोले गुरु जी पढ़ी लिखी जो कह रही है आज कल के जमाने में सब लोग अच्छे कमा रहे है 😱😱
Palayan ho gaya hai gaon mein koi rahana nahin chahta aur naye bacchon Ko padhaanaa hai kirae ke Makan mein raho kharcha pura nahin hota berojgari jyada hai❤, 🙏
Tum jaise log apni ladkiyon ki pahad me sadi nhi kr rhe ho.
Sabka samay aata hai ab samay ladkiyoun ka hai
Tum jaise logo ne pahad khatam kr diya hai
कुछ ग्रामीण महिलाओं से भी बात कीजियेगा,,उनका भी पक्ष जाने,,
जी इसका प्लान किया है मैंने। कोशिश करूँगा जल्द हो जाय
PahAdhi log lalchi ho gye hai🙏
Girishji bakwas ker rahe hein. Bekar discussion rha.
Pahadi logo k paas jammen nhi h jinke paas hai wo hai plains k log aur. Wo hi garhwal ki ldkiyon se saadi kr re hain they have all thing money all prosperty
Panwar g apke hu gye khushi manoo😂😂😂😂
सबकी होगी देर सबेर
Aane waale samay mein pahad ke population states hi bigd jaegi
Pandit log kyu awareness nahi felate hai ki tum apni beti desiyo mai doge to tmhare beta bhi pahadi ladkiyo ke liye tarsega.
PAHAD KI BETI AB KHET MEIN KAM KARNA NAHIN CHAHTI SORRY SORRY SORRY 🇮🇳🇮🇳
Plans k log yha aake yha ka mahol khraab kr dia yha ki hawa khraab kr di