आज हजारों ट्रैक पे गाना और बजाना फिर भी आसान है.. पंचम दा के उस मेहनत को सलाम है जो वो सिंगल ट्रैक पे अपना जादू दिखाते थे... दिल से 21 तोपों की सलामी पंचम दा...❤❤❤
Manohari singh used to write music for all the sections of the orchestra. I don't know if there is till anyone in India who can write and arrange such a large orchestra with prominent brass and string sections. Respect. Deep respect.
Boss sorry but no words in mind mind how can I honour all of you my no words to convey you that you are all saraswati maa k real suputra God bless you all I want to listen all of you when my last breath is to come 🙏🤞👍
No one can match the great RD, he was much ahead of his time. This performance is truly a tribute to the KING OF RHYTHM. I bow down to all his associates .
One of the best music director of the world. GREAT SIR R.D BURMAN U WAS A MUSICAL MAGICIAN YOUR CREATIONS ARE UNIQUE YOUR MUSIC IS VERY DIFFERENTS THAN OTHER MUSIC DIRECTOR YOU WAS A MUSICAL GOD REST IN PIECE FROM LAHORE PAKISTAN
Panchamda... Absolutely genius... Abhi to sab jokers hai music me... I'm only 34 years... Kaash mein aapko live dekhta.... Kishor Saab, Rafi Saab, manna day ji, shat shat pranam... Aap khazana deke amar ho gaye ho...
I haven't heard anyone so easy, so smooth, so perfect, so effortless while rendering Hindi film songs on this wind instrument other than Manohari Singhji. Equally wonderful are the other orchestra members who complemented him. They look so down to earth, without any vanity. Real gems.
Marvellouw 1What a wonderful gathering of musicians created into a team by the master comoser R D Burman. Each contributing his best to the music while enjoying the music. vibrant.
I am chennai guy, hat's off R.D.B, he's an unparalleled, incomparable, brilliant, awesome composer. Even Maestro Ilayaraja is a great fan of beloved R.D.B and S.D.B.
Manohari Sir, you are numero uno Saxophonist. You are an INSTITUTION for us. I keep on listening repeatedly your each rendition. Salute you my entire lifetime Sir.
कितने हज़ार गीत होंगे जिन्हें हम सब सुनकर मस्त होते रहते हैं। संगीतकार,गायक,गीतकार की वाह-वाह करते रहते हैं लेकिन इन कई हज़ार गीतों में जादू पैदा करने वालों में एक जादूगर का नाम है - मनोहारी सिंह। अपनी फ्ल्यूट (स्टील की बांसुरी), सक्सोफोन और मेंडोलिन के जारी उन्होंने हिन्दी सिने संगीत में कितने रंग भरे हैं. ज़रा याद कीजिए- ‘ जा रे, जा रे उड़ जा रे पंछी, बहारों के देस जा रे’ (माया), ‘तुम्हे याद होगा कभी हम मिले थे’ (सट्टा बाज़ार), ‘अजी रूठकर अब कहाँ जाइयेगा’,और ‘ बेदर्दी बालमा तुझको मेरा मन याद करता है’ (आरजू), ‘अछा जी मैं हारी चलो मान जाओ ना’ (काला पानी) , ‘रुक जा ओ जाने वाली रुक जा’ (कन्हैया), ‘आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे हर ज़ुबान परा (ब्रहमचारी), ‘शोख नज़र की बिजलियाँ, दिल पे मेरे गिराए जा’ (वो कौन थी), ‘है दुनिया उसी की , ज़माना उसी का’ (काश्मीर की कली)’, ‘हुजूरे वाला, जो हो इजाज़त ‘ (ये रात फिर न आएगी), ‘गाता रहे मेरा दिल′ और ‘तेरे मेरे सपने अब एक रंग हैं’(गाईड), ‘जाग दिले-दीवाना, रुत जागी वसले यार की’ (ऊंचे लोग), ‘जाता हूँ मैं मुझे अब न बुलाना’ (दादी मां), ‘रात अकेली है’ (ज्वेल थीफ), ‘रूप तेरा मस्ताना’ (आराधना), और आर.डी. बर्मन के तो लगभग सारे संगीत में कहीं वादक तो कहीं अरेंजर तो कहीं किसी और रूप में मौजूद हैं ही। और अगर कुछ भी याद न हो तो सबसे ताज़ा यादा है अभी थोड़े दिन पहले ही सोनी टीवी के शो ‘इन्डियन आईडल ५’ पर आशा भोंसले के साथ भी मनोहारी दा अपने सक्सोफोन के साथ गुज़ारे दौर का जादू जगाते हुए दिखाई दिए थे। मन हर लीनो मनोहरी सिंह नेपाली मूल के संगीतकार थे। १९४१ में उनके दादा नेपाल से आकर कलकत्ता में बस गए थे। वे ट्रम्पेट प्लेयर के तौर पर ब्रिटिश फ़ौज की बैंड के सदस्य के रूप में यहाँ लाए गए थे। थोड़े अरसे बाद पित्ता भी यहीं आ गए और कलकत्ता में ही पुलिस बैंड में बतौर बैगपाईप और क्लार्नेट वादक नौकरी पा गए। ८ मार्च १९३१ को जन्मे मनोहरी की उम्र उस समय १०-११ बरस की थी। मगर घर में संगीत के माहौल के चलते वे भी संगीत में अभी से गोते लगाने लगे थे। पित्ता घर पर अपने शौक से फ्ल्यूट बजाते थे सो मनोहरी ने भी उसे ठान लिया। फिर मेंडोलिन। इसी तरह उम्र के बढ़ाते पड़ाव के साथ शौक भी बड़ता गया। सौभाग्य से मुलाक़ात हो गई जोसेफ न्यूमेन से। जोसेफ हंगरी मूल के संगीतकार थे, जो कलकत्ते में रह रहे थे, उनके पित्ता सक्सोफोन बजाते थे। मनोहरी सिंह भी इसी साज़ से दिल लगा बैठे। और दिल लगाया भी ऐसा कि अस्थमा के मर्ज़ के बावजूद इसे ज़िंदगी भर फूंक-फूंक कर ज़माने भर में इसकी सुगंध फैलाते रहे। कलकते में यह संगीत का एक ऐसा दौर था कि यहाँ के होटलों और नाईट क्लब्स में बड़े नामी कलाकार काम कर रहे थे। मनोहरी भी कलकत्ता सिम्फनी आर्केस्ट्रा के साथ जुड़े रहने के अलावा एक नाईट क्लब ‘फिर्पो’ के साथ १९५८ तक काम करते रहे। यह वही समय था जब संगीतकार नौशाद ने मनोहरी और उनके साथ बासू चक्रवर्ती को एक कार्यक्रम में बजाते देखा और संगीतकार सलिल चौधरी को सलाह डी कि इन दोनों कलाकारों को बंबई ले आएं। आखिर १९५८ में सलिल दा उन्हें बंबई ले गए। सलिल दा के पास उस समय बहुत काम न था सो उन्होंने संगीतकार एस.डी.बर्मन से मिलवाया। बर्मन दा ने उन्हें पहला मौक़ा दिया फिल्म ‘सितारों से आगे’ में। बर्मन दा से पहली मुलाक़ात के समय ही मनोहारी दा की उनके बेटे आर.डी.बर्मन उर्फ़ पंचम से भी मुलाक़ात हो गई। जिस समय सलिल दा मनोहारी को लेकर बाम्बे लैब पहुंचे जहां ‘सितारों से आगे’ की रिकार्डिंग हो रही थी, तो वहां पंचम, जयदेव, और लक्ष्मीकांत भी मौजूद थे। लक्ष्मीकांत उस समय बतौर साज़िन्दा मेंडोलिन बजाते थे और जयदेव बर्मन दा के सहायक थे। मनोहारी की यहाँ से जो दोस्ती और मोहब्बत का रिश्ता बना वो तमाम उम्र बना रहा। ‘छोटे नवाब’ से लेकर पंचम की आख़िरी चर्चित फिल्म ‘१९४२ अ लव स्टोरी’ तक। आप में से जिसने भी इन्डियन आइडल ५ वाला शो देखा होगा कि किस तरह आर.डी.बर्मन के ज़िक्र भर से दादा भावुक हो उठे थे। आर.डी.बर्मन की शख्सियत का यही कमाल है कि उनके साथ काम करने वाले भाग्यशाली लोगों की तो छोड़ दें, हम जैसे सिर्फ उनके गीत-संगीत से उन्हें जानने वाले भी आज तक उनकी दीवानगी से बाहर नहीं आ पाए हैं। बल्कि सच तो यह है कि ज्यों-ज्यों वक़्त गुज़रता है त्यों-त्यों यह दीवानगी बड़ती ही जाती है। मनोहारी सिंह ने लगभग सारे बड़े संगीतकारों के साथ काम किया। जैसा कि शरू में जो मैंने गीत गिनाए थे, यह बात उसी से ज़ाहिर हो जाती है। अब जैसे मदन मोहन जी के साथ ‘वो कौन थी’ के अलावा मेरी यादाश्त से फिल्म ‘हकीकत’ के मस्ती भरे गीत ‘मस्ती में छेड़ के तराना कोइ दिल का, आज लुटाएगा खज़ाना कोइ दिल का’ में सेक्साफोन और ‘हंसते ज़ख्म’ में ‘तुम जो मिल गए हो’ में की फ्ल्यूट बजाया है। शंकर-जयकिशन ने ‘ब्रहमचारी’ और ‘आरजू’ के अलावा फिल्म ‘प्रोफ़ेसर’ में क्या कमाल का पीस ‘आवाज़ दे के हमें तुम बुलाओ, मोहब्बत में इतना न हमको सताओ’ में बजाया है कि गीत याद करो तो बोलों से ज़्यादा सेक्साफोन की लहराती-बलखाती धुन ज़हन में गूजती रह जाती है। इसी तरह मनोहारी दादा ने एक बार दुबई में बसे मेरे अदभुत संगीत प्रेमी मित्र डाक्टर चंद्रशेखर से कहा था कि उनके साज़ का सबसे अदभुत इस्तेमाल प्यारेलाल (लक्ष्मीकांत प्यारेलाल) ने फिल्म ‘अमीर गरीब’ के गीत ‘मैं आया हूँ ले के साज़ हाथों में’ में किया है। वाह! सचमुच अगर किसी को इस साज़ की गहराई और छिपी हुई ध्वनियों को जानना हो तो इसे सुनना चाहिए। इसका मतलब यह नहीं कि फिल्म ‘गाईड’ के ‘तेरे मेरे सपने अब एक रंग हैं’ में बजाया गया टुकड़ा कुछ कमतर है। आप ज़रा गौर से सुनकर देखें कैसे सेक्साफोन धीमे से ‘मेरे तेरे दिल का, तय था इक दिन मिलना / जैसे बहार आने पर तय है फूल का खिलना’ जैसी पंक्तियों को शब्द की परछाईं बनकररूह अत्ता करता है। या फिर अंतरे में बिना शब्द सारे माहौल को बयान करना। पूरे के पूरे गीत में ही सेक्साफोन आत्मा की तरह प्रवाहित होता है। ओ.पी.नैयर साहब के लिए तो उन्होंने ‘है दुनिया उसी की’ में दुःख को ऐसा सांगीतिक एक्सप्रेशन दिया है मानो दुःख भी इस दुःख से तड़प उठा हो। कितने-कितने बेमिसाल गीत हैं और क्या-क्या उसमें कलाकारी हुई है। अब जैसे जयपुर में बसे मेरे संगीत प्रेमी मित्र पवन झा ने आज ही मुझे एक किस्सा सुनाया। फिल्म ‘माया’ में सलिल दा ने एक गीत रचा है ‘जा रे, जा रे उड़ जा रे पंछी’। इस गीत की शुरूआत की फ्ल्यूट के स्वरों से होती है और कुछ सेकण्ड बाद ही सेक्साफोन आ जाता है। उस दिन रिकार्डिंग के लिए एक साजिन्दे के न आने की वजह से सलिल दा ने यह दोनों साज़ मनोहारी दा को बजाने की जिमेदारी सौंपी। फ्ल्यूट जितनी हल्की-फुल्की, सेक्साफोन उतनी ही भारी लेकिन कुछ देर के रियाज़ के बाद ही इस काम मनोहारी सिंह ने बखूबी कर दिखाया। आर.डी.बर्मन तो एक ऐसी चीज़ थे जो हर काम को अपने अलग अंदाज़ से करने के आदी थे। मनोहारी सिंह से लोग फ्ल्यूट और सेक्साफोन बजवाते थे लेकिन आर.डी। ने उनसे सीटी भी बजवाई। फिल्म ‘कटी पतंग’ के गीत ‘ये शाम मस्तानी, मदहोश किए जाय’ की सीटी याद हैं न ? इसी तरह फिल्म ‘प्यार का मौसम’ में बजवाया मेंडोलिन। ज़रा याद कीजिए ‘तुम बिन जाऊं कहाँ, कि दुनिया में आ के , कुछ न फिर चाहा सनम, तुमको चाह के’। मोहम्मद रफ़ी वाला वर्शन सुन लें। मज़ा आ जाएगा। एक ऐसा साज़ जिसके उस्ताद हुए या तो महान संगीतकार सज्जाद और उसके बाद लक्ष्मीकांत, उसे मनोहारी दा ने क्या बजाया है। एक और बात। मनोहारी दा ने अपने दोस्त और आर.डी.बर्मन के दूसरे सहयोगी बासू चक्रवर्ती के साथ मिलकर कुछ फिल्मों में संगीत भी दिया। १९७६ में महमूद की ‘सबसे बड़ा रुपैया’ में ‘ना बीबी न बच्चा, न बाप बड़ा ना मैया’, ‘दरिया किनारे इक बंगलो’ और ‘बही जइयो ना रानी बही जइयो ना’ तो अब तक याद है न। इसके अलावा ‘चटपटी’ (८१) और ८३ में ‘कन्हैया’ बासू-मनोहारी की इस जोड़ी ने दी। क्या-क्या याद करूं ? अब तो हर दिन ही सिर्फ याद करना है। जब-जब कोई गीत बजेगा, कान बेसब्री से उस साज़ का इंतज़ार करेंगे जिनसे मनोहारी दा की आवाज़ सुनाई देगी। और.. १३ जुलाई २०१० को जब मनोहारी दा की म्रत्यु हुई उस समय उनकी उम्र ७९ साल की थी। मगर कमाल यह है कि उन्होंने अपनी तमाम उम्र में कभी बजाना नहीं छोड़ा। २००३ की फिल्म ‘चलते-चलते’ के लिए भी बजाया तो २००४ की फिल्म ‘वीर जारा’ में भी बजाया। म्रत्यु से कुछ दिन पहले ही उन्होंने संगीतकार शंकर-जयकिशन की स्मृति में आयोजित एक कार्यक्रम में बाकायदा परफार्मेंस दिया था। ऐसे जीवट के महान संगीतकार को सौ-सौ सलाम। और हाँ। अब आपको भी सलाम। मतलब अगले हफ्ते तक की जय-जय। (दैनिक भास्कर के साप्ताहिक परिशिष्ट ‘रसरंग’ से - १८ जुलाई २०१० को प्रकाशित)
Udaysingh Gour. U r right Manohari singh ji s contribution in RD burmans music is too big, But unnoticed. He was back bone of rds orchestra and a true legend. Never bothered for recognition. Really missing them all today..
All the musicians are so down to earth. Not a trace of ego even in one. Hence that beautiful flow of heart filling music. All are par excellence. Lucky all those who attended this and watching. God Bless All.
The kind of high quality recording studios we have these days , imagine what could have these musicians done if they have got today's recording studios...
Truely WOW !!! Couldn't stop tears through me remembering the great RD......Oh, I am so proud to be Indian.....to hear this magic.....that just transforms the listener....
Certain times or in life u become speechless and lost 4 words to merit or praises these master and best composer probably Bollywood has ever produced UNFORGETTABLE PANCHAM DA. WWWWOOOOOOOWWWWWW
Mesmerising. A great way to remember this genius RD, who was much, much ahead of his time. His absence is being felt now because we are living in a vacuum that has been created by his demise.
I have seen live Manoharisinghji ; song Gulabi aankhe jo teri dekhi sharabi ye dil ho gaya supppeerrb seen ever in life .too good. In Pune. 👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌
Simply Incredible............ Three Kudos to the instrument players. If not for their love and dedication, we would not have enjoyed filmy music. It gives me goosebumps just seeing the committment on their faces.
His music was and is timeless, a mix of East and West. God gifted. Nobody could compete with late R.D. Burman. The sax, violins and trompets. Don't hear that anymore.
Spellbound.............Hats off to the Musicians to Re enjoy those unforgettable musics which creates our all time great maestro of Indian Music R.D................ Immortal tunes.....unforgettable music...........Again Salute to Pancham Da .........
I guess Im asking the wrong place but does someone know of a trick to log back into an Instagram account..? I was dumb forgot the account password. I would appreciate any tips you can offer me.
@Robert Gerardo thanks for your reply. I found the site thru google and I'm trying it out atm. Looks like it's gonna take a while so I will reply here later with my results.
Punchamda tu hai pyar mera. Rule over my heart with your music till I live. Thank uou puncum da I didnot see you iny life time . But I see see you in beautiful soul.
You know what happened? God felt bored.There was no good music that he could listen.He wanted only the best music. So he called Pancham da near him so that he could listen to his eternal music till eternity.Result: we mortals are pining for his music here. R.D. Saab, pls come back
Yes but it wasn't just Pancham. As you can see it was his whole team. Kudos to all the musicians, the singers and the lyricists who brought alive Pancham's music
Zinda haathi lakh ka mar hathi sawa lakh ka ....salute to rd ...his gems those talented artists will never come again..these are last in there category
RD was probably the most versatile composer among so many luminaries of his era. Great orchestra with many of the original musicians. The announcer lacked life.
I am so much grateful for this fantastic initiative where I can see and feel all those great gems created by Panchamda with such a live orchestra (not a track culture). Can feel the same passion by all musicians... All are legends in their own rights. And I pay my sincere gratefulness to each one who has contributed to this. Please keep posting it; fans like me are ready to accept all your such great favors to us... Simply Hats off! Thank you; from depth of my heart!
please ask Subhash Ghai why he mistreated Pancham and he was the Only person who insulted your pancham after which he started Drinking and finally Liver Damage and Death
Manohari da, homi mullaji ,shyamraj ji khishorji sodha rajsaheb sodha Nitin shankarji Raju dalvi sahab ashvinji Ranjit Gajmerji (kanchbhai) over all Team Salutes 🙏🙏🙏🙏🙏
When instruments speak! What a beautiful sound. What talented musicians and the sound when they play together. Makes you appreciate the music making process a lot more
i like both the parts of pancham eternal passion.i had watched these 2 videos at least 25 times.i love these videos all the time.beautiful music and artists.what a work dedication of these artists.great.
Well ... I grew up with the Music of RD Burman - Shankar Jaikishan - Laxmikant Pyarelal, Kalyanji Anandji , Madan Mohan and other great Indian Musicians. I just love their music. * Manohari Singh on Saxophone - Cudos ! Respect to All Musicians!
No words to praise yuo all,so far your groups music flows into the hearts of our music lovers your's group & burmanda (panchamda),basuda,manohrida will always be rememberd...may god bless you all.
Song List "5:40" Aa ja aa ja mere pyar tera "19:27" tu tu hai wohi "25:52" Chala jaata hu "30:03" Ye jo muhobbat hai "37:00: ye jawani ye diwani "43:41" lekar hum diwana dil "51:49" vaada karo nahi chhodoge tum mera saath "1:04:09" mehabooba mehabooba
Thank you pancham da i love you sir Thank you kishore kumar i love you sir Aap dono always jinda rahoge hamre dilo me jab tak music hain Thank you aapke liye words hi chote hai Miss you sir
सर सभी महान संगीतकारौं को मेरा दिल से कोटि कोटि बार नमन में संगीत के बारे में तो नहीं जानता लेकिन मुझे सुनना बहुत पसंद है मुझे पुराना संगीत और गाने सुनकर दिल झूम उठता है और कभी कभी जीवन की भी सच्चाई झलकती है और कभी वे मौसम बहार आ जाती है ऐसा संगीत सुनकर और गाने सर अगर मैंने कुछ गलत बोल दिया हो तो माफी चाहूंगा
I am overhauled to hear these eternal musics with so many musicians paying respect to a great man of the music world. we will live for this music for ever
It is a tribute by team of excellent musicians to their Boss ....Great Pancham. Pancham's compositions will be remembered for a very long time and as his fan, I once again thank to His Team Members........God Bless You All....
Thanks,Ashutosh.Since I have attended many shows at Pune, I firmly believe it is due to panchammagic's efforts that we are able to get recording studio's experience and current trend of Instrumental shows all around the world, which has also resulted in good earning opportunity for accoustic musicians.
आज हजारों ट्रैक पे गाना और बजाना फिर भी आसान है..
पंचम दा के उस मेहनत को सलाम है जो वो सिंगल ट्रैक पे अपना जादू दिखाते थे...
दिल से 21 तोपों की सलामी पंचम दा...❤❤❤
संगीत की एक दुनिया होती है और कलाकार उसी में जब जीवन अर्पित कर देता है तो हर दिल अजीज होता है । मुझे प्रोरोग्राम देखा तो मंत्र मुग्ध हो गया हुं
Manohari singh used to write music for all the sections of the orchestra. I don't know if there is till anyone in India who can write and arrange such a large orchestra with prominent brass and string sections. Respect. Deep respect.
He was the heart beat of Puncham
Ilaiyaraaja writes his entire composition in under 30 minutes. ManohariDa is a legend though!
great musicians...hats off to each one of them.enjoyed each song bringing back the good old memories...😍
Boss sorry but no words in mind mind how can I honour all of you my no words to convey you that you are all saraswati maa k real suputra God bless you all I want to listen all of you when my last breath is to come 🙏🤞👍
No one can match the great RD, he was much ahead of his time. This performance is truly a tribute to the KING OF RHYTHM. I bow down to all his associates .
Wonderful, Panchamda was an unbelievable dream of this great world of hindi film music
आर्केस्ट्रा के सभी गुणीजनों महारथियों कलाकारों को सादर प्रणाम। ❤❤🙏🏻🌹🙏🏻💐💐
One of the best music director of the world.
GREAT SIR R.D BURMAN U WAS A MUSICAL MAGICIAN
YOUR CREATIONS ARE UNIQUE
YOUR MUSIC IS VERY DIFFERENTS THAN OTHER MUSIC DIRECTOR
YOU WAS A MUSICAL GOD
REST IN PIECE
FROM LAHORE PAKISTAN
FANTASTIC ! R.D Burman the music Magician
so all are the ARTIST Who played for him - a SALUTE to them as well.
EVERGREEN .. thanks for sharing
उस वक्त के संगीतकार केवल संगीतकार नहीं थे, वो लोग जादूगर थे जो बेजान वजिंत्रो से भी शब्द और भावनाएं दूसरो को अनुभव करवाते थे। शत शत नमन 🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Panchamda... Absolutely genius...
Abhi to sab jokers hai music me...
I'm only 34 years...
Kaash mein aapko live dekhta....
Kishor Saab, Rafi Saab, manna day ji, shat shat pranam...
Aap khazana deke amar ho gaye ho...
I haven't heard anyone so easy, so smooth, so perfect, so effortless while rendering Hindi film songs on this wind instrument other than Manohari Singhji. Equally wonderful are the other orchestra members who complemented him. They look so down to earth, without any vanity. Real gems.
Marvellouw 1What a wonderful gathering of musicians created into a team by the master comoser R D Burman. Each contributing his best to the music while enjoying the music. vibrant.
alas!!! this golden age, golden people will never come back...
I am chennai guy, hat's off R.D.B, he's an unparalleled, incomparable, brilliant, awesome composer. Even Maestro Ilayaraja is a great fan of beloved R.D.B and S.D.B.
Manohari Sir, you are numero uno Saxophonist. You are an INSTITUTION for us. I keep on listening repeatedly your each rendition. Salute you my entire lifetime Sir.
Thanks for making us re-live the PANCHAM MAGIC.
कितने हज़ार गीत होंगे जिन्हें हम सब सुनकर मस्त होते रहते हैं। संगीतकार,गायक,गीतकार की वाह-वाह करते रहते हैं लेकिन इन कई हज़ार गीतों में जादू पैदा करने वालों में एक जादूगर का नाम है - मनोहारी सिंह। अपनी फ्ल्यूट (स्टील की बांसुरी), सक्सोफोन और मेंडोलिन के जारी उन्होंने हिन्दी सिने संगीत में कितने रंग भरे हैं. ज़रा याद कीजिए- ‘ जा रे, जा रे उड़ जा रे पंछी, बहारों के देस जा रे’ (माया), ‘तुम्हे याद होगा कभी हम मिले थे’ (सट्टा बाज़ार), ‘अजी रूठकर अब कहाँ जाइयेगा’,और ‘ बेदर्दी बालमा तुझको मेरा मन याद करता है’ (आरजू), ‘अछा जी मैं हारी चलो मान जाओ ना’ (काला पानी) , ‘रुक जा ओ जाने वाली रुक जा’ (कन्हैया), ‘आजकल तेरे मेरे प्यार के चर्चे हर ज़ुबान परा (ब्रहमचारी), ‘शोख नज़र की बिजलियाँ, दिल पे मेरे गिराए जा’ (वो कौन थी), ‘है दुनिया उसी की , ज़माना उसी का’ (काश्मीर की कली)’, ‘हुजूरे वाला, जो हो इजाज़त ‘ (ये रात फिर न आएगी), ‘गाता रहे मेरा दिल′ और ‘तेरे मेरे सपने अब एक रंग हैं’(गाईड), ‘जाग दिले-दीवाना, रुत जागी वसले यार की’ (ऊंचे लोग), ‘जाता हूँ मैं मुझे अब न बुलाना’ (दादी मां), ‘रात अकेली है’ (ज्वेल थीफ), ‘रूप तेरा मस्ताना’ (आराधना), और आर.डी. बर्मन के तो लगभग सारे संगीत में कहीं वादक तो कहीं अरेंजर तो कहीं किसी और रूप में मौजूद हैं ही।
और अगर कुछ भी याद न हो तो सबसे ताज़ा यादा है अभी थोड़े दिन पहले ही सोनी टीवी के शो ‘इन्डियन आईडल ५’ पर आशा भोंसले के साथ भी मनोहारी दा अपने सक्सोफोन के साथ गुज़ारे दौर का जादू जगाते हुए दिखाई दिए थे।
मन हर लीनो
मनोहरी सिंह नेपाली मूल के संगीतकार थे। १९४१ में उनके दादा नेपाल से आकर कलकत्ता में बस गए थे। वे ट्रम्पेट प्लेयर के तौर पर ब्रिटिश फ़ौज की बैंड के सदस्य के रूप में यहाँ लाए गए थे। थोड़े अरसे बाद पित्ता भी यहीं आ गए और कलकत्ता में ही पुलिस बैंड में बतौर बैगपाईप और क्लार्नेट वादक नौकरी पा गए।
८ मार्च १९३१ को जन्मे मनोहरी की उम्र उस समय १०-११ बरस की थी। मगर घर में संगीत के माहौल के चलते वे भी संगीत में अभी से गोते लगाने लगे थे। पित्ता घर पर अपने शौक से फ्ल्यूट बजाते थे सो मनोहरी ने भी उसे ठान लिया। फिर मेंडोलिन।
इसी तरह उम्र के बढ़ाते पड़ाव के साथ शौक भी बड़ता गया। सौभाग्य से मुलाक़ात हो गई जोसेफ न्यूमेन से। जोसेफ हंगरी मूल के संगीतकार थे, जो कलकत्ते में रह रहे थे, उनके पित्ता सक्सोफोन बजाते थे। मनोहरी सिंह भी इसी साज़ से दिल लगा बैठे। और दिल लगाया भी ऐसा कि अस्थमा के मर्ज़ के बावजूद इसे ज़िंदगी भर फूंक-फूंक कर ज़माने भर में इसकी सुगंध फैलाते रहे।
कलकते में यह संगीत का एक ऐसा दौर था कि यहाँ के होटलों और नाईट क्लब्स में बड़े नामी कलाकार काम कर रहे थे। मनोहरी भी कलकत्ता सिम्फनी आर्केस्ट्रा के साथ जुड़े रहने के अलावा एक नाईट क्लब ‘फिर्पो’ के साथ १९५८ तक काम करते रहे। यह वही समय था जब संगीतकार नौशाद ने मनोहरी और उनके साथ बासू चक्रवर्ती को एक कार्यक्रम में बजाते देखा और संगीतकार सलिल चौधरी को सलाह डी कि इन दोनों कलाकारों को बंबई ले आएं।
आखिर १९५८ में सलिल दा उन्हें बंबई ले गए। सलिल दा के पास उस समय बहुत काम न था सो उन्होंने संगीतकार एस.डी.बर्मन से मिलवाया। बर्मन दा ने उन्हें पहला मौक़ा दिया फिल्म ‘सितारों से आगे’ में।
बर्मन दा से पहली मुलाक़ात के समय ही मनोहारी दा की उनके बेटे आर.डी.बर्मन उर्फ़ पंचम से भी मुलाक़ात हो गई। जिस समय सलिल दा मनोहारी को लेकर बाम्बे लैब पहुंचे जहां ‘सितारों से आगे’ की रिकार्डिंग हो रही थी, तो वहां पंचम, जयदेव, और लक्ष्मीकांत भी मौजूद थे।
लक्ष्मीकांत उस समय बतौर साज़िन्दा मेंडोलिन बजाते थे और जयदेव बर्मन दा के सहायक थे।
मनोहारी की यहाँ से जो दोस्ती और मोहब्बत का रिश्ता बना वो तमाम उम्र बना रहा। ‘छोटे नवाब’ से लेकर पंचम की आख़िरी चर्चित फिल्म ‘१९४२ अ लव स्टोरी’ तक। आप में से जिसने भी इन्डियन आइडल ५ वाला शो देखा होगा कि किस तरह आर.डी.बर्मन के ज़िक्र भर से दादा भावुक हो उठे थे। आर.डी.बर्मन की शख्सियत का यही कमाल है कि उनके साथ काम करने वाले भाग्यशाली लोगों की तो छोड़ दें, हम जैसे सिर्फ उनके गीत-संगीत से उन्हें जानने वाले भी आज तक उनकी दीवानगी से बाहर नहीं आ पाए हैं। बल्कि सच तो यह है कि ज्यों-ज्यों वक़्त गुज़रता है त्यों-त्यों यह दीवानगी बड़ती ही जाती है।
मनोहारी सिंह ने लगभग सारे बड़े संगीतकारों के साथ काम किया। जैसा कि शरू में जो मैंने गीत गिनाए थे, यह बात उसी से ज़ाहिर हो जाती है। अब जैसे मदन मोहन जी के साथ ‘वो कौन थी’ के अलावा मेरी यादाश्त से फिल्म ‘हकीकत’ के मस्ती भरे गीत ‘मस्ती में छेड़ के तराना कोइ दिल का, आज लुटाएगा खज़ाना कोइ दिल का’ में सेक्साफोन और ‘हंसते ज़ख्म’ में ‘तुम जो मिल गए हो’ में की फ्ल्यूट बजाया है।
शंकर-जयकिशन ने ‘ब्रहमचारी’ और ‘आरजू’ के अलावा फिल्म ‘प्रोफ़ेसर’ में क्या कमाल का पीस ‘आवाज़ दे के हमें तुम बुलाओ, मोहब्बत में इतना न हमको सताओ’ में बजाया है कि गीत याद करो तो बोलों से ज़्यादा सेक्साफोन की लहराती-बलखाती धुन ज़हन में गूजती रह जाती है।
इसी तरह मनोहारी दादा ने एक बार दुबई में बसे मेरे अदभुत संगीत प्रेमी मित्र डाक्टर चंद्रशेखर से कहा था कि उनके साज़ का सबसे अदभुत इस्तेमाल प्यारेलाल (लक्ष्मीकांत प्यारेलाल) ने फिल्म ‘अमीर गरीब’ के गीत ‘मैं आया हूँ ले के साज़ हाथों में’ में किया है। वाह! सचमुच अगर किसी को इस साज़ की गहराई और छिपी हुई ध्वनियों को जानना हो तो इसे सुनना चाहिए।
इसका मतलब यह नहीं कि फिल्म ‘गाईड’ के ‘तेरे मेरे सपने अब एक रंग हैं’ में बजाया गया टुकड़ा कुछ कमतर है। आप ज़रा गौर से सुनकर देखें कैसे सेक्साफोन धीमे से ‘मेरे तेरे दिल का, तय था इक दिन मिलना / जैसे बहार आने पर तय है फूल का खिलना’ जैसी पंक्तियों को शब्द की परछाईं बनकररूह अत्ता करता है। या फिर अंतरे में बिना शब्द सारे माहौल को बयान करना। पूरे के पूरे गीत में ही सेक्साफोन आत्मा की तरह प्रवाहित होता है।
ओ.पी.नैयर साहब के लिए तो उन्होंने ‘है दुनिया उसी की’ में दुःख को ऐसा सांगीतिक एक्सप्रेशन दिया है मानो दुःख भी इस दुःख से तड़प उठा हो।
कितने-कितने बेमिसाल गीत हैं और क्या-क्या उसमें कलाकारी हुई है। अब जैसे जयपुर में बसे मेरे संगीत प्रेमी मित्र पवन झा ने आज ही मुझे एक किस्सा सुनाया। फिल्म ‘माया’ में सलिल दा ने एक गीत रचा है ‘जा रे, जा रे उड़ जा रे पंछी’। इस गीत की शुरूआत की फ्ल्यूट के स्वरों से होती है और कुछ सेकण्ड बाद ही सेक्साफोन आ जाता है। उस दिन रिकार्डिंग के लिए एक साजिन्दे के न आने की वजह से सलिल दा ने यह दोनों साज़ मनोहारी दा को बजाने की जिमेदारी सौंपी। फ्ल्यूट जितनी हल्की-फुल्की, सेक्साफोन उतनी ही भारी लेकिन कुछ देर के रियाज़ के बाद ही इस काम मनोहारी सिंह ने बखूबी कर दिखाया।
आर.डी.बर्मन तो एक ऐसी चीज़ थे जो हर काम को अपने अलग अंदाज़ से करने के आदी थे। मनोहारी सिंह से लोग फ्ल्यूट और सेक्साफोन बजवाते थे लेकिन आर.डी। ने उनसे सीटी भी बजवाई। फिल्म ‘कटी पतंग’ के गीत ‘ये शाम मस्तानी, मदहोश किए जाय’ की सीटी याद हैं न ? इसी तरह फिल्म ‘प्यार का मौसम’ में बजवाया मेंडोलिन। ज़रा याद कीजिए ‘तुम बिन जाऊं कहाँ, कि दुनिया में आ के , कुछ न फिर चाहा सनम, तुमको चाह के’। मोहम्मद रफ़ी वाला वर्शन सुन लें। मज़ा आ जाएगा। एक ऐसा साज़ जिसके उस्ताद हुए या तो महान संगीतकार सज्जाद और उसके बाद लक्ष्मीकांत, उसे मनोहारी दा ने क्या बजाया है।
एक और बात। मनोहारी दा ने अपने दोस्त और आर.डी.बर्मन के दूसरे सहयोगी बासू चक्रवर्ती के साथ मिलकर कुछ फिल्मों में संगीत भी दिया। १९७६ में महमूद की ‘सबसे बड़ा रुपैया’ में ‘ना बीबी न बच्चा, न बाप बड़ा ना मैया’, ‘दरिया किनारे इक बंगलो’ और ‘बही जइयो ना रानी बही जइयो ना’ तो अब तक याद है न। इसके अलावा ‘चटपटी’ (८१) और ८३ में ‘कन्हैया’ बासू-मनोहारी की इस जोड़ी ने दी।
क्या-क्या याद करूं ? अब तो हर दिन ही सिर्फ याद करना है। जब-जब कोई गीत बजेगा, कान बेसब्री से उस साज़ का इंतज़ार करेंगे जिनसे मनोहारी दा की आवाज़ सुनाई देगी।
और..
१३ जुलाई २०१० को जब मनोहारी दा की म्रत्यु हुई उस समय उनकी उम्र ७९ साल की थी। मगर कमाल यह है कि उन्होंने अपनी तमाम उम्र में कभी बजाना नहीं छोड़ा। २००३ की फिल्म ‘चलते-चलते’ के लिए भी बजाया तो २००४ की फिल्म ‘वीर जारा’ में भी बजाया।
म्रत्यु से कुछ दिन पहले ही उन्होंने संगीतकार शंकर-जयकिशन की स्मृति में आयोजित एक कार्यक्रम में बाकायदा परफार्मेंस दिया था। ऐसे जीवट के महान संगीतकार को सौ-सौ सलाम।
और हाँ। अब आपको भी सलाम। मतलब अगले हफ्ते तक की जय-जय।
(दैनिक भास्कर के साप्ताहिक परिशिष्ट ‘रसरंग’ से - १८ जुलाई २०१० को प्रकाशित)
Udaysingh Gour yes you are right nice person & great man
Udaysingh Gour. U r right
Manohari singh ji s contribution in RD burmans music is too big,
But unnoticed.
He was back bone of rds orchestra and a true legend.
Never bothered for recognition.
Really missing them all today..
Very nice
Udaysingh Gour wonderful
Thanks for giving much information about manohari Singh.really he is a great musician..
NO words ..Just a Big Big Salute to RD and all these artists
मनोहरीदा की साँसोंसे भी सॅक्सोफोन की आवाज आती होंगी. Just a great man. No other words
Excellent!! Brings back my college days. I can't help tears coming from my eyes. What music! Ahead of his times for sure.
All the musicians are so down to earth. Not a trace of ego even in one. Hence that beautiful flow of heart filling music. All are par excellence. Lucky all those who attended this and watching. God Bless All.
The kind of high quality recording studios we have these days , imagine what could have these musicians done if they have got today's recording studios...
Truely WOW !!! Couldn't stop tears through me remembering the great RD......Oh, I am so proud to be Indian.....to hear this magic.....that just transforms the listener....
Sir, Legends RD KISHORE ASHA DEADLY COMBINATION 👍
Pancham music is immortal. Big thank you to these guys for keeping it alive. I am a big fan of Pancham music. 👍
Certain times or in life u become speechless and lost 4 words to merit or praises these master and best composer probably Bollywood has ever produced UNFORGETTABLE PANCHAM DA. WWWWOOOOOOOWWWWWW
Mesmerising. A great way to remember this genius RD, who was much, much ahead of his time. His absence is being felt now because we are living in a vacuum that has been created by his demise.
Pancham Da was God
Meri memboba was western copy
I 89
I have seen live Manoharisinghji ; song Gulabi aankhe jo teri dekhi sharabi ye dil ho gaya supppeerrb seen ever in life .too good. In Pune. 👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌
Simply Incredible............ Three Kudos to the instrument players. If not for their love and dedication, we would not have enjoyed filmy music. It gives me goosebumps just seeing the committment on their faces.
Pancham da you were ahead time. You have enriched our lives. We have grown up listening to your compositions. Love ❤you Pancham da.
His music was and is timeless, a mix of East and West. God gifted. Nobody could compete with late R.D. Burman.
The sax, violins and trompets. Don't hear that anymore.
Please address of d above musical group
Speechless superb manohari da wit his sax and all other great musicians ......out of this world experience long live Rd and his magic ❤️👍
Panchamda, best of the best, take a bow, there never was nor there will be anyone better, thanks so much for sharing
God doesn't make legends of his stature anymore. There was, is, and will be only one Panchamda! Bollywood's musical God. Only one.
Pancham da the best nobody to beat him thx for uploading this
Spellbound.............Hats off to the Musicians to Re enjoy those unforgettable musics which creates our all time great maestro of Indian Music R.D................ Immortal tunes.....unforgettable music...........Again Salute to Pancham Da .........
No words. More you listen to this; more you get addicted to it.
No one like Pancham Da and all the super talented group he had.
Spellbound and Speechless.Long live the musicians and instrumentalists
Charmingandspellbound
Most of the times we praise the singers only but these people infuse soul into the performance.
I guess Im asking the wrong place but does someone know of a trick to log back into an Instagram account..?
I was dumb forgot the account password. I would appreciate any tips you can offer me.
@Kash Mitchell instablaster ;)
@Robert Gerardo thanks for your reply. I found the site thru google and I'm trying it out atm.
Looks like it's gonna take a while so I will reply here later with my results.
Punchamda tu hai pyar mera. Rule over my heart with your music till I live. Thank uou puncum da I didnot see you iny life time . But I see see you in beautiful soul.
Thanks for uploading, all pancham musical moments came flooding back.
Words not enough to praise the musicians... Loving it... Thanks to the person who made it available on youtube...
Simply my humble respects to all blessed musicians and of course Pancham Da
I was Lucky to be a Witness of this Concert...Great.....
Really lucky
pravin s shrisunder Salute hai sir aapko
nice
pravin s shrisundp
B
You are really lucky!!!
this team of Rd is superb,,,,,manohari,nitin,franco,kancha,ramesh,....tooooo goood
Amazing Star ❤
You know what happened? God felt bored.There was no good music that he could listen.He wanted only the best music. So he called Pancham da near him so that he could listen to his eternal music till eternity.Result: we mortals are pining for his music here.
R.D. Saab, pls come back
We want pancham the one and only...
Absolutely
Yes but it wasn't just Pancham. As you can see it was his whole team. Kudos to all the musicians, the singers and the lyricists who brought alive Pancham's music
Zinda haathi lakh ka mar hathi sawa lakh ka ....salute to rd ...his gems those talented artists will never come again..these are last in there category
These are most of my childhood songs. I salute to all those musicians who contributed in making it possible to relive my childhood memories.
how masterfully Manohari Ji playing , just pure talent. he is t not acting on sexaphone. His body is is in flow with the tune . God Bless his soul
Bhava anchoring nahi jamat...jam boar
I am Kerala but I love rdb. Wow. What a program. No comment
Manohari Da the ace Saxophone player playing the lead is a legend when it.comes to Hindi film music
RD was probably the most versatile composer among so many luminaries of his era. Great orchestra with many of the original musicians. The announcer lacked life.
Yes
730 people still need to know more about music and dedication who unlike this
I am so much grateful for this fantastic initiative where I can see and feel all those great gems created by Panchamda with such a live orchestra (not a track culture). Can feel the same passion by all musicians... All are legends in their own rights. And I pay my sincere gratefulness to each one who has contributed to this. Please keep posting it; fans like me are ready to accept all your such great favors to us... Simply Hats off! Thank you; from depth of my heart!
MAGICAL!!! Just one word for this beautiful tribute to THE LEGEND that RD was!!
O My God! What an expert team of musicians! Long Live the entire team.
A pure genius. It will keep us mesmerized for next 100 years and more. Salute to u Panchamda.
Manohary Singh Ji Namaskar. Very sweet music especially Fluit. SALUTE all musicians.......
Indeed these are the jewels of Panchamji' s crown. Hats off to these Navaratnas. Wah. Superb.
I m instant crying listning this my DEAR music director R.D. please come R.D PLEASE COME .......................
please ask Subhash Ghai why he mistreated Pancham and he was the Only person who insulted your pancham after which he started Drinking and finally Liver Damage and Death
Yes...We all waiting
Mereko bhi rona ata hai.
@@tamals22 sale suvash ghai ko Ishwar kare narak veg de.
@@tamals22 not your say Our Pancham Da
Manohari da, homi mullaji ,shyamraj ji khishorji sodha rajsaheb sodha Nitin shankarji Raju dalvi sahab ashvinji Ranjit Gajmerji (kanchbhai) over all Team Salutes 🙏🙏🙏🙏🙏
When instruments speak! What a beautiful sound. What talented musicians and the sound when they play together. Makes you appreciate the music making process a lot more
Exlent musician and Manori Da
Mesmerizing music .....simply no words. All old instruments in todays world is quite refreashing :)
Spell binding. Hats off to the men and women behind this mega show. Too good
Aaj kal ke gaano me ye baat nahi . Bas electronic beats mix karke gana banadete hai. En gaano ki variation dekh kar dil bagh bagh hojata hai
Hindustaani sangeet men bhagwaan,allah basta hai.🙏🙏🙏madhur sangeet.wonderful fantastic 🎻🎺🎹🥁🎸🎷🙏🙏🙏🇮🇳
Manohari Ji..you are a true gem !!!
Bhalo
I was Lucky to be a Witness of this Concert...Great memorable moment i have witnessed
शानदार, जबरदस्त, अद्वितीय परफॉरमेंस । सभी musicians को बहुत बहुत धन्यवाद।
i like both the parts of pancham eternal passion.i had watched these 2 videos at least 25 times.i love these videos all the time.beautiful music and artists.what a work dedication of these artists.great.
Well ... I grew up with the Music of RD Burman - Shankar Jaikishan - Laxmikant Pyarelal, Kalyanji Anandji , Madan Mohan and other great Indian Musicians.
I just love their music.
* Manohari Singh on Saxophone - Cudos ! Respect to All Musicians!
No words to praise yuo all,so far your groups music flows into the
hearts of our music lovers your's group & burmanda (panchamda),basuda,manohrida will always be rememberd...may god bless you all.
Me too
Very true. Just FYI....it's Kudos not Cudos
Excellent, one of my favorite music composer. Thanks for uploading these vids.
The Most Talented and Gifted in the Music industry at their best!
this is my go to page when i am looking for any inspiration .. just like it is titled .. this is MAGIC !!
Song List
"5:40" Aa ja aa ja mere pyar tera
"19:27" tu tu hai wohi
"25:52" Chala jaata hu
"30:03" Ye jo muhobbat hai
"37:00: ye jawani ye diwani
"43:41" lekar hum diwana dil
"51:49" vaada karo nahi chhodoge tum mera saath
"1:04:09" mehabooba mehabooba
" 0:00 to 3:35 " Dosto se pyar kiya and pyar karne wale
Thanks for the list . Time less music, keeps me alive.
👍
The only music director on who's tune a three hour pin drop scilance is possible, the only music director ever for me greatest till date.
Music is the best part of life , who understand the power of music👍
From last 6 months i am listening this while doing house chores
The best music director ever pancham da..
Musicians did a great job
Rajeev Prasad
Thanks RUclips for all the music, songs, videos and movies. May God bless you.
Pancham da was The Great Music Maker in the World, No one can Compare him in any time ...
Music GOD
Thank you to post this video pancham DA holo amar favorite MD. I hope pancham far many video dekano hobe
Outstanding. Bow down to the greatest RDB and his amazing musicians specially Manohari singh
Thank you pancham da i love you sir
Thank you kishore kumar i love you sir
Aap dono always jinda rahoge hamre dilo me jab tak music hain
Thank you aapke liye words hi chote hai
Miss you sir
All musicians are jewel of India...👋👋👋👋
Wah Pancham da bahut khubsurat hai
Great performance Manohar Singh ji 💯👌👌👌👌👌🙏🙏🙏🙏🙏
सर सभी महान संगीतकारौं को मेरा दिल से कोटि कोटि बार नमन में संगीत के बारे में तो नहीं जानता लेकिन मुझे सुनना बहुत पसंद है मुझे पुराना संगीत और गाने सुनकर दिल झूम उठता है और कभी कभी जीवन की भी सच्चाई झलकती है और कभी वे मौसम बहार आ जाती है ऐसा संगीत सुनकर और गाने सर अगर मैंने कुछ गलत बोल दिया हो तो माफी चाहूंगा
Thanks Mr Ashutosh Soman for uploading.
I am overhauled to hear these eternal musics with so many musicians paying respect to a great man of the music world. we will live for this music for ever
R D Burman was a Indian hero. Great heroes don't last forever cause wants the best musician in his kingdom and the best singer.
i am listening to it everyday. I am not getting tried or bored. Class act mates!. You proved what is meant by team work
It is a tribute by team of excellent musicians to their Boss ....Great Pancham. Pancham's compositions will be remembered for a very long time and as his fan, I once again thank to His Team Members........God Bless You All....
These Memories will be cherished forever..!! 💫
खूप सुंदर कार्यक्रम, पंचम दा बद्दल केलेले निवेदन ते पण मराठीत,मी तर खूपच आनंदित झालो,खूप amazing, fantastic कार्यक्रम, मी पंचम दा चा diehard fan आहे.
,among the best clip and most entertaining where I ever seen
Absolutely beautiful playing all the musians,many many thanks.
love you pancham da lve and miss you kishore da
excellent Ashutosh....I remember our first interaction on Pancham magic which lasted 3-4 hours without interruption...I love Pancham....
Hat's off to all musician's of course Pancham is Pancham no compare
Osam
Thanks,Ashutosh.Since I have attended many shows at Pune, I firmly believe it is due to panchammagic's efforts that we are able to get recording studio's experience and current trend of Instrumental shows all around the world, which has also resulted in good earning opportunity for accoustic musicians.