abe salo tum support karo bhu-kanoon ka and expose govt hypocrisy in it since uttrakhand is run by delhi based politicians and busniess men...tumko bhi ad ka paise mil jaata hoga
महान काम। एक सवाल था-भू कानून लागू होने के बाद विकास कैसे होगा? और उत्तर सरल है- यह एफडीआई की तरह है। हम, पहाड़ी उद्योगपति के साथ साझेदारी करेंगे और यह जीत की स्थिति होगी (पहाड़ी के पास आर्थिक रूप से कमी है जबकि निवेशकों के पास पैसा है)। अधिकतम आकर्षण के लिए हम पर्यटन, खाद्य उद्योग, शिक्षा जैसे क्षेत्रों से शुरुआत कर सकते हैं, फिर गति मिलने पर हम अन्य क्षेत्रों की ओर बढ़ सकते हैं।
@neerajbhauryal3678 dajyu netta se nahi netta bhi hum hi bunate hai agar eek ho gaye toh sarkar bhi girwa sakte hai. Bus jaise humare dada dadi papa mummy logon ne Rajya ke liye awaaz uthaai, vaise hi ab humko bhi har ghar se awaz uthani padhegi
Kya chahte ho ki garib garibi mein mar jaye but jameen bech ke ache future ka sapna nhi dekhe? Jameen ka achar dalega jab jeb mein kuch na ho. Uska jameen hai vo chahe uspe aag lagaye, zoo banaye ya beche. Ghost village ban rhi hain, koi rehne aata nhi to kya vo log vaha ka jameen bechke apne saher wali life mein invest na kre?
भू कानून उत्तराखंड में बहुत जरूरी है और हिमाचल प्रदेश में भी भू कानून है और वहां भी तो काम चल रहा है और उत्तराखंड में इतना कंपटीशन बढ़ चुका है कि यहां का युवा क्या करें और क्या ना करें बस इसी सोच में फस गया है जितनी फैसिलिटी देहरादून में मिल रही है अगर उतनी फैसिलिटी हमें अपने गांव में मिले तो हम देहरादून क्यों आए ना हीं पढ़ाई के लिए ना हीं रोजगार के लिए ना हीं अस्पताल के लिए और ना हीं अन्य सुविधाओं के लिए, पहले ही यह सरकार पलायन के लिए कुछ नहीं कर पा रही है और अब एक और समस्या है रोजगार की रोजगार मेला लगा दिया गया है और व्यक्ति अप्रेंटिस करें और अप्रेंटिस करने के बाद 1 साल बाद संस्थान से बाहर सरकार बच्चों का बेवकूफ बना रही है आम भाषा में कहीं सरकार में धांधलेबाजी चल रही है कहीं घोटाले चल रहे हैं अब सरकार से जो एक आश बच्ची थी वह भी उठ चुकी है और मैं कुछ नहीं कह सकता हूं बहुत बहुत धन्यवादआपका
@digubisht6722 Sir aap ye bhi dekhiye State GDP me plains ke 3 4 district kitna contribution kr rhe hain. Agr yhn koi bhr se nhi ayega to hm self sufficient bnna chahte hain jbki ye possible nhi .. bhr ka investment jaruri hai
मैं एक उजड़ा हुआ उत्तराखण्डी हूं। दो गलतियां हुई हैं उत्तराखण्ड बनने के बाद ।पहला राजधानी गैरसण न बनाकर देहरादून बनाई दूसरा देहरादून बेतहाशा जमीने बेच बेच कर ना जाने कहां कहां से लोग यहां आ कर बसते जा रहे हैं। पहाड़ खाली होते जा रहे हैं। ऐसे तो यहां की संस्कृति समाप्त हो जाएगी । इस पर अंकुश लगना चाहिए।
उत्तराखंड मांगे भू कानून ।। देवभूमि उत्तराखंड की पहचान अस्तित्व बनाए रखने के लिए सबसे अधिक जिसकी आवश्यकता है वो है भू कानून ।। इससे अधिक कुछ नहीं बोल सकता ना बोलना चाहूंगा ।।
Yes! Uttarakhand mein bilkul bhu kanoon honi chahiye✊🏻✊🏻✊🏻 I have been thinking about this since long… one of the key reason behind this is that ,it will disturb the pure environment of the state which means crime rate’ and second will be overpopulation and Uttarakhand will become minorities…
@@Hehehe-ni8gb fir kuch keh kr sarkar bat taal degi hayee..mera pyaara uk😔💔Vese bhi AB SB UK VASIYO KO APNE UTTTRAKHAND KI HASEEN VAADIYO SE ZADA DELHI SE PYAAR HO GYA HAI
भू कानून और मूल निवास जैसे मुद्दों पर सरकार कुछ ध्यान नहीं कर रही है जो उत्तराखंड में पहले सुनने में नहीं आता था आज वह अपराध भी सुनने में आ रहे हैं और ऊपर से उत्तराखंड में नये नये नशे चल रहे हैं जिन पर किसी का ध्यान नहीं जाता है
कितने पहाड़ी हैं आप वाला कार्यक्रम आप लोग पहाड़ों में किया कीजिए मैडम, देहरादून में पहाड़ी कम और बाहर वाले ही ज्यादा मिलेंगे आपको तो जिनको पहाड का "प" भी ढंगसे पता नहीं हो वो क्या बताएंगे खुद बाहर से आकर यहां बसे हुए हैं। जैसा आपका कार्यक्रम का नाम है की कितने पहाड़ी हैं आप तो ये कार्यक्रम देहरादून की जगह पहाड़ी जिलों में हो तो ज्यादा बहतर मै इसको समझता हूं। जितने भी लोगों से आपने पूछा वो आधे से ज्यादा तो बाहर के ही हैं बस हमारे संसाधनों के मज़े लूट रहे हैं। #उत्तराखंड_मांगे _भू _कानून #अनुच्छेद_371
उत्तराखंड के नागरिक आधा से ज्यादा बाहर दिल्ली, मुम्बई, पंजाब, राजस्थान यूपी, में बस गए। उत्तराखंड के भू माफिया, पत्रकार, पुलिस,, वकील से ज्यादा खुरापाती बाहर वाले नहीं हैं। नेताओं के बीबी बच्चे ,रिस्तेदार मौज में है। कानून के पिटारे बनते जा रहे हैं।
Mai Uttarakhand se hu hmare wha se 5 logo ne dehli up mai jamin Li hai jo mujhe PTA hai na jane kitne log Uttarakhand ke bahar jamin lete hai to wha pe v ana chahiye Uttarakhand walo ke liye bhu kanoon.. Uttarakhand wale ko liye up wale bhukanoon mangenge to kaisa lagega Uttarakhand ke nagrik ko..koi v log bahar ke nhi hai hmare india ke hi hai
भू कानून की पहल अच्छी है.मै बारामासा की टीम से अनुरोध करना चा हुं गा कि उत्तराखंड की सारी राजनीतिक व छेत्रीय पार्टी में कोन भू कानून के साथ हैं. यह तो पृथक उत्तराखंड के साथ ही हो जाना चाहिए था. मगर अफशोस . यह हो नही पाया. अभी भी बक्त है हमारे आने वाली पीढ़ी के भवश्य के लिए. आप आम जन मानुष को जागरूक करते रह पुरजोर तरीके से. मैं आपकी पूरी टीम का दिल की गहरायों से धन्य बाद करना चाहूंगा इस सराहनीय पहल के लिए. जै देव भूमि. जै उतराखंड.
The best part of video is when the bro said " agar bahar ke logo ke aane se development ho rha hota to kbhi kanoon ki mang nhi hoti " bilkul sahi baat h m kaafi time se doon m reh rha hu apni ki gali m uttarakhandi dhudne mushkil ho jate h , saare bade bade business man apni building , kothiyan banaye bethe h ar uttarakhand ka admi aurat unke waha rent pe rehkar unke waha kaam krke apna jeevan vyapan kar rha h , esa nhi h ki hamare log yogya nhi h reservation ki wjh se aaj kisi ko kahi se kahi tak koi naukari nhi milti ye thi dehradun ki baat , agar baat kre gaon ki to waha bhi yhi haal h isi liye Jo bhi ise padh rha h unse sirf yhi nivedan h ye hamare gaon ko dehradun jesi stithi m aane se phle bachana h bhu kanoon ko Lana h , ye dev bhoomi Kab de meri bhoomi ban jaegi kehna muskil h , mere sabhi uttrakhandi bhaiyo , behno , bade chhote sabse nivedan h Puri Jaan Laga do abhi nhi to fir kabhi nhi 😢 This is not acceptable at all , #uttarakhandmangebhukanoon #article371
कम से कम पहाड़ी जिलों में भू कानून की जरूरत है। देर हो चुकी है पर अंधेर नहीं। Hardwar, Dehradun & Udham Singh Nagar are now "Mini UP" with no "Pahadi culture or language"....Garhwali or Kumaoni culture and language may extinct in few years.......🙃🤬
भू कानून क्या है: पहाड़ी ज़मीन बेचता है... वहा होटल रेस्तरां बनता है... फिर उस होटल रेस्तरां मे वही पहाड़ी काम करता है... ऐसा ना हो... इसको रोकने की तकनीक है... भू कानून..
उत्तराखंड के भू देवता भैरव काली तो इतने शक्तिशाली हैं लोग की कोई बाहरी व्यक्ति देवभूमि में टिक नही सकता ऐसी ऐसी किस्से कहानियां उनकी बताते हैं लोग भू कानून लागू जबतक होगा तबतक यहां की देवभूमि देव संस्कृति न्यू वर्ल्ड ऑर्डर ग्रुप की संस्कृति हो जाएगी नही तो उत्तराखंड के भूमि देवता भैरव जी न्याय करें आज अभी इसी वक्त से तभी देव संस्कृति देव भूमि बच पायेगा
बहुत ही अच्छा मुद्दा उठाया आपने। भू कानून के बारे में उत्तराखंड के मूल निवासियों और बाहरी लोगों के विचार जानने को मिले। एक बात अगर अन्यथा न ली जाए तो कहना चाहूंगा आपसे बहुत सारे युवा प्रभावित होते हैं, अतः टू व्हीलर हेलमेट पहन कर ही चलाएं।
🙏यह आप बारमाशा पर भू कानून का सही बिषय लेकर आए है,उत्तराखंड और हिमाचल देवभूमि के साथ-साथ किस प्रकार की भौगोलिक स्थिति है,सभी लोग भलीभांति जानते है,मेरा भोट भी भू कानून के पक्ष में है,
The modern world offers liberal values with a cost of cultural exploitation, Pahadi( especially Garhwali) needs a cultural revival movement. The best way to revive a culture or to destroy a culture is "Music or film industry" as it appeals the masses, all the new or even some old Garhwali song lack aesthetic, why almost every song sounds like some party music with literally zero lyrical values.
Bhu kaanoon is not only must for UK, it should be made mandatory for all states bordering neighboring countries. This bhu kaanoon must constitutionally stipulate that citizens of other states are not able to purchase land in UK for their ulterior agendas.
i think garhwali and kumaoni languages should be standardized, which is not so tough,we can learn from Nepalese as its similar and they use nepali in nepal.Garhwali and kumaoni can be popularized in respective regions.but alas we among ourselves feel inferiority complex... atleast if anybody they will try to learn the language and get assimilated into the culture
Me to Himachali pahadi hun par idhar bhi logon me yeh dikat hai hotels lease pe de rakhe hote hain bahar ke logon ko abhi baadh ke time unn logon ne tourists se jyada paise liye badnam himachal ho rah tha aur jhugi wale bass ye hain ek jo idhar bahar se aake bass jate hain aur baki sab thik hai mere district me to muslim bhi bohot Kam hain mera aaj tak classmate bhi ni Raha even pure school me nhi tha koi muslim... No disrespect but reason yehi hai utrakhand walon ka Isliye bata raha himachal sarkar ka bohot sahi decision tha ye...
Bhai muslim Wghra se prblm ni hai .... bhai ek bat batao... chHodh ke kaun gaye city,s Mai .... humiii na nd unko scope Mila tOh unhone kra chinnn ke lie kya .... yr hum logon ki galti hai theN hua warnA kya Aisa .... suddenly ni huaa ... kaafi jab unki pidhi dada ke time se wha hai Toh wo BHi wahi ke citizen keh laayige nd haan ye hai ki jo Apne rishtedar Wghra ko bulaa kr basa re.... aur deployments gareeb karige ya Sarkar ... hdh Muslim wha jaata kYa padha likha... hoTa jo hum Apne Ghar chHodh kar delhi aaye wo waha Kyun jaate ... ni aata pdHna jabhi na wha saste mai Markt apNa banaya tum sab... chaddar gaddha Wghra buksa sab meet sho barber shop sb gaye badhte gaye ab ... time ke saath population tOh badhega hi unki growth zaaada hai kyunki ...2bache pdhe likhe ka..rte wo .. kYa krTe Bhai... aise poore India mai kamm hai kYa
Bhu kanoon is needed to save the culture and ecology of Uttarakhand. Why people in this video are talking about dehradun only? What about the rest of uttarakhand? the hills, the bugyals, and the forests. Outside people in dehradun, haldwani and other cities maybe helping economy to grow but in the other small towns everything is getting overexploited, be it land, forests or other natural resources. We want bhu kanoon to save the ecology of uttarakhand. One or the key reason to separate Uttarakhand from U.P. was to save the cultural heritage of uttarakhand, which is clearly getting exploited today. Even the holy shrines are not as earlier now, forget about the other places and towns. Also the changing demography which no body wants to talk about. Isn't it true muslim population has increased dramatically in past few years? UTTARAKHAND MANGE BHU KANOON!! to save it's heritage and culture, it's linguistics, and to offer better opportunities to the people who are leaving uttarakhand because of high unemployment rate, to save it from the illegal migrants, land maafia and illegal mining.
Most of people in Dehradun are punjabi who came during partition, they illegally occupied lot of land in terai regions of Uttarakhand. We need bhu kanoon now, to correct the mistakes we did in past & yes you're absolutely correct about the dramatic rise in Muslim population. Their population is unbelievable in pachvadoon, Haridwar, signiwala etc area. It'll create a lot of problem for us pahadis in future.
उत्तराखंड की युवा पीढ़ी को इसकी जागरूकता की जरूरत है, मेरा अनुरोध है ऐसे सर्वे आप कॉलेज या विश्वविद्यालयों में हमारी नई पीढ़ी से भी करें, जिससे उन्हें इस बारे में जानने और सोचने को मिलेगा। और वो भी अपनी आवाज उठाएंगे।।
countering their arguments 1. employment and industries : uttarakhand is still dependent on agriculture , and not on tourism . and now , the richest state sin india per capita wise are goa and Sikkim . Sikkim also have bhu kanoon and land exchange is only between the two tribes of Sikkim . 2. there is no land left : most of the land occupier by outsiders is either slum or illegal constructions near mountains or bugyals 3. outsider bring business : only small percentage invest in commercial property , but we only want that no outsider should buy residential property . most of the outsiders buy homes which increases their price , form slums , pollute our rivers , use more waters , illegal encroach our sensitive area near river or glaciers. also they will increase power demand , water demand , sewage demand 4. it is very important for us to safeguard ou culture , religion , language , diet .
i liked the one guy who was talking about bhu kanoon in a sensible way...unlike others jinhe pata hi nahi nahi hai ki bhu kanoon hai kyaa chahe vo bujurg ho yaa yuva....na hi vo implement krwane k support me hai......😑😑😑
Hume chahiye hai bhu kanun.....Himachal Pradesh mein nahi ho raha ky development ..... Wahan toh hai bhu kanun fr bhi humse toh jada hi developed.....toh bhu kanun se koi ittna jada frk nahi aane wala development pr.....hum log khud kr lenge invest....or esa development chahiye hi nahi.....Jo nuksan jada krra
भू कानून उत्तराखंड में पहाड़ के मुकाबले मैदानी जिलों में लाना ज्यादा जरूरी है और मैदानी जिलों में बने हर एक घर में कुमाऊनी अल्पना सरकार को अनिवार्य कर देनी चाहिएक्योंकि यह संस्कृति का एक हिस्सा है उसके अतिरिक्त शादी विवाह में स्थानीय ढोल दमाऊ वाद्य यंत्रअनिवार्य होना चाहिए जिससे स्थानीय लोगों का रोजगार बना रहे और सांस्कृतिक संगीत विलुप्त ना हो
Koi kuch bhi bole apne fhayde ke liye lekin bhu kanuon toh Uttarakhand main hona hi chaiye jald se jald bhu kanuon jai devbhumi Uttarakhand jai shree ram😊🙏🙏
देहरादून वालों से पूछ रहे हो भू कानून के बारे में ...? वास्तविकता में पहाड़ के लिए भू कानून आवश्यक है, तो यह जरूरी हो जाता है कि आप पत्रकारिता पहाड़ में जाके करते
Bhu kanoon jarur hona chahiye...aur mai sbhi logo se bhi bolunga mat becho apne purvajon ki जमीनें.....pahaad mai हिमाचल के तर्ज़ पर होना चाहिए Aur log industry ke naam pe जमीनें le lete hai..baaki kuch krte nahi hai Dehradun Haridwar ko aap bhu kanoon se alg rkh skte hai Waise bhi inka haal delhi jaise he ho gaya hai
Bilkul hona chahiye + yahan ke har chote bade logo ko uttrakhand ka banna ya hona kyon jaruri hai pata hona chahiye,aur other cities ko bilkul zameen lene toh kya ghumne ke liye bhi allow na kiya jaye,aur uttrakhand ko up se alag is din ke liye nahi kia tha ki bahar ke log aakar uttrakhand me hi bas jaye aur uttrakhandiyon ki hi berozgari badhti chali jaye ,aadha up/meerut toh yahin basne lag gaya hai, yahan itni gandgi badh gayi hai hamare dehradun me sab bahar ke aa rahe hai log+ flats hi flats kahan itne sare 🌲🌲 hote the bypass se isbt rispana ,sahastradhara ,rajpur road tak aur ab😐😭😭 nahi chahiye aisa development bahar bhejo jo jahan ka hai wahin wapis bhejo job/naukri tak theek hai ek sehar se dusre sehar me par uttrakhand me zameen sirf uttrakhand ke logon ko hi sale ki jani chahiye aur kisi ko nahin,hum uttrakhand ke the aur uttrakhandi hi rahenge.🙏🙏
भू क़ानून नही होना चाहिए के तर्क - भारतीय संविधान के अनुसार किसी भी देशवासी को देश मे कहीं भी रहने या बसने का अधिकार है । जैसे हम लोग रोजगार के लिए बाहर जाते हैम वैसे ही कई लोग बाहर से यहां आते हैं । भू कानून लागू होने के तर्क - उत्तराखण्ड राज्य की संस्कृति , परम्पराओ के संरक्षण के लिए यह जरूरी है । पूर्वोत्तर राज्यो में कई ऐसे क्षेत्र है जहां जनजातियों एवं उनकी संस्कृति , परम्पराओ के संरक्षण के लिए ऐसी व्यवस्था है कि बाहर का व्यक्ति जमीन नही खरीद सकता और वहां जाने के लिए भी परमिट लगता है । उत्तराखण्ड में भू कानून इस प्रकार से लागू होना चाहिए कि उत्तराखण्ड का मूल भी बचा रहे और ऐसी व्यवस्था बनाई जाए कि आर्थिक गतिविधियों पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े । लेक़िन यह जितना कहना आसान है इसे व्यवहार में लाना उतना ही मुश्किल ।
भू कानून से पहले उत्तराखंड की राजधानी गैरसैंण बननी चाहिए। पहाड़ में रहना नही भू कानून चाहिए । जितने भी उत्तराखंडी बाहर बसे हो उनको भी वापस भेजा जाना चाहिए ।
This channel against pahari people.. Bhu kanun must needed demand for nature but hurting pahari people by both central n state govt.. Really very sad 😢..
भू माफिया वालों से पूछो, उत्तराखंड में भू कानून अवश्य होना चाहिए, उत्तराखंड की जमीन पर सिर्फ उत्तराखंड वासियों का ही हक होना चाहिए, कश्मीर और हिमांचल प्रदेश की तर्ज पर किसी भी बाहरी व्यक्ति को यहाँ बसने से रोकना चाहिये, पलायन रोकना चाहिये, रोजगार उपलब्ध करना चाहिए और यहाँ के लोगों को बाहरी राज्यों में जाने का लोभ छोड़ना होगा।
भू क़ानून पर विस्तार से जानने के लिए:
Uttarakhand में भू-क़ानून का इतिहास, वर्तमान और भविष्य
ruclips.net/video/Fl2uX6bF_-A/видео.html
कैन ठिक बौली कि,।।
**कब वियाली थौर कब खौलू खौर,**
नत बल ब्वैल वियाणू नत भुल्लाल हुणू ,
नैता हत्याणा छन अपणी अपणी बांन्ठी,
भू कानून मंगन्दा मंगन्दा जनता उसै गैए सांखी,।।
माफिया से पूछो, उनके जुगाड़ सचिवालय तक हैं
abe salo tum support karo bhu-kanoon ka and expose govt hypocrisy in it since uttrakhand is run by delhi based politicians and busniess men...tumko bhi ad ka paise mil jaata hoga
महान काम। एक सवाल था-भू कानून लागू होने के बाद विकास कैसे होगा?
और उत्तर सरल है- यह एफडीआई की तरह है। हम, पहाड़ी उद्योगपति के साथ साझेदारी करेंगे और यह जीत की स्थिति होगी (पहाड़ी के पास आर्थिक रूप से कमी है जबकि निवेशकों के पास पैसा है)। अधिकतम आकर्षण के लिए हम पर्यटन, खाद्य उद्योग, शिक्षा जैसे क्षेत्रों से शुरुआत कर सकते हैं, फिर गति मिलने पर हम अन्य क्षेत्रों की ओर बढ़ सकते हैं।
जब तक भू-कानून आऐगा तब तक भू बचेगी ही नहीं
Neta chahte he nhi
Sahi baat bola
@neerajbhauryal3678 dajyu netta se nahi netta bhi hum hi bunate hai agar eek ho gaye toh sarkar bhi girwa sakte hai. Bus jaise humare dada dadi papa mummy logon ne Rajya ke liye awaaz uthaai, vaise hi ab humko bhi har ghar se awaz uthani padhegi
@@soulhighlander jisko hum bnaate hain wo hume bna ke chla jata h
Kya chahte ho ki garib garibi mein mar jaye but jameen bech ke ache future ka sapna nhi dekhe? Jameen ka achar dalega jab jeb mein kuch na ho. Uska jameen hai vo chahe uspe aag lagaye, zoo banaye ya beche. Ghost village ban rhi hain, koi rehne aata nhi to kya vo log vaha ka jameen bechke apne saher wali life mein invest na kre?
उत्तराखन्ड को अपनी संस्कृति और पहचान को बचाने के लिए भू कानून100% लागू होना ही होना चाहिए
To kab kroge bhu kanoon Tum bs bolte rhe jaoge🙄
Uttarakhand need very strict Bhu Kanoon. Dhami ji come forward please. Jagoo Uttarakhand Jagoo Devbhoomi. Jai hind.
उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्र की जमीनों को बचाने के लिए भू कानून जरूरी है
#SaveUttarakhand #SaveUttarakhand #SaveUttarakhand #SaveUttarakhand
भू कानून उत्तराखंड में बहुत जरूरी है और हिमाचल प्रदेश में भी भू कानून है और वहां भी तो काम चल रहा है और उत्तराखंड में इतना कंपटीशन बढ़ चुका है कि यहां का युवा क्या करें और क्या ना करें बस इसी सोच में फस गया है जितनी फैसिलिटी देहरादून में मिल रही है अगर उतनी फैसिलिटी हमें अपने गांव में मिले तो हम देहरादून क्यों आए ना हीं पढ़ाई के लिए ना हीं रोजगार के लिए ना हीं अस्पताल के लिए और ना हीं अन्य सुविधाओं के लिए, पहले ही यह सरकार पलायन के लिए कुछ नहीं कर पा रही है और अब एक और समस्या है रोजगार की रोजगार मेला लगा दिया गया है और व्यक्ति अप्रेंटिस करें और अप्रेंटिस करने के बाद 1 साल बाद संस्थान से बाहर सरकार बच्चों का बेवकूफ बना रही है आम भाषा में कहीं सरकार में धांधलेबाजी चल रही है कहीं घोटाले चल रहे हैं अब सरकार से जो एक आश बच्ची थी वह भी उठ चुकी है और मैं कुछ नहीं कह सकता हूं बहुत बहुत धन्यवादआपका
बिल्कुल भू कानून यहाँ लागू होना बेहद ज़रूरी है....राज्य की विशिष्ट संस्कृति की रक्षा के लिए....
उत्तराखंड में भू कानून जल्दी से जल्दी लागू होना चाहिए
मैदानों में ना सही मगर पहाड़ी जिलों में stringent भू कानून लागू होना चाहिए।
@digubisht6722 Sir aap ye bhi dekhiye State GDP me plains ke 3 4 district kitna contribution kr rhe hain. Agr yhn koi bhr se nhi ayega to hm self sufficient bnna chahte hain jbki ye possible nhi .. bhr ka investment jaruri hai
@@anaam_anonymousभाई लीज भी होता है कुछ नही मालूम तो सिंगटाली घूम के आजा।
मैं एक उजड़ा हुआ उत्तराखण्डी हूं। दो गलतियां हुई हैं उत्तराखण्ड बनने के बाद ।पहला राजधानी गैरसण न बनाकर देहरादून बनाई दूसरा देहरादून बेतहाशा जमीने बेच बेच कर ना जाने कहां कहां से लोग यहां आ कर बसते जा रहे हैं। पहाड़ खाली होते जा रहे हैं। ऐसे तो यहां की संस्कृति समाप्त हो जाएगी । इस पर अंकुश लगना चाहिए।
Log khud ye chahte hai
@@vg82kon hai wo log?
राइट
@@vg82 kon hai vo log
@@priyanshunegi3833 1year saal pehle mere chachi chacha bhi delhi me bsne lge or apna ghr khali kr diya 😭 Mein to dehradun me hu
उत्तराखंड मांगे भू कानून ।।
देवभूमि उत्तराखंड की पहचान अस्तित्व बनाए रखने के लिए सबसे अधिक जिसकी आवश्यकता है वो है भू कानून ।। इससे अधिक कुछ नहीं बोल सकता ना बोलना चाहूंगा ।।
कितने पहाड़ीहैकाक्यामतलबचाहैहम एकहीहोहैतोवोवहाकामूलनिवासी हमैजोबाहरसेआयेहैउनकेरिर्काड चाहीयेचहेवोअन्यस्टेटसेक्योनआयाहैपरउसकारिर्काडहोनाजरूरीहैकिउसकेबाप,दादा,परदादा कोनसेदेशकेमूलनिवासीथे
कितने पहाड़ीहैकाक्यामतलबचाहैहम एकहीहोहैतोवोवहाकामूलनिवासी हमैजोबाहरसेआयेहैउनकेरिर्काड चाहीयेचहेवोअन्यस्टेटसेक्योनआयाहैपरउसकारिर्काडहोनाजरूरीहैकिउसकेबाप,दादा,परदादा कोनसेदेशकेमूलनिवासीथे
Yes! Uttarakhand mein bilkul bhu kanoon honi chahiye✊🏻✊🏻✊🏻
I have been thinking about this since long… one of the key reason behind this is that ,it will disturb the pure environment of the state which means crime rate’ and second will be overpopulation and Uttarakhand will become minorities…
To ky kre bhu kanoon ke liye sarkar to kux nhi kr rhi 🥺
@@Rukasa_Forever sabko awaz uthani padegi tab sunegi sarkar
@@Hehehe-ni8gb padso uthai this awaz hua kuch faayda😞
@@Rukasa_Forever hoga dheere dheere . Nhi hua to fir uthayenge 🏔️❤️🔥
@@Hehehe-ni8gb fir kuch keh kr sarkar bat taal degi hayee..mera pyaara uk😔💔Vese bhi AB SB UK VASIYO KO APNE UTTTRAKHAND KI HASEEN VAADIYO SE ZADA DELHI SE PYAAR HO GYA HAI
पड़ोस मे हिमाचल है बहुत उन्नत है उत्तराखंड से
Himachal Pradesh bankrupt ho gya he Bhai... News nahi dekhta kya 😂😂😂
भू कानून और मूल निवास जैसे मुद्दों पर सरकार कुछ ध्यान नहीं कर रही है जो उत्तराखंड में पहले सुनने में नहीं आता था आज वह अपराध भी सुनने में आ रहे हैं और ऊपर से उत्तराखंड में नये नये नशे चल रहे हैं जिन पर किसी का ध्यान नहीं जाता है
6th schedule या article 371 या भू कानून, आना चाहिए ❤🙏💜👌
we need 6th schedule
Sonam wangchuk jee ka sath milkr hme ikttha hokar uttrakhand ur ladakh ke liye 6th schedule demand krna chahiy
कितने पहाड़ी हैं आप वाला कार्यक्रम आप लोग पहाड़ों में किया कीजिए मैडम, देहरादून में पहाड़ी कम और बाहर वाले ही ज्यादा मिलेंगे आपको तो जिनको पहाड का "प" भी ढंगसे पता नहीं हो वो क्या बताएंगे खुद बाहर से आकर यहां बसे हुए हैं। जैसा आपका कार्यक्रम का नाम है की कितने पहाड़ी हैं आप तो ये कार्यक्रम देहरादून की जगह पहाड़ी जिलों में हो तो ज्यादा बहतर मै इसको समझता हूं। जितने भी लोगों से आपने पूछा वो आधे से ज्यादा तो बाहर के ही हैं बस हमारे संसाधनों के मज़े लूट रहे हैं। #उत्तराखंड_मांगे _भू _कानून
#अनुच्छेद_371
बाहर से आने वालो से डेवलपमेंट हो रहा होता तो भू कानून की मांग नही उठती विकास होगा बिना बाहर वालो से चाहे धीरे से ही सही pr होगा
दुर्घटना से देर भली। पहाड़ों में भू कानून लागू होना ही चाहिए।
उत्तराखंड इसलिए बनाया हम पहाड़ी लोगो को फायदा हो मगर कोई फायदा नही ।इसलिए भू कानून जरूरी है ।
उत्तराखंड अस्तित्व को बचाने और बनाए रखने के लिए भूमि कानून जरूरी है
उत्तराखंड के नागरिक आधा से ज्यादा बाहर दिल्ली, मुम्बई, पंजाब, राजस्थान यूपी, में बस गए। उत्तराखंड के भू माफिया, पत्रकार, पुलिस,, वकील से ज्यादा खुरापाती बाहर वाले नहीं हैं। नेताओं के बीबी बच्चे ,रिस्तेदार मौज में है। कानून के पिटारे बनते जा रहे हैं।
Bahar wale kitne khurafati h planes ki news se dekh skte h
कब लागू होगा भू कानून जब पूरा पहाड़ बिक जायेगा, सबको अपनी दुकान चलानी है, सब कुछ सही होगा तो ये नेता लोग बेरोजगार नहीं हो जायेंगे.
Mai Uttarakhand se hu hmare wha se 5 logo ne dehli up mai jamin Li hai jo mujhe PTA hai na jane kitne log Uttarakhand ke bahar jamin lete hai to wha pe v ana chahiye Uttarakhand walo ke liye bhu kanoon.. Uttarakhand wale ko liye up wale bhukanoon mangenge to kaisa lagega Uttarakhand ke nagrik ko..koi v log bahar ke nhi hai hmare india ke hi hai
Respect ❤
भू कानून की पहल अच्छी है.मै बारामासा की टीम से अनुरोध करना चा हुं गा कि उत्तराखंड की सारी राजनीतिक व छेत्रीय पार्टी में कोन भू कानून के साथ हैं. यह तो पृथक उत्तराखंड के साथ ही हो जाना चाहिए था. मगर अफशोस . यह हो नही पाया. अभी भी बक्त है हमारे आने वाली पीढ़ी के भवश्य के लिए. आप आम जन मानुष को जागरूक करते रह पुरजोर तरीके से. मैं आपकी पूरी टीम का दिल की गहरायों से धन्य बाद करना चाहूंगा इस सराहनीय पहल के लिए. जै देव भूमि. जै उतराखंड.
The best part of video is when the bro said " agar bahar ke logo ke aane se development ho rha hota to kbhi kanoon ki mang nhi hoti " bilkul sahi baat h m kaafi time se doon m reh rha hu apni ki gali m uttarakhandi dhudne mushkil ho jate h , saare bade bade business man apni building , kothiyan banaye bethe h ar uttarakhand ka admi aurat unke waha rent pe rehkar unke waha kaam krke apna jeevan vyapan kar rha h , esa nhi h ki hamare log yogya nhi h reservation ki wjh se aaj kisi ko kahi se kahi tak koi naukari nhi milti ye thi dehradun ki baat , agar baat kre gaon ki to waha bhi yhi haal h isi liye Jo bhi ise padh rha h unse sirf yhi nivedan h ye hamare gaon ko dehradun jesi stithi m aane se phle bachana h bhu kanoon ko Lana h , ye dev bhoomi Kab de meri bhoomi ban jaegi kehna muskil h , mere sabhi uttrakhandi bhaiyo , behno , bade chhote sabse nivedan h Puri Jaan Laga do abhi nhi to fir kabhi nhi 😢
This is not acceptable at all , #uttarakhandmangebhukanoon
#article371
कम से कम पहाड़ी जिलों में भू कानून की जरूरत है। देर हो चुकी है पर अंधेर नहीं। Hardwar, Dehradun & Udham Singh Nagar are now "Mini UP" with no "Pahadi culture or language"....Garhwali or Kumaoni culture and language may extinct in few years.......🙃🤬
कौन चाहेगा कि उसकी जल जंगल जमीन पर किसी ऑर का अधिकार हो ये आज की सांसे बड़ी जरूरत है है पहाड़ी की
बुजुर्गों की बातें या सलाह और आंवाले का स्वाद बाद में मालूम पड़ता है इसीलिए भू कानून होना चाहिए जो अभी बुजुर्ग अंकल ने बोला था🙏🙏🙏
भू कानून क्या है:
पहाड़ी ज़मीन बेचता है... वहा होटल रेस्तरां बनता है... फिर उस होटल रेस्तरां मे वही पहाड़ी काम करता है...
ऐसा ना हो... इसको रोकने की तकनीक है... भू कानून..
Jo restro bnta h usme hotel b bnta h bgl m usme Oyo b bn rha h sb kaam chl rha h ho gya uttrakhand ka local culture swaha...
Isko rokne ki tknik h ye
Shi baat hai
देवभूमि उत्तराखंड को सुरक्षित रखने के लिए भू कानून अति आवश्यक है।
उत्तराखंड के भू देवता भैरव काली तो इतने शक्तिशाली हैं लोग की कोई बाहरी व्यक्ति देवभूमि में टिक नही सकता ऐसी ऐसी किस्से कहानियां उनकी बताते हैं लोग
भू कानून लागू जबतक होगा तबतक यहां की देवभूमि देव संस्कृति न्यू वर्ल्ड ऑर्डर ग्रुप की संस्कृति हो जाएगी
नही तो उत्तराखंड के भूमि देवता भैरव जी न्याय करें आज अभी इसी वक्त से
तभी देव संस्कृति देव भूमि बच पायेगा
Wo toh baar baar pahad neeche aa rhe h baad aa rhi h tmko lgta h ye aise hi aa rhi h...
बहुत ही अच्छा मुद्दा उठाया आपने। भू कानून के बारे में उत्तराखंड के मूल निवासियों और बाहरी लोगों के विचार जानने को मिले। एक बात अगर अन्यथा न ली जाए तो कहना चाहूंगा आपसे बहुत सारे युवा प्रभावित होते हैं, अतः टू व्हीलर हेलमेट पहन कर ही चलाएं।
Bhut jruri h uttarakhand me Bhukanun 👍🏻
🙏यह आप बारमाशा पर भू कानून का सही बिषय लेकर आए है,उत्तराखंड और हिमाचल देवभूमि के साथ-साथ किस प्रकार की भौगोलिक स्थिति है,सभी लोग भलीभांति जानते है,मेरा भोट भी भू कानून के पक्ष में है,
बहुत जरूरी है भू कानून
हमारी आने पीढ़ी के भविष्य के लिए
BILKUL BHAI IN BHARI LOGO NAI BHUT GANDAGI FEHLAYI HUI H JISKO JO MARJI ARI WO WO KAR RA H YHA
The modern world offers liberal values with a cost of cultural exploitation, Pahadi( especially Garhwali) needs a cultural revival movement. The best way to revive a culture or to destroy a culture is "Music or film industry" as it appeals the masses, all the new or even some old Garhwali song lack aesthetic, why almost every song sounds like some party music with literally zero lyrical values.
Literally this was on my mind
Atleast somebody said that
Bhu kaanoon is not only must for UK, it should be made mandatory for all states bordering neighboring countries. This bhu kaanoon must constitutionally stipulate that citizens of other states are not able to purchase land in UK for their ulterior agendas.
i think garhwali and kumaoni languages should be standardized, which is not so tough,we can learn from Nepalese as its similar and they use nepali in nepal.Garhwali and kumaoni can be popularized in respective regions.but alas we among ourselves feel inferiority complex... atleast if anybody they will try to learn the language and get assimilated into the culture
#SaveUttarakhand #SaveUttarakhand #SaveUttarakhand #SaveUttarakhand
Me to Himachali pahadi hun par idhar bhi logon me yeh dikat hai hotels lease pe de rakhe hote hain bahar ke logon ko abhi baadh ke time unn logon ne tourists se jyada paise liye badnam himachal ho rah tha aur jhugi wale bass ye hain ek jo idhar bahar se aake bass jate hain aur baki sab thik hai mere district me to muslim bhi bohot Kam hain mera aaj tak classmate bhi ni Raha even pure school me nhi tha koi muslim... No disrespect but reason yehi hai utrakhand walon ka Isliye bata raha himachal sarkar ka bohot sahi decision tha ye...
बहुत ही अच्छी विडियो छा 👍👍🌺🌺😍😍
उत्तराखंड में भू कानून बहुत जरूरी है😢😢😢😢
बिल्कुल लागू होना चाहिए 💪👌👌🚩🚩
सख्त भू कानून लागू किया जाये। गंद भर गई है उत्तराखंड में। बहुत नुकसान हो गया है, कम से कम कुछ damage control हो ।
Bhai muslim Wghra se prblm ni hai .... bhai ek bat batao... chHodh ke kaun gaye city,s Mai .... humiii na nd unko scope Mila tOh unhone kra chinnn ke lie kya .... yr hum logon ki galti hai theN hua warnA kya Aisa .... suddenly ni huaa ... kaafi jab unki pidhi dada ke time se wha hai Toh wo BHi wahi ke citizen keh laayige nd haan ye hai ki jo Apne rishtedar Wghra ko bulaa kr basa re....
aur deployments gareeb karige ya Sarkar ... hdh Muslim wha jaata kYa padha likha... hoTa jo hum Apne Ghar chHodh kar delhi aaye wo waha Kyun jaate ... ni aata pdHna jabhi na wha saste mai Markt apNa banaya tum sab... chaddar gaddha Wghra buksa sab meet sho barber shop sb gaye badhte gaye ab ... time ke saath population tOh badhega hi unki growth zaaada hai kyunki ...2bache pdhe likhe ka..rte wo .. kYa krTe Bhai... aise poore India mai kamm hai kYa
सही कह रहें हैं की अब बचा ही क्या है . लेकिन जितना बचा है वह तो नहीं बिकेगा. उत्तराखंड के शक्त भू कानून की जरूरत है.
Bhoo kanoon jaruri hai bhai uttarakhand me or wo hum le kar rahenge na ho vikash uttarakhand me par bhoo kanoon mul niwash ho
Bhu kanoon is needed to save the culture and ecology of Uttarakhand. Why people in this video are talking about dehradun only? What about the rest of uttarakhand? the hills, the bugyals, and the forests. Outside people in dehradun, haldwani and other cities maybe helping economy to grow but in the other small towns everything is getting overexploited, be it land, forests or other natural resources. We want bhu kanoon to save the ecology of uttarakhand. One or the key reason to separate Uttarakhand from U.P. was to save the cultural heritage of uttarakhand, which is clearly getting exploited today. Even the holy shrines are not as earlier now, forget about the other places and towns. Also the changing demography which no body wants to talk about. Isn't it true muslim population has increased dramatically in past few years? UTTARAKHAND MANGE BHU KANOON!! to save it's heritage and culture, it's linguistics, and to offer better opportunities to the people who are leaving uttarakhand because of high unemployment rate, to save it from the illegal migrants, land maafia and illegal mining.
most of these are Punjabi refugees of 1947 , they will of course oppose bhu kanoon
Most of people in Dehradun are punjabi who came during partition, they illegally occupied lot of land in terai regions of Uttarakhand. We need bhu kanoon now, to correct the mistakes we did in past & yes you're absolutely correct about the dramatic rise in Muslim population. Their population is unbelievable in pachvadoon, Haridwar, signiwala etc area. It'll create a lot of problem for us pahadis in future.
@surbhik3285 true punjabi hindu sikh refugees r as dangerous as Muslims
पहाडी मागे भू कानून।
उत्तराखंड की युवा पीढ़ी को इसकी जागरूकता की जरूरत है, मेरा अनुरोध है ऐसे सर्वे आप कॉलेज या विश्वविद्यालयों में हमारी नई पीढ़ी से भी करें, जिससे उन्हें इस बारे में जानने और सोचने को मिलेगा। और वो भी अपनी आवाज उठाएंगे।।
Ye dekhradun wale batayenge hona chaiue ya nahi Pahad me Bhu kanun? Pahadio kele rajya bana hai aur Bhu kanun hona chahiye
100 percent must necessary
Bilkul hona chaiye bhu kanun
Ye shi he mam aaj hmre uttrakhant me pahadi gayab se ho rhe he bhoo kanun jaruri he
Uttarakhand needs strict land law like Himanchal. Land law is necessity for saving our cultural heritage and language.
countering their arguments
1. employment and industries : uttarakhand is still dependent on agriculture , and not on tourism . and now , the richest state sin india per capita wise are goa and Sikkim . Sikkim also have bhu kanoon and land exchange is only between the two tribes of Sikkim .
2. there is no land left : most of the land occupier by outsiders is either slum or illegal constructions near mountains or bugyals
3. outsider bring business : only small percentage invest in commercial property , but we only want that no outsider should buy residential property . most of the outsiders buy homes which increases their price , form slums , pollute our rivers , use more waters , illegal encroach our sensitive area near river or glaciers. also they will increase power demand , water demand , sewage demand
4. it is very important for us to safeguard ou culture , religion , language , diet .
Bhoo kanoon hona chahiye
Love Uttrakhand
जल्दी बने कानून, घुसपैठियों से भी बचाना है
सरकार गांव में ही रोजगार के साधन खोलें ताकि पलायन रुक सके।
भू- कानून लागू होना चाहिए
Bhoo kanoon pe aap bahar ke logo se puchoge to mna hi krnge wo to bhoo kanoon ke liye
जी, होना चाहिए....
भू कानून तो लाना ही पड़ेगा। वरना अगली बार अब ये सरकार नहीं आनी चाहिए
I am the first viewer of this video....
Gujarat me bhi hai Bhu Kanoon.. dekho par capita kitni acchi hai vaha aur development bhi
i liked the one guy who was talking about bhu kanoon in a sensible way...unlike others jinhe pata hi nahi nahi hai ki bhu kanoon hai kyaa chahe vo bujurg ho yaa yuva....na hi vo implement krwane k support me hai......😑😑😑
#SaveUttarakhand #SaveUttarakhand #SaveUttarakhand #SaveUttarakhand
Hona chahiye vo bhi bhut strong wala
jo up wale khre hai na up wale bhi kisi ko jamin nahi denge to humko chahiye bhi nhi tumhari jamin hme hamra uttarakhand chahiye bs
To nikalo Noida Ghaziabad se kab nikal rhe ho apne pahadion ko
@@shanusingh3139bhu kanoon ki maang kro aur Noida ghaziabad ko bhi Himalayan state dikhao🙂
कार्य प्रगति पर है, चल रहा है😊
Hume chahiye hai bhu kanun.....Himachal Pradesh mein nahi ho raha ky development ..... Wahan toh hai bhu kanun fr bhi humse toh jada hi developed.....toh bhu kanun se koi ittna jada frk nahi aane wala development pr.....hum log khud kr lenge invest....or esa development chahiye hi nahi.....Jo nuksan jada krra
भू कानून होना चाहिए या नही क्या मतलब है ।
हमारे पुरखो का है उत्तराखंड
भू कानून उत्तराखंड में पहाड़ के मुकाबले मैदानी जिलों में लाना ज्यादा जरूरी है और मैदानी जिलों में बने हर एक घर में कुमाऊनी अल्पना सरकार को अनिवार्य कर देनी चाहिएक्योंकि यह संस्कृति का एक हिस्सा है उसके अतिरिक्त शादी विवाह में स्थानीय ढोल दमाऊ वाद्य यंत्रअनिवार्य होना चाहिए जिससे स्थानीय लोगों का रोजगार बना रहे और सांस्कृतिक संगीत विलुप्त ना हो
true words 8:07 Respect
हर हालत मे होना चाहिये
Love from Devprayag 😊😊
जिन्हें हम चुनते हैं उनका अपना स्वार्थ है इसलिए भू कानून लागू नहीं कर रहे हैं यह लोग माफियाओं से मिले हुए हैं
भू कानून लागू होना चाहिए
हिमांचल की तरह का भू कानून होना चाहिए
भू कानून उत्तराखंड में आना चाहिए
Artical 371 के साथ साथ इनर लाइन परमिट कानून लागू होना चाहिए
भू-कानून होना ही चाहिए हर हाल में।
Koi kuch bhi bole apne fhayde ke liye lekin bhu kanuon toh Uttarakhand main hona hi chaiye jald se jald bhu kanuon jai devbhumi Uttarakhand jai shree ram😊🙏🙏
Bhu kanoon ki charcha pahadiyo se kro na..jitno se bhi pucha unme se jadatar to bahar k hi lagre 🤡🤡
SABSE PAHLE HONA CHAHIYE ...
Bilkul hona chahiye ....
देहरादून वालों से पूछ रहे हो भू कानून के बारे में ...?
वास्तविकता में पहाड़ के लिए भू कानून आवश्यक है, तो यह जरूरी हो जाता है कि आप पत्रकारिता पहाड़ में जाके करते
Bhu kanoon jarur hona chahiye...aur mai sbhi logo se bhi bolunga mat becho apne purvajon ki जमीनें.....pahaad mai हिमाचल के तर्ज़ पर होना चाहिए
Aur log industry ke naam pe जमीनें le lete hai..baaki kuch krte nahi hai
Dehradun Haridwar ko aap bhu kanoon se alg rkh skte hai
Waise bhi inka haal delhi jaise he ho gaya hai
भू कानून चाहिए।।।
जब तक प्रॉपर्टी डिलरों पर लगाम नहीं लगती तब तक कुछ नहीं हो सकता
बहुत जरूरी है,,
भूकानून होना बहुत जरूरी
Bilkul hona chahiye + yahan ke har chote bade logo ko uttrakhand ka banna ya hona kyon jaruri hai pata hona chahiye,aur other cities ko bilkul zameen lene toh kya ghumne ke liye bhi allow na kiya jaye,aur uttrakhand ko up se alag is din ke liye nahi kia tha ki bahar ke log aakar uttrakhand me hi bas jaye aur uttrakhandiyon ki hi berozgari badhti chali jaye ,aadha up/meerut toh yahin basne lag gaya hai, yahan itni gandgi badh gayi hai hamare dehradun me sab bahar ke aa rahe hai log+ flats hi flats kahan itne sare 🌲🌲 hote the bypass se isbt rispana ,sahastradhara ,rajpur road tak aur ab😐😭😭 nahi chahiye aisa development bahar bhejo jo jahan ka hai wahin wapis bhejo job/naukri tak theek hai ek sehar se dusre sehar me par uttrakhand me zameen sirf uttrakhand ke logon ko hi sale ki jani chahiye aur kisi ko nahin,hum uttrakhand ke the aur uttrakhandi hi rahenge.🙏🙏
पहाड़ों पर होना चाहिए भू कानून
भू क़ानून नही होना चाहिए के तर्क - भारतीय संविधान के अनुसार किसी भी देशवासी को देश मे कहीं भी रहने या बसने का अधिकार है ।
जैसे हम लोग रोजगार के लिए बाहर जाते हैम वैसे ही कई लोग बाहर से यहां आते हैं ।
भू कानून लागू होने के तर्क - उत्तराखण्ड राज्य की संस्कृति , परम्पराओ के संरक्षण के लिए यह जरूरी है ।
पूर्वोत्तर राज्यो में कई ऐसे क्षेत्र है जहां जनजातियों एवं उनकी संस्कृति , परम्पराओ के संरक्षण के लिए ऐसी व्यवस्था है कि बाहर का व्यक्ति जमीन नही खरीद सकता और वहां जाने के लिए भी परमिट लगता है ।
उत्तराखण्ड में भू कानून इस प्रकार से लागू होना चाहिए कि उत्तराखण्ड का मूल भी बचा रहे और ऐसी व्यवस्था बनाई जाए कि आर्थिक गतिविधियों पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े ।
लेक़िन यह जितना कहना आसान है इसे व्यवहार में लाना उतना ही मुश्किल ।
Pahale hi der ho gyi h ab jald hi Bhu kanoon aana chahiye
#bhoo_kanoon_uttarakhand ❤
Pr sarkar laana hi nhi chahti. Agar iss baar Bhoo Kanoon nhi aata hai toh NOTA hoga 2024 chunav me.
Hona chahiye
Sabse jyada jaruri h bhomi kanoon lana ni to der ho jaegi
Bhu kanoo jald se jald lagoo hona chaiye
भू कानून से पहले उत्तराखंड की राजधानी गैरसैंण बननी चाहिए। पहाड़ में रहना नही भू कानून चाहिए । जितने भी उत्तराखंडी बाहर बसे हो उनको भी वापस भेजा जाना चाहिए ।
This channel against pahari people.. Bhu kanun must needed demand for nature but hurting pahari people by both central n state govt.. Really very sad 😢..
भू माफिया वालों से पूछो, उत्तराखंड में भू कानून अवश्य होना चाहिए, उत्तराखंड की जमीन पर सिर्फ उत्तराखंड वासियों का ही हक होना चाहिए, कश्मीर और हिमांचल प्रदेश की तर्ज पर किसी भी बाहरी व्यक्ति को यहाँ बसने से रोकना चाहिये, पलायन रोकना चाहिये, रोजगार उपलब्ध करना चाहिए और यहाँ के लोगों को बाहरी राज्यों में जाने का लोभ छोड़ना होगा।
भू कानून जरूरी है
अवश्य होना चाहिए