धर्म की सरलतम व्याख्या जानिए तुलसी पीठाधीश्वर परमपूज्य Rambhadracharya जी से Ashutosh Rana के साथ
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- Опубликовано: 15 июл 2023
- धर्म की सरलतम व्याख्या जानिए तुलसी पीठाधीश्वर परमपूज्य Rambhadracharya जी से Ashutosh Rana के साथ
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जटाओं से है जिनके जल प्रवाह lyrics
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आशुतोष राणा शिव तांडव स्तोत्र
रामभद्राचार्य की भविष्यवाणी
कृपया वीडियो को लाइक करें और हमारे चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें! धन्यवाद ☺️✨
मुझे राम भद्राचार्य जी 🤔हर पहलू से ठीक लगे लेकिन जब बात वर्ण व्यवस्था की आती है तो उसका खंडन जरूरी है जिसका करण ही महाभारत हुआ था उसे सर्वोच दिखा रहे कि वो चलता ही रहे जिसे मैं सहमत नहीं हूं वर्ण व्यवस्था को तो खत्म करना ही चाहिए सभी के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए किसी भी जाति का व्यक्ति पुजारी बने और कोई भी कुछ भी करे
जय श्री राम 🙏🙏🚩🚩🚩🏹🏹🏹
Just a suggestion, please invite jagadguru Shankaracharya once on this show!🙏🏻😊
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@@vppointeducationhub9967हां ये विचारो में जरूरी है ना कि जो रामचरित और हनुमान चालिसा की लाइन को बदलना ।
आशुतोष सर आपके प्रश्न ही आपकी विद्वत्ता सिद्ध करता है,साथ ही गुरुदेव तो गुरुदेव ही हैं,उनकी प्रशंसा करके उनकी विद्वत्ता को सीमित नहीं कर सकता । गुरुदेव ने इतने तार्किक और सरल शब्दों में सारे प्रश्न का उत्तर दिया कि मन प्रफुल्लित हो गया ।
😊😊😊😊😊😊😊
Ekdom dil ki baat likhi hai apne ❤❤❤
Very important
Aap ke lekhan or aap ki budhi ko naman hai sir 🚩🚩🚩🙏🙏🙏
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आशुतोष राणा जी के अलावा बॉलीवुड का कोई भी कलाकार परम पूजनीय गुरुजी का साक्षात्कार नही कर सकता। आप दोनों ही विद्वता और ज्ञान का भंडार हैं।
Jii ekdum satya baat haiii
परमपूज्य संत शिरोमणी संत श्री आशाराम जी बापू के साथ साथ परमपूज्य संत श्री रामभद्राचार्य के चरणों में शत शत नमन ।
श्री गुरूचरण सरोज रज, निज मन मुकुरि सुधारि । बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि ।
बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवनकुमार, बल बुद्धि विदया देहु मोहि हरहु कलेश विकारि ।
जय हनमुान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिंहु लोक उजागर ।
रामदूत अतुलित बलधमा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1)
महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवारि सुमति के संगी ।
कंचन वरन विराज सुवेशा, कानन कुंडल कुंचित केशा । (2)
हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मुज जनेउ साजे ।
शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजगवंदन । (3)
विद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर ।
प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, रामलखन सीता मन बसिया । (4)
सूक्ष्म रूप धरि सिंअहिं दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा ।
भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5)
लाये संजीवन, लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये ।
रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रियं भरतहिं सम भाई । (6)
सहस बदन तुमरो जस गावें, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें ।
सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नाराद, सारद सहित अहीसा । (7)
यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहि सके कहां ते ।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा, राम मिलाये राज पद दीन्हा । (8)
तुमरो मंत्र विभीषण माना, लंकेश्वर भये सब जग जाना ।
युग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यो ताहिं मधुर फल जानूंं । (9)
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहिं, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं ।
दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10)
राम दुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे ।
सबसुख लहे तुमारि शरणा, तुम रक्षक काहु को डर ना । (11)
आपन तेज संभारों आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे ।
भूत पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12)
नासे रोग हरे सब पीरा, जपत निरंत हनुमत वीरा ।
संकट ते हनुमान छुडावे, मन क्रम वचन ध्यान जो लावें । (13)
सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकत तुम साजा ।
और मनोरथ जो कोई ध्यावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14)
चारों जुग परताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा ।
साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंद रामदुलारे । (15)
अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता, अस वर दीन जानकी माता ।
राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुर के दासा । (16)
तुमरे भजन राम खों पावें, जनम जनम के दुख विसरावें ।
अंतकाल रघुवर पुर जाई, जहां जन्म हरि भक्ति कहाई । (17)
और देवता चित्त ना धरहिं, हनुमत सेई सर्व सुख करहिं ।
संकट कटे मिटे सब पीरा जपत निरंत हनुमत वीरा । (18)
जै जै हनुमंत गुसाईं, कृपा करहु गुरूदेव की नाहिं ।
जो शत बार पाठ कर कोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19)
जो यह पढे हनुमान चालीसा होय सिद्ध साखि गोरीसा ।
तुलसीदास सदा हरि चेरा कीजे नाथ हृदय मंह डेरा ।
पवनतनय संकट हरण मंगलवार मुरति रूप ।
राम लखन सीता सहित सुर भूप । सियावर रामचंद जी की जय
पवनसुत हनुमान जी की जै, बोलों भाई सब संत की जय ।
Pankaj tripathi
नहीं, डॉ चन्द्र प्रकाश द्विवेदी को मत भूलिए।
अभिनेता इस ज्ञान से जुडा हुआ पहली बार देखा हैं.... आज की परीपेक्ष मे हमारे जैसे दर्शको के लिये यह असाधारण अनुभव हैं.... आशुतोष जी को बहोत बहोत साधुवाद!
Phle mujhe ashutosh bhut vidvaan lgte the...Aaj pta chala wo shabd ka bhandaar hai ....vidvata to guruvar me hai
अद्भुत शास्त्रार्थ सुनने को मिला , संतों के दर्शन श्रवण से मन शांत हो जाता है।
Ye jhandu sant nahi ,resist aadmi hai
Sahi bat hai bhai
@@universaltruth2 प्राचीनकाल में धर्म, वेद , और अगोचर विषयों पर चर्चा को ही शास्त्रार्थ कहा गया है।
ज्ञान गंगा को लाने वाले भागीरथ और गंगा के वेग को धारण करने वाले शिव दोनों महारथी को धन्यवाद सहित प्रणाम 🙏🌸🌸
धन्य हूं मैं, ऐसी धरती पर पैदा हुआ जहां इतने विद्वानों ने जन्म लिया🙏
दोनों विद्वानों को एक साथ देखकर प्रसन्नता हुई। जय श्री हरि
भाषा पर गुरुदेव की पकड, सरलतासे धर्म समझाना अप्रतिम!
Guruju ko pranaam 🙏 AAP please bathaayiye guruji ke eyes q aisaa hai
@@universaltruth2 very very thanks ji.bathaaneke liye my guruuji ke paadhpadmo ko namaskar karthee hu🙏🙏🙏
siraf rta lgaya he in pandit ne ir ye kud isvar ko nhi jan paye he
बिनु सत्संग विवेक न होई।
राम कृपा बिनु सुलभ न सोई।
ऐसे ही यूट्यूब चैनल की आवश्यकता है आज, श्री आशुतोष राणा सर जी को बहुत बहुत धन्यवाद करता हूं 🙏🌺
परम पूज्य श्री गुरुदेव जी के चरणों में शाष्टांग दंडवत करता हूं 🙏🌺
वाह
हृदय गद गद हो गया कबीरजी की वाणी पर बहुत जबरदस्त व्याख्या
आशुतोष जी आपको कोटि कोटि धन्यवाद हार्दिक नमन गुरुदेव के चरणों में शत शत नमन
अद्भुत, अकल्पनीय साक्षात्कार। ऐसा प्रतीत हो रहा था कि कृष्ण द्वैपायन सम्वाद हो रहा है। आशुतोष जी को साधुवाद , और गुरुदेव के लिए कुछ भी कहने के लिए हमारी वाणी सामर्थ हीन है।
Jay Shri Krishna Guruji and Ashutosh Sirji bahuti aachsaji sachme baate suntehi manme bahut santi milteji Dhanyawadji🌺🙏❤🌺🌺🙏❤🌺
परमपूज्य संत शिरोमणी संत श्री आशाराम जी बापू के साथ साथ परमपूज्य संत श्री रामभद्राचार्य के चरणों में शत शत नमन ।
श्री गुरूचरण सरोज रज, निज मन मुकुरि सुधारि । बरनउं रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चारि ।
बुद्धिहीन तनु जानके सुमरो पवनकुमार, बल बुद्धि विदया देहु मोहि हरहु कलेश विकारि ।
जय हनमुान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिंहु लोक उजागर ।
रामदूत अतुलित बलधमा, अंजनि पुत्र पवनसुत नामा । (1)
महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवारि सुमति के संगी ।
कंचन वरन विराज सुवेशा, कानन कुंडल कुंचित केशा । (2)
हाथ वज्र और ध्वजा विराजे, कांधे मुज जनेउ साजे ।
शंकर स्वयं केशरीनंदन, तेज प्रताप महाजगवंदन । (3)
विद्यावान गुनि अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर ।
प्रभु चरित्र सुनिवे को रसिया, रामलखन सीता मन बसिया । (4)
सूक्ष्म रूप धरि सिंअहिं दिखावा, विकट रूप धरि लंक जरावा ।
भीम रूप धरि असुर संहारे, रामचंद्र जी के काज संवारे । (5)
लाये संजीवन, लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये ।
रघुपति कीन्हीं बहुत बढाई, तुम मम प्रियं भरतहिं सम भाई । (6)
सहस बदन तुमरो जस गावें, अस कहि श्रीपति कंठ लगावें ।
सनकादिक ब्रम्हादि मुनीषा, नाराद, सारद सहित अहीसा । (7)
यम कुबेर दिग्पाल जहां ते, कबि कोबिद कहि सके कहां ते ।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा, राम मिलाये राज पद दीन्हा । (8)
तुमरो मंत्र विभीषण माना, लंकेश्वर भये सब जग जाना ।
युग सहस्त्र योजन पर भानु, लील्यो ताहिं मधुर फल जानूंं । (9)
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहिं, जलधि लांघि गये अचरज नाहिं ।
दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुमरे तेते । (10)
राम दुवारे तुम रखवारे, होत ना आज्ञा बिनु पैसारे ।
सबसुख लहे तुमारि शरणा, तुम रक्षक काहु को डर ना । (11)
आपन तेज संभारों आपे, तीनों लोक हांक ते कांपे ।
भूत पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे । (12)
नासे रोग हरे सब पीरा, जपत निरंत हनुमत वीरा ।
संकट ते हनुमान छुडावे, मन क्रम वचन ध्यान जो लावें । (13)
सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकत तुम साजा ।
और मनोरथ जो कोई ध्यावे, सोई अमित जीवन फल पावे । (14)
चारों जुग परताप तुमारा, है प्रसिद्ध जगत उजयारा ।
साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंद रामदुलारे । (15)
अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता, अस वर दीन जानकी माता ।
राम रसायन तुमरे पासा, सदा रहो रघुर के दासा । (16)
तुमरे भजन राम खों पावें, जनम जनम के दुख विसरावें ।
अंतकाल रघुवर पुर जाई, जहां जन्म हरि भक्ति कहाई । (17)
और देवता चित्त ना धरहिं, हनुमत सेई सर्व सुख करहिं ।
संकट कटे मिटे सब पीरा जपत निरंत हनुमत वीरा । (18)
जै जै हनुमंत गुसाईं, कृपा करहु गुरूदेव की नाहिं ।
जो शत बार पाठ कर कोई, छूटहिं बंधि महासुख होई । (19)
जो यह पढे हनुमान चालीसा होय सिद्ध साखि गोरीसा ।
तुलसीदास सदा हरि चेरा कीजे नाथ हृदय मंह डेरा । (20)
पवनतनय संकट हरण मंगलवार मुरति रूप ।
राम लखन सीता सहित सुर भूप । सियावर रामचंद जी की जय
पवनसुत हनुमान जी की जै, बोलों भाई सब संत की जय ।
Kaha jaat ka Dhobi pakhandi,durachari Aasha Ram aor kaha Bramman jagat Guru dono mein tumhe aantar nahi dikhta murkh aadmi.
सौ बार सुनना पड़ेगा तब कुछ समझ में आजाए तो ईश्वर कृपा होगी
Bilkul Satya h
सद्गुरू श्री जी तो है हि पर आशुतोष जी आप को भी कोटि कोटि प्रणाम
🕉🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🕉
Mujhe Har prashn ka solution Mil Gaya Guruji thank u so Much itne Saral tarike se batane ke liye
आशुतोष जी आप बहुत बहुत भाग्यशाली है जो गुरूदेव जी के पास बैठे हुए बातचीत कर रहे उनका आशीर्वाद आप सब परीवार को हमेशा सुख शांती हेल्थ प्रदान करे ❤❤
गुरु जी के चरणो में कोटि-कोटि प्रणाम गुरु जी की जय हिंदू राष्ट्र
मैं धन्य हो गया जो आखिरकार हमारे देश में सस्त्रो और ज्ञान पे वाद हो रही है।ज्ञान की ये सबसे उच्चतम शिखर है। जो इसे सुन मात्र लेने से मुझे ज्ञान और शांति का अनुभव हो रहा है। आशुतोष जी आपको दिल से ध्यानवाद।
हिन्दूस्तान के महान संत।
करूणा से परिपूर्ण।
साक्षात ईश्वर!!
आपको बार-बार नमन।
गुरुदेव श्री के चरणों मे प्रणाम!.. आशुतोष जी के प्रयास से गुरुदेव श्री के मुख से निकले ज्ञान को श्रवण करके जीवन धन्य हो गया!.. हरि ॐ
अतुलनीय, शत् शत् नमन दोनो महानुभावों को ❤
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जिन खोजा तिन पाइया, गहरे पानी पैठ, मैं बपुरा बूडन डरा, रहा किनारे बैठ।
महान संत परंपरा के कलियुग में वर्तमान समय के ध्वजा वाहक परम पूजनीय गुरुजी के श्री चरणों में बारम्बार कोटिकोटि प्रणाम!!
हरिकृपा हो तो आशुतोष जनमानस में फिल्म कलाकार से संत शास्त्रार्थ का सौभाग्य पाकर अबोध जिज्ञासु की तरह जानने वालों में सम्माननीय हो जाते हैं।
जय हो जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी गुरु जी आपके चरणों में कोटि कोटि नमन जय हो
गुरुदेव जी को कोटि-कोटि नमन🙏🏻 🙏🏻
धन्य है आप आशुतोष जी, जो गुरु जी के साक्षात दर्शन व उनसे इतनी बात करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ 🙏🏻🙌
जयतु संस्कृतम् जयतु भारतम् जयतु संस्कृतम् जयतु संस्कृतम्
काश इस जीवनकाल में ऐसा तर्क सुनने को मिले जिससे जीवन की सत्यता का ज्ञान हो ।
ईश्वर हमें अगला जन्म संतो के चरणों में दे ।
परम पूज्य संत गुरु देव रामभद्राचार्य जी को कोटि कोटि नमन
जगद्गुरु जी के ज्ञान को सही सही सब लोगों तो पहुँचाने का सबसे उत्तम विधा ये प्रश्न उत्तर है प्रवचन नहीं आशुतोष जी आपके इस प्रयास को प्रणाम जय सिया राम
सटीक व्याख्या से sanka समाधान हुआ। सादर प्रणाम पूज्य संत श्री के charno में। आशुतोष राणा जी sir को भी नमस्कार और साधुवाद 🙏🙏🙏🙏🙏
हम व्यक्ति के मन में जो प्रश्न ,जिज्ञासा होती है उसको आशुतोष राणा जी ने सहज भाव से गुरुदेव से पूछे एवं गुरुदेव ने बहुत ही सरलता से उनका जवाब दिया इससे हमें आध्यात्मिक ज्ञान की और विश्वास आगे बढ़ा दोनों को बहुत बहुत धन्यवाद, नमन
परमपूजनीय श्री जगत गुरु रामभद्राचार्य जी को हमारे तरफ से कोटि कोटि चरण वंदन असंतोष जी को भी जय श्री राधे राधे
सत्य सनातन धर्म कि सत्य सहजता से शास्त्रार्थ दिव्य गुरुदेव, विद्वानों को नमन करता हूं।
ज्ञान और भक्ति में क्या सुंदर विभेद किया है गुरु जी ने❤
आशुतोष राणा sir को बॉलीवुड वाले नही फसा सके।फिल्मी life से एकदम जुदा।मैं गुरु जी और आशुतोष राणा जी को हिदय से प्रणाम करते हैं।
बिल्कुल सही कहा गया है जब दो विद्वानों का आपस में साक्षात्कार होता है तो श्रवण करने वालों को सर्वाधिक ज्ञान प्राप्त होता है
आप दोनों ज्ञानि मनीषियों को प्रणाम दंडवत,🙏🙏🚩💐💐🙂
परम पूज्य गुरुदेव को बारंबार प्रणाम आशुतोष जी आपके द्वारा पूछे गए प्रश्न लोगों को धर्म के और करीब लाएंगे
This discusson is full of wisdom where Shri Ashutosh ji has come with perfect home work .His holy highness guru Bhadracharya ji is an ocean of knowledge .Mostly Bollywood personalites a particular class is in aggression with Hinduism .Ashutosh ji deserve a big applause .
जय हो बहुत अच्छा शिक्षक मिला गुरुदेव चरणों में शत शत नमन
4:15 जहां तर्क के बाद स्थिरता आती है वो विश्वास होता है!!!!
और जहां बिना तर्क किये मन रम जाये वो श्रद्धा होती है। और श्रद्धा जब दृढ़ हो जाये, स्थाई हो जाये तो वो आस्था हो जाती है।
अद्भुत ☺️ बात कही गुरूदेव ने।
क्षमा करे इतने ज्ञानी महाराज जी दृष्टि कैसे नहीं हो सकती हैं क्या जन्म से नहीं है या कोई दुर्घटना घटी महाराज जी के साथ
❤🎉 namo raghavay ❤🎉 ❤🎉Jay shree Ram ❤🎉❤🎉❤ shree sadguru dev jagat guru Ramanandacharya Swami shree Rambhadracharya ji ke.charno.mein.koti.koti.❤🎉naman❤🎉 bandan ❤🎉❤❤🎉🎉❤❤🎉🎉❤❤🎉🎉
गुरुदेव के बारे में तो कुछ कहने की पात्रता ही हमारे पास नहीं है किन्तु ऐसे संत के साक्षात्कार के लिए आषुतोष जी जैसा ब्यक्तित्व एवं ज्ञान ही चाहिए।
🙏 आपकी ज्ञान अगाध है गुरुदेव सत सत नमन गुरु भगवन🙏🙏🙏🙏🙏
ओशो के धरती के तत्वों से निर्मित राणा जी प्रश्नों का मायाजाल आप ऐसा बुनते हो कि उत्तर देने वाला ही घूम जाता है.... जय हो दोनों महान आत्माओं ko..❤
बहुत बहुत धन्यवाद!! धर्मशास्त्र पर चर्चा करने के लिए अच्छा ज्ञान प्राप्त हुआ।
आपका भाषाई गियान अद्भुत है और गुरुदेव जी को मेरा सत सत नमन 🙏🙏🙏
Ashutosh Sir's questions are so profound and deep which can really ignite one's consciousness...🔥👏
ADBHUT !! ADBHUT 🙏🙏🚩🚩🕉️🌸
Bohut sundar shasharth sunneko mile 😊😊
Jaii jaii shree ram 💪🕉️🔥🙏🦁🔱🚩🚩🚩🚩🌸🌸
आषुतोष जी आपका जीवन धन्य हो गया आप अपने जीवन का इस अद्भुत साक्षात्कार को भगवान का सबसे बड़ा तोफा समझें,
ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जिनको ये अद्भुत तोहफा मिलता है।
गुरुदेव के चरणों में प्रणाम ।
🙏🙏🙏
अदभुत साक्षात्कार है,दो ज्ञान की धारा का झरणा,एक बुंद का कुछ अंश भी ले सके तो जीवन प्राप्ती की और बढने लग जाये
बडे भाग मानुष तन पाया और बड़े भाग आप दोनों को पाया जय हो जय हो जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री
अशोतोस सर आपको हम बचपन से विलेन के रूप में देख रहे थे किंतु आज वाल्मीकि जी की सत्य कहानी की याद आ गई
ज्ञान के सागर श्री श्री १००८ श्री रामभद्राचार्य को कोटि कोटि नमन
आप दोनों भारत के रत्न हैं सादर चरण वंदन 🙏🏻🙏🏻
अद्भुत आशुतोष जी ऐसा प्रश्न विद्वान ही कर सकता है ❤ महादेव अपनी कृपा बनाए रखें
सनातन ही सर्वश्रेष्ठ है
बहुत खूब गुरुदेव जी. ये मेरा सौभाग्य है कि मैं आप की वाणी सुन पा रहा हूं. कोटि कोटि प्रणाम
शुद्ध सत्संग
हरि अनंत हरि कथा अनंता !!
आनंद आ गया, कोटि कोटि नमन❤
गुरुदेव के श्री चरणों में शत-शत नमन 🙏🙏
❤❤जय श्री सीता राम परम पिता परमात्मा प्रभु भगवान की जय❤❤❤
मन के अनेकानेक भ्रमों का निवारण होगा आपके वार्तालाप से
बार बार सुनना होगा आपकी बातों को समझने के लिए
आपके सदैव आभारी रहेंगे 🙏🙏
आशुतोष राणा जी को भूमि पर नीचे बैठकर परम् पूज्य जगतगुरु जी का साक्षात्कार लेना चाहिए था। जय श्रीराम 🙏🏻
Chota soch nahi rakhna chahiye vai ..yeto bahut achha hai gurudev k sath upper baithkar bate karnese gyanka vandar khul jatahai 🙏
अद्भुत आशुतोष जी । प्रभु श्री राम आप पर सदैव कृपा बनाए रखे ।
सुंदर, ज्ञान वर्धक, जय सियाराम
Jai Shri Sitaram
Well done Ashutosh ji, because of your questions we are also blessed by Guruji Satsang... and educate ourselves more refined. 😊
दिल खुश हो गया मन में एक अजीब सी संतुष्टि महसूस हो रही है इसे सुनकर ,आशुतोष राणा आशुतोष राणा है और उनके क्वेश्चंस का आंसर पूज्य गुरुदेव के मुख से सुनकर दिल खुश हो गया पूज्य गुरुदेव रामभद्राचार्य जी के चरणों में शत प्रणाम
जय श्री सीताराम जी की महाराज जी आपके चरणों में कोटि कोटि नमन वंदन 🙏🙏🙏
What a mature conversation! Shri Rambhadracharya sounds so logical and reasoned.
गुरुदेव के चरणो में शत् शत् नमन🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🚩🚩
He guru Brahma he guru Vishnu he Shankar bhagwan ap ke charno me he Guru Dev pranaam ap ke charno me ❤❤❤❤❤❤❤
जन साधारण के नित्य उठने वाले प्रश्न एवम्अद्भुत प्रश्न तथा परम् श्रद्देय गुरुवर द्वारा उनका सरल शब्दों र्मे समझाने का प्रयास हम साधारण जन के लिए प्रशाद स्वरूप है।🙏
😢😢😢 kitne Mahan hai bhagwan guru Maharaj me ek atheist se phir se insan bn gya mujhe guru Ji ki kirpa mile jai ho sanatan ki me kese misguided ho gya tha 😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢😢
Ek dfa bhgat singh ki book padh le wapas atheist ho jayega 😂😂😂
@@ashutoshjaiswal660 aur tum wapas theist. Yahan jo aa gaye ho 🤣
Excellent talk, we are so thankful to Ashutosh sir please have more episodes with Jagadguru we want to enlighten more with his presence.
बहुत ही बढ़िया चर्चा युवा पीढ़ी को सुनना चाहिये.
I am feeling so proud of myself today that u were my love since Swabhimaan days..today I understand your divinity attracted me..❤❤..stay divine...
Aise santo ko dekh kar apne dharm par garv ×100 badh jaata hai🧡
राधेश्याम गौरीशंकर सीताराम राधेश्याम सीताराम हनुमान
आशुतोष सर जी
आपने जनकल्याण के लिए इतने अच्छे प्रश्न किए हैं
आदरणीय पूज्यनीय जगद्गुरू जी महाराज इतने अच्छे ढंग सरल व्याख्यान किया सभी प्रश्नों का
गुरुदेव जगत गुरू होने नाते हमारे भी पूज्यनीय गुरुवर हैं
गुरुदेव जी को कोटि कोटि नमन करती हूँ
सर आपको भी मैं प्रणाम करती हूँ
Ashutosh ji.. You are contributing immensely in understanding Hindu n ethos of it. Hats off.
Guru Nanak Dev Ji,ki वाणी,
ए शरीर सब धर्म है जिस अंदर सच्चे की जोत,।
गुहज रत्न बिच लुक रहया, कोई गुरमुख सेवक कड़े खोत
बहुत ही अद्भुत, कोटि कोटि प्रणाम,, बहुत बहुत धन्यवाद।।
What a divine conversation! जयतु- जयतु भारतम!!
Gurudev key charno mein naman 🚩🙏🔥
पहले इसी को "शास्त्रार्थ" कहा जाता था ज्ञान का समुंद्र मंथन होते रहना चाइए ताकि समाज को समय और परिस्थिति के हिसाब से सही दिशा मिले 🙏
इसे शास्त्रार्थ नहीं अंधभक्ति कहते हैं, शास्त्रार्थ हमेशा दो विरोधी मतों में होता है
@@sunilkumaryadav1688 शास्त्रार्थ का मतलब उस वार्तालाप से होना चाइए जिसका निस्कृष समय के हिसाब से सभी को और उत्तम की तरफ ले जाए । तो शास्त्रार्थ विरोधी में नहीं उन दो व्यक्ति के बीच होता है जिनका ध्येय सामूहिक हित हो
धन्यवाद
@@sunilkumaryadav1688मलेच्छ
@@sunilkumaryadav1688Bula..le..gyani Sanatan Dibet Se darta nahi hai
Ise vaad kehte Hain...Shashtarth me dono paksh apne views rakh ke proofs dete Hain and tark karte hain....
अदभुत, इंटरव्यू
बहूत ही प्रैक्टिकल प्रश्न थे और उतना ही सरल जवाब। मान गए गुरुजी आपको। आप ने वेद और पुराण के कठीन शब्द डीकोड कर दिया।
OUTSTANDING COMUNICATION WITH A GREAT SAINT IN OUR TIME. keep meditating all this words are extremly fruitfull indeed.
जय श्री कृष्ण दादा🙏
गुरु जी के चरणों में दंडवत प्रणाम 🙏
परमपूज्य रामभद्राचार्य जी को कोटि कोटि नमन। इनती सुन्दर जवाब सुन कर धन्य कर दिये हम सभी को । आशुतोष जी आपको "आचार्य प्रशांत" जी से भी मिलना चाहिए, उनके पास भी जाके आपको और साफ चीजे पता चलेंगे।
My god how simply he gave all the answers of the complicated questions....
साष्टांग प्रणाम। 🙏🏻🙏🏻❤️❤️
कितना अदभुत मिला है आशुतोष जी और स्वामी जी, धन्य हैं हम
।।अनमोल वचन।।बोलना सभी को आता है किसी की जुबान बोलती है। किसी की नियत बोलती है किसी का समय बोलता है। किसी का पैसा बोलता है किसी का फरेबी दबदबा (दादा गिरी)बोलती है फिर जिन्दगी के अंत मे यमराज के दरवार मे इंसान का अच्छा और बुरा कर्म बोलता है। तदुपरांत अगले सफर का निर्धारण होता है।।01।।क्योकि सत सनातन परमपिता जी के दरवार मे सभी के कर्मो का खाता।।इसीलिए-उजली करनी करले रे मेरे भाई, कर्म ना करना काला। असंख्य आंखो से देख रहा है तुझको सृष्टी का सिरजनहारा।।उसकी तेज नजरो से भाई बहनो, कोई ना बचने पाता। लाख मनाले देवी देवता, कोई ना बचावनहारा।।02।।अपनी आत्मा को परमात्माराम नाम अखण्ड सारशब्द से मिलाने वाली जड़े जंगल और गुफाओ मे नही है ना ही मूंड मुडाने और जटा बढाने मे निहित है। ना ही देही गुरुओ के बाजार मे और ना ही, जप तप तीरथ व्रत उपवास मे जपा अजपा अनहद के व्यवहार मे। परमात्मा को पहचानने की जड़ तो समय के भेदी सद्गुरु की तलाश मे नीहित है।।03।।सत सनातन परमात्मा का अखण्ड सारशब्द अजर अमर अविनाशी का लखाव तो स्वयं सत सनातन सतगुरु परमात्मा अपनी ओर से सुपात्र के चित्त मे कराते है। समझनियां तो समझ जाएगे और मन मूरख रह जाए ठिल्ली मे। सतगुरु मेरे सतधाम बस्से, और साँई अरुण जी शेलार सतसंग सुनाऐ यूट्यूब और फैश बुक पर रोज दुनिया मे।।04।।सत सनातन शब्द गुरु का साथ और साँई अरुण जी शेलार नासिक महाराष्ट्र का सारशब्दीय सतसंग मे मार्ग दर्शन जीवन मे अच्छे बदलाव ला रहा है। इस घोर कलिकाल मे निर्भय वही है जो सत सनातन सारशब्दीय सतगुरु की शरण मे है। असत्य झूठी प्रकृति के जाप अजपा अनहद की शरण वाला हमेशा काल गाल मे फंसा रह कर बारम्वार जन्मता और मरता रहता है।।05।।,,साँई अरुण जी शेलार नासिक महाराष्ट्र और सारशब्दीय परिवार को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी 🙏🏻🌹
જય સત્ય સનાતન ધર્મ કી જય ❤
જય સિયારામ ❤
Can't believe a bollywood guy can talk like this. He is a gem in the middle of Bollywood gutter
He should have sat on the ground before Swamij9 and would have asked questions rather than sitting with his holiness. We must respect and greatly regard these great assets.
आशुतोष जीने अतिशय मार्मिक प्रश्न विचारून गुरूजीकडून अनेक जिज्ञासुलोकांचे समाधान केले .कोटी कोटी धन्यवाद सर!
आसुतोस जी, आपको हमने तो एक्टर के रूप में ही देखा है, पर अद्भुत ! आप की वाते बड़ी विद्धता पूर्ण है । आपका और गुरुजी का वार्तालाप सुनना बहुत रोचक ओर तथ्यपुर्ण लगा।