काका हाथरसी की लक्ष्मी वन्दना | Kavi Gram | hasya kavi sammelan | comedy | old hasya

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  • Опубликовано: 4 дек 2024

Комментарии • 4

  • @tulsivishwakarma9094
    @tulsivishwakarma9094 Год назад +1

    धन्यवाद, कवि ग्राम

  • @mohanbhatt402
    @mohanbhatt402 Год назад +1

    बहुत बहुत धन्यवाद आपका। बचपन मे बहुत पढा है हमने कविराज को।

  • @kumaryogeshbanda
    @kumaryogeshbanda Год назад +1

    छंद छोड़ छलछंद बनाऊँ...😀😀😀
    इसके पहले काका जी को सिर्फ पढ़ा करते थे, आपने सुनने का अवसर प्रदान किया...बहुत-बहुत धन्यवाद आपको । निवेदन है आपसे ऐसे ही और वीडियोज उपलक्ष्य कराएँ🙏

  • @Ram50747
    @Ram50747 5 месяцев назад

    कविवर काका जी द्वारा यह कविता सन् 1969 में सुनी गई थी जो दिल्ली गेट एरिया के कवि सम्मेलन में सुनाई गई थी इसमें दो-तीन लाइन हटा दी गई है शायद उन्होंने मॉडिफाई किया होगा तो वह दो-तीन लाइनें यहां मुझे याद है मैं इसमें ऐड कर देता हूं श्रोतागढ़ उसका भी आनंद लेंगे
    1. शुरुआत यहां से हुई थी लक्ष्मी मैया वर दे काका को सन 69 में करोड़पति कर दे।
    2. इसके बाद दूसरी लाइन है उस समय नसबंदी का समय था- मेरी रानी रूपवती को लूपवती कर दे।
    3. उस समय राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह जी थे और प्रधानमंत्री श्रीमति इंदिरा गांधी जी थीं उसके ऊपर उन्होंने एक लाइन लिखी थी- काका बन जाएं राष्ट्रपति और काकी को इंदिरा गांधी की सीट पर धर दे।