. *वही का इंतजार क्यूं ?* गजवए बनू मुस्तलक में जाने के वक्त हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा के नाम का कुरआ ( चिठ्ठी ) निकला ! इसलीये हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम की बिबीयों में से हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा इस गजवए मे साथ गयी ! लडाई से वापसी के वक्त एक पडाव पर मुक्काम के बाद रात को निकलने का ऐलान हुआ ! तो हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा उठी और अपनी हाजत पुरी करने के लिए फौज से दूर जाकर पडाव के जगह वापस आ गयी ! इसी दौरान हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा का गले का हार टूट कर कहीं गिर गया ! तो हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा उसे ढूंढने के लिए देर तक निकल पडी ! इधर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा जिस हौदज में सफर कर रही थी , उस हौदज के उठाने वाले ये समझ कर के हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा उसमें बैठी हैं, ऐसा समझ कर हौदज उंट पर बांध दिया और फौज के साथ रवाना हो गये ! हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम और फौज के साथीयों में से "किसी" को भी खबर नहीं हुआऀ के हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा पिछे रह गयी ! .यह इसलीए हुआ के हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा एक नवउम्र , हल्की-फुल्की लडकी थी और उनका वजन भी बहुत कम था ! .हौदज उठाने वालों को इसका अंदाजा न हो सका के हौदज में हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा नहीं है ! .हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा हार मिलने के बाद लौटी तो पाया के काफीला जा चुका था ! हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा उसी जगह बैठी रही, के हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम के साथी यहां ढूंढने आ जायेंगे ! और उसी जगह निंद का गलबा हुआ तो हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा सो गयी ! सफवान बिन मुअत्तल फौज का एक साथी सुबह को पिछे से आ रहा था ! उसकी नजर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा पर पडी , जो बुर्के में थी; तो उसने पहचान लिया और "इन्ना लिल्लाही व इन्ना इलयही राजीऊन" पढा ! जिससे हदरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा जाग गयी ! और दुपट्टे में मुंह छिपा लिया ! उसके बाद न हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा ने एक भी लफ्ज कहा और ना सफवान रजि.अन्हु ने ! सफवान रजि.अन्हु ने अपने उंटनी को बिठा दिया, जिस पर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा बैठ गयी ! उसके बाद सफवान रजि.अन्हु उंटनी की नकेल पकडकर, जिस पर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा बैठी हुआऀ थी; फौज के पास पहुंच गये ! इस वाकीए की खबर पुरे फौज को हो गयी और अब्दुल्लाह बिन उबई जो मुनाफीक था उसने पुरे मदीने मे तोहमत लगाकर बुरी खबर फैला दी! .हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा बिमार हुआऀ और "एक माह" तक बिमार रही ! उन दिनों रसुलुल्लाह सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम का वह प्यार और मुहब्बत नहीं देखी, जो पिछली बिमारीयों मे देख चुकी थी ! उम्मे मिस्तह जो हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा की सहेली थी, उसने तोहमत लगाने वालों की सारी बातें हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा को सुनाई ! इसके बाद हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा अपने मां-बाप के यहां जाने की इजाजत हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम से लेकर मायके चली गयी ! घर जाकर अपनी अम्मीजान हजरत उम्मे रुमान से पुछा के, "बाहर लोग क्या कह रहें हैं" ? हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा रातभर और दिनतक रोती रहीं ! इस मामले में हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम ने अपने साथीयों से मश्वरा लिया ! हजरत अली रजि. अन्हु , उसामा बिन जैद रजि. अन्हु से मश्वरा लिया ! और अपनी बीवियों से भी मश्वरा लिया ! और हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा की खादीमा लौंडी बरीरा रजि.अन्हा से भी मश्वरा लिया ! .हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा के पास गये तो फरमाया, सच सच बताओ ! अगर बेगुनाह है तो अल्लाह बता देगा और अगर गुनाह हुआ है तो तौबा करो, अल्लाह तआला माफ फरमाने वाला है ! उसी वक्त बिस्तर पर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा ने अपना रुख दुसरे जानीब कर लिया ! उसी वक्त आप सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम पर वही नाजील हुआऀ और आप पसीना पसीना हो गये ! हालांकि सर्दीयों का मौसम था ! अब "एक माह" तक किया हुआ वही का इंतजार खत्म हो चुका था ! अल्लाह तआला ने हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा को बेगुनाह ठहराया और सूर: "नुर" की दस आयतें ( आयत नं.11 से 21 तक ) आपके हक में उतारी ! इस पर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा ने पहले अल्लाह का शुक्रीया अता किया ! यह सारा किस्सा हदीस बुखारी नं. 2661 और हदीस मुस्लीम शरीफ नं. 7020 में दर्ज है ! .---------------------------------
*"Dono firqon ke aalim log, ye pahle se tay karke hi baithte hai, ki kuchh bhi ho, hum ko dusre ki bat ko manna hi nahi,"* **Aur dono ki jannat dozakh ka faisla in baton se nahi hoga, ki tum ne farmabardari ki hai, ya nahi,"*
Allah bhi kareem nabi bhi kareem allah bhi rauf or raheem nabi bhi rauf or raheem kya koi jahil ye kahega ye bhi shirk hai seeda quran par aitraz hoga allah ka kareem hona kisi or maane mai hai nabi ka kareem hona kisi or maane mai tumhare paas itna ilm hota to gumrah ni hote
Ilme Ghaib ka matlab Allah tala paighambar ko jo ilm deta hai wo aam insaano ko nahi deta. Aur Paighambar apni Ummat ka head aur Bashar hota hai. Wo insano may sab say mumtaz hasti hota hai usko tum bewaqoof log insano say compare karnay ki bajaye Allah say compare kar k uska martaba gira detay ho. Agar Tum insano say compare karo gay to wo Ilme ghaib jaanta hai. Nauz Billa tum log Rasul ki shakhsiyat ko Hamesha Allah say compare kartay ho. Jo totally wrong hai. Ahle Sunnat wal Jamaat ka aqeeda ye hai: La Yumkinus Sana kama kana haqqa hu Baad az khuda Buzurg tuee Qissa mukhtesar
. *वही का इंतजार क्यूं ?* गजवए बनू मुस्तलक में जाने के वक्त हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा के नाम का कुरआ ( चिठ्ठी ) निकला ! इसलीये हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम की बिबीयों में से हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा इस गजवए मे साथ गयी ! लडाई से वापसी के वक्त एक पडाव पर मुक्काम के बाद रात को निकलने का ऐलान हुआ ! तो हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा उठी और अपनी हाजत पुरी करने के लिए फौज से दूर जाकर पडाव के जगह वापस आ गयी ! इसी दौरान हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा का गले का हार टूट कर कहीं गिर गया ! तो हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा उसे ढूंढने के लिए देर तक निकल पडी ! इधर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा जिस हौदज में सफर कर रही थी , उस हौदज के उठाने वाले ये समझ कर के हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा उसमें बैठी हैं, ऐसा समझ कर हौदज उंट पर बांध दिया और फौज के साथ रवाना हो गये ! हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम और फौज के साथीयों में से "किसी" को भी खबर नहीं हुआऀ के हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा पिछे रह गयी ! .यह इसलीए हुआ के हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा एक नवउम्र , हल्की-फुल्की लडकी थी और उनका वजन भी बहुत कम था ! .हौदज उठाने वालों को इसका अंदाजा न हो सका के हौदज में हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा नहीं है ! .हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा हार मिलने के बाद लौटी तो पाया के काफीला जा चुका था ! हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा उसी जगह बैठी रही, के हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम के साथी यहां ढूंढने आ जायेंगे ! और उसी जगह निंद का गलबा हुआ तो हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा सो गयी ! सफवान बिन मुअत्तल फौज का एक साथी सुबह को पिछे से आ रहा था ! उसकी नजर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा पर पडी , जो बुर्के में थी; तो उसने पहचान लिया और "इन्ना लिल्लाही व इन्ना इलयही राजीऊन" पढा ! जिससे हदरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा जाग गयी ! और दुपट्टे में मुंह छिपा लिया ! उसके बाद न हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा ने एक भी लफ्ज कहा और ना सफवान रजि.अन्हु ने ! सफवान रजि.अन्हु ने अपने उंटनी को बिठा दिया, जिस पर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा बैठ गयी ! उसके बाद सफवान रजि.अन्हु उंटनी की नकेल पकडकर, जिस पर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा बैठी हुआऀ थी; फौज के पास पहुंच गये ! इस वाकीए की खबर पुरे फौज को हो गयी और अब्दुल्लाह बिन उबई जो मुनाफीक था उसने पुरे मदीने मे तोहमत लगाकर बुरी खबर फैला दी! .हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा बिमार हुआऀ और "एक माह" तक बिमार रही ! उन दिनों रसुलुल्लाह सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम का वह प्यार और मुहब्बत नहीं देखी, जो पिछली बिमारीयों मे देख चुकी थी ! उम्मे मिस्तह जो हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा की सहेली थी, उसने तोहमत लगाने वालों की सारी बातें हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा को सुनाई ! इसके बाद हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा अपने मां-बाप के यहां जाने की इजाजत हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम से लेकर मायके चली गयी ! घर जाकर अपनी अम्मीजान हजरत उम्मे रुमान से पुछा के, "बाहर लोग क्या कह रहें हैं" ? हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा रातभर और दिनतक रोती रहीं ! इस मामले में हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम ने अपने साथीयों से मश्वरा लिया ! हजरत अली रजि. अन्हु , उसामा बिन जैद रजि. अन्हु से मश्वरा लिया ! और अपनी बीवियों से भी मश्वरा लिया ! और हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा की खादीमा लौंडी बरीरा रजि.अन्हा से भी मश्वरा लिया ! .हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा के पास गये तो फरमाया, सच सच बताओ ! अगर बेगुनाह है तो अल्लाह बता देगा और अगर गुनाह हुआ है तो तौबा करो, अल्लाह तआला माफ फरमाने वाला है ! उसी वक्त बिस्तर पर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा ने अपना रुख दुसरे जानीब कर लिया ! उसी वक्त आप सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम पर वही नाजील हुआऀ और आप पसीना पसीना हो गये ! हालांकि सर्दीयों का मौसम था ! अब "एक माह" तक किया हुआ वही का इंतजार खत्म हो चुका था ! अल्लाह तआला ने हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा को बेगुनाह ठहराया और सूर: "नुर" की दस आयतें ( आयत नं.11 से 21 तक ) आपके हक में उतारी ! इस पर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा ने पहले अल्लाह का शुक्रीया अता किया ! यह सारा किस्सा हदीस बुखारी नं. 2661 और हदीस मुस्लीम शरीफ नं. 7020 में दर्ज है ! .---------------------------------
Surat No. 16 Ayat NO. 43 और (ऐ पैग़म्बर!) हमने तुम से पहले भी किसी और को नहीं, इन्सानों ही को पैग़म्बर बनाकर भेजा था, जिन पर हम वही नाज़िल करते थे। (ऐ इन्कार करने वालो!) अब अगर तुम्हें इस बात का इल्म नहीं है तो जो इल्म वाले हैं उनसे पूछ लो। ---------------------------------
Surat No. 18 Ayat NO. 110 ऐ नबी! कहो कि मैं तो एक इन्सान हूँ तुम्हीं जैसा, मेरी तरफ़ वह्यी की जाती है कि तुम्हारा ख़ुदा बस एक ही ख़ुदा है। लिहाज़ा जो कोई अपने रब की मुलाक़ात का उम्मीदवार हो, उसे चाहिये कि अच्छे काम करे और बन्दगी में अपने रब के साथ किसी और को साझीदार न बनाए। ----------------------------------
In jaise hujjat bazon ko Haque aur hidayat se kuch Lena Dena nahi inhe apni jahalat par zid ke saath ade rahna h.zid ko takabbur ko in logon ne apne Jeet haar ka masala bana liya h.inka ghamand inke imaan aur hidayat ke liye sabse bada rukawat h.
70sahba jo hafiza thee usko sahid kardiya sahba ne kaha aye mere rub Aap SW Ko khabar de de hamare sahide hone ki jebrail amin nekhabar di Aap sw ko sahi hadees
Huzoor Sallallahu Tala vasllam Ek Bar Dajjal dakshal ke bare mein Bata rahe the ki 10 Jan Ki Aankhen uski Sawari uska uska look Sacchi Bata rahe the Ek Bar javani mein Ek shakhs ka hai uska Aankh Ek 10 Sal mein thi Aur vah Kahta najmunda Main Nahin hun hujur Sallallahu vasllam se Ki Tum To Kya Dikhta Hai usne Kaha Mera Rab apna Pani per bichhata hai FIR dusra aap log furkan Qureshi RUclips per chalne per puri video batane ka tarika series hisab bahut Achcha lagta hai samajh mein Aata Hai Ek Altaf Kureshi channel per bhi bahut अच्छी-अच्छी baten living Aadhar ismein Azam kya matlab Apne nabiyon Ko Sikhaya tha topic Bhul Jaaye Varna bahut hi lag jaayengi lekin Apne Laagi Dulare ko Itna Limited de deta Uske Chehre Se Bata deta ki mera ummati kitne gunahgar hain
To जब Farishta allah ke bad Jaate Ho To Allah Kahate Hain Kahan Se Aaye Ho tab Allah Ko Pata Hota Hai Kahan Se Aaye Farishte Kahate Hain Kya napak Kuchh Bande aapki Ham to Suna aapki Tarif kar rahe hain FIR Allah Tala Ne Kaha aur kya chij Mang rahe hain FIR Farishte Ne Kaha Jannat tabla Tara ne kaha ki unhone meri Jannat Dekhi Hai To fir to Lekar Ham Nahin FIR Allah Tala Ne Kaha Kis chij Se Panah Mal rahe the to Fir isane Kaha dojak se to अलग-अलग sab chij Pahle Se Jante Hain To direct Bata dete Nahin bataya farishton se kauwaya Gaur aur Farishte Inko Humne Paksh Diya Jannat de di Aur Ek Rishta FIR Kaha Kuchh Bande apni Khud Sambhal Le Le ya Kuchh kam karne ke liye Aaye The to Allah ne Katana ne kaha ki aisi Machhali se ismein Sabhi makirat Ho Jaati Hai Lagna Tujhse yah Nahin Hua ki Allah Tala Nahin Jante the farishton se poochh rahe the isase yah Pata Chalta Hai Ki Kuchh Kuchh Baat hujur sallallaho Tala vasllam Allah Tala Ke Dil Mein Dal Diya Karte The aur kuchh baten Vahi ke dwara utarti rahti Thi Kyunki Allah Tala Har nabiyon ko Apna ek secret Naam ismein Azam bataya Ho Jaise Ki Alif Lam Mim Ki Tilawat hujur sallallaho sallam Parmar hai tab vahan se ek Yahudi likh raha usne Kaha ki Alfaaz Maine aapse Pahle Kabhi Nahin Suni fir usne Apne Bade Rabbi ko bataya Khuda Ki Kasam Main Aaj Jo sunkar a raha hun vah Pahle Kabhi Nahin suna Kisne Kaha hujur Sallallahu Salam Alif Lam meme jalikal Bata Baya kar rahe the To Kya Khuda Ki Kasam Sasur Ke Aaye Ho To usne Apne kanon se FIR bataya iski ful Jankari RUclips mein furkan Qureshi RUclips per dekh sakte hain aur ek Hai Altaf Qureshi Ek javani mein Sahi Baat Hai Kasam Se
Yah to pata hai na ke Aalim bhi jahannam me jayegaa or un me kuch Aise iman wale bhi jo kalma to padhta hai lekin dil or jan se ziyada mohabbat nahi karta hai aise fitne seallah bachaye khabis ki jamat
Devbandiyo, kharjio, Allah ne jab Hazrat eisah as se poochha ke tumhare haath main kiya hai, Hazrat eisah as ne kaha mere haath main chhadi hai, to Kiya Allah ko naouzubillah pata nahi tha?
Inko Allah ke rasool ke kabar me aane ka ya ilm e gaib ka munazra karna hai toh Pakistani Mufti Hanif Quraishi se kare aur India me hai toh Maulana Farooque Rizvi sahab se kare . In badbakt wabhi aur ahle hadees Inka naam sun kar ulta pair bhagega. Kabhi bhi Inka naam sun kar yeh log munazra me nahi jaate.
Ilyas Bhai aap hanfi Barailvi mukallid hai . Quran aur Hadees ki bate aap ki samajh nahi aa sakti. Q ke her bat ki dalil Quran aur Hadees se Dena padta hai jo aap nahi de sakte.
Wahabiyon ye sabit karo Allah ne kaha ho ea nabi hum ne tum ko ilme geib nahi diya Wahabi akal hi lagata he our kuch nahi karta nabi ki shan gataa ta he
@@Ex-hindu_sawami mare gutna fute aankh allah ne ye kaha is se Pehele aap nahi jante the Ye kab kaha hamare batane se bhi aap nahi jante Koi bhi ho khud se Kuch nahi janta allah ke batane se janta he Vo Kitna janta hai ye bhi allah janta he Hum us ke ilm par koi ked nahi laga sakte Jo ye keheta he nabi ke paas itna ilm he utna ilm he fir us ke paas nabi se zada ilm hoga. Maazallah Jabi to bata raha he
अहले हदीस ही अहले सुन्नत वल जमात है बरेलवी तो खुला हुआ मुशरिक अहले शर्क वल खुराफात है जिनकी मां बहन बेटियां मजारों पर मुजरा डांस करती है वो अपने आपको अहले सुन्नत कहते है क्या जमाना आ गया है
Allah ke nabi Nabi ka mayna gaib ki khabar sunane wala jo Allah ki taraf se aae wahi ke jariye Iska pura ma'ana hoga Allah ke gaib ki khabar sunane wala (wahi ke jariye se) Aur yeh lafz Qur'an aur hadith me aya hai
Rasulalah ka Kiya matlab hota hai fir bata allah ka rasool hi hota hai jaise nabiallah allah pak ka Nabi. Lafj par gaur kiya karo...yahudiyon ke jant par Bharosa mat kiya karo....Gaza ki jang ho rahi kaun kiske sath hai dekh lo sawoodi yahoodi Bhai Bhai Bane huye hain kuch bhi nahi bolte ye ahle hadees..log America ke khilaf
Nabi sallallahu alaihi wasallam ne sahaba ra,ko bata diya Sahaba ne tabaeen ko bataya tabaeen ne taba tabaeen ko bataya isse to ham bhi alimul gaib ho gaye
ہد ہو گئی جہالت کی ، بُخاری کہنے والے کیا یہ حدیث سُنا نہیں بلکہ متعدد بار آیا ہے یہ لفظ ۔۔ اللہ و رسولہ عالم ۔۔ مگر آپ صلی اللہ علیہ و آلہ و سلم نے یہ نہیں کہااُن سے اللہ تو صحیح ہے مگر رسول ٹھیک نہیں ہے Hadh ho gayi jahalat ki, bukhari kehnay walay kya yeh hadees suna nahi balkay mutadid baar aaya hai yeh lafz . . Allah wa rasool o aalam. . magar aap sale Allah alaihi o aala o slm ne yeh nahi un se kaha Allah to sahih hai magar rasool theek nahi hai
Nabi saw ko defend karne wale ko salam,,, shaitan ko khush karne walon PE lanat
Daleel
@@mdhassanashraf2451tum chaval dal khate ho kuran hadees se daleel do ki ye haram hai ki halal
@@mdhassanashraf2451,
Mohammad sw ko Allah ke barabar manne walo par lanat,
Or Mohammad sw sahi maqam yad dilane walo ko salam
Jahilo par laanat
Akalmando par salamati
Allah ke sath shirk nahi
He is the most great
. *वही का इंतजार क्यूं ?*
गजवए बनू मुस्तलक में जाने के वक्त हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा के नाम का कुरआ ( चिठ्ठी ) निकला ! इसलीये हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम की बिबीयों में से हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा इस गजवए मे साथ गयी !
लडाई से वापसी के वक्त एक पडाव पर मुक्काम के बाद रात को निकलने का ऐलान हुआ ! तो हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा उठी और अपनी हाजत पुरी करने के लिए फौज से दूर जाकर पडाव के जगह वापस आ गयी ! इसी दौरान हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा का गले का हार टूट कर कहीं गिर गया ! तो हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा उसे ढूंढने के लिए देर तक निकल पडी !
इधर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा जिस हौदज में सफर कर रही थी , उस हौदज के उठाने वाले ये समझ कर के हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा उसमें बैठी हैं, ऐसा समझ कर हौदज उंट पर बांध दिया और फौज के साथ रवाना हो गये ! हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम और फौज के साथीयों में से "किसी" को भी खबर नहीं हुआऀ के हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा पिछे रह गयी !
.यह इसलीए हुआ के हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा एक नवउम्र , हल्की-फुल्की लडकी थी और उनका वजन भी बहुत कम था ! .हौदज उठाने वालों को इसका अंदाजा न हो सका के हौदज में हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा नहीं है !
.हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा हार मिलने के बाद लौटी तो पाया के काफीला जा चुका था ! हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा उसी जगह बैठी रही, के हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम के साथी यहां ढूंढने आ जायेंगे ! और उसी जगह निंद का गलबा हुआ तो हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा सो गयी ! सफवान बिन मुअत्तल फौज का एक साथी सुबह को पिछे से आ रहा था ! उसकी नजर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा पर पडी , जो बुर्के में थी; तो उसने पहचान लिया और "इन्ना लिल्लाही व इन्ना इलयही राजीऊन" पढा ! जिससे हदरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा जाग गयी ! और दुपट्टे में मुंह छिपा लिया ! उसके बाद न हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा ने एक भी लफ्ज कहा और ना सफवान रजि.अन्हु ने !
सफवान रजि.अन्हु ने अपने उंटनी को बिठा दिया, जिस पर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा बैठ गयी ! उसके बाद सफवान रजि.अन्हु उंटनी की नकेल पकडकर, जिस पर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा बैठी हुआऀ थी; फौज के पास पहुंच गये !
इस वाकीए की खबर पुरे फौज को हो गयी और अब्दुल्लाह बिन उबई जो मुनाफीक था उसने पुरे मदीने मे तोहमत लगाकर बुरी खबर फैला दी!
.हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा बिमार हुआऀ और "एक माह" तक बिमार रही ! उन दिनों रसुलुल्लाह सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम का वह प्यार और मुहब्बत नहीं देखी, जो पिछली बिमारीयों मे देख चुकी थी !
उम्मे मिस्तह जो हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा की सहेली थी, उसने तोहमत लगाने वालों की सारी बातें हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा को सुनाई !
इसके बाद हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा अपने मां-बाप के यहां जाने की इजाजत हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम से लेकर मायके चली गयी ! घर जाकर अपनी अम्मीजान हजरत उम्मे रुमान से पुछा के, "बाहर लोग क्या कह रहें हैं" ?
हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा रातभर और दिनतक रोती रहीं !
इस मामले में हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम ने अपने साथीयों से मश्वरा लिया ! हजरत अली रजि. अन्हु , उसामा बिन जैद रजि. अन्हु से मश्वरा लिया ! और अपनी बीवियों से भी मश्वरा लिया ! और हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा की खादीमा लौंडी बरीरा रजि.अन्हा से भी मश्वरा लिया !
.हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा के पास गये तो फरमाया, सच सच बताओ ! अगर बेगुनाह है तो अल्लाह बता देगा और अगर गुनाह हुआ है तो तौबा करो, अल्लाह तआला माफ फरमाने वाला है ! उसी वक्त बिस्तर पर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा ने अपना रुख दुसरे जानीब कर लिया ! उसी वक्त आप सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम पर वही नाजील हुआऀ और आप पसीना पसीना हो गये ! हालांकि सर्दीयों का मौसम था !
अब "एक माह" तक किया हुआ वही का इंतजार खत्म हो चुका था ! अल्लाह तआला ने हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा को बेगुनाह ठहराया और सूर: "नुर" की दस आयतें ( आयत नं.11 से 21 तक ) आपके हक में उतारी ! इस पर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा ने पहले अल्लाह का शुक्रीया अता किया !
यह सारा किस्सा हदीस बुखारी नं. 2661 और हदीस मुस्लीम शरीफ नं. 7020 में दर्ज है !
.---------------------------------
Allahu Akbar
Stop fighting over these unnecessary discussion,
Come let us fight our ENEMIES together and make success hereafter
Tauhid se koi samjhauta nahi
wo enemies me qabar parast bhi hai
Moqallid ko hindi main kya bolenge shayad Andhbhakt?
😂😂😂
Un educated 😅
❤❤❤mmmm
Ye stream kab hoti hai? Konsi day aur time ?
Every Wednesday
Time 9:30 pm
I Plus tv
@RayyanRafee jazakallah
*"Dono firqon ke aalim log, ye pahle se tay karke hi baithte hai, ki kuchh bhi ho, hum ko dusre ki bat ko manna hi nahi,"*
**Aur dono ki jannat dozakh ka faisla in baton se nahi hoga, ki tum ne farmabardari ki hai, ya nahi,"*
Jo shi baat ho o manna chahiye
Kia ammal k sath aqeeda ki koi zarurat ni?
Ek shirk sare aamaal barbad kar deta hai
Sabhi apne aap ko correct karo aur be ready for enemies collectively
enemies ko hi samjhaya ja raha hai
Allah bhi kareem nabi bhi kareem allah bhi rauf or raheem nabi bhi rauf or raheem kya koi jahil ye kahega ye bhi shirk hai seeda quran par aitraz hoga allah ka kareem hona kisi or maane mai hai nabi ka kareem hona kisi or maane mai tumhare paas itna ilm hota to gumrah ni hote
Jab 99% Awam ne huzur ko dekha he nahin to kabar mein Aapko kaise pehachanege
Nabi Koyal Mein Gayab marne wala Allah Ka Dushman hai
Ilme Ghaib ka matlab Allah tala paighambar ko jo ilm deta hai wo aam insaano ko nahi deta. Aur Paighambar apni Ummat ka head aur Bashar hota hai. Wo insano may sab say mumtaz hasti hota hai usko tum bewaqoof log insano say compare karnay ki bajaye Allah say compare kar k uska martaba gira detay ho.
Agar Tum insano say compare karo gay to wo Ilme ghaib jaanta hai.
Nauz Billa tum log Rasul ki shakhsiyat ko Hamesha Allah say compare kartay ho. Jo totally wrong hai.
Ahle Sunnat wal Jamaat ka aqeeda ye hai:
La Yumkinus Sana kama kana haqqa hu
Baad az khuda Buzurg tuee Qissa mukhtesar
Deen bahut aasan hai bhai islye Quran o Hadees ki mano
*गैब और गैब की खबरें*
जो सिर्फ अल्लाह को पता है उसे गैब कहते है ! गैब और गैब की खबरें इसमें फर्क करना चाहिए !
सूर: नंबर : आयत नंबर
7 : 188
11 : 49
11 : 31
6 : 50
72 : 26 , 27 , 28
81 : 24
5 : 67
6 : 59
27 : 65
5 : 109
11 : 123
2 : 255
3 : 44
52 : 41
10 : 20
18 : 26
3 : 29
4 : 113
{सूर: नं.24 : 11 से 21 }
{हदीस बुखारी नं. 2661 }
{मुस्लीम शरीफ नं. 7020 }
हदीस बुखारी नं. 1039
. किसी जरीए से कोई इल्म हासील हो जाए तो उसे अताई इल्म कहते है !
| बुखारी नं. 2801 |
| बुखारी नं. 1002 |
| मिश्कात नं. 1289 |
| मुस्लीम नं. 1550 |
हदीस बुखारी 7380
----------------------------------
. *वही का इंतजार क्यूं ?*
गजवए बनू मुस्तलक में जाने के वक्त हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा के नाम का कुरआ ( चिठ्ठी ) निकला ! इसलीये हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम की बिबीयों में से हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा इस गजवए मे साथ गयी !
लडाई से वापसी के वक्त एक पडाव पर मुक्काम के बाद रात को निकलने का ऐलान हुआ ! तो हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा उठी और अपनी हाजत पुरी करने के लिए फौज से दूर जाकर पडाव के जगह वापस आ गयी ! इसी दौरान हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा का गले का हार टूट कर कहीं गिर गया ! तो हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा उसे ढूंढने के लिए देर तक निकल पडी !
इधर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा जिस हौदज में सफर कर रही थी , उस हौदज के उठाने वाले ये समझ कर के हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा उसमें बैठी हैं, ऐसा समझ कर हौदज उंट पर बांध दिया और फौज के साथ रवाना हो गये ! हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम और फौज के साथीयों में से "किसी" को भी खबर नहीं हुआऀ के हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा पिछे रह गयी !
.यह इसलीए हुआ के हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा एक नवउम्र , हल्की-फुल्की लडकी थी और उनका वजन भी बहुत कम था ! .हौदज उठाने वालों को इसका अंदाजा न हो सका के हौदज में हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा नहीं है !
.हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा हार मिलने के बाद लौटी तो पाया के काफीला जा चुका था ! हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा उसी जगह बैठी रही, के हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम के साथी यहां ढूंढने आ जायेंगे ! और उसी जगह निंद का गलबा हुआ तो हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा सो गयी ! सफवान बिन मुअत्तल फौज का एक साथी सुबह को पिछे से आ रहा था ! उसकी नजर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा पर पडी , जो बुर्के में थी; तो उसने पहचान लिया और "इन्ना लिल्लाही व इन्ना इलयही राजीऊन" पढा ! जिससे हदरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा जाग गयी ! और दुपट्टे में मुंह छिपा लिया ! उसके बाद न हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा ने एक भी लफ्ज कहा और ना सफवान रजि.अन्हु ने !
सफवान रजि.अन्हु ने अपने उंटनी को बिठा दिया, जिस पर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा बैठ गयी ! उसके बाद सफवान रजि.अन्हु उंटनी की नकेल पकडकर, जिस पर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा बैठी हुआऀ थी; फौज के पास पहुंच गये !
इस वाकीए की खबर पुरे फौज को हो गयी और अब्दुल्लाह बिन उबई जो मुनाफीक था उसने पुरे मदीने मे तोहमत लगाकर बुरी खबर फैला दी!
.हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा बिमार हुआऀ और "एक माह" तक बिमार रही ! उन दिनों रसुलुल्लाह सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम का वह प्यार और मुहब्बत नहीं देखी, जो पिछली बिमारीयों मे देख चुकी थी !
उम्मे मिस्तह जो हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा की सहेली थी, उसने तोहमत लगाने वालों की सारी बातें हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा को सुनाई !
इसके बाद हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा अपने मां-बाप के यहां जाने की इजाजत हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम से लेकर मायके चली गयी ! घर जाकर अपनी अम्मीजान हजरत उम्मे रुमान से पुछा के, "बाहर लोग क्या कह रहें हैं" ?
हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा रातभर और दिनतक रोती रहीं !
इस मामले में हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम ने अपने साथीयों से मश्वरा लिया ! हजरत अली रजि. अन्हु , उसामा बिन जैद रजि. अन्हु से मश्वरा लिया ! और अपनी बीवियों से भी मश्वरा लिया ! और हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा की खादीमा लौंडी बरीरा रजि.अन्हा से भी मश्वरा लिया !
.हुजूर सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा के पास गये तो फरमाया, सच सच बताओ ! अगर बेगुनाह है तो अल्लाह बता देगा और अगर गुनाह हुआ है तो तौबा करो, अल्लाह तआला माफ फरमाने वाला है ! उसी वक्त बिस्तर पर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा ने अपना रुख दुसरे जानीब कर लिया ! उसी वक्त आप सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम पर वही नाजील हुआऀ और आप पसीना पसीना हो गये ! हालांकि सर्दीयों का मौसम था !
अब "एक माह" तक किया हुआ वही का इंतजार खत्म हो चुका था ! अल्लाह तआला ने हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा को बेगुनाह ठहराया और सूर: "नुर" की दस आयतें ( आयत नं.11 से 21 तक ) आपके हक में उतारी ! इस पर हजरत आयेशा रजियल्लाहु अन्हा ने पहले अल्लाह का शुक्रीया अता किया !
यह सारा किस्सा हदीस बुखारी नं. 2661 और हदीस मुस्लीम शरीफ नं. 7020 में दर्ज है !
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Surat No. 16
Ayat NO. 43
और (ऐ पैग़म्बर!) हमने तुम से पहले भी किसी और को नहीं, इन्सानों ही को पैग़म्बर बनाकर भेजा था, जिन पर हम वही नाज़िल करते थे। (ऐ इन्कार करने वालो!) अब अगर तुम्हें इस बात का इल्म नहीं है तो जो इल्म वाले हैं उनसे पूछ लो।
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Surat No. 18
Ayat NO. 110
ऐ नबी! कहो कि मैं तो एक इन्सान हूँ तुम्हीं जैसा, मेरी तरफ़ वह्यी की जाती है कि तुम्हारा ख़ुदा बस एक ही ख़ुदा है। लिहाज़ा जो कोई अपने रब की मुलाक़ात का उम्मीदवार हो, उसे चाहिये कि अच्छे काम करे और बन्दगी में अपने रब के साथ किसी और को साझीदार न बनाए।
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In jaise hujjat bazon ko Haque aur hidayat se kuch Lena Dena nahi inhe apni jahalat par zid ke saath ade rahna h.zid ko takabbur ko in logon ne apne Jeet haar ka masala bana liya h.inka ghamand inke imaan aur hidayat ke liye sabse bada rukawat h.
Adam seekar urdu 9.00pm Saturday Live youtub
Tu abhi tak musalman kyo nahi bna?
Kya adam seeker ne kuch sikhaya nahi kya??
Ek ilme gaib ye bhi hai ke aap woh 72 firke mein aata hai jo jahannam mein honge jo huzoor ne hadees mein bataya hai
70sahba jo hafiza thee usko sahid kardiya sahba ne kaha aye mere rub Aap SW Ko khabar de de hamare sahide hone ki jebrail amin nekhabar di Aap sw ko sahi hadees
Tujhse aur Jannat se kya matlab Bareilly Dur Ho Ham Allah Ke Bande Hain Jannat bhi Allah Ki
Jab firate jameen se ars per jate he to Allah punchata he ki Banda kya kar rahe
Jab Allah aur unke farishto ko ilme gaib nahi hai to Nabi ko kaise hoga ?
Yah Bareilly Dargah per bikane wali Kitab padta hai halva Khor
TujhseAurJannatSeKyaMatlabWahabiDoorhoHamRasoolAllahkeJannatRasoolAllahKi
Ahale Sunnath Hajoro Salse Hai,
Barlavioo ka alhadess say muqbala he kaha
Huzoor Sallallahu Tala vasllam Ek Bar Dajjal dakshal ke bare mein Bata rahe the ki 10 Jan Ki Aankhen uski Sawari uska uska look Sacchi Bata rahe the Ek Bar javani mein Ek shakhs ka hai uska Aankh Ek 10 Sal mein thi Aur vah Kahta najmunda Main Nahin hun hujur Sallallahu vasllam se Ki Tum To Kya Dikhta Hai usne Kaha Mera Rab apna Pani per bichhata hai FIR dusra aap log furkan Qureshi RUclips per chalne per puri video batane ka tarika series hisab bahut Achcha lagta hai samajh mein Aata Hai Ek Altaf Kureshi channel per bhi bahut अच्छी-अच्छी baten living Aadhar ismein Azam kya matlab Apne nabiyon Ko Sikhaya tha topic Bhul Jaaye Varna bahut hi lag jaayengi lekin Apne Laagi Dulare ko Itna Limited de deta Uske Chehre Se Bata deta ki mera ummati kitne gunahgar hain
*"allah ne apne nabi ko gaib ka ilm diya, aur wahi gaib ka ilm pura "Quran" hai,"*
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हदीस बुखारी नं. 1039
. किसी जरीए से कोई इल्म हासील हो जाए तो उसे अताई इल्म कहते है !
| बुखारी नं. 2801 |
| बुखारी नं. 1002 |
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हदीस बुखारी 7380
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Phir surah Yusuf me allah pak ne kyun kaha is se pahle tum kuch nhi jante the Yusuf A.s ke bare me
ilm e ghaib Allah ki sift hai. Kisi AUR ke baray main ye aqeeda rakhna kufr hai
To जब Farishta allah ke bad Jaate Ho To Allah Kahate Hain Kahan Se Aaye Ho tab Allah Ko Pata Hota Hai Kahan Se Aaye Farishte Kahate Hain Kya napak Kuchh Bande aapki Ham to Suna aapki Tarif kar rahe hain FIR Allah Tala Ne Kaha aur kya chij Mang rahe hain FIR Farishte Ne Kaha Jannat tabla Tara ne kaha ki unhone meri Jannat Dekhi Hai To fir to Lekar Ham Nahin FIR Allah Tala Ne Kaha Kis chij Se Panah Mal rahe the to Fir isane Kaha dojak se to अलग-अलग sab chij Pahle Se Jante Hain To direct Bata dete Nahin bataya farishton se kauwaya Gaur aur Farishte Inko Humne Paksh Diya Jannat de di Aur Ek Rishta FIR Kaha Kuchh Bande apni Khud Sambhal Le Le ya Kuchh kam karne ke liye Aaye The to Allah ne Katana ne kaha ki aisi Machhali se ismein Sabhi makirat Ho Jaati Hai Lagna Tujhse yah Nahin Hua ki Allah Tala Nahin Jante the farishton se poochh rahe the isase yah Pata Chalta Hai Ki Kuchh Kuchh Baat hujur sallallaho Tala vasllam Allah Tala Ke Dil Mein Dal Diya Karte The aur kuchh baten Vahi ke dwara utarti rahti Thi Kyunki Allah Tala Har nabiyon ko Apna ek secret Naam ismein Azam bataya Ho Jaise Ki Alif Lam Mim Ki Tilawat hujur sallallaho sallam Parmar hai tab vahan se ek Yahudi likh raha usne Kaha ki Alfaaz Maine aapse Pahle Kabhi Nahin Suni fir usne Apne Bade Rabbi ko bataya Khuda Ki Kasam Main Aaj Jo sunkar a raha hun vah Pahle Kabhi Nahin suna Kisne Kaha hujur Sallallahu Salam Alif Lam meme jalikal Bata Baya kar rahe the To Kya Khuda Ki Kasam Sasur Ke Aaye Ho To usne Apne kanon se FIR bataya iski ful Jankari RUclips mein furkan Qureshi RUclips per dekh sakte hain aur ek Hai Altaf Qureshi Ek javani mein Sahi Baat Hai Kasam Se
Yeh jaahil log Rasool ko Alllah ke sath shareek karne mein tule hue haiin...Allah ka SIFAT attribute hai ilm mein gaib woh sifat koi nahi le sakta.
Aik alim admin aik zahil gaun men jaye aur islam ki dawat dey log islam ko qubool karen to kya o insan key pass ilmen gaib thaa
Asif Bhai zahilyat band karo Bhai
Gaib ka ilm allah k paas hai
Lanati log hain jo Nabi men aib talash karte hain
Hajrat Ayesha rj aur ali sey jang kab bataye
EMAM Ali mirza ne ye cheez pehle hi bata di lekin apko ALLAH AJJWAJALLAH aap aap logo per hidyat ka rasta khole ameen
Yah to pata hai na ke Aalim bhi jahannam me jayegaa or un me kuch Aise iman wale bhi jo kalma to padhta hai lekin dil or jan se ziyada mohabbat nahi karta hai aise fitne seallah bachaye khabis ki jamat
Aaja ilme ghaib pe debate kr le
Barelwi have same beliefs like christians.😂
Devbandiyo, kharjio, Allah ne jab Hazrat eisah as se poochha ke tumhare haath main kiya hai, Hazrat eisah as ne kaha mere haath main chhadi hai, to Kiya Allah ko naouzubillah pata nahi tha?
Wahabde aamne saamne kyu nahi munazara karte kabhi.. Bhagode
Inko Allah ke rasool ke kabar me aane ka ya ilm e gaib ka munazra karna hai toh Pakistani Mufti Hanif Quraishi se kare aur India me hai toh Maulana Farooque Rizvi sahab se kare .
In badbakt wabhi aur ahle hadees Inka naam sun kar ulta pair bhagega.
Kabhi bhi Inka naam sun kar yeh log munazra me nahi jaate.
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Beta ye open sesion hai yaha barely duniya ke sare guru ghantal ko lekar aao
Yah Bareilly log andhbhakt hain andhbhakt hain
Kabar prst aur andbhkt ek hi thali k chatte patte hay
Ilyas Bhai aap hanfi Barailvi mukallid hai . Quran aur Hadees ki bate aap ki samajh nahi aa sakti. Q ke her bat ki dalil Quran aur Hadees se Dena padta hai jo aap nahi de sakte.
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Wahabiyon ye sabit karo
Allah ne kaha ho ea nabi hum ne tum ko ilme geib nahi diya
Wahabi akal hi lagata he our kuch nahi karta nabi ki shan gataa ta he
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| बुखारी नं. 2801 |
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हदीस बुखारी 7380
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Phir surah Yusuf me allah pak ne kyun kaha is se pahle tum kuch nhi jante the Yusuf A.s ke bare me
@@Ex-hindu_sawami mare gutna fute aankh
allah ne ye kaha is se Pehele aap nahi jante the
Ye kab kaha hamare batane se bhi aap nahi jante
Koi bhi ho khud se Kuch nahi janta allah ke batane se janta he
Vo Kitna janta hai ye bhi allah janta he
Hum us ke ilm par koi ked nahi laga sakte
Jo ye keheta he nabi ke paas itna ilm he utna ilm he fir us ke paas nabi se zada ilm hoga. Maazallah
Jabi to bata raha he
@@guddukhan1143tum bahut aqal hai
Earth rotation hoti ya nahi...?
Earth flat hai ya round...?
@@mohdafsar9445 kehena kjya chahte ho
Ahle hagees 😂😂😂
Barelvi bhai ko Quran Hadees se mat samghayen , peer ka Hawala den Fatawa Rizviya se hawa den
Quran hadees ko manna hota to aap se kun bahes karta
Exmuslim Sahil, Sameer, Adam
@@SahilSameerAdamAmir haq se mulaqat kr 😅😅😅
@@mohammadarif8229 Hagroo ki baat kar raha hai, wo to phone karta hai, lekin stream par aakar debate nahi karta
Ahle Hadees nay Ahle Sunnat wal Jamaat k Aqeeday ki kitab nahi padhi.
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Phir surah Yusuf me allah pak ne kyun kaha is se pahle tum kuch nhi jante the Yusuf A.s ke bare me
अहले हदीस ही अहले सुन्नत वल जमात है
बरेलवी तो खुला हुआ मुशरिक अहले शर्क वल खुराफात है
जिनकी मां बहन बेटियां मजारों पर मुजरा डांस करती है वो अपने आपको अहले सुन्नत कहते है क्या जमाना आ गया है
मनुष्य के पुजारी मुहम्मद किसी शख्स का नाम नहीं है। सारी कहानियां घड़ी गई है।
JAISE TUM LOG KI KAHANI
अल्लाह के नबी ,यह कैसा शब्द है। कुछ भी कहे जाओ। मनुष्यों का नबी होता है । कोई अल्लाह का नबी कैसे हो सकता है।
Allah ke nabi
Nabi ka mayna gaib ki khabar sunane wala jo Allah ki taraf se aae wahi ke jariye
Iska pura ma'ana hoga
Allah ke gaib ki khabar sunane wala (wahi ke jariye se)
Aur yeh lafz Qur'an aur hadith me aya hai
Rasulalah ka Kiya matlab hota hai fir bata allah ka rasool hi hota hai jaise nabiallah allah pak ka Nabi. Lafj par gaur kiya karo...yahudiyon ke jant par Bharosa mat kiya karo....Gaza ki jang ho rahi kaun kiske sath hai dekh lo sawoodi yahoodi Bhai Bhai Bane huye hain kuch bhi nahi bolte ye ahle hadees..log America ke khilaf
Allah ke nabi means allah ke messenger
Allah ne Apne habib KO elme geb Diya sab SE ziyada Allah ne Apne mehbub KO pura quran Shikha Diya
Nabi sallallahu alaihi wasallam ne sahaba ra,ko bata diya
Sahaba ne tabaeen ko bataya tabaeen ne taba tabaeen ko bataya isse to ham bhi alimul gaib ho gaye
ہد ہو گئی جہالت کی ، بُخاری کہنے والے کیا یہ حدیث سُنا نہیں بلکہ متعدد بار آیا ہے یہ لفظ ۔۔ اللہ و رسولہ عالم ۔۔ مگر آپ صلی اللہ علیہ و آلہ و سلم نے یہ نہیں کہااُن سے اللہ تو صحیح ہے مگر رسول ٹھیک نہیں ہے
Hadh ho gayi jahalat ki, bukhari kehnay walay kya yeh hadees suna nahi balkay mutadid baar aaya hai yeh lafz
. . Allah wa rasool o aalam. . magar aap sale Allah alaihi o aala o slm ne yeh nahi un se kaha Allah to sahih hai magar rasool theek nahi hai
Vahabi aur andhbhakt sem sem hote Hain
Barelwy aur Andbhakt barabar hain na inhen koi daleel chahiye na unhen koi daleel chahiye jo unhen achcha lagta hai wahi karte hain
Brailwi dharam wale 😂😂😂😂😂😂
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18 : 26
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Baralawi or andhbhakt main sirf kalme ka fark hai bas