@@shailz709 Yes Bro There is No Cast We are one Muslim and British Divided us in order to Destroy Hinduism I love all Kshatriyas Like Yadav , Rajputana, Gujar , Martha, Jata 🥰💪💪💪🕉️
Ye to baas eek namuna hai Jab 114 yadav veero ne 1300+ chino ko maoth Ke ghat utara tha reganla me Aur Yogendra Singh Yadav jenho ne 16 goliya Chane ke baad bhi Pakistanio ko unki aaukat dikha di Mahabharat
मै बनिया हु फिर भी अहीर रेजिमेंट का सपोर्ट करता हु । हम यूपी से है मेरे बहुत अच्छे मित्र यादव है वो सपा को सपोर्ट करते है हम योगी को फिर भी हमारे बीच में बहुत अच्छी मित्रता है। काफी मेहनती होते यादव समाज के लोग
@@LoveZoneomiOmsingh peshwa are not Maratha they stole rule from Maratha shahuji and made him puppet. Maratha Sardars bhonsle gaikwad, Holkar, sindhia established their own estates and peshwas were rendered powerless.
@@vaibhavsingh4200 What the hell are you saying 😂😂 Chhatrapati shahu maharaj himself appointed all the peshwas. The peshwas were prime minister and de facto rulers while the emperor were still the chhatrapatis and possessed immense power. Also peshwas were loyal to chhatrapati. So first go and read history, dont spread your baseless stories.
Nhi... caste ke naam pe regiment banane ka idea Britishers ka tha jisse society ko divide kiya ja sake...sari regiments ke name change kr dene chahiye jo caste ko represent krti
@@unreported_hindian_voice krishna b gaye charatey the dudh bechtey the aur jinke ghr rahey the wo nand ji b yadav the vasudev k cousin lekin tm manoge kaha wese hmne b bhramano ko bheeksha mntey hi dekha h aur sala rajput thakur sb raghuvanshi kese hogye lekin mae hinduo mae ladae ni krwana chahta tm b mt krwao
@@pandey7810 bhai ek request h ap se ek baar aap Google karo please. Phir apko pata chale ga ki kitne pandit Or rajputo ko arkshan milta h. Or pichele saal 10% milna suru hoa h
@Yashveer Thakur अहीर यादव क्षत्रिय और शूद्र दाशी चारण कन्या करनी से उत्पन्न अशुद्ध रक्त संतान रजपूत कहलाती हे स्कंद पुराण और सभी वेद पुराण में ये लिखा हे, इन्ही अशुद्ध रक्त ने मुगलों ओर अंग्रेजो को बेतिया बेची ताकि भीख में गांव ओर राज्य मिल सके
Proud of my YADAV Brothers❣️ Apke balidan ko koi nahi bhul payega Proud to be Hindu 💯 Hindu ekta zindabad 🔥 Brahman thakur yadav jaat sabhi hindu ek hi jaao... Ek aur badi ladai ladni hai
गवली अहीर या गवली यादव यादव समुदाय की एक उप -जाति है, [1] जो भारतीय राज्यों महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में पाई जाती है । [2] [3] उन्हें आंध्र प्रदेश , तेलंगाना और कर्नाटक में गोला कहा जाता है । [4] [5] [6] [7] [8] यादव , कोनार , मान्यानी नायर, गोला और अहीर गवली पर्यायवाची नाम माने जाते हैं। [9] [10] वे पूरे महाराष्ट्र में वितरित किए जाते हैं। हालांकि रेजिनाल्ड एडवर्ड ने गवली को कई अलग-अलग जातियों अहीर गवली (उत्तर भारत की प्रसिद्ध यादव जाति की उप-जाति) के रूप में वर्गीकृत किया है, जबकि धनगर गवली , सिंगाजी गवली और लिंगायत गवली यादव गवली से अलग हैं,इन जातियों में समान के अलावा कुछ भी समान नहीं है। व्यवसाय और अहीर यादव गवली के साथ कोई संबंध नहीं है। [11] [12] [13] मराठा और कुनबी के साथ, अहीर गवली को मराठा जाति की संबद्ध जातियों में से एक माना जाता हैऔर अतीत में मराठा रेजिमेंट में शामिल किए गए हैं। [14] [15]
एक बात तो है यदुवंशियों ने मुगलों से कभी समझौता नहीं किया पर युद्ध लड़े और राजपूत भारमल ने जोधा बाई जी को मुगलों से समझौता किया आज इस वजह हमारा राजपूत समाज कलंकित है🙏🏻🙏🏻🙏🏻
परंपरा के अनुसार सिन्नर की स्थापना गवली (यादव) राजा राव सिनगुनी (सिंघुनी) ने कई सदियों पहले की थी।[1] उनके पुत्र राव गोविंदा ने उस युग में 2 लाख रुपए की लागत से गोंडेश्वर (गोविंदेश्वर) का भव्य मंदिर बनवाया।[2] परंपरागत रूप से, सेउना यादवों को "गवली राजा" या "गवली बौवा" कहा जाता था। भिल्लम-५ (A.D. 1185-93) ने अपनी राजधानी सिन्नर (नासिक के पास) से बदलकर देवगिरि में स्थापित की। वे आंध्र प्रदेश में गौल्ला नाम से भी जाने जाते थे, जो होयसलों के शत्रु थे।[3][4] मूलतः नासिक से मध्यप्रदेश तक कि भूमि यदुवंशी आभीरों के अधिपत्य में थी। होयसल यादवों की तरह, सेउना यादव भी मूल रूप से पशुपालक या चरवाहा थे। यादवों ने अक्सर खुदको पशुपालक होने में गौरवांकित समझा है।
Hame Pashupalak hone par Garv islie hai ki Kyuki Ham Devo ke Dev Mahadev Swayem Pashupatinath hai or unhone Pashuo ki Raksha ka Daitva Ham Yadavon ko saupa hai
Mai rajput hu. Or respect yadavo kaa karta hu. Ye vedic period k chatriya hai. Or sabse purane chatriya hai shri Krishn bhagwan k time period se hai.ye laggbhag 5000 saal se hai yaa usase bhi jyada respect
@@KushLekh esi liye tumhare jija Ahir regiment ke liye chila rahe hai...tere matalab Ahir regiment alag hai ... sale randi ke aulad tu sala aasaram Segar ramrahim Chinmaya ke grukul me paida huaa hai..sale andhbakato tum sab ko sirph aasaram Segar ramrahim Chinmaya ye tumhare asali najayaj jija hai..
यादव साम्राज्य - देवगिरि सेवुण यादव राजवंश यादव-वंश भारतीय इतिहास में बहुत प्राचीन है, राष्टकूटों और चालुक्यों के उत्कर्ष काल में यादव वंश के राजा अधीनस्थ सामन्त राजाओं की स्थिति रखते थे, लेकिन जब चालुक्यों की शक्ति क्षीण हुई तो वे स्वतंत्र हो गए और वर्त्तमान औरंगाबाद ज़िला, महाराष्ट्र राज्य, में स्थित देवगिरि (आधुनिक - दौलताबाद) को केन्द्र बनाकर उन्होंने अपने उत्कर्ष का प्रारम्भ किया। सुबाहु के पुत्र द्रिधाप्रहर कल्याणी के चालुक्यों के सामंत थे।द्रिधाप्रहरा के पुत्र राजा सुवनाचंद्र ने 850 ई० में यादव साम्राज्य का स्थापना किये और इस यादव राजवंश का पहला शासक बने । देवगिरि के यादव वंश का राज्यकाल 850 ई० से 1334 ई० तक माना जाता है। इनका साम्राज्य इनके उत्कर्ष के समय तुंगभद्रा नदी से लेकर नर्मदा नदी तक विस्तृत था, जिसके अंतर्गत वर्तमान महाराष्ट्र, उत्तरी कर्णाटक तथा मध्यप्रदेश कुछ क्षेत्र आते थे। उनकी राजधानी देवगिरि (वर्तमान दौलताबाद) थी। वे मराठी भाषा के महान संरक्षक माने जाते हैं, महाराजा सिंघन द्वितीय के समय यह राजवंश अपने उत्कर्ष पर था । उत्पति :: देवगिरि के यादव अथवा सुवन यादव शासक अपने को प्राचीन यादवों के वंशज मानते थे। हेमाद्री रचित ‘वर्तखंड’ के अनुसार उनका उत्पति स्थान मथुरा था, जहाँ से कालांतर में वे द्वारिका में बस गए थे। हेमाद्री ने उन्हें ‘कृष्णकुलउत्पन्न’ कहा है। मराठी संत दयानेश्वर ने उन्हें ‘यदुकुलवंशतिलक’ कहा था। इस वंश के कुछ अभिलेखों में उन्हें ‘द्वारावातिपुरधिश्वर’ (द्वारावती या द्वारिका के स्वामी) कहा गया है । इतिहासकार रेनाल्ड एडवर्ड एन्थोवें का मत है की देवगिरि के यादव, यदुवंशी अभीर जाति के थे। नासिक के पास से पाए गए अजनेरी शिलालेख से यह पता चलता है कि देवगिरि के यादव शासक प्राचीन यादव परिवार से सम्बंधित थे। [डॉ. ओपी वर्मा के अनुसार यादव शासन की अवधि मराठी इतिहास के लिए बहुत स्वर्ण युग था] साम्राज्य का उदय ::- द्रिधाप्रहर के पुत्र सुवनाचंद्र ने 850 ई० में यादव साम्राज्य के स्थापना किये थे। प्रारम्भिक अभिलेखों में उनकी राजधानी चन्द्रदित्यपुर (आधुनिक- चन्दोर, जिला- नासिक) बताई गयी है। सुवनाचंद्र के नाम पर ही इस राजवंश का नाम सुवन (सेवुण) राजवंश पड़ा । चालुक्यों की शक्ति क्षीण होने पर 1173 ई० में यादव राजा 'भिल्लम पंचम' ने अपने को स्वतंत्र शासक घोषित कर दिया, और 1187 ई. में इन्होंने अन्तिम चालुक्य राजा सोमेश्वर चतुर्थ को परास्त कर कल्याणी पर भी अधिकार कर लिया तथा देवगिरि को अपनी राजधानी बनाया ।
Yadav is a proud sanatani they fought for our religion but some political party are showing that they are with muslim and they are liberals but in reality they are proud sanatani.. Jai shree ram ⛳
Bro aaj bhi hum muslim ke sath nhi hai hum tabh bhi law and order ko hi support karte the or ab bhi law and order ko support karte hai kuki ab barat ek loktantrik desh hai or loktantr ko bacha ke rakhna hai
@@siddhapratapsingh3602 😂😂😂😂😂 इतिहास चोर तो तुम राजपूत हो वैसे भी तुम्हारा कोई इतिहास ही नही है न ही राजपूत रघुवंशी है प्रभु राम से तुम्हारा कोई नाता ही नही है। तुम तो 10 वी शताब्दी मे बहार से आए हुए tribe हो। तुम्हारे बुद्धि इतनी तेज है कि तुम यह भी कह देना आइंस्टीन,गैलेलियो और न्यूटन भी राजपूत भी थे। शायद russian president पुतिन भी राजपूत है।🤣🤣🤣🤣🤣🤣
होता वह भी लहू लाल जो गीदड़ से डर जाता है होता वह भी लहू लाल जो शेर से लड़ जाता है पर एक लहू का जलवा तो कुछ अजब असर का होता है जो मृत्यु को भी ललकारे ओ लघु अहीर का होता है ⚔️🚩🚩 जय द्वारकाधीश 👑 जय दादा श्री कृष्ण 🚩 जय यदुवंशी क्षत्रिय समाज ⚔️🚩🚩
@kllerb0t160 padahai badhai karle laude jo pata n ho vo mat bhokh.. Jadhav kya h aur kab se h banjare saale. Koi connection nhi tumhre यादवों se. To bhaag bsdk yaha se
@@simran9925 1)duniya me sirf ahir hi yaduvanshi hai ,source : cattle and stick an anthnographic profile of raut of chattisgarh 2)Chudasma ahir hai ,source: Gujrat state gazetteer, Abhiras there history and culture by bhagwan Singh suryavansi ASI report , dravshrai kavya by hemchandra (courtiar of mulraj solanki), prabandh chintamani ,vansthali silalekh 3)Karauli ki jadono ki utpati ahiro se hai ,source: great britain, report of indian satatuary commission,joseph davey, cunningham asian education service 4)Karauli ke vansh ahir hai, source: gazzatiar of central provinces of india, settlement of district , karauli
@@KushLekh sale lagta hai bhagwa parshuram ko fir se dharti pr aana padega tum rajputo ka namo nishan mitane ke liye ..... aise bhagwan parshuram ne teen bar is dharti par se rajputo ka namo nishan mita diye the ...jay parshuram 🙏🏻🙏🏻
@@shivmannd पहले पूरा ज्ञान रखा करो, महाभारत में सभी यदुवंशी समाप्त नहीं हुए थे भगवान श्री कृष्ण ने उन लोगों को पहले ही संपूर्ण विश्व में अलग अलग स्थानों पर भेज दिया था, केवल द्वारिका के यादव समाप्त हुए थे,, महाभारत युद्ध के समय पूरे संसार में सिर्फ यदुवंशी लोग ही बचे थे ,, जय माधव जय यादव, जय दादा श्री कृष्ण
वैदिक काल से यदुवंश ने धर्म रक्षार्थ, राष्ट्र रक्षार्थ और स्वाभिमान रक्षार्थ के लिए बलिदान देते आये हैं और आज भी देश के लिए हमेसा आगे रहते हैं। जय यादव जय माधव जय भारत ⛳🙏⛳
@@KushLekh पहले आप अपने बारे में अच्छे से पता कर लो कि किस कुल का हो और हाँ ये भी पता कर लेना कि असली हो या नकली। What's app university🎓 का ज्ञान यहाँ ना दें। ✍
@@KushLekh अहीर यादव क्षत्रिय और शूद्र दाशी चारण कन्या करनी से उत्पन्न अशुद्ध रक्त संतान रजपूत कहलाती हे स्कंद पुराण और सभी वेद पुराण में ये लिखा हे, इन्ही अशुद्ध रक्त ने मुगलों ओर अंग्रेजो को बेतिया बेची ताकि भीख में गांव ओर राज्य मिल सके
@@thakurbharatsinghunnparmar8600 जाकर सही से पुराण पढ़ फिर,उसे मूर्ख बनाना जिसने पुराण और अन्य ग्रंथ नही पढ रखी है। पुराणों मे स्पष्ट शब्दों मे लिखा है कि अहिर ग्वाला शूद्र है. हमेशा से तुमलोग का काम भैंस चराना और भैंस चराना रहा है।
@@KushLekh भाई में तेरी मां की कसम खाकर कहता हु स्कंद पुराण, ब्रह्म वर्त पुराण, सभी असली वेद पुराण में यही लिखा हे क्षत्रिय यादवों ओर शूद्र दाशी चरण कन्या से उत्पन अशुद्ध रक्त संतान को रजपूत कहते हे, इंग्लैंड में रखे संस्कृत में लिखे सभी वेद पुराण में भी यही लिखा हे,
यादव वंश भारतीय इतिहास में बहुत प्राचीन है और वह अपना सम्बन्ध प्राचीन यदुवंशी क्षत्रियों से मानता है। राष्टकूटों और चालुक्यों के उत्कर्ष काल में यादव वंश के राजा अधीनस्थ सामन्त राजाओं की स्थिति रखते थे। पर जब चालुक्यों की शक्ति क्षीण हुई तो वे स्वतंत्र हो गए और वर्त्तमान औरंगाबाद (महाराष्ट्) के क्षेत्र में स्थित देवगिरि (दौलताबाद) को केन्द्र बनाकर उन्होंने अपने उत्कर्ष का प्रारम्भ किया।
महाराजा भिल्लम पंचम (1173-1192 C.E) भिल्ल्म तथा बल्लाल का संघर्ष ::- 1187 ई. में यादव राजा 'भिल्लम' ने अन्तिम चालुक्य राजा सोमेश्वर चतुर्थ को परास्त कर कल्याणी पर भी अधिकार कर लिया था, इसमें सन्देह नहीं कि भिल्लम एक अत्यन्त प्रतापी राजा थे और उसी के कर्त्तृत्व के कारण यादवों के उत्कर्ष का प्रारम्भ हुआ था, पर शीघ्र ही भिल्लम को एक नए शत्रु का सामना करना पड़ा। द्वारसमुद्र (मैसूर) में यादव जाती के एक अन्य वंश का शासन था, जो होयसाल कहलाते थे। चालुक्यों की शक्ति क्षीण होने पर दक्षिणापथ में जो स्थिति उत्पन्न हो गई थी, होयसलों ने भी उससे लाभ उठाया और उनके राजा वीर बल्लाल द्वितीय ने उत्तर की ओर अपनी शक्ति का विस्तार करते हुए भिल्लम के राज्य पर भी आक्रमण किया। इस प्रकार बल्लाल और भिल्लम के मध्य एक ज़ोरदार संघर्ष हुआ। वीर बल्लाल के साथ युद्ध करते हुए राजा भिल्लम ने वीरगति प्राप्त की और उनके राज्य पर, जिसमें कल्याणी का प्रदेश भी शामिल था, होयसालों का अधिकार हो गया। इस प्रकार 1191 ई. में भिल्लम द्वारा स्थापित स्वतंत्रत यादव राज्य फिर से कमजोर हो गया था । देवगिरी के यादव अपने चारों तरफ से आक्रामक पड़ोसियों से घिरे हुए थे, उनके उतर में मालवा के परमार शासक, दक्षिन में होयसल (यादव) राजवंश, पूरब में काकतीय शासक तथा पश्चिम में गुजरात के सोलंकी राजा थे। इन शत्रुओं से रक्षा के लिए यादवों ने देवगिरि में एक विशाल एवं मजबूत दुर्ग का निर्माण किये। देवगिरि का किला 183 मी० ऊँचे एक पहाड़ी पर बनाया गया था। किले के बाहरी दीवारों की परिधि 4.4 कि० मी० थी। इस किले का निर्माण 1203 ई० में किया गया था । राजा जैत्रपाल (प्रथम) की वीरता ::- भिल्लम की इस पराजय से यादव वंश की शक्ति का मूलोच्छेद नहीं हो सका। भिल्लम का उत्तराधिकारी 'जैत्रपाल प्रथम' था, जिसने अनेक युद्धों के द्वारा अपने वंश के गौरव का पुनरुद्धार किया। होयसालों ने कल्याणी और देवगिरि पर स्थायी रूप से शासन का प्रयत्न नहीं किया था, इसलिए जैत्रपाल को फिर से अपने राज्य के उत्कर्ष का अवसर मिल गया। उसका शासन काल 1191 से 1210 तक था। अपने पड़ोसी राज्यों से निरन्तर युद्ध करते हुए जैत्रपाल प्रथम ने सेवुण यादव राज्य की शक्ति को भली-भाँति स्थापित कर लिया। महाराजा सिंघण द्वारा राज्य विस्तार ::- जैत्रपाल प्रथम का पुत्र 'सिंघण द्वितीय' (1210-1247 ई.) था। वह इस वंश का सबसे शक्तिशाली प्रतापी राजा हुआ। 37 वर्ष के अपने शासन काल में उसने चारों दिशाओं में बहुत से युद्ध किए और देवगिरि के यादव राज्य को उन्नति की चरम सीमा पर पहुँचा दिया। इनके समय यादव साम्राज्य नर्मदा नदी से लेकर तुंगभद्रा नदी तक फैल गया था। होयसल राजा वीर बल्लाल ने उसके पितामह राजा भिल्लम को युद्ध में मारा था और सेवुण यादव राज्य को बुरी तरह से आक्रान्त किया था। अपने कुल के इस अपमान का प्रतिशोध करने के लिए राजा सिंघण ने द्वारसमुद्र के होयसाल (यादव) राज्य पर आक्रमण किया और वहाँ के राजा वीर बल्लाल द्वितीय को परास्त कर उसके अनेक प्रदेशों पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया। होयसल राज्य पे विजय के बाद सिंघण ने उत्तर दिशा में विजय यात्रा के लिए प्रस्थान किया। गुजरात पर उसने कई बार आक्रमण किए और मालवा को अपने अधिकार में लाकर काशी और मथुरा तक विजय यात्रा की, इतना ही नहीं, उसने कलचुरी राज्य को परास्त कर दिया और अफ़ग़ान शासकों के साथ भी युद्ध किए, जो उस समय उत्तर भारत के बड़े भाग को अपने स्वामित्व में ला चुके थे। कोल्हापुर के शिलाहार, बनवासी के कदम्ब और पांड्य देश के राजाओं को भी सिंघण ने आक्रान्त किया और अपनी इन दिग्विजयों के उपलक्ष्य में कावेरी नदी के तट पर एक विजय स्तम्भ की स्थापना की। इसमें सन्देह नहीं कि यादव राज सिंघण एक विशाल देवगिरी साम्राज्य का निर्माण करने में सफल हुआ था और न केवल सम्पूर्ण दक्षिणापथ बल्कि कावेरी तक का दक्षिणी भारत और विंध्याचल के उत्तर के भी कतिपय प्रदेश उसकी अधीनता में आ गए थे। सिंघण न केवल अनुपम विजेता था बल्कि साथ ही विद्वानों का आश्रयदाता और विद्याप्रेमी भी था। 'संगीतरत्नाकर' का रचयिता सारंगधर (सारंगदेव) उसी के आश्रय में रहता था। प्रसिद्ध ज्योतिषी चांगदेव भी उसकी राजसभा का एक उज्ज्वल रत्न था। भास्कराचार्य द्वारा रचित 'सिद्धांतशिरोमणि' तथा ज्योतिष सम्बन्धी अन्य ग्रंथों के अध्ययन के लिए उसने एक शिक्षाकेन्द्र की स्थापना भी की थी।
जबरदस्त भाई 👌🙏🇮🇳🇮🇳 इतनी सारी जानकारी देने के लिए शुक्रिया । कृपया इसे फेसबुक और व्हाट्सएप ग्रुप में पर भी शेयर करे ताकि ये जानकारी अन्य लोगो तक भी पहुंचे 🙏🇮🇳🇮🇳
आज भी यही देखा जाता है, जिसका कोई नहीं हुआ उसका यादव हुआ। यदुवंशिय एक शानदार व्यक्तित्व वाले , दयावान , निर्भय , दिमाग से उत्कृष्ट और वीर आज भी हकीकत में पाते जाते हैं। इनसे यारी करने अलग ही मजा है। यदुवंशियों के पुर्वज ( दादा जी ) श्री कृष्णा की जय । ।।बाकी जय हिन्द जय भारत।।
अहीर_रेजिमेंट_हक_है_हमारा #अहीर_रेजिमेंट_हक_है_हमारा क्षत्रिय यादव समाज का सैन इतिहास बहुत पुराना है महाभारत समय द्वापर युग में कृष्ण भगवान का नारायणी सेना थी जो विश्व विजेता कहलाते थे। मुगल काल में भी हमारा सैन इतिहास है चाहे विजयनगर साम्राज्य राष्ट्रकूट वंश होयसल वंश मैसूर साम्राज्य कदंब वंश देवगिरि के यादव वंश अहिरवाल /रेवाड़ी राजवंश, करनाल का युद्ध लूटेरा, नादिरशाह के खिलाफ पूरणमल सिंह यादव अपने हजारों यादव सैनिकों के साथ औरंगजेब के खिलाफ युद्ध किया इत्यादि अंग्रेज काल मैं ,,,,, प्रथम स्वतंत्रता सेनानी अलगुमुथु कोन यादव आपने हजारों अहीर सैनिकों के साथ अंग्रेजो के खिलाफ युद्ध किया था , राव तुला राम सिंह यादव अपने भाई समेत जिन्होंने पाच हजार अहीर सैनिकों के साथ अंग्रेजो के खिलाफ युद्ध किया था। प्रथम विश्व युद्ध में 19000 अहिर सैनिक भर्ती हुए थे और द्वितीय विश्व युद्ध में 39,000 अहिर सैनिक भर्ती होकर युद्ध किया था, चोरी चोरा हत्याकांड ,बिहार बंगाल मध्य प्रदेश उड़ीसा उत्तर प्रदेश हरियाणा राजस्थान इत्यादि अपने स्थानीय क्षेत्रों से हजारों यादव वीरों ने अपने सेनापतियों के साथ अंग्रेजो के खिलाफ युद्ध किया था ,,,, आजादी के बाद रेजांगला युद्ध, टाइगर हिल बड़गांव, नाथू ला ,हाजीपुर ,कारगिल युद्ध सर्जिकल स्ट्राइक संसद भवन पर हमला होने से बचाया इत्यादि जैसे बड़े-बड़े युद्ध यादव समाज ने अपने बाहुबल से लड़ा है जब हमारा समाज का सैन इतिहास इतना बड़ा है तो सरकार अहीर रेजिमेंट का गठन क्यों नहीं कर रही है।।
@@siddhapratapsingh3602 मूर्खों के साथ बहस करना मुझे पसंद नहीं है जाओ जो करना करो। एक बार बता दिया कि देवगिरि के यादव वंश विजयनगर साम्राज्य यदुवंशियों का बड़े इतिहासो में एक है।। यादव गोप आभिर एक ही होता है।।
@@siddhapratapsingh3602 अरे जोधाबाई के भतीजे, व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी और टेलीग्राम युनिवर्सिटी का अध्ययन काम करो।जाओ अपने फूफा अकबर की जयंती मनाओ। कभी व्यापक स्त्रोत भी पढ़ लिया करो। हर जाति की पीछे राजपूत लगा देते हो, जोकि बारहवीं शताब्दी में प्रचलित थी विदेशी इतिहास कार टॉड की देन है। यदुवंशी पौराणिक है जिनका वर्णन चारो वेदों, जयसहिता (महाभारत), विष्णुपूराण, हरिवंशपुराण, गरुनपुराण, बेदांतो, उपनिषदों, रामायण (रावण को पराजित करने वाले यदुवंश की शाखा हैहय शहस्त्रबाहु अर्जुन महिष्मति सम्राट) , सूरदास, कालीदास, नरोत्तम दास, मीराबाई आदि न जाने कितने ग्रंथो में वर्णन है अहीर शब्द यादवों की उपाधि है जिसका अर्थ निडर होता है। राजा यदु और उनके वंशज श्री कृष्ण ने सर्पों का दामन किया था, मीरा के प्रभु गिरधर नागर, आखिर जात अहीर । यादवों के मुख्य बासठ गोत्र हुआ करते थे। बासठ गोत्र अहीर के , श्री हरी वंश निकास। यादवों को दुनिया जानती है, ये वैदिक और पौराणिक है। यादव समाज के लोग नेपाल के प्रधानमंत्री, और मॉरीशस के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भी रह चुके है। तुम जोधाबाई के भतीजे कितने बेशरम हो हर किसी को अपने से जोड़ देते हो। तुम लोगो का रक्त मिश्रित है शुद्ध नहीं है। इसलिए कहता हु अध्ययन करो, हर किसी को खुद से जोड़ दोगे उपहास का पत्र बनोगे। एक बार जाकर महाभारत पढ़ो। जय यादव जय माधव जय श्री कृष्ण
रामचंद्र अहीर ने अपनी बेटी झत्यापाली को अलाउद्दीन से शादी करने का फैसला किया। दुल्हन को स्वीकार कर लिया गया और दिल्ली के साथ देवगिरी के संबंध नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए।
@@KushLekh or babu tum to sabhi jatio ke mahapursho ka pata nahi kia kia chori kye ho. Agar choro ki ginti ho to Jo a. श्री राम जी के समय में क्षत्रिय bane to sri krishna ji tyme tak chale. Use baad kalug m thakur se rajput pe abi dekho kia kia bamte ho. Abhi to tym hi bahut sochna shru kar do. Ab dekho kiske put bana h.
@@KushLekh अहीर यादव क्षत्रिय और शूद्र दाशी चारण कन्या करनी से उत्पन्न अशुद्ध रक्त संतान रजपूत कहलाती हे स्कंद पुराण और सभी वेद पुराण में ये लिखा हे, इन्ही अशुद्ध रक्त ने मुगलों ओर अंग्रेजो को बेतिया बेची ताकि भीख में गांव ओर राज्य मिल सके
Yadavs of Deogiri were the pride of Maharashtra. Chatrapati Shivaji Maharaj was from the Yadav clan from his mother side. Royal Yadavs, Jadhavs, Ahirs of Maharashtra speak Marathi and are called Kshatriya Marathas.
M From Andhra Pradesh in South india there history of Yadav still present . Many temples ,Many kingdom of yadav are presented today its look like Prince of Persia if u imagine this in south . even Many villages is given by Gwal yadav Ahir for construction of temples .
waise hm bhi ahir nahi h ahar h hm noida,ghaziabad,hapur wale jo maharana pratap k sath lade the,baaki ab hmari rishtedari ahiro m hone lagi h gzb m ek gaon surana h jo maharana pratap k nam pr pda
देवगिरि के यादव, गवली राजा या सेउना यादव (कन्नड : ಸೇವುಣರು (सेवुणरु), मराठी: देवगिरीचे यादव) (850-1334) भारत का एक राजवंश था जिसने अपने चरमोत्कर्ष काल में तुंगभद्रा से लेकर नर्मदा तक के भूभाग पर शासन किया जिसमें वर्तमान महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, मध्य प्रदेश के कुछ भाग शामिल थे। उनकी राजधानी सिन्नर और बाद में देवगिरि हुई जो वर्तमान में दौलताबाद के नाम से जानी जाती है।
हमारा गांव रेलवे लाइन के किनारे हैं जब रेलवे जबरन में अतिक्रमण हटा रहा था उस समय रेलवे लाइन के किनारे बसे मुसहर जाति के लोग बेघर हो गए थे तब हमारे ही गांव के एक यादव जी हैं अपने बगीचे में रहने के लिए जगह दिए थे और वहां पर सब लोग अपना अपना घर और झोपड़ी बना चुके हैं और यादव लोग हर तरह की उनको मदद भी करते हैं
हमने अपने #भारत देश के लिए कितने ही #वीरअहीर सपूतों को हस्ते हस्ते #बलिदान होते देखा है और हमारा इतिहास कितना शानदार और गौरवपूर्ण रहा, लेकिन आज कही भी #यदुवंशियों के बारे में कही भी नहीं बताया गया। इस बात से हमे कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन जब जब मेरे #भारत देश पर कोई गलत नजर डालेगा तो वह इसी मिट्टी में दफना दिया जाएगा 🙏 जय हिन्द जय भारत 🙏 ❤️ जय यादव जय माधव ❤️ #आहिर_रेजिमेंट_हक_है_हमारा
यदुवंश अथवा यदुवंशी क्षत्रिय शब्द भारत के उस जन-समुदाय के लिए प्रयुक्त होता है जो स्वयं को प्राचीन राजा यदु का वंशज बताते हैं। यदुवंशी क्षत्रिय मूलतः अहीर थे। [1] भारतीय मानव वैज्ञानिक कुमार सुरेश सिंह के अनुसार माधुरीपुत्र, ईश्वरसेन व शिवदत्त नामक कई विख्यात अहीर राजा कालांतर में राजपूतों मे सम्मिलित होकर यदुवंशी राजपूत कहलाए। [2] तिजारा के खानजादा मुस्लिम भी अपनी उत्पत्ति यदुवंशी राजपूतों से बताते हैं। [3] मैसूर साम्राज्य के हिन्दू राजवंश को भी यादव कुल का वंशज बताया गया है। [4][5] चूड़ासमा राजपूतों को भी विभिन्न ऐतिहासिक स्रोतों मे मूल रूप से सिंध प्रांत का आभीर , [6][7] [8] या सिंध का यादव माना गया है, जो कि 9वीं शताब्दी में गुजरात में आए थे। [9] जाहल, सोनल बाई के साथ देवत बोदार नामक अहीर सामंत का चूड़ासम राजकुमार नवघन की रक्षा हेतु स्वयं के पुत्र का वध करते हुये का ऐतिहासिक चित्र [10] यदुवंश पौराणिक कथा यदु ऋग्वेद में वर्णित पाँच भारतीय आर्य जनों (पंचजन, पंचक्षत्रिय या पंचमानुष) में से एक है।[11] हिन्दू महाकाव्य महाभारत, हरिवंश व पुराण में यदु को राजा ययाति व रानी देवयानी का पुत्र बताया गया है। राजकुमार यदु एक स्वाभिमानी व सुसंस्थापित शासक थे। विष्णु पुराण, भगवत पुराण व गरुण पुराण के अनुसार यदु के चार पुत्र थे, जबकि बाकी के पुराणो के अनुसार उनके पाँच पुत्र थे। [12] बुध व ययाति के मध्य के सभी राजाओं को सोमवंशी या चंद्रवंशी कहा गया है। महाभारत व विष्णु पुराण के अनुसार यदु ने पिता ययाति को अपनी युवावस्था प्रदान करना स्वीकार नहीं किया था जिसके कारण ययाति ने यदु के किसी भी वंशज को अपने वंश व साम्राज्य मे शामिल न हो पाने का श्राप दिया था। [13] इस कारण से यदु के वंशज सोमवंश से प्रथक हो गए व मात्र राजा पुरू के वंशज ही कालांतर में सोमवंशी कहे गए। इसके बाद महाराज यदु ने यह घोषणा की कि उनके वंशज भविष्य में यादव या यदुवंशी कहलएंगे। [14] यदु के वंशजों ने अभूतपूर्व उन्नति की परंतु बाद मे वे दो भागों मे विभाजित हो गए। उत्पत्ति यदुवंशी अहीर कृष्ण के प्राचीन यादव जनजाति के वंशज माने जाते हैं।[15] यदुवंशियो की उत्पत्ति पौराणिक राजा यदु से मानी जाती है। वे टॉड की 36 राजवंशो की सूची में भी शामिल हैं। [16] विभिन्न हिंदू धर्मग्रंथों और पुराने लेखों से संकेत मिलता है कि भारत में उनकी मौजूदगी 6000 ई.पू. से भी पहले प्राचीन काल से है। [17] वंशज जातियाँ राजा सहस्रजीत के वंश को हैहय वंश कहा गया व उनके पौत्र का नाम भी हैहय था। [18] राजा क्रोष्टा के वंशजों को कोई विशेष नाम नही दिया गया वे समान्यतः यादव कहलाए।, [18] पी॰ एल॰ भार्गव के अनुसार जब राज्य का विभाजन हुआ तो सिंधु नदी के पश्चिम का राज्य सहस्रजीत को मिला व पूर्व का भाग क्रोष्टा को दिया गया। [19] आधुनिक भारत की अनेक जातियाँ जैसे कि यादव, [20] पंजाबी सैनी, [21] आयर, [22][23] जडेजा, भाटी राजपूत, [24] जादौन, [24] तथा अहीर[25][26][27][28] इत्यादि स्वयं को यदु वंशज मानते हैं। कुछ विद्वान चूड़ासमा , जाडेजा व देवगिरि के यादवो को आभीर ही मानते हैं। [29] राजपूत, पांचवीं और छठी शताब्दीमें पहली बार चित्र में आये थे। इसलिए यह किसी की कल्पना और समझ से परे है कि कैसे करौली के यादव (अलवर जिले में), रतलाम (मध्य प्रदेश में) और बीकानेर के भाटी (राजस्थान) खुद को राजपूत जाति के साथ कैसे जोड़ते हैं। हालाँकि, यह संभव है कि विदेशी "मनगढ़ंत खानाबदोशों" द्वारा आक्रमण के दौरान और उनके द्वारा प्राप्त की गई लगातार जीत के चलते, छोटे यादव राज्योंने अन्य रियासतों के साथ गठन करते समय, अपनी पहचान विलय कर दी हो। [30]
Yadav is pride of india 🇮🇳🇮🇳❤ Full support nd ❤ to my yadav brothers Specially in indo - pak wars🙏🙏🙏🙏 Indo - china war❤ from bumihar community We love u you nd respect your sacrifices For mother india🇮🇳🇮🇳🙏🙏
@@Kalashnikov56 bhai yah batao ki bharat ki shan kon si jati nahi hai hum baghel pal samaj ne bhi ek se ek balidan desh ke liye diye hai or hamare raja jaise ma ahilayabai Holkar Anand pal or Na jane kitne pratapi raja huye hai. Isliye sab ek dusre ka samman Karo koi kisi se kam nahi hai 🙏🙏
@@IITasprint70 Are aur tum khilji ke? 😂😂. Jodha ke badle Mai akbar ne Munwari Bai aur Bibi Mubarak ki shaadi man singh se karwa di thi 😂. Tumhe kya mila?😂
@@aesthetic_nostalgiaone sides history narrative 😂😂😂😂😂. In return of Jodha Akbar married of his nieces Munwari Bai aur Bibi Mubarak to Man Singh 😂😂😂. Besides Yadava Ruler married of his daughter to khilji was the first case of marriage 😂😂😂. Iska matlab Yadavs r KHILJI PUTRA 😂😂😂😂
@@aesthetic_nostalgia Maratha as a cast is made up of 96 Kulas (clans) which are warrior clans and kunbi a subcast who were farmers and Martha word in history is also used to refer all people of mharashtra irrespective of their cast
यदुवंशियों का एक नहीं हजारों इतिहास है लेकिन कुछ मनुवादी सोच के लोग इतिहास को दबाए रखा है लेकिन हम लोग इसको दबने नहीं देंगे जो समाज अपना इतिहास नहीं जानता वह कभी भी विकास नहीं कर सकता हम एक दूसरी जाति के कहने पर आकर अपना इतिहास जाते हैं मैं किसी जाति विरोधी नहीं हूं लेकिन कुछ ऐसी घटना घटी है जो हमेशा यदुवंशियों के ऊपर इल्जाम लगा है
in South india after 1947 many Gawal kings donate many villages to Brahmins to constructs temple .plz make video the history of kingdom in southindia jai hind jai bharat .
यदुवंशी क्षत्रिय अहीरो ने आक्रमणकारियों के खिलाफ हमेशा युद्ध लड़ा है। चाहे देवगिरी के यादव वंश हो या विजयनगर साम्राज्य के यादव ।। इसीलिए लोगों का रेजिमेंट बनना चाहिए।।
@@asheeshmishra5392 राजनीति में सब चलता है।। हम देश सेवा के लिए रेजिमेंट मांग कर रहे हैं।। क्या आरजेडी और समाजवादी पार्टी में ब्रह्मण नहीं है ब्राह्मण आरजेडी समाजवादी पार्टी को छोड़ क्यों नहीं देता है।।
प्रवीण भैया आपको मेरी बात का बुरा लगा इसलिए मैंमैं माफी मांगता हूं दिल्ली के जरा दूर की सोची है समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल इस्लामी हो का संगठन है अब राहुल गांधी हर जगह मुख्यमंत्री नहीं हो सकतेमैं माफी मांगता हूं दिल्ली के जरा दूर की सोची है समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल इस्लामी हो का संगठन है अब राहुल गांधी हर जगह मुख्यमंत्री नहीं हो सकते ना सोचे यह गरीबों के नाम पर कहां से पार्टियों कितना पैसा आता है बुरा ना मानिए गा
यदुवंशी वीर महा पुरुष से जब लडाई हो जाती थी औ कभी पीछे कभी नहीं हटेते थे डटे रहेते थे अल्लाऊदीन खिलजी नानी याद आने लगी थी लडाई देखके इसी लिये कहते हे यादव वहाँ होते है जहाँ मेटर बडे होते हैं जय यादव जय माधव अहिर यादव यदुवंशी सब एक और रहेंगे श्रीकृष्ण वंशज राधे राधे
@@jitendrayadavvlogs4237 राजपूतों का टाईटल भी चुराना है,राजपूतों राजाओं को अपना बाप भी बनाना है और उसी राजपूतों को कुंठा मे गाली भी देना है। नाजायज ओलादों 😂🤣
@@KushLekh मुर्ख मित्र कभी फ़िरोज़ाबाद आना, मेरे यादव समाज को ठाकुर या चौधरी साब कहते हैं,,हमारे 6जिलों में यदुवंशी क्षत्रियो की 27रियासत थीं, जमींदार हैं यादव साब
सौरभ भाई। कुछ लोग हैं जिन्होंने अपनी यूपीएससी की तैयारी छोड़ कर 2020 की कोरोना त्रासदी में देश की हालत को महत्व दिया। वो लोग जो डॉक्टर थे, पुलिस वाले थे,जिला प्रशासन में थे। आज जब ये त्रासदी टल गई तो कोई उनका हाल सुनने वाला नहीं। कृपया उनकी आवाज बने आप। वो योग्य लोग हैं जिन्होंने देश सेवा को महत्व देते हुए अपना आखिरी प्रयास भी गवा दिया। वो लोग बस एक अतिरिक्त प्रयास मांग रहे हैं। जॉब नहीं।वो संख्या में 10000 से भी ज्यादा हैं। अगर उनमें से 100 भी सेवा में आ गए तो आजीवन आपके कर्जदार रहेंगे। धन्यवाद!
भाई बात आपकी सही है लेकिन डॉक्टर और पुलिस corona me अपनी औकात दिखा दी ।। जिस डॉक्टर के पास एक हॉस्पिटल था आज वो चार हॉस्पिटल कर लिया कॉरोना की वजह से ??उन्होंने केवल अमीरों की जान बचाई जिसके पास ऑक्सीजन देने की पैसा थी ।। इसीलिए अनपर कोई नजर नहीं डालता ये लोग स्वार्थी बन गए थे corona kal me
परंपरा के अनुसार सिन्नर की स्थापना गवली (यादव) राजा राव सिनगुनी (सिंघुनी) ने कई सदियों पहले की थी। उनके पुत्र राव गोविंदा ने उस युग में 2 लाख रुपए की लागत से गोंदेश्वर (गोविंदेश्वर) का भव्य मंदिर बनवाया।परंपरागत रूप से, सेउना यादवों को "गवली राजा" या "गवली बौवा" कहा जाता था। भिल्लम-५ (A.D. 1185-93) ने अपनी राजधानी सिन्नर (नासिक के पास) से बदलकर देवगिरि में स्थापित की। मूलतः नासिक से मध्यप्रदेश तक कि भूमि यदुवंशी आभीरों के अधिपत्य में थी। होयसल यादवों की तरह, सेउना यादव भी मूल रूप से पशुपालक या चरवाहा थे। यादवों ने अक्सर खुदको पशुपालक होने में गौरवांकित समझा है।
जाति जाति रटते जिनकी पूंजी छल और प्रपंच मैं क्या जानूं जाति जाति है मेरे भुजदंड💪 इतना ही कहना चाहूंगा सभी जातियों से पढ़िये आगे बढ़िए शिक्षित बनिए संगठित रहिए
आज के समय में यादव OBC में आते हैं। OBC मतलब Other Backward Caste राजा समाज में अग्रणी होता है और फिर अब जरा सोचो वो राजा जिसने इतने शक्तिशाली मुसलमानों के साम्राज्य को धूल चटा दी थी वो Backward कैसे हुआ ❓🤔 जातिवादी व हिंदु एकता तोड़क राजनीतिक पार्टियों की गंदी राजनीति के शिकार हे भोले - भाले वोटर उम्मीद करता हूं तुम समझ गए होगे आरक्षण की राजनीति का गंदा खेल
Some people is expanding wrong message in society,, Yaduvanshi mean dynasty of Yadav. यदुवंशी का अर्थ है यादवो का वंश। राधे राधे जी जय श्री कृष्ण जी 🙏🙏 Thanks sir for telling history 🙏
My search for my origins end at Deogiri. In Maharashtra a lot of the people assign their name according to their location but we are all Yadavs. Now we have been turned into nomadic tribe category. For perhaps reservation benefits. But what happened to YADAV in Maharashtra after Deogiri fell
Mee pan yadav gawli aahe mazya mummychya maherche adnaav khedekar aahe mlaa garv aahe mee yaduvanshi gawli yadav samajatla aahe hyacha Jay shree ram 🚩 Jay shree Krishna 🚩 Jay jijau 🚩 Jay shivray 🚩 Jay shambhuraje 🚩 jay yadav Jay madhav 🚩 jay maratha 🚩
Apne mann mutabik kabhi abhiyan to kabhi akarman ban jata hai. In reality.. it was a famous military campaign of Indian history. An interesting example of military art and strategy and daring courage of Allauddin and his men. It was a brilliant example of military genius where a small number of soldiers were able to defeat a huge army.
Devgiri(Seuna dynasty), Hoyasalas, kakatiyas, kalchuri, trikuta, Mahameghvahana, kalinga, chola, pallava and Pandya and especially the Ay dynasty from kerala these all dynasties are from Yadav clans. Most of South part was ruled by yadavas at the time of king bhillama of devgiri and last to Vijaya nagar and now wodeyars are new princely state. Jai Yaduvansh ✊
@@RailTV01 bro please 😂 Jains kaha se aaye h, Jis dynasties ka logo Ko nahi pata usko baudhh yaa Jain Bana do khaskar wikipedia😂. Bro I have all gazzetier proofs and many ASI printed papers. Let's talk about the hoyasala they are mentioned as Yadu clans and from Gopa race. If they are jains then which race. You know lord Neminath? the jains god who is also from Yadav clan. He is a lord Krishna's cousin from Dwarika whose father was king of matsya kingdom name King Samudravijay. Don't read the stuff from Wikipedia or Google, go through the gazzetier or ASI reports.
@@bminor5290 stop your bullshit man, I live in hasana. You northies don't even know to plus minus. All what's app thoerys. Sala is the founder, he was traing to become a jain monk, sala killing lion is their symbol, hosala literally means kill that sala in Kannada. Northies don't get these anyway. they built basadies, later they converted, it was vishunuvardana who was enlightend by ramanujacharya and accepted sree vaishanavisam. Read real history stop your what's app caste shit
I am PROUD on my Yadav Brothers 🕉️🕉️🕉️
EDIT : Bhai Itna Likes Jai Shree Ram
Tq bhai
नफरत भी तुम्हारी जाति के लोग ही करते हैं 90% ब्राह्मण यादवों से जलते हैं
We are proud of our Brahmin brothers too!!
There is nothing wrong in being proud of our caste.
@@shailz709 Yes Bro There is No Cast
We are one
Muslim and British Divided us in order to Destroy Hinduism
I love all Kshatriyas Like Yadav , Rajputana, Gujar , Martha, Jata
🥰💪💪💪🕉️
@@Dharmik_gamertZ. together we are stronger 💪
उरी में सर्जिकल स्ट्राइक करने वाले कमांडिंग ऑफिसर कपिल यादव जी थे __जिसका रोल उरी फिल्म में विकी कौशल ने निभाया है __जय यादव जय माधव ❤️🙏
Sach me
Yes Bhai
Ye to baas eek namuna hai
Jab 114 yadav veero ne 1300+ chino ko maoth Ke ghat utara tha reganla me
Aur Yogendra Singh Yadav jenho ne 16 goliya Chane ke baad bhi Pakistanio ko unki aaukat dikha di
Mahabharat
Jai yadav ji Munn lene ain
yogendra Singh YADAV Hamare paramveer chakra vijeta hai
मै बनिया हु फिर भी अहीर रेजिमेंट का सपोर्ट करता हु । हम यूपी से है मेरे बहुत अच्छे मित्र यादव है वो सपा को सपोर्ट करते है हम योगी को फिर भी हमारे बीच में बहुत अच्छी मित्रता है। काफी मेहनती होते यादव समाज के लोग
🙏🙏🙏🙏
❤❤
🙏🥰
यादवों को समझने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🏻
Thanks brother for your compliments
Yadav dynasty was also maratha dynasty and Shivaji Maharaj's mother was the descendants of the Royal Yadav which later turned into jadhav surname .
@@aesthetic_nostalgia sorry Maratha is caste not region, during Yadav Maratha ruling maharashtra was known as mahant rashtra
पेशवा है maratha
Ji bhai
@@LoveZoneomiOmsingh peshwa are not Maratha they stole rule from Maratha shahuji and made him puppet.
Maratha Sardars bhonsle gaikwad, Holkar, sindhia established their own estates and peshwas were rendered powerless.
@@vaibhavsingh4200 What the hell are you saying 😂😂 Chhatrapati shahu maharaj himself appointed all the peshwas. The peshwas were prime minister and de facto rulers while the emperor were still the chhatrapatis and possessed immense power.
Also peshwas were loyal to chhatrapati.
So first go and read history, dont spread your baseless stories.
भाई भारत में यादवों का इतिहास गौरवशाली रहा
मैं अहीर रेजिमेंट की मांग करता हूँ और ये बनना चाहिए 🙏🏻🇮🇳
❤️❤️❤️
❤❤
Nhi... caste ke naam pe regiment banane ka idea Britishers ka tha jisse society ko divide kiya ja sake...sari regiments ke name change kr dene chahiye jo caste ko represent krti
@@Millions0fDreams agree ager nahi kerte ho tho Ahir regiment bhi banao kerte ho tho sabki karo
यादवों से अहिरों का क्या लेना देना🤔
हम यदुवंशी जन्म ही युद्ध करने के लिए हुए हैं...।।
जय श्री कृष्णा ♥️♥️
आरक्षण लेकर युद्ध नही होता भाई। तुम लोग तो दलित शोषित होते हैं। जिन पर ब्राम्हणों और राजपूतों ने अत्याचार किया है।
@@pandey7810 yaduvanshi yadav hoty haina
दूध बेचते देखा है
@@unreported_hindian_voice krishna b gaye charatey the dudh bechtey the aur jinke ghr rahey the wo nand ji b yadav the vasudev k cousin lekin tm manoge kaha wese hmne b bhramano ko bheeksha mntey hi dekha h aur sala rajput thakur sb raghuvanshi kese hogye lekin mae hinduo mae ladae ni krwana chahta tm b mt krwao
@@pandey7810 bhai ek request h ap se ek baar aap Google karo please. Phir apko pata chale ga ki kitne pandit Or rajputo ko arkshan milta h. Or pichele saal 10% milna suru hoa h
जय जय जय यदुवंश 🙏🏻🙏🏻💪🏻🦁🇮🇳🔥❤
भारत में यदुवंशियों का इतिहास गौरवशाली रहा🙏🏻❤
जय यदुवंश जय रघुवंश राधे कृष्णा 🙏🏻⛳⛳🔥🔥
Your cast
TQ bro
Alauddin ne vaat laga di aur jai yaduvansh kar rahe......
@Yashveer Thakur अहीर यादव क्षत्रिय और शूद्र दाशी चारण कन्या करनी से उत्पन्न अशुद्ध रक्त संतान रजपूत कहलाती हे स्कंद पुराण और सभी वेद पुराण में ये लिखा हे,
इन्ही अशुद्ध रक्त ने मुगलों ओर अंग्रेजो को बेतिया बेची ताकि भीख में गांव ओर राज्य मिल सके
@@SUMITSINGH-tf5tn wah mulgal putr🤣
Proud of my YADAV Brothers❣️
Apke balidan ko koi nahi bhul payega
Proud to be Hindu 💯
Hindu ekta zindabad 🔥
Brahman thakur yadav jaat sabhi hindu ek hi jaao...
Ek aur badi ladai ladni hai
1bramin 2 thakur 3 yadav waah re serial no
@@RahulYadav-ts8wl sch me buddhi nhi hota hai
@@RahulYadav-ts8wl 😂😂 sarcasm ki level badadi aapne
गवली अहीर या गवली यादव यादव समुदाय की एक उप -जाति है, [1] जो भारतीय राज्यों महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में पाई जाती है । [2] [3] उन्हें आंध्र प्रदेश , तेलंगाना और कर्नाटक में गोला कहा जाता है । [4] [5] [6] [7] [8] यादव , कोनार , मान्यानी नायर, गोला और अहीर गवली पर्यायवाची नाम माने जाते हैं। [9] [10] वे पूरे महाराष्ट्र में वितरित किए जाते हैं। हालांकि रेजिनाल्ड एडवर्ड ने गवली को कई अलग-अलग जातियों अहीर गवली (उत्तर भारत की प्रसिद्ध यादव जाति की उप-जाति) के रूप में वर्गीकृत किया है, जबकि धनगर गवली , सिंगाजी गवली और लिंगायत गवली यादव गवली से अलग हैं,इन जातियों में समान के अलावा कुछ भी समान नहीं है। व्यवसाय और अहीर यादव गवली के साथ कोई संबंध नहीं है। [11] [12] [13] मराठा और कुनबी के साथ, अहीर गवली को मराठा जाति की संबद्ध जातियों में से एक माना जाता हैऔर अतीत में मराठा रेजिमेंट में शामिल किए गए हैं। [14] [15]
@@RahulYadav-ts8wl bhai sirf aapke liye 1 Yadav, 1Thakur, 1Jaat, 2 Brahmin ... Ab khush ho jaaiye🙏
यादव लोग दिल 💛 के बहुत ही साफ होते हैं , कभी किसी का साथ नहीं छोड़ते ।
कौन यादव
@@KushLekh हम सब के मित्र ।
@@NursingSquare7 किस यादव कि बात कर रहे हो तुम
@@KushLekh 😂😂
@@KushLekh भाई तू क्या कहना चाहता है वो बोल ना।😂😂😂
एक बात तो है यदुवंशियों ने मुगलों से कभी समझौता नहीं किया पर युद्ध लड़े और राजपूत भारमल ने जोधा बाई जी को मुगलों से समझौता किया आज इस वजह हमारा राजपूत समाज कलंकित है🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Kha tha aap chauhan sahab katai rog hi kat diya
Fake id gwala
@@shubhampanwar2060 sach kaha to faat gaiii
Mughal kaha se aa gaye chutiye
Alauddin mugal nahi tha History padh le
मुगल कहां से आ गए अलाउद्दीन खिलजी मुगल नहीं था वह खिलजी वंश का संस्थापक था इतिहास पढ़ ले बे
परंपरा के अनुसार सिन्नर की स्थापना गवली (यादव) राजा राव सिनगुनी (सिंघुनी) ने कई सदियों पहले की थी।[1] उनके पुत्र राव गोविंदा ने उस युग में 2 लाख रुपए की लागत से गोंडेश्वर (गोविंदेश्वर) का भव्य मंदिर बनवाया।[2] परंपरागत रूप से, सेउना यादवों को "गवली राजा" या "गवली बौवा" कहा जाता था। भिल्लम-५ (A.D. 1185-93) ने अपनी राजधानी सिन्नर (नासिक के पास) से बदलकर देवगिरि में स्थापित की। वे आंध्र प्रदेश में गौल्ला नाम से भी जाने जाते थे, जो होयसलों के शत्रु थे।[3][4] मूलतः नासिक से मध्यप्रदेश तक कि भूमि यदुवंशी आभीरों के अधिपत्य में थी। होयसल यादवों की तरह, सेउना यादव भी मूल रूप से पशुपालक या चरवाहा थे। यादवों ने अक्सर खुदको पशुपालक होने में गौरवांकित समझा है।
जय यादव जय माधव
Hame Pashupalak hone par Garv islie hai ki Kyuki Ham Devo ke Dev Mahadev Swayem Pashupatinath hai or unhone Pashuo ki Raksha ka Daitva Ham Yadavon ko saupa hai
Mai rajput hu. Or respect yadavo kaa karta hu.
Ye vedic period k chatriya hai. Or sabse purane chatriya hai shri Krishn bhagwan k time period se hai.ye laggbhag 5000 saal se hai yaa usase bhi jyada respect
धन्यवाद भाई
@@vbnnmkn3563 gadariya ho
@@vbnnmkn3563 jodha akbar 🤣
@@vbnnmkn3563 arun gulab gawli ahir marry with nargish khan ♥ 👌
Arun gawli yadav is underworld don of central mumbai 💪
@@vbnnmkn3563 jai randputana jai randi jodha
I am a Majrauth Yadav from Bihar.
And I proud to be Hindu 🕉
Jai shree Ram 🙏 🚩
Jai Sanatan dharma 🙏 🚩
बिहार मे ग्वाला और अहिर होते हैं,ना कि यादव
@@KushLekh esi liye tumhare jija Ahir regiment ke liye chila rahe hai...tere matalab Ahir regiment alag hai ... sale randi ke aulad tu sala aasaram Segar ramrahim Chinmaya ke grukul me paida huaa hai..sale andhbakato tum sab ko sirph aasaram Segar ramrahim Chinmaya ye tumhare asali najayaj jija hai..
@@KushLekh ahir yadav ko hi khte hai.
@@silent_helper जबरदस्ती
🤣🤣🤣
Yadavo ka itihas batane ke liye
Lalantop ko dhanyawad 🙏🙏🙏🙏
और आज दुर्भाग्य से उत्तर प्रदेश और बिहार के अधिकतर यादव मुसलमानों के पिछलग्गू बनकर रह गए हैं।
😣😖🤢😤👎🏿😭🤧😡😩
😂 yadav
Sab gol gol bataya h. Maximum yadav jodhabai ko lekar क्षत्रियों पर तंज कसते हैं। बिना अपनी history jane🤣
@@Evergreenportfolio khna chahte ho?
@@Evergreenportfolioexactly bro ye kaun si ladai lade hain country ke liye
यादव साम्राज्य - देवगिरि
सेवुण यादव राजवंश
यादव-वंश भारतीय इतिहास में बहुत प्राचीन है, राष्टकूटों और चालुक्यों के उत्कर्ष काल में यादव वंश के राजा अधीनस्थ सामन्त राजाओं की स्थिति रखते थे, लेकिन जब चालुक्यों की शक्ति क्षीण हुई तो वे स्वतंत्र हो गए और वर्त्तमान औरंगाबाद ज़िला, महाराष्ट्र राज्य, में स्थित देवगिरि (आधुनिक - दौलताबाद) को केन्द्र बनाकर उन्होंने अपने उत्कर्ष का
प्रारम्भ किया।
सुबाहु के पुत्र द्रिधाप्रहर कल्याणी के चालुक्यों के सामंत थे।द्रिधाप्रहरा के पुत्र राजा सुवनाचंद्र ने 850 ई० में यादव साम्राज्य का स्थापना किये और इस यादव राजवंश का पहला शासक बने ।
देवगिरि के यादव वंश का राज्यकाल 850 ई० से 1334 ई० तक माना जाता है। इनका साम्राज्य इनके उत्कर्ष के समय तुंगभद्रा नदी से लेकर नर्मदा नदी तक विस्तृत था, जिसके अंतर्गत वर्तमान महाराष्ट्र, उत्तरी कर्णाटक तथा मध्यप्रदेश कुछ क्षेत्र आते थे। उनकी राजधानी देवगिरि (वर्तमान दौलताबाद) थी। वे मराठी भाषा के महान संरक्षक माने जाते हैं, महाराजा सिंघन द्वितीय के समय यह राजवंश अपने उत्कर्ष पर था ।
उत्पति ::
देवगिरि के यादव अथवा सुवन यादव शासक अपने को प्राचीन यादवों के वंशज मानते थे। हेमाद्री रचित ‘वर्तखंड’ के अनुसार उनका उत्पति स्थान मथुरा था, जहाँ से कालांतर में वे द्वारिका में बस गए थे। हेमाद्री ने उन्हें ‘कृष्णकुलउत्पन्न’ कहा है। मराठी संत दयानेश्वर ने उन्हें ‘यदुकुलवंशतिलक’ कहा था। इस वंश के कुछ अभिलेखों में उन्हें ‘द्वारावातिपुरधिश्वर’ (द्वारावती या द्वारिका के स्वामी) कहा गया है ।
इतिहासकार रेनाल्ड एडवर्ड एन्थोवें का मत है की देवगिरि के यादव, यदुवंशी अभीर जाति के थे। नासिक के पास से पाए गए अजनेरी शिलालेख से यह पता चलता है कि देवगिरि के यादव शासक प्राचीन यादव परिवार से सम्बंधित थे।
[डॉ. ओपी वर्मा के अनुसार यादव शासन की अवधि मराठी इतिहास के लिए बहुत स्वर्ण युग था]
साम्राज्य का उदय ::-
द्रिधाप्रहर के पुत्र सुवनाचंद्र ने 850 ई० में यादव साम्राज्य के स्थापना किये थे। प्रारम्भिक अभिलेखों में उनकी राजधानी चन्द्रदित्यपुर (आधुनिक- चन्दोर, जिला- नासिक) बताई गयी है। सुवनाचंद्र के नाम पर ही इस राजवंश का नाम सुवन (सेवुण) राजवंश पड़ा ।
चालुक्यों की शक्ति क्षीण होने पर 1173 ई० में यादव राजा 'भिल्लम पंचम' ने अपने को स्वतंत्र शासक घोषित कर दिया, और 1187 ई. में इन्होंने अन्तिम चालुक्य राजा सोमेश्वर चतुर्थ को परास्त कर कल्याणी पर भी अधिकार कर लिया तथा देवगिरि को अपनी राजधानी बनाया ।
और आज दुर्भाग्य से उत्तर प्रदेश और बिहार के अधिकतर यादव मुसलमानों के पिछलग्गू बनकर रह गए हैं।
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🚩💥🚩Jai Yadav Jai Madhav🚩💥🚩
❤❤❤
Yadav is a proud sanatani they fought for our religion but some political party are showing that they are with muslim and they are liberals but in reality they are proud sanatani..
Jai shree ram ⛳
Bhai wo rajput kshtriya rajanya the aaj kal maratha kshtriya
और आज दुर्भाग्य से उत्तर प्रदेश और बिहार के अधिकतर यादव मुसलमानों के पिछलग्गू बनकर रह गए हैं।
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Aapne sahi bola dost.politics apni jagah hai aur deshbhakti apni jagah hai.samjhdar log hi ye baat samjhte hai.
Bro aaj bhi hum muslim ke sath nhi hai hum tabh bhi law and order ko hi support karte the or ab bhi law and order ko support karte hai kuki ab barat ek loktantrik desh hai or loktantr ko bacha ke rakhna hai
Yes
यदुवंशियों की गौरव गाथा
वो असली यदुवंशियों की बात कर रहा है तुम अहीर इतिहास चोरों की नहीं। 😀😁🤣
@@siddhapratapsingh3602 😂😂😂😂😂 इतिहास चोर तो तुम राजपूत हो वैसे भी तुम्हारा कोई इतिहास ही नही है न ही राजपूत रघुवंशी है प्रभु राम से तुम्हारा कोई नाता ही नही है। तुम तो 10 वी शताब्दी मे बहार से आए हुए tribe हो। तुम्हारे बुद्धि इतनी तेज है कि तुम यह भी कह देना आइंस्टीन,गैलेलियो और न्यूटन भी राजपूत भी थे। शायद russian president पुतिन भी राजपूत है।🤣🤣🤣🤣🤣🤣
@@monuYadav-tv8fk bhut sundar relai Kiya bhai 👍
@@siddhapratapsingh3602 देश जनता है इतिहास चोर कौन है तुम राजपूतों ने अपना राज्य बचाने के लिए मुगलों को अपनी बहन औऱ माँ दे दी
@@siddhapratapsingh3602 teri jali mujhe mja aaya
होता वह भी लहू लाल जो गीदड़ से डर जाता है होता वह भी लहू लाल जो शेर से लड़ जाता है पर एक लहू का जलवा तो कुछ अजब असर का होता है जो मृत्यु को भी ललकारे ओ लघु अहीर का होता है ⚔️🚩🚩 जय द्वारकाधीश 👑 जय दादा श्री कृष्ण 🚩 जय यदुवंशी क्षत्रिय समाज ⚔️🚩🚩
@kllerb0t160 padahai badhai karle laude jo pata n ho vo mat bhokh..
Jadhav kya h aur kab se h banjare saale. Koi connection nhi tumhre यादवों se. To bhaag bsdk yaha se
जाट गुर्जर और यादव वैदिक क्षत्रिय हैं जिन्होंने लाखों वर्षों से देश धर्म की रक्षा की है। इसलिए सरकार को यादव रैजीमैंट बनानी चाहिए 😮😮
यादवों का हमेशा से गौरवशाली इतिहास रहा है ।जय यादव जय माधव
बहुत बहुत धन्यवाद और आभार किसी ने पहली बार ओबीसी राजा का इतिहास दिखया है इन लोगो का इतिहाश दबा दिया गया
Jhat obc us समय राजा थे ।
भाई ओबीसी की बात मत करो हमारे मेवाड़ में तो भोमिया भील का भी राज था और इसको कोई नहीं छुपाता,.... बल्कि हम तो गर्व से स्वीकार कर ते है।
@@rajendramali8444 हमारे आराध्य श्री कृष्ण हे हम उनके वंशज हे ।
Ahir gwala is not oiginal yadav.They are Title chor of Rajput kings
@@KushLekh राजपूत हमारे साले भी होते हैं
Ahir is not a caste it is a emotions 😎
kuch bhe yadav aur yadhuvansi me ferek hai
@@simran9925 1)duniya me sirf ahir hi yaduvanshi hai ,source : cattle and stick an anthnographic profile of raut of chattisgarh
2)Chudasma ahir hai ,source: Gujrat state gazetteer, Abhiras there history and culture by bhagwan Singh suryavansi ASI report , dravshrai kavya by hemchandra (courtiar of mulraj solanki), prabandh chintamani ,vansthali silalekh
3)Karauli ki jadono ki utpati ahiro se hai ,source: great britain, report of indian satatuary commission,joseph davey, cunningham asian education service
4)Karauli ke vansh ahir hai, source: gazzatiar of central provinces of india, settlement of district , karauli
@@simran9925 ye sab sarkari record hai pad lo aur chudasma ke liye to ap sirf acharya Chatursen ki book somnath padoge to bhi kadhi hai
@@simran9925 padte samai ek balti pani rakh lena kioki ye sab padne ke baad apki 🔥ke dhua dhua ho jaiga😂😂
@@simran9925 yadav yaduvanshi dono ek he h both are same jay yaduvansh
Yadav samaj ke log ko ye dekhna chahiye khud ke samaj per Garv Karna chahiye
Ahir gwala is not oiginal yadav.They are Title chor of Rajput kings
@@KushLekh sale lagta hai bhagwa parshuram ko fir se dharti pr aana padega tum rajputo ka namo nishan mitane ke liye ..... aise bhagwan parshuram ne teen bar is dharti par se rajputo ka namo nishan mita diye the ...jay parshuram 🙏🏻🙏🏻
@@singh_sunil फर्जी जाहिल छूद्र लोग 😂🤣
@@KushLekh tumhari hmse baat krne ki aukaat nhi shudra ki aulad
Aur hme yadav hone pe ghamand h bhai
We Proud Of #Yaduvanshi 💪💪💪💪💪 जय दादा श्री कृष्णा 💪
😂 chup
@@शिवबाआमचामल्हारी मुगलपूत 😂😂😂
bhai, Yadavs died after Sri Krishna as lord was cursed by Gandhari in Mahabharat.
@@shivmannd पहले पूरा ज्ञान रखा करो, महाभारत में सभी यदुवंशी समाप्त नहीं हुए थे भगवान श्री कृष्ण ने उन लोगों को पहले ही संपूर्ण विश्व में अलग अलग स्थानों पर भेज दिया था, केवल द्वारिका के यादव समाप्त हुए थे,, महाभारत युद्ध के समय पूरे संसार में सिर्फ यदुवंशी लोग ही बचे थे ,, जय माधव जय यादव, जय दादा श्री कृष्ण
@@ashwaniyaduvanshi5262 🤡
Maratha hoon bihari nalle
Yaha ke yadav maratha hai , jadhav , rao , yadav yesab maratha hai
Bhais chor
वैदिक काल से यदुवंश ने धर्म रक्षार्थ, राष्ट्र रक्षार्थ और स्वाभिमान रक्षार्थ के लिए बलिदान देते आये हैं और आज भी देश के लिए हमेसा आगे रहते हैं।
जय यादव
जय माधव
जय भारत
⛳🙏⛳
Ahir gwala is not oiginal yadav
@@KushLekh पहले आप अपने बारे में अच्छे से पता कर लो कि किस कुल का हो और हाँ ये भी पता कर लेना कि असली हो या नकली। What's app university🎓 का ज्ञान यहाँ ना दें। ✍
@@KushLekh अहीर यादव क्षत्रिय और शूद्र दाशी चारण कन्या करनी से उत्पन्न अशुद्ध रक्त संतान रजपूत कहलाती हे स्कंद पुराण और सभी वेद पुराण में ये लिखा हे,
इन्ही अशुद्ध रक्त ने मुगलों ओर अंग्रेजो को बेतिया बेची ताकि भीख में गांव ओर राज्य मिल सके
@@thakurbharatsinghunnparmar8600 जाकर सही से पुराण पढ़ फिर,उसे मूर्ख बनाना जिसने पुराण और अन्य ग्रंथ नही पढ रखी है। पुराणों मे स्पष्ट शब्दों मे लिखा है कि अहिर ग्वाला शूद्र है. हमेशा से तुमलोग का काम भैंस चराना और भैंस चराना रहा है।
@@KushLekh भाई में तेरी मां की कसम खाकर कहता हु स्कंद पुराण, ब्रह्म वर्त पुराण, सभी असली वेद पुराण में यही लिखा हे क्षत्रिय यादवों ओर शूद्र दाशी चरण कन्या से उत्पन अशुद्ध रक्त संतान को रजपूत कहते हे, इंग्लैंड में रखे संस्कृत में लिखे सभी वेद पुराण में भी यही लिखा हे,
यादव वंश भारतीय इतिहास में बहुत प्राचीन है और वह अपना सम्बन्ध प्राचीन यदुवंशी क्षत्रियों से मानता है। राष्टकूटों और चालुक्यों के उत्कर्ष काल में यादव वंश के राजा अधीनस्थ सामन्त राजाओं की स्थिति रखते थे। पर जब चालुक्यों की शक्ति क्षीण हुई तो वे स्वतंत्र हो गए और वर्त्तमान औरंगाबाद (महाराष्ट्) के क्षेत्र में स्थित देवगिरि (दौलताबाद) को केन्द्र बनाकर उन्होंने अपने उत्कर्ष का प्रारम्भ किया।
TQ bro ❤️
@Yashveer Thakur are beta mugal put ho na jo ki dusro ke baap ko apna baap banate hai
@Yashveer Thakur nakali paidasi tum log. Jo time ke sath surmane karte aye ho.।। Tu kam se kam tum too gyan mat do
@Yashveer Thakur pagala Ahir ko hi yaduvanshi yadav bola jata hai 😂😂😂😂
@Yashveer Thakur chup bakwaas mat kar mughalput
महाराजा भिल्लम पंचम (1173-1192 C.E)
भिल्ल्म तथा बल्लाल का संघर्ष ::-
1187 ई. में यादव राजा 'भिल्लम' ने अन्तिम चालुक्य राजा सोमेश्वर चतुर्थ को परास्त कर कल्याणी पर भी अधिकार कर लिया था, इसमें सन्देह नहीं कि भिल्लम एक अत्यन्त प्रतापी राजा थे और उसी के कर्त्तृत्व के कारण यादवों के उत्कर्ष का प्रारम्भ हुआ था, पर शीघ्र ही भिल्लम को एक नए शत्रु का सामना करना पड़ा।
द्वारसमुद्र (मैसूर) में यादव जाती के एक अन्य वंश का शासन था, जो होयसाल कहलाते थे। चालुक्यों की शक्ति क्षीण होने पर दक्षिणापथ में जो स्थिति उत्पन्न हो गई थी, होयसलों ने भी उससे लाभ उठाया और उनके राजा वीर बल्लाल द्वितीय ने उत्तर की ओर अपनी शक्ति का विस्तार करते हुए भिल्लम के राज्य पर भी आक्रमण किया। इस प्रकार बल्लाल और भिल्लम के मध्य एक ज़ोरदार संघर्ष हुआ। वीर बल्लाल के साथ युद्ध करते हुए राजा भिल्लम ने वीरगति प्राप्त की और उनके राज्य पर, जिसमें कल्याणी का प्रदेश भी शामिल था, होयसालों का अधिकार हो गया। इस प्रकार 1191 ई. में भिल्लम द्वारा स्थापित स्वतंत्रत यादव राज्य फिर से कमजोर हो गया था ।
देवगिरी के यादव अपने चारों तरफ से आक्रामक पड़ोसियों से घिरे हुए थे, उनके उतर में मालवा के परमार शासक, दक्षिन में होयसल (यादव) राजवंश, पूरब में काकतीय शासक तथा पश्चिम में गुजरात के सोलंकी राजा थे। इन शत्रुओं से रक्षा के लिए यादवों ने देवगिरि में एक विशाल एवं मजबूत दुर्ग का निर्माण किये। देवगिरि का किला 183 मी० ऊँचे एक पहाड़ी पर बनाया गया था। किले के बाहरी दीवारों की परिधि 4.4 कि० मी० थी। इस किले का निर्माण 1203 ई० में किया
गया था ।
राजा जैत्रपाल (प्रथम) की वीरता ::-
भिल्लम की इस पराजय से यादव वंश की शक्ति का मूलोच्छेद नहीं हो सका। भिल्लम का उत्तराधिकारी 'जैत्रपाल प्रथम' था, जिसने अनेक युद्धों के द्वारा अपने वंश के गौरव का पुनरुद्धार किया। होयसालों ने कल्याणी और देवगिरि पर स्थायी रूप से शासन का प्रयत्न नहीं किया था, इसलिए जैत्रपाल को फिर से अपने राज्य के उत्कर्ष का अवसर मिल गया। उसका शासन काल 1191 से 1210 तक था। अपने पड़ोसी राज्यों से निरन्तर युद्ध करते हुए जैत्रपाल प्रथम ने सेवुण यादव राज्य की शक्ति को भली-भाँति स्थापित कर लिया।
महाराजा सिंघण द्वारा राज्य विस्तार ::-
जैत्रपाल प्रथम का पुत्र 'सिंघण द्वितीय' (1210-1247 ई.) था। वह इस वंश का सबसे शक्तिशाली प्रतापी राजा हुआ। 37 वर्ष के अपने शासन काल में उसने चारों दिशाओं में बहुत से युद्ध किए और देवगिरि के यादव राज्य को उन्नति की चरम सीमा पर पहुँचा दिया। इनके समय यादव साम्राज्य नर्मदा नदी से लेकर तुंगभद्रा नदी तक फैल गया था। होयसल राजा वीर बल्लाल ने उसके पितामह राजा भिल्लम को युद्ध में मारा था और सेवुण यादव राज्य को बुरी तरह से आक्रान्त किया था। अपने कुल के इस अपमान का प्रतिशोध करने के लिए राजा सिंघण ने द्वारसमुद्र के होयसाल (यादव) राज्य पर आक्रमण किया और वहाँ के राजा वीर बल्लाल द्वितीय को परास्त कर उसके अनेक प्रदेशों पर अपना अधिकार स्थापित कर लिया। होयसल राज्य पे विजय के बाद सिंघण ने उत्तर दिशा में विजय यात्रा के लिए प्रस्थान किया। गुजरात पर उसने कई बार आक्रमण किए और मालवा को अपने अधिकार में लाकर काशी और मथुरा तक विजय यात्रा की, इतना ही नहीं, उसने कलचुरी राज्य को परास्त कर दिया और अफ़ग़ान शासकों के साथ भी युद्ध किए, जो उस समय उत्तर भारत के बड़े भाग को अपने स्वामित्व में ला चुके थे।
कोल्हापुर के शिलाहार, बनवासी के कदम्ब और पांड्य देश के राजाओं को भी सिंघण ने आक्रान्त किया और अपनी इन दिग्विजयों के उपलक्ष्य में कावेरी नदी के तट पर एक विजय स्तम्भ की स्थापना की। इसमें सन्देह नहीं कि यादव राज सिंघण एक विशाल देवगिरी साम्राज्य का निर्माण करने में सफल हुआ था और न केवल सम्पूर्ण दक्षिणापथ बल्कि कावेरी तक का दक्षिणी भारत और विंध्याचल के उत्तर के भी कतिपय प्रदेश उसकी अधीनता में आ गए थे। सिंघण न केवल अनुपम विजेता था बल्कि साथ ही विद्वानों का आश्रयदाता और विद्याप्रेमी भी था। 'संगीतरत्नाकर' का रचयिता सारंगधर (सारंगदेव) उसी के आश्रय में रहता था। प्रसिद्ध ज्योतिषी चांगदेव भी उसकी राजसभा का एक उज्ज्वल रत्न था। भास्कराचार्य द्वारा रचित 'सिद्धांतशिरोमणि' तथा ज्योतिष सम्बन्धी अन्य ग्रंथों के अध्ययन के लिए उसने एक शिक्षाकेन्द्र की स्थापना भी की थी।
जबरदस्त भाई 👌🙏🇮🇳🇮🇳
इतनी सारी जानकारी देने के लिए शुक्रिया । कृपया इसे फेसबुक और व्हाट्सएप ग्रुप में पर भी शेयर करे ताकि ये जानकारी अन्य लोगो तक भी पहुंचे 🙏🇮🇳🇮🇳
TQ bro ❤️❤️❤️
बड़ी जानकारी है !भाई आप के पास
thanks 👍 brother
❤Badhaai ho Aap ko jo jaankari di
आज भी यही देखा जाता है, जिसका कोई नहीं हुआ उसका यादव हुआ। यदुवंशिय एक शानदार व्यक्तित्व वाले , दयावान , निर्भय , दिमाग से उत्कृष्ट और वीर आज भी हकीकत में पाते जाते हैं। इनसे यारी करने अलग ही मजा है। यदुवंशियों के पुर्वज ( दादा जी ) श्री कृष्णा की जय । ।।बाकी जय हिन्द जय भारत।।
Jaise mullo ka koi nhi apna yadav Mughal ka paidas
अहीर_रेजिमेंट_हक_है_हमारा
#अहीर_रेजिमेंट_हक_है_हमारा
क्षत्रिय यादव समाज का सैन इतिहास बहुत पुराना है महाभारत समय द्वापर युग में कृष्ण भगवान का नारायणी सेना थी जो विश्व विजेता कहलाते थे। मुगल काल में भी हमारा सैन इतिहास है चाहे विजयनगर साम्राज्य राष्ट्रकूट वंश होयसल वंश मैसूर साम्राज्य कदंब वंश देवगिरि के यादव वंश अहिरवाल /रेवाड़ी राजवंश, करनाल का युद्ध लूटेरा, नादिरशाह के खिलाफ पूरणमल सिंह यादव अपने हजारों यादव सैनिकों के साथ औरंगजेब के खिलाफ युद्ध किया इत्यादि अंग्रेज काल मैं ,,,,, प्रथम स्वतंत्रता सेनानी अलगुमुथु कोन यादव आपने हजारों अहीर सैनिकों के साथ अंग्रेजो के खिलाफ युद्ध किया था , राव तुला राम सिंह यादव अपने भाई समेत जिन्होंने पाच हजार अहीर सैनिकों के साथ अंग्रेजो के खिलाफ युद्ध किया था। प्रथम विश्व युद्ध में 19000 अहिर सैनिक भर्ती हुए थे और द्वितीय विश्व युद्ध में 39,000 अहिर सैनिक भर्ती होकर युद्ध किया था, चोरी चोरा हत्याकांड ,बिहार बंगाल मध्य प्रदेश उड़ीसा उत्तर प्रदेश हरियाणा राजस्थान इत्यादि अपने स्थानीय क्षेत्रों से हजारों यादव वीरों ने अपने सेनापतियों के साथ अंग्रेजो के खिलाफ युद्ध किया था ,,,, आजादी के बाद रेजांगला युद्ध, टाइगर हिल बड़गांव, नाथू ला ,हाजीपुर ,कारगिल युद्ध सर्जिकल स्ट्राइक संसद भवन पर हमला होने से बचाया इत्यादि जैसे बड़े-बड़े युद्ध यादव समाज ने अपने बाहुबल से लड़ा है जब हमारा समाज का सैन इतिहास इतना बड़ा है तो सरकार अहीर रेजिमेंट का गठन क्यों नहीं कर रही है।।
वो असली यदुवंशियों की बात कर रहा है तुम अहीर इतिहास चोरों की नहीं। 😀😁🤣
@@siddhapratapsingh3602 मूर्खों के साथ बहस करना मुझे पसंद नहीं है जाओ जो करना करो। एक बार बता दिया कि देवगिरि के यादव वंश विजयनगर साम्राज्य यदुवंशियों का बड़े इतिहासो में एक है।। यादव गोप आभिर एक ही होता है।।
@@siddhapratapsingh3602 अरे जोधाबाई के भतीजे, व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी और टेलीग्राम युनिवर्सिटी का अध्ययन काम करो।जाओ अपने फूफा अकबर की जयंती मनाओ।
कभी व्यापक स्त्रोत भी पढ़ लिया करो। हर जाति की पीछे राजपूत लगा देते हो, जोकि बारहवीं शताब्दी में प्रचलित थी विदेशी इतिहास कार टॉड की देन है। यदुवंशी पौराणिक है
जिनका वर्णन चारो वेदों, जयसहिता (महाभारत), विष्णुपूराण, हरिवंशपुराण, गरुनपुराण, बेदांतो, उपनिषदों, रामायण (रावण को पराजित करने वाले यदुवंश की शाखा हैहय शहस्त्रबाहु अर्जुन महिष्मति सम्राट) , सूरदास, कालीदास, नरोत्तम दास, मीराबाई आदि न जाने कितने ग्रंथो में वर्णन है
अहीर शब्द यादवों की उपाधि है जिसका अर्थ निडर होता है। राजा यदु और उनके वंशज श्री कृष्ण ने सर्पों का दामन किया था,
मीरा के प्रभु गिरधर नागर, आखिर जात अहीर ।
यादवों के मुख्य बासठ गोत्र हुआ करते थे।
बासठ गोत्र अहीर के , श्री हरी वंश निकास।
यादवों को दुनिया जानती है, ये वैदिक और पौराणिक है। यादव समाज के लोग नेपाल के प्रधानमंत्री, और मॉरीशस के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति भी रह चुके है। तुम जोधाबाई के भतीजे कितने बेशरम हो हर किसी को अपने से जोड़ देते हो।
तुम लोगो का रक्त मिश्रित है शुद्ध नहीं है।
इसलिए कहता हु अध्ययन करो, हर किसी को खुद से जोड़ दोगे उपहास का पत्र बनोगे।
एक बार जाकर महाभारत पढ़ो।
जय यादव जय माधव
जय श्री कृष्ण
@Priyansh Singh murkh ho yadav hum h ya tum... Apne bare m hum janenge ya tum.... Jalan k karn kch bolte rhte ho tmlog 😂
रामचंद्र अहीर ने अपनी बेटी झत्यापाली को अलाउद्दीन से शादी करने का फैसला किया। दुल्हन को स्वीकार कर लिया गया और दिल्ली के साथ देवगिरी के संबंध नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए।
I can see some unnecessary hate toward yadav's from some of our brothers we must respect each other together we are stronger 💪
For lallu and akalless follower not for all🤣🤣🤣🤣
@@arghyajitdas7572अहीर संस्कृत शब्द आभीर का प्राकृत रूप है जिसका अर्थ निडर होता है। जो हर तरफ से भय को दूर कर सकता है। आभीर (निडर) कहलाता है।[13][14]
@@arghyajitdas7572 get a life mate 🙏
Because of their closeness with muslims
@@shailz709 Bhai tension na le yadav ka koi kuch nhi kr skta kisiye hue hai aur jaat vale ki yadav itne aage kyu badte ja rhe hai
Proud to be यदुवंशी
अहीर संस्कृत शब्द आभीर का प्राकृत रूप है जिसका अर्थ निडर होता है। जो हर तरफ से भय को दूर कर सकता है। आभीर (निडर) कहलाता है।[13][14]
@@RUANK86 Ahir gwala is not oiginal yadav.They are Title chor of Rajput kings
@@KushLekh or babu tum to sabhi jatio ke mahapursho ka pata nahi kia kia chori kye ho. Agar choro ki ginti ho to
Jo a. श्री राम जी के समय में क्षत्रिय bane to sri krishna ji tyme tak chale.
Use baad kalug m thakur se rajput pe abi dekho kia kia bamte ho. Abhi to tym hi bahut sochna shru kar do.
Ab dekho kiske put bana h.
@@RUANK86 right
@@KushLekh अहीर यादव क्षत्रिय और शूद्र दाशी चारण कन्या करनी से उत्पन्न अशुद्ध रक्त संतान रजपूत कहलाती हे स्कंद पुराण और सभी वेद पुराण में ये लिखा हे,
इन्ही अशुद्ध रक्त ने मुगलों ओर अंग्रेजो को बेतिया बेची ताकि भीख में गांव ओर राज्य मिल सके
Yadavs of Deogiri were the pride of Maharashtra.
Chatrapati Shivaji Maharaj was from the Yadav clan from his mother side.
Royal Yadavs, Jadhavs, Ahirs of Maharashtra speak Marathi and are called Kshatriya Marathas.
Proud to be a yadav 💪💪💪
Jai Maharashtra 🚩🚩🇮🇳
Devgiri che yadav he amche purvaj hote va ek shaktishali rajyakarte hote
Jai Yaduvanshi Kshtriya, we are vedic kashtriya 🙏🙏
😂😂😂😂😂
M From Andhra Pradesh in South india there history of Yadav still present . Many temples ,Many kingdom of yadav are presented today its look like Prince of Persia if u imagine this in south . even Many villages is given by Gwal yadav Ahir for construction of temples .
यदुवंशी कल भी वीर थे और आज भी वीर हैं कल भी किसी के आगे नही झुके और आज भी नही झुकते हैं,💪💪💪
ये तो मानना ही पड़ेगा देश यादव सिख और गुर्जर के ही कुर्बानी से सुरछित हैं हर युद्ध में उनका बलिदान कौन भूल सकता हैं
जय यादव जय माधव 🇮🇳🚩
#अहीर रेजिमेंट हक़ है सेनानियों और शूरवीर योद्धाओं के बलिदान और प्रेरणा का 🙏
Ahirs have nothing to do with Yadavas.
Mai यादव हूं but mai जाती base regiments ka support nahi karta हूं
अहीर और यादव अलग अलग है.. और देव गिरी के जाधव जाधव मराठा वंश है उनका उत्तर भारत की अहीर जाति से कोई संबंध नहीं है
समाजवादी पार्टी वैसे भी अहीर regiment ही है 😂 😜
वो असली यदुवंशियों की बात कर रहा है तुम अहीर इतिहास चोरों की नहीं। 😀😁🤣
Yadav is always king👑💪
Mighty history of Yadavas 🙏🙏🙏
अहीर दोस्ती और बबूल की छाई ,हर काऊ के नसीब में नाही।🙏🙏🙏🙏👍🔥🔥🔥🔥
वो तो ठीक है but Ahir gwala is not oiginal yadav.They are Title chor of Rajput kings
@@KushLekh 😂😂😂
waise hm bhi ahir nahi h ahar h hm noida,ghaziabad,hapur wale jo maharana pratap k sath lade the,baaki ab hmari rishtedari ahiro m hone lagi h gzb m ek gaon surana h jo maharana pratap k nam pr pda
@@KushLekh tm mughlo ki paidais ab ye bhi bol do
@@KushLekh nice jock randiput🙂
जय यादव जय माधव
जय यदुवंश 🙏💪🚩
जय हिंदुत्व
जय वीर अहीर क्षत्रिय अहीर जय यदुवंशी क्षत्रिय समाज ⚔️🚩🚩⚔️
जय यदुवंश जय सनातन धर्म की🙏🏻❤⛳⛳⛳
मुगलों की गां# फाड़ी अहीर रामचंद्र जी ने🙏🏻❤⛳
अपनी बेटी की शादी कराई खिलजी से यादवों ने
यदुवंशियों ने देश के लिए अनेकों कुर्बानियां दी है।
हमारे यहाँ महाराष्ट्र मैं यादव और वह
मराठा जाती मैं आते हैं .
@@gurukulscience4070 waah re bosad 😂😂😂 kuch pd liya kr comment krne secphle
Not for the country but for himself, to save his life, to save his power
Yaduvanshis are Kshatriyas...not Ahirs who have sold themselves to Muslim fanatics
@@gurukulscience4070 Murkh bdsk
देवगिरि के यादव, गवली राजा या सेउना यादव (कन्नड : ಸೇವುಣರು (सेवुणरु), मराठी: देवगिरीचे यादव) (850-1334) भारत का एक राजवंश था जिसने अपने चरमोत्कर्ष काल में तुंगभद्रा से लेकर नर्मदा तक के भूभाग पर शासन किया जिसमें वर्तमान महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, मध्य प्रदेश के कुछ भाग शामिल थे। उनकी राजधानी सिन्नर और बाद में देवगिरि हुई जो वर्तमान में दौलताबाद के नाम से जानी जाती है।
हमारा गांव रेलवे लाइन के किनारे हैं जब रेलवे जबरन में अतिक्रमण हटा रहा था उस समय रेलवे लाइन के किनारे बसे मुसहर जाति के लोग बेघर हो गए थे तब हमारे ही गांव के एक यादव जी हैं अपने बगीचे में रहने के लिए जगह दिए थे और वहां पर सब लोग अपना अपना घर और झोपड़ी बना चुके हैं और यादव लोग हर तरह की उनको मदद भी करते हैं
अलाउद्दीन नही मलिक कफूर गया था वहा आक्रमण करने और जीता भी था लेकिन रामचंद्र की साहस की भी बखान भी किया था अलाउद्दीन ने (वीर अहीर )
हमने अपने #भारत देश के लिए कितने ही #वीरअहीर सपूतों को हस्ते हस्ते #बलिदान होते देखा है और हमारा इतिहास कितना शानदार और गौरवपूर्ण रहा, लेकिन आज कही भी #यदुवंशियों के बारे में कही भी नहीं बताया गया।
इस बात से हमे कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन जब जब मेरे #भारत देश पर कोई गलत नजर डालेगा तो वह इसी मिट्टी में दफना दिया जाएगा
🙏 जय हिन्द जय भारत 🙏
❤️ जय यादव जय माधव ❤️
#आहिर_रेजिमेंट_हक_है_हमारा
Very good news thanks lallantop tareekh episode.
Jai Dada kishan 🙏🏻
Jai Yadav Jai Madhav 🔱🔱
Yadav se pahle Hindu hu.. jai shree Ram
Aaj tk muslman tha kya
Kaha se aa jate jo tum log
@@abcdintertenmentvideo4742 bhart se hu. Or Yeh jativaad me rahoge tho kuch nai milega. Phale hindu fir yadav.
Kabi ved puran padna
@@shavikasinghrajput8872 tu padna jaker achhe se
Ak yadav bhai tumhari soch bilkul sahi sabhi yadav राष्ट्र को समर्पित ह
यदुवंश अथवा यदुवंशी क्षत्रिय शब्द भारत के उस जन-समुदाय के लिए
प्रयुक्त होता है जो स्वयं को प्राचीन राजा यदु का वंशज बताते हैं।
यदुवंशी क्षत्रिय मूलतः अहीर थे। [1] भारतीय मानव वैज्ञानिक कुमार
सुरेश सिंह के अनुसार माधुरीपुत्र, ईश्वरसेन व शिवदत्त नामक कई
विख्यात अहीर राजा कालांतर में राजपूतों मे सम्मिलित होकर यदुवंशी
राजपूत कहलाए। [2] तिजारा के खानजादा मुस्लिम भी अपनी उत्पत्ति
यदुवंशी राजपूतों से बताते हैं। [3] मैसूर साम्राज्य के हिन्दू राजवंश को भी
यादव कुल का वंशज बताया गया है। [4][5] चूड़ासमा राजपूतों को भी
विभिन्न ऐतिहासिक स्रोतों मे मूल रूप से सिंध प्रांत का आभीर , [6][7]
[8] या सिंध का यादव माना गया है, जो कि 9वीं शताब्दी में गुजरात में
आए थे। [9]
जाहल, सोनल बाई के साथ देवत बोदार
नामक अहीर सामंत का चूड़ासम राजकुमार
नवघन की रक्षा हेतु स्वयं के पुत्र का वध करते
हुये का ऐतिहासिक चित्र [10]
यदुवंश पौराणिक कथा
यदु ऋग्वेद में वर्णित पाँच भारतीय आर्य जनों (पंचजन, पंचक्षत्रिय या
पंचमानुष) में से एक है।[11]
हिन्दू महाकाव्य महाभारत, हरिवंश व पुराण में यदु को राजा ययाति व
रानी देवयानी का पुत्र बताया गया है। राजकुमार यदु एक
स्वाभिमानी व सुसंस्थापित शासक थे। विष्णु पुराण, भगवत पुराण व
गरुण पुराण के अनुसार यदु के चार पुत्र थे, जबकि बाकी के पुराणो के
अनुसार उनके पाँच पुत्र थे। [12] बुध व ययाति के मध्य के सभी राजाओं को
सोमवंशी या चंद्रवंशी कहा गया है। महाभारत व विष्णु पुराण के अनुसार
यदु ने पिता ययाति को अपनी युवावस्था प्रदान करना स्वीकार नहीं
किया था जिसके कारण ययाति ने यदु के किसी भी वंशज को अपने वंश
व साम्राज्य मे शामिल न हो पाने का श्राप दिया था। [13] इस कारण
से यदु के वंशज सोमवंश से प्रथक हो गए व मात्र राजा पुरू के वंशज ही
कालांतर में सोमवंशी कहे गए। इसके बाद महाराज यदु ने यह घोषणा की
कि उनके वंशज भविष्य में यादव या यदुवंशी कहलएंगे। [14] यदु के वंशजों ने
अभूतपूर्व उन्नति की परंतु बाद मे वे दो भागों मे विभाजित हो गए।
उत्पत्ति
यदुवंशी अहीर कृष्ण के प्राचीन यादव जनजाति के वंशज माने जाते हैं।[15]
यदुवंशियो की उत्पत्ति पौराणिक राजा यदु से मानी जाती है।
वे टॉड की 36 राजवंशो की सूची में भी शामिल हैं। [16]
विभिन्न हिंदू धर्मग्रंथों और पुराने लेखों से संकेत मिलता है कि भारत में
उनकी मौजूदगी 6000 ई.पू. से भी पहले प्राचीन काल से है। [17]
वंशज जातियाँ
राजा सहस्रजीत के वंश को हैहय वंश कहा गया व उनके पौत्र का नाम भी
हैहय था। [18] राजा क्रोष्टा के वंशजों को कोई विशेष नाम नही दिया
गया वे समान्यतः यादव कहलाए।, [18] पी॰ एल॰ भार्गव के अनुसार जब
राज्य का विभाजन हुआ तो सिंधु नदी के पश्चिम का राज्य सहस्रजीत
को मिला व पूर्व का भाग क्रोष्टा को दिया गया। [19]
आधुनिक भारत की अनेक जातियाँ जैसे कि यादव, [20] पंजाबी
सैनी, [21] आयर, [22][23] जडेजा, भाटी राजपूत, [24] जादौन, [24] तथा
अहीर[25][26][27][28] इत्यादि स्वयं को यदु वंशज मानते हैं।
कुछ विद्वान चूड़ासमा , जाडेजा व देवगिरि के यादवो को आभीर ही
मानते हैं। [29]
राजपूत, पांचवीं और छठी शताब्दीमें पहली बार चित्र में आये थे। इसलिए
यह किसी की कल्पना और समझ से परे है कि कैसे करौली के यादव (अलवर
जिले में), रतलाम (मध्य प्रदेश में) और बीकानेर के भाटी (राजस्थान) खुद
को राजपूत जाति के साथ कैसे जोड़ते हैं। हालाँकि, यह संभव है कि
विदेशी "मनगढ़ंत खानाबदोशों" द्वारा आक्रमण के दौरान और उनके
द्वारा प्राप्त की गई लगातार जीत के चलते, छोटे यादव राज्योंने अन्य
रियासतों के साथ गठन करते समय, अपनी पहचान विलय कर दी हो। [30]
Wikipedia ka gyan share mat kiya kro or na hi trust kiya kro Wikipedia par koi bhi edit kr skta hai
I proud to be Yadavs 🙏🚩
Yadav is pride of india 🇮🇳🇮🇳❤
Full support nd ❤ to my yadav brothers
Specially in indo - pak wars🙏🙏🙏🙏
Indo - china war❤
from bumihar community
We love u you nd respect your sacrifices
For mother india🇮🇳🇮🇳🙏🙏
@@Kalashnikov56 bhai yah batao ki bharat ki shan kon si jati nahi hai hum baghel pal samaj ne bhi ek se ek balidan desh ke liye diye hai or hamare raja jaise ma ahilayabai Holkar Anand pal or Na jane kitne pratapi raja huye hai. Isliye sab ek dusre ka samman Karo koi kisi se kam nahi hai 🙏🙏
We proud of yaduvanisy राजाओं को जिन्होंने विदेसियो से लड़कर हिंदु समाज को जीवित रखा
😂🤣 ye kya bakwas hai
@@KushLekh जोधा के पुत्र हैं क्या आप
@@IITasprint70 aur kon ho sakta hai
@@KushLekh jai randputana ruclips.net/video/EeK0EwNYVFY/видео.html
@@IITasprint70 Are aur tum khilji ke? 😂😂. Jodha ke badle Mai akbar ne Munwari Bai aur Bibi Mubarak ki shaadi man singh se karwa di thi 😂. Tumhe kya mila?😂
देवगिरी fort is really beautiful
❤️❤️❤️Yadav bhai acche dil ke aur brave hote hai ❤️❤️❤️❤️
जय सियाराम भाईसाहब क्या बात है बहुत बढ़िया प्रस्तुति क्या बात है बहुत बढ़िया 🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
I don't understand why rajputs claiming them self Yadav? It clearly shows Yadav dominace over rajputs. Lol.
😂😂kaun kiya bhai? 😂😂. Nobody is associating themselves to be yadav 😂😂
@@aesthetic_nostalgia 😂😂😂Naaa. There are enough Rana, bhatti,Chauhan,Tomars,Chandel,Chavda and many more 😂😂. Rajput don't need to associate.
@@aesthetic_nostalgiaone sides history narrative 😂😂😂😂😂. In return of Jodha Akbar married of his nieces Munwari Bai aur Bibi Mubarak to Man Singh 😂😂😂.
Besides Yadava Ruler married of his daughter to khilji was the first case of marriage 😂😂😂.
Iska matlab Yadavs r KHILJI PUTRA 😂😂😂😂
This Yadav dynasty was maratha not ahir Yadav
@@aesthetic_nostalgia Maratha as a cast is made up of 96 Kulas (clans) which are warrior clans and kunbi a subcast who were farmers and Martha word in history is also used to refer all people of mharashtra irrespective of their cast
Proud to be Yadav ❤️
#Jai Shree krishna.
#Jai Yadav Jai Madhav..
I am baniya but i support ahir regiment , the ahir , gujrar, rajput , jat are the main khastriya of india
Arey bhai maratha ko bhul gaye ?
No mugalputra harmed in this video 😂😂
Ho gye hai mugalput har.ed
इसीलिए तो हम अहीर रेजिमेंट की मांग कर रहे हैं 🙏
यादव रेजिमेंट होना चाहिए ना की अहीर
यदुवंशियों का एक नहीं हजारों इतिहास है लेकिन कुछ मनुवादी सोच के लोग इतिहास को दबाए रखा है लेकिन हम लोग इसको दबने नहीं देंगे जो समाज अपना इतिहास नहीं जानता वह कभी भी विकास नहीं कर सकता हम एक दूसरी जाति के कहने पर आकर अपना इतिहास जाते हैं मैं किसी जाति विरोधी नहीं हूं लेकिन कुछ ऐसी घटना घटी है जो हमेशा यदुवंशियों के ऊपर इल्जाम लगा है
भाई एक यादव हमेशासेही दूसरे यादव का सपोर्ट क्यों करता हैँ
Ahir gwala is not oiginal yadav.They are Title chor of Rajput kings
@@KushLekh bhag sale rajmut chilm chor
@@KushLekh rajmut
@@KushLekh jaise tum har kisi bap bnate firte ho jaise gujjar samrat mahir bhoj sale khandani chor
in South india after 1947 many Gawal kings donate many villages to Brahmins to constructs temple .plz make video the history of kingdom in southindia jai hind jai bharat .
Want to know more about it
isne to title hi change kr diya like lene k baad
जय यादव जय माधव ♥️🛐
मेरे यादव मेरे माधव कृष्ण बनो और दुश्मनो का सर धड़ से अलग करो दया भाव बहुत हो चूका मेरे कृष्णा के वंशजों 💐💐💐💐
Ab hamare tathakathit rajput bhaiyo ko kon samajhaye ki Ahir hi yaduvanshi h
Yadav bhaiyo ko mera Naman 🙏🙏🙏
"TARIKH" is one of my fav series of this channel.
Mann karta hai ki ek din baithu aur saare 176 episodes ek he bar mein bing watch kar lu.✌🙂
Very informative 👏
यदुवंशी क्षत्रिय अहीरो ने आक्रमणकारियों के खिलाफ हमेशा युद्ध लड़ा है। चाहे देवगिरी के यादव वंश हो या विजयनगर साम्राज्य के यादव ।। इसीलिए लोगों का रेजिमेंट बनना चाहिए।।
जब तक यूपी बिहार के यादव इस्लामी ताकतों का समर्थन करते रहेंगे यादव रेजिमेंट बिल्कुल नहीं बनानी चाहिए
@@asheeshmishra5392 राजनीति में सब चलता है।। हम देश सेवा के लिए रेजिमेंट मांग कर रहे हैं।। क्या आरजेडी और समाजवादी पार्टी में ब्रह्मण नहीं है ब्राह्मण आरजेडी समाजवादी पार्टी को छोड़ क्यों नहीं देता है।।
प्रवीण भैया आपको मेरी बात का बुरा लगा इसलिए मैंमैं माफी मांगता हूं दिल्ली के जरा दूर की सोची है समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल इस्लामी हो का संगठन है अब राहुल गांधी हर जगह मुख्यमंत्री नहीं हो सकतेमैं माफी मांगता हूं दिल्ली के जरा दूर की सोची है समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल इस्लामी हो का संगठन है अब राहुल गांधी हर जगह मुख्यमंत्री नहीं हो सकते ना सोचे यह गरीबों के नाम पर कहां से पार्टियों कितना पैसा आता है बुरा ना मानिए गा
यदुवंशी वीर महा पुरुष से जब लडाई हो जाती थी
औ कभी पीछे कभी नहीं हटेते थे डटे रहेते थे अल्लाऊदीन खिलजी नानी याद आने लगी थी लडाई देखके
इसी लिये कहते हे यादव वहाँ होते है जहाँ मेटर बडे होते हैं जय यादव जय माधव अहिर यादव यदुवंशी सब एक और रहेंगे श्रीकृष्ण वंशज राधे राधे
जय यादववंशी क्षत्रिय समाज, जय यादव जय माधव, वीर अहीर शेर अहिराणा
Ahir gwala is not oiginal yadav.They are Title chor of Rajput kings
@@KushLekh राजपूत का अर्थ है, राजाओं की अवैध संतान 🤣🤣🤣🤣
@@jitendrayadavvlogs4237 बरनोल लगा लो,भैंस पालक भैंस चोर 🤣 राजपूतो का टाईटल चोर 😂
@@jitendrayadavvlogs4237 राजपूतों का टाईटल भी चुराना है,राजपूतों राजाओं को अपना बाप भी बनाना है और उसी राजपूतों को कुंठा मे गाली भी देना है। नाजायज ओलादों 😂🤣
@@KushLekh मुर्ख मित्र कभी फ़िरोज़ाबाद आना, मेरे यादव समाज को ठाकुर या चौधरी साब कहते हैं,,हमारे 6जिलों में यदुवंशी क्षत्रियो की 27रियासत थीं, जमींदार हैं यादव साब
Yadav bhai aaj bhi Indian army me majbuti se lad rhe h salute h yadav samaj ko ❤
Taarikh presentation by Nikhil ji is always interesting and full of knowledge ancedotes
मुसलमानी संस्कृति को बढ़ावा देना यालल्लनटॉप का खेल रहा है यह सीआईए का चैनल है और भारत में इस्लामी ताकतों की वाहवाही करता है
nice sir thanks ... thank u for sharing this great information 🙏
सौरभ भाई। कुछ लोग हैं जिन्होंने अपनी यूपीएससी की तैयारी छोड़ कर 2020 की कोरोना त्रासदी में देश की हालत को महत्व दिया। वो लोग जो डॉक्टर थे, पुलिस वाले थे,जिला प्रशासन में थे। आज जब ये त्रासदी टल गई तो कोई उनका हाल सुनने वाला नहीं। कृपया उनकी आवाज बने आप। वो योग्य लोग हैं जिन्होंने देश सेवा को महत्व देते हुए अपना आखिरी प्रयास भी गवा दिया। वो लोग बस एक अतिरिक्त प्रयास मांग रहे हैं। जॉब नहीं।वो संख्या में 10000 से भी ज्यादा हैं। अगर उनमें से 100 भी सेवा में आ गए तो आजीवन आपके कर्जदार रहेंगे।
धन्यवाद!
भाई बात आपकी सही है लेकिन डॉक्टर और पुलिस corona me अपनी औकात दिखा दी ।। जिस डॉक्टर के पास एक हॉस्पिटल था आज वो चार हॉस्पिटल कर लिया कॉरोना की वजह से ??उन्होंने केवल अमीरों की जान बचाई जिसके पास ऑक्सीजन देने की पैसा थी ।। इसीलिए अनपर कोई नजर नहीं डालता ये लोग स्वार्थी बन गए थे corona kal me
I,am yadav ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️👑👑👑👑👑👑👑👑👑 lekin shbshe pahle hum hindu hai
Jai shree ram 🛕🛕🛕🛕🛕 🙏🏿🙏🏿🙏🏿
Jai shree krishnaa 🛕🛕🛕🛕🛕🛕🙏🏿🙏🏿
Jai sree krisna vasudev yadav hum yaduvanshio ka itihas jaisa mhan itihas nhi kisi ka
Phir bhi vote unko dete hain jo Krishna ka itihas mitane par lage hain 😂
@@amulyamishra5745 toh tu decide krega kisko vote kren
@@mohitnsyadav17 aheer regiment bna do BJP ko vote denge
@@bankonomics8196 😂😂 जाने दो भाई तुम तो मिश्रा के मारने पे पड़े हो
@@amulyamishra5745 aur tu unhe vote deta hai jo brahmano ko hi mita denge😂😂
Yadav ko puri dunia me koe bhi nahi hara skta 🔥 jai dada krishan 🔥
वो असली यदुवंशियों की बात कर रहा है तुम अहीर इतिहास चोरों की नहीं। 😀😁🤣
@@siddhapratapsingh3602 mahalolu pratap or prithvilolu chouhan
@@siddhapratapsingh3602 beta yadav gand marte hai thakuro ki
@@siddhapratapsingh3602 yadav brand on top
@@siddhapratapsingh3602 thakur salo ne desh ko gulam karva diya tha. Sale mugalput 😂😂😂😂
परंपरा के अनुसार सिन्नर की स्थापना गवली (यादव) राजा राव सिनगुनी (सिंघुनी) ने कई सदियों पहले की थी। उनके पुत्र राव गोविंदा ने उस युग में 2 लाख रुपए की लागत से गोंदेश्वर (गोविंदेश्वर) का भव्य मंदिर बनवाया।परंपरागत रूप से, सेउना यादवों को "गवली राजा" या "गवली बौवा" कहा जाता था। भिल्लम-५ (A.D. 1185-93) ने अपनी राजधानी सिन्नर (नासिक के पास) से बदलकर देवगिरि में स्थापित की। मूलतः नासिक से मध्यप्रदेश तक कि भूमि यदुवंशी आभीरों के अधिपत्य में थी। होयसल यादवों की तरह, सेउना यादव भी मूल रूप से पशुपालक या चरवाहा थे। यादवों ने अक्सर खुदको पशुपालक होने में गौरवांकित समझा है।
I belong to up Yadav,i am very impressed from you Bhai and right statement about Yadav,Jai shree krishna
jay madhav, jay yadav....... Ahir Regiment Haq Hai Hamara...... thankyou lalantop
जाति जाति रटते जिनकी पूंजी छल और प्रपंच मैं क्या जानूं जाति जाति है मेरे भुजदंड💪 इतना ही कहना चाहूंगा सभी जातियों से पढ़िये आगे बढ़िए शिक्षित बनिए संगठित रहिए
no doubt absolutely right .
आज के समय में यादव OBC में आते हैं।
OBC मतलब Other Backward Caste
राजा समाज में अग्रणी होता है और फिर अब जरा सोचो वो राजा जिसने इतने शक्तिशाली मुसलमानों के साम्राज्य को धूल चटा दी थी
वो Backward कैसे हुआ ❓🤔
जातिवादी व हिंदु एकता तोड़क राजनीतिक पार्टियों की गंदी राजनीति के शिकार हे भोले - भाले वोटर उम्मीद करता हूं तुम समझ गए होगे आरक्षण की राजनीति का गंदा खेल
@@जयभारत-च4श कहीं कहीं जनरल में भी आते है !
Mai yhi comment chahti thi
गुजरात में कहावत है "अहिरो नो असारो"बाप है अहीर सबके
बहुत बहुत धन्यवाद यदुवंशी इतिहास के बारे में बताने के लिए ।
जय यादव
जय संविधान
जय यदुवंश गवली राज❤️💪🏻
Some people is expanding wrong message in society,,
Yaduvanshi mean dynasty of Yadav.
यदुवंशी का अर्थ है यादवो का वंश।
राधे राधे जी जय श्री कृष्ण जी 🙏🙏
Thanks sir for telling history 🙏
Even chattrapati shivaji mother was a yadav
Jai shree krishna 💪💪💪
अहीर रेजिमेंट हक है हमारा
अहीर रेजिमेंट हक है हमारा
अहीर रेजिमेंट हक है हमारा
अहीर रेजिमेंट हक है हमारा
अहीर रेजिमेंट हक है हमारा
Jay yaduvansh ....jay yadav jay madhav...
Yadav always brave...
Our history speaks...
From GUJARAT
Jai yadav jai madhav jai Dada Krishna
तारीख एपिशोड बहुत ही शानदार लाते है आप
इसके लिए धन्यवाद आपको 🙏
My search for my origins end at Deogiri. In Maharashtra a lot of the people assign their name according to their location but we are all Yadavs. Now we have been turned into nomadic tribe category. For perhaps reservation benefits. But what happened to YADAV in Maharashtra after Deogiri fell
It was Catastrophe , Yadav who survived became low profile and scattered all around in Maharashtra
Mee pan yadav gawli aahe mazya mummychya maherche adnaav khedekar aahe mlaa garv aahe mee yaduvanshi gawli yadav samajatla aahe hyacha Jay shree ram 🚩 Jay shree Krishna 🚩 Jay jijau 🚩 Jay shivray 🚩 Jay shambhuraje 🚩 jay yadav Jay madhav 🚩 jay maratha 🚩
ADVANCE CONGRATULATIONS FOR 21M💌
Bahot log pata nhi kyon log yadvon se jalte h inhe raja ya rajput nhi mante. Hindu ekta jindabad🙏🙏🙏🙏
Tarikh dekhne ka maza nikhil k sath hi .god bless you bro .rakhwale b start kro
Apne mann mutabik kabhi abhiyan to kabhi akarman ban jata hai.
In reality.. it was a famous military campaign of Indian history.
An interesting example of military art and strategy and daring courage of Allauddin and his men. It was a brilliant example of military genius where a small number of soldiers were able to defeat a huge army.
Devgiri(Seuna dynasty), Hoyasalas, kakatiyas, kalchuri, trikuta, Mahameghvahana, kalinga, chola, pallava and Pandya and especially the Ay dynasty from kerala these all dynasties are from Yadav clans.
Most of South part was ruled by yadavas at the time of king bhillama of devgiri and last to Vijaya nagar and now wodeyars are new princely state.
Jai Yaduvansh ✊
Are hosalays were jains 😂, later converted to sree vaishnavisam. Kuch bi
@@RailTV01 bro please 😂
Jains kaha se aaye h, Jis dynasties ka logo Ko nahi pata usko baudhh yaa Jain Bana do khaskar wikipedia😂. Bro I have all gazzetier proofs and many ASI printed papers. Let's talk about the hoyasala they are mentioned as Yadu clans and from Gopa race. If they are jains then which race. You know lord Neminath? the jains god who is also from Yadav clan. He is a lord Krishna's cousin from Dwarika whose father was king of matsya kingdom name King Samudravijay.
Don't read the stuff from Wikipedia or Google, go through the gazzetier or ASI reports.
@@bminor5290 stop your bullshit man, I live in hasana. You northies don't even know to plus minus. All what's app thoerys. Sala is the founder, he was traing to become a jain monk, sala killing lion is their symbol, hosala literally means kill that sala in Kannada. Northies don't get these anyway. they built basadies, later they converted, it was vishunuvardana who was enlightend by ramanujacharya and accepted sree vaishanavisam. Read real history stop your what's app caste shit
@Rahul Kumar who told you, give me the ref, you don't even need books you can just check their buildings.
U Miss Madhurai Nayakkar Dynasty.