लग्न में बैठे ग्रहों की अनूठी बातें, पहले भाव में कौन सा ग्रह किस राशी है,
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- Опубликовано: 9 мар 2024
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राशी क्रमांक व नाम स्वामी उच्च नीच
1(मेष) मंगल सूर्य शनि
2(वृष) शुक्र चंद्र कोई नहीं
3(मिथुन) बुध कोई नहीं कोई नहीं
4(कर्क) चन्द्र गुरू मंगल
5(सिंह) सूर्य कोई नहीं कोई नहीं
6(कन्या) बुध बुध शुक्र
7(तुला) शुक्र शनि सूर्य
8(वृश्चिक) मंगल कोई नहीं चन्द्र
9(धनु) गुरु कोई नहीं कोई नहीं
10(मकर) शनि मंगल गुरू
11(कुम्भ) शनि कोई नहीं कोई नहीं
12(मीन) गुरू शुक्र बुध
#प्रथम_भाव के कारक - इस भाव का कारक सूर्य है। जातक की जन्मकुण्डली अथवा प्रश्नकुण्डली के किसी सवाल के जवाब में उसके स्वास्थ्य, जीवंतता, सामूहिकता, व्यक्तित्व, आत्मविश्वास, आत्मसम्मान, आत्मप्रकाश, आत्मा आदि को देखा जाता है। हर सवाल के जवाब में पहले लग्न देखना ही होगा।
#दूसरे_भाव के कारक - इस भाव का कारक गुरु है। वैदिक ज्योतिष में इसे धन भाव कहा जाता है। इससे बैंक एकाउण्ट, पारिवारिक पृष्ठभूमि, कई मामलों में आंखें देखी जाती है।
#तीसरे_भाव के कारक - इस भाव का कारक मंगल है। बौद्धिक विकास, साहसी विचार, दमदार आवाज, प्रभावी भाषण एवं संप्रेषण के अन्य तरीके इस भाव से देखे जाएंगे। छोटे भाई के लिए भी इसी भाव को देखा जाएगा।
#चौथे_भाव के कारक - इसका कारक चंद्रमा है। यह सुख का घर है। किसी के घर में कितनी शांति है इस भाव से पता चलेगा। इसके अलावा माता के स्वास्थ्य और घर कब बनेगा जैसे सवालों में यह भाव प्रबल संकेत देता है। शांति देने वाला घर, सुरक्षा की भावना, भावनात्मक शांति, पारिवारिक प्रेम जैसे बिंदुओं के लिए हमें चौथा भाव देखना होगा।
#पांचवे_भाव के कारक - इसका कारक गुरु है। इसे प्रॉडक्शन हाउस भी कह सकते हैं। इसमें शिष्य, पुत्र और पेटेंट वाली खोजें तक शामिल हो सकती हैं। ईमानदारी से की गई रिसर्च भी इसी से देखी जाएगी। इसके अलावा आनन्दपूर्ण सृजन, सुखी बच्चे, सफलता, निवेश, जीवन का आनन्द, सत्कर्म जैसे बिंदुओं को जानने के लिए इस भाव को देखना जरूरी है।
#छठे_भाव के कारक - इस भाव का कारक मंगल है। इसे रोग का घर भी कहते हैं। शत्रु और शत्रुता भी इसी भाव से देखे जाते हैं। कठोर परिश्रम, सश्रम आजीविका, स्वास्थ्य, घाव, रक्तस्राव, दाह, सर्जरी, डिप्रेशन, उम्र चढ़ना, कसरत, नियमित कार्यक्रम के सम्बन्ध में यह भाव संकेत देता है।
#सातवें_भाव के कारक - इसका कारक शुक्र है। लग्न को देखने वाला यह भाव किसी भी तरह के साथी के बारे में बताता है। राह में साथ जा रहे दो लोगों के लिए, प्रेक्टिकल के लिए टेबल शेयर कर रहे जीवनसाथी, करीबी दोस्त, सुंदरता, लावण्य जैसे विषय इसी भाव से जुड़े हुए हैं।
#आठवें_भाव के कारक - इसका कारक शनि है। स्वाभाविक रूप से गुप्त क्रियाओं, अनसुलझे मामलों, आयु, धीमी गति के काम इससे देखे जाएंगे।
#नौंवें_भाव के कारक - इसका कारक भी गुरु है। इसे भाग्य भाव भी कहते हैं। धर्म, अध्यात्म, समर्पण, आशीर्वाद, बौद्धिक विकास, सच्चाई से प्रेम, मार्गदर्शक जैसे गुणों को भी इसमें देखा जाता है।
#दसवें_भाव के कारक - गुरु, सूर्य, बुध और शनि के पास दसवें घर का कारकत्व है। यह भाव हमारी सोच को कर्म में बदलने वाला भाव है। हर तरह का कर्म दसवें भाव से प्रेरित होगा।
#ग्यारहवें_भाव के कारक - इसका कारक भी गुरु है। यह ज्यादातर उपलब्धि से जुड़ा भाव है। आय, प्रसिद्ध, मान सम्मान और शुभकामनाएं तक यह भाव एकत्रित करता है। हम कुछ करेंगे तो उस कर्म का कितना फल मिलेगा या नहीं मिलेगा, यह भाव अधिक स्पष्ट करता है।
#बारहवें_भाव के कारक - इसका कारक शनि है। यह खर्च का घर है। बाहरी सम्बन्धों, विदेश यात्रा, धैर्य, ध्यान और मोक्ष इस भाव से देखे जाएंगे। - Развлечения
🌹🙏 radhe radhe guru ji 🌹🌹🙏🙏🙏
पहली बार इतनी जानकारी।बहुत अच्छा है
अति सुन्दर और सरल शब्दों मे प्रणाम गुरु जी
बहुत बढ़िया विश्लेषण पंडित जी, बहुत-बहुत धन्यवाद। 🙏📿🚩☄️🌸🌺🏵️🌼💮🍂🍁🌷🌹🌻
गुरुजी चरण स्पर्श है आपका आशीर्वाद बनाये रखें मुझ पर बहुत ही सुंदर व्याख्या है गुरुजी आप की ❤
Good
तिरंगा ध्वज !
चंडीगढ़
Thank you
Ram Ram ji
Good analysis
गुरु जी आपको साष्टाँग प्रणाम है जी
Radhe Radhe guruji aabhar aapka.
Very good.❤
Guruji Charan ishparsh
Excellent
Jai Shri Ram🙏
Har har mahadev guru ji
राधे राधे जी 🙏
Pranipat Guru Ji
राधे 🌹 राधे गुरु जी
गुरूजी जय श्री राम जय जय राम
Pranam guruji
"Om namah Shivay". 🙏🙏🙏🙏🙏
🙏Guru je parnam 🙏🌺🌺✨✨✨
🙏jai ho 🙏🌻🌹🪔🚩
Skjain 27.6.1961 रतलाम समय 20.45
पिछले सात आठ साल से सब पैसा डूब गया व्यापार बंद हो गया है कर्जा हो गया है आगे कोनसा व्यापार करे जिससे आजीविका चल सके कृपया मार्ग दर्शन करे
Jay Shri Ram 🚩
जय श्रीराम 🌸🌸🌼🌼🌺🌺🌹🌹❤❤🙏🙏
Guruji mere lagna Mesh lagan he kon sa grah beithi hei pliz bata dijiye pliz🙏
Guru ji dhanu lagan guru vakri kesa fal dega
🙏
Guru ji vakri greh ache hote b ki bure
🙏🏼🙏🏼 Nameskar Guruji. 4 bhav mei ucche ka brespati bhii us bhav k fal ko khrab ker deta h. Kya ye sahi h.
My budh in makar lagan but with ketu
Then good or bad
🙏🙏🙏
प्रणाम गुरु जी
हम ज्योतिष सीखना चाहते है कैसे सीखे रास्ता दिखाने की कृपा करें
Dhanu lagna me mangal uch guru uch to kya fal h guru ji
🙏 मेरा तुला लग्न है राशि कुम्भ है और मंगल लग्न तुला राशि मे है।
Mangal ka upay karte rahein to sab thik rahega
Lagn me koi ghrah nhie bhata hai to waha vikti kisa hoga ?
Guruji ! Mera man Bahot accha nahi hai Jo bat manme impress kar jati hai uske piche pad jati hu 🙏Chandrama aisa hai I don’t know 🤷♀️Pranam 🙏💐
हर हर महादेव हरि हरेगे पीड़ा सारी हे मेरे मन तू क्यों व्यर्थ चिंता कर्ता मेरी हरि के चरणों में आत्मा भजन करें मेरी
🙏🙏🙏
Kya Sani astha aur karak ho toh dann karna chahiye?Guruji
में भी आप जेसा एक जीव हूँ शनि मेरा 12 वे भाव में हैं शनि एक बहुत ही अच्छा और सुन्दर कर्म फल दाता प्रदान करने वाला ग्रह है इसलिए हमे बिल्कुल नहीं घबराना चाहिए कर्म सारे सोच समझ कर शुभ करने चाहिए और पिछले कर्मों का फल चाहे कडवा हों या मीठा ग्रहण करना चाहिए और जो भी इष्टदेव है उनकी भक्ति डूब कर करनी चाहिए 🌸 जब प्रभू है साथ तो कभी न अमंगल होगा हमारे साथ प्रभू ने पकड़ा है हमारा हाथ 🌸
गुरुजी तत्कालिक मित्रता तात्कालिक शत्रुता का क्या मतलब है क्या प्रभाव है
मीन लग्न में चन्द मंगल बुध गुरु शुक्र हो तो कैसा रहेगा
सभी ग्रह एक साथ बैठे हैं
लेकिन गुरु के साथ में शनि भी हो धनु राशि में तो कैसा होगा
Chouthe bhav me 10no me shani ketu hain mujhe kanta chubha kar sidh sant jaisa bana diya hai
गुरु जी प्रणाम मैंने आपका कोर्स बेसिक टू एडवांस की मेंबरशिप ली है पर मुझे पीडीएफ नोट्स नही मिल रहे है । आप मुझे बताए की कैसे मुझे पीडीएफ नोट्स मिलेंगे
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लग्न मीन हो लग्न भाव रिक्त है।तो लग्नेश कौन? और चन्द्र कुम्भ राशि का द्वादश भाव मे बैठा है तो क्या परिणाम होंगें।
Meen lagna ka Lagnesh Brihaspati rehte hai.
Jiska lagan Khali ho to
गुरू और शुक्र लग्न में हो तो क्या फल देगा
Sadar shat shat naman.
🙏🙏