भाग पाँच बौद्ध धर्म ब्रह्माण्ड ईश्वर व हम Part 5 Baudh Religion Brahmand ishwar and we बुध्द

Поделиться
HTML-код
  • Опубликовано: 11 янв 2025

Комментарии •

  • @umeshukey2161
    @umeshukey2161 Год назад

    👌💞 सर्व मंगल वाणी बुध्द वाणी🌾🥀🍎 एस धम्मो सनंतनो🌞 मित्र 🙋‍♂️

  • @deepakroy4509
    @deepakroy4509 5 лет назад +2

    To, Truth. Of Life, भाग नंबर 5, बौद्ध धर्म, ब्रह्मांड और हम, इसमे जो वक्ता है उनकी आवाज बिल्कुल आदरणीय स्वामी अशोक भारतीजी महानुभाव जैसा है। जैसे कि स्वामी अशोक भारतीजी की आवाज में जादू और कशिश है जो सीधे उनके दृष्टांत हमारे मन मे उतर जाते है,उसी तरह आपके उदबोधक की आवाज बिल्कुल उपयुक्त है इस एपिसोड के लिए ,और ऐसे महत्वपूर्ण धार्मिक ज्ञान के लिए। इसीलिए यह विशेष अभिनंदन और इनका चयन होना हो चाहिए,दूसरा और कोई जगह नही ले सकेगा। आदर सहित प्रणाम। दीपक रॉय, कलोल, गांधीनगर,गुजरात,

    • @lifethroughuniverse7005
      @lifethroughuniverse7005 4 года назад

      BUDDHISM IS A UNIVERSAL AND NATURAL HUMANKIND IS THE FATHER OF ALL THE RELIGIONS. ALL OF THE RELIGIONS SHOULD FOLLOW THE TATHAGAT BUDDHA'S DHAMMA, BUDDHISM IS NOT THE ‘RELIGION’ , BUT THE WAY OF LIVING A LIFE, IT'S HUMAN NATURE AND EVERY INDIVIDUAL MUST FOLLOW IT. ONE MAY PRACTICE ANY OF THE RELIGION IN THEIR HOME BUT FOR THE SOCIETY AND WHOLE OF THE WORLD SHOULD FOLLOW THE TATHAGAT BUDDHA’S DHAMMA. TATHAGAT BUDDHA IS THE ONLY SUPERNATURAL POWER WHICH NEVER DIES AND TAKES BIRTH BUT HE HIMSELF APPEARS ON THIS PLANET EVERY AFTER 2,525 YEARS. ALREADY NOW HE HAS appeared ON THE "NIRVANA" LAND OF INDIA AFTER 2,525 YEARS FOLLOWING TATHAGAT GAUTAM BUDDHA, ONE MUST FIND HIM AND FOLLOW HIS TEACHINGS WHICH IS THE RIGHT OF EVERY HUMAN ON THIS PLANET.
      -----.TATHAGAT BUDDHA !
      ----- THE GREATEST EVER 'NIRVANA' LAND OF ' MOTHER -INDIA !!

  • @manumahli6033
    @manumahli6033 Год назад +1

    नमो बुद्धाय नमो बुद्धाय नमो बुद्धाय | ❤❤❤

  • @chandramasingh7845
    @chandramasingh7845 2 года назад +1

    यह तो संसारिक बुद्ध जी का उपदेश है,किन्तु आंतरिक,अलौकिक ज्ञान क्या था?
    इस अलौकिक ज्ञान को हमने समय के तत्वदर्शी गुरू से जाना हुँ और दुसरों को जना सकता हुँ ,तथा दुसरों को जनाया भी हुँ।
    ईश्वर प्रत्येक प्राणी के प्राण में हैं। ईश्वर कंण-कंण में भी हैं।किन्तु यह ईश्वर अति शूक्षमतर होने के कारण इन नेत्रों से देख नहीं पाते। तथा ऐसा अति शूक्ष्मतर को देखने के लिए विज्ञान अभी तक यंत्र नहीं बना पाया है,और ना भविष्य में हि बना पाएगा। यही कारण है कि मनुष्य समय के तत्व-दर्शी गुरू से हि जाना है।
    प्रत्येक बयक्ति के पास दिब्य नेत्र तथा दिब्य बुद्धी है।किन्तु यह बन्द है।इसी नेत्र,व बुद्धी को खोलने के लिए समय के जानकार गुरू कि अति आवश्यक है। यही कारण है कि गुरू परम्परा सदियों से चली आ रही है।
    लेकिन ऐसे गुरू संसार में इने गिने हैं, जिन्हें
    संसारिक मनुष्य अपने को चतुरज चलाक समझने वाला समझ नहीं पाता।कयों कि सद् गुरू का पहचान उनके दिब्य ज्ञान से हि होता है।बाहरी भेष भूषा से नहीं।
    तो आइए या आदर पुर्बक बुलाएँ मैं यह वादा करता हुँ कि ऐसा यह ज्ञान करा सकता हूँ।
    स्वामी चन्द्रमा जी महाराज,देहरादून, उत्तराखंड।, भारत। मो.7906008936
    संसार के समस्त गत् महापुरूषों का एक मत ज्ञान है।लेकिन मन बुद्धी से भी यह परे का ज्ञान प्रयटिकल रूप में तत्काल क्षण मात्र में कराया जा सकता है।
    आप किसी तरह का अध्यात्मिक प्रश्नों का समाधान हेतु डिवेट भी कर सकते हैं।किन्तु मैं पैसे बडा़ बयक्ति नहीं हूँ।किन्तु मेरे पास वह सम्पती है जो दूनिया में बहुत कम लोग के पास है।
    जन्म और मृत्यु को भी दिखा सकता हुँ।यह बात सुन कर आप मुझे पागल समझेंगें।पर हम विशेष प्रकार का पागल हूँ।जिका आप अर्थ नहीं जानते हैं।

  • @rishikeshprasad5633
    @rishikeshprasad5633 4 года назад +16

    समाज को इतना सुंदर ज्ञान देने के लिए कोटि कोटि नमन नमो बुद्धाय जय भीम

  • @balajitidke2305
    @balajitidke2305 4 года назад +12

    भगवान बुद्ध के श्री चरणों में मेरा कोटी कोटी दंडवत प्रणाम🙏
    बुद्धम् शरणम् गच्छामी🙏

  • @AnilKumar-ow6wh
    @AnilKumar-ow6wh 5 лет назад +18

    आपने कितनी मेहनत से हमें इतनी जानकारी दी आपका परम् धन्यवाद।

  • @digambergulde7370
    @digambergulde7370 3 года назад +3

    बूद्धां विषयी संपूर्ण सत्य कथानकाची माहीती सांगीतली त्याबद्दल| खूपखूप| धन्यवाद. आकाश पाताळ एक करो बौद्ध धम्म का स्विकार करो!(आचारण करो) जय भिम नमो बूद्धाय जय संविधान जय भारत

  • @agyaram5412
    @agyaram5412 4 года назад +6

    Very nice 👍 very good Satya bachan Jay bheem nabo bouddhay Jago aur jagao

    • @lifethroughuniverse7005
      @lifethroughuniverse7005 4 года назад

      sun blaze
      BUDDHISM IS A UNIVERSAL AND NATURAL HUMANKIND IS THE FATHER OF ALL THE RELIGIONS. ALL OF THE RELIGIONS SHOULD FOLLOW THE TATHAGAT BUDDHA'S DHAMMA, BUDDHISM IS NOT THE ‘RELIGION’ , BUT THE WAY OF LIVING A LIFE, IT'S HUMAN NATURE AND EVERY INDIVIDUAL MUST FOLLOW IT. ONE MAY PRACTICE ANY OF THE RELIGION IN THEIR HOME BUT FOR THE SOCIETY AND WHOLE OF THE WORLD SHOULD FOLLOW THE TATHAGAT BUDDHA’S DHAMMA. TATHAGAT BUDDHA IS THE ONLY SUPERNATURAL POWER WHICH NEVER DIES AND TAKES BIRTH BUT HE HIMSELF APPEARS ON THIS PLANET EVERY AFTER 2,525 YEARS. ALREADY NOW HE HAS appeared ON THE "NIRVANA"
      LAND OF INDIA AFTER 2,525 YEARS FOLLOWING TATHAGAT GAUTAM BUDDHA, ONE MUST FIND
      HIM AND FOLLOW HIS TEACHINGS WHICH IS THE RIGHT OF EVERY HUMAN ON THIS PLANET.
      -----.TATHAGAT BUDDHA !
      ----- THE GREATEST EVER 'NIRVANA' LAND OF ' MOTHER -INDIA !!

    • @sanjayjadhav3981
      @sanjayjadhav3981 4 года назад

      सबसे पहली अतीप्राचीन प्राकृत धम्म लीपी से पता चलता है की पाली वर्णो से ही सभी भाषाए बनी है !
      जैसे भारत के तक्षशिला,नालंदा विश्वविद्यालयो मे शिक्षा के बहाने विश्वविद्यालयो मे घुँसे विदेशी बारामण बामभट चोर ज्ञानार्थीयोने प्रोजेक्ट के बहाने अपनेही अध्ययन,अध्यापन और संशोधन करनेवाले बौध्द भिक्कु गुरु और पाली लीपी वर्णो की मदत से पाली की सुधारीत आवृत्ती या संस्कृत भाषापर संशोधन कर रहे थे लेकीन बौध्दस्थलोपर मिलनेवाले धम्मदान को देखकर और बौध्द धम्मगुरुओ का सम्राटो और व्यापारीयोपर प्रभाव देखकर ज्ञानार्थी बनकर आए बारामण,बामभटचोरो के मन मे धन और श्रेष्ठत्व,वर्चस्व की लालसा जागी ईसीकारण उन्होने विश्वविद्यालयोसे संशोधित ग्रंथ,मानचित्रे नक्शे और नयी संस्करण की हुई संस्कृत भाषा संशोधन ग्रंथ चुराया !
      भारतीय बौध्द भिक्कु,सम्राट राजाओ की हत्याए की और प्राचीन बौध्दस्थलोपर कब्जा करके असली ईतिहास छुपाकर बुध्द,सम्राट,राजा,बौध्दस्थल और संशोधित ग्रंथ,मानचित्रो के तालमेल से सत्य छुपाकर संस्करीत भाषा संस्कृत मे काल्पनिक,मनगडंत ग्रंथो की रचनाए की है !
      भारतपर आक्रमण करणेवाले हो या कोई भी आक्रमणकारी साम्राज्यविस्तार
      उनका मकसद होता है !
      प्रजाके धार्मिक बाबीयोमे वे कभी हस्तक्षेप नही करेंगे क्योंकी उन्हे उनकेही भरोसे वहापर सत्ता कायम करणी होती है !
      किसीके परसनल मॅटर या घरगुती मामले मे हस्तक्षेप करेंगे तो लोग धार्मिक आझादी के लिए उनके खिलाफ होकर उस सत्ता से बगावत करेंगे जैसा की शिक्षाबंदी करके शिक्षा का एकाधिकार रखनेवाले पढे़लिखे बारामणोने शुरुवात मे अंग्रेजो की चमचेगीरी कर साथ दिया था लेकीन जब अंग्रेजोने उनके धार्मिक मॅटर या कुप्रथावो को बंद करना शुरु कर दिया तब उन्हे अंग्रेजी सत्ता उनके स्वार्थ के लिए बनाए पाखंडो के लिए खतरा
      लगने लगी तब जाके उन्होने खुद की धार्मिक आझादी के लिए भारतीय नौजवानो को अंग्रेजो के खिलाफ भडकाया ! उनका असली मकसद भारत या भारतीयो की आझादी के लिए नही था !
      दुनिया के कोई भी आक्रमणकारीयोने कभी किसी का धर्मपरिवर्तन जबरदस्तीसे नही किया भारतीयोने उनका धर्मपरिवर्तन तो विदेशी बारामण घुसबैठीए चोरो के अन्याय,अत्याचार,जातीवर्ण भेदभाव के कारण पिडीत,वंचीतोने किया है !
      अगर धर्मपरिवर्तन या संस्कृती थोपना आक्रमणकारीयो का मकसद होता तो भारत मे आज सभी भारतीय या तो मोगल होते या तो अंग्रेज होते !
      भारतीयो का धर्मपरिवर्तन या भारत की असली सम्यक संस्कृती का परिवर्तन तो भारत के प्राचीन बौध्दस्थलोपर कब्जा करनेवाले स्वार्थी घुसबैठीए अपनो पुरो+हित का ध्यान रखनेवाले पडीत बारामण,परजीवी बांभटचोरोने किया है जिन्होने भारत के बौध्दस्थलोपर बौध्द मठो,संघोमे,विश्वप्रसिध्द विश्वविद्यालयो मे शिक्षा के बहाने या बुध्दधम्म को अपनाने के बहाने वहापर घुसबैठ कर कब्जा कर लिया है और पाखंडसे भारतीयोपर खुद की गाली और संस्कृती थोपकर उसी थोपी हुई गालीपर उन्होने हमे गर्व करने को बोला है !
      भाषा का नाम सुनते ही उन लोगो की फटती क्यों है पता है ? जीन लोगो को अच्छी तरह पता है संस्कृत संस्करण की हुई यानी अव्यवस्थित पाली लिपीकी मदत से व्यवस्थित कर बनाई नयी आवृत्ती है !
      अगर ऐ साबीत होता है तो उनकी संस्कृत मे लिखे पाखंड के लिए बनाए काल्पनिक,मनगडंत कहानियाँ झुठी साबीत होगी जीसे बचाने के लिए वे वही मनगडंत प्रमाण देते हो ! जब की उनके पास अब जवाब जैसा कुछ बचाही नही ! मैने तो प्रत्यक्ष प्रमाण दिखाए है !
      और प्रत्यक्ष को किसी भी प्रमाण की जरुरत नही होती !
      प्रमाण वही देते है या मागते है जो खुद झुठे है ! ईसीलीए सफाई देते फिरते है !
      🕯✨दिपदानोत्सव 84000अशोक स्थभ⛩️

  • @manoharbashme1656
    @manoharbashme1656 3 года назад +1

    जीवन जगण्याचा सुंदर मार्ग सांगितले त्याबाबत आपले अभिनंदन किती अंगिकारावे हे त्यावर अवलंबून आहे

  • @harilalchaudhary5169
    @harilalchaudhary5169 4 года назад +30

    आज पहली बार जीवन को समझा । बहुत बहुत धन्यवाद।

    • @sandeepsaimpal9274
      @sandeepsaimpal9274 4 года назад +3

      Bar Bar Nahin Janm Tera Bar Bar Nahin Ave
      MO

    • @subashbudhiraja3844
      @subashbudhiraja3844 3 года назад

      👍👍

    • @DVMANGLA
      @DVMANGLA 3 года назад

      Buddha was an illiterate idiot not an intelligent being. Can anybody prove that Brahman doesn't exist? How can you prove it doesn't exist,when it exist everywhere, which you can't see. Buddha neither believed in Brahman / Bhagwan nor Atma, How do we call him Bhagwan? He was an idiot to say anything without proof. He didn't studied Hindu Shastras. All his statements are self-contradictory.

    • @hardevram7827
      @hardevram7827 2 года назад

      Nm

  • @jalgaondance1631
    @jalgaondance1631 4 года назад +3

    जो धर्म "मनावाता के उत्थान के लिए काम करते है" उसे ही धर्म मानना मै पसंद करता हूं। जो धर्म मानव में फसाद, उच्च नीचता भाव निर्माण करता है वह धर्म कहने लायक नहीं है।
    भंते जी सही कहा है आपने की *जिस धरती पर धर्म के नाम पर जितने भी आंसू बहाए गए, जितनी भी खून की नदियां बहायी गई, वह चारो समुद्र के पानी से भी ज्यादा है।*
    इसी कारण पूरी दुनिया में इस वायरस ने आत्म चिंतन करने के लिए मानव को आज मजबुर किया है, ये हम नहीं समझ सकते तो हमारे सीवा कोई दुर्भाग्य प्राणी नहीं होगा..! घिनौनी राजनीति करनेवाले लोगो को कुदरत नहीं तो सारी जनता है सजा देने में काबिल है..!

  • @pradumansingh8474
    @pradumansingh8474 4 года назад +3

    जानकारी आच्छी मिली ।म त्रत्र

  • @SRIngle-tg4uj
    @SRIngle-tg4uj 3 года назад +2

    बहूत बढीया विष्लेषण कीमा है आपको साधुवाद

  • @chandershekhar2110
    @chandershekhar2110 3 года назад +1

    भगवान बुद्ध ने देखा सारा संसार में हर जो कुछ भी हमें दिखाई दे रहा है वह एक क्षण में अनेकों बार उत्पन्न हो ‌कर नष्ट हो रहा है।इससे परे उन्होंने ने देखा ‌जोअनित्य सारस्वत है धुरब हैं या जो हमेशा एक जैसा ही रहता है। उसमें कोई भी परिवर्तन नहीं हो रहा है।उसको जो भी नाम दो । परमात्मा कहो । परम शक्ति कहो।उसका वर्णन नहीं किया जा सकता है। यहां पहुंचना ही निर्वाण है। ये जो एक जैसा रहता है वहीं ईश्वर या परमात्मा कहते हैं।

  • @ramendrakumarravi6670
    @ramendrakumarravi6670 3 года назад

    JAGO MULNIVSI JAGO KRANKARE NAMO BUDDHA JAI BHIM BAMCEF JINDABAD BMP JINDABAD VERY BEAUTIFUL SPEECH THANKS

  • @kailashambarde6401
    @kailashambarde6401 Год назад +1

    ❤ bhagwan Buddha maharaj ji 🙏 each and every principle is universal truth 🙏🙏❤❤

  • @rajugautam8761
    @rajugautam8761 3 года назад

    Kripya aap aise or
    Vedio banate rhe
    Namo buddhay

  • @jamunakumar3666
    @jamunakumar3666 3 года назад

    ठैनचूबहुतसुन्दरजयभीमबौद्ध

  • @Hanumanji246
    @Hanumanji246 4 года назад +26

    Budhism is religion of peace
    Budhism is way of my life
    I have embraced budhism from past 5 years being hindu and am so glad!!! I did .

    • @lifethroughuniverse7005
      @lifethroughuniverse7005 4 года назад +7

      sun blaze
      BUDDHISM IS A UNIVERSAL AND NATURAL HUMANKIND IS THE FATHER OF ALL THE RELIGIONS. ALL OF THE RELIGIONS SHOULD FOLLOW THE TATHAGAT BUDDHA'S DHAMMA, BUDDHISM IS NOT THE ‘RELIGION’ , BUT THE WAY OF LIVING A LIFE, IT'S HUMAN NATURE AND EVERY INDIVIDUAL MUST FOLLOW IT. ONE MAY PRACTICE ANY OF THE RELIGION IN THEIR HOME BUT FOR THE SOCIETY AND WHOLE OF THE WORLD SHOULD FOLLOW THE TATHAGAT BUDDHA’S DHAMMA. TATHAGAT BUDDHA IS THE ONLY SUPERNATURAL POWER WHICH NEVER DIES AND TAKES BIRTH BUT HE HIMSELF APPEARS ON THIS PLANET EVERY AFTER 2,525 YEARS. ALREADY NOW HE HAS appeared ON THE "NIRVANA"
      LAND OF INDIA AFTER 2,525 YEARS FOLLOWING TATHAGAT GAUTAM BUDDHA, ONE MUST FIND
      HIM AND FOLLOW HIS TEACHINGS WHICH IS THE RIGHT OF EVERY HUMAN ON THIS PLANET.
      -----.TATHAGAT BUDDHA !
      ----- THE GREATEST EVER 'NIRVANA' LAND OF ' MOTHER -INDIA !!

    • @mpdwivedi6414
      @mpdwivedi6414 3 года назад

      @@lifethroughuniverse7005 the

    • @saidasbarve8823
      @saidasbarve8823 3 года назад

      Very fine,there no subitute to Buddhism

    • @angadram7122
      @angadram7122 3 года назад

      @@saidasbarve8823 to

    • @Rajkhare839
      @Rajkhare839 2 года назад +1

      Budhdheesm is truth and great.....namo buddhay.

  • @rajuraj80136
    @rajuraj80136 5 лет назад +9

    hamne pura video dekha jisme scientific tarike se bataya gya...jisme kalpana aur chamatkar jaisi koe chij nahi hai batayi gayi...
    *** very very thanku to truth of life channel***

  • @khilavanramsahu1742
    @khilavanramsahu1742 3 года назад

    बहुत अच्छा लगा धन्यवाद

  • @omkrishansingh4850
    @omkrishansingh4850 4 года назад +32

    Excellent explanation of Buddhism...totally scientific

    • @lifethroughuniverse7005
      @lifethroughuniverse7005 4 года назад +4

      sun blaze
      BUDDHISM IS A UNIVERSAL AND NATURAL HUMANKIND IS THE FATHER OF ALL THE RELIGIONS. ALL OF THE RELIGIONS SHOULD FOLLOW THE TATHAGAT BUDDHA'S DHAMMA, BUDDHISM IS NOT THE ‘RELIGION’ , BUT THE WAY OF LIVING A LIFE, IT'S HUMAN NATURE AND EVERY INDIVIDUAL MUST FOLLOW IT. ONE MAY PRACTICE ANY OF THE RELIGION IN THEIR HOME BUT FOR THE SOCIETY AND WHOLE OF THE WORLD SHOULD FOLLOW THE TATHAGAT BUDDHA’S DHAMMA. TATHAGAT BUDDHA IS THE ONLY SUPERNATURAL POWER WHICH NEVER DIES AND TAKES BIRTH BUT HE HIMSELF APPEARS ON THIS PLANET EVERY AFTER 2,525 YEARS. ALREADY NOW HE HAS appeared ON THE "NIRVANA"
      LAND OF INDIA AFTER 2,525 YEARS FOLLOWING TATHAGAT GAUTAM BUDDHA, ONE MUST FIND
      HIM AND FOLLOW HIS TEACHINGS WHICH IS THE RIGHT OF EVERY HUMAN ON THIS PLANET.
      -----.TATHAGAT BUDDHA !
      ----- THE GREATEST EVER 'NIRVANA' LAND OF ' MOTHER -INDIA !!

    • @rakeshbabu1510
      @rakeshbabu1510 3 года назад

      L mill ķo kk ki k

    • @DVMANGLA
      @DVMANGLA 3 года назад +2

      What is Tapasvi Jivan of Buddha without belief in Brahman? How can a man (Buddha) without his firm belief in Brahman can achieve Samadhi? He didn't know anything about Tapasyia. His enlightenment was not Brahman-realization. He didn't told anything to anybody what was his enlightenment or gyan realization. He was successful to befool the lower classes in Hindus to convert to Buddhism. He was biggest enemy of Hindu Dharma. .

    • @जलेश्वरत्रिपाठी
      @जलेश्वरत्रिपाठी 3 года назад +2

      @@lifethroughuniverse7005 एईईओकीईइइइइ

    • @fekuthakur270
      @fekuthakur270 3 года назад +1

      Thanks@@DVMANGLA

  • @मल्हारभक्तकट्टरहिंदू

    I am kattr hindu but I love बुद्ध

    • @DVMANGLA
      @DVMANGLA 3 года назад

      But Historically Buddha was the biggest enemy of Hinduism. The most cruel king Ashoka killed millions of Hindus to convert them into Buddhism forcibly.

    • @અનિલમકવાણા-દ9ન
      @અનિલમકવાણા-દ9ન 2 года назад

      SABKO GALAT KATTARATAA DUR KARE UPARVAALE JIVIT DEVAADHIDEV PRABHU YESHUPITAA SATGURUDEV

  • @sureshbhagat6593
    @sureshbhagat6593 5 лет назад +12

    आपका स्वागत है कि आपने शुद्ध धरम का परिचय, विस्तार से जानकारी ऊपलबध करके दि है. बहुत बहुत धन्यवाद.

    • @ankur956
      @ankur956 4 года назад

      Namo budhay

    • @sudhakarkharat1139
      @sudhakarkharat1139 4 года назад

      @@ankur956 ķķkkkķķkkķkkķkkkkkkķkķķkkķkķkkkķkkķkķķkķķkķkkkķkkkkkkkkkkkķkkkkkkkkkkkkkkķkkikkkkkkkkkkkķkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkokkkkkkokkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkikkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkk8kkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkk8kk8kikkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkk8kkkkkkkkkkkk8kkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkk8kkkkkkkikk8kkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkk8kkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkķkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkk88kkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkķkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkķkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkķkķkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkķkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkk8kkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkķkkkkkkkkkkkķkkkkkkkkķkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkkķkkkkkkkkķķkkkkkkkķķkkķkkkkkkkkkkkkkkkkķkkkkkkkkkkkkkkkķkkkkkkkkkkkkkkkkķkkkkkkkkkkkkkkķķkkķkkkkkkkkķkkkkkkkķkkkkkķkkkķkkkkkkkkkkkkkkkkķkkkkkkķkkkkkkķkkkķkkkkkkkķkķkkkķkķkkķkķkkķķķķkkķkķkkkķkkķkķķķķķkķkķkkķkķķkkkķkkkķķkkķķķķkkķķkkķķķķkkkkķķkkkķķkkkķkķķķķķķķķķķkķķkķkkkķķkkkkkķkkķkkkkkkkkkķkķķķkkkkķķkķķkkkkkķkkķkķkķkkkķkķkkkkķkķķķķķķķķkkkkķķķķkķkkķkķkķķkķkkkķkkkkkkķkķkķķķkkkķķkkkkkķkķķķķķķķķkķkķkkkkkķķķķķķķkkkķkkkkkkkkkķkķkķkķkkkkkkķkkķķkķķkkkkkķkķķkkkķkķkkķkkkkkkkkkķķķķkķķķkkķkķkķķķkkkķķkkkķķķkkķkķķķķkkkķķkkkkķkķkķķķkķkkkķkkkkķķkkķkķķkkkkķkkķķķķkķkkķkkķķķkkķkkkkķkko44

  • @munnaraj2261
    @munnaraj2261 3 года назад

    Tqqq sirrr jiiii aise video aur laiye

  • @chaindrawasnik4939
    @chaindrawasnik4939 4 года назад +2

    Namo bhudhay Aapka dhanyawad ye gayan dene ke liye

    • @lifethroughuniverse7005
      @lifethroughuniverse7005 4 года назад

      " PHILOSOPHY " NEEDS TO UNDERSTAND BY THE HUMAN'S , NOT BY " TATHAGAT BUDDHA " ! TATHAGAT BUDDHA IS NOT A HUMAN OR ANY SHAPE OR KIND OF PHYSICAL BODY, IT IS JUST A SYMBOL OF " WISDOM " OF SCIENCE, IN THE FORM OF " VIBRATION -UNIVERSAL FREQUENCY -OCCULT POWER", IN THE SHAPE OF ENGLISH FIG. " 8 ", WHICH HAS NO BEGINNING AND NO END ! THERE ARE 29 TATHAGAT BUDDHA'S APPEARED EVERY AFTER 2,525 YRS. SO FAR IN LAST 72,000 YRS., SINCE THE EXISTENCE OF NATURE, ON THIS PLANET -SURFACE ! ", WITH SIMILAR PHILOSOPHY ! IT MAY SOUND OBSTINATE, HERE THE QUOTES ARE NOT FROM "BUDDHIST LITERATURE " THIS IS THE KNWOLEDGE OR WISDOM AFTER "ENLIGHTENMENT ", WHICH EVERY HUMAN NEEDS TO UNDERSTAND ! HERE IT'S ONE'S MORALITY TO CROSS -CHECK AT HIS OWN CONSCIOUS LEVEL , AND NOT TO BELIEVE WHAT ONE HAS READ ?, WHAT ONE HAS LISTEN ?, WHAT ONE HAS SEEN ? THE UNIVERSE MEANS IT ! HERE, THERE ARE NO MORAL VALUES OF ANY KIND OF RELIGIOUS LITERATURE, WHICH IS UNNATURAL !

  • @jhaboolalahirwar7356
    @jhaboolalahirwar7356 3 года назад +1

    भगवन बुद्ध की पूजाऔर सद्दांत को समझने वाले मानव कभी झूँठ कपट मार काट अनन्याय मानव जाती को छोटा बड़ा छुत अछूत का ब्योहार नही करता मगर राम शिव वबृह्मा विष्णू अन्य को मानने वाला मानव लूट खसुओत मार काटऔर हिंसक जाति पांती छोटा बड़ा छुत अछूत मानव को समझने खुद बड़ा समझता है मेरे मानव जाती के माता बहनों भाईयो समझो जाति पेड पौधों वा जानवरो मै होतीं है यहीं अन्तर है बुद्ध धम्म मै और हिन्दू धर्म मै

  • @jalgaondance1631
    @jalgaondance1631 5 лет назад +8

    *दान पारमिता:*
    👉🏿 बुद्ध सागतात की जे मानव दूसरयाची निस्वार्थ भावनेने मदत करतात तेच आंतरिक मानाने शांत, समाधानी आणि सुखी असतात हा निसर्गचा पहिला नियम आहे..!
    👉🏿 निस्वार्थपने दूसराला देन्यात जे सुख मनाला भावते ते घेंतलयाने लाभत नसते. साठा केल्यवर कोनता ही मानव प्राणी तो आपल्या बरोबर घेयुन जात नसतो, सर्व येथेच ठेवुन प्रस्थान करावे लागते, हा निसर्गचा दूसरा नियम..! नेहमी देत राहीलेने नुकसान कोनाचे..?
    👉🏿 राग, द्वेष आणि मोह हेच जगातील सर्व दुखाची उगम स्थाने आहेत, हे सर्व प्रथम भगवान बुद्धने २५०० वर्षा पूर्वी या देशतील लोकाना संगितले होते..! हा निसर्गाचा तीसरा नियम..!
    👉🏿 दान देनारा हा महान ठरत असतो..! सर्व साधु संतानी हेच आंगीकरले होते..! म्हणून त्यंची नावे आजरानार झाली आहेत..! आणि भगवान बुद्ध निर्वाण होई पर्यन्त देतच रहिले..! जो आसक्ति न ठेवता दान सत्पत्री लावतो तोच निर्वाण प्रत जातो..! दान केवल पैसा नाही, दान करनेची शक्ति, स्वच्छ मानातुन येनारी इच्छा असने, हेच सर्व मानवतेचे उद्देष्ट असते..!
    जो हे समजतो त्याचाच मोक्ष होतो, निर्वाण होते..!
    👉🏿 याच जन्मात निर्वाण पावने हे या मानवी शारिरातील *नैसर्गिक उपजत चेतनेद्वारेच* शक्य आहे..! हा मानवी जिवनाचा चौथा नियम..!
    ज्यांची ही चेतना जागृत होते तोच निर्वाण प्रत पोहोचतो..! मृत्यु हा मानवी शरीरचा होतो, तर निर्वाण हे चेतनामय महामानवाचे होत असते..!
    *भवतू सब्ब मंगलम..!*
    *सभी को निर्वाण प्राप्त हो..!!*

  • @sukhpalsingh2714
    @sukhpalsingh2714 4 года назад +7

    बहुत सुन्दर व्याख्या की है

  • @jalandharyadav7353
    @jalandharyadav7353 3 года назад

    Bahut Aaxa Gyan diye Aap Aap ko sadhu bad

  • @ladakhthroughages.6286
    @ladakhthroughages.6286 3 года назад +2

    The religion based on logic and common sense. Full liberty to investigate and analyse. No demand of faith but understanding. No dogma. The dharma is with scientific temperament and it is always fresh. So fresh even after 2600 years of its existence, as if the Buddha preached anticipating the present day situation of the world. So fresh. So relevant. Encompassing the concerns of not only human beings but also the entire sentient beings and the nature. With its foundation on ahimsa, love and compassion charged with wisdom, Buddhism is the religion of the future.❤️🙏🙏🙏

  • @स्वास्तिकअपःदीपोभवः

    सर आप ने बुद्ध जी को बरगद के पेड़ के नीचे बैठे दिखा रहे हैं जो बहुत ही गलत है पीपल के पेड़ के नीचे बैठे दिखाये प्लीज।

  • @trysomeunickfoods3965
    @trysomeunickfoods3965 6 лет назад +24

    Salute to yr great research on Baudh Religion Bramand ,Ishwar & V, What A great study & thanks a lot for publishing it.

    • @lifethroughuniverse7005
      @lifethroughuniverse7005 4 года назад +1

      " PHILOSOPHY " NEEDS TO UNDERSTAND BY THE HUMAN'S , NOT BY " TATHAGAT BUDDHA " ! TATHAGAT BUDDHA IS NOT A HUMAN OR ANY SHAPE OR KIND OF PHYSICAL BODY, IT IS JUST A SYMBOL OF " WISDOM " OF SCIENCE, IN THE FORM OF " VIBRATION -UNIVERSAL FREQUENCY -OCCULT POWER", IN THE SHAPE OF ENGLISH FIG. " 8 ", WHICH HAS NO BEGINNING AND NO END ! THERE ARE 29 TATHAGAT BUDDHA'S APPEARED EVERY AFTER 2,525 YRS. SO FAR IN LAST 72,000 YRS., SINCE THE EXISTENCE OF NATURE, ON THIS PLANET -SURFACE ! ", WITH SIMILAR PHILOSOPHY ! IT MAY SOUND OBSTINATE, HERE THE QUOTES ARE NOT FROM "BUDDHIST LITERATURE " THIS IS THE KNWOLEDGE OR WISDOM AFTER "ENLIGHTENMENT ", WHICH EVERY HUMAN NEEDS TO UNDERSTAND ! HERE IT'S ONE'S MORALITY TO CROSS -CHECK AT HIS OWN CONSCIOUS LEVEL , AND NOT TO BELIEVE WHAT ONE HAS READ ?, WHAT ONE HAS LISTEN ?, WHAT ONE HAS SEEN ? THE UNIVERSE MEANS IT ! HERE, THERE ARE NO MORAL VALUES OF ANY KIND OF RELIGIOUS LITERATURE, WHICH IS UNNATURAL !

    • @rajnirajurakar4479
      @rajnirajurakar4479 2 года назад

      🎉🎉89

  • @Jayashree3542
    @Jayashree3542 4 года назад +9

    उत्तम अति उत्तम

    • @ramneth146
      @ramneth146 3 года назад

      Thank.you.badhdharam.gayan.bigan.andbudhi.ka.bhandar.ha.

  • @nishajaihindajain9192
    @nishajaihindajain9192 4 года назад +14

    I am a Jain . I went through the video fully . I am amazed to know that Jainism and Buddhism has 80% philosophies common . Mahaveera and Buddha lived in the same period . Both the religious granths are in Pali Prakrit . Both were searching the way for Nirvana . Both didn’t believe god exists . Both were against killing of living beings . And lot more . Two Bhagwans born in the same Bharath KSHETRA in the same era . JAIN GOds Were Caled ARIHANTS . There were 24 thirthankars in JAIN. Mahaveera is the last thirthankar.

    • @ma-x7d
      @ma-x7d 4 года назад +3

      Good, .... And Rest 20 % learn from buddha,🙏

    • @Ishaneveryday
      @Ishaneveryday 4 года назад

      ruclips.net/video/rDehDGk3ROo/видео.html
      Mahadeva hi the manav samaj pravartak...
      Ek baar channel jarur visit kare achaa lage to subscribe kare..

    • @pradeeppatel1328
      @pradeeppatel1328 3 года назад

      But jains believe in atma n rebirth, but in buddhism there's no god, no atma n no rebirth of body.

    • @pradeeppatel1328
      @pradeeppatel1328 3 года назад +3

      Buddha never said tgat God not exist, He said that we cannot answer such questions . They r beyond human abilities. 🙏

    • @sagargaikwad7427
      @sagargaikwad7427 3 года назад

      2500 साल पहले आर्य भारत मे आये, आर्य आने से पहले भारत का मूल धर्म श्रमण धर्म था, बौद्ध धर्म, जैन धर्म, आजीविका धर्म और चार्वाक धर्म ये चारो श्रमण धर्म के दर्शन है. ये चारो दर्शन ईश्वर को नकारते है और कर्मवाद, समतावाद, मानवतावाद, विज्ञानवाद को मानते है.

  • @beenasingh2125
    @beenasingh2125 2 года назад

    Thank you for this video

  • @ashokbhagat6844
    @ashokbhagat6844 6 месяцев назад

    उत्तम अति उत्तम सरजी

  • @jalgaondance1631
    @jalgaondance1631 5 лет назад +11

    *जन्मत: उपजत चेतना का जागृत होना ही बुद्धत्व की प्राप्ति होना ही इस महान जन्म का उद्देश्य है, और जो ईसे समझा उसका निर्वाण हुआ...!*
    .... _सत्य देवा मनुस्सानम बुद्धो भगवती..!!_
    *सब का मंगल हो...!*

    • @lifethroughuniverse7005
      @lifethroughuniverse7005 4 года назад

      sun blaze
      BUDDHISM IS A UNIVERSAL AND NATURAL HUMANKIND IS THE FATHER OF ALL THE RELIGIONS. ALL OF THE RELIGIONS SHOULD FOLLOW THE TATHAGAT BUDDHA'S DHAMMA, BUDDHISM IS NOT THE ‘RELIGION’ , BUT THE WAY OF LIVING A LIFE, IT'S HUMAN NATURE AND EVERY INDIVIDUAL MUST FOLLOW IT. ONE MAY PRACTICE ANY OF THE RELIGION IN THEIR HOME BUT FOR THE SOCIETY AND WHOLE OF THE WORLD SHOULD FOLLOW THE TATHAGAT BUDDHA’S DHAMMA. TATHAGAT BUDDHA IS THE ONLY SUPERNATURAL POWER WHICH NEVER DIES AND TAKES BIRTH BUT HE HIMSELF APPEARS ON THIS PLANET EVERY AFTER 2,525 YEARS. ALREADY NOW HE HAS appeared ON THE "NIRVANA" LAND OF INDIA AFTER 2,525 YEARS FOLLOWING TATHAGAT GAUTAM BUDDHA, ONE MUST FIND HIM AND FOLLOW HIS TEACHINGS WHICH IS THE RIGHT OF EVERY HUMAN ON THIS PLANET.
      -----.TATHAGAT BUDDHA !
      ----- THE GREATEST EVER 'NIRVANA' LAND OF ' MOTHER -INDIA !!

    • @DVMANGLA
      @DVMANGLA 3 года назад

      Buddha was an illiterate idiot not an intelligent being. Can anybody prove that Brahman doesn't exist? How can you prove it doesn't exist,when it exist everywhere, which you can't see. Buddha neither believed in Brahman / Bhagwan nor Atma, How do we call him Bhagwan? He was an idiot to say anything without proof. He didn't studied Hindu Shastras. All his statements are self-contradictory.

    • @અનિલમકવાણા-દ9ન
      @અનિલમકવાણા-દ9ન 2 года назад

      SABKO ACHCHHE SATSANG MILE UPARVAALE JIVIT DEVAADHIDEV PRABHU YESHUPITAA SATGURUDEV

  • @noorahmadsabri7090
    @noorahmadsabri7090 2 года назад

    Asalam walekum Budhha Budhham sarnam gachhami

  • @divyanshnaturals2246
    @divyanshnaturals2246 5 лет назад +11

    महात्मा इस शब्द का बार बार सम्बोधन
    आब्जैक्सनैबल है
    विडियो मे उच्च कोटि का ज्ञान है
    पर महात्मा शब्द स्वीकार्य नही

    • @ShivamSharma-bx4rh
      @ShivamSharma-bx4rh 4 года назад

      To mat kr swikar 😂😂😂ja ap e baap bhim rao ambedkar ko bana le bhgwan.

    • @lifethroughuniverse7005
      @lifethroughuniverse7005 4 года назад

      यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलब बुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नही है , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा -परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञान युक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर " स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहत इस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो का निर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५ जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एक हमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्म होने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के ९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है ! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनी आनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदा होगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल का सिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ % इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितना बेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्ल दी , लेकीन उस का इस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरह के नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी -जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु -पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो में छुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग -अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पाया तो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४ सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्व है , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी है पृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टी है धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्म हो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदार है ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फ बुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब -मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है , उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भी चाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टी में कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे के पूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेय सिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार -भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर -HUMAN TRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफी है ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये !
      --- तथागत बुद्ध !!

    • @divyanshnaturals2246
      @divyanshnaturals2246 3 года назад

      @@ShivamSharma-bx4rh सत्य हि कहा हय महात्मा शब्द पर तो बामनो का ही एकाधिकार है

  • @vedantauniversalclassesnnr5950
    @vedantauniversalclassesnnr5950 4 года назад +12

    Only Buddha's life's principles can change human's present life.This is scientific and able to assimilate.There is no conservative views and traditional theory in Buddha's philosophy.It is fully depend on high meditative stage that can make you realise life's gist of existence.
    Namo Buddhaya
    🙏🙏🙏🙏🙏

    • @lifethroughuniverse7005
      @lifethroughuniverse7005 4 года назад

      BUDDHISM IS A UNIVERSAL AND NATURAL HUMANKIND IS THE FATHER OF ALL THE RELIGIONS. ALL OF THE RELIGIONS SHOULD FOLLOW THE TATHAGAT BUDDHA'S DHAMMA, BUDDHISM IS NOT THE ‘RELIGION’ , BUT THE WAY OF LIVING A LIFE, IT'S HUMAN NATURE AND EVERY INDIVIDUAL MUST FOLLOW IT. ONE MAY PRACTICE ANY OF THE RELIGION IN THEIR HOME BUT FOR THE SOCIETY AND WHOLE OF THE WORLD SHOULD FOLLOW THE TATHAGAT BUDDHA’S DHAMMA. TATHAGAT BUDDHA IS THE ONLY SUPERNATURAL POWER WHICH NEVER DIES AND TAKES BIRTH BUT HE HIMSELF APPEARS ON THIS PLANET EVERY AFTER 2,525 YEARS. ALREADY NOW HE HAS appeared ON THE "NIRVANA"
      LAND OF INDIA AFTER 2,525 YEARS FOLLOWING TATHAGAT GAUTAM BUDDHA, ONE MUST FIND HIM AND FOLLOW HIS TEACHINGS WHICH IS THE RIGHT OF EVERY HUMAN ON THIS PLANET.
      -----.TATHAGAT BUDDHA !
      ----- THE GREATEST EVER 'NIRVANA' LAND OF ' MOTHER -INDIA !!

  • @અનિલમકવાણા-દ9ન
    @અનિલમકવાણા-દ9ન 3 года назад +5

    JAY HO JIVIT DEVAADHIDEV PRABHU YESHU MASIH SATGURUDEV MAHAAN ISHAVAR SABKO KRIPAA kare

  • @social7686
    @social7686 5 лет назад +9

    Thanks

  • @mariamona155
    @mariamona155 6 лет назад +20

    God bless all Buddhist community. Lord have mercy on this souls. Gautam Buddha is in heaven. May the true followers of Buddha too have heaven. Our soul life is eternal in heaven.

  • @vishaldeshmukh8842
    @vishaldeshmukh8842 6 лет назад +8

    Pehli baat buddha ne dhamm ki baat kahi. Lakin logo ne ise sampraday bana diya. Dharma or sampraday me bahut antar hota he . Isliye is vedio me aap bodh dharm shabd ka apne prayog kiya he jo ki galat he . Krapaya boudh sampraday shabd ka prayog kijiye. Dharm jo dharan kiya ja sake jo . Nature ka rule he use dharm kehte he . Or jo aap keh rahe he woh sampraday he jo kewal manyataon per adharit hota he.

  • @rpchopra4628
    @rpchopra4628 4 года назад +3

    ज्ञान का महामानव बुद्ध जिसने दुखो को दूर किया और भारत को पहचान दी जिसने सत का ज्ञान दिया अफसोस भारत का रत्न को मानने वाले कम है देश को प्रबुद्ध भारत होने वाला था लेकिन मनुवाद को पसंद नहीं आया क्योंकि उनको कमा के खाना पड़ सकता

    • @lifethroughuniverse7005
      @lifethroughuniverse7005 4 года назад

      sun blaze
      BUDDHISM IS A UNIVERSAL AND NATURAL HUMANKIND IS THE FATHER OF ALL THE RELIGIONS. ALL OF THE RELIGIONS SHOULD FOLLOW THE TATHAGAT BUDDHA'S DHAMMA, BUDDHISM IS NOT THE ‘RELIGION’ , BUT THE WAY OF LIVING A LIFE, IT'S HUMAN NATURE AND EVERY INDIVIDUAL MUST FOLLOW IT. ONE MAY PRACTICE ANY OF THE RELIGION IN THEIR HOME BUT FOR THE SOCIETY AND WHOLE OF THE WORLD SHOULD FOLLOW THE TATHAGAT BUDDHA’S DHAMMA. TATHAGAT BUDDHA IS THE ONLY SUPERNATURAL POWER WHICH NEVER DIES AND TAKES BIRTH BUT HE HIMSELF APPEARS ON THIS PLANET EVERY AFTER 2,525 YEARS. ALREADY NOW HE HAS appeared ON THE "NIRVANA"
      LAND OF INDIA AFTER 2,525 YEARS FOLLOWING TATHAGAT GAUTAM BUDDHA, ONE MUST FIND
      HIM AND FOLLOW HIS TEACHINGS WHICH IS THE RIGHT OF EVERY HUMAN ON THIS PLANET.
      -----.TATHAGAT BUDDHA !
      ----- THE GREATEST EVER 'NIRVANA' LAND OF ' MOTHER -INDIA !!

  • @jacobm9057
    @jacobm9057 4 года назад +6

    Sir BC means before christ h naki before century 🙏
    Isha ke marutyu se pehle 🌹💐
    Namo budhaya 🙏

  • @keshavpatil2889
    @keshavpatil2889 3 года назад

    Bahot bahot shubh kamnaye namo budday

  • @sureshbala6297
    @sureshbala6297 2 года назад +1

    अस्थिर व्यक्ति के लिए बुद्ध मार्ग का पालन करना कठिन है स्थिर चित प्रत्येक पल आन्तरिक परिवर्तन अनुभव करता है

  • @GeetaDevi-wl5ov
    @GeetaDevi-wl5ov 3 года назад

    Aapke pass imagine kahan se aya camra 19 00 ke bad men aya ahi samjh me nahi aata hai thoda batayega

  • @hishesherpa1965
    @hishesherpa1965 3 года назад +2

    I feel extremely fortunate to be born a Buddhist. May our Sadhuni and Sadhu all live a healthy and long life. Sadho Sadho Sadho

  • @makwanaanilmakvanaanil2336
    @makwanaanilmakvanaanil2336 4 года назад +1

    JJIVIT DEVAADHIDEV PRABHU YESHU MASIH SATGURUDEV KI KRIPAA MAHERBAANI BHALAAI SAB LOGO PAR HO

  • @Sagar-zm7ps
    @Sagar-zm7ps 4 года назад +4

    हमारे सनातन धर्म मे जीवन जीने और सत्य की हमेशा विजयी होने कि बात बताई गई है। भगवान राम और कृष्ण ने तो साकक्षात कर के दिखाया है।
    जबकी अन्य धर्म के संस्थापक ने तो केवल उपदेश दिया है।
    उपदेश देना आसान हैं, पर करना उतना ही कठिन है।

  • @GajendraSingh-ix7sn
    @GajendraSingh-ix7sn 4 года назад

    Very noce

  • @ANILPATEL-we4gy
    @ANILPATEL-we4gy 3 года назад +8

    Namo Budhay thank you so much Sir from Sheela patel

    • @DVMANGLA
      @DVMANGLA 3 года назад

      Buddha was an illiterate idiot not an intelligent being. Can anybody prove that Brahman doesn't exist? How can you prove it doesn't exist,when it exist everywhere, which you can't see. Buddha neither believed in Brahman / Bhagwan nor Atma, How do we call him Bhagwan? He was an idiot to say anything without proof. He didn't studied Hindu Shastras. All his statements are self-contradictory.

  • @hemsingh1701
    @hemsingh1701 24 дня назад

    Great Video ❤❤

  • @vilasgad1803
    @vilasgad1803 3 года назад

    आप मेरी मदत कर सकते हैं मुझे बुद्ध का अनुयायी बनना है और निर्वाण को प्राप्त होना है

  • @VPDINSIGHTS
    @VPDINSIGHTS 3 года назад +1

    उत्कृष्ट धन्यवाद, मगर एक चिज‌ मे मन खट्का रहा !
    पञ्चसील मे
    पाणातिपात वेरामणि सिक्खापदं समाधियामि
    का मतलब साकाहारी गोमा है ? क्या भगवा‌ बुद्ध मांस दान मे नहीं लेतेथे ?
    भगवा बुद्ध ने भिक्खुवौं को मात्र दस प्रकार के मांस नखाने को नहीं बताए ? कृपया स्पष्ट करें 🙏

  • @l.bgurung802
    @l.bgurung802 Год назад

    Very needful for beings human ‘a last goal. Sadhu sadhu Namo budhaya.

  • @madantamang403
    @madantamang403 4 года назад +2

    Nice hoga

  • @anandwankhade3341
    @anandwankhade3341 4 года назад +2

    Very nice👍

  • @kailashambarde6401
    @kailashambarde6401 3 месяца назад

    Om Shanti ji 🙏 hare Krishna ji 🙏

  • @chandramagar7622
    @chandramagar7622 3 года назад +1

    आज मेरे जीवन धन्य होगया

  • @sudarshngpatel4833
    @sudarshngpatel4833 6 лет назад +2

    एक दिन पहले तक एक दूसरे के साथ ही एक ऐसा व्यक्ति को लेकर कोई एक दूसरे को देख कर ऐसा लग रहा होगा इस बात को आगे बढ़ाने का फैसला चुनाव से जुड़ी ख़बरें पढ़ने वाले व्यक्ति को अपने जीवन को सफल बनाया जाता रहा होगा

    • @lifethroughuniverse7005
      @lifethroughuniverse7005 4 года назад

      यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलब बुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नही है , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा -परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञान युक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर " स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहत इस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो का निर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५ जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एक हमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्म होने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के ९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है ! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनी आनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदा होगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल का सिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ % इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितना बेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्ल दी , लेकीन उस का इस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरह के नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी -जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु -पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो में छुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग -अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पाया तो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४ सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्व है , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी है पृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टी है धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्म हो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदार है ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फ बुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब -मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है , उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भी चाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टी में कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे के पूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेय सिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार -भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर -HUMAN TRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफी है ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये !
      --- तथागत बुद्ध !!

  • @hukamchandra243
    @hukamchandra243 4 года назад

    Very good katha

    • @lifethroughuniverse7005
      @lifethroughuniverse7005 4 года назад

      BUDDHISM IS A UNIVERSAL AND NATURAL HUMANKIND IS THE FATHER OF ALL THE RELIGIONS. ALL OF THE RELIGIONS SHOULD FOLLOW THE TATHAGAT BUDDHA'S DHAMMA, BUDDHISM IS NOT THE ‘RELIGION’ , BUT THE WAY OF LIVING A LIFE, IT'S HUMAN NATURE AND EVERY INDIVIDUAL MUST FOLLOW IT. ONE MAY PRACTICE ANY OF THE RELIGION IN THEIR HOME BUT FOR THE SOCIETY AND WHOLE OF THE WORLD SHOULD FOLLOW THE TATHAGAT BUDDHA’S DHAMMA. TATHAGAT BUDDHA IS THE ONLY SUPERNATURAL POWER WHICH NEVER DIES AND TAKES BIRTH BUT HE HIMSELF APPEARS ON THIS PLANET EVERY AFTER 2,525 YEARS. ALREADY NOW HE HAS appeared ON THE "NIRVANA" LAND OF INDIA AFTER 2,525 YEARS FOLLOWING TATHAGAT GAUTAM BUDDHA, ONE MUST FIND HIM AND FOLLOW HIS TEACHINGS WHICH IS THE RIGHT OF EVERY HUMAN ON THIS PLANET.
      -----.TATHAGAT BUDDHA !
      ----- THE GREATEST EVER 'NIRVANA' LAND OF ' MOTHER -INDIA !!

  • @anilgautam4217
    @anilgautam4217 6 лет назад +5

    Continue.....
    तथागत का तीसरा तर्क ईश्वर की सर्वशक्तिमत्ता से संबधित था. “यदि ईश्वर सर्वशक्तिमान और सृष्टि का पर्याप्त कारण है, तो फ़िर आदमी के दिल में कुछ करने की इच्छा ही उत्पन्न नहीं हो सकती, उसे कुछ करने की आवश्यकता भी नहीं रह सकती, न उसके मन में कुछ करने का संकल्प ही पैदा हो सकता है. यदि वह ऐसा ही है तो ब्रह्मा ने आदमी को पैदा ही क्यों किया?”
    इसका भी वासेट्ठ के पास कोई उत्तर नहीं था.
    स्वरुप है तो आदमी हत्यारे, चोर, व्यभिचारी, झूठे, चुगलखोर, लोभी, द्वेषी, बकवादी और कुमार्गी क्यों हो जाते हैं?
    क्या किसी अच्छे, भले ईश्वर के रहते यह संभव है? ”
    तथागत का पाँचवां तर्क ईश्वर के सर्वज्ञ , न्यायी , और दयालु होने से संम्बधित था.
    “यदि कोई ऐसा महान सृष्टि-कर्ता है जो न्यायी भी है और दयालु भी है, तो संसार मे इतना अन्याय क्यों हो रहा है?” तथागत बुद्ध का प्रश्न था.
    उन्होनें कहा, “जिसके पास भी आंख है वह इस दर्दनाक हालत को देख सकता है. ब्रह्मा अपनी रचना सुधारता क्यों नही है? यदि उसकी शक्ति इतनी असीम है कि उसे कोई रोकने वाला नहीं तो उसके हाथ ही ऐसे क्यों हैं कि शायद वह किसी का कल्याण करते हो? उसकी सारी की सारी सृष्टि दु:ख क्यों भोग रही है? वह सभी को सुखी क्यों नही रखता है? चारों ओर ठगी, झूठ और अज्ञान क्यों फ़ैला हुआ है? सत्य पर झूठ क्यों बाजी मार ले जाता है? सत्य और न्याय क्यों पराजित हो जाते हैं? मैं तुम्हारे ब्रह्मा को अन्यायी मानता हूँ जिसने केवल अन्याय देने के लिये इस जगत की रचना की है.”
    “यदि सभी प्राणियों में कोई ऐसा सर्वशक्तिमान ईश्वर व्याप्त है जो उन्हें सुखी और दुखी बनाता है और जो उनसे पाप पुण्य कराता है तो ऐसा ईश्वर भी पाप से सना हुआ है या तो आदमी ईश्वर की आज्ञा में नहीं है या ईश्वर नेक और न्यायी नहीं है अथवा ईश्वर अन्धा है.”
    ईश्वर के अस्तित्व के सिद्धान्त के विरुद्ध उनका अगला तर्क यह था कि ईश्वर की चर्चा से कोई प्रयोजन सिद्ध नहीं होता. तथागत बुद्ध के अनुसार धर्म की धुरी ईश्वर और आदमी का सम्बन्ध नहीं है बल्कि आदमी का आदमी के साथ संम्बन्ध है. धर्म का प्रयोजन यही है कि वह आदमी को शिक्षा दे कि वह दूसरे आदमी के साथ कैसे व्यवहार करे ताकि सभी आदमी प्रसन्न रह सकें.
    तथागत की दृष्टि में ईश्वर सम्यक दृष्टि के मार्ग में अवरोधक है. यही कारण है कि बुद्ध रीति-रिवाजों, प्रार्थना और पूजा के आडंबरों के सख्त खिलाफ़ थे. तथागत का मानना था कि प्रार्थना कराने की जरुरत ने ही पादरी, पुरोहित को जन्म दिया और पुरोहित ही वह शरारती दिमाग है जिसने अन्धविश्वास को जन्म दिया और सम्यक दृष्टि के मार्ग को अवरुद्ध किया.
    तथागत का ईश्वर अस्तित्व के विरुद्ध आखिरी तर्क प्रतीत्य-समुत्पाद के अन्तर्गत आता है. इस सिद्धान्त के अनुसार ईश्वर का अस्तित्व है या नहीं, यह मुख्य प्रश्न नहीं है और न ही कि ईश्वर ने सृष्टि की रचना की है या नहीं? असल प्रश्न है कि ईश्वर ने सृष्टि किस प्रकार रची? प्रश्न महत्वपूर्ण यह है कि ईश्वर ने सृष्टि भाव ( =किसी पदार्थ ) में से उत्पन्न की या अभाव ( = शून्य ) में से?
    यह तो एकदम विश्वास नहीं किया जा सकता कि ‘कुछ नही’ में से कुछ की रचना हो गई. यदि ईश्वर ने सृष्टि की रचना कुछ से की है तो वह कुछ - जिसमें से नया कुछ उत्पन्न किया गया है - ईश्वर के किसी भी अन्य चीज के उत्पन्न करने के पहले से ही चला आया है. इसलिये ईश्वर को उस कुछ का रचयिता नहीं स्वीकार किया जा सकता क्योंकि वह कुछ पहले से ही अस्तित्व में चला आ रहा है.
    यदि ईश्वर के किसी भी चीज की रचना करने से पहले ही किसी ने कुछ में से उस चीज की रचना कर दी है जिससे ईश्वर ने सृष्टि की रचना की है तो ईश्वर सृष्टि का आदि-कारण नहीं कहला सकता.
    तथागत बुद्ध का यह आखिरी तर्क ऐसा था कि जो ईश्वर विश्वास के लिये सर्वथा मारक था और जिसका बासेट्ठ और भारद्वाज के पास कोई जवाब नहीं था.

    • @wewanthumanity6475
      @wewanthumanity6475 6 лет назад +1

      Anil Gautam mujhe what's App ME bhej sakte ho sir

    • @anilgautam4217
      @anilgautam4217 6 лет назад +1

      @@wewanthumanity6475 number Bhej do jisne mujhe bheja tha usse bhijwa dunga.

  • @ankushraut2777
    @ankushraut2777 3 года назад

    Nais

  • @poormanzeroman7535
    @poormanzeroman7535 3 года назад +1

    Great Great Great great great great lord 🙏 buddha and his mahagyan great video pranaam 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @rajeshrajeshbhai4095
    @rajeshrajeshbhai4095 3 года назад

    Bahut bahut shadubad

  • @deeprajdupare4447
    @deeprajdupare4447 3 года назад

    सर किस जगह लिखा हैं की भगवान बुद्ध ने कहा की ईश्वर हैं

  • @ramsinghsingh3488
    @ramsinghsingh3488 3 года назад

    Dhny bad

  • @bivashbatabyal3986
    @bivashbatabyal3986 Год назад

    Thank you narrator , may I know your name please

  • @nainaravidas8740
    @nainaravidas8740 6 лет назад +19

    NAMO BUDHAYE...🙏🙏🙏

    • @saranthapa5396
      @saranthapa5396 3 года назад

      🙄🙄🙄🙄🙄🙄🙄🙄🙄🙄🙄🙄🙄❤️

    • @DVMANGLA
      @DVMANGLA 3 года назад

      Buddha was an illiterate idiot not an intelligent being. Can anybody prove that Brahman doesn't exist? How can you prove it doesn't exist,when it exist everywhere, which you can't see. Buddha neither believed in Brahman / Bhagwan nor Atma, How do we call him Bhagwan? He was an idiot to say anything without proof. He didn't studied Hindu Shastras. All his statements are self-contradictory.

  • @rekhabensiddhpura823
    @rekhabensiddhpura823 3 года назад

    Jay Jay ho Param Tatva

  • @luckypariharkanasar7282
    @luckypariharkanasar7282 4 года назад +3

    चिधरथजी सुधोधन जी जय माहा मानवो जय भीम राजस्थान चेनाराम कानासर तहशिल शिव जीला बाडमेर

    • @DVMANGLA
      @DVMANGLA 3 года назад

      Buddha was an illiterate idiot not an intelligent being. Can anybody prove that Brahman doesn't exist? How can you prove it doesn't exist,when it exist everywhere, which you can't see. Buddha neither believed in Brahman / Bhagwan nor Atma, How do we call him Bhagwan? He was an idiot to say anything without proof. He didn't studied Hindu Shastras. All his statements are self-contradictory.

  • @kuldeepwaghmare2341
    @kuldeepwaghmare2341 4 года назад

    JayMangal Atthagatha ka bhi ek video bataye
    Purn rupse vishleshan ke sath

  • @tankadhartandi2970
    @tankadhartandi2970 3 года назад

    Sir, barfa vu khand or maruvumi me manab kya vojan karega।।

  • @Vijay_theonewhocan
    @Vijay_theonewhocan 3 года назад +3

    साधु साधु साधु.... नमो बुद्धाय

  • @narasinghajenabaudha9298
    @narasinghajenabaudha9298 3 года назад +3

    Namobaudhay namo odisha Buddha Dharma har Insan ko se disawar leta hai

    • @chandrashekharsaini3942
      @chandrashekharsaini3942 3 года назад

      Qa.;

    • @akhilesh.yadav.1773
      @akhilesh.yadav.1773 2 года назад

      Zzxxxx@@chandrashekharsaini3942c xx x s c a d dxcv xa d x d x cc d c c av xx a d a a a xc xx xx x xd cthis

    • @akhilesh.yadav.1773
      @akhilesh.yadav.1773 2 года назад

      Zzxxxx@@chandrashekharsaini3942c xx x s c a d dxcv xa d x d x cc d c c av xx a d a a a xc xx xx x xd cthis

  • @surajk2084
    @surajk2084 4 года назад +3

    Jay bhim namo budday very nice

    • @DVMANGLA
      @DVMANGLA 3 года назад

      Buddha was an illiterate idiot not an intelligent being. Can anybody prove that Brahman doesn't exist? How can you prove it doesn't exist,when it exist everywhere, which you can't see. Buddha neither believed in Brahman / Bhagwan nor Atma, How do we call him Bhagwan? He was an idiot to say anything without proof. He didn't studied Hindu Shastras. All his statements are self-contradictory.

  • @मल्हारभक्तकट्टरहिंदू

    हिंदू बाउध एकही है जय श्री राम बुधम शरणं गचामी

  • @guruvalmikistatus1609
    @guruvalmikistatus1609 2 года назад

    namo Amita Buddha ❣💓

  • @અનિલમકવાણા-દ9ન

    SABKO MOX TAARAN SVARGME ANANTJIVAN MILE UPARVAALE JIVIT ISVAR PRABHU YESHUPITAA SATGURUDEV

  • @PRADEEPkumar-hm5xw
    @PRADEEPkumar-hm5xw 4 года назад +3

    कोटी कोटी नमन नमो बुद्धय

  • @vishwanathratre7431
    @vishwanathratre7431 3 года назад +1

    Pap ki Kya paribhasa Kya hai kripa kar samjhha dijiy

  • @nandlalpaswan7569
    @nandlalpaswan7569 3 года назад +1

    Budhay. Namh Ji 🌷 Namskar ji jai ho 🌻🌷.

  • @mayawagh1135
    @mayawagh1135 3 года назад +1

    Nano buddhay 🙏🙏🙏

  • @aishakumar4010
    @aishakumar4010 5 лет назад +1

    Aap.ne.bodh.dharm.ko.satya.bataya.hai.osho.aur.kirishnmurti.ne.isse.asatya.biyan.kiya.hai.confijion.paida.kiya.sab.ko.gumrah.kar.rahe.hai.

  • @shreyasawant6355
    @shreyasawant6355 2 года назад

    Itipiso bhagava arham samma-sambuddho vijacharansampanno sugato lokvidhu annutaro purisdhammasarthi satha devmanusanam buddho bhagavati Pali chanting to show the nine great qualities of blessed one tathagat samyak-sambuddha shakyamuni
    The righteous path in the world is the blessed one tathagat lord Buddha's path . He renunciated his all great pleasure in order to find the reason behind sufferings and cause of sufferings and under the bodhitree defeated the mara( representation of desire) and his daughters and evil army . And found out the noble truths and noble eightfold paths the only path which leads to cessation of sufferings

  • @kiranpawar5026
    @kiranpawar5026 4 года назад

    जयभिमनमोबुदाय साधू है साधू है साधू

  • @politicspower709
    @politicspower709 4 года назад +1

    जन्म के बाद क्या होगा वर्तमान का क्या कर्तव्य है मरने के बाद क्या होगा भगवान श्रीकृष्ण ने सब बता दिया है गीता में जय मुरलीधर

  • @pundlikmore4925
    @pundlikmore4925 4 года назад +6

    Namo Buddha's

  • @acharyasirphysics2659
    @acharyasirphysics2659 2 года назад

    Pls make a video on Bajrajan

  • @sheelapatel3319
    @sheelapatel3319 4 года назад +4

    Namo Buddhay 🙏🙏🙏

  • @ritusindwani634
    @ritusindwani634 3 года назад

    Very good explanation thanks

  • @babulalnishad6275
    @babulalnishad6275 4 года назад +1

    बुद्ध धर्म में ही धर्म है दूसरी भाषा में विज्ञान है अन्य धर्म किसे कहते हैं वह धर्म नहीं संप्रदाय है अन्य संप्रदाय में केवल कहानियां है और उसे मानने से ही सब कुछ हो जाएगा ऐसा लिखा हुआ है जबकि बुद्ध धर्म सत्य का साक्षात्कार है यह मानने का धर्म नहीं है जानने का धर्म है वास्तव में देखा जाए तो बुद्ध धर्म में ही वास्तविक धर्म है बाकी सब संप्रदाय हैं

  • @pathofpeace
    @pathofpeace 5 лет назад +4

    परमात्मा सबका भला करें

    • @divyanshnaturals2246
      @divyanshnaturals2246 5 лет назад

      कौन सा परमात्मा भला करे
      और क्यों भला करे

    • @dhirendrabahadurbista
      @dhirendrabahadurbista 3 года назад

      इस पृथ्वी पर जनसंख्या बिस्फोट होगयाहै। यैसी अवस्थामे कौन किस्का भला कर सकताहै ?

  • @amarsinghthakur7028
    @amarsinghthakur7028 3 года назад

    Atma aur pran alag-alag hain kya? Yeh batayen please. 🙏🏼😊🙏👍

  • @xwrKFC5udbut5vdtuvtujdtuf
    @xwrKFC5udbut5vdtuvtujdtuf 5 лет назад +2

    Jay shivay sakti pita maa param esvar. Jay budha baba