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Ved Vedang Vedacharya
Добавлен 8 мар 2015
याज्ञिक पण्डित वासुदेव शर्मा वेदाचार्य
आचार्य- शुक्लयजुर्वेद , नव्यव्याकरण
व ज्योतिष शास्त्र
सहअध्ययन -वास्तुशास्त्र , यज्ञकर्म व सम्पूर्ण पूजनविधि रामकथा , भागवतपुराण आदि ।
आचार्य- शुक्लयजुर्वेद , नव्यव्याकरण
व ज्योतिष शास्त्र
सहअध्ययन -वास्तुशास्त्र , यज्ञकर्म व सम्पूर्ण पूजनविधि रामकथा , भागवतपुराण आदि ।
वेद में ग्गूं ( र्ठ) क्या है?
वेद में ग्गुं दो प्रकार का है एक हृस्व (छोटा )एक दीर्घ (बड़ा) ग्गुं नित्य मकार के स्थान पर ही आताहै जैसे गणपतिम् गणपति ग्गुं
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- साष्टाङ्ग - प्रणाम ! चरण - स्पर्श !
Bahut sunder ji
मंत्र में अनुस्वार का उच्चारण म या न होता है इसपर विडियो प्रकाश डालें ! धन्यवाद एवं नमस्कार
महेंद्र सिंह भाटी महोदय (ग्गुं) शब्दांश का अर्थ क्या है? यह भी दर्शकों को स्पष्ट कीजिए।
This is wrong information! This is wrong pronunciation! It is just Anusvar! No Gum or Gun or Gung etc etc. ONLY ANUSVAR !! ONLY ANUSVAR !! ONLY ANUSVAR !!
🙏🏻 गुरूजी, गुं का अर्थ क्या होता है, इसको प्रयोग क्यों किया जाता है 🙏🏻
ॐ नमः
आचार्य विप्रवर, कृपया अष्टाध्यायी रुद्री एवं जो मंत्र दैनिक पूजा में या कर्मकांड में उपयोगी हैं उसे स स्वर सिखाने की कृपा करें। यही अपेक्षा के साथ चरणवंदना
Kya aapke paas aakar koi rudri saswar seekhana chahe to seekh sakta hai.
बहुत बहुत धन्यवाद गुरु जी इस बारे में पता चला
कोटि-कोटि धन्यवाद गुरुदेव साष्टांग दंडवत् प्रणाम
आखिर इसकी आवश्यकता क्या है जब आधे मकार से ही शब्द बन जाता है।मूल शब्द गणपतिम में आधे म के स्थान पर चिन्हांकित की आवश्यकता क्या है । सामान्य श्लोक पाठ में आधे म का उच्चारण किया जा सकता है।जो लोग वेदपाठी और आरम्भ से ही संस्कृत का पठन करते है वे तो सारे श्लोक का शुद्ध उच्चारण करे पर सामान्य जन को इन कठिन नियमों से मुक्ति होनी चाहिए।
हम इसे ग्वं उच्चारण करते हैं ।यह एक स्थानीय भेद हो सकता है आपने वेदों के व्याकरण पर प्रकाश डाला वह बहुत ही ज्ञानवर्धक और उपयोगी है।
नमन करता हूँ🙏🙏
Pranaam Guru Deb ji 🙏 🙏🙏
अच्छी जानकारी gurushresth
विश्व की सात अरब से ऊपर है जनसंख्या मे संत रामपाल जी महाराज जी के अतिरिक्त के पास सत्य ज्ञान है ना सत्य भक्ति नहीं है यह हमारा अभिमान नहीं सच्चाई है खुद सत्संग सुनकर देखोll सर्व सुख प्राप्त होते हैं
विश्व की सात अरब से ऊपर है जनसंख्या मे संत रामपाल जी महाराज जी के अतिरिक्त के पास सत्य ज्ञान है ना सत्य भक्ति नहीं है यह हमारा अभिमान नहीं सच्चाई है खुद सत्संग सुनकर देखोll सर्व सुख प्राप्त होते हैं
प्रणाम गुरुजी ! सादर - साष्टाङ्ग - प्रणाम ! चरण - स्पर्श !
स्वर के साथ अष्टाध्यायी शिकायत। आभार
मुझे अब तक समझ नहीं आता था, अब पता चला। 🙏🙏
मुझे तो पहले ही दिन पता चला था 🤣🤣🤣🤣🤣
बार बार नमन।
ધન્યવાદ
Thankyou guruji
अहा! आनन्दमय अनुभूति, श्री लक्ष्मीनारायणाभ्यां🙏🙏
❤👌🌷🌺🕉
विलुप्त होती वेद भाषा की व्याकरण का ज्ञान देकर आप सनातन धर्म के लिए पुण्य का कार्य कर रहे हैं । साधुवाद। सादर नमन ।🙏🙏
अति सुन्दर।
Namo namah mahoday
maine shiv parvati ji ko kukum chadaya.. kya wo galat hai? puja ke baad akshat arpan nahi karne chahiye kya? kripaya bataein
very helpful.... kya aap ye kar ke bhi dikha sakte hain video pa? aise zyada samajh nahi aya... kya mahilaeyin bhi kar sakti hain?jai shri Ram
very heloful.. 🕉
🕉
🕉
Krapya purush sukt ke path ke path karne ka vidio banayen
Kya har koi kar sakta h.
आदरणीय आप लोग कब तक वेद के नाम पर पुरण मिथ्या पढ़ाए जाएंगे जी
राम राम 🙏
गु + जन गुंजन के बरेमे काया होगा। ग़ुरू का अर्थ ओर प्रभाव।
गूंग शब्द का अर्थ क्या होता है कृपा मार्गदर्शन के लिए गुरुजी
मकार के स्थान पर आता है म्
दीर्घ और ह्रस्व अनुस्वार के चिह्न है। लेकिन पं. सातवळेकर के मत से गुं ऐसा उच्चारणही मिथ्याग्राहसे गलत होता है। उसके पहले आनेवाले स्वरकाही सानुनासिक अभ्यास करना चाहिए। जैसे, सिइँह। वैसे तो परम्परान्तर शाखाभेदसे रहता है। शास्त्रात् रूढीर्बलीयसी।
Absolutely right!
प्रणाम
11 rudra 8 paath 88 hazzar maharishi ka mahatava batata hain
In sabka artificially intelligent ka support dilva do phir Duniya following karegi to next government aapki hee ban jayega Vedic math par reserch karwavo
Shree krishna bhagwan ki jay
वेदों की पढ़ाई लिखाई नहीं होने से वेद व्याकरण नहीं समझा जाता है।बचपन से मंत्रों को ग़लत सही बोल रहा हूं किन्तु ग्गुं का प्रयोग आज समझ में आया। मैं तो समझता था वर्णों को बोलने में सतत प्रवाह के लिए उदात्त अनुदात् स्वरों को हाई लो पिच के लिए , मंत्रों में वर्णों मात्राओं को छंदों के हिसाब से एडजेस्ट करने के लिए एक विशेष ध्वनि रूप है। आप श्री को सादर प्रणाम और धन्यवाद। त
वेद भाषा के प्रति आपकी श्रद्धा अनुगमनीय है ।
Bahut sundar.Aage badhenge.Dhanywaad !
शास्त्र ज्ञान
राम राम गुरु जी में पंजाब से हूं में आपसे शिक्षा लेना चाहता हु 🙏🙏🙇
'हृ' संयुक्ताक्षर नहीं है ।
हल् के पश्चात् हल् होने को संयोग कहते हैँ जैसे सत्य इन्द्र निन्द्रा हृद्रोग आदि।।
धन्यवाद.
जी
गुंन्गव: