आध्यात्मिक शिक्षा
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श्रीमद्भगवद्गीता | अध्याय 4 श्लोक 25 | ब्रह्म पाने का पहला तरीका | आचार्य प्रशांत |#gitapath
दैवमेवापरे यज्ञं योगिनः पर्युपासते।
ब्रह्माग्नावपरे यज्ञं यज्ञेनैवोपजुह्वति ।।
अर्थ:
अन्य योगी जन देवता की पूजा रूप यज्ञ करते हैं। दूसरे लोग ब्रह्म रूप अग्नि में यज्ञ के द्वारा यज्ञ की ही आहुति देते हैं।
काव्यात्मक अर्थ :-
करो तुम यज्ञ या
पूजो तुम देवता
मंजिल को जाने नहीं
मार्ग फिर कैसे पता
#gitapath
#motivation
#acharyaprashant
#shrimadbhagwatgita
#gita
जिस कर्मकांड और धारणों को सनातन धर्म मान बैठे हैं वो है ही नही, वास्तविक सनातन धर्म तो गीता उपनिषद..है
आचार्य प्रशान्त के द्वारा जो हम सबों को शिक्षा / दीक्षा दी जाती है उसको मैं यह पे शेयर करता है।
अगर आप सबों को भी आचार्य प्रशान्त से जीवन जीने के बहुमूल्य उपयोगी दर्शन , श्रीमद्भागवत गीता, अष्टवक्र गीता, उपनिषद सीखना है तो उनके गीता समागम सत्र से जु...
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श्रीमद्भगवद्गीता | अध्याय 4 श्लोक 24 | ब्रह्म पाने का असली तरीका | आचार्य प्रशांत |#gitapath
Просмотров 2,2 тыс.2 часа назад
ब्रह्मार्पणं ब्रह्म हविर्ब्रह्माग्ग्रौ ब्रह्मणा हुतम् । ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्मसमाधिना ।। अर्थ: यज्ञ में अर्पण करने वाली सामग्री ब्रह्म है, आहुति हेतु इस्तेमाल करे जाने वाले द्रव्य ब्रह्म है, अग्नि भी ब्रह्म है, और इस ब्रह्मरूप अग्नि में ब्रह्म-ही-रूप हवनकर्ता द्वारा जो होम किया जाता है वह भी ब्रह्म है। जो इस प्रकार समझते हैं, वो ब्रह्मरूप कर्म में संयतचित्त व्यक्ति ब्रह्म को ही प्राप्...
श्रीमद्भगवद्गीता | अध्याय 4 श्लोक 23 | अहम् की मजबूरी | आचार्य प्रशांत |#gita #acharyaprashant
Просмотров 1,1 тыс.12 часов назад
गतसङ्गस्य मुक्तस्य ज्ञानावस्थितचेतसः । यज्ञायाचरतः कर्म समग्रं प्रविलीयते ।। संगति की बाध्यता से अतीत, मुक्त, ज्ञान में सदा स्थित व मात्र यज्ञ के लिए कर्म आचरण करने वाले के सारे कर्म पूर्णतया विलीन हो जाते हैं। काव्यात्मक अर्थ :- स्वयं में ही पूर्ण वह ज्ञान से चिरयुक्त है निष्काम हो बस यज्ञ करे कर्मबंध से वह मुक्त है #acharyaprashant #motivation #gitapath #shrimadbhagwatgita #gita जिस कर्मकांड ...
श्रीमद्भगवद्गीता | अध्याय 4 श्लोक 22 | मनुष्य के दुःख का कारण ? | आचार्य प्रशांत |#gita
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यदृच्छालाभसंतुष्टो द्वन्द्वातीतो विमत्सरः । समः सिद्धावसिद्धौ च कृत्वापि न निबध्यते ।। जो अयाचित भाव से प्राप्त वस्तु में सन्तुष्ट हैं और शीत-उष्ण, सुख-दु: आदि इन्द्रों को सहन करने वाले हैं, दूसरों के सौभाग्य में ईर्ष्या न करने वाले हैं और जो कर्मफल की प्राप्ति और अप्राप्ति में समभाव सम्पन्न हैं, वे कर्म करके भी कर्मफल में आबद्ध नहीं होते। काव्यात्मक अर्थ :- घोर कर्म में रत रहे कामना से मुक्त ह...
श्रीमद्भगवद्गीता | अध्याय 4 श्लोक 21 | मैं और मेरा शारीर | आचार्य प्रशांत |#acharyaprashant
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निराशीर्यतचित्तात्मा त्यक्तसर्वपरिग्रहः । शारीरं केवलं कर्म कुर्वन्नाप्नोति किल्बिषम् ।। जो निराश है, यत, चित्त, आत्मा है, जिसकी इन्द्रियाँ और चित्त आत्मस्थ हैं, जो सर्वपरिग्रहण का त्याग कर चुका है, केवल शरीरी कर्म करके ऐसा जीव रहता है, और ये पाप को प्राप्त नहीं होता। काव्यात्मक अर्थ:- मुक्ति से उसे प्रेम है संसार भोग बंध है देह को भोगे नहीं शुद्ध है स्वतंत्र है #acharyaprashant #motivation #gi...
श्रीमद्भगवद्गीता | अध्याय 4 श्लोक 20 | सूक्ष्म और स्थूल कर्मदंड | आचार्य प्रशांत |#acharyaprashant
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त्यक्त्वा कर्मफलासङ्गं नित्यतृप्तो निराश्रयः । कर्मण्यभिप्रवृत्तोऽपि नैव किञ्चित्करोति सः ।। अर्थ: वह कर्म और उसके फल में आसक्ति छोड़ कर सदा तृप्त रहकर निराश्रय होकर कर्म में विशेष रूप से प्रवृत्त होने पर भी कुछ भी नहीं करता अर्थात् उसके कर्म निष्कर्म में परिणत हो जाते हैं। काव्यात्मक अर्थ:- भोगने को जो जिए बंध सब भोगे वही कर्मफल जो मांगे नहीं वो कर्मदंड लेते नहीं #acharyaprashant #shrimadbhagw...
श्रीमद्भगवद्गीता | अध्याय 4 श्लोक 19 | | आचार्य प्रशांत |
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यस्य सर्वे समारम्भाः कामसंकल्पवर्जिताः । ज्ञानाग्निदग्धकर्माणं तमाहुः पण्डितं बुधाः ।। जिसकी सब चेष्टाएँ फल-कामना और कर्तृत्व अभिमान से रहित हैं, तथा ज्ञानरूप अग्नि द्वारा जिसके कर्म भस्म हो चुके हैं, ज्ञानी लोग उसे पंडित कहते हैं। काव्यात्मक अर्थ :- जग मुझे क्या दे सके मैं स्वयं आत्म अनंत हूं अज्ञान सारा दि गया कृतकृत्य हूं आनंद हूं #acharyaprashant #shrimadbhagwatgita #motivation #gita जिस कर...
श्रीमद्भगवद्गीता | अध्याय 4 श्लोक 18 | कर्म में अकर्म अकर्म में कर्म | आचार्य प्रशांत |
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कर्मण्यकर्म यः पश्येदकर्मणि च कर्म यः। स बुद्धिमान्मनुष्येषु स युक्तः कृत्स्नकर्मकृत् ।। जो कर्म में अकर्म देखते हैं और अकर्म में कर्म देखते हैं, वह मनुष्य ज्ञानी हैं और वही समस्त कर्मों को करने वाला भी है। काव्यात्मक अर्थ : करते नहीं हम कर्ता नहीं हमसे तो बस हो जाता है कर्म का खेल जो जान ले निष्काम कर्ता कहलाता है #acharyaprashant #shrimadbhagwatgita #motivation #gita जिस कर्मकांड और धारणों को...
श्रीमद्भगवद्गीता | अध्याय 4 श्लोक 17 | तुम हो कौन ?अहंकार या आत्मा | आचार्य प्रशांत |#gita
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कर्मणो ह्यपि बोद्धव्यं बोद्धव्यं च विकर्मणः। अकर्मणश्च बोद्धव्यं गहना कर्मणो गतिः ।। कर्म जानने की बात है और विकर्म भी और अकर्म भी। इनको जानो। जानो और ध्यान से सुनना, कर्म के बारे में समझना आसान नहीं। काव्यात्मक अर्थ:- कुछ किया कुछ हो गया मैं कौन हूं मैं करूं क्या उत्तर ये कि बस जान लो कर्ता कौन है कर्म है क्या! #acharyaprashant #gita #motivation #shrimadbhagwatgita जिस कर्मकांड और धारणों को सन...
श्रीमद्भगवद्गीता | अध्याय4 श्लोक15 | आत्मज्ञान के बिना निष्काम असंभव | आचार्य प्रशांत |#gitapath
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किं कर्म किमकर्मेति कवयोऽप्यत्र मोहिताः। तत्ते कर्म प्रवक्ष्यामि यज्ज्ञात्वा मोक्ष्यसेऽशुभात् ।। कर्म क्या है, अकर्म क्या है, इस विषय में तो बड़े-बड़े ज्ञानी भी संशयग्रस्त रहते हैं, मोहित रहते हैं। तो अब मैं तुमसे कर्म के विषय में और अकर्म आदि के विषय में कहूँगा, जिसको सुनकर तुम्हें मोक्ष मिलेगा। काव्यात्मक अर्थ :- खेल प्रकृति का है सब जो हुआ खुद ही हुआ मूढ़ अहम दु पा रहा सोचकर कि उसने किया #ac...
श्रीमद्भगवद्गीता | अध्याय 4 श्लोक 13 | वर्ण का निर्धारण कैसे ? | आचार्य प्रशांत |#acharyaprashant
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चातुर्वण्यं मया सृष्टं गुणकर्मविभागशः। तस्य कर्तारमपि मां विद्ध्यकर्तारमव्ययम्।। अर्थ: मेरे द्वारा गुणों-कर्मों के विभागानुसार चार वर्णों को बनाया गया है, और उनका कर्ता होने पर भी तुम जानना कि मैं तो अकर्ता ही हूँ। काव्यात्मक अर्थ: गुण से चेतना का द्वंद पुराना देखें कर्म किधर को झुकता है जीवन तुम्हारा हाथ तुम्हारे कोई और नहीं तय करता है #acharyaprashant #shrimadbhagwatgita #gitaupanishad #motiv...
श्रीमद्भगवद्गीता | अध्याय 4 श्लोक 12 | प्रभाव पर नहीं प्रमाण पर चलो | आचार्य प्रशांत |#motivation
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काङ्क्षन्तः कर्मणां सिद्धिं यजन्त इह देवता:। क्षिप्रं हि मानुषे लोके सिद्धिर्भवति कर्मजा।। अर्थ: इस मनुष्य लोक में कर्मों की सिद्धि चाहने वाले लोग देवताओं की पूजा किया करते है, क्योंकि मनुष्य-लोक में कर्मजा सिद्धि शीघ्र मिल जाती है। काव्यात्मक अर्थ:- प्रकृति को जो पूजोगे पदार्थ ही तुम पाओगे काम पूरे हो जाएंगे अधूरे तुम रह जाओगे #shrimadbhagwatgita #acharyaprashant #gita #motivation जिस कर्मकांड...
श्रीमद्भगवद्गीता | अध्याय 4 श्लोक 11 | जैसे हम वैसी हमारी दुनिया | आचर्य प्रशांत | #acharyaprashant
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ये यथा मां प्रपद्यन्ते तांस्तथैव भजाम्यहम्। मम वर्त्मानुवर्तन्ते मनुष्या: पार्थ सर्वश:।। अर्थ: जो जैसे मुझे भजता है, मैं भी उन्हें वैसे ही भजता हूँ। जो मनुष्य जिस भी मार्ग पर चल रहा हो, चल तो वो मेरे ही मार्ग पर रहा है। काव्यात्मक अर्थ : लंबे उल्टे रास्तों पर मुझे खोजते धाते हो रुको साफ़ देखो भीतर बोलो किसे तुम पाते हो #acharyaprashant #shrimadbhagwatgita #motivation #gita जिस कर्मकांड और धारणो...
श्रीमद्भगवद्गीता | अध्याय4 श्लोक 10 | ज्ञान तप से पवित्र होकर सत्य को पाओ | आचर्य प्रशांत |
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वीतरागभयक्रोधा मन्मया मामुपाश्रिताः। बहवो ज्ञानतपसा पूता मद्भावमागताः ।। अर्थ: विषयासक्ति, भय और क्रोध से रहित होकर, मुझ ही में मन लगाकर और मेरा ही आश्रय लेकर ज्ञान और तप के माध्यम से पवित्र होकर बहुत सारे, अनेक लोग मेरा वास्तविक रूप या सत्य प्राप्त कर सके हैं। काव्यात्मक अर्थ : क्यों मन में विषय बैठाते हो खुद घर में चोर घुसाते हो ज्ञान से मन को शुद्ध करें कृष्ण उनके हैं जो युद्ध करें #shrimadb...
श्रीमद्भगवद्गीता | अध्याय4 श्लोक 9 | कोई आएगा.....मुझे बचाएगा.... | आचर्य प्रशांत |#acharyaprashant
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जन्म कर्म च मे दिव्यमेवं यो वेत्ति तत्त्वतः । त्यक्त्वा देहं पुनर्जन्म नैति मामेति सोऽर्जुन ।। अर्थ: अर्जुन, मेरे इस प्रकार दिव्य जन्म और कर्म को जो यथार्थ रूप से जानते हैं (माने ठीक-ठीक समझ गए कि मैं कौन हूँ और मैं क्या करता हूँ), जो लोग ये बात ठीक से समझ गए वे देह छोड़कर बार-बार जन्म नहीं लेते, वो तो मुझे ही प्राप्त कर लेते हैं। काव्यात्मक अर्थ:- वो बाहर नहीं जन्मेंगे कहीं आस ये अवरुद्ध करो हर...
श्रीमद्भगवद्गीता | अध्याय 4 श्लोक 8 | धर्म संस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे | आचर्य प्रशांत |
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श्रीमद्भगवद्गीता | अध्याय 4 श्लोक 8 | धर्म संस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे | आचर्य प्रशांत |
श्रीमद्भगवद्गीता | अध्याय 4 श्लोक 7 || यदा यदा हि धर्मस्य....... || आचर्य प्रशांत |#acharyaprashant
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श्रीमद्भगवद्गीता || अध्याय 4 श्लोक 6 || प्रकृति पर नहीं चेतना पर चलो || आचर्य प्रशांत ||
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श्रीमद्भगवद्गीता || अध्याय 4 श्लोक 6 || प्रकृति पर नहीं चेतना पर चलो || आचर्य प्रशांत ||
श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय4 श्लोक5 |अर्जुन अज्ञानी कृष्ण सर्वज्ञानी: जीवन का अदृश्य सत्य|आचर्य प्रशांत|
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श्रीमद्भगवद्गीता || अध्याय4 श्लोक2 || परम और परम्परा एक साथ नहीं चल सकते || आचर्य प्रशांत ||
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श्रीमद्भगवद्गीता | अध्याय 4 श्लोक 1 | कृष्ण के होने का प्रमाण | आचर्य प्रशांत |#acharyaprashant
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श्रीमद्भगवद्गीता | अध्याय 3 श्लोक 42 | जैसे हम वैसी हमारी दुनिया | आचर्य प्रशांत | #acharyaprasant
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श्रीमद्भगवद्गीता || अध्याय3 श्लोक40 | इन्द्रियाँ , मन और बुद्धि | आचर्य प्रशांत || #acharyaprashant
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श्रीमद्भगवद्गीता || अध्याय 3 श्लोक 35 || स्वधर्मे निधनं श्रेयः परधर्मो भयावहः || आचर्य प्रशांत ||
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श्रीमद्भगवद्गीता | अध्याय3 श्लोक30 | निष्काम, ममता-रहित शोक-शून्य होकर युद्ध करो | आचर्य प्रशांत |
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श्रीमद्भगवद्गीता | अध्याय3 श्लोक28 | प्रकृति के गुण और अहंकार का भ्रम | आचर्य प्रशांत |#gita
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श्रीमद्भगवद्गीता | अध्याय3 श्लोक28 | प्रकृति के गुण और अहंकार का भ्रम | आचर्य प्रशांत |#gita
श्रीमद्भगवद्गीता || अध्याय3 श्लोक27 || प्रकृति के गुण और अहंकार का भ्रम || आचर्य प्रशांत ||
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श्रीमद्भगवद्गीता || अध्याय3 श्लोक27 || प्रकृति के गुण और अहंकार का भ्रम || आचर्य प्रशांत ||
श्रीमद्भगवद्गीता || अध्याय3 श्लोक26 || अज्ञानी में बुद्धिभ्रम मत करो अर्जुन || आचर्य प्रशांत ||
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श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय3 श्लोक25 |अच्छा की तीब्रता बुरा के सामान किन्तु नियत निष्काम | आचर्य प्रशांत
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श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय3 श्लोक25 |अच्छा की तीब्रता बुरा के सामान किन्तु नियत निष्काम | आचर्य प्रशांत
श्रीमद्भगवद्गीता || अध्याय3 श्लोक23 || मन बाहर देखता है सिर्फ कृष्ण की तालाश में || आचर्य प्रशांत ||
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श्रीमद्भगवद्गीता || अध्याय3 श्लोक23 || मन बाहर देखता है सिर्फ कृष्ण की तालाश में || आचर्य प्रशांत ||

Комментарии

  • @lunarayinstrumental
    @lunarayinstrumental 3 часа назад

    AUM💥

  • @lunarayinstrumental
    @lunarayinstrumental 3 часа назад

    Guddh rahasya ko koi samanya log nahi samajh payenge. Jo ucchhatam granth ka adhyayan kiya he sirf wohi hi samajh payega.....

  • @lunarayinstrumental
    @lunarayinstrumental 3 часа назад

    AUM💥

  • @BhawarLal-w3f
    @BhawarLal-w3f 4 часа назад

    Only😮ichha😢hi😅hoti😅h😮dukh😅ka😅karan😅

  • @PraveenDevra-d5s
    @PraveenDevra-d5s 7 часов назад

    ब्रम्ह का प्रतिनिधि माने आचार्य जी समझें ना बच्चों इतनी मगजमारी क्यों कर रहे हैं आचार्य जी मैं समझता हूं यह मगजमारी सिर्फ नाम के साथ धन दौलत आचार्य जी को मिल जाएं आपके माध्यम से इसलिए गुरु की महिमा बता रहे हैं द्रोणाचार्य की तरह की तरह यह तुम्हारा अंगुठा मांग रहे हैं यह बता रहे हैं कि मैं टावर हुं यह तुम्हें आसमान से मिला देंगे तो इनकी किताबें बेचकर इन्हें सम्मान दे देना 😅

  • @PraveenDevra-d5s
    @PraveenDevra-d5s 7 часов назад

    तुम स्वयं नहीं कर्ता बन सकते तो तुम करण बन जाओं मने तुम आचार्य जी की तरह किताबें नहीं लिख सकते तो तुम करण बनकर इनकी किताबें बेचना शुरू कर दो

  • @PraveenDevra-d5s
    @PraveenDevra-d5s 7 часов назад

    ब्रम्ह तलाशने का आसान तरीका है आचार्य जी किताबें बेचकर उनकी जेब भरना ऊंचे से ऊंचा है इनकी संस्था में झाड़ू र्पोंछा सहित अन्य कार्यों को करना निष्काम भाव से जहां बदले में दो रोटी मिल जाए बस अपनी आंखों से आचार्य को देख रहे हो पहले कानों से आचार्य जी को सुन रहे हो इन्हें आप छु भी सकतें हैं यही ब्रम्ह है पूरा माहौल ही ऐसा है यही ब्रम्ह मिल जाएगा लेकिन इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी और किमत है इनकी संस्था में झाड़ू र्पोंछा और इनकी किताबें बेचना संस्था में झाड़ू र्पोंछा और किताबें बेचना यज्ञ है हवन है यही यज्ञ है हवन है और अगर इस हवन को देखना हो तो छुप-छुपकर नहीं देख सकते हैं वहां का ही होना पड़ेगा अपना जो कुछ भी है आचार्य जी को न्योछावर करना पड़ेगा यही यज्ञ है है

  • @Peruji-mj7si
    @Peruji-mj7si 9 часов назад

    🙏🙏

  • @Swati54545
    @Swati54545 17 часов назад

    🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤❤❤❤

  • @gangadharmahto7237
    @gangadharmahto7237 20 часов назад

    🙏🙏♥️♥️

  • @sangeetbhaktitarapathak7377
    @sangeetbhaktitarapathak7377 23 часа назад

    प्रणाम आचार्य जी ब्रह्म को बताने वाले ही ब्रह्म है गुरू ब्रह्मा, गुरू विष्णु गुरू महेश्वरा गुरू साक्षात पर ब्रह्म तस्माये गुरुव नमः 🙏🙏❤❤

  • @mangilalankiya6545
    @mangilalankiya6545 День назад

    🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @shakuntalagupta5575
    @shakuntalagupta5575 День назад

    🙏

  • @shrutipatil3770
    @shrutipatil3770 День назад

    ब्रह्मा माने अहम का अभाव

  • @manjusahu3493
    @manjusahu3493 День назад

    हमारे लिए तो आप ही वो गुरु टाॅवर है ,जोे आध्यात्मिक ज्ञान से आत्मज्ञान क़े बोध जगा कर मुक्ति रूपी कृष्ण ब्रम्ह आसमान से मिला सके,, प्रणाम आचार्य जी 🌸🙏🌸

  • @karamjitkaursidhu6622
    @karamjitkaursidhu6622 День назад

    🙏

  • @karamjitkaursidhu6622
    @karamjitkaursidhu6622 День назад

    🙏

  • @pushpamakhijani7345
    @pushpamakhijani7345 3 дня назад

    अहम स्वार्थ के बिना नहीं रह सकता है।🙏🙏

  • @RaghvendraDewangan-p7e
    @RaghvendraDewangan-p7e 4 дня назад

    Bahut bahut dhanyvaad acharyjee apke gyaan ke liye

  • @virendrahantal1399
    @virendrahantal1399 4 дня назад

    ❤👍👍💐🌺

  • @SonaliGohil-lf2xm
    @SonaliGohil-lf2xm 4 дня назад

    કોન આચાર્ય જી ને ગુજરાત ભાવનગર થી સાંભળે છે? છુપાવો નહીં,આવો સાથે મળી કંઈક ભલું કામ કરીએ.

  • @SonaliGohil-lf2xm
    @SonaliGohil-lf2xm 4 дня назад

    कोन लोग अभी गुजरात से सुन रहे हैं। क्या आपको ग्रुप में शामिल होना है? क्या आपको आचार्य जी की बुक का स्टॉल लगाना है? इस महायज्ञ में जुड़े।

  • @shalusingal3825
    @shalusingal3825 4 дня назад

    Aap Aaj k Krishna hai sabhi sunne walon k liye 🙏🙏🙏

  • @karamjitkaursidhu6622
    @karamjitkaursidhu6622 5 дней назад

    🙏

  • @manjusahu3493
    @manjusahu3493 5 дней назад

    अर्जुन ने श्रीकृष्ण को चुना बाकी सारे निर्णय कृष्ण ने किये, खुद के अंहम को देखे बिना सही चुनाव हो नहीं सकता और आत्मज्ञान से पहला चुनाव सही होना चाहिए,, प्रणाम आचार्य जी 🙏🌸🙏

  • @BhomSingh-jw9bv
    @BhomSingh-jw9bv 5 дней назад

    प्रणाम आचार्य जी

  • @sidhibinayakrout4289
    @sidhibinayakrout4289 5 дней назад

    Pranam Aacharya ji

  • @sidhibinayakrout4289
    @sidhibinayakrout4289 5 дней назад

    Pranam Aacharya ji

  • @sidhibinayakrout4289
    @sidhibinayakrout4289 5 дней назад

    Pranam Aacharya ji

  • @virendrahantal1399
    @virendrahantal1399 6 дней назад

    ❤❤️👍👍👍💐🌺

  • @pushpamakhijani7345
    @pushpamakhijani7345 6 дней назад

    प्रकृति पर अहंकार का अधिकार नहीं चलता।🙏🙏

  • @pushpamakhijani7345
    @pushpamakhijani7345 6 дней назад

    जो तत्व प्रिय लगता है उस से अहम जुड़ जाता है और जो अप्रिय होता हैं उसके विरुद्ध संघर्ष करने लग जाता है ।🙏🙏👍👍♥️♥️

  • @karamjitkaursidhu6622
    @karamjitkaursidhu6622 6 дней назад

    🙏

  • @sangeetbhaktitarapathak7377
    @sangeetbhaktitarapathak7377 6 дней назад

    प्रणाम आचार्य जी🙏🙏❤❤

  • @manjusahu3493
    @manjusahu3493 6 дней назад

    सारी बातें अहम के लिए है, प्रकृति में द्वंद होता है अंहकार का अधिकार नहीं चलता है,प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏

  • @BhawarLal-w3f
    @BhawarLal-w3f 7 дней назад

    Unme😮or😅tumare😅mein😅bahut😅farak😅h😅wo😅padarath😅tumhare😅yogye😅nonever😅

  • @DharmendraChahar-b9g
    @DharmendraChahar-b9g 7 дней назад

    Jay shree sabd bardan ❤❤

  • @VinitaSinghal96
    @VinitaSinghal96 7 дней назад

    🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @VinitaSinghal96
    @VinitaSinghal96 13 дней назад

    🙏🙏🙏🙏

  • @manojnamdev4925
    @manojnamdev4925 14 дней назад

    Love you very very so much acharya ji 🎉🎉🎉❤❤❤❤❤

  • @manojnamdev4925
    @manojnamdev4925 14 дней назад

    Pranam mere priye acharya ji ❤❤

  • @manojnamdev4925
    @manojnamdev4925 15 дней назад

    Love you very very so much acharya ji ❤❤

  • @manojnamdev4925
    @manojnamdev4925 15 дней назад

    Mere priye priye acharya ji ke charno me koti koti naman 🎉🎉❤❤

  • @manojnamdev4925
    @manojnamdev4925 15 дней назад

    Pranam aapke charno me acharya ji ❤❤

  • @manojnamdev4925
    @manojnamdev4925 15 дней назад

    Hey guru dev pranam aapke charno me ❤❤❤❤❤❤❤

  • @manojnamdev4925
    @manojnamdev4925 15 дней назад

    Meri prakati maa Radha Rani aatma yani Satya roopa shree Krishna ji ke charno me koti koti naman ❤❤❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉 love you so much acharya ji ❤❤❤❤❤

  • @manjusahu3493
    @manjusahu3493 15 дней назад

    बहुत बड़ी रिहाई है अनुशासन से मुक्त होना, जब तक कामना भरी हुई है मुक्ति संभव नहीं है,,शरीर को अकर्म के लिए छोड़ देना ही निष्कामता है,,, प्रणाम आचार्य जी 🙏🌸🙏

  • @studified596
    @studified596 15 дней назад

    Yeh clips live satro k hai yaa youtube wale videos ke hai????

  • @leelathakur5
    @leelathakur5 16 дней назад

    🙏

  • @leelathakur5
    @leelathakur5 16 дней назад

    🙏