त्रिवेणी घाट गंगा आरती || ऋषिकेश टूर || vlogwithsonibhandari

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  • Опубликовано: 25 ноя 2024
  • ऋषिकेश के लक्ष्मण झूले का इतिहास -
    कहा जाता है कि भगवान लक्ष्मण ने सिर्फ दो रस्सियों का उपयोग करके नदी पार की थी। उनके इस वीरतापूर्ण कार्य का सम्मान करने के लिए, यहां 284 फीट लंबा लटकता हुआ रस्सी का पुल बनाया गया, जिसे आज 'लक्ष्मण झूला' के नाम से जाना जाता है।
    राम झूला का नाम भगवान राम के नाम पर रखा गया है, जो हिंदू पौराणिक कथाओं में एक महत्वपूर्ण पात्र हैं । यह पुल लगभग 450 फीट लंबा है और दो महत्वपूर्ण आश्रमों, स्वर्गाश्रम क्षेत्र और शिवानंद आश्रम को जोड़ता है।
    जानकी सेतु ऋषिकेश में गंगा नदी पर बना लक्ष्मण झूला और राम झूला के बाद तीसरा सस्पेंशन ब्रिज है। इस पुल की कुल लंबाई 346 मीटर है, और इसकी चौड़ाई 274 मीटर है। यह सस्पेंशन ब्रिज ऋषिकेश के स्थानीय समुदाय के लिए बहुत बड़ा महत्व रखता है।

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