श्री कृष्ण और इंद्र देव का युद्ध | श्री कृष्ण का दान | पारिजात वृक्ष की कहानी | श्री कृष्ण महाएपिसोड
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- Опубликовано: 21 ноя 2024
- "श्रीकृष्ण देवलोक से अपने साथ पारिजात पुष्प लेकर आये थे, जिसे उन्होंने अपनी पटरानी रुक्मिणी को भेंट कर दिया। पारिजात पुष्प की विशेषता यह है कि इसे धारण करने वाले को चिरयौवन की प्राप्ति होती है। इस बात का पता चलने पर सत्यभामा को बहुत ईर्ष्या होती है। सत्यभामा तय करती हैं कि द्वारिकाधीश ने तो रुक्मिणी दीदी को केवल एक पुष्प दिया है। मैं उनसे पारिजात का पूरा वृक्ष लेकर रहूँगी। इसके बाद सत्यभामा अपने समस्त श्रँगार का त्याग करती हैं और रुष्ट होने के प्रदर्शन करती हैं। श्रीकृष्ण उन्हें मनाने आते हैं तो वह उनसे पारिजात का वृक्ष लाकर देने की माँग करती हैं। श्रीकृष्ण इसे दुष्कर कार्य बताते हुए कहते हैं कि पारिजात का वृक्ष तो देवलोक के नन्दन वन में है। सत्यभामा की नाराजगी और बढती है। वह कहती हैं कि आप रुक्मिणी दीदी से अधिक प्रेम करते हैं। आपने पारिजात पुष्प उन्हें दिया, मुझे नहीं। श्रीकृष्ण सत्यभामा को समझाते हुए कहते हैं कि तुमने देवलोक जाकर पारिजात के दर्शन किये थे। परन्तु रुक्मिणी ने पारिजात को नहीं देखा था इसलिये जब देवराज इन्द्र ने मुझे वह फूल दिया तो मैंने इसे रुक्मिणी को दे दिया। इसमें भेदभाव की बात कहाँ है। किन्तु अब सत्यभामा अपने हठ पर हैं। वह कहती हैं कि यदि आप मुझसे सच्चा प्रेम करते हैं तो अब मुझे एक पुष्प नहीं, पूरा पारिजात वृक्ष लाकर दीजिये, मैंने उसकी छाया में पुण्यक व्रत करने का संकल्प किया है। अन्यथा मैं तपस्विनी बनकर वन चली जाऊँगी। सत्यभामा के हठ को देखकर श्रीकृष्ण उन्हें पारिजात वृक्ष लाने का आश्वासन देते हैं। सत्यभामा की प्रसन्नता चरम पर पहुँचती है। श्रीकृष्ण नारद मुनि के माध्यम से इन्द्र तक अपना सन्देश पहुँचाते हैं। इन्द्र नारद जी से रूखे स्वर में कहते हैं कि श्रीकृष्ण क्या ये नहीं जानते हैं कि वे मनुष्य योनि में हैं और इस समय मृत्युलोक वास कर रहे हैं। यदि देवलोक की निधि मृत्युलोक में चली गयीं तो पृथ्वी और देवलोक के बीच अन्तर क्या रह जायेगा। द्वारिकाधीश चाहें तो स्वर्ग के तमाम आभूषण और वस्त्रों का उपभोग कर सकते हैं किन्तु पारिजात स्वर्ग की शोभा है, मैं इसे देने से स्पष्ट इनकार करता हूँ। नारद धरती पर वापस आकर श्रीकृष्ण को इन्द्र का सन्देश देते हैं। श्रीकृष्ण इन्द्र से युद्ध करके पारिजात प्राप्त करने की घोषणा कर देते हैं। दोनों के बीच संग्राम छिड़ जाता है। लड़ते-लड़ते पूरा दिन निकल जाता है। इन्द्र श्रीकृष्ण से कहते हैं कि पृथ्वी पर संध्या वन्दन का समय हो गया है और युद्धनीति के अनुसार अब ये आपके विश्राम का समय है। कल प्रातः फिर युद्ध शुरू होगा। उस दिन शिवरात्रि होने के कारण श्रीकृष्ण पारियात्र पर्वत जाकर शिवजी की अराधना करते हैं। शिवजी प्रसन्न होकर प्रकट होते हैं और कहते हैं कि आपने जिस पर्वत पर मेरी आराधना की है, अब वह स्थान बिल्वेश्वर के नाम से पुकारा जायेगा। भगवान शंकर कहते हैं कि मैं देखकर रहा हूँ कि इन्द्र से युद्ध करते हुए आपने अभी तक उसपर एक भी घातक प्रहार नहीं किया है। तब श्रीकृष्ण उन्हें बताते हैं कि मैं इन्द्र का पराभाव नहीं चाहता। बस केवल उनके अहंकार का नाश करना चाहता हूँ। मैं पहले भी गोवर्धन पर्वत पर उसके अहंकार का नाश कर चुका हूँ। उसने आपको भी पारिजात देने से इनकार कर दिया था। वह स्वयं को देवलोक में सर्वोच्च सत्ता के रूप में स्थापित कर रहा है। मैं उसके इसी अहंकार को तोड़ने के लिये पारिजात वृक्ष धरती पर ले जाना चाहता हूँ। इसके लिये आप मुझे आशीर्वाद दीजिये। शिवजी उन्हें वरदान देते हैं कि कल आप पारिजात के साथ ही पृथ्वी लोक जायेंगे। अगले दिन पुनः युद्ध प्रारम्भ होता है। श्रीकृष्ण का सुदर्शन इन्द्र का शीश काटने को बढ़ता है। तभी देवमाता अदिति इन्द्र और सुदर्शन के बीच खड़ी हो जाती हैं। श्रीकृष्ण सुदर्शन को रुकने का आदेश देते हैं और देवमाता को प्रणाम करते हैं। देवमाता अदिति श्रीकृष्ण से कहती हैं कि तुम्हारे वामन अवतार के लिये मैंने ही तुम्हें जन्म दिया था। इस तरह इन्द्र तुम्हारा भाई है। तुम यह युद्ध रोक दो। श्रीकृष्ण सुदर्शन को वापस अपनी उँगली पर बुला लेते हैं। देवमाता श्रीकृष्ण से कहती हैं कि मैं तुम्हें पारिजात प्रदान करती हूँ किन्तु इसका विधान यह होगा कि जब सत्यभामा का पुण्यक व्रत पूरा होगा, यह वापस देवलोक में आ जायेगा। इसके बाद श्रीकृष्ण पारिजात वृक्ष को लेकर धरती की ओर प्रस्थान करते हैं।
श्रीकृष्णा, रामानंद सागर द्वारा निर्देशित एक भारतीय टेलीविजन धारावाहिक है। मूल रूप से इस श्रृंखला का दूरदर्शन पर साप्ताहिक प्रसारण किया जाता था। यह धारावाहिक कृष्ण के जीवन से सम्बंधित कहानियों पर आधारित है। गर्ग संहिता , पद्म पुराण , ब्रह्मवैवर्त पुराण अग्नि पुराण, हरिवंश पुराण , महाभारत , भागवत पुराण , भगवद्गीता आदि पर बना धारावाहिक है सीरियल की पटकथा, स्क्रिप्ट एवं काव्य में बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष डॉ विष्णु विराट जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसे सर्वप्रथम दूरदर्शन के मेट्रो चैनल पर प्रसारित 1993 को किया गया था जो 1996 तक चला, 221 एपिसोड का यह धारावाहिक बाद में दूरदर्शन के डीडी नेशनल पर टेलीकास्ट हुआ, रामायण व महाभारत के बाद इसने टी आर पी के मामले में इसने दोनों धारावाहिकों को पीछे छोड़ दिया था,इसका पुनः जनता की मांग पर प्रसारण कोरोना महामारी 2020 में लॉकडाउन के दौरान रामायण श्रृंखला समाप्त होने के बाद ०३ मई से डीडी नेशनल पर किया जा रहा है, TRP के मामले में २१ वें हफ्ते तक यह सीरियल नम्बर १ पर कायम रहा।
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🌹💐🙏मन मोहन मूरत तेरी प्रभु मिल जाओगे आप कही न कही यदि चाह हमारे दिल में है तुम्हें ढूंढ ही लेगें कहीं न कहीं मन मोहन मूरत तेरी प्रभु काशी मथुरा बृन्दाबन में अवधपुरी की गलियन में गंगा यमुना सरयू तट पर मिल जाओगे आप कहीं न कहीं मन मोहन मूरत तेरी प्रभु घर वार को छोड़ सन्यासी हुए सबको परित्याग उदासी हुए छानेगें बन बन खाक तेरी मिल जाओगे आप कहीं न कहीं मन मोहन मूरत तेरी प्रभु सब भक्त तुम्हीं को घेरेंगे तेरे नाम की माला फेरेंगें जब आप ही खुद सरमाओगें हमें दर्शन दोगे कहीं नहीं 🌹🌷💐
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🌹💐🙏जै माधव मदन मुरारी जै माधव मदन मुरारी जै केशव कलि बल हारी जै माधव मदन मुरारी सुन्दर कुन्डल नयन बिशाला गल सोहे बैजन्ती माला या छवि की बलिहारी जै माधव मदन मुरारी कबहूं लूटि लूटि दधि खायो कब हूं मधुवन रास रचायो नाचत बिपिन बिहारी जै माधव मदन मुरारी करुणा कर द्रोपती पुकारी पट में लिपट गये बनबारी नरखि रहे नर नारी जै कैशव कलि बल हारी जै माधव मदन मुरारी 🌹💐🙏
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🌹💐🙏श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी है नाथ नारायण वासुदेव 🌹श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी है नाथ नारायण वासुदेव 🌹श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी है नाथ नारायण वासुदेव 🌹जय श्री राधा कृष्ण 🌹🌷💐🙏
Jai Shree Krishna❤❤❤
🌹🙏ॐ श्री कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने ।। प्रणतः क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमोनमः ।। 🌹🙏
JAI SHREE KRISHAN
हरे राम हरे कृष्णा हरे रामा हरे कृष्णा हरे रामा हरे कृष्णा हरे रामा हरे कृष्णा हरे रामा हरे कृष्णा हरे रामा हरे कृष्णा हरे रामा हरे कृष्णा हरे
Jai shree krishna radhe radhe
Jab bhi dekhta hu aakh se aasu aata hai very very nice role kiye sir
कृष्णा राधे राधे राधे कृष्णा राधे कृष्णा राधे राधे हरे हरे
👏🙏🚩जय श्री कृष्ण राधे राधे 🙏💐👏
Jai shree Krishna
Aanand hi aanand mila. Naradjiki diya huwa Daan Loutana ka Bibashtya. Joy shrikrishna Joy shrikrishna Joy shrikrishna.
Jai shree krishna 🙏 ❤❤
Ram
Jai Shree radhe Krishna 🙏🙏🙏
Please request aa chala deo fer se sri krishna shemarro chanall par 👏👏👏👏👏
Jai shree krishna 🙏🙏
JAI SHRI RADHA KRISHNA BHAGWAAN SWAMI JI KI
Radhe
Radhe
Ok namah shivay
JAI SHREE KRESHNA RADHE RADHE
Jai Shree Radhe Krishna Mata Pita
Jay shree krishna
Jai shree Krishna 🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾🙏🏾
কটিকটি🙏🙏🙏🙏🙏
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Jai shiri kirisna
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Jai Shri Krishna
❤❤❤❤om,namah,siway
😊 to
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Tusi sri krishna kyon close kar dita shemaroo chanal par please fer se start kar do hum daily dekhte thehe ❤
Aho
Jai shree Krishna ❤
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Jai shree Krishna Ji
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जयश्रीकृष्णराघेराधेराधे🙏🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌺🌺🌺