रामायण - EP 37 - सुग्रीव की व्यथा। राम द्वारा बालि वध की प्रतिज्ञा व शक्ति प्रदर्शन।

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  • Опубликовано: 11 окт 2024
  • Ramayan - Episode 37 - Reciting Sugriva's Suffering | Pledge of Bali slaughter. Ramji's Friend Characterization |
    राम कहते हैं कि जिस घर में भाई भाई एक साथ प्रेमपूर्वक रहते हैं, ऐसे घर को ही धरती का स्वर्ग कहते हैं। वे सुग्रीव से जानना चाहते हैं कि उन दोनों भाईयों में किस कारण शत्रुता हुई है। सुग्रीव बताते हैं कि बड़ा भाई बालि किष्किंधा नगरी का राजा था और वो युवराज। सुग्रीव सदैव बालि के प्रति निष्ठावान था। एक दिन मायावी नामक दानव ने बालि को द्वन्द युद्ध के लिये ललकारा। बालि ने उसकी चुनौती स्वीकार की। सुग्रीव भी उसके साथ गया। दोनो भाईयों को साथ आता देखकर मायावी दानव भयभीत हुआ और भाग कर एक गुफा में घुस गया। बालि सुग्रीव को गुफा के बाहर पहरे पर छोड़कर गुफा के अन्दर चला गया। एक वर्ष बीत गया लेकिन बालि बाहर नहीं आया तो सुग्रीव को आशंका हुई कि बालि दानव के हाथों मारा जा चुका है। सुग्रीव भयभीत हुआ कि कहीं दानव बाहर आकर किष्किंधा पर हमला न कर दे, सुग्रीव ने गुफा का मुख एक बड़ी शिला से बन्द कर दिया। किष्किंधा के मन्त्री परिषद ने बालि के न रहने पर युवराज सुग्रीव को नया राजा घोषित कर उसका राज्याभिषेक कर दिया। लेकिन बालि की मौत की आशंका गलत थी। वस्तुतः गुफा के बाहर जो लहू बहकर आया था, उससे सुग्रीव में आशंका उपजी थी कि बालि मारा गया है जबकि वो लहू मायावी दानव का था जिसे एक वर्ष तक युद्ध करके बालि ने मार दिया था। बालि ने जब गुफा से बाहर निकलने की चेष्टा की तो उसे गुफा का मुख बन्द मिला। बालि को लगा कि सुग्रीव ने उसके साथ विश्वासघात किया है। बालि शिला तोड़कर बाहर निकला और सीधे किष्किंधा के राजदरबार पहुँचा। वहाँ उसने सुग्रीव को राजसिंहासन पर विराजमान पाया। बालि ने सुग्रीव पर राज्य हड़पने का आरोप लगाया। सुग्रीव ने अपनी सफाई देने का प्रयास किया किन्तु बालि ने भ्रातद्रोह का आरोप लगाकर सुग्रीव को मृत्युदण्ड देने की घोषणा की और उसपर अपनी गदा से प्राणघातक प्रहार किये। सुग्रीव तो घायल हुआ लेकिन वहाँ से जान बचाकर भागने में सफल रहा। बालि से बचने के लिये सुग्रीव को धरती पर कहीं शरण नहीं मिली तो वह ऋष्यमूक पर्वत में आकर छिप गया। बालि इस पर्वत पर कभी नहीं आ सकता था। लक्ष्मण इसकी वजह पूछते हैं तो हनुमान बताते हैं कि एक बार बालि ने मायावी के भाई दानव दुन्दभि को मारा था और उसके मृत शरीर को दोनों हाथों से उठाकर पूरे वेग से चार कोस दूर फेंक दिया था। दुन्दभि के मुख से निकले रक्त की कुछ छींटे ऋषि मतंग के आश्रम में जा गिरी। इससे क्रोधित ऋषि ने श्राप दिया कि जिसने भी यह कृत्य किया है, यदि वो उनके आश्रम के एक योजन के क्षेत्र में प्रवेश करेगा तो उसकी मृत्यु हो जायेगी। इस श्राप के भय से बालि कभी भी ऋष्यमूक पर्वत की ओर नहीं आता है। लेकिन उसने सुग्रीव की पत्नी रूमा को भी जबरन छीन रखा है। राम कहते हैं कि बालि का यह अपराध उसे मृत्युदण्ड देने के लिये काफी है। राम प्रतिज्ञा करते हैं कि अगले दिन सूर्यास्त से पहले वे बालि का वध कर सुग्रीव को उनका राज्य और पत्नी दोनों वापस दिलायेंगे। अगले दिन सुग्रीव राम को बालि के बल के बारे में बताकर सावधान करते हैं। बालि को यह वरदान प्राप्त है कि वो जिससे युद्ध करेगा, उसका आधा बल बालि को मिल जायेगा। सुग्रीव बताता है कि दुंदभि एक विशाल भैंसासुर था। एक बार उसने समुद्र को युद्ध के लिये ललकारा। समुद्र ने उससे लड़ने में असमर्थता व्यक्त की और उसे हिमवान के पास लड़ने भेजा। हिमवान ने भी युद्ध करने की बजाय दुन्दभि को बालि से मुकाबला करने को कहा। बालि ने युद्ध में दुन्दभि को मार दिया। दुन्दभि की हड्डियों का ढांचा गुफा के बाहर पड़ा है। सुग्रीव बताते हैं कि यहाँ ताड़ के सात पेड़ हैं जिन्हें बालि बाण से भेद सकता है। राम के कहने पर सुग्रीव उन्हें दुन्दभि के अस्थि पिंजर के पास ले जाते हैं। जामवन्त राम की शक्ति को परखना चाहते हैं। राम अपने पैर की एक ठोकर से दुन्दभि के पिंजर को कोसों दूर फेंक देते हैं। इसके बाद राम एक बाण से ताड़ के सातों पेड़ काटकर गिरा देते हैं। सुग्रीव राम की जय जयकार कर उनके चरणों पर झुक जाते हैं। राम सुग्रीव से बालि को युद्ध के लिये ललकारने को कहते हैं।
    निर्माता और निर्देशक - रामानंद सागर
    सहयोगी निर्देशक - आनंद सागर, मोती सागर
    कार्यकारी निर्माता - सुभाष सागर, प्रेम सागर
    मुख्य तकनीकी सलाहकार - ज्योति सागर
    पटकथा और संवाद - रामानंद सागर
    संगीत - रविंद्र जैन
    शीर्षक गीत - जयदेव
    अनुसंधान और अनुकूलन - फनी मजूमदार, विष्णु मेहरोत्रा
    संपादक - सुभाष सहगल
    कैमरामैन - अजीत नाइक
    प्रकाश - राम मडिक्कर
    साउंड रिकॉर्डिस्ट - श्रीपाद, ई रुद्र
    वीडियो रिकॉर्डिस्ट - शरद मुक्न्नवार
    Ramayan is an Indian television series based on ancient Indian Sanskrit epic of the same name. The show was originally aired between 1987 and 1988 on DD National. It was created, written, and directed by Ramanand Sagar. The show is primarily based on Valmiki's 'Ramayan' and Tulsidas' 'Ramcharitmanas'. The series had a viewership of 82 per cent, a record high for any Indian television series. The series was re-aired during the 2020 Coronavirus lockdown and broke several viewership records globally which includes setting the record for one of the most watched TV shows ever in the world, with 77 million viewers on 16 April 2020.
    In association with Divo - our RUclips Partner
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