श्री राम और हनुमान भेंट | रामायण महाएपिसोड | Tilak

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  • Опубликовано: 12 окт 2024
  • भक्त को भगवान से और जिज्ञासु को ज्ञान से जोड़ने वाला एक अनोखा अनुभव। तिलक प्रस्तुत करते हैं दिव्य भूमि भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थानों के अलौकिक दर्शन। दिव्य स्थलों की तीर्थ यात्रा और संपूर्ण भागवत दर्शन का आनंद। दर्शन दो भगवान!
    राम सीता को लेकर चिन्तित हैं। लक्ष्मण उन्हें भाभी सीता के सकुशल होने की सांत्वना देते हैं। अशोक वाटिका में राक्षसियाँ सीता को अपने मायाजाल से डराती हैं। किष्किंधा पर्वत की एक गुफा में सुग्रीव अपने मंत्रियों के साथ हैं। तभी एक गुप्तचर उन्हें धनुर्धारी दो तपस्वियों के किष्किंधा क्षेत्र में देखे जाने की सूचना देता है। ये कोई और नहीं, राम और लक्ष्मण हैं किन्तु गुप्तचर उनकी पहचान नहीं कर पाता। नल आशंका व्यक्त करते हैं कि वे दोनों सुग्रीव के बड़े भाई बालि के भेजे गुप्तचर हो सकते हैं। जामवन्त उन्हें पकड़ने का सुझाव देते हैं। वे इस कार्य के लिये हनुमान को भेजने का परामर्श देते हैं। हनुमान राम और लक्ष्मण को सीधे पकड़ने के पक्ष में नहीं हैं। वे पहले हकीकत का पता लगाने का सुझाव देते हैं। हनुमान ब्राह्मण का रूप धारण करते हैं और राम लक्ष्मण के समक्ष पहुँचते हैं। लक्ष्मण उनसे ऋष्यमूक पर्वत के शिखर पर जाने का मार्ग पूछते हैं। विप्ररूपी हनुमान पलट कर जानना चाहते हैं कि वे किस प्रयोजन से पर्वत शिखर पर जाना चाहते हैं। तब राम सुग्रीव से मिलने जाने की इच्छा व्यक्त करते हैं। हनुमान राम लक्ष्मण के बारे में अधिकाधिक जानकारी जुटाने के लिये अनेक प्रश्न करते हैं। लक्ष्मण इससे झुँझला जाते हैं। राम कहते हैं कि यदि वो सुग्रीव से नहीं मिलवा सकते तो हनुमान से मिलवा दें। इस पर हनुमान उनका परिचय पूछते हैं और यह जानकर कि उनके सामने स्वयं उनके प्रभु श्रीराम चन्द्र और लक्ष्मण भैया खड़े हैं, वे अपने वास्तविक वानर रूप में आ जाते हैं। राम हनुमान को गले लगाते हैं। हनुमान कहते हैं कि राम की मित्रता पाकर सुग्रीव अपना खोया हुआ राज्य और पत्नी पुनः प्राप्त कर सकेंगे। हनुमान अपना आकार बड़ा करते हैं और राम लक्ष्मण को अपने कन्धे पर बैठाकर आकाश मार्ग से ऋष्यमूक पर्वत की चोटी पर ले जाते हैं जहाँ सुग्रीव ने बालि से छिपकर अपना गुप्त ठिकाना बनाया हुआ है।
    रामायण एक भारतीय टेलीविजन श्रृंखला है जो इसी नाम के प्राचीन भारतीय संस्कृत महाकाव्य पर आधारित है। यह श्रृंखला मूल रूप से 1987 और 1988 के बीच दूरदर्शन पर प्रसारित हुई थी। इस श्रृंखला के निर्माण, लेखन और निर्देशन का श्रेय श्री रामानंद सागर को जाता है। यह श्रृंखला मुख्य रूप से वाल्मीकि रचित 'रामायण' और तुलसीदास रचित 'रामचरितमानस' पर आधारित है।
    इस धारावाहिक को रिकॉर्ड 82 प्रतिशत दर्शकों ने देखा था, जो किसी भी भारतीय टेलीविजन श्रृंखला के लिए एक कीर्तिमान है।
    निर्माता और निर्देशक - रामानंद सागर
    सहयोगी निर्देशक - आनंद सागर, मोती सागर
    कार्यकारी निर्माता - सुभाष सागर, प्रेम सागर
    मुख्य तकनीकी सलाहकार - ज्योति सागर
    पटकथा और संवाद - रामानंद सागर
    संगीत - रविंद्र जैन
    शीर्षक गीत - जयदेव
    अनुसंधान और अनुकूलन - फनी मजूमदार, विष्णु मेहरोत्रा
    संपादक - सुभाष सहगल
    कैमरामैन - अजीत नाइक
    प्रकाश - राम मडिक्कर
    साउंड रिकॉर्डिस्ट - श्रीपाद, ई रुद्र
    वीडियो रिकॉर्डिस्ट - शरद मुक्न्नवार
    Tilak is home to the greatest Mythological stories and finest devotional musical offerings in the form of Bhajan's, Mantra's and Aarti's. We plan to launch more than 20000+ Clips in the time to come. We are starting with the legendary TV series Ramayan.
    In association with Divo - our RUclips Partner
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