रविंद्र सिंह शोरान जी का विस्लेशन बहुत ही सटीक और सही हैं ईमानदार हैं निडरता से किया हैं आज मुश्किल घडी में लोकतंत्र संविधान देश को ऐसे ही पत्रकरो की जरूरत हैं.राकेश सिंहा जैसे गोल मोल लोगों की जरूरत नहीं हैं.
अभी तक देश के लोगों को विश्वास नहीं था कि चुनावों में कुछ घाल मेल होता है लेकिन अब नई अधिसूचना के जारी होने से लोगों के इस विश्वास को जबरदस्त झटका लगा है: Save Democracy- Save India
अरुण कुमार जी बहुत ही प्रमाणिक और तथ्यात्मक विश्लेषण करते हैं जो बहुत सटीक और प्रमाणिक विश्लेषण होता है.....!! सच्ची और अच्छी पत्रकारिता को धन्यवाद....!!
आशुतोष मुझे सिन्हा जी की बातों से ऐसा लगता हैं कि ओ CEC राजीव अग्रवाल की तरह ही बोल रहे है ये क्या बात है कि चुनाव में अधिक लोगों की इनबोलबिंग होती हैं तो कोई हेरा फेरि नही होगी गडबडी का कैसे की जा रही हैं। 1= जब इंजीनियर उसमें चिप डालते है उस चिप को जैसे चाहो उसकी मोंटरिंग की जा सकती हैं दूसरा सिम्बल डालते समय भी EVM को जैसे चाहो उसी तरह काम करेगा 2= EVM को आसानी से बदला जा सकता हैं इसपर भी सवाल कि जो इंजीनियर सिंबल डालते है उन्हे चंद दिनों के लिए लगाया जाता हैं ओ कंपनी के स्थाई इंजीनियर नही होते है फिर उनसे जैसे चाहो गड़बड़ी करवा सकते है क्या कारण है कि स्थाई इंजीनियर नही लगाए जाते है जबसे मोदी सरकार आई है।
आशंका सही है. सिन्हाजी प्रोफेशनल सेफ्टी वाल्व हैं. सर्विस प्रोवाइडर हमारे फोन से डाटा लेते हैं तो चिप को डिजिटल नंबर देकर सर्विस प्रोवाइडर डाटा चेक क्यों नहीं कर सकता, छेड़छाड़ क्यों नहीं कर सकता. य़ह यक्ष प्रश्न है.
अगर कोई धांधली नहीं हुई है तो जांच हो जाने दीजिए। आपको रोज एक नियम लाने की क्या जरूरत है। और फिर आप तो चोरी करते हुए पहले भी पकड़े गए हैं। आप शंका के घेरे में आ चुके हैं।
जिस देश में ज्वलंत बुनियादी समस्याओं की बजाय धर्माधारित सांप्रदायिक मूल्यों के प्रति आक्रामकता हो उस देश में ही एलेन मस्क की evm पर की गई टिप्पणी को सिरे से नकारा जा सकता है,पारदर्शिता विरोधी चुनावी कानून में बदलाव के दुष्परिणाम को 80 करोड़ लाभार्थी वाले देश में ही हल्के से लिया जा सकता है।🎉
आशुतोष जी अब भी आप नहीं कह सकतें तो आपको परिचर्चा नहीं करानी चाहिए,, हरियाणा, महाराष्ट्र और पहले मध्यप्रदेश और गुजरात,,,के परिणाम आप को जायज़ लगते है,,
@@anulilha इनको सत्य हिन्दी भी तो चलाना है। इनको प्रमाण चाहिए। चारों तरफ़ प्रमाण बिखरे पड़े हैं जीतने चाहो बटोर लो आशुतोष जी। संदीप चौधरी और राजदीप की तरह balancing act मत करिए।
आशुतोष जी सबसे अच्छा उपाय यह है कि चुनाव के समय सर्व दलीय सरकार बननी चाहिए और जो सरकार सत्ता में पांच साल से चल रही थी उसके कोई पावर नहीं रहने चाहिए।तभी निष्पक्छ चुनाव हो सकता है।
आशुतोषजी वज़न करने का इलोकटोरनीक स्केल (तराजू) की बेटरी डाउन होने पर डीवाईस पर अंक भागने लगता है इस तरह बेटरी डाउन या ओवर चार्ज करने पर डिवाइस पर अंक गलत दिखा शकता है। और इसलिए चुनाव और परिणाम में लंबा समय रखा जाता है।
हर विधानसभा का 5 बजे के बाद का विडियो देखना चाहिए सब दुध का दुध ओर पानी का पानी हो जाएगा ।देखे तो जरा 5 बजे के बाद लाखो लोग भोट केसे देते है और 99% बैट्री कहा से आयी।
चुनाव के दिन सायं ५ बजे पोलिंग बूथ के बाहर मतदाताओं की क़तार की वीडियोग्राफी सभी प्रमुख दलों के नेताओं को करानी चाहिए, ताकि पता चल सकेगा कि कितने लोग मतदान के लिए लाइन में खड़े थे और कितने वोट ५ बजे के बाद बढ़े ; इससे चुनाव की विश्वसनीयता पता चलेगी !
जनता कको न्याय के लिए धरने प्रदर्शन करने पड़ते हैं जैसे हरियाणा दूर दर्शन केंद्र हिसार एकमात्र को चंडीगढ़ शिफ्टिंग के नाम से 15 जनवरी 23से बंद कर दिया है 720 दिन से धरना जारी है सरकार को पीएम तक ज्ञापन दिया जा चुका है कोई कारण नहीं कोई जवाब नहीं जैसे मुड़े हो तो पब्लिक चिंतित होती है इसलिए हर बार पब्लिक ही प्रभावित होती है
चुनाव नियमों में संशोधन इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के होने चाहिए। ना कि चुनाव प्रक्रिया को संदिग्ध बनाने में मदद रूप या कन्फ्यूजन पैदा करने वाले संशोधन शक पैदा करते है। इलेक्शन कमिश्नर की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव किया है वो बहुत ही संदेह के घेरे में आ जाता है।
अरुण अग्रवाल जी.... आप कहते रह गये ..." किसे बेव कूप बना रहे है...?" 😂😂😂 बीजेपी कर के दिखाकर साबित कर चुकी आपको हमको सबको... "बेव कूप" बना दिये.... 😂😂😂 सबके नजरो के सामने... उन्हे पता है... आप सिर्फ डिबेट कर सकते है...😂😂 और कुछ कर नही सकते....😂😂😂
AISI HI ULTI SEEDHI DALILE ELECTORAL BONDS,,RAFAEL, PEGASUS,RTI,ECI, SABHI JAGAH SCAMS , PUBLIC KO ✅👍🙏💯 ANDHERE ME RAKHA KAR GOV LOOT RAHI HAI MERABHARATMAHAN SAMVIDHAN ZINDABAD JAYHIND THANKS 🙏👍
चुनाव के ठीक पहले वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन होता है.लेकिन मतदान के दिन वोटर को बताए बिना उसके बूथ का वोट दूसरे बूथ पर क्यों ट्रांसफर हो जाता है? वोटर लिस्ट में काम करने वाला बीएलओ भी इससे अनजान होता है.
राकेश सिन्हाजी ,वोटिंग ख़त्म होतेही लास्ट फिगर मिल जाती है फिर 2/3 दिन के बाद वोट कैसे बढ़ जाते है ,इस का जवाब देदो .पोस्टल वोट तो अलग बात है वो तो गिने जा सकते है ,लेकिन दो तिन बाद वोट बढ़ना गलत है .
राकेश सिंहा लगता है EVM issue की समझ नहीं रखते हैं. क्या अरुण का सवाल की percentage बिना मूल नंबर जाने कैसे निकाला जाता हैं. इसके बारे में राकेश सिन्हा क्या कहेंगे?
सिन्हा साब, ईवीएम में अगर प्रोग्रामिंग के जरिए धांधली करनी है तो हो सकती है और किसीको पता भी नहीं चलेगा, न कैंडिडेट को,न इलेक्शन ऑफिसर को, न किसी मंत्री स्त्री को न प्रोग्राम अपलोड करने वाले इंजीनियर को। ये तो सिर्फ डिपेंड करता है प्रोग्राम बनाने वाले पे और उसको किस ने ज्यादा पैसा खिलाया है उसके फेवर में प्रोग्राम बना देगा। B
Ashutosh ji In this circumstances what is the duty of Naidu and Nitish.?In case Naidu and Nitish do not withdraw their support to Midi governance and Modi governance obtained the majority in parliament.Similarly,Modi Governance passed the ordinance against the judgement of judicry and revoked the operation of order of judicry.Kindly suggest where the people may go for justice and to maintain their freedom and what legitimate step to be taken by the people of India pl.
चुनाव आयोग व चुनाव सम्बन्धित आलोचना करने पर यू ट्यूब उस प्रोग्राम के पैसे नहीं देते हैं. इसलिए सब बच बच के बोल रहे हैं. चुनाव आयोग की हिदायतें इसलिए नीचे दिखाई गई हैं.
Mr Rakesh जी केवल भावना को कह रहे हैं लेकिन अत्याचार को आफिसर ही अंजाम देते हैं पीएम नहीं सो ऑफिसर या कायर हैं करप्शन या कोई मतलब रखता है या रुलिंग पार्टी का है लाइक सम जज कहते हैं i,a,s, communal vested interests than गलत होता है
आप पत्रकार डिबेट करने मे व्यस्त काँग्रेस प्रेस्कीमफ्रेस.... करेने मे व्यस्त.......ममता बॅनर्जी ,ओमर अब्दुला.... cm सुख लेने मे व्यस्त.... अखिलेश इधर या उधर खुद समझ नही पाए.... उद्धव ठाकरे...राज ठाकरे से मिलने मे व्यस्त... शरद पवार ... दोनो दरवाजे पे पैर रख के खड़े.... जनता राह ताकती विपक्षी दलो की.... कौन पूछने वाला है बीजेपी को.... ? SC के जज केस सुनने से अपने आप को अलग कर रहे.. हो..??? 😂😂😂😂 अगर निष्पक्ष निर्णय न लेने वाले जज बैठे हो ...??? चुना आयोग तो खुद बीजेपी का प्रत्याशी बन चुनाव कराता हो.... ???तो बीजेपी करेगी जो चाहा.... ??
It seems political parties and government institutions don't know that they are public servants and public are not their servants. Not only BJP, but even other political parties don't want greater transparency.
चुनाव के संबंधी डॉक्युमेंट मिलना चाहिए.नियम में बदलाव करना तानाशाही की तरफ एक और कदम है.
देश की सुरक्षा , आंतरिक सुरक्षा के नाम से. मोदी जी अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं.
चोर कब तक बचा रहेगा अंधभक्तों की आड में
एक दिन तो जाना ही पड़ेगा तिहाड़ में
Khan gang journalists ka rona shuru😂😂😂😂😂
रविंद्र सिंह शोरान जी का विस्लेशन बहुत ही सटीक और सही हैं ईमानदार हैं निडरता से किया हैं आज मुश्किल घडी में लोकतंत्र संविधान देश को ऐसे ही पत्रकरो की जरूरत हैं.राकेश सिंहा जैसे गोल मोल लोगों की जरूरत नहीं हैं.
अभी तक देश के लोगों को विश्वास नहीं था कि चुनावों में कुछ घाल मेल होता है लेकिन अब नई अधिसूचना के जारी होने से लोगों के इस विश्वास को जबरदस्त झटका लगा है: Save Democracy- Save India
@@ompavarma4344 रेट
चुनाव के नियमों में बदलाव अर्थात " मतदाताओं मत देने की औपचारिकता ही करेंगे लेकिन उम्मीदवार का चुनाव इवीएम करेंगे।
अरुण कुमार जी बहुत ही प्रमाणिक और तथ्यात्मक विश्लेषण करते हैं जो बहुत सटीक और प्रमाणिक विश्लेषण होता है.....!! सच्ची और अच्छी पत्रकारिता को धन्यवाद....!!
नमक का सवाल ही था जब महाराष्ट्र सरकार को गिराया गया और eci ने आनन फानन में दलों तोड़ दिया है और टूटे दलों को मूल दल की मान्यता मिल गई 🙏
चुनाव प्रक्रिया संदेह के घेरे में है..
अभी भी संदेह के घेरे में है
संदेह के घेरे में नहीं चोर है चोर
सन्देह तो साबीत हो गया ।
रविन्द्र भाई की जय हो
हरियाणा ने ए दो बड़ी पत्रकार दिए है
हरियाणा चुनावों के बाद
सभी पत्रकार साथियों को सैल्यूट
Behtreen program aapka.Salute hai apko Ashutosh ji is true Journalism ke liye.
Thanks Arunji for correcting BJP spoke person Rakeshji.
आशुतोष मुझे सिन्हा जी की बातों से ऐसा लगता हैं कि ओ CEC राजीव अग्रवाल की तरह ही बोल रहे है ये क्या बात है कि चुनाव में अधिक लोगों की इनबोलबिंग होती हैं तो कोई हेरा फेरि नही होगी गडबडी का कैसे की जा रही हैं।
1= जब इंजीनियर उसमें चिप डालते है उस चिप को जैसे चाहो उसकी मोंटरिंग की जा सकती हैं दूसरा सिम्बल डालते समय भी EVM को जैसे चाहो उसी तरह काम करेगा 2= EVM को आसानी से बदला जा सकता हैं इसपर भी सवाल कि जो इंजीनियर सिंबल डालते है उन्हे चंद दिनों के लिए लगाया जाता हैं ओ कंपनी के स्थाई इंजीनियर नही होते है फिर उनसे जैसे चाहो गड़बड़ी करवा सकते है क्या कारण है कि स्थाई इंजीनियर नही लगाए जाते है जबसे मोदी सरकार आई है।
आशंका सही है. सिन्हाजी प्रोफेशनल सेफ्टी वाल्व हैं. सर्विस प्रोवाइडर हमारे फोन से डाटा लेते हैं तो चिप को डिजिटल नंबर देकर सर्विस प्रोवाइडर डाटा चेक क्यों नहीं कर सकता, छेड़छाड़ क्यों नहीं कर सकता. य़ह यक्ष प्रश्न है.
बिल्कुल, राजेश kr सिन्हा चीफ ई सी राजीवकुमार की तरह बात कर रहे हैं! काफी घुटा हुआ व्यक्ति लग रहे हैं।
अगर कोई धांधली नहीं हुई है तो
जांच हो जाने दीजिए।
आपको रोज एक नियम लाने की क्या जरूरत है।
और फिर आप तो चोरी करते हुए
पहले भी पकड़े गए हैं।
आप शंका के घेरे में आ चुके हैं।
हम चाँद पर भेजें चंद्रयान को जमीन से कंट्रोल कर सकते है पर चुनावी मशीन हैक नही होसकता है
नये नियम आने वाले चुनाव पर लागू होंगे पर पिछले चुनाव इस के जद में नही आयेगे 🙏
राकेश जी ये बताये की महाराष्ट्र के एक गाव मे आम जनता को पेपर से वोट डालने क्यों नहीं दिया गया है? राकेश जी बहुत भोले भाले हैं।
सरकार ने सबूत दे दिया कि क्यों छिपाना पड़ा?
जिस देश में ज्वलंत बुनियादी समस्याओं की बजाय धर्माधारित सांप्रदायिक मूल्यों के प्रति आक्रामकता हो उस देश में ही एलेन मस्क की evm पर की गई टिप्पणी को सिरे से नकारा जा सकता है,पारदर्शिता विरोधी चुनावी कानून में बदलाव के दुष्परिणाम को 80 करोड़ लाभार्थी वाले देश में ही हल्के से लिया जा सकता है।🎉
आशुतोष जी अब भी आप नहीं कह सकतें तो आपको परिचर्चा नहीं करानी चाहिए,, हरियाणा, महाराष्ट्र और पहले मध्यप्रदेश और गुजरात,,,के परिणाम आप को जायज़ लगते है,,
@@anulilha इनको सत्य हिन्दी भी तो चलाना है। इनको प्रमाण चाहिए। चारों तरफ़ प्रमाण बिखरे पड़े हैं जीतने चाहो बटोर लो आशुतोष जी। संदीप चौधरी और राजदीप की तरह balancing act मत करिए।
मध्यप्रदेश से बैट्री ९९% निकलना चालू हुआ था ।
आशुतोष जी सबसे अच्छा उपाय यह है कि चुनाव के समय सर्व दलीय सरकार बननी चाहिए और जो सरकार सत्ता में पांच साल से चल रही थी उसके कोई पावर नहीं रहने चाहिए।तभी निष्पक्छ चुनाव हो सकता है।
राकेश जी प्रशासन संग देता है जैसा यूपी चुनाव में दिया है
Arun ji well said and concluded.
O, पांडे जी का कथन बिल्कुल सही है।
100%True bharat Ratan Arun ji.Jai Ramchandra ji ki Jamaatt uska sargna uska giroh or uske sarkari members. New ECI.Anil Maseeh. Becharay 80%..Jai N.Koria.
जब सब निष्पक्ष ही हो रहा चुनावों में तो क्या जरूरत पड़ी मोदी को सीजेएम को चुनाव आयोग की नियुक्ति से हटाने का
✅
आशुतोषजी वज़न करने का इलोकटोरनीक स्केल (तराजू) की बेटरी डाउन होने पर डीवाईस पर अंक भागने लगता है इस तरह बेटरी डाउन या ओवर चार्ज करने पर डिवाइस पर अंक गलत दिखा शकता है। और इसलिए चुनाव और परिणाम में लंबा समय रखा जाता है।
Very nice view
सवाल ये ही है चयन समिति से cji को क्यों हटाया गया 🙏
Bhut achcha vishleshn kiya he ashutosh sir
नुकसान तो जनता हो रहा है
हर विधानसभा का 5 बजे के बाद का विडियो देखना चाहिए सब दुध का दुध ओर पानी का पानी हो जाएगा ।देखे तो जरा 5 बजे के बाद लाखो लोग भोट केसे देते है और 99% बैट्री कहा से आयी।
कोर्ट मे निष्पक्ष न्याय की उम्मीद है क्या ?
जनता न्यायाधीशो कोसजा दे
जनता वोट करती है पर जानकारी नही ले सकती है। क्या अब जनता बैंक से अपना खाता कि लेन देन कि जानकारी भी नही ले सकता है।
चुनाव के दिन सायं ५ बजे पोलिंग बूथ के बाहर मतदाताओं की क़तार की वीडियोग्राफी सभी प्रमुख दलों के नेताओं को करानी चाहिए, ताकि पता चल सकेगा कि कितने लोग मतदान के लिए लाइन में खड़े थे और कितने वोट ५ बजे के बाद बढ़े ; इससे चुनाव की विश्वसनीयता पता चलेगी !
बीजेपी जीत नही रही जिताया जा रहा है 🙏
कसम से पहली बार ऐसी डिबेट जिसमें प्रतिभागियों ने निडरता के साथ बहुत निष्पक्ष तरीके से अपने विचार रखे
राकेश बीजेपी का कार्यकता है
क्या संसद द्वारा पास किए गए नियमों में मंत्री अथवा सचिव स्तर का व्यक्ति फेरबदल कर सकता है?
जनता कको न्याय के लिए धरने प्रदर्शन करने पड़ते हैं जैसे हरियाणा दूर दर्शन केंद्र हिसार एकमात्र को चंडीगढ़ शिफ्टिंग के नाम से 15 जनवरी 23से बंद कर दिया है 720 दिन से धरना जारी है सरकार को पीएम तक ज्ञापन दिया जा चुका है कोई कारण नहीं कोई जवाब नहीं जैसे मुड़े हो तो पब्लिक चिंतित होती है इसलिए हर बार पब्लिक ही प्रभावित होती है
Wa Ravindra singh 🎉
इसी क्रम गुजरात मध्य प्रदेश और राजिस्थान छत्तीसगढ़ में बम्फर जीत मिली है ज़ब कि माहौल विपरीत था
चुनाव आयोग कितना गिर गया है। देश को गर्त में ले जा रहा है चुनाव आयोग।
चुनाव नियमों में संशोधन इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के होने चाहिए। ना कि चुनाव प्रक्रिया को संदिग्ध बनाने में मदद रूप या कन्फ्यूजन पैदा करने वाले संशोधन शक पैदा करते है। इलेक्शन कमिश्नर की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव किया है वो बहुत ही संदेह के घेरे में आ जाता है।
चुनाव आयोग अपनी ग़लती छिपा रहा है
अरुण अग्रवाल जी.... आप कहते रह गये ..." किसे बेव कूप बना रहे है...?" 😂😂😂 बीजेपी कर के दिखाकर साबित कर चुकी आपको हमको सबको... "बेव कूप" बना दिये.... 😂😂😂
सबके नजरो के सामने...
उन्हे पता है... आप सिर्फ डिबेट कर सकते है...😂😂 और कुछ कर नही सकते....😂😂😂
The best debate on this new rule made by the Government for Election Commission.
AISI HI ULTI SEEDHI DALILE ELECTORAL BONDS,,RAFAEL, PEGASUS,RTI,ECI, SABHI JAGAH SCAMS , PUBLIC KO ✅👍🙏💯 ANDHERE ME RAKHA KAR GOV LOOT RAHI HAI MERABHARATMAHAN SAMVIDHAN ZINDABAD JAYHIND THANKS 🙏👍
राकेश जी ने सही बात बोल दी...
चुनाव आयोग किसी को कुछ नहीं देगा,,, देख लेना आप लोग 1000%
Ravinder Singh ji ….I love your comment
सरकार अपनी बेइमानी छुपाना चाहती है.
ऐसा क्यों किया गया, जब अब तक ऐसा होता आया है फिर तब इसे क्यों बदला गया?
इसको कहां से ले आए हैं ये भाजपा का प्रवक्ता है।
The entire nation should oppose it tooth and nail.
I agree with the views of Pandeyji.
Transparency is essential in any decision in rule of law
Sinha sir u r under estimating Modi n Shah u might be true but today the senorio has changed
Votings me Ghotala Longo ko pata n chal jaye, Isiliye RULES hi badal diya, Sharmnaak hai??
कुछ तो है, जिस के लिए सुरक्षा घेरा बनाया गया है.
200^ True. Panday ji.becharay hum Hindustani. Or yeh saalay opposition.
सरकारी कर्मचारी इतना डरा हुआ है उसकी हिम्मत ही नहीं है कि बो सत्ता के खिलाफ बोल पाए
आप संतुष्ट होंगे तो 130 करोड़ और लोग भी तो हैँ.... कितनों को समझायेंगे... ज्यादातर लोग प्रक्रिया से संतुष्ट हैँ...
चुनाव के ठीक पहले वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन होता है.लेकिन मतदान के दिन वोटर को बताए बिना उसके बूथ का वोट दूसरे बूथ पर क्यों ट्रांसफर हो जाता है? वोटर लिस्ट में काम करने वाला बीएलओ भी इससे अनजान होता है.
Sakh bachi nhi hai logo ko lag rha hai ki koi nispaksh hai ki nahi.
Great discussion
VERY GOOD JAY BHEEM JAY SAVIDHAN SPS MORADABAD
राकेश सिन्हाजी ,वोटिंग ख़त्म होतेही लास्ट फिगर मिल जाती है फिर 2/3 दिन के बाद वोट कैसे बढ़ जाते है ,इस का जवाब देदो .पोस्टल वोट तो अलग बात है वो तो गिने जा सकते है ,लेकिन दो तिन बाद वोट बढ़ना गलत है .
According to Rakesh Kumar Sinha there should be no corruption in the government. What a joke our bureaucrats have become?
Panday sir ki comments to kamal ki haen
राकेश सिंहा लगता है EVM issue की समझ नहीं रखते हैं. क्या अरुण का सवाल की percentage बिना मूल नंबर जाने कैसे निकाला जाता हैं. इसके बारे में राकेश सिन्हा क्या कहेंगे?
I can just laugh on Rakeshji’s comments. So innocent 😮😮
Good Pandey ji
लोग नही आप परेशान है
सरकार की मंशा पर शक पैदा होता है, अगर सारे डोक्युमेंट्स दिखाए गए तो मतदान विसंगतियों की कलई खुल जाने का डर है।
Good writer 🎉
👍
Good 👍
सत्य हिंदी के लिए कांग्रेस जीते तो फ्री एंड फेयर इलेक्शन होता हैं वरना नहीं😂
one who has reputation has fear of loss , but one has no reputation has nothing to loose
रविंद्र जी लोग वोट डालने के बाद कुछ भी बोलते हैँ... आपने वोट भी तो डाला होगा... पर्ची किसकी निकली थी?
Pandey ji is very right. You don't need a big group to manage evm or election
सिन्हा साब, ईवीएम में अगर प्रोग्रामिंग के जरिए धांधली करनी है तो हो सकती है और किसीको पता भी नहीं चलेगा, न कैंडिडेट को,न इलेक्शन ऑफिसर को, न किसी मंत्री स्त्री को न प्रोग्राम अपलोड करने वाले इंजीनियर को। ये तो सिर्फ डिपेंड करता है प्रोग्राम बनाने वाले पे और उसको किस ने ज्यादा पैसा खिलाया है उसके फेवर में प्रोग्राम बना देगा। B
puRa Desh ko❤
ApaCh HuAA H BhaEi🚩🚩
EVM se
puRe Vepkash ka HaJaMa KhRaB KeYa H EVM Ne❤❤Bhei Sab❤❤
सीसीटीवी कवरेज की फिर जरूरत ही क्यों रह जाएगी ?
Ashutosh ji In this circumstances what is the duty of Naidu and Nitish.?In case Naidu and Nitish do not withdraw their support to Midi governance and Modi governance obtained the majority in parliament.Similarly,Modi Governance passed the ordinance against the judgement of judicry and revoked the operation of order of judicry.Kindly suggest where the people may go for justice and to maintain their freedom and what legitimate step to be taken by the people of India pl.
BJP GOVERNMENT JOB PE BAAT KRO.
ए भी इलाहाबाद के जज का डीएनए है
गोदी वाले के विचारों ही अधिक प्रभावित है
Etihas badalte rahenge , ghosit emergency aaj aghosit emergency
Rakesh Sinha is favouring E. C and Central govt.
Ashutosh sir you know everything but today u r moderate
चुनाव आयोग व चुनाव सम्बन्धित आलोचना करने पर यू ट्यूब उस प्रोग्राम के पैसे नहीं देते हैं. इसलिए सब बच बच के बोल रहे हैं. चुनाव आयोग की हिदायतें इसलिए नीचे दिखाई गई हैं.
झटका लगा , हो लगा,
Rakesh ji apne background ko bhul jao....abb sabh kuch badal giya hai... background se future tak
ECI IS GREATER BLUFFMASTER
Mr Rakesh जी केवल भावना को कह रहे हैं लेकिन अत्याचार को आफिसर ही अंजाम देते हैं पीएम नहीं सो ऑफिसर या कायर हैं करप्शन या कोई मतलब रखता है या रुलिंग पार्टी का है लाइक सम जज कहते हैं i,a,s, communal vested interests than गलत होता है
Further to note that the new rule cannot be implemented retrospectly. So, Mahmud Pracha's appeal will remain effective even otherwise.
A voter is party to every election so he has the right to access to every election document
🎉🎉🎉🎉
Public ko vote dalna band kar dena chahiye.
Khan gang journalists ka rona shuru😂😂😂😂😂
आप पत्रकार डिबेट करने मे व्यस्त काँग्रेस प्रेस्कीमफ्रेस.... करेने मे व्यस्त.......ममता बॅनर्जी ,ओमर अब्दुला.... cm सुख लेने मे व्यस्त.... अखिलेश इधर या उधर खुद समझ नही पाए.... उद्धव ठाकरे...राज ठाकरे से मिलने मे व्यस्त... शरद पवार ... दोनो दरवाजे पे पैर रख के खड़े.... जनता राह ताकती विपक्षी दलो की.... कौन पूछने वाला है बीजेपी को.... ? SC के जज केस सुनने से अपने आप को अलग कर रहे.. हो..??? 😂😂😂😂 अगर निष्पक्ष निर्णय न लेने वाले जज बैठे हो ...??? चुना आयोग तो खुद बीजेपी का प्रत्याशी बन चुनाव कराता हो.... ???तो बीजेपी करेगी जो चाहा.... ??
It seems political parties and government institutions don't know that they are public servants and public are not their servants.
Not only BJP, but even other political parties don't want greater transparency.