यह बिल्कुल अविश्वसनीय है कि जो व्यक्ति पूरे पांच साल उत्तराखंड प्रदेश का मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश का चार बार मुख्यमंत्री तथा केंद्र में वित्त, विदेश, भारी उद्योग जैसे मंत्रालयों का कैबिनेट मंत्री और एक लंबे समय तक प्रदेश व देश की राजनीति का प्रमुख चेहरा रहा, उसे प्रदेश की राजधानी में ऊर्जा निगम के मुख्यालय का कोई कर्मचारी नहीं पहचान पाया।
हम जानते है और मानते भी है कि तिवारी जी एक महान नेता थे, और उन्होंने अपने जीवनकाल में काफी संघर्ष किया, पर उन्होंने हमेशा ही पहाड़ को अनदेखा किया। वो जब नेता थे तब भी , और जब सबसे बड़े सूबे (uttarpradesh) के मुख्य मंत्री बने तब भी। वो चाहते तो पहाड़ के लिये बहुत कुछ कर सकते थे। उनके बारे में कहा जाता है कि जब वो नवगठित राज्य उत्तराखण्ड के पहले मुख्यमंत्री बने थे तब भी उन्होंने कभी उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों (गांवों)का भ्रमण तक नहीं किया । जिस वजह से गांवों की मुख्य समस्याएं कभी भी सरकार तक नहीं पहुंच पाई। जिसका दंश आज भी उत्तराखण्ड राज्य भुगत रहा है। जय उत्तरांचल, जय देव भूमि, जय उत्तराखण्ड 🚩🚩🚩🚩🙏🙏
नारायण तिवारी जी बहुत अच्छे नेता थे परंतु पहाड़ के लिए उन्होंने विशेष कुछ नहीं किया उत्तराखंड की और भी नेता बने केंद्र की जी हजूरी में लग रहे मोदी जी ने 10 साल में उत्तराखंड के लिए जो किया सारण्यहै ऐसे काम 60 साल पहले भी होती आज पलायन नहीं होता
PradeepJi Narayan datt ne offer thukraya nahi tha Banane nahi diya aur ban nahi paaye Kyunki us saal wo Nainital se haar gaye they Aur Inhone Uttarakhand ke liye 2kaudi ka kaam nahi kiya even apane gaon ke liye Inhone Vikas kewal apane family ka kiya (Jisme Hridyesh family bhi aati hai) na ki aam janta ka Isiliye unka uphaas udaya jata tha Bura lagega lekin yahi satya hai
He was a blot on uttrakhand history. Corrupt to the core, visionless politician. Shame on people who still support him. We are better off without these netas. One should be aware that he was never in support of uttrakhand as a separate state.
बेहतरीन पत्रकारिता 🎉❤
बेहतरीन, शानदार, सर्वोत्तम और गहन विश्लेषण सहित शानदार Narration पूरी टीम को बधाई 🎉
यह बिल्कुल अविश्वसनीय है कि जो व्यक्ति पूरे पांच साल उत्तराखंड प्रदेश का मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश का चार बार मुख्यमंत्री तथा केंद्र में वित्त, विदेश, भारी उद्योग जैसे मंत्रालयों का कैबिनेट मंत्री और एक लंबे समय तक प्रदेश व देश की राजनीति का प्रमुख चेहरा रहा, उसे प्रदेश की राजधानी में ऊर्जा निगम के मुख्यालय का कोई कर्मचारी नहीं पहचान पाया।
सराहनीय प्रस्तुति । अच्छी रिसर्च के साथ-साथ तथ्यो के स्रोत को भी खूबसूरती संग प्रस्तुत करने के लिए प्रदीप सती व टीम को बधाई।
हम जानते है और मानते भी है कि तिवारी जी एक महान नेता थे, और उन्होंने अपने जीवनकाल में काफी संघर्ष किया, पर उन्होंने हमेशा ही पहाड़ को अनदेखा किया। वो जब नेता थे तब भी , और जब सबसे बड़े सूबे (uttarpradesh) के मुख्य मंत्री बने तब भी। वो चाहते तो पहाड़ के लिये बहुत कुछ कर सकते थे। उनके बारे में कहा जाता है कि जब वो नवगठित राज्य उत्तराखण्ड के पहले मुख्यमंत्री बने थे तब भी उन्होंने कभी उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों (गांवों)का भ्रमण तक नहीं किया । जिस वजह से गांवों की मुख्य समस्याएं कभी भी सरकार तक नहीं पहुंच पाई। जिसका दंश आज भी उत्तराखण्ड राज्य भुगत रहा है। जय उत्तरांचल, जय देव भूमि, जय उत्तराखण्ड 🚩🚩🚩🚩🙏🙏
एक दमदार प्रशासक व उत्तराखण्ड के शानदार नेता
बहुत सुन्दर प्रस्तुति नारायण दत्त तिवारी की संपूर्ण जीवन के बारे में धन्यवाद आपको ओर आपकी पूरी टीम को इस तरह के वीडीओ बनाने के लिए 🙏🙏
नारायण तिवारी जी बहुत अच्छे नेता थे परंतु पहाड़ के लिए उन्होंने विशेष कुछ नहीं किया उत्तराखंड की और भी नेता बने केंद्र की जी हजूरी में लग रहे मोदी जी ने 10 साल में उत्तराखंड के लिए जो किया सारण्यहै ऐसे काम 60 साल पहले भी होती आज पलायन नहीं होता
Bahut khoob🔥🔥
तिवारी जी सही मायनों में उत्तराखंड के विकास पुरुष थे ,आज कल तो चमचे और भक्त हर किसी को विकास पुरुष कहने लगते है
Maje bhi khoob liye
PradeepJi Narayan datt ne offer thukraya nahi tha
Banane nahi diya aur ban nahi paaye
Kyunki us saal wo Nainital se haar gaye they
Aur Inhone Uttarakhand ke liye 2kaudi ka kaam nahi kiya even apane gaon ke liye
Inhone Vikas kewal apane family ka kiya (Jisme Hridyesh family bhi aati hai) na ki aam janta ka
Isiliye unka uphaas udaya jata tha
Bura lagega lekin yahi satya hai
बढ़िया प्रस्तुति।
He was a blot on uttrakhand history. Corrupt to the core, visionless politician. Shame on people who still support him. We are better off without these netas. One should be aware that he was never in support of uttrakhand as a separate state.
❤❤
Mja aa gya
बमेठा कथा रोचक ।
बमेठा कौनसी प्रजाति होतीहैॽ
ऐसा नहीं हो सकता! तिवारी की बेइज्जती मत करो,काल्पनिक बातें मत बनाओ
अवैध संबन्ध इज्जत का प्रतीत है