आर्य समाज का सच arya samaj ka sach || Jagadguru Swami Shri Raghvacharya Ji Maharaj

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  • Опубликовано: 27 авг 2024
  • आर्य समाज का सच arya samaj ka sach || Jagadguru Swami Shri Raghvacharya Ji Maharaj
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    Shrimadjagadguru Shriswami Dr. Raghavacharyaji is the Peethadishwar of Shridham Ramvarnashram Ayodhya. He is also the Sarvarahkar Mahant of many religious places and Shriramlala Sadan Devasthan trust is the most significant of them. Shriramlala Devasthan Trust is working for the renovation of Shri Ramlala Mandir. This Temple is situated near Shriramjanmbhumi, Ayodhya. Shri Nandani Goshala is also functioning under this trust, and the expansion of the Goshala is one of the projects of this Trust.
    The head and the director of this Trust is Shri Jagatguru Ramanucharya Swami Shri Raghavacharyaji, who is respected for his profound knowledge of Vedic Scriptures, Hindu Mimansa and religion. Hon. Swamiji is highly educated and relates the work of the trust to the present scenario and needs of the society. The restoration work of the temple is progressing under his guidance. The trust is also engaged in various social, educational and spiritual activities. Presently Shri Swamiji intends to make the temple a Vedic and spiritual centre and a seat to perform Vedic rituals.
    Presently following Organisation is running under his leadership in Ayodhya.
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    2) Shri Ramlala Sadan Devasthan Trust Ayodhya.
    3) Shri Hanuman Mandir, Ramkot Ayodhya.
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Комментарии • 951

  • @swamipunyadev
    @swamipunyadev 27 дней назад +41

    आर्य समाज का सत्य है कि जब आपके पूर्वज सोए थे। तब आर्य समाज देश के लिए शहादत दे रहा था आजादी की लडाई में

    • @SandhyaSharma-bv5hg
      @SandhyaSharma-bv5hg 24 дня назад

      बिलकुल सही कहा आपने भैया पर ये लोग इस बात को स्वीकार नहीं करेंगे, जब विधर्मियों के द्वारा हिन्दुओ के देवपुरुषो के चरित्र को कलंकित किया जा रहा था, तब जितने भी कथावाचक, भागवताचार्य थे उनमें से किसी की हिम्मत नहीं हुई कि विधर्मियों के बीच में कुछ बोल सके, तब आर्य समाज के विद्वान चंपूपति जी ने धर्म विरोधियों के विरूद्ध आवाज उठाई थी,
      भारत को स्वतंत्र करणे वाले स्वतंत्रतासेनानियों में सर्वाधिक् आर्य समाजिक ही थे, (भगत सिंह, रामप्रसाद बिस्मिल, लालालाजपत राय, चन्द्रशेखर आजाद, आदि) जिन्होनें भारतीय जनता को स्वतंत्र हेतु जागरूक किया

  • @gyansaxena4030
    @gyansaxena4030 4 месяца назад +56

    महर्षि दयानद ने सत्य ही लिखा है कि -" यद्यपि मनुष्य का आत्मा सत्यासत्य का जाननेहारा है, तथापि अपने प्रयोजन की सिद्धि, हठ, दुराग्रह और अविद्यादि दोषों से सत्य को छोड़, असत्य पर झुक जाता है". यहाँ इन महाशय का भी ठीक यही हाल है। अविद्या तो भरी ही पड़ी है , हठ , दुराग्रह और अपने प्रयोजन की सिद्धि उसपे तड़का मार रहे हैं।
    अब इनकी बात का उत्तर देते हैं , इनका कहना है कि वेद मन्त्र "न तस्य प्रतिमSस्ति" का अर्थ उसकी प्रतिमा नहीं होती, ऐसा न होके, उसके जैसे दूसरा नहीं होता, ऐसा है। और उदहारण दिया की प्रत्येक मनुष्य भी अपने में अनुपम है किन्तु उस मनुष्य की प्रतिमा या प्रति चित्र तो उसके जैसा होता है , अतः ईश्वर की मूर्ती या चित्र ईश्वर जैसा हो सकता है और ईश्वर होता है।
    कितनी मूर्खतापूर्ण बात है ये !! ऐसी बात इनके जैसे जड़ पूजा करने वाले जड़बुद्धि मनुष्य ही कर सके हैं। यदि दुर्जन्तोष न्याय से ये मान भी लिया जाए की "न तस्य प्रतिमSस्ति" का अर्थ, जो अर्थ इन्होने किया वही है, तो भी]बहुत से प्रश्न उठते हैं। १- प्रथम, फिर भी वह ईश्वर की मूर्ती है ईश्वर स्वयं नहीं , इनका ही उदहारण ले, तो क्या हम किसी दुसरे मनुष्य की प्रतिमा या चित्र से मनुष्यवत व्यव्हार करते हैं अर्थात उसे खिलाते-पिलाते या उससे बात-चीत करते हैं ? तो ईश्वर की प्रतिमा से क्यों ? किन्तु ये तो निरर्थक वितर्क है २- क्योंकि चित्र तो साकार का बनता है निराकार का नहीं , क्या वायु, प्रसन्नता , दुःखादि का चित्र या प्रतिमा बनाई है किसी ने, ईश्वर में कोई भी भैतिक गुण नहीं और यजुर्वेद के चालीसवें अध्याय में ईश्वर को "अकायम" कहा है , तो जिसकी काया नहीं उसकी क्या प्रतिमा बनाओगे ?

    • @sanatantimes2718
      @sanatantimes2718 2 месяца назад +2

      बाचाल हो और कुछ नहीं

    • @rahul-wf9pk
      @rahul-wf9pk Месяц назад +3

      जिन्हें सत्य को जानना है उन्हें महर्षि दयानंद सरस्वती कृत सत्यार्थ प्रकाश अवश्य पढ़ाना चाहिए
      ओउम

    • @sanatantimes2718
      @sanatantimes2718 Месяц назад +3

      चपाठ हो कभी नहीं समझ पाओगे

    • @rahul-wf9pk
      @rahul-wf9pk Месяц назад +1

      @@gyansaxena4030 you have given a good reply to blind followers
      ओउम

    • @mrmissilebaba7726
      @mrmissilebaba7726 Месяц назад

      Main Itna hi kahana chahta hun Islam Dharm mein ek Sunni jaati Karke aati Hai vah bhi Keval Kuran ko manati hai aur koi chij ka bare mein nahin manati hai na namaj jaati Hai padhne vaise Arya samaj Sunni ke jaati Hain Naam Ke Hindu hai lekin Hindu Nahin Hai

  • @HaridevSharma-rc1jv
    @HaridevSharma-rc1jv 4 месяца назад +23

    हम सब ऋषि मुनियों की संतान आर्य पुत्र हिन्दू मेरा देश आर्य वर्त भारत उप नाम हिन्दू स्थान इण्डिया।। मेरा गुरु माता पिता आचार्य वेद भगवान्।। गुरु मंत्र गायत्री।। सत्य सनातन वैदिक धर्म।। हमारे आदर्श मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र योगेश्वर श्रीकृष्ण भगवान् आचार्य चाणक्य। सृष्टि कर्ता विश्व कर्मा भगवान्।। प्रेरक सत्यार्थप्रकाश।।।

  • @mumukshuarya774
    @mumukshuarya774 2 года назад +32

    यजुर्वेद ४०.८ मंत्र में ईश्वर ने अपने गुण कर्म स्वभाव के विषय में हम मनुष्यों को बताया है
    ---डा मुमुक्षु आर्य
    स पर्यगाच्छुक्रमकायमवर्णमस्नाविरँ शुद्धम् अपापविद्धम्कविर्मनीषी परिभू: स्वयंभूर्याथातथ्यतोअर्थान्व्यदधाच्छाश्वतीभ्य: समाभ्य:||-यजुर्वेद ४०.८ ,ईशोपनिषद् मंत्र-८
    स- वह परमात्मा
    परिअगात- सब ओर गया हुआ, सब ओर व्याप्त व फैला हुआ
    शुक्रं- शुद्ध, पवित्र,दीप्त, संसार का उत्पन्न करने वाला
    अकायम-सब प्रकार के शरीरों से रहित,निराकार
    अव्रनं- घावों व छिद्रों से रहित
    अस्नाविरं- नस नाडी के बंधन से रहित,अजन्मा
    शुद्धं- सब मलों से रहित, शुद्ध, पवित्र
    अपापविद्धं- पापों,अविद्या व विकारों से रहित
    कवि: - वेद रूपी काव्य का निर्माता, ज्ञानी, सर्वज्ञ
    मनीषी- मनन करने वाला, सबके मन कि बात जानने वाला
    परिभू: - सब जगह व्याप्त
    स्वयम्भू: - स्वयं सत्ता वाला, अपने कार्य में किसी और की सहायता न लेने वाला,अनादि
    याथातथ्यत-यथार्थ भाव से
    अर्थान्-वेदज्ञान ,कर्मफल व सब पदार्थों का
    शाश्वतीभ्य: समाभ्य:-शाश्वत काल से सब प्रजा के लिए व्यदधात्-विधान करता है,उसी सर्वव्यापक निराकार परमात्मा की योगाभ्यास द्वारा उपासना करो|

    • @BrajeshKumar-kn1px
      @BrajeshKumar-kn1px 5 месяцев назад

    • @RSB143
      @RSB143 5 месяцев назад

      ​@@BrajeshKumar-kn1pxkya गलत meaning kr ke betha hai vo

    • @Ankit_Arya_
      @Ankit_Arya_ 5 месяцев назад +2

      जी बिल्कुल सही अर्थ है आपका धन्यवाद आर्य जी ❤🙏

    • @nirmalakadian3818
      @nirmalakadian3818 26 дней назад

      प्रतिमा का अर्थ है रंग रुप आकार कुछ नहीं है तो उसकी आकृति नहीं ये आकृतियां तो जो हमारे महापुरुषों की बना दी।जो मां के गर्भ से उत्पन्न होता है वह परमात्मा नहीं है चेतन मूर्तियों की सेवा सुश्रुषा, पूजा यानी उनकी। आज्ञा का पालन करो जड़ मूर्तियों का खण्डन वे हमारी क्या साहायता कर सकती हैं वेद शास्त्रों के अर्थ का अनर्थ मत करो। झूठा ज्ञान मत फैलाओ

  • @PawanKumar-zj4jf
    @PawanKumar-zj4jf 2 месяца назад +9

    गुरु देव जी आप अगर सच में विद्वान हैं, और शास्त्र की जानकारी रखते हैं, और हिन्दू धर्म के ठेकेदार हैं, तो हम आपका स्वागत करते हैं, शास्त्रर्थ करवाने के लिए, आप आर्य समाज के विद्वान से शास्त्रर्थ कर लिजिए, दुध का दुध पानी का पानी हो जाएगा, हिन्दू धर्म के ठेकेदार हैं, और हिन्दू को सिर्फ बहकाने का काम किया जा रहा है, इन घनटू - घनटालू के द्वारा और हिन्दू सबसे ज्यादा आज अपने अस्तित्व से खत्म होते जा रहा है.

    • @sunilarya8178
      @sunilarya8178 27 дней назад

      इन मूर्खों ने हिंदू धर्म का बेड़ा गर्क कर रखा है

  • @deepak_arya966
    @deepak_arya966 2 месяца назад +24

    राम और कृष्णा तो हमारे भगवान हैं ईश्वर एक ऐसी सप्ताह है जो इस दुनिया को निराकार रूप में चल रही है आर्य समाज राम को यंत्र कृष्ण को आर्य समाज मूर्ति का खंडन नहीं करता पत्थर पूजा का खणन करता है ❤❤❤❤

    • @sudarshan3883
      @sudarshan3883 28 дней назад

      Maha murkh ho tum , Ram Krishna svayam Parbrahman Parmatma Nārāyana he ha . Or murti puja jo jiska vidhan shastro ma agam adi me pura varnan ha usko paathar ka bol rhe ho🤣🤣

  • @AjayKumar-gu7tx
    @AjayKumar-gu7tx Месяц назад +6

    जितने भी परमात्मा के रूप दिखाई जाते हैं समाज के अंदर के आदमी की कल्पना है

  • @divyajain6208
    @divyajain6208 Месяц назад +5

    आपसे प्रार्थना है किसी आर्य समाज के विद्वान से शास्त्रार्थ करें । धन्यवाद।

    • @ramvirthakur7583
      @ramvirthakur7583 5 дней назад

      Ye maharaj gar ke rahenge na gat ke aryasamaj se Gyan ladaoge to😂

  • @PhysicswithPrincekhapra
    @PhysicswithPrincekhapra 2 года назад +47

    आर्य समाज ईश्वर की मूर्ति बनाने का विरोध नहीं करता,
    आर्य समाज मूर्ति पूजा का विरोध करता है,
    चित्र की पूजा नहीं, चरित्र की पूजा करो,
    हमारे ऋषि मुनियों ने, ईश्वर की पूजा के लिए बहुत बेहतर वेदानुकूल विकल्प बताये हैँ,
    जैसे की वैदिक संध्या,
    ऋषि पतंजलि का बताया अष्टांग योग,
    अष्टांग योग से ही ईश्वर की उपासना की जा सकती है,
    आज कल के गुरु, भले भले लोगो को वेदों से दूर लेते जा रहे हैं

    • @adityasharma485
      @adityasharma485 2 года назад +2

      Yog marg alag h gyaan maarg alag h or bhakti marg alag h

    • @adityasharma485
      @adityasharma485 2 года назад +1

      Patanjali se phle bhi ki rishi hue h

    • @harsh312harshh
      @harsh312harshh Год назад +4

      Kin pakhndio ko smjra rhe ho yeh radha radha ke nam pr pagal banate he

    • @Athato_Brahmajijnasa
      @Athato_Brahmajijnasa Год назад +1

      Bhagwan Vaikuntha Nath Shrimannarayana ke shri charano me prapatti karne Matra se mukti ka marg khul jaata hai.
      Jaise, Bhagwan Shri Ram Valmiki Ramayana me pratigya karke kahate hai सकृदेव प्रपन्नाय तवास्मीति च याचते। अभयं सर्वभूतेभ्यो ददाम्येतद् वचं मम।। "Nar, Nari, Napunsak, Pashu, Pakshi, Pishach, Rakshas, Dev, Danav, Kinnar, Gandharv chahe koi bhi kyu na ho, jo koi bhi mujse kahe ki mai aapka hu, Mera yah vrat hai ki unhe mai abhay pradan Karu."
      Jeev ka yahi Dharma hai ki Bhagwan ki Sharanagati kare. Shri Krishna Paramatma kahate hai
      सर्वधर्मान् परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।
      अहं त्वां सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः।।
      "Sabhi anek vividh prakar ke dharmo ko tyagkar meri sharan me jaao. Mai tumhe tumhare samaste papo se mukta kar dunga isliye shok mat karo."
      Bhagwan Shri Ram aur Shri Krishna dono hi Paramatma ke avtaar the. Yadi koi kahe ki ve nahi the, tab to unhe Ramayan Mahabharat sahit samast shastro ko juthlana hoga. Sabhi shastro me milawat nahi ho sakti. Isliye Arya Samajiyo ka tark vyarth hai, unke liye shastra pramaan nahi hai.

    • @piyushjoshi4618
      @piyushjoshi4618 Год назад

      ​@@Athato_Brahmajijnasachup kr pakhandi 😂

  • @renugrover1105
    @renugrover1105 4 месяца назад +8

    Satya Sanatan Vaidik Dharam ki Jai

  • @narendrasinghrajput8036
    @narendrasinghrajput8036 День назад

    आर्य समाज एक ऐसी विचार धारा जिसे आप ने नही समझा तो आप का संपूर्ण जीवन व्यर्थ गया।जो आर्ष सिद्धांत को जान गया वो परम सौभाग्य शाली हैं

  • @Ashish36963
    @Ashish36963 Год назад +26

    Morkho pakhndiyo, sanatan Vedic Dharm ka shudhtam rup hai Arya samaj
    आर्य समाज अमर रहे 🕉️🚩✊
    वेदों की ज्योति जलती रही 🕉️🚩✊

    • @internationalgamerguy
      @internationalgamerguy 3 месяца назад +1

      agar sabse zyada kisi ne sanatan dharm ko barbad kiya hai to wo arya samaj hai aur sakar ishwar ko mitane ke liye galat translation kiya us dayanand wo ek pagal vyakti se badh kar kuch nhi tha ek shlok me maya ka arth buddhi karta hai kya maharishi bolte ho us pagal ko

    • @prasanakumarmishra1762
      @prasanakumarmishra1762 Месяц назад

      ​@@internationalgamerguy🌈

  • @user-vq3yn3hy6d
    @user-vq3yn3hy6d 2 года назад +25

    प्रतिमा का अर्थ है आकृति ! आकृति किसी की भी हो सकती है पर ईश्वर की कोई आकृति नहीं है वह निराकार सर्व व्यापक है चारों वेदों में कहीं भी मूर्ति पूजा का नामोनिशान उल्लेख नहीं है। वोवदेव द्वारा रचित भागवत में विरोधाभास है जिस ग्रंथ में विरोधाभास बातें होती हैं वह ग्रंथ प्रमाणित नहीं होता है। भागवत में कहीं मूर्ति पूजा का खंडन लिखा है तो कहीं भागवत में ईश्वर की आकृति की पूजा भी लिखी है। व्यास जी ने वेद का प्रचार प्रसार किया भागवत का नहीं इसलिए उनको वेदव्यास कहते हैं
    सत्य सनातन वैदिक धर्म को जानने के लिए महर्षि दयानंद कृत सत्यार्थ प्रकाश पढ़िए सारी भ्रांतियां दूर हो जाएंगी।। प्रशांत मुनि

    • @Aghori_Tantrik208
      @Aghori_Tantrik208 2 года назад +4

      100% सत्य भाई जी 🙏🙏। स पर्यगाच्छुक्रमकायमव्रणमस्नाविरँ शुद्धमपापविद्धम् । कविर्मनीषी परिभूः स्वयंभूर्याथातथ्यतो र्थान्व्यदधाच्छाश्वतीभ्यः समाभ्यः ॥यजुर्वेद अध्याय 40 का यह 8 मंत्र भी परमात्मा को निराकार, सर्वव्यापक, शरीर और नस नाड़ियों से रहित बता रहा है। और ईश्वर को "अज"भी कहा है अर्थात जो जन्म नहीं लेते है। अतः ऐसे ईश्वर का न अवतार होता है और न ही कभी मूर्ति बन सकती है।

    • @fitsarira
      @fitsarira 2 года назад +3

      I almost convert to Christian. Because of puranic culture. But I was lucky that I found arya samaj who tells the truth story of Krishna , Rama ,Shiva and Brahma. Jai maharishi swami dayanand 🙏

    • @Aghori_Tantrik208
      @Aghori_Tantrik208 2 года назад +2

      @@fitsarira 🙏🙏Arya samaj is the Saviour of Vedic Dharma 🙏🙏hope these idiots understand that some day..... Puranas are not Vedic literature they are unauthentic.....

    • @somiltrivedi7220
      @somiltrivedi7220 2 года назад

      🤣🤣🤣

    • @harsh312harshh
      @harsh312harshh 2 года назад +1

      Bilkul shi yeh baba pkhndi he

  • @technicalsudeshi6897
    @technicalsudeshi6897 2 месяца назад +21

    आपके पास प्रमाण है तो आप आर्य समाज के किसी भी संत से इसी चैनल पर शास्त्रार्थ करें जनता के सामने सच आना चाहिए शंका समाधान होना चाहिए

    • @sudarshan3883
      @sudarshan3883 28 дней назад +2

      Shastrarth saman gyan wale vyaktio se hona chaiya koi v sada chap anarya samajio se nhi

    • @SandhyaSharma-bv5hg
      @SandhyaSharma-bv5hg 24 дня назад +1

      आर्य समाज के विद्वानो से शास्त्रार्थ करना इनके बस की बात नहीं है😂

    • @technicalsudeshi6897
      @technicalsudeshi6897 24 дня назад

      @@SandhyaSharma-bv5hg sahi kaha aapne 👌👌

    • @sudarshan3883
      @sudarshan3883 24 дня назад

      @@SandhyaSharma-bv5hg tumhari dayanand ki v shamta nhi ha unka samne bethna ka v 😭😂 or in anarya ko to chor he do

    • @SandhyaSharma-bv5hg
      @SandhyaSharma-bv5hg 24 дня назад

      @@sudarshan3883 स्वामी दयानंद सरस्वती भी भारत के ही विद्वान संत थे, मेरे भाई उनसे इतनी नफ़रत मत करो,
      थोडा उनके बारे में भी पढ़ो,

  • @AnKr-if4it
    @AnKr-if4it 7 месяцев назад +5

    आप आर्य समाज से शास्त्रार्थ करने से क्यों डरते हो।

  • @DeepNarayanTiwari0
    @DeepNarayanTiwari0 7 месяцев назад +5

    आपका शरीर नाशवान है और आपके आत्मा का कोई स्वरूप नहीं है, जिस प्रकार आत्म निराकार है और कभी नष्ट नहीं होता ठीक उसी प्रकार ईश्वर भी निराकार और अविनाशी है।

    • @RSB143
      @RSB143 4 месяца назад

      Arya samaji hoo yaa Arya Samaj vinashakh hoo

    • @RADHEYRADHEY-gf9pr
      @RADHEYRADHEY-gf9pr 4 месяца назад

      tum d tiwari ho khair ajkal sab chalata hai ved ghosna karte hai ki o us prbram k mukh se nikla hai joske anant bhuja hai qb batao
      bhagvan kuchh bhi kar sakte hai o nirakar or akar dono hai

  • @AryaSuraj-xu7tu
    @AryaSuraj-xu7tu Год назад +14

    तब तो फिर वेद में प्रतिमा के जगह प्रतीम लिखा होना चहिए महंत जी ।

    • @user-xd1zv8xe9w
      @user-xd1zv8xe9w Год назад +1

      अरे ये सब वाणी विलास के लोग हैं इनको प्रतिमा से प्रतिम करने में कोई दिक्कत नही, था तो निरुक्त से वेद भाष्य करने वाले का विषय है भाई ये सब कथा वाचक हैं न

    • @rakeshsainikkr987
      @rakeshsainikkr987 Год назад

      ruclips.net/user/shortsynUgUxmlRIE?feature=share ye hai tumara sach Arya samaji missionaries

    • @Athato_Brahmajijnasa
      @Athato_Brahmajijnasa Год назад

      ​@@user-xd1zv8xe9w ruclips.net/video/A4HNmdBEbik/видео.html

  • @user-tu8lt3vw4i
    @user-tu8lt3vw4i 11 месяцев назад +6

    वेदो की ओर लौटे पाखण्ड अंधविश्वास मुक्त समाज बनाये

  • @HaridevSharma-rc1jv
    @HaridevSharma-rc1jv 4 месяца назад +2

    बाल्मीकि रामायण रचना सत्य सनातन अनुपम घटना।। अवधपुरी सुन्दर सुख धाम मर्यादा पुरुषोत्तम राम।। सिया राम पद पथ अनुसरिये संध्या हवन कर्म शुभ करिये।। सत्य कथा जो समझ ना पाये हंस नहीं वे काग कहाये।

  • @Prathmesh_369
    @Prathmesh_369 7 месяцев назад +19

    जय आर्य समाज 🗿🔝

    • @Theunknownarya
      @Theunknownarya 6 месяцев назад

      Bc like de diya isne to 😂😂😂

  • @nishantsharma5786
    @nishantsharma5786 4 месяца назад +17

    5000 वर्ष के अंतराल मैं महर्षि दयानंद सरस्वती जी के जैसा ज्ञानी महापुरुष नहीं हुआ।

    • @rajendrapandey3598
      @rajendrapandey3598 29 дней назад +1

      बुद्ध, महाबीर, कबीर, नानक, शंकराचार्य, तुलसीदास जैसे कई महापुरुष के तुलना में दयानंद कहां ठहरते है।

    • @nishantsharma5786
      @nishantsharma5786 29 дней назад +2

      @@rajendrapandey3598 मैं बुद्ध, महावीर, शंकराचार्य, को कम विद्वान नहीं मानता ये सब भी विद्वान ही थे ।
      पर कोन सी ऐसी विशेषता इन सभी मैं है । जोकि
      महर्षि दयानंद सरस्वती जी मैं नहीं थी ।

  • @mycountryshoot-lu2fh
    @mycountryshoot-lu2fh 7 месяцев назад +8

    अंग्रेज अंग्रेजी पढ़ते थे इसलिए हमने उनका नाम अंग्रेज रख दिया। हम हिंदी पढ़ते हैं इसलिए उन्होंने हमारा नाम हिंदू रख दिया उससे पहले अनादि काल से हम आर्य है , आर्य का अर्थ सर्वश्रेष्ठ मानव। हिंदू नाम तो अंग्रेजों ने रखा है। 🇮🇳🧘वेद हमारा प्राचीन धर्म है। इसमें 40000 श्लोक है। वेदों को आए 1,96,08,53,121 वर्ष गये हैं। वेदों में विद्या,ज्ञान, विज्ञान, गणित, रसायन, शास्त्र, भूगोल, प्रकृति, जड़ी बूटी, ईश्वर का ज्ञान, योग, आदी वर्णित है। ईश्वर (परमात्मा) तुम सभी कड़ी से कड़ी सजा दे। रामायण में आर्य महाभारत में आर्य फिर यह हिंदू शब्द आया कहां से। सतयुग से द्वापर युग तक आर्य ही थे सब। यह तो कलयुग में हिंदू शब्द आया है। तुम पाखंडी श्री कृष्ण को बोलते हो छलिया, माखन चोर, रस रचने वाला, रण छोड़, 16108 रानियों वाला, राधा का कृष्ण और हम आर्य श्री कृष्ण से कहते हैं योगेश्वर,योगिराज,मर्यादापुरुषोत्तम, विश्वजीत, अथर्ववेद,अच्युत,ईश्वरीय आवातार,आदर्श दार्शनिक और श्रीकृष्ण के निराकार रूप को ब्रह्म कहते हैं😡😡😡 जितने भी क्रांति कारी थे भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद सुभाषचन्द्र बोस आदि सब महर्षि दयानंद सरस्वती से प्रेरित थे।
    आर्य समाज ने ही जात पात, बाल विवाह, कुप्रथा । जैसी अन्य नीतियों को बंद किया अनेक अंध विश्वास और पाखंड हटाए। आर्य समाज ना होता तो यह देश आजाद नही होता। आर्य समाज का देश की आजादी में सबसे बड़ा योगदान है और तुम अंग्रेजों से भी ज्यादा देश द्रोही निकले। 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳आर्य समाज नही होता तो भगतसिंह और सभी क्रांति कारी के विचार क्रांतिकती नही होते 🕉️🕉️🕉️🕉️आर्य समाज सत्यार्थ प्रकाश पढ़ने से इन को फांसी के फंदे से भीडर नही लगा । आर्य समाज की मान्यताओं के अनुसार फलित ज्योतिष, जादू-टोना, जन्मपत्री, श्राद्ध, तर्पण, व्रत, भूत-प्रेत, देवी जागरण, मूर्ति पूजा और तीर्थ यात्रा मनगढ़ंत हैं, वेद विरुद्ध हैं। आर्य समाज में पत्थर को ईश्वर नही माना जाता। उस ईश्वर का ध्यान किया जाता है जिसने सूर्य चंद्र आदि रचाया है ईश्वर का कोई आकार नही होता। सब सत्य विद्या और जो पदार्थ विद्या से जाने जाते हैं, उन सबका आदि मूल परमेश्वर है। आर्य समाज में मुख्य उदेस्य यह की कोई भी आदमी नशा नहीं करे, अच्छा भोजन करे, सबसे अच्छी वाणी बोले, अंधविश्व में ना पड़े, हर घर में हवन हो , ईश्वर की भक्ती करे ,
    🇮🇳🧘🕉️🕉️🇮🇳🧘

  • @user-zr8mt5pg6s
    @user-zr8mt5pg6s 29 дней назад +2

    आर्य समाज तो सौराष्ट्र है मगर तुम लोगों ने यह समझ लिया कि कोई इसका रक्षा की नहीं है रक्षा को परमपिता परमात्मा है

  • @naveenyadavkaninwal
    @naveenyadavkaninwal Год назад +19

    असली सनातन धर्म आर्य समाजी ही है।

    • @anuragdubeyawadhdham4680
      @anuragdubeyawadhdham4680 Год назад +1

      Arya namaji hai jo bhagwan shri krishna ko bhagwan ka awtar nahi mante hai

    • @piyushjoshi4618
      @piyushjoshi4618 Год назад +1

      ​@@anuragdubeyawadhdham4680galat kya h usme fir?
      Krishna mahapurush the bhagwan nhi
      Bhagwan satchitananda swaroop aur nirakar h

    • @Deepak_Arya
      @Deepak_Arya 11 месяцев назад

      ​@@piyushjoshi4618ji arya samaj yogeshwar shri krishn ko bhagwaan manta h....ishwar ni manta h.....

    • @user-xq3bo2pt1s
      @user-xq3bo2pt1s 23 дня назад

      क्या बाकी सब झूठे है....!!!

  • @mohitgarg4004
    @mohitgarg4004 11 месяцев назад +48

    वेद ईश्वरीय वाणी है और वेद स्वयं कह रहा है कि परमात्मा की कोई प्रतिमा नहीं हो सकती क्योंकि परमात्मा हर जगह मौजूद है विशाल से विशाल वस्तु में भी विधमान है तो फिर कैसे उसकी प्रतिमा हो सकती है वो तो फिर निराकर हुआ न।

    • @mercy_of-krishna.123
      @mercy_of-krishna.123 10 месяцев назад +4

      agar ishvar har jagah hai toh prtima mai kon hai

    • @mohitgarg4004
      @mohitgarg4004 10 месяцев назад +1

      @@mercy_of-krishna.123 परमात्मा चेतन है तो वो चेतन में ही रहेगा जड़ में थोड़े रहेगा

    • @mercy_of-krishna.123
      @mercy_of-krishna.123 10 месяцев назад +3

      @@mohitgarg4004 phir aise bol na ki har jagah nhi

    • @realityofscience4113
      @realityofscience4113 10 месяцев назад +5

      Ishvar sab kuch kar sakte hai.
      Vo jad aur Chetan dono me hai. Vo hamko bana sakte hai toh kya vo apna khud ka body nahi bana sakte ?

    • @prabhakaryadav2323
      @prabhakaryadav2323 10 месяцев назад +2

      Sahi bro

  • @user-gq5lk4mg5p
    @user-gq5lk4mg5p Год назад +118

    अगर आपको इतना ही ज्ञान है तो शास्त्रार्थ कर लीजिए आर्य समाज के विद्वानोने अकेले-अकेले कहेंगे तो कोई अर्थ नहीं निकलेगा, पता तो चले कि आपने के वेदांगो के आधार पर इस मंत्र का अर्थ लगाया है कि अपना मनमाना अर्थ लगाया है

    • @saurabh3178
      @saurabh3178 10 месяцев назад +42

      शास्त्रार्थ के लिए किसे ललकार रहे हो महाशय यदि हुआ तो कहीं के नहि रहोगे 😊😊😊😊

    • @yashdeeppalo8170
      @yashdeeppalo8170 8 месяцев назад +9

      Rambhadracharya Maharaj sa shastrath Karo wa 80 plus language janta hai Sara ved Upanishads unha kanthast hai tum unka as pas nahi apaoga

    • @YT_6jhbvc
      @YT_6jhbvc 7 месяцев назад +7

      ​@@yashdeeppalo8170 Ha to boliye na Unse ??
      Jara Puchiye to Karenge kisi Arya Samaj ke Vidwaan se Shashtrath ??
      Galat Mat samjhna Magar Ye kahunga Ki Sab pata Chalega ki Kitne Ved Kanthast hai ..

    • @RandomGuy-hv7tb
      @RandomGuy-hv7tb 7 месяцев назад

      ​@@yashdeeppalo8170vo to shasthrath m hi pta chl pyga

    • @crazyvideo9413
      @crazyvideo9413 7 месяцев назад

      बेटे शास्त्रार्थ किया था न जब सनातन धर्म के लोगों ने तब जैन, बुद्ध आदि धर्मों को खदेड़ दिया था भारत से । तुम कल के आर्य समाजी मेंढक चुपचाप अपनी दुकान चला लो नहीं तो छुट्टी हो जायेगी भारत से तुम्हारी

  • @user-nw7lt5pn3j
    @user-nw7lt5pn3j 22 дня назад

    बिना शास्त्रों को पढ़े लिखे कैसे फेंकते हैं यह राघवाचार्य जी बड़ी अच्छी तरह से जानते हैं।

  • @anandprakash85
    @anandprakash85 Месяц назад +2

    राष्ट्र में एक धर्म सभा का निर्माण होना चाहिए और वहां धर्म के बारे में विद्वानों में विचार मंथन चलना चाहिए जिसका सही और शास्त्र सम्मत निर्णय वैदिक विद्वानों द्वारा ही दिया जा सकता है वर्तमान समय की स्थिति ऐसी है कि यह बाबा मंच पर बैठकर कुछ भी बोलते हैं और सब की अलग अलग भाषा सुनाई पड़ती है। जैसे बरसात में सभी मेंढक अलग अलग आवाज में टर्र टर्र... करते हैं।
    इस प्रकार से स्थिति उत्पन्न हो गई है यह अपने मंच से कुछ भी बोलते हैं शास्त्रार्थ के लिए जब आर्य समाज इन्हें आमंत्रित करता है तो यह तैयार नहीं होते।

    • @KhemchandVashishth
      @KhemchandVashishth 25 дней назад +1

      यह शास्त्र शास्त्र अर्थ वाली पद्धति 100 वर्ष पहले कारगर थी अब पढ़े लिखे मूर्ख हैं इनका मानना बड़ा मुश्किल है

  • @mumukshuarya774
    @mumukshuarya774 2 года назад +8

    मूर्तिपूजा/शिवलिंगपूजा/तीर्थ पूजा आदि का इतिहास-
    ऋषि दयानंद सत्यार्थ प्रकाश में लिखते हैं कि यह मूर्त्तिपूजा अढ़ाई तीन सहस्र वर्ष के इधर-इधर वाममार्गी और जैनियों से चली है। प्रथम आर्यावर्त्त में नहीं थी। और ये तीर्थ भी नहीं थे। जब जैनियों ने गिरनार, पालिटाना, शिखर, शत्रुञ्जय और आबू आदि तीर्थ बनाये, उन के अनुकूल इन लोगों ने भी बना लिये। जो कोई इनके आरम्भ की परीक्षा करना चाहें वे पण्डों की पुरानी से पुरानी बही और तांबे के पत्र आदि लेख देखें तो निश्चय हो जायेगा कि ये सब तीर्थ पाँच सौ अथवा सहस्र वर्ष से इधर ही बने हैं। सहस्र वर्ष के उधर का लेख किसी के पास नहीं निकलता, इस से आधुनिक हैं।
    हरिद्वार उत्तर पहाड़ों में जाने का एक मार्ग का आरम्भ है। हर की पैड़ी एक स्नान के लिये कुण्ड की सीढ़ियों को बनाया है। सच पूछो तो ‘हाड़पैड़ी’ है क्योंकि देशदेशान्तर के मृतकों के हाड़ उस में पड़ा करते हैं। पाप कभी कहीं नहीं छूट सकते, विना भोगे अथवा नहीं कटते। ‘तपोवन’ जब होगा तब होगा। अब तो ‘भिक्षुकवन’ है। तपोवन में जाने, रहने से तप नहीं होता किन्तु तप तो करने से होता है। क्योंकि वहाँ बहुत से दुकानदार झूठ बोलने वाले भी रहते हैं।
    मलेच्छों की फौज ने जब सोमनाथ मन्दिर की मूर्त्ति तोड़ी तब सुनते हैं कि अठारह करोड़ के रत्न निकले। जब पुजारी और पोपों पर कोड़ा पड़े तो रोने लगे। कहा कि कोष बतलाओ। मार के मारे झट बतला दिया। तब सब कोष लूट मार कूट कर पोप और उन के चेलों को ‘गुलाम’ बिगारी बना, पिसना पिसवाया, घास खुदवाया, मल मूत्रादि उठवाया और चना खाने को दिये। हाय! क्यों पत्थर की पूजा कर सत्यानाश को प्राप्त हुए? क्यों परमेश्वर की भक्ति नहीं की?
    शुद्ध ज्ञान, शुद्ध कर्म व शुद्ध उपासना का एक ही स्रोत है- वेद।.क्या सत्य है क्या असत्य है,क्या धर्म है क्या अधर्म है,क्या उचित है क्या अनुचित है....ये सब जानने की अन्तिम कसौटी वेद है। ऋषि दयानंद ने सत्यार्थप्रकाश में वेद की शिक्षाओं का सरल भाषा में प्रस्तुत कर मानव जाति पर बड़ा उपकार किया है। ऋषियों के ग्रन्थ ऐसे होते हैं जैसे समुद्र में गोता लगाना और मोती हाथ लगाना जबकि वेद से अनभिज्ञ मनुष्यों के ग्रन्थ ऐसे होते हैं जैसे खोदा पहाड निकली चूहिया।

  • @sandeepkhelna3488
    @sandeepkhelna3488 2 года назад +24

    जय श्री राम
    पण्डित जी आर्य समाज के विद्वान से शासतार्थ कर लीजिए आपके सभी भ्रम दूर हो जाएंगे

    • @sandeepkhelna3488
      @sandeepkhelna3488 2 года назад

      🙏🏻🙏🏻💐💐

    • @user-vq3yn3hy6d
      @user-vq3yn3hy6d 2 года назад +15

      भाई !भागवत वाचने वाले वेतनभोगी भागवताचार्यो में इतनी हिम्मत कहां जो आर्य समाज के विद्वानों से शास्त्रार्थ कर सकें।

    • @sandeepkhelna3488
      @sandeepkhelna3488 2 года назад +10

      @@user-vq3yn3hy6d सही कहा आपने जी

    • @abhisarsinha8136
      @abhisarsinha8136 2 года назад +1

      @@user-vq3yn3hy6d
      Maharaj ji sanyasi hain .kisi se vetan nahi lete . Aur muft mein bhagwat katha karte hain . Aayojak apni kshamta ke anusar pandal ki vyavastha swayam karte hain . Aur yah jagadguru hain matra bhagwat nahi vachte . Samast ved ,shruti,smriti sab inhe shlok sahit yaad hai isliye Kashi vidwat parishad se inhe jagadguru ki upadhi prapt hai.

    • @abhisarsinha8136
      @abhisarsinha8136 2 года назад

      @@sandeepkhelna3488
      Aur dayanand saraswati ki tarah agenda nahi chalate hain ki jo shastra philosophy ke lie fit nahi usko reject kar do . Yahi kaam tha dayanand ka. Puran ke adhar par ishwar ko nirakar sthapit nahi kiya ja sakta toh puran reject kar do. Upnishad abhi 200 se bhi adhik hai jismein 108 upnishad se sabhi vaidik aacharyon jaise Shankaracharya, Ramanuja, Madhavacharya ne apne bhasya mein quote kiya. Sabhi 108 upnishad se nirakaar ko sthapit nhi kiya ja sakta toh dayanand ne un 108 mein se bhi 11 upnishad ko utha liya jo uske agenda ke lie fit tha aur baki sabse murti puja ka virodh sambhav nhi tha toh sab upnishad reject kar do . Yehi Dayanand Saraswati hai . Geeta mein bhi sabhi 700 shlok se nirakaar ki sthapna nhi sambhav hai toh usmein bhi sirf apne agenda mein fit baithne wala 70 shlok utha liya baki sab reject . Yehi karan hai ki aaj arya samaj ko sanatani hindu adhik tawajju nahi dete . Tulsidas ka Ramcharit Manas,hanuman chalisa aaj ghar ghar gaya jata hai lekin Dayanand ka Satyarth Prakash ko sanatani hindu puchte bhi nahi hai

  • @ravishastri7
    @ravishastri7 2 месяца назад +9

    आपने संस्कृत व्याकरण का अध्ययन किया होता तो संभवतः ऐसी मूर्खतापूर्ण बातें ना करते
    शास्त्री भी कहते हैं - " मूर्खस्य नास्त्यौषधम् "

    • @KhemchandVashishth
      @KhemchandVashishth 25 дней назад

      बहुत सही कहा भाई आपने

    • @naimishpandey725
      @naimishpandey725 22 часа назад

      मूर्ख आदमी तुम जानते हो यह कौन है इन्होंने क्या-क्या अध्ययन किया है

  • @Bikrambala135
    @Bikrambala135 Месяц назад +16

    आपको जो कुछ बोलना था बोलते लेकिन आपने आर्य समाज को कोट करके अज्ञानता का परिचय दिया है।

    • @sudarshan3883
      @sudarshan3883 28 дней назад

      😂😂 agyanta to anarya samaj ki he pechan tumhara dayanand ne he agyanta ka cult khola ha

  • @Beyondthephysical98
    @Beyondthephysical98 8 месяцев назад +5

    तो क्या प्रतिमा भगवान के समान हो सकती है जो हम उस मूर्ति को भगवान मानकर पूजें
    और जो तुम कह रहे हो की हमारी प्रतिमा या फोटो हमारे समान हो सकती है तो फिर वो हमारे सामने कार्य क्यों नही करती, बोलिए एकमात्र ब्रह्म ज्ञानी जी

    • @dasoham5
      @dasoham5 4 месяца назад

      Archa vigrah mein jab pran pratistha hota hai khud bhagvan usmein pratakhya prakat hote taki bhakt unse direct samparka bana sake aur vigrah ke jariye bhagvan ko apne relative ke tarah relation ko bajay rakhe aur unke seva kare.

  • @PawanKumar-zj4jf
    @PawanKumar-zj4jf 2 месяца назад +7

    हम सभी हिन्दू भाई से एक बात बोल रहा हूं, महर्षि दयानंद सरस्वती जी के द्वारा कालजयी किताब लिखा गया है, जिसका नाम है,
    ( सत्यार्थ प्रकाश)
    इस किताब को अध्यान किजिए आपके सारे सवालों का जवाब इस किताब में है

  • @ramtirthshastri3969
    @ramtirthshastri3969 24 дня назад

    इन महाराज में आर्य विद्वानो से बात करने की क्षमता नहीं है मंच के ही शेर हैं ऐसे लोग , आर्यों के सामने बैठकर बात करने की हिम्मत नही कर पाते ये कथाकार ।

  • @jhamkrajthapaliya386
    @jhamkrajthapaliya386 Месяц назад +2

    आर्य समाजकी जय

  • @user-ge4cg9bz3w
    @user-ge4cg9bz3w 28 дней назад +4

    महर्षि दयानन्द सरस्वती जी के शुद्ध मन व शुद्ध चित्त और शुद्ध बुद्धि आपके लिए अगम्य है देव
    ऐसा महान् ऋषि गत 5000 वर्षों में दूसरा कोई नहीं हुआ है ।
    कृपया शुद्ध मन से उनके लिखे को पढ़कर और समझकर तो देख कृपया

    • @naimishpandey725
      @naimishpandey725 24 дня назад

      दयानाद ऋषि कैसे हो गए? अपनी मन मर्जी से

    • @user-ge4cg9bz3w
      @user-ge4cg9bz3w 24 дня назад

      ऋषि चित्त के शोधन व मन के नियन्त्रण और बुद्धि के उत्थान से ही बनते हैं देव
      ये तीनों उपलब्धियों से अलंकृत थे अपने महर्षि दयानन्द सरस्वती जी

    • @vikaskumartiwari9379
      @vikaskumartiwari9379 23 дня назад

      अर्थज्ञ थे किन्तु तत्वज्ञ नहीं​@@user-ge4cg9bz3w

  • @user-kd6zf1hy1b
    @user-kd6zf1hy1b 8 месяцев назад +11

    दुख होता है आप जैसे धार्मिक व्यक्ति भी अज्ञानी हो सकते है।

    • @YT_6jhbvc
      @YT_6jhbvc 7 месяцев назад

      ​@@mpadhan379Kya Badtamizi kar rhe hai ??
      Konsi Duniya mai Jeete ho ?

    • @saurabhsharma6867
      @saurabhsharma6867 6 месяцев назад

      ​@@mpadhan379galat baat he

  • @rampandey2477
    @rampandey2477 23 дня назад

    उत्तम व्याख्या

  • @montibabagupta3150
    @montibabagupta3150 24 дня назад +1

    राघवाचार्य जी आप अपने भक्तों के सामने विद्वान होंगे पर आर्य समाज के विद्वानों समक्ष धर्म पालन और ज्ञान में दो कौड़ी के नही हो ।

  • @mumukshuarya774
    @mumukshuarya774 2 года назад +7

    न तस्य प्रतिमाsअस्ति यस्य नाम महद्यस:।
    -(यजुर्वेद अध्याय 32, मंत्र 3)
    अर्थात: उस ईश्वर की कोई मूर्ति अर्थात प्रतिमा नहीं जिसका महान यश है।
    अन्धन्तम: प्र विशन्ति येsसम्भूति मुपासते।
    ततो भूयsइव ते तमो यs उसम्भूत्या-रता:।।
    -(यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 9)
    अर्थात : जो लोग ईश्वर के स्थान पर जड़ प्रकृति या उससे बनी मूर्तियों की पूजा उपासना करते हैं, वे लोग घोर अंधकार को प्राप्त होते हैं।
    जो जन परमेश्वर को छोड़कर किसी अन्य की उपासना करता है वह विद्वानों की दृष्टि में पशु ही है।
    - (शतपथ ब्राह्मण 14/4/2/22)
    शिवलिंग पूजा, शनि पूजा, मूर्ति पूजा वेद विरुद्ध होने से पाप है पाखंड है|
    ओम् क्रतो स्मर- यजुर्वेद 40.15
    ( हे जीव ! तू ओम् का स्मरण कर)

    • @Athato_Brahmajijnasa
      @Athato_Brahmajijnasa Год назад

      Sayanacharya aur Mahidharacharya ki tika dikhao. Ham tumhare artho ko nahi maante.

    • @anuragdubeyawadhdham4680
      @anuragdubeyawadhdham4680 Год назад

      Murkho ko kya bataye ram ji ne hi rameshwar shivling ki asthapana ki thi murkh se baat karna beka hai

  • @user-hz4el1ht3t
    @user-hz4el1ht3t 8 месяцев назад +2

    तुम्हे सबसे पहले ये जानना ज़रूरी है की ईश्वर कोन है उसके गुण स्वभाव क्या है

  • @Maths_3.1415
    @Maths_3.1415 26 дней назад

    ### विरोध:
    1. **मूर्तियों (प्रतिमाओं) की पूजा:**
    - आर्य समाज मूर्तियों या प्रतिमाओं की पूजा का समर्थन नहीं करता, जो कि कई हिंदू प्रथाओं में आम है। वे निराकार ईश्वर में विश्वास करते हैं और बिना मध्यस्थों के सीधे पूजा पर जोर देते हैं।
    2. **पशु बलि:**
    - संगठन धार्मिक उद्देश्यों के लिए पशुओं की बलि देने की प्रथा का विरोध करता है। वे सभी जीवित प्राणियों के प्रति अहिंसा और करुणा का समर्थन करते हैं।
    3. **श्राद्ध (पूर्वजों के लिए अनुष्ठान):**
    - आर्य समाज मृतकों के लिए किए जाने वाले उन अनुष्ठानों का समर्थन नहीं करता जो पूर्वजों की आत्मा की मदद करने के लिए माने जाते हैं। उनका मानना है कि ऐसे अनुष्ठान वेदों की शिक्षाओं पर आधारित नहीं हैं।
    4. **जन्म पर आधारित जाति:**
    - वे पारंपरिक हिंदू व्यवस्था का विरोध करते हैं जहां जाति जन्म से निर्धारित होती है। इसके बजाय, वे मानते हैं कि जाति व्यक्ति की योग्यता और चरित्र पर आधारित होनी चाहिए।
    5. **अस्पृश्यता:**
    - आर्य समाज अस्पृश्यता का कड़ा विरोध करता है और सभी व्यक्तियों के बीच समानता को बढ़ावा देता है, चाहे उनकी जाति या सामाजिक स्थिति कुछ भी हो।
    6. **बाल विवाह:**
    - वे बाल विवाह का विरोध करते हैं, इसके बजाय शिक्षा और परिपक्वता को विवाह से पहले आवश्यक मानते हैं।
    7. **तीर्थ यात्रा:**
    - आर्य समाज तीर्थयात्राओं को आध्यात्मिक प्रगति के लिए आवश्यक नहीं मानता और उन्हें अनावश्यक प्रथाओं के रूप में देखता है।
    8. **पुजारी का कृत्य:**
    - वे इस विचार के खिलाफ हैं कि पुजारियों को धार्मिक मामलों में विशेष शक्तियां या अधिकार हैं और धार्मिक प्रथाओं के व्यवसायीकरण का विरोध करते हैं।
    9. **मंदिर में चढ़ावा:**
    - संगठन मंदिरों में किए जाने वाले चढ़ावे का विरोध करता है, यह मानते हुए कि सच्ची पूजा सरल और बिना भौतिक लेन-देन के होनी चाहिए।
    महाराज जी के चरणों में दास का सादर प्रणाम 🙏🙏🙏

  • @deepak_arya966
    @deepak_arya966 5 месяцев назад +8

    जो ईश्वर संसार को बनता है उसकी मूर्ती कैसे बनाई जा सकती! मैं आपसे चेतावनी के साथ कहता हूं कि आप ईश्वर को तो छोड़ो ईश्वर का बनाया हुआ एक पत्ता बनाकर दिखा दो फिर हम मान जाएंगे की आप बहुत बड़े ईश्वर निर्माण करता,है !

    • @RADHEYRADHEY-gf9pr
      @RADHEYRADHEY-gf9pr 4 месяца назад +1

      ved ke anusar iswar kuch bhi kar sakta hai anant koti brahmand ke pita hone k bad bhi sadharn stri k garbh me rah sakta hai ek bar me anant roop ko dharan kar sakta hai tumhara logic abrahmic chutiyo jaisa hai .
      koi vedpathi brahmin iska nhi samrathan karta .
      agar tumhare logic se chale to bhagvan ka avtar hi nhi hoga

  • @raveeshkumar1279
    @raveeshkumar1279 2 года назад +10

    आप की प्रतिमा बनेगी तो आपको चित्रकार पहले देखेगा फिर आप की प्रतिमा बनाएगा लेकिन ईश्वर किसने देखा और किस आधार पर उसकी प्रतिभा बनाओगे

    • @megandwivedi5628
      @megandwivedi5628 2 года назад

      Buddhist chor

    • @harsh312harshh
      @harsh312harshh Год назад

      Right

    • @Athato_Brahmajijnasa
      @Athato_Brahmajijnasa Год назад +2

      Ishwar ko bahuto ne dekha hai. Jis Manuji Maharaj ki yah katha kah rahe hai, unhone bhi ishwar ko dekha. Kardam Prajapati ne dekha, Daksha ne, Kashyap ne, Narda ne, Sanakadiko ne, Brahma ne, Meera ne, Narsih ne, bahut se bakto ne, Santo ne, Mahapurusho ne Ishwar ko dekha hai. Are, Arjun, Yudhisthir ne dekha hai, Vraj ki Gopiyo ne dekha hai, Yashoda aur Devaki ne dekha hai, Vasishtha aur Vishwamitra ne dekha hai, Dhruv aur Prahlad ne dekha hai, Rawan aur Kumbhakarna ne dekha hai, aaj bhi kahiyo ne dekha hai. Jaisa shastra me varnan hai, vaisa hi dekha hai.

  • @sushilakumari9382
    @sushilakumari9382 20 дней назад

    यदि व्याकरण पढ़ लेता तो ये मूर्खता करने से बच जाता। कैसे - कैसे छिछोरे लोग भी स्वामी दयानंद सरस्वती पर कीचड़ उछाल रहे हैं, मेरा आर्य जनों से निवेदन है कि इस आदमी पर उचित कार्रवाई करते हुए आगे बढ़ें

  • @gopalkumarmandal492
    @gopalkumarmandal492 5 дней назад

    Shree Ram and Krishna is supreme Lord/parbrahma all over the universe . Jai shree SITARAM.. 🙏🙏🙏🙏❤❤❤❤love you gurudev jee

  • @taxpoint7359
    @taxpoint7359 10 месяцев назад +12

    आर्य नमाजी तथा मुस्लिम धर्म मे समानता पर विचार:
    1. आर्य समाज के साथ-साथ इस्लाम में भी कोई मूर्ति पूजा नहीं है
    2. आर्य नमाजी पुनर्जन्म में विश्वास नहीं करते हैं, वही धारणा इस्लामवादियों की है
    3. मुस्लिम अन्य धार्मिक मत और पंथ से नफरत करते हैं, यहि कार्य आर्य नमाज़ी करते हैं
    4. आर्य नमाजियों का मानना है कि ईश्वर का कोई रूप नहीं है यानी वह निराकार है, यही अवधारणा इस्लाम में भी है।
    5. इस्लामवादी अपने धार्मिक विश्वास को लेकर दूसरों से लड़ना और उनकी आलोचना करना शुरू कर देते हैं, यही रवैया आर्य नमाजी भी अपनाते हैं।
    आर्य समाज किसी धर्म को नहीं मानता है ये सिर्फ़ हिंदू को सनातन धर्म से भटकाकर नास्तिक बनाते हैं.
    वास्तव में "आर्य समाज" का गठन अँग्रेज़ों का षड्यंत्र है और इसका मुख्य उद्देश्य भारत देश कि एकता को खंडित करना तथा भारत को ईसाई और इस्लामिक राष्ट्र बनाना है.

    • @Riteshydv222
      @Riteshydv222 6 месяцев назад

      तू कोई mulla लग रहा है। जो डर रहा है की कही लोग आर्य समाज को मानने लगे तो भारत से तुमलोग का सफाया हो जायेगा। और आर्य समाज पुनर्जन्म को मानता है। मूर्ति पूजा का विरोध इसलिए करता है की तुमलोग ईश्वर को केवल एक मूर्ति में लाकर सीमित कर देता है। और उसके बाद जहां भी जाओ कुछ गलत करो ऐसा लगता है की ईश्वर देख नही रहा केवल मूर्ति के सामने ही अच्छा बन कर रहते हो। ये आर्य समाज नही मानता उसका कहना है ईश्वर सर्वत्र व्याप्त है। कण कण में ईश्वर है। और जो भी बात आर्य समाज बोलता है वह वेदों के प्रमाण के साथ कहता है। आर्य समाज 18 पुराण नही मानता है क्योंकि ये ऋषियों द्वारा नही लिखे गए है। इनमे श्री कृष्ण और अन्य देवताओं के बारे में बहुत ही अश्लील बातें लिखी गई है। पुराण केवल 4 है और 11प्रमाणिक उपनिषद है। वेद नही पढ़ सकता तो कम से कम "सत्यार्थ प्रकाश" पढ़ ले।

    • @Chandangoyal-re7xq
      @Chandangoyal-re7xq 2 месяца назад +1

      Abe bekauf Jake satyarth prakash padh lo

    • @Chandangoyal-re7xq
      @Chandangoyal-re7xq 2 месяца назад

      Arya samaj jindabad

    • @dev5796
      @dev5796 2 месяца назад

      तुमको आर्य समाज के बारे में खाक भी पता नहीं है आज आर्य हमाज के कारण ही जिन्दा हो वरना ये जिहादी तुम्हें निगल गए होते।

    • @copuppolice
      @copuppolice Месяц назад

      अरे मूर्ख आर्यसमाज वो तलवार की धार है जिसको दम पर ये कर्म काण्ड कर रहे हो ।इस पाखंड पूजा पाठ आडंबर ,स्टेज प्रवचन से अंग्रेज मुगल आतत्तायी भगा सकते थे या भगाए आज क्रांतिकारियों के बलिदान व्यर्थ जा रहे हैं करप्शन देश को खा रहा है ,मात्र आर्यसमाजी बचा सकता है

  • @mohitarya57
    @mohitarya57 Год назад +10

    जब ईश्वर निराकार है वो हर जगह मौजूद है तो आप उनकी प्रतिमा कैसे बना सकते है।

    • @rakeshsainikkr987
      @rakeshsainikkr987 Год назад

      ruclips.net/user/shortsynUgUxmlRIE?feature=share ye tumara sach hai
      And hum to bnaye ge tumko problem dayanand saraswati Shankaracharya Ramanujacharya madhvacharya se bada hai kya

    • @anuragdubeyawadhdham4680
      @anuragdubeyawadhdham4680 Год назад +2

      Sagunahe agune nahi kachu bheda jaise jal hai aur baraf jal ke do roop hai waise bhagwan ke bhi do roop hai aur sakar nirakar me koi bhed nahi hai

    • @rakeshsainikkr987
      @rakeshsainikkr987 Год назад +4

      @@anuragdubeyawadhdham4680 ye Arya Namaji hai bhai Dayanand ki fake translation read krte hai ved ki ved read krne hai to authentic sanskrit schoolers ki translation se kro inko smjne ka koi fyda nhi hai ye nakli vedantic hai ye sochte hai dayanand saraswati Shankaracharya Ramanujacharya madhvacharya jse humare Mahan sanatan acharaya se bda hai jisne vedo ka vyas kia ved vyas vo khud Krishan ke bhakt the but ino ne apna hi dhnda chlaya hua hai

    • @honeysauravladoo
      @honeysauravladoo 4 месяца назад

      Bhai tere jaiso se behes nhi kri jaati...seedha chamat mari jaati h

  • @devendrashastri9221
    @devendrashastri9221 22 дня назад

    संसार जैसे को तैसा ही दिखाई देता है

  • @dheersingharyadheersinghar5434
    @dheersingharyadheersinghar5434 24 дня назад

    प्रतिमा तो उसी की होती है जिसका कोई रूप आकार होता है । प्रभु का जब कोई आकार रूप है ही नही तो उसकी प्रतिमा का तो कोई सवाल ही नहीं है। वेदों ने ईश्वर को निराकार कहा है । तो फिर ईश्वर की मूर्ति या उसकी मूर्ति पूजा कहां से आ गई ।ईश्वर को तो वेदों ने अजन्मा कहा है तो जो पैदा होता ही नही तो उसका शरीर कहां से आ गया । वो तो एक शक्ति के रूप में पूरे ब्रह्मांड में अंदर बाहर समाया है

  • @Yogeshyadav_rn
    @Yogeshyadav_rn 28 дней назад +3

    जैसे मछली जल से अलग नहीं हो सकती है और मछली भी जल नहीं हो सकती है ऐसे ही सारे जगत की वस्तुएं परमात्मा से अलग नहीं हो सकती हैं और सभी वस्तुएं परमात्मा से अलग न होते हुए भी परमात्मा नहीं हो सकती है चाहे जड़ पत्थर की मूर्ति क्यों न हो पर पत्थर की मूर्ति भगवान कभी नहीं हो सकती है । यही तो महर्षि दयानंद ने वेदों की बात कही थी पर भागवत वाले इस बात को मानने के लिए तैयार कहां पर उनकी रोजी रोटी पत्थर की मूर्तियों से चलती है वेदों में तो पत्थर पूजा का नामोनिशान उल्लेख नहीं है यदि कोई मूर्ति पूजा करेगा तो उसकी बुद्धि भी पत्थर हो जाएगी क्योंकि पत्थर ज्ञान शून्य होता है ज्ञान शून्य होने के कारण मूर्ति यह नहीं जानती है कि मैं कौन हूं इसीलिए वेदों में कहां गया है जो लोग निराकार ईश्वर को छोड़कर साकार मूर्ति पूजा करते हैं वे लोग अंत में घोर अज्ञान दुख अंधकार में गिरते हैं।

  • @GURUKULM.VARANASI
    @GURUKULM.VARANASI 7 месяцев назад +6

    श्री राघव जी को प्रतिमा और प्रतिबिम्ब मे अन्तर नही पता है । वेदार्थ क्या करेंगे ?

  • @ShankarSharma-ht1dd
    @ShankarSharma-ht1dd 18 дней назад

    आर्य समाज अमर रहे

  • @rajendraprasad2321
    @rajendraprasad2321 9 дней назад

    वैदिक धर्म की जय, आर्य समाज अमर रहे।

  • @ramcharitmanas6513
    @ramcharitmanas6513 2 года назад +32

    जय श्री राम 🙏 गौ ब्राह्मण की रक्षा हो 🙏 परम पूज्य श्री गुरु देव भगवान के श्री चरणों में सादर दंडवत प्रणाम नमन चरण स्पर्श वंदन 🙏 जय श्री राम जय श्री सीताराम जय श्री हनुमान जय श्री राधे कृष्ण गोविन्द नारायण वासुदेव माधव केशव दामोदर 🙏 जय माता पार्वती हर हर महादेव 🙏

    • @d.1677
      @d.1677 2 года назад +5

      Gau mata😭

    • @Govindyadav-oz7qz
      @Govindyadav-oz7qz Год назад +1

      Radha Krishna

    • @RajaKumar-vh1dg
      @RajaKumar-vh1dg 11 месяцев назад

      ​@@Govindyadav-oz7qzkrishna bhagwan kise Sadi ki thi

    • @userx15
      @userx15 11 месяцев назад

      ​@@RajaKumar-vh1dgmata Rukmini se

    • @RajaKumar-vh1dg
      @RajaKumar-vh1dg 11 месяцев назад +2

      @@userx15 hai to phir log ko radhe radhe nahi bolna chahiye Jai shree krishna ya Mata rukmani bolna chahiye

  • @KKY-iq1zo
    @KKY-iq1zo 2 года назад +27

    भगवान कहते हैं कि तुम अगर महादरिद्र हो मैं महादानी हूँ। सत्य वचन जय गुरूदेव।। जय जय सियाराम।।

  • @vijendraverma799
    @vijendraverma799 9 месяцев назад +2

    नमस्ते राघवाचार्य जी
    सृष्टिकर्ता के क्या गुण हैं अर्थात् कैसा है, कहां है , क्या करता है, जन्म लेता है या नही, उसकी मृत्यु होती है या नही, उसके माता पिता हैं या नही, कब से है, कब तक रहेगा, कितना बडा है, निराकार या साकार, कैसा रूप है- मनुष्य जैसा या जानवर जैसा या किसी और
    तरह का।

  • @user-pn3et7os3e
    @user-pn3et7os3e 2 года назад +58

    सभी सनातनी भाईयों बहनों को राधे राधे 🙏🙏🙏

  • @VirendraKumar-xe9tb
    @VirendraKumar-xe9tb 2 года назад +4

    Jai shree Ram Krishna

  • @anujjangir7298
    @anujjangir7298 Год назад +8

    आर्य समाज पाखंड को त्यागने की बात करते है

    • @aajkabaadshah
      @aajkabaadshah 7 месяцев назад

      आर्य-समाज नकली , बेवक़ूफ़ और पाखंडी लोगों का समूह है !

    • @Prathmesh_369
      @Prathmesh_369 7 месяцев назад

      ​@@aajkabaadshahtu murkh he

    • @SagarGupta-bt4xo
      @SagarGupta-bt4xo Месяц назад

      ​@@Prathmesh_369tu viddwan hai 🤣🤣🤣🤣

  • @ZEE45816
    @ZEE45816 2 года назад +6

    Arya samaji murkh hote hain

    • @user-xd1zv8xe9w
      @user-xd1zv8xe9w Год назад

      आर्य समाज न होता, तो आज तमाम विधर्मी सनातनी न बनते,जब किसी से शास्त्रार्थ की बात आती है तब केवल आर्य समाज ही आंख मिलता है अपनी जानकारी में जोड़ लीजिए

  • @user-vq3yn3hy6d
    @user-vq3yn3hy6d 2 года назад +15

    (न तस्य प्रतिमा अस्ति) उसकी आकृति नहीं है अर्थात उस परमात्मा की प्रतिमा (आकृति) नहीं है इस वेद मंत्र का यही अर्थ होता है प्रतिमा का अर्थ आकृति ही होता है। इस वेद वाक्य में उपमा वाचक नहीं है आचार्य जी !आप उस परमात्मा के समान कोई प्रतिमा नहीं है इस तरह अर्थ करते हैं यह गलत है ।आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद का अर्थ ही सही है क्योंकि महर्षि दयानंद एक महा योगी और संत थे।उन्होंने योग समाधिस्थ होकर वेद भाष्य अर्थ किए हैं और आप जैसे भागवताचार्य टीका टिप्पणी करने वाले भागवत वाचने वाले वेतनभोगी नहीं थे। आचार्यजी!आप बुरा न माने कि महर्षि मनु भी मनुस्मृति में लिखते हैं कि जो वेद को छोड़कर अन्य ग्रंथो में परिश्रम करते हैं वे ब्राह्मण कोटि में नहीं शूद्र कोटि में आते हैं।अतः आप वेद मार्ग का रास्ता पकड़ो। प्रशांत मुनि।

    • @abhisarsinha8136
      @abhisarsinha8136 2 года назад +7

      Dayanand Saraswati Shankaracharya , Ramanujacharya, Madhavacharya se bhi bade ho gaye kya. Dayanand ji ne ved ko bhi thik se nahi swikaar kiya . Upnishad toh 100 se adhik hai par usmein jin 11 upnishad se nirakar ki sthapna sambhav thi Dayanand ne wahi swikaar kiya aur baki sab reject . Itna vishaal Sanatan kya matra 11 upnishad mein hi Samaya hai? Geeta ka bhi 700 mein se matra 70 shlok Dayanand ne liya jabki sabhi sanatani aacharya jaise Shankaracharya ne sabhi 700 shlok par bhashya likha. Aise hi Mahabharat ,Ramayan mein Dayanand ne filter kiya . Jo shlok nirakar ke liye fit hai usko uthao aur jo fit nahi usko reject kar do. Khud ko Shankaracharya, Ramanuj , Tulsidas, Soordas, Mira, Madhvacharya ,Sant Tukaram,Sant Gyaneshwar , Chaitanya Mahaprabhu aur anya kitne hi vaidik acharya hue un sabse apne aapko adhik buddhmaan samjhte the Dayanand . Yah matra ahankaar tha. Yehi karan hai ki aaj unka satyarth prakash kisi bhi ghar mein adhyan nahi kiya jata kintu tulsidas ka Ram charit manas ghar ghar mein gaya jata hai . Murti puja,avtar,sakaar Brahm ki upasna, Mandir yah sab Sanatan ka mool hai aur jo bhi in sab ke khilaf rahega usko adhikansh hindu puchenge bhi nahi.

    • @naturalcurewithdrnitish3874
      @naturalcurewithdrnitish3874 2 года назад

      Right 👍

    • @user-xd1zv8xe9w
      @user-xd1zv8xe9w Год назад

      कथा वाचक हैं इन्हें कोई फर्क नहीं राम को रहीमा करने में

    • @vimalmishra7406
      @vimalmishra7406 Год назад +1

      सिन्हा जी १००० उपनिषद सनातन धर्म में हों लेकिन आजकल प्रचलन में कुछ भी नही है ल आजकल सत्यनारायण व्रत कथा, रामचरितमानस और भागवत पुराण कि कथा के अलावा क्या हों रहा है समाज में। वेद, उपनिषद, ब्राह्मण ग्रंथ,बाल्मीकि रामायण,विदुर नीति, चाणक्य नीति, मनुस्मृति जैसे अनेक आर्ष अर्थात ऋषिकृत ग्रंथों का अध्ययन, अध्यापन, प्रवचन कहाँ हों रहा है। सब वही भागवत पुराण कि कथा कर अथाह धन अर्जन कर रहे हैं। महाराज राघवाचार्य जी से प्रार्थना है कि आर्य समाज के विद्वानों के द्वारा कि गई शात्रार्थ कि विनती को स्वीकार करें। और खुले मंच पर लाइव शास्त्रार्थ करें, जिससे सबकी शांकाओं का समाधान हों सके l

    • @Ramarya-1988
      @Ramarya-1988 4 месяца назад +1

      को वेदानुकूल बात है वह सत्य है बाकी असत्य है

  • @anantkripa5379
    @anantkripa5379 2 года назад +4

    Radhe radhe

  • @situsitu3643
    @situsitu3643 5 месяцев назад +3

    महाराज आप सरासर झूठ का साहारा क्यों लेते हो ?
    यदि संस्कृत और संस्कृति का यथार्थ ज्ञान नहीं है तो ऐसे बेतुके बोल मत बोला कर ।
    प्रतिमा=प्रतिम कदाचित नहीं हो सकता ।
    व्याकरण और उसके धातुपाठ का यथार्थ ज्ञान होना आवश्यक है ।
    अस्तु!
    आप यदि इतने प्रमाण में पक्के है तो शास्त्रार्थ करो आर्य समाज के कोई विद्वान के साथ और अपने कुछ अच्छे व्याकरण पण्डित को लाओ

  • @IndraChouhan-yc6iv
    @IndraChouhan-yc6iv 3 месяца назад +1

    हरि ॐ हरि हरि हरि हरि

  • @amarsen1048
    @amarsen1048 24 дня назад

    जो लोग आर्य समाज की बार बार बुराई करते हैं उन्हें कहना चाहता हूं कि आप वेदों को पढ़ें आर्य समाज कभी भी वेद विरुद्ध बात नहीं करता अनेक भगवान नहीं मानता आप लोग आज भी हिंदुओं में जात पात का समर्थन करते हुए औरतों को गायत्री मंत्र पढ़ने से रोकने हो आपका ही के विद्वानहो आर्य समाज में पंगा मत लो जो भी पंगा लेगा हार जाएगा आर्य समाज के पास वेदहै आयुर्वेद को सब लोग मानते हैं

  • @vishwanathpatil6266
    @vishwanathpatil6266 2 года назад +14

    !! जय श्री राम !! 💐🙏

  • @dr.harshitjain6410
    @dr.harshitjain6410 2 года назад +9

    मेरे हिसाब से नाम लेकर कभी भी विरोध नही करना चाहिए। केवल संकेत पूर्वक विरोध करना चाहिए। क्योंकि अगर वैष्णव ऐसा करेंगे तो पलट वार भी होगा आर्य समाज द्वारा। और जब वो नाम लेंगे तब श्रीमन्नारायण, श्रीमदाद्य रामानुजाचार्य, जगदगुरु पद सब का नाम खराब होगा। वैष्णव का कर्तव्य है अपने गुरु और भगवान की लाज बचाए न कि गवाय।
    बाकी स्वामी जी अधिक जानकार हैं इस मामले में।

    • @prithviraj0_0
      @prithviraj0_0 2 года назад +9

      अधर्मी नीचों के विरोध में क्या समस्या?

    • @ramanujadasa121
      @ramanujadasa121 2 года назад +6

      Arya samaji jese Murkho or dushto ko birodh sa prblm kya ha?

    • @swamivyankatesh3995
      @swamivyankatesh3995 2 года назад +3

      Bhagvan Acharya he or acharay ko saty ka pratipadan karna cahie

    • @avdheshshastri-ayodhya5156
      @avdheshshastri-ayodhya5156 2 года назад +4

      व्यासपीठ निसंकोच होकर बोलने की जगह है, और गलत को गलत कहना कोई विरोध नहीं

    • @astikgoswami6844
      @astikgoswami6844 2 года назад

      नारायण

  • @vishnutiwari4008
    @vishnutiwari4008 3 месяца назад +1

    Jai sree ram ji

  • @avanishsharma656
    @avanishsharma656 2 года назад +12

    Pujya Shri Gurudev Bhagwan ki Jai 👏👏🌹

  • @sandhyaaarya3715
    @sandhyaaarya3715 8 месяцев назад +6

    न तस्य प्रतिमा अस्ति । यजुर्वेद अ० 32 म०३।। जो सर्व जगत में व्यापक है तो उस परमात्मा की प्रतिमा भला कैसे होगी । और आपने कहा की ये आर्य समाजियों का भ्रम है ये कैसे कह दिया आपने अब आप कहते है की जिसकी कोई प्रतिमा नहीं अर्थात उसकी हजारों प्रतिमा है लेकिन जो परमात्मा वाणी में नहीं है अर्थात् वो जल है हा तो ऐसा विषय ही नही की जिसके धारण से और सत्ता से वाणी की प्रवृति हो उसे ही ब्रम जान और उसीकी उपासना कर और जो इसके भिन्न हैं वो उपसनीय नही है। वो महा मूर्ख के लक्षण हैं।

  • @freeindialegionenjoyer1999
    @freeindialegionenjoyer1999 Год назад +7

    Life is too short to argue with arya samajwaadis
    just say oreo namazi and move on

    • @rajeshthakur1256
      @rajeshthakur1256 Год назад

      Just say Pakhandi and move on. Gutter worm

    • @piyushjoshi4618
      @piyushjoshi4618 Год назад

      ​@@rajeshthakur1256nice one 😂

    • @piyushjoshi4618
      @piyushjoshi4618 Год назад

      ​@@rajeshthakur1256Arya samaj ne hi aaj
      Satya sanatan Vedic dharma ko inn pakhandi murti pujako se bachaya h

    • @pranav_.X0X
      @pranav_.X0X Год назад

      ​@@piyushjoshi4618 arya namazio ne bachaya ?? 🤣 lol

    • @pradyumnatiwari7222
      @pradyumnatiwari7222 25 дней назад

      Jab logic jaye bhad me aur jb pta ho debate me mai tik nhi skunga to gali do, tali pito, nikal lo, salute krta hu aise madariyon ko😂😂

  • @satyavirsinghbhati3300
    @satyavirsinghbhati3300 27 дней назад

    Jay ho mharaj ji ki bhut hi divy katha ,jay shree seeta ram ,aary smaj dyanand sarsvati ne bnaya ,snatan dharam phle se hi hei ,aary smaj bhole bhale anjan logo ko hi bhatka rha hei ,or khud bhi bechare bhatak rhe hei ,ye na edhar ke na udhar ke ,poore bharat me murti pooja ghar ghar hoti hei ,or gav gav me mandir me pooja sda se hoti aa rhi hei ,etni saral sadhan ko bhi ye nhi mante ,or qya krenge ,en sabhi aary smaji ke gharo me bhi mrti pooja khi na khi hoti hei ,lekin bahar ye pakhand felaye hei ,

  • @HaridevSharma-rc1jv
    @HaridevSharma-rc1jv 4 месяца назад

    राम चरित्र मानस के प्रवक्ता काकभुशुण्डि भये आपसे यदि कोई काकभुशुण्डि आचार्य जी कहे तो आप बुरा तो नहीं मानेंगे।। धन्यवाद।।

  • @SukhvinderSingh-ld8cc
    @SukhvinderSingh-ld8cc 4 месяца назад +6

    जै हो राघवाचार्य जी।
    आशा है इनकी राम कथाओं से मथुरा और काशी में मंदिर का मार्ग प्रशस्त होगा।

  • @madhusudanbhatt
    @madhusudanbhatt 2 года назад +2

    कृपा कर पुरी शंकराचार्य जी के समर्थन मैं हिन्दू राष्ट्र पर भी कुछ बोलिए

  • @srajput5406
    @srajput5406 22 дня назад

    आप लोग आर्य समाज को उल्टा बोल तो लेते हो पर कभी भी उनसे शास्त्रार्थ नहीं कर पाते ,पता नहीं किस बात का डर है आप लोगों को आओ और शास्त्रार्थ करो सच सामने आ जाएगा

  • @ganeshchandrasuyal3576
    @ganeshchandrasuyal3576 Год назад +3

    आपने तो खिचड़ी बनाकर खिला दिया .

  • @dharmdevarya6484
    @dharmdevarya6484 2 года назад +6

    आप स्वयं ही ईश्वर की सर्वव्यापकता को स्वीकार कर रहे हैं नीलकमल आदि का उदाहरण देकर । प्रतिमा का अर्थ मुर्ति तो लिया जायेगा आप अपने हिसाब से तो कोई अर्थ नहीं ले सकते हैं । मूर्ति पूजा का तो भागवत में भी खण्डन है

    • @Aghori_Tantrik208
      @Aghori_Tantrik208 2 года назад +3

      वेदों, दर्शनों, उपनिषदों, मनुस्मृति, रामायण, महाभारत आदि में भी मूर्तिपूजा का कोई उल्लेख नहीं है। यह मूर्तिपूजा तो गुप्त काल 3-4 ईसवी सदी से आरंभ हुई है। और आज सारा हिन्दू समाज इसको ही कर रहा है जबकि यह अवैदिक भी है और परमात्मा का अपमान भी है।

    • @user-vq3yn3hy6d
      @user-vq3yn3hy6d 2 года назад +2

      @@Aghori_Tantrik208 आपने बिल्कुल सही कहा की मूर्ति पूजा गुप्त काल में जैनी और बोद्धों ने चलाई है

    • @anuragdubeyawadhdham4680
      @anuragdubeyawadhdham4680 Год назад

      @@Aghori_Tantrik208 aur ram ji rameshwar ki asthapana ki thi wo kya sheta ma ne devi pujan kiya tha murkh hai Arya namaji sagunhe agune nahi kachu bheda tulsidas ji likhte hai

    • @Aghori_Tantrik208
      @Aghori_Tantrik208 Год назад

      @@anuragdubeyawadhdham4680 🤣😂1) कहां लिखा है कि रामजी ने रामेश्वरम कि स्थापना की थी??
      2) तुलसीदास तो नारी को अधम से भी अति अधम भी कहते हैं क्या यह भी मानोगे 😂🤣 और अपनी मां, बहन, पत्नि आदि को महा अधम कहोगे।

  • @ShitalPatil-qj1in
    @ShitalPatil-qj1in Год назад +4

    हम शूद्र को वेद पढाया यज्ञोपवीत दिए, आर्य बनाया.
    देव दयानंद सरस्वती की जय. राजर्षि छत्रपती शाहू महाराज की जय.
    पाखंड हटाओ वेद, दर्शन, मनुस्मृती, संस्कार विधि पढो . पाखंडी लोग आपके जीवन का उद्धार नही कर सकते है.

    • @pranav_.X0X
      @pranav_.X0X Год назад +1

      Congratulations dayalnd ne tumhara yagyopavit aur ved padwake apne saath tumko bhi narak ke dwara pohacha diya 😂

    • @Deepak_Arya
      @Deepak_Arya 11 месяцев назад

      ​@@pranav_.X0XAbe tum jatiwadi kutton ki yhi aukaat rah gyi h bs....

  • @sanjaysingh1359
    @sanjaysingh1359 2 года назад +2

    जयश्री सीताराम

  • @Rameshchourasiya32
    @Rameshchourasiya32 22 дня назад

    आर्य समाज से शास्त्रार्थ कर लो पता चल जायेगा कितना ज्ञान है

  • @Ramarya-1988
    @Ramarya-1988 4 месяца назад +3

    जो वेद अनुकूल बाते है वो सभी सत्य है बाकी सभी असत्य है अगर आप इतने शास्त्रों के ज्ञाता है तो आर्य समाज के किसी भी आचार्य से शास्त्रार्थ कर लीजिए। परमपिता परमात्मा एक ही है वह निराकार अजन्मा अनंत अनादि सरवाधार सर्वेश्वर सर्वांतर्यामी अजर अमर अभय नित्य पवित्र और सृष्टि कर्ता है तो उसकी प्रतिमा नही हो सकती इसलिए पाखंड फैलाना छोड़ो आओ लौट चले वेदों की ओर भगवान राम और भगवान कृष्ण ने कौनसी मूर्ति की पूजा की थी गुरकुल में पढ़े थे और एक ईश्वर की उपासना की थी।

  • @Surya.sanatani184
    @Surya.sanatani184 3 месяца назад +3

    आर्य समाज के आगे तू और तेरा तुच्छ ज्ञान कुछ नहीं हैं,

  • @user-xd1zv8xe9w
    @user-xd1zv8xe9w Год назад +3

    प्रतिमा शब्द को प्रतिम बता के वेद मंत्र की खिल्ली मत उड़ाओ महाराज, शब्द महिमा गिराने से अपकर्ष ही मिलेगा

    • @Athato_Brahmajijnasa
      @Athato_Brahmajijnasa Год назад

      ऐसा अर्थ सायण आदि सभी आचार्यों ने किया और माना है।

  • @mithileshmishra4864
    @mithileshmishra4864 Месяц назад

    ❤🙏

  • @satyaayurveda1894
    @satyaayurveda1894 4 месяца назад +3

    यदि मूर्ति भगवान है खाती पीती भावना समझती है इच्छा पूरी करती है
    सब कुछ करने में समर्थ है तो
    मोहम्मद गोरी ने लाखों मूर्तियों को तोड़कर नष्ट कर दिया तब समर्थता ,
    चमत्कार क्यो नही दिखाया

  • @vaibhavsingh8361
    @vaibhavsingh8361 2 года назад +6

    Arya samaj wale Hindu Dharam Granth Manusmriti, Ved Upnishad Sab padhate hai Parmatma ko Mante hai Daily Vedic agnihotra karte hai Arya samaji Bharat ke Freedom struggle mei Sabse aagey rahe Desh Dharam Vedic Sanskriti ke Liye Jaan Tak Haste hue Balidan kar Gye... Aur aaj kr Vyas Peeth pr Baithe Kathakar ki itni Himmat Ni hai ki Muslim Maulvi jo Zeher Failan Rhe Unke Khilaf Koi Abhiyan Chala Paye Arya Samaj Toh Islam ke Bare mei pure Desh ko batata hai ki wo kaise Aap logo se Kahi jyada arya samaj kar rha aur Katha Pandal Lagane Wale Ali maula gaa Rhe Namaz ke Samay Bhagwan ki Katha Rok Dete Hai aise logo ko Sharam ani Chahiye bs Apni Jeb bhar rhe Dharm ki Raksha ke kisi kaam k Liye aagey Ni Atey

    • @RamPrakash-ze8bq
      @RamPrakash-ze8bq 2 года назад

      @vaibhav Singh
      जो मंच पर बैठकर अली मौला करते हैं उनका विरोध स्वामी जी ने किया है। उनका इनसे कोई संबंध नहीं।यह सब प्राचीन शंकराचार्य, रामानुज परंपरा के आचार्य हैं । वेद का सभी अंगों के साथ इन्होंने अध्यन किया। आर्य समाजी तो मात्र अग्निहोत्र करते हैं पर यह सब बड़े बड़े यज्ञ कर डालते हैं जो 11 दिनों में पूरा होता है। रही विधर्मियो से रक्षा की बात तो आर्य समाजी तो 100/150 वर्ष पहले आए। उसके पहले सनातन की रक्षा प्राचीन आचार्यों ने की। आदि शंकराचार्य ने 4 मठों की स्थापना की
      1. उत्तर में ज्योतिर्माठ अथर्ववेद का अधिकार
      2 दक्षिण में श्रृंगेरी यजुर्वेद का अधिकार
      3 पूर्व में पुरी ऋग्वेद का अधिकार
      4. द्वारिका में सामवेद का अधिकार
      आदि शंकराचार्य ने सनातन की रक्षा के लिए नागा साधुओं की सेना बनाई जिसको 7 अखाड़ों में विभाजित किया। आगे चलकर रामानुज परंपरा के आचार्य रामानंदाचार्य ने तीन और अखाड़ों को इसमें जोड़ा।
      इन्ही अखाड़ों के साधुओं ने मुगलों से युद्ध कर हरिद्वार, अयोध्या,हरिद्वार ,आदि तीर्थों में सनातन को बचाए रखा जबकि मुगल दिल्ली में ही थे और यह तीर्थ उतने दूर नहीं थे। औरंगजेब से युद्ध में कितने नागा साधु मारे गए थे। मुगलों के अलावा रामानुजाचार्य और शंकराचार्य ने बौद्धों और जैनियों से शास्त्रार्थ कर उन्हे प्रास्त किया तब बौद्ध धर्म के कई लोग सनातन में वापस आए। रामानंदाचार्य ने अलाउद्दीन खिलजी के शासन काल में मुस्लिम बन चुके लाखों हिंदुओं को वापस हिंदू धर्म में लाकर उन्हें राम तारक मंत्र में दीक्षित किया। खिलजी जब हिंदुओं पर अत्याचार कर रहा था तो रामानंदाचार्य ने मुस्लिम सैनिकों को दण्ड देकर हिंदुओं को बचाया। रामानुजाचार्य ने जैन धर्म अपना चुके हजारों जैनियों से शास्त्रार्थ कर उन्हे हिंदू धर्म में वापस लाया। कथाकारों ने गांव,देहात में जा जाकर सदियों से लोगों को रामायण भागवत की कथाएं सुनाई। चैतन्य महाप्रभु का भक्ति आंदोलन में बंगाल के नवाब को हिंदू धर्म स्वीकारना पड़ा तब जाकर इतने आक्रमण के बाद भी देश में इतनी बड़ी आबादी हिंदू है। तुलसीदास ,सूरदास के पद ,मीरा के भजन इन सबको गा गाकर हिंदू आज भी हिंदू है इतने आक्रमण के बाद भी। इन सबने क्योंकि भगवान से प्रेम करना सिखाया। जबकि दूसरी ओर Egypt, Europe, Arab वहां से उनका मूल धर्म समाप्त हो गया। हमारे प्राचीन आचार्यों ने दयानंद सरस्वती की तरह पुराणों का बहिष्कार नही किया।
      पुराणों को तो वेद में ही पंचम वेद कहा है । संहिता, ब्राह्मण, अरन्यक,उपनिषद सब वेदों के अंग हैं। संहिता ब्रह्मचारी के लिए, ब्रह्मण गृहस्थ के लिए, अरणयक वान प्रस्थियो के लिए और उपनिषद संन्यासियों के लिए । सब वेद है। संहिता में आर्य समाजी मात्र मनु संहिता को महत्व देते हैं जबकि संहिता तो बहुत है जैसे ब्रह्म संहिता, सदाशिव संहिता, शुक संहिता,वशिष्ठ संहिता सबका आर्य समाजी कहां अध्यन करते जबकि प्राचीन गुरुकुलों में सबका अध्यन किया जाता है। यहां तक कि पुराण, उप पुराण और षड दर्शन का भी ।

  • @subhashsangwan7650
    @subhashsangwan7650 Месяц назад

    स्वामी जी अगर आर्य समाज 100 वर्षों से आपकी रक्षा नहीं करता सनातन धर्म की तो आप यह कथा की बचाए कथा तो क्या कहते तिलक भी लगाने के लायक नहीं होते

  • @AjayKumar-gu7tx
    @AjayKumar-gu7tx Месяц назад

    स्वामी जी आपने परमात्मा को किस रूप में देखा है

  • @pratimagupta6971
    @pratimagupta6971 2 года назад +8

    Maharaj ji k charno me koti koti pranaam 🙏

  • @user-nh2zg2jk6c
    @user-nh2zg2jk6c 5 месяцев назад +4

    आर्य जनों से निवेदन है कि यह और इसके भगत बहुत अन्धकार में फंस चुके हैं अब इन्हें ईश्वर ही सद्बुद्धि दे सकते हैं वो भी इस जन्म में तो दूभर है, अतः यहां पर वाद विवाद न करें, बेहतर है हम वेदानुकूल विचार प्रसार में श्रम करें।
    ओ३म् शम्

    • @RSB143
      @RSB143 4 месяца назад +2

      😂😂😀 notanki ke siwa aur kuch nahi hai ye Arya samaj

  • @gurdayalnain5751
    @gurdayalnain5751 22 дня назад

    आईये करिये शास्त्रार्थ अपनी यह पौराणिक दुकान छोड़कर भागोंगे

  • @deepakarya7062
    @deepakarya7062 Год назад +2

    फिर आचार्य जी आप आर्य समाजियों के साथ शास्त्रार्थ करने की चुनौती स्वीकार करते हो क्या फिर आर्य समाजियों का भी बहरम और आप भी बहरम दूर हो जाएगा

    • @AnkushKumar-cg9hn
      @AnkushKumar-cg9hn 5 месяцев назад

      शास्त्रार्थ में तो आर्य समाजी जबरदस्ती सर पर चढते है

  • @satchidanand_09
    @satchidanand_09 2 года назад +3

    🙏🙏🙏🙏

  • @shrikantsharma8236
    @shrikantsharma8236 Год назад +8

    स्वामी जी आप बताये आपने प्रतिमा का अर्थ मुर्ति नही होता है लेकिन सभी लोग मुर्ति ही मानते है।
    आप ने अर्थ बताये भगवान के जैसा कोई नही तब तो ईश्वर का एक ही प्रतिमा होना चाहिए।
    अगर देवता अलग है उनकी मुर्तिया अनेक हो सकते है तो मै देवता जो साकार माता पिता और गुरू ( ज्ञानी ,विद्वान ) को पुजा (सेवा) करू। और ईश्वर किसी एक का मुर्ति बता दिजीए जिसके सद्दश्य दुसरा प्रतिमा का अराधना पुजा उपासना हमलोग करे ।

  • @dungarsinghsolankivirras5927
    @dungarsinghsolankivirras5927 2 года назад +1

    Sadar Naman
    🙏

  • @tilakrajsharma2897
    @tilakrajsharma2897 3 месяца назад +1

    राम राम

  • @knowledgesorts1322
    @knowledgesorts1322 2 года назад +29

    पाखंडी गुरु डरते हैं आर्य समाज से , वे वेदों को मानते हैं

    • @mrchandanpanda6488
      @mrchandanpanda6488 Год назад +6

      Vedon ko mante hai lekin bhagawan ram aur bhagawan krishna ko bhagawan man ne se inkar karte hai....

    • @mrchandanpanda6488
      @mrchandanpanda6488 Год назад +3

      Jo ki galat hai

    • @mrchandanpanda6488
      @mrchandanpanda6488 Год назад +4

      Vedo ka arth ko anarth v karte hai

    • @subratamaitra41
      @subratamaitra41 Год назад +4

      @@mrchandanpanda6488 areh bhai bhagwan krishna ram ka vedo mai varnan nhi hai aur bhagwan ka mtlb ishwar nhi hota, bhagwan ram bhagwan krishna hamare purwaj the iswar nhi,ishwar ko kisi rakshahi vekti ko marne ke liye janm lene ki koi abassakata nhi hai,karm nirdharit karta hai mrityu ko bhi

    • @Ashish36963
      @Ashish36963 Год назад +2

      ​@@mrchandanpanda6488 kiyo Arya samaj tumahari tarah moorkh nhi,arya samaj shree Ram, shree Krishna Ji ko bhagvaan hi manta hai lakin पौराणिक पाखंडी और tumhare jaise moorkhata अज्ञानी bhagvaan ko hi ईश्वर manne lag jate ho to, ek baat jaan lo bhagvaan or ईश्वर mai anter hota hai,to galat kon ager jara bhi vevek boodhi ho to vichar karna,