।निर्वाणषटकम्।। मनोबुद्धयहंकारचित्तानि नाहं न च श्रोत्रजिह्वे न च घ्राणनेत्रे। न च व्योम भूमिर्न तेजो न वायु- श्चिदानन्दरूपः शिवोSहं शिवोSहम् ।।१।। मैं मन नहीं हूँ और न मैं बुद्धि, अहंकार या चित्त ही हूँ। मैं न श्रोत्र हूँ और न जिह्वा, नासिका या नेत्र हूँ। मैं आकाश नहीं हूँ और वायु अग्नि, जल एवं पृथ्वी भी नहीं हूँ। मैं चिदानंद-रूप हूँ; मैं शिव हूँ ।।1।। न च प्राणसंज्ञो न वै पंचवायु- र्न वा सप्तधातुर्न वा पंचकोशः। न वाक्पाणिपादं न चोपस्थपायु चिदानंदरूपः शिवोSहं शिवोSहम् ।।२।। मैं प्राण-संज्ञा नहीं हूँ, मैं पंचवायु नहीं हूँ। मैं सप्तधातु नहीं और न पंचकोश ही हूँ। मैं हाथ-पाँव, वाणी, गुदा या जननेन्द्रिय भी नहीं हूँ। मैं चिदानंदरूप हूँ। मैं शिव हूँ; मैं शिव हूँ ।।2।। न मे द्वेषरागौ न मे लोभमोहौ मदो नैव मे नैव मात्सर्यभावः। न धर्मो न चार्थो न कामो न मोक्ष- श्चिदानंदरूपः शिवोSहं शिवोSहम् ।।३।। मुझमें न द्वेष है, न राग; न लोभ, न मोह; न मद है, न मत्सर। मुझमें धर्म नहीं है, अर्थ भी नहीं है। न इच्छा है, न मोक्ष ही है। मैं चिदानंदरूप हूँ। मैं शिव हूँ; मैं शिव हूँ ।।3।। न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दुःखं न मंत्रो न तीर्थम् न वेदा न यज्ञा:। अहं भोजनं नैव भोज्यम् न भोक्ता चिदानंदरूपः शिवोSहं शिवोSहम् ।।४।। मैं न पुण्य हूँ, न पाप; न सुख हूँ, न दुःख हूँ। मैं मन्त्र नहीं हूँ, मैं तीर्थ नहीं हूँ। मैं वेद नहीं हूँ, यज्ञ भी नहीं हूँ। मैं न भोजन हूँ, न भोजन का कर्म हूँ और न भोजन करने वाला हूँ। मैं चिदानंद-रूप हूँ। मैं शिव हूँ; मैं शिव हूँ ।।4।। न मृत्युर्न शङ्का न मे जातिभेदः पिता नैव मे नैव माता च जन्म। न बन्धुर्न मित्रं गुरुर्नैव शिष्य- श्चिदानानंदरूपः शिवोSहं शिवोSहम् ।।५।। मेरे लिए न मृत्यु है, न शङ्का है; न जाति-भेद है, न माता-पिता हैं। मेरे लिए जन्म नहीं है। मैं बंधु नहीं हूँ, मित्र नहीं हूँ, गुरु नहीं हूँ, शिष्य नहीं हूँ। मैं चिदानंदरूप हूँ। मैं शिव हूँ; मैं शिव हूँ ।।5।। अहं निर्विकल्पो निराकार-रूपो विभुत्वाच्च सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणाम्। न चासंगतं नैव मुक्तिर्न मेय- श्चिदानन्दरूपः शिवोSहं शिवोSहम् ।।६।। मैं विचारहीन हूँ; आकारहीन हूँ। सर्वशक्तिमान हूँ, सर्वत्र हूँ। सभी इन्द्रियों के परे, सबसे अलिप्त हूँ। मेरे लिए मुक्ति भी कुछ नहीं है। मैं चिदानंद-रूप हूँ। मैं शिव हूँ; मैं शिव हूँ
मनोबुद्धयहंकारचित्तानि नाहम् न च श्रोत्र जिह्वे न च घ्राण नेत्रे न च व्योम भूमिर्न तेजॊ न वायु: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥1॥ मैं न तो मन हूं, न बुद्धि, न अहंकार, न ही चित्त हूं मैं न तो कान हूं, न जीभ, न नासिका, न ही नेत्र हूं मैं न तो आकाश हूं, न धरती, न अग्नि, न ही वायु हूं मैं तो शुद्ध चेतना हूं, अनादि, अनंत शिव हूं। न च प्राण संज्ञो न वै पञ्चवायु: न वा सप्तधातुर्न वा पञ्चकोश: न वाक्पाणिपादौ न चोपस्थपायू चिदानन्द रूप:शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥2॥ मैं न प्राण हूं, न ही पंच वायु हूं मैं न सात धातु हूं, और न ही पांच कोश हूं मैं न वाणी हूं, न हाथ हूं, न पैर, न ही उत्सर्जन की इन्द्रियां हूं मैं तो शुद्ध चेतना हूं, अनादि, अनंत शिव हूं। न मे द्वेष रागौ न मे लोभ मोहौ मदो नैव मे नैव मात्सर्य भाव: न धर्मो न चार्थो न कामो ना मोक्ष: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥3॥ न मुझे घृणा है, न लगाव है, न मुझे लोभ है, और न मोह न मुझे अभिमान है, न ईर्ष्या मैं धर्म, धन, काम एवं मोक्ष से परे हूं मैं तो शुद्ध चेतना हूं, अनादि, अनंत शिव हूं। न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दु:खम् न मन्त्रो न तीर्थं न वेदार् न यज्ञा: अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता चिदानन्द रूप:शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥4॥ मैं पुण्य, पाप, सुख और दुख से विलग हूं मैं न मंत्र हूं, न तीर्थ, न ज्ञान, न ही यज्ञ न मैं भोजन(भोगने की वस्तु) हूं, न ही भोग का अनुभव, और न ही भोक्ता हूं मैं तो शुद्ध चेतना हूं, अनादि, अनंत शिव हूं। न मे मृत्यु शंका न मे जातिभेद:पिता नैव मे नैव माता न जन्म: न बन्धुर्न मित्रं गुरुर्नैव शिष्य: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥5॥ न मुझे मृत्यु का डर है, न जाति का भेदभाव मेरा न कोई पिता है, न माता, न ही मैं कभी जन्मा था मेरा न कोई भाई है, न मित्र, न गुरू, न शिष्य, मैं तो शुद्ध चेतना हूं, अनादि, अनंत शिव हूं। अहं निर्विकल्पॊ निराकार रूपॊ विभुत्वाच्च सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणाम् न चासंगतं नैव मुक्तिर्न मेय: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥6॥ मैं निर्विकल्प हूं, निराकार हूं मैं चैतन्य के रूप में सब जगह व्याप्त हूं, सभी इन्द्रियों में हूं, न मुझे किसी चीज में आसक्ति है, न ही मैं उससे मुक्त हूं, मैं तो शुद्ध चेतना हूं, अनादि, अनंत शिव हूं।
परम पूज्य पं. मृत्युंजय हिरेमठ जी के मुखारविन्द से निकला हर स्त्रोत मन को अपार शान्ति प्रदान करता है। सनातन धर्म को जीवित रखते हुए हिन्दू धर्म को उच्चतम शिखर तक पहुँचाने के लिए ऐसे ही मनीषियों ने उत्कृष्ट योगदान किया है। आज के समस्त सनातन हिन्दुओं को चाहिए इन्हीं महान मनीषियों का अनुसरण करते हुए स्तोत्रों की महत्ता को समझें । 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
मुझे पता है आप क्यूँ चले गए इतनी जल्दी हम लोगों को छोड. के माँ पार्वती ने भोले बाबा से पक्का कहा होगा इस बच्चे की आवाज मुझे बहुत है इसे यहां लेके आओ और बाबा ने आप को अपने पास जल्दी बुला लिया ❤😢
yahi baat mann me rakhkar apne jeevan ko samaj ki seva or aadhyatm me itna lagaye ki is jeevan ka udhhar ho uttam jeevan ho jitne samay bhi rahe ye dekhkar unhe bahut harsh hoga, Mahadev 🙏🙏
Praan liye nhi hai moksh diya h prabhu ne is duniya se mukt kr apni sharan me rakh liya jisse iss duniya ki maya ka unpe koi prabhav na ho or pandit ji apne jeevan kaal se sabhi ko moksh ka raasta dikha gaye ap bhi puri bhakti ke sath bhagwan ko yaad kre
भागवत कथा वाचक श्री ठाकुर जी के बाद इतनी मधुर आवाज आपकी ही सुनी है । भगवती सरस्वती का साक्षात वास है आपके स्वर में कृपया अधिक से अधिक स्तोत्रों को अपना स्वर देकर उन्हें जनमानस में प्रसारित कीजिये आशुतोष प्रभु आपके पथ को मंगलमय करें।
आपको आवाज तो साक्षात शिव ने दी है। मेरा मन सुनते सुनते नही थकता।आप का शिव के प्रति समर्पण बहुत ही प्रशंशनीय है।आप युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा स्रोत है धर्म और अध्यात्म के लिए।
निर्वाणषट्कम् NirvaanShatkam lyrics मनोबुद्ध्यहंकारचित्तानि नाहं न च श्रोत्रजिह्वे न च घ्राणनेत्रे । न च व्योमभूमिः न तेजो न वायुः चिदानंदरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ १॥ न च प्राणसंज्ञो न वै पंचवायुः न वा सप्तधातुर्न वा पंचकोशः । न वाक् पाणिपादौ न चोपस्थपायू चिदानंदरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ २॥ न मे द्वेषरागौ न मे लोभमोहौ मदो नैव मे नैव मात्सर्यभावः । न धर्मो न चार्थो न कामो न मोक्षः चिदानंदरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ ३॥ न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दुःखं न मंत्रो न तीर्थं न वेदा न यज्ञाः । अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता चिदानंदरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ ४॥ न मे मृत्युशंका न मे जातिभेदः पिता नैव मे नैव माता न जन्म । न बंधुर्न मित्रं गुरुर्नैव शिष्यः चिदानंदरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ ५॥ अहं निर्विकल्पो निराकाररूपो विभुर्व्याप्य सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणाम् । सदा मे समत्वं न मुक्तिर्न बन्धः चिदानंदरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ ६॥ ॥ इति श्रीमच्छङ्कराचार्यविरचितं आत्मषट्कं सम्पूर्णम् ॥
इस ईश्वरीय मधुर वाणी के लिये कोटी कोटी धन्यवाद जो महादेव के समीप मेहसुस कराये ... प.शैव. मृत्युंजय हिरेमठ जी को भावपूर्ण श्रध्दांजली 😢 आपको भोलेनाथ के चरणों मै स्थान प्राप्त हो
आपकी आवाज इतनी मधुर है की नास्तिक लोग सुनने मात्र से ही अपना जीवन प्रभु को समर्पित कर दे अद्भुत आवाज आवाज है आपकी प्रभु आपको दीर्घायु प्रदान करे आप हमेशा हमे ऐसे ही अपनी मधुर आवाज से मोहित करते रहे 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 ॐ नमः शिवाय 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जब मैं थक कर हार चुकी होती हु 😢😢😢 तब आ के ये सुनती हूं और ऑटोमैटिक रोते रोते सो जाती हूं मुझे आभास होता हैं आपके स्पर्श का प्रभु❤😢 हर मुसीबत से लड़ने की शक्ति दीजिए 😢😢❤
हिंदू धर्म आप जैसे महापुरुषों की वजह से ही अभी तक टिका हुआ है। वरना भारत में जैसी स्थिति आज है, यहां अब हिंदू धर्म का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। आप हिंदू धर्म के संरक्षक के रूप में जन-जन तक इन भजनों के माध्यम से हिंदू धर्म का प्रचार कर रहे हैं। आपको कोटिश: धन्यवाद्। प्रभु आपको लंबी आयु और बेहतर स्वास्थ्य दे। जय महाकाल🚩
मैं शहर में रहता हु और जब भी ये भजन। और इतनी प्यारी सुंदर वाडी सुनता हु ऐसा लगता है कि मैं अपने बचपन में हु जब हमारे गांव में ऐसे ही भागवत रामायण भजन होता था अब तो वो पल नहीं है लेकिन बचपन जरूर स्वर्ग था , बिना कोई मोह माया के वो पल अनमोल थे ❤❤❤ बचपन यादें है जो अभी हमें ये बताते थे कि हम पहले क्या थे ❤❤❤
निःशब्द हु भोलेनाथ की महिमा अनंत हैं जितना सुने बोले करोड़ो करोड़ अंश मात्र भी संभव नहीं आपकी जीवंत वाणी समर्पण महाकाल के चरणों में आपकी अतुल्य भक्ति पे भोलेनाथ की कृपा स्पष्ट हैं 🙏🙏🙏🙏हर हर महादेव
I love the Blessed Voice of Sri Pandit Mritunjay Ji. It is heart touching I feel Shiva in his voice. Lucky to born in this country and having this culture.
Aapka bhajan sunane ke baad lagta hai ye jeevan hi safal ho gya aapko koti koti Pranam maharaj ji 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 Ye khushi ke aur bahut bhavuk hone ke aansu hai 😭😭😭🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
देवेंद्रजी आपके हम सदैव आभारी रहेंगे , मृत्युंजय जी की मधुर वाणी ह्रदय के अंतरंग में अलग ही प्रकार की धारा प्रवाहित कर देती हैं और मन शिवमय हो जाता हैं , श्री मृत्युंजय जी को सादर प्रणाम ,आप पर भी महादेव जी की कृपा सदैव बनी रहे ।🙏🏻
श्रद्धेय परम शैव्य श्री मृत्युंजय हीरेमठ जी के द्वारा निवार्णष्टकम को सुनने से ही शरीर में एक सकारात्मक ऊर्जा की अनुभूति होती है व नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है श्री केदारनाथ जी अपने परम भक्त को अपने श्री चरणों में स्थान दे आप ने अल्पायु में ही अपने आप को सभी शिव प्रेमियों के हृदय में सदा के लिऐ अमर कर लिया हर हर महादेव 😢😢
भगवान श्री केदारनाथ भगवान आपको मोक्ष प्रदान करे आप का यूं ही चले जाना सनातन धर्म के लिए अपूर्णीय क्षति है आपकी आवाज भगवान श्री केदारनाथ भगवान की घाटियों में सदैव गुंजायमान होती रहेगी ॐ हर हर हर संभू 😢😢😢😢😢😢
मनोबुद्धयहंकारचित्तानि नाहम् न च श्रोत्र जिह्वे न च घ्राण नेत्रे न च व्योम भूमिर्न तेजॊ न वायु: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥1॥ न च प्राण संज्ञो न वै पञ्चवायु: न वा सप्तधातुर्न वा पञ्चकोश: न वाक्पाणिपादौ न चोपस्थपायू चिदानन्द रूप:शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥2॥ न मे द्वेष रागौ न मे लोभ मोहौ मदो नैव मे नैव मात्सर्य भाव: न धर्मो न चार्थो न कामो ना मोक्ष: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥3॥ न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दु:खम् न मन्त्रो न तीर्थं न वेदार् न यज्ञा: अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता चिदानन्द रूप:शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥4॥ न मे मृत्यु शंका न मे जातिभेद:पिता नैव मे नैव माता न जन्म: न बन्धुर्न मित्रं गुरुर्नैव शिष्य: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥5॥ अहं निर्विकल्पॊ निराकार रूपॊ विभुत्वाच्च सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणाम् न चासंगतं नैव मुक्तिर्न मेय: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥6॥
Mano buddhi ahankaara chitthaani naaham Na cha shrothra jihve na cha ghraana nethre Na cha vyoma bhoomir na thejo na vaayuh Chidhaanandha roopah shivoham shivoham Na cha praana sangnyo na vai panchavaayuh Na vaa saptha dhaathur na vaa panchakoshah Na vaak paani paadham na chopastha paayu Chidhaanandha roopah shivoham shivoham Na me dhvesha raagau na me lobha mohau Na me vai madho naiva maathsarya bhaavaha Na dharmo na chaartho na kaamo na mokshaha Chidhaanandha roopah shivoham shivoham Na punyam na paapam na saukhyam na dhukham Na manthro na theertham na vedhaa na yagnyaha Aham bhojanam naiva bhojyam na bhokthaa Chidhaanandha roopah shivoham shivoha Na me mruthyu shankaa na me jaathi bhedhaha Pithaa naiva me naiva maathaa na janmaha Na bandhur na mithram gurur naiva shishyaha Chidhaanandha roopah shivoham shivoham Aham nirvikalpo niraakaara roopo Vibhuthvaacha sarvathra sarvendhriyaanaam Na chaasangatham naiva mukthir na meyaha Chidhaanandha roopah shivoham shivoham
साक्षात् देव वाणी 🙏
Mere Sanskrit ke sir apki dhun me gaate hai Iam proud of him
।निर्वाणषटकम्।।
मनोबुद्धयहंकारचित्तानि नाहं
न च श्रोत्रजिह्वे न च घ्राणनेत्रे।
न च व्योम भूमिर्न तेजो न वायु-
श्चिदानन्दरूपः शिवोSहं शिवोSहम् ।।१।।
मैं मन नहीं हूँ और न मैं बुद्धि, अहंकार या चित्त ही हूँ। मैं न श्रोत्र हूँ और न
जिह्वा, नासिका या नेत्र हूँ। मैं आकाश नहीं हूँ और वायु अग्नि, जल एवं
पृथ्वी भी नहीं हूँ। मैं चिदानंद-रूप हूँ; मैं शिव हूँ ।।1।।
न च प्राणसंज्ञो न वै पंचवायु-
र्न वा सप्तधातुर्न वा पंचकोशः।
न वाक्पाणिपादं न चोपस्थपायु
चिदानंदरूपः शिवोSहं शिवोSहम् ।।२।।
मैं प्राण-संज्ञा नहीं हूँ, मैं पंचवायु नहीं हूँ। मैं सप्तधातु नहीं और न पंचकोश
ही हूँ। मैं हाथ-पाँव, वाणी, गुदा या जननेन्द्रिय भी नहीं हूँ। मैं चिदानंदरूप
हूँ। मैं शिव हूँ; मैं शिव हूँ ।।2।।
न मे द्वेषरागौ न मे लोभमोहौ
मदो नैव मे नैव मात्सर्यभावः।
न धर्मो न चार्थो न कामो न मोक्ष-
श्चिदानंदरूपः शिवोSहं शिवोSहम् ।।३।।
मुझमें न द्वेष है, न राग; न लोभ, न मोह; न मद है, न मत्सर। मुझमें धर्म नहीं है, अर्थ
भी नहीं है। न इच्छा है, न मोक्ष ही है। मैं चिदानंदरूप हूँ। मैं शिव हूँ; मैं शिव हूँ
।।3।।
न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दुःखं
न मंत्रो न तीर्थम् न वेदा न यज्ञा:।
अहं भोजनं नैव भोज्यम् न भोक्ता
चिदानंदरूपः शिवोSहं शिवोSहम् ।।४।।
मैं न पुण्य हूँ, न पाप; न सुख हूँ, न दुःख हूँ। मैं मन्त्र नहीं हूँ, मैं तीर्थ नहीं हूँ। मैं वेद
नहीं हूँ, यज्ञ भी नहीं हूँ। मैं न भोजन हूँ, न भोजन का कर्म हूँ और न भोजन
करने वाला हूँ। मैं चिदानंद-रूप हूँ। मैं शिव हूँ; मैं शिव हूँ ।।4।।
न मृत्युर्न शङ्का न मे जातिभेदः
पिता नैव मे नैव माता च जन्म।
न बन्धुर्न मित्रं गुरुर्नैव शिष्य-
श्चिदानानंदरूपः शिवोSहं शिवोSहम् ।।५।।
मेरे लिए न मृत्यु है, न शङ्का है; न जाति-भेद है, न माता-पिता हैं। मेरे लिए
जन्म नहीं है। मैं बंधु नहीं हूँ, मित्र नहीं हूँ, गुरु नहीं हूँ, शिष्य नहीं हूँ। मैं
चिदानंदरूप हूँ। मैं शिव हूँ; मैं शिव हूँ ।।5।।
अहं निर्विकल्पो निराकार-रूपो
विभुत्वाच्च सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणाम्।
न चासंगतं नैव मुक्तिर्न मेय-
श्चिदानन्दरूपः शिवोSहं शिवोSहम् ।।६।।
मैं विचारहीन हूँ; आकारहीन हूँ। सर्वशक्तिमान हूँ, सर्वत्र हूँ।
सभी इन्द्रियों के परे, सबसे अलिप्त हूँ। मेरे लिए मुक्ति भी कुछ नहीं है। मैं
चिदानंद-रूप हूँ। मैं शिव हूँ; मैं शिव हूँ
आपने lyrics लिखकर बहुत अच्छा लगा बहुत बहुत धन्यवाद 🎉
@@maagayatri8599 धन्यवाद 🙏🙏 हर हर महादेव 🙏🙏
ॐ नमः शिवाय 🙌👏
ॐ नमः पार्वती पतयै हर हर महादेव 👏
ईश्वर गुरुजी की पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें 😢
@@AshishKumar-qd3su kya hua bhai
@@shivamgupta___pkk Ab inki aawaz rahegi ,ye samadhi me leen ho chuke hai 👏
मनोबुद्धयहंकारचित्तानि नाहम् न च श्रोत्र जिह्वे न च घ्राण नेत्रे
न च व्योम भूमिर्न तेजॊ न वायु: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥1॥
मैं न तो मन हूं, न बुद्धि, न अहंकार, न ही चित्त हूं
मैं न तो कान हूं, न जीभ, न नासिका, न ही नेत्र हूं
मैं न तो आकाश हूं, न धरती, न अग्नि, न ही वायु हूं
मैं तो शुद्ध चेतना हूं, अनादि, अनंत शिव हूं।
न च प्राण संज्ञो न वै पञ्चवायु: न वा सप्तधातुर्न वा पञ्चकोश:
न वाक्पाणिपादौ न चोपस्थपायू चिदानन्द रूप:शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥2॥
मैं न प्राण हूं, न ही पंच वायु हूं
मैं न सात धातु हूं,
और न ही पांच कोश हूं
मैं न वाणी हूं, न हाथ हूं, न पैर, न ही उत्सर्जन की इन्द्रियां हूं
मैं तो शुद्ध चेतना हूं, अनादि, अनंत शिव हूं।
न मे द्वेष रागौ न मे लोभ मोहौ मदो नैव मे नैव मात्सर्य भाव:
न धर्मो न चार्थो न कामो ना मोक्ष: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥3॥
न मुझे घृणा है, न लगाव है, न मुझे लोभ है, और न मोह
न मुझे अभिमान है, न ईर्ष्या
मैं धर्म, धन, काम एवं मोक्ष से परे हूं
मैं तो शुद्ध चेतना हूं, अनादि, अनंत शिव हूं।
न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दु:खम् न मन्त्रो न तीर्थं न वेदार् न यज्ञा:
अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता चिदानन्द रूप:शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥4॥
मैं पुण्य, पाप, सुख और दुख से विलग हूं
मैं न मंत्र हूं, न तीर्थ, न ज्ञान, न ही यज्ञ
न मैं भोजन(भोगने की वस्तु) हूं, न ही भोग का अनुभव, और न ही भोक्ता हूं
मैं तो शुद्ध चेतना हूं, अनादि, अनंत शिव हूं।
न मे मृत्यु शंका न मे जातिभेद:पिता नैव मे नैव माता न जन्म:
न बन्धुर्न मित्रं गुरुर्नैव शिष्य: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥5॥
न मुझे मृत्यु का डर है, न जाति का भेदभाव
मेरा न कोई पिता है, न माता, न ही मैं कभी जन्मा था
मेरा न कोई भाई है, न मित्र, न गुरू, न शिष्य,
मैं तो शुद्ध चेतना हूं, अनादि, अनंत शिव हूं।
अहं निर्विकल्पॊ निराकार रूपॊ विभुत्वाच्च सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणाम्
न चासंगतं नैव मुक्तिर्न मेय: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥6॥
मैं निर्विकल्प हूं, निराकार हूं
मैं चैतन्य के रूप में सब जगह व्याप्त हूं, सभी इन्द्रियों में हूं,
न मुझे किसी चीज में आसक्ति है, न ही मैं उससे मुक्त हूं,
मैं तो शुद्ध चेतना हूं, अनादि, अनंत शिव हूं।
Om namah shivaya 🙏🏻
Thank you for writing the lyrics
Thank sir for this lyrics write
Har har Mahadev
❤
Har har mahadev
।। ॐ नमः शिवाय ।।
कोई बैक ग्राउंड music नही है, कोई instument नही पर कितना मोहक है आपका स्वर 🙏
गुरुजी का आज देवलोकगमन हो गया है😢😢😢
P
Inka nidhan ho gaya
परम पूज्य पं. मृत्युंजय हिरेमठ जी के मुखारविन्द से निकला हर स्त्रोत
मन को अपार शान्ति प्रदान करता है। सनातन धर्म को जीवित रखते हुए हिन्दू धर्म को उच्चतम शिखर तक पहुँचाने के लिए ऐसे ही मनीषियों ने उत्कृष्ट योगदान किया है। आज के समस्त सनातन हिन्दुओं को चाहिए इन्हीं महान मनीषियों का अनुसरण करते हुए स्तोत्रों की महत्ता को समझें ।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Amazing very peaceful
Vani me shiv
सही बात है सभी सनातनी को स्त्रोत पाठ करना चाहिए 🙏🙏🙏
Jai Vishvnatham🙏🙏
@@aruntinker720 Jio Jio
मुझे पता है आप क्यूँ चले गए इतनी जल्दी हम लोगों को छोड. के
माँ पार्वती ने भोले बाबा से पक्का कहा होगा
इस बच्चे की आवाज मुझे बहुत है इसे यहां लेके आओ और बाबा ने आप को अपने पास जल्दी बुला लिया ❤😢
❤❤❤❤❤❤😢
Om Namah Shivaya 🙏 🕉🔱🌹
Har Har Mahadev 💟
❤❤😢
😭
ॐ शांति 😭😭..महादेव श्री चरणों में स्थान दे।
😢😢😢😢
आपको शिव लोक धाम प्राप्त हो
अत्यंत दुखद सूचना प्राप्त हुई
😢😢😢😢
🙏🙏
😢🙏🙏🙏
Kya hua inko
😢😢😢😢😢
सुनकर अत्यंत कष्ट पहुंचा की आप नही रहे।।। महापुरुष कभी नही जाते आप सदैव हम सबों के हृदय में विराजमान रहेंगे।। ॐ शांति
😊
आपके स्थान पर मेरे प्राण ले लेते महादेव मै खुशी खुशी अपने प्राण इनके चरणों में भेंट कर देता
yahi baat mann me rakhkar apne jeevan ko samaj ki seva or aadhyatm me itna lagaye ki is jeevan ka udhhar ho uttam jeevan ho jitne samay bhi rahe ye dekhkar unhe bahut harsh hoga, Mahadev 🙏🙏
Praan liye nhi hai moksh diya h prabhu ne is duniya se mukt kr apni sharan me rakh liya jisse iss duniya ki maya ka unpe koi prabhav na ho or pandit ji apne jeevan kaal se sabhi ko moksh ka raasta dikha gaye ap bhi puri bhakti ke sath bhagwan ko yaad kre
बोलना आसान है
@@hiteshkamrani50कैसा रास्ता दिखाए?
@@abhinavkumar9905 kese moksh paana hai
हे परमपूज्य आपकी मधुर अवाज को सुनकर हम गाना छोडकर आपको ही सुन रहा हु.. मा सरस्वती कि कृपा आपपर बनी रहे
6:26 आप धन्य हैं
Om namah shivay नमस्ते ❤❤❤❤
भागवत कथा वाचक श्री ठाकुर जी के बाद इतनी मधुर आवाज आपकी ही सुनी है । भगवती सरस्वती का साक्षात वास है आपके स्वर में कृपया अधिक से अधिक स्तोत्रों को अपना स्वर देकर उन्हें जनमानस में प्रसारित कीजिये आशुतोष प्रभु आपके पथ को मंगलमय करें।
ruclips.net/video/zdDRqfuR2z0/видео.html
🙏
Jai shree krishna
Ye pandit Mrityunjay hiremath hai jo kedardham ke pujari hai
Awaz katha vachak Gaurav ji maharaj ji ki bhi bhut jada achi hai 🙏
बहु शोभनं 👌🚩🙏😍
आपको आवाज तो साक्षात शिव ने दी है। मेरा मन सुनते सुनते नही थकता।आप का शिव के प्रति समर्पण बहुत ही प्रशंशनीय है।आप युवा पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा स्रोत है धर्म और अध्यात्म के लिए।
निर्वाणषट्कम् NirvaanShatkam lyrics
मनोबुद्ध्यहंकारचित्तानि नाहं
न च श्रोत्रजिह्वे न च घ्राणनेत्रे ।
न च व्योमभूमिः न तेजो न वायुः
चिदानंदरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ १॥
न च प्राणसंज्ञो न वै पंचवायुः
न वा सप्तधातुर्न वा पंचकोशः ।
न वाक् पाणिपादौ न चोपस्थपायू
चिदानंदरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ २॥
न मे द्वेषरागौ न मे लोभमोहौ
मदो नैव मे नैव मात्सर्यभावः ।
न धर्मो न चार्थो न कामो न मोक्षः
चिदानंदरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ ३॥
न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दुःखं
न मंत्रो न तीर्थं न वेदा न यज्ञाः ।
अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता
चिदानंदरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ ४॥
न मे मृत्युशंका न मे जातिभेदः
पिता नैव मे नैव माता न जन्म ।
न बंधुर्न मित्रं गुरुर्नैव शिष्यः
चिदानंदरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ ५॥
अहं निर्विकल्पो निराकाररूपो
विभुर्व्याप्य सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणाम् ।
सदा मे समत्वं न मुक्तिर्न बन्धः
चिदानंदरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ ६॥
॥ इति श्रीमच्छङ्कराचार्यविरचितं आत्मषट्कं सम्पूर्णम् ॥
bahut he sundar
Pin krr do isse
❤
AAPKA BOHOT BOHOT DHANYAWAD🙏
HAAM SAAB AAPKE ABHARI HAI 🙏
BOHOT HEE MADHUR , SUNDAR SWAR AUR STOTRA GAYA HAI AAPNE 🙏
आप पर तो प्रभु की साक्षात कृपा है इतनी मधुर आवाज की मन मंत्रमुग्ध हो जाएं🙏
जय श्री महाकाल 🌷 नमः पार्वती पतेय हर हर महादेव🌹🌹
जय हो महाराज
यह मंत्र महाकाल मंदिर उज्जैन में बजता है ❤️❤️
मेरॆ पास कोइ शब्द हि नहि हे केसे मे गुरुवर को बताउ कि कितना मन्त्र मुग्ध स्त्रोत हे इनका
परम शांति...
🙏🙏🙏💯💯💯💯❤❤❤🙏🙏
Om namah Shivay
Wonderful no words for shree Harimathe ji.
Really he is blessed one.
ruclips.net/video/zdDRqfuR2z0/видео.html
प्रातः काल आपकी वाणी सही स्रोत सुनते हैं मनको असीम शांति मिलती है भोलेनाथ कि आप कृपा सदैव बनी रहे जय भोलेनाथ
आपको मा शारदे का वरदान है ।भोले नाथ सबका भला करे बहुत बहुत शुकरिया हर हर महादेवाय नमः
दीदी, शुक्रिया की जगह धन्यवाद या साधुवाद कहिये। 😊👌👌
जय श्री महाकाल
जय हो देवाधिदेव महादेव की बाबा की कृपा दृष्टि हमेशा सभी भक्तों पर बनी रहें।
जय जय....!
@@amitsinha7680 sahi kaha bhai ye urdu sabd hai
इस ईश्वरीय मधुर वाणी के लिये कोटी कोटी धन्यवाद जो महादेव के समीप मेहसुस कराये ... प.शैव. मृत्युंजय हिरेमठ जी को भावपूर्ण श्रध्दांजली 😢 आपको भोलेनाथ के चरणों मै स्थान प्राप्त हो
मेरा जीवन धन्य हो गया आपकी वाणी में श्लोक सुन कर। 🙏🙏 सरस्वती का वास है आपकी वाणी पर।
Har har mahadev. Har har mahadev. Har har mahadev. Apko bhi koti koti pranaam apke uppar maa saraswati ka ashirwaad hai.
आपकी आवाज इतनी मधुर है की नास्तिक लोग सुनने मात्र से ही अपना जीवन प्रभु को समर्पित कर दे अद्भुत आवाज आवाज है आपकी
प्रभु आपको दीर्घायु प्रदान करे
आप हमेशा हमे ऐसे ही अपनी मधुर आवाज से मोहित करते रहे 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏 ॐ नमः शिवाय 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जब मैं थक कर हार चुकी होती हु 😢😢😢
तब आ के ये सुनती हूं और ऑटोमैटिक रोते रोते सो जाती हूं
मुझे आभास होता हैं आपके स्पर्श का
प्रभु❤😢
हर मुसीबत से लड़ने की शक्ति दीजिए 😢😢❤
हिंदू धर्म आप जैसे महापुरुषों की वजह से ही अभी तक टिका हुआ है। वरना भारत में जैसी स्थिति आज है, यहां अब हिंदू धर्म का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। आप हिंदू धर्म के संरक्षक के रूप में जन-जन तक इन भजनों के माध्यम से हिंदू धर्म का प्रचार कर रहे हैं। आपको कोटिश: धन्यवाद्। प्रभु आपको लंबी आयु और बेहतर स्वास्थ्य दे। जय महाकाल🚩
मैं शहर में रहता हु और जब भी ये भजन। और इतनी प्यारी सुंदर वाडी सुनता हु ऐसा लगता है कि मैं अपने बचपन में हु जब हमारे गांव में ऐसे ही भागवत रामायण भजन होता था अब तो वो पल नहीं है लेकिन बचपन जरूर स्वर्ग था , बिना कोई मोह माया के वो पल अनमोल थे ❤❤❤ बचपन यादें है जो अभी हमें ये बताते थे कि हम पहले क्या थे ❤❤❤
निःशब्द हु भोलेनाथ की महिमा अनंत हैं जितना सुने बोले करोड़ो करोड़ अंश मात्र भी संभव नहीं आपकी जीवंत वाणी समर्पण महाकाल के चरणों में आपकी अतुल्य भक्ति पे भोलेनाथ की कृपा स्पष्ट हैं 🙏🙏🙏🙏हर हर महादेव
जय हो देवाधिदेव महादेव की बाबा की कृपा दृष्टि हमेशा सभी भक्तों पर बनी रहें।
Har Har Mahadev🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
परम पूज्य हि रे मट महाराज जी के स्वर में अपार शांति मिलती है जय हो बाबा केदारनाथ की
🙏🙏🙏
बहुत सुंदर हर हर महादेव
पार्वती पतये नमः❣️❤️♥️♥️♥️❤️❤️🌹🌹🌹🌹🌷🌷🌷🌹🔱🙏🙏🙏🙏 हर हर महादेव 🔱 जय भोले🙏
Har har mahadev awaje bhut he madhur hai feeling speechless god bless you
प्रभु ये सुन के ऐसा लगता है जैसे महादेव के दर्शन हो गए सुन के इतना अच्छा लगता है प्रभु की बता नही सकते।
Mahadev ❤️👌🏻🤗🤗🤗🤗🤩
अब आप बस इनकी आवाज़ ही सुन सकते है इनके दर्शन अब नहीं होंगे ये देवलोक चले गये है 😭
I love the Blessed Voice of Sri Pandit Mritunjay Ji. It is heart touching I feel Shiva in his voice. Lucky to born in this country and having this culture.
Nirvana Shatakam has nothing to do with Shiva... It's about atma -- More specifically, self realization.
जय हो आदी शंकराचार्य जी माझे सर्वस्व आहे धन्यवाद
शांभसदाशिव 🌸🤍🙏🏻
Aapka bhajan sunane ke baad lagta hai ye jeevan hi safal ho gya aapko koti koti Pranam maharaj ji 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Ye khushi ke aur bahut bhavuk hone ke aansu hai 😭😭😭🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
कोटि कोटि नमन प्रणाम महाराज जी 😢 आप शिव लोक पधार गए 🥺😔🙏
इतनी अच्छी वाड़ी है महादेव आप पर कृपा बनाए रखें हर हर महादेव
आपकी आवाज में साक्षात मां सरस्वती का वास है आपको तापो भूमि अलवर से बहुत प्यार ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ❤❤❤❤❤
Hum dhanye ho gye aap ki madhur wani sunkar. Jay mahakal 🙏🙏🙏
ॐ नमः शिवाय 🙇🏻♀️🙏
May lord Shiva bless u and all hindus .
Har har mahadev
परम् पूज्य गुरुदेव के मुखरबिंदु से अपने आराध्य देव की ऐसी स्तुति पहले कभी नहीं सुना था ।
नमन है ऐसे वाग्देवी सरस्वती द्वारा अलंकृत संत को 🙏🙏🙏
देवेंद्रजी आपके हम सदैव आभारी रहेंगे , मृत्युंजय जी की मधुर वाणी ह्रदय के अंतरंग में अलग ही प्रकार की धारा प्रवाहित कर देती हैं और मन शिवमय हो जाता हैं , श्री मृत्युंजय जी को सादर प्रणाम ,आप पर भी महादेव जी की कृपा सदैव बनी रहे ।🙏🏻
Jai gurudev aapko koti koti naman aapaki aawaz sun kar mujhe bahut Santi milti hai
Bilkul sahi bole aadarneey parnaam🙏🙏🙏 har har mahadev🙏🙏🙏
🙏❤❤❤💯💯🙏🙏🙏
@@munnadev2763 प्रणाम , हर हर महादेव 🙏🏻
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आप की मृत्यु की खबर सुन के बहुत दुख हुआ भगवान शिव आप को अपने चरणों में स्थान दे और आप को आत्म को शांति 😭😭🙏
अत्यंत मधुर वाणी....साक्षात माँ सरस्वती का वास है आपकी वाणी में!🙏 प्रणाम
ॐ श्री महाँकाल नमः
Aapke vadi me itni madhurta h swami ji ki aakhe band karne par bhole nath k darsan hote h
आपके जाने से मन बहुत दुखी है भगवान केदारनाथ महादेव आपको अपने चरणों में स्थानदें।😢😢
Pranam Panditji bahut bahut sunder stuti 🙏🙏💐
श्रद्धेय परम शैव्य श्री मृत्युंजय हीरेमठ जी के द्वारा निवार्णष्टकम को सुनने से ही शरीर में एक सकारात्मक ऊर्जा की अनुभूति होती है व नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है श्री केदारनाथ जी अपने परम भक्त को अपने श्री चरणों में स्थान दे आप ने अल्पायु में ही अपने आप को सभी शिव प्रेमियों के हृदय में सदा के लिऐ अमर कर लिया हर हर महादेव 😢😢
ईष्वर की विशेष कृपा है आपकी वाणी में। 🙏🙏
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
brahmchrya hai bhai ye
भगवान श्री केदारनाथ भगवान आपको मोक्ष प्रदान करे आप का यूं ही चले जाना सनातन धर्म के लिए अपूर्णीय क्षति है आपकी आवाज
भगवान श्री केदारनाथ भगवान की घाटियों में सदैव गुंजायमान होती रहेगी ॐ हर हर हर संभू 😢😢😢😢😢😢
हृदय प्रफुल्लित हो गया गुरुजी आपके पावन मुखारविंद से श्रवण करके
मनोबुद्धयहंकारचित्तानि नाहम् न च श्रोत्र जिह्वे न च घ्राण नेत्रे
न च व्योम भूमिर्न तेजॊ न वायु: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥1॥
न च प्राण संज्ञो न वै पञ्चवायु: न वा सप्तधातुर्न वा पञ्चकोश:
न वाक्पाणिपादौ न चोपस्थपायू चिदानन्द रूप:शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥2॥
न मे द्वेष रागौ न मे लोभ मोहौ मदो नैव मे नैव मात्सर्य भाव:
न धर्मो न चार्थो न कामो ना मोक्ष: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥3॥
न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दु:खम् न मन्त्रो न तीर्थं न वेदार् न यज्ञा:
अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता चिदानन्द रूप:शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥4॥
न मे मृत्यु शंका न मे जातिभेद:पिता नैव मे नैव माता न जन्म:
न बन्धुर्न मित्रं गुरुर्नैव शिष्य: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥5॥
अहं निर्विकल्पॊ निराकार रूपॊ विभुत्वाच्च सर्वत्र सर्वेन्द्रियाणाम्
न चासंगतं नैव मुक्तिर्न मेय: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ॥6॥
Ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram ram🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं
आराध्य देवाधिदेव नीलकंठ महादेव और आदिशक्ति मां जगदम्बा आपको अपने श्री चरणों में स्थान दें ऊं शान्ति! शान्ति!! शान्ति!!!
चिदा नंद रूपम शिवोहम शिवोहम ,,,,,,, जय हो महादेव
शिव🌺🙏🏻🌺 श्री करौली शंकर महादेव🙏🏻
🙏🙏🙏आपकी आवाज की नाद सुनकर मन उल्लास से भर जाता है,,प्रणाम गुरुदेव🙏🙏🙏🙏🙏
आप इस धरा पर तो नहीं हो पर केदारनाथ धाम मे आपका स्वर हमेशा गूँजता रहेगा 🙏 ॐ शांति ॐ शांति 🙏🙏🚩
Itna sunder madhur kantha. Shankar bhagwan ne ye aapko pradan kiya hai .jai ho bholenath
Mano buddhi ahankaara chitthaani naaham
Na cha shrothra jihve na cha ghraana nethre
Na cha vyoma bhoomir na thejo na vaayuh
Chidhaanandha roopah shivoham shivoham
Na cha praana sangnyo na vai panchavaayuh
Na vaa saptha dhaathur na vaa panchakoshah
Na vaak paani paadham na chopastha paayu
Chidhaanandha roopah shivoham shivoham
Na me dhvesha raagau na me lobha mohau
Na me vai madho naiva maathsarya bhaavaha
Na dharmo na chaartho na kaamo na mokshaha
Chidhaanandha roopah shivoham shivoham
Na punyam na paapam na saukhyam na dhukham
Na manthro na theertham na vedhaa na yagnyaha
Aham bhojanam naiva bhojyam na bhokthaa
Chidhaanandha roopah shivoham shivoha
Na me mruthyu shankaa na me jaathi bhedhaha
Pithaa naiva me naiva maathaa na janmaha
Na bandhur na mithram gurur naiva shishyaha
Chidhaanandha roopah shivoham shivoham
Aham nirvikalpo niraakaara roopo
Vibhuthvaacha sarvathra sarvendhriyaanaam
Na chaasangatham naiva mukthir na meyaha
Chidhaanandha roopah shivoham shivoham
Wah gru g koti koti pranam svikarey
Aisa lag raha hai aatma suddh ho gaya ye sun ke..... aapki aawaaj....❤❤❤❤❤❤❤
अदभुत स्वर हर हर महादेव हर हर गंगे
मॉ सरस्वती की कृपा सदैव बनी रहे आपके ऊपर
Kya Sawar Hai Maharaj ji Manmohan liya aapane
Jab nind nhi aati h tab sunta hu 🫂
Atisundar dhyani.......
हर हर महादेव 🌺🙏🙏🙏🔱 प्रभु कृपा सदैव बनी रहे ।। इस संसार का कल्याण करना
जय हो देवाधिदेव महादेव की बाबा की कृपा दृष्टि हमेशा सभी भक्तों पर बनी रहें।
माँ सरस्वती का वरदान प्राप्त है।
स्वम् सम्भू नाथ वृज मान है
हर हर महादेव
सादर प्रणाम परम पूज्य पं. मृत्युंजय हिरेमठ जी | अतिसुन्दर देवेंद्रजी, आपके हम सदैव आभारी रहेंगे
जय भोलेनाथ जयगौरीशंकर जयमहाकाल हरहरमहादेव 🙏🙏🕉🕉🕉🕉🕉🕉
यह पहली बार है कि मैं कुछ सुन रहा हूं और मैं उसमें घूमूंगा हो गया हूं धन्यवाद हर हर महादेव🙏🏽🌕
Ati sunder saaf suthra mantrochar aur Vani.
Aap ki aavaaj main ma saraswati ka vaas hai i like u mahraj ji
आपकी स्वर का कायल हूँ.
एक ही शब्द अद्भुत.
अवश्य ही आप आने वाली पीढ़ी के मार्गदर्शक है...
only tears in my eyes what a deep heart voice
ram ram
आवाज़ में ही संगीत, वाद्य यंत्रों की अनुभूति //अद्भुत।
प्रभु आशुतोष अपने भक्तों पर कृपा बरसाते रहे 🙏🚩🙏🌹🌹🌹🙏🙏
Apk gale main swayam sarawati mata ka nivass h🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 om namah shivay
Om namah shivay har har Mahadev shambhu 🙏🙏
कोटी कोटि प्रणाम गुरूजी
आप के स्वर में में जो शक्ति है इस स्वर और ये सुनने के बाद ऐसा लगता है जैसे मोक्ष की प्राप्ति हो गई है ।
जय श्री महाकाल
🙏🙏🙏नम: शिवाय उमा महेश्वराभ्याम नम: बं
बं भोले
Guru ji apki awaj sukun deti h 🙏🙏
श्री केदार नाथ आपको अपने श्री चरणों में स्थान दें परम शैव मृत्युंजय हिरेमठ जी...😢🙏🙏🙏ओम शांति।।🙏🙏🙏🙏🙏
Vaah ma Kasam itna Sundar pahali baar suna Dil ko chhugay
हर हर महादेव 🚩🔱🚩🙏
Jai Bholenath❤️🧡
😊आपकी आवाज इतनी आकर्षक है कि मैं रोजाना पढ़ाई शुरू करने से पहले सुन्नती हूं🙏
Hlw
Satya vachan
जय बाबा केदारनाथ कि जय हर हर महादेव जय भोले बाबा भोलेनाथ शिव शंकर नमः ॐ श्री शिवाय नमः 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🥝
महादेव अपनी शरण में स्थान प्रदान करे, 🕉 शांति
अति भाउक करने वाला भजन 🛕🛕🌹🌹🕉️🕉️🚩🚩🙏🙏🇮🇳🇮🇳🌞🌞⛳😃😃💯💯🇮🇳🇮🇳🌞🌞🛕🛕🎯🎯🪔🪔📙📙🕉️🕉️🚩🚩🙏🙏 मन करता है की बार-बार सुने 🌹🌹🕉️🕉️🚩🚩🙏🙏प्🇮🇳🇮🇳🌞💯💯😃😃