इतना टूटा हूं कि छूने से बिखर जाऊंगा। दादा लालमन चंचल 🆚 दादा बाबूलाल राजपूत। बाल्हेश्वर धाम ऐहार

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  • Опубликовано: 5 янв 2025

Комментарии • 6

  • @AjeetprakashTripathi
    @AjeetprakashTripathi Месяц назад +3

    जब दो सक्षम कलाकार आमने-सामने होते हैं तब जवाबी का नतीजा ही कुछ और होता है। भैया लालमन चंचल का अंदाज ही अलग है।

  • @neeteshRajpoot999
    @neeteshRajpoot999 Месяц назад +2

    गीत हों तो ऐसे वाह क्या बात है आनंद आ गया दोनों कलाकार बहुत अच्छा कार्य कृम दे रहे हैं

  • @VijaySingh-d2w
    @VijaySingh-d2w Месяц назад +1

    बहुत सुन्दर गायकी जय हो लालमन चंचल दादा विजय सिंह पंछी ग्रप गोण्डा का सादर प्रणाम है

  • @omprakashporwal6278
    @omprakashporwal6278 14 дней назад +1

    Jai Ho dada ji

  • @omprakashporwal6278
    @omprakashporwal6278 26 дней назад +1

    जय हो दादा जी

  • @BabluKumar-e5c6f
    @BabluKumar-e5c6f Месяц назад +1

    Vah Guruji main aapko Pranam karta hun Anand a Gaya