महर्षि दयानंद सरस्वती जी के उत्तम चिंतन समाज को वितरण करने के लिए अनेक अनेक साधुवाद शिक्षा के विषय पर हर नागरिक को जानने के लिए दयानंद सरस्वती जी के सत्यार्थ प्रकाश का तृतीय समुल्लास अवश्य पढ़ाना चाहिए। बधाई हो दीप्ति बेटा इस प्रकार समाज को आलोकित करते रहो। हमें आप पर गर्व है आपकी मधुर ध्वनि से आर्य जगत गौरवान्वित करेगा। आचार्य सोमनाथ साहु केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर भोपाल
*प्राचीन काल में नारी के कर्तव्य* * गृहकार्य: घर के सभी काम जैसे भोजन बनाना, कपड़े धोना, बच्चों की देखभाल करना, घर की साफ-सफाई करना आदि नारी के प्रमुख कर्तव्यों में से थे। * धार्मिक कर्तव्य: धर्म का पालन करना, पूजा-पाठ करना और त्योहार मनाना नारी के कर्तव्यों में शामिल था। * पति और परिवार की सेवा: पति और परिवार की सेवा करना नारी का सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य माना जाता था। * शिक्षा: समाज में नारियों को कन्या गुरुकुल में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलता था * कला और शिल्प: कुछ नारियां कला और शिल्प में निपुण होती थीं। वे संगीत, नृत्य, चित्रकला आदि में रुचि लेती थीं। * समाज और संस्कृति का प्रभाव: नारी के कर्तव्यों पर समाज और संस्कृति का गहरा प्रभाव पड़ता था।
देश की जनता के तकलीफ और समस्याओं का गंभीरता को सरकार को समझने चाहिए और देश.हित के लिए किसी भी संविधान के परिशोधन पर, अगर 80% जनता लाभान्वित होती है, तो उसे तुरंत बिना बिलंब के लोकसभा, राज्यसभा सांसद और राष्ट्रपति महोदय सेमें पारित करा कर, कानून लागू कर देने चाहिए। 20 के विरोध करने पर 80 लोगों को परेशान मत कीजिए। देश की समृद्धि के लिए, अच्छे कानूनों पर, सत्ता की गंदी राजनीति करने का कोई अवसर नहीं देनी चाहिए। विरोधियों के किसी भी धमकियों के विरुद्ध में, जरूरत पड़े तो देश की 80% में सिर्फ 1% देशप्रेमी भगवा शेर.शेरनियां सड़को पर उतारें और विरोधियों का मुंह.तोड़ जवाब दें और सर्वजन.हित और देश.हित के संविधानों और कानूनों को लागू कराने में सरकार और सुरक्षा बलों का साथ दें।
बहुत सुंदर वाणी और प्रवचन 🙏
महर्षि दयानंद सरस्वती जी के उत्तम चिंतन समाज को वितरण करने के लिए अनेक अनेक साधुवाद शिक्षा के विषय पर हर नागरिक को जानने के लिए दयानंद सरस्वती जी के सत्यार्थ प्रकाश का तृतीय समुल्लास अवश्य पढ़ाना चाहिए। बधाई हो दीप्ति बेटा इस प्रकार समाज को आलोकित करते रहो। हमें आप पर गर्व है आपकी मधुर ध्वनि से आर्य जगत गौरवान्वित करेगा।
आचार्य सोमनाथ साहु
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर भोपाल
नमस्ते बेटा अतिसुंदर प्रवचन दिया है
अति सुन्दर अति उत्तम आर्या जी l महर्षि दयानन्द महाराज की जय l
बहुत धन्यवाद बहन जी
बहुत अच्छी बातें आपने बताई,आर्य समाज ऐसा मंच है जहां बहुत श्रेष्ठ बातें बताई जाती हैं जो पूर्णतया वेदों पर आधारित है
🕉🙏आर्यसमाजजिन्दाबाद,जयसनातनपूज्यस्परम पूजनी वेद माता गायत्री युवा वाहिनीसंथापक अरविंद सिंहवामीदयानन्दसरस्वतीजीकोसतसतनमन
महर्षि दयानंद आर्य समाज 🙏🙏
Maha push sawmijiDaya banditry kote naman jai satan❤❤🎉😮😊
Eye opener and a great Pravachan. Only way to make the real progress.
दीदी सुंदर
आचार्या दीप्ति आर्या जी का प्रवचन विशेष तौर से महिलाओ के लिए सुनने लायक है।ऐसी विदुषी बहन/बेटी बधाई हो।
Rishi Dayanand respected women to the highest order.
Arya Samaj Amar rahe
अति उत्तम महर्षि दयानंद सरस्वती की जय
🙏🏻🙏🏻🙏🏻
अत्योत्तम!❤
Very good
Deepti guru mataji valarety tks rama
Jai satandhramvandematram❤❤🎉🎉😮😮😊😊
सादर नमस्ते जी अति उत्तम प्रवचन 💐🌸🪷🏵️🚩💮🙏🪔
नमस्ते आर्या जी🙏
नमस्ते जी 🙏 कैथल हरियाणा
Deepti sadar namaste apki program u tube per sunkermere mun maiekhi batsamaj100 bar bhi duhraya जय kum padega
Good morning everyone
*प्राचीन काल में नारी के कर्तव्य*
* गृहकार्य: घर के सभी काम जैसे भोजन बनाना, कपड़े धोना, बच्चों की देखभाल करना, घर की साफ-सफाई करना आदि नारी के प्रमुख कर्तव्यों में से थे।
* धार्मिक कर्तव्य: धर्म का पालन करना, पूजा-पाठ करना और त्योहार मनाना नारी के कर्तव्यों में शामिल था।
* पति और परिवार की सेवा: पति और परिवार की सेवा करना नारी का सबसे महत्वपूर्ण कर्तव्य माना जाता था।
* शिक्षा: समाज में नारियों को कन्या गुरुकुल में शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलता था
* कला और शिल्प: कुछ नारियां कला और शिल्प में निपुण होती थीं। वे संगीत, नृत्य, चित्रकला आदि में रुचि लेती थीं।
* समाज और संस्कृति का प्रभाव: नारी के कर्तव्यों पर समाज और संस्कृति का गहरा प्रभाव पड़ता था।
गायत्री मंत्र से आत्मा का क्या भला हो सकता है
देश की जनता के तकलीफ और समस्याओं का गंभीरता को सरकार को समझने चाहिए और देश.हित के लिए किसी भी संविधान के परिशोधन पर, अगर 80% जनता लाभान्वित होती है, तो उसे तुरंत बिना बिलंब के लोकसभा, राज्यसभा सांसद और राष्ट्रपति महोदय सेमें पारित करा कर, कानून लागू कर देने चाहिए। 20 के विरोध करने पर 80 लोगों को परेशान मत कीजिए।
देश की समृद्धि के लिए, अच्छे कानूनों पर, सत्ता की गंदी राजनीति करने का कोई अवसर नहीं देनी चाहिए। विरोधियों के किसी भी धमकियों के विरुद्ध में, जरूरत पड़े तो देश की 80% में सिर्फ 1% देशप्रेमी भगवा शेर.शेरनियां सड़को पर उतारें और विरोधियों का मुंह.तोड़ जवाब दें और सर्वजन.हित और देश.हित के संविधानों और कानूनों को
लागू कराने में सरकार और सुरक्षा बलों का साथ दें।
Very good