So heartwarming to see Jains happy on the construction of Ram Mandir in Ayodhya. Our Dharmas may be different, but ultimately we are Dharmics. Our core fundamentals are same, our ultimate goal is same. We are branches of the same tree - Jainism, Buddhism, Hinduism and Sikhism. Best wishes to all. Together, we should reignite the Dharmic soul of this nation and make it Vishwaguru again.
You are really a Mature person and I appreciate that... other wise, Nowadays, People are just fighting in the name of dharm, Example - Khalistani sikh and hindu fights each other, Fake buddhist people Fight hindu people ( idk exact reason) now sad to see, Even Jains and Hindus are Arguing to each other for “Who is oldest” But it is a debate with no conclusion and Its completely waste of time arguing on this, Infact, We must Learn from Each other's culture, Beliefs and Practices to Improve our way of living instead of Showing other Religions as False.
@@aryajain5311 Ye baat khud Shaivas ne likhvayi thi ki unhone Jain's ko maara hai. But fir ye bhi pata chalta hai ki Shaivas ne kisi ko mara nahi tha. Unhone Jaan karke aesa likhwaya tha apna khouf banane k liye.
@@jphada8503 bhai madurai me aaj bhi saboot hai shaiva mandir me, aaj bhi waha ke locals unn hatiyaro ki pooja karte hai sindoor se jaino ke khoon ke roop me
@@dwaitastroguru5187 जी सही बात। लेकीन वह चुना हुआ एक रास्ता अगर गलत हो तो मंजील पाने पर भी उसका कोइ मतलब नही रहेगा। इसलिए हमे एक एक रास्ता भी शोच समजकर ही चुन ना चाहिऐ और अपने चुने हुए रास्ते पर सतर्क सावध रहेना चाहिए।
धन्यवाद भाई साहब बहुत-बहुत बहुत अच्छी जानकारी जैन धर्म का अयोध्या से संबंध के बारे में आपने बताएं बहुत-बहुत साधुवाद जय जिनेंद्र जय जिनेंद्र जय जिनेंद्र गजेंद्र सिंह जैसलमेर
आपने बहुत अच्छी जानकारी दी अयोध्या नगरी के बारे में, जैन धर्म के संर्दभ में जिससे की पूरे जैन समाज को बहुत गर्व की अनुभूति होगी ऐसी भावना के साथ आप सभी को जय जिनेन्द्र।
अयोध्या की एक अनोखी जैन कहानी आज अयोध्या में श्री राम मंदिर की आधारशिला है। इसलिए अयोध्या आज दुनिया में चमक रही है। अयोध्या करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। उसी तरह अतीत में और आज लाखों जैन के लिए अयोध्या एक प्रतिष्ठित तीर्थ स्थान है। यह महान शहर ………। श्री ऋषभदेव श्री अजितनाथ श्री अभिनंदन स्वामी श्री सुमति नाथ श्री अनंतनाथ यह पाँच तीर्थंकरों का *जन्मस्थान* है भूमि में कल्याणक होने पर भी इसे एक महान पवित्र तीर्थस्थान माना जाता है, जबकि अयोध्या में, *पाँच तीर्थंकरों* का कुल *१९ कल्याण* हुआ है! तो अयोध्या जैनियों के लिए एक *महान तीर्थ* है। *अयोध्या नगरी कितनी पुरानी है?* *क्या संस्कृति अयोध्या से शुरू हुई थी?* *गंगा नदी का नाम जाह्नवी और भागीर के नाम पर क्यों रखा गया है?* हम वैदिक और जैन शास्त्रों के आधार पर ऐसे कई सवालों के जवाब जानते हैं। श्री नाभि कुलकर और मरुदेवी माता के पुत्र एक ही *ऋषभदेव भगवान* हैं हमारे देश का नाम *भारत* उनके पुत्र *भरत चक्रवर्ती* के नाम से लिया गया है। यह वैदिक धर्म के भागवत पुराण - ऋग्वेद-यजुर्वेद-मार्कंडेय-वायु महापुराण और जैन धर्म के कई ग्रंथों में लिखा गया है। राजा ऋषभ अयोध्या के *पहले राजा* थे। युगलिक काल पूरा होने के साथ, कल्पवृक्ष ने इच्छित फल देना बंद कर दिया, इसलिए राजा ऋषभ ने लोगों को *असि-मसी और कृषि* की शिक्षा दी। *महिलाओं के 64* और *पुरुषों की 72 कलाएँ* और मूर्तिकला आदि की *सभी कलाएँ* अयोध्या से इस दुनिया में प्रथम राजा ऋषभ द्वारा सिखाई गई थीं। इस प्रकार *अयोध्या संस्कृति की पालना* कहलाया है ! राजा ऋषभ के बाद, उनका पुत्र *भरत चक्रवर्ती* अयोध्या के सिंहासन पर आसीन हुआ। उसी से यह देश *भारत* कहलाया। अयोध्या के सिंहासन पर उनके पुत्र *आदित्य यश राजा* का उत्तराधिकार था। आदित्य का अर्थ है सूर्य। इसीलिए उनके वंश को *सूर्यवंशी* माना गया! फिर कई राजा आए। तब *जितशत्रु राजा* बने। उन्होंने अपने पुत्र अजीत को सिंहासन पर बैठाया और जैन दीक्षा ली। बाद में अजीत राजा ने भी लंबे समय तक शासन किया और दीक्षा ली और *श्री अजितनाथ* नामक तीर्थंकर बने। उनके बाद उनके चचेरे भाई *सगर चक्रवर्ती* अयोध्या के सिंहासन पर थे। उनके 60,000 पुत्र थे जैसे *जह्ननुकुमार* आदि। एक बार वे सभी पुत्र श्री ऋषभदेव की निर्वाण भूमि *अष्टापद तीर्थ* गए, जो अयोध्या से 12 योजन उत्तर पूर्व की ओर था। उन्होंने भरत चक्रवर्ती द्वारा निर्मित *रत्नमय सिंह निष्ठा प्रसाद* का दौरा किया। *अष्टापदतीर्थ : जाह्ननु कुमार आदि के अष्टापद तीर्थसंरक्षण के लिए 60 हजार पुत्रों ने गंगा नदी के प्रवाह के लिए एक खाई खोदी और उसे अष्टापद तक लाया गया, इसलिए गंगा नदी को जाह्नवी भी कहा जाता है।* लेकिन इस वजह से, *नाग निकाय* के देवताओं को पीड़ा हुई। यही कारण है कि *ज्वाला प्रभा* नाम के एक नागने सभी पुत्रों को जला दिया। केवल दो भाई *भागीरथ और भीम* बच गए। अष्टापद के पास गंगा के बाढ़ के पानी ने कई जनपद (कुछ क्षेत्रों) में कहर बरपाया। सागर चक्रवर्ती ने अपने पुत्र भागीरथ को उन जनपदों को बचाने के लिए दण्डरत्न दिया और गंगा के प्रवाह को समुद्र में ले जाने का आदेश दिया। *भागीरथ पुरुषार्थ* शब्द का प्रयोग आज भी भागीरथ के अत्यंधिक पुरुषत्व के लिए किया जाता है। *राजा भागीरथ ने गंगा के प्रवाह को समुद्र तक पहुंचाया। इसी कारण गंगा नदी को भागीरथी नाम मिला।* - आधार: *वासुदेव- हिंदी* श्रीसंघदास गनी द्वारा लिखित ग्रंथ में। इस तरह की सैकड़ों घटनाएं अयोध्या शहर से संबंधित हैं। अयोध्या के अन्य नाम *स्वाध्याय समुच्चयग्रंथ* ...... इक्ष्वाकु भूमि कोशला उत्तर कोशला विनीता अबध्या रामपुरी साकेत ...... जेसे अन्य नाम मिलते हैं। आज भी अयोध्या के *कटरा महोल्ला* स्थित जिनालय में श्री अजीतनाथ भगवान की मूर्ति विराजमान है। *श्री पादलिप्त सूरिजी*, जिसके नाम पर पालिताना नाम पड़ा, का जन्म अयोध्या में हुआ था। - आधार श्री विमलचंद वेदमूथा संपादित पुस्तक *नमो तिथस्स* श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या नगरी की इतनी सुंदर *अनोखी* कहानी *जिनशासन जयवन्तु हो*
आपका बहुत बहुत धन्यवाद जैन मीडिया जैन धर्म के विषय में पूरी दुनिया तक यह जानकारी पहुंचने के लिए आपके सभी वीडियो देख कर बहुत गर्ब महसूस होता है मैं भी जैन धर्म की अनुयाई हूं आप सभी बहुत अच्छा काम कर रहे है भगवान सदैव ही आपको आगे बढ़ने के प्रेणा दे । जय जिनेन्द्र 🙏
Mai Ayodhya se hu aaj bhi yeha 2 mandir jain bhagwan ki hai .5 trithanker bhagwan ka janam bhi yehi hua but yeha sabhi jain hindu ek hai ho gye hai esiliye sabhi log ab sabhi place per jate hai❤❤❤.jai sri ram jai jinendra ❤❤
धन्यवाद 🙏🏻 आपने सिर्फ़ इतिहास नहीं कहाँ बल्कि.. सत्य ज्ञान भी दिया है। शरीर क्या है यह भी सही समज दिया । धन्यवाद 🙏🏻 अब ज़रूर अयोध्या जायेगे और परमात्मा के दर्शन भी करेंगे। 🙏🏻🙏🏻
अयोध्या नगरी की स्थापना इंद्र महाराजा ने आदिनाथ भगवान के लिए बनाई थी आदिनाथ भगवान ने क्षत्रिय वंश की स्थापना की उनके पहले पुत्र भरत चक्रवर्ती थे जिनसे सूर्यवंश चला दूसरे पुत्र बाहुबली जिनसे चंद्रभान चला और इसी क्रम में आगे श्री राम का जन्म हुआ
Am filled wit full of spiritual feelings.. unable to write much... ur presentation is so nice it actually took us to that time and ur words are so realistic that it enters not only eats but heart in deep. Bhagwan adhinath ki kripa aap par bani rahe🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
An author by name gunrashmi renu'.. Wrote in 'kalyan' that all know which is ramjanmbhumi Or Krishna janm bhumi.. But what abt rishabh janmabhoomi? Infact our jains don't know that prior to Ram.. Our 5 tirthankars birth took place here.. So.. Infact we all jains should say... Rishabh janmabhoomi... Thru social media we can do this... And Mehulji u have vast media.. If possible plz pass this.. Let's hope effort of gunrashmi renu' works out.. And one more thing why on page of jainism we give abhinandan to them.. Auchitya is fine... But on vast media when u put when people love u follow u.. They won't understand auchitya but they too would go to such temples.. Mehulji I don't wish to hurt u as I'm fan of urs but just wanted to draw ur attention
Shree Ram is not shalaka purush.Shri Ram is. Siddha parmatma.He attained nirvana from Mangi Tungi Maharashtra with Hanuman ji , sugriva ji , nal , neel and lakh other
YOU're doing an amazing job by bringing out such informative and amazing content, information and news about our as well as other religions ....THANK you Mehul Jain🙏🙏
आप हीं हो जो सही बात करते हो हिसां का बिज रोपण नही करते हमारे धर्म शासन का प्रचार सही तरीके से करते हो जैन अजैन को लडाते नही बल्कि नीति सम्मत तर्क रखतै हो ,🙏🏽,जय जिन शासन
इक्ष्वाकु वंश के प्रथम आदीपुरुष भगवान ऋषभदेव की जन्म भुमी आयोध्या है। और तपोभुमी ब्रद्रीनाथ है। यह उल्लेख श्रीमद् भग्वत गीता महापुराण के पांचवे स्कंध मे मीलता है। जैन धर्म भारतवर्ष का प्राचीन एवं सनातन धर्म है।
जय जिनेंद्र ज्ञान बाटने से बढ़ता है और जो आप कर रहे हो वह सराहनिय है ।आपको तः दिल से धन्यवाद देते है और आपके jain videos से अपने जैन ज्ञान की वृद्धि करना चाहेंगे।आपके efforts को खुब खुब अनुमोदन।
@@JainMedia its ok but i love your channel i just watched jain media , sureshbhai chennai , and our songs about Neminath dada , girnar, and ,diksha song , even i also love when you replied us thank you mehul bhai and put videos constantly aap videos subah rakho na toh thoughts subah se ache rahein🙁
So heartwarming to see Jains happy on the construction of Ram Mandir in Ayodhya. Our Dharmas may be different, but ultimately we are Dharmics. Our core fundamentals are same, our ultimate goal is same. We are branches of the same tree - Jainism, Buddhism, Hinduism and Sikhism.
Best wishes to all. Together, we should reignite the Dharmic soul of this nation and make it Vishwaguru again.
You are really a Mature person and I appreciate that... other wise, Nowadays, People are just fighting in the name of dharm, Example - Khalistani sikh and hindu fights each other, Fake buddhist people Fight hindu people ( idk exact reason) now sad to see, Even Jains and Hindus are Arguing to each other for “Who is oldest” But it is a debate with no conclusion and Its completely waste of time arguing on this, Infact, We must Learn from Each other's culture, Beliefs and Practices to Improve our way of living instead of Showing other Religions as False.
Ek bharat ma ke char putra
All sects of Sanatan Dharma, Sikhs and Jains have given their major contribution in the Ram Mandir Movement. They will be happy with this.
Proud to be jain 🙏🙏
Jai jinendra 🙏
Jai Siya Ram🙏
Jain or bodh dharam kisne khatam kiya bhai ?
@@surindersharma4509 islamic and Huns
@@surindersharma4509 shaivas
@@aryajain5311 Ye baat khud Shaivas ne likhvayi thi ki unhone Jain's ko maara hai. But fir ye bhi pata chalta hai ki Shaivas ne kisi ko mara nahi tha. Unhone Jaan karke aesa likhwaya tha apna khouf banane k liye.
@@jphada8503 bhai madurai me aaj bhi saboot hai shaiva mandir me, aaj bhi waha ke locals unn hatiyaro ki pooja karte hai sindoor se jaino ke khoon ke roop me
BUJUT ACHHI JANKARI THI DANYVAD 👏
🚩🕉JAI JINENDRA🕉🚩
🚩🕉JAI SHRI RAM 🕉🚩
⚘🚩🕉 JAI AYODHYA NAGRI🕉
🌷🌹MERA BHARAT MAHAN🌹🌷
मे जन्म से जैन हु।
और कर्म से क्षी राम मेरे प्ररेणाता है।
जय जिनेन्द्र
जय सियाराम
🙏🙏🙏
किसी मनुष्यों ने कोही भी एक रास्ता चुन लिया तो एक लक्ष तक पहुँच जाता है। नही 84 योनी भटक जाता है।
@@dwaitastroguru5187 जी सही बात।
लेकीन वह चुना हुआ एक रास्ता अगर गलत हो तो मंजील पाने पर भी उसका कोइ मतलब नही रहेगा। इसलिए हमे एक एक रास्ता भी शोच समजकर ही चुन ना चाहिऐ और अपने चुने हुए रास्ते पर सतर्क सावध रहेना चाहिए।
आज अयोध्या नगरी से जैन इतिहास का संबंध जानकर आनंद हुआ और आशा करता हूं आप इसी तरह जैन इतिहास प्रकाश डालते रहें। आपका बहुत बहुत धन्यवाद आभार।
धन्यवाद भाई साहब बहुत-बहुत बहुत अच्छी जानकारी जैन धर्म का अयोध्या से संबंध के बारे में आपने बताएं बहुत-बहुत साधुवाद जय जिनेंद्र जय जिनेंद्र जय जिनेंद्र गजेंद्र सिंह जैसलमेर
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Jai jinendra
@@bhanumatisheth1619 elip
4oh0wwpl
जय श्री राम भगवान जय आदिनाथ भगवान जय गौतम बुद्ध भगवान जी यही है भारत है
आपने बहुत अच्छी जानकारी दी अयोध्या नगरी के बारे में, जैन धर्म के संर्दभ में जिससे की पूरे जैन समाज को बहुत गर्व की अनुभूति होगी ऐसी भावना के साथ आप सभी को जय जिनेन्द्र।
इस गौरवमई इतिहास को जान कर मेरी आस्था और भी मजबूत हो गई है। बहुत सुंदर प्रस्तुति
Our First Teerthankar Sri Rishabhnath also known as Ikshvaku 👑 is the ancestor of Sri Rām!! 💛💙💚 J'ai Jinendra ❤ J'ai Sri Raam 🙏🏼
बहुत अच्छा बताया हैं। कई चीजें आज पता पड़ी हैं। इस पवित्र नगरी में जाना चाहिए जिंदगी में एक बार।
ऐसे और इस तरह के वीडियो बनाते रहे और हमारा अपने जैन धर्म के प्रति अहो भाव बढ़ाते रहे।
अहो जिन शासनम ।
જૈન શાસન જયવનતું વર્તો
Jai Siyaram 🚩 🙏 jai Jinendra. 🙏 🚩we all are one.
@@deepanshujain1735 yes, i hope jains and hindus stay strong together and fight with those jihadis
@@deepanshujain1735 sir mera ek sawal h hinduo aur jaino me kya rishta h please jawab dijiye
@@buddhu3681 lord rama kul and lord rishabhdev kul same
@@buddhu3681 hindu buddh jain sikh all same
@@buddhu3681 pehle sabhi hindu log jain hi hua karte the
Thanks for telling history of AyoddhyaWe are very proud of Ayodhya and Bharatvarrsh
अयोध्या की एक अनोखी जैन कहानी
आज अयोध्या में श्री राम मंदिर की आधारशिला है। इसलिए अयोध्या आज दुनिया में चमक रही है। अयोध्या करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। उसी तरह अतीत में और आज लाखों जैन के लिए अयोध्या एक प्रतिष्ठित तीर्थ स्थान है।
यह महान शहर ………।
श्री ऋषभदेव
श्री अजितनाथ
श्री अभिनंदन स्वामी
श्री सुमति नाथ
श्री अनंतनाथ
यह पाँच तीर्थंकरों का *जन्मस्थान* है
भूमि में कल्याणक होने पर भी इसे एक महान पवित्र तीर्थस्थान माना जाता है, जबकि अयोध्या में, *पाँच तीर्थंकरों* का कुल *१९ कल्याण* हुआ है! तो अयोध्या जैनियों के लिए एक *महान तीर्थ* है।
*अयोध्या नगरी कितनी पुरानी है?*
*क्या संस्कृति अयोध्या से शुरू हुई थी?*
*गंगा नदी का नाम जाह्नवी और भागीर के नाम पर क्यों रखा गया है?*
हम वैदिक और जैन शास्त्रों के आधार पर ऐसे कई सवालों के जवाब जानते हैं। श्री नाभि कुलकर और मरुदेवी माता के पुत्र एक ही *ऋषभदेव भगवान* हैं हमारे देश का नाम *भारत* उनके पुत्र *भरत चक्रवर्ती* के नाम से लिया गया है।
यह वैदिक धर्म के भागवत पुराण - ऋग्वेद-यजुर्वेद-मार्कंडेय-वायु महापुराण और जैन धर्म के कई ग्रंथों में लिखा गया है।
राजा ऋषभ अयोध्या के *पहले राजा* थे। युगलिक काल पूरा होने के साथ, कल्पवृक्ष ने इच्छित फल देना बंद कर दिया, इसलिए राजा ऋषभ ने लोगों को *असि-मसी और कृषि* की शिक्षा दी। *महिलाओं के 64* और *पुरुषों की 72 कलाएँ* और मूर्तिकला आदि की *सभी कलाएँ* अयोध्या से इस दुनिया में प्रथम राजा ऋषभ द्वारा सिखाई गई थीं। इस प्रकार *अयोध्या संस्कृति की पालना* कहलाया है !
राजा ऋषभ के बाद, उनका पुत्र *भरत चक्रवर्ती* अयोध्या के सिंहासन पर आसीन हुआ। उसी से यह देश *भारत* कहलाया।
अयोध्या के सिंहासन पर उनके पुत्र *आदित्य यश राजा* का उत्तराधिकार था। आदित्य का अर्थ है सूर्य। इसीलिए उनके वंश को *सूर्यवंशी* माना गया! फिर कई राजा आए।
तब *जितशत्रु राजा* बने। उन्होंने अपने पुत्र अजीत को सिंहासन पर बैठाया और जैन दीक्षा ली। बाद में अजीत राजा ने भी लंबे समय तक शासन किया और दीक्षा ली और *श्री अजितनाथ* नामक तीर्थंकर बने।
उनके बाद उनके चचेरे भाई *सगर चक्रवर्ती* अयोध्या के सिंहासन पर थे। उनके 60,000 पुत्र थे जैसे *जह्ननुकुमार* आदि। एक बार वे सभी पुत्र श्री ऋषभदेव की निर्वाण भूमि *अष्टापद तीर्थ* गए, जो अयोध्या से 12 योजन उत्तर पूर्व की ओर था। उन्होंने भरत चक्रवर्ती द्वारा निर्मित *रत्नमय सिंह निष्ठा प्रसाद* का दौरा किया।
*अष्टापदतीर्थ : जाह्ननु कुमार आदि के अष्टापद तीर्थसंरक्षण के लिए 60 हजार पुत्रों ने गंगा नदी के प्रवाह के लिए एक खाई खोदी और उसे अष्टापद तक लाया गया, इसलिए गंगा नदी को जाह्नवी भी कहा जाता है।*
लेकिन इस वजह से, *नाग निकाय* के देवताओं को पीड़ा हुई। यही कारण है कि *ज्वाला प्रभा* नाम के एक नागने सभी पुत्रों को जला दिया। केवल दो भाई *भागीरथ और भीम* बच गए। अष्टापद के पास गंगा के बाढ़ के पानी ने कई जनपद (कुछ क्षेत्रों) में कहर बरपाया। सागर चक्रवर्ती ने अपने पुत्र भागीरथ को उन जनपदों को बचाने के लिए दण्डरत्न दिया और गंगा के प्रवाह को समुद्र में ले जाने का आदेश दिया। *भागीरथ पुरुषार्थ* शब्द का प्रयोग आज भी भागीरथ के अत्यंधिक पुरुषत्व के लिए किया जाता है।
*राजा भागीरथ ने गंगा के प्रवाह को समुद्र तक पहुंचाया। इसी कारण गंगा नदी को भागीरथी नाम मिला।*
- आधार: *वासुदेव- हिंदी* श्रीसंघदास गनी द्वारा लिखित ग्रंथ में।
इस तरह की सैकड़ों घटनाएं अयोध्या शहर से संबंधित हैं।
अयोध्या के अन्य नाम *स्वाध्याय समुच्चयग्रंथ* ......
इक्ष्वाकु भूमि
कोशला
उत्तर कोशला
विनीता
अबध्या
रामपुरी
साकेत ...... जेसे अन्य नाम मिलते हैं।
आज भी अयोध्या के *कटरा महोल्ला* स्थित जिनालय में श्री अजीतनाथ भगवान की मूर्ति विराजमान है।
*श्री पादलिप्त सूरिजी*, जिसके नाम पर पालिताना नाम पड़ा, का जन्म अयोध्या में हुआ था।
- आधार श्री विमलचंद वेदमूथा संपादित पुस्तक *नमो तिथस्स*
श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या नगरी की इतनी सुंदर *अनोखी* कहानी
*जिनशासन जयवन्तु हो*
ऐसे और इस तरह की वीडियो बनाते रहे और हमारा अपने धर्म के प्रति अहो भाव बढ़ाते रहे यही मंगल कामना ।
अहो जिन शासनम ।
जय जिनेंद्र 🙏
आपने बहुत बढ़िया जानकारी दी हम लोगों को ये बात पता नहीं थी
जय जिनेंद्र जी बहोत ही अच्छी जानकारी दी हे खुब खुब धन्यवाद
जय श्री राम राघव सरकार जी की..... जय जिनेंद्र जी की
जय श्री राम 🙏🚩🕉️
Your voice is too clear👍👍👍
Jai Ayodhya Ji 🙏🙏🙏🙏dand wat pranaam ho aisi bhumi ko.
Jai jinendra jai siya ram to all jain brother sister's from kundalpur!! Bade baba ❤️
✍️✍️ जय जिनशासन,,जय महावीर,,
आपकी प्रसारण शक्ति अदभुत है!! आपकी ज्ञान गंगा हमेशा बहती रहे,,,
मेरे जैसे अज्ञानी को थोड़ा ज्ञान मिलता रहे !!🙏🙏
सुंदर प्रस्तुतीकरण आपको बधाई व अभिनंदन
जय जिनेंद्र
आपका बहुत बहुत धन्यवाद जैन मीडिया
जैन धर्म के विषय में पूरी दुनिया तक यह जानकारी पहुंचने के लिए आपके सभी वीडियो देख कर बहुत गर्ब महसूस होता है मैं भी जैन धर्म की अनुयाई हूं
आप सभी बहुत अच्छा काम कर रहे है भगवान सदैव ही आपको आगे बढ़ने के प्रेणा दे ।
जय जिनेन्द्र 🙏
Mai Ayodhya se hu aaj bhi yeha 2 mandir jain bhagwan ki hai .5 trithanker bhagwan ka janam bhi yehi hua but yeha sabhi jain hindu ek hai ho gye hai esiliye sabhi log ab sabhi place per jate hai❤❤❤.jai sri ram jai jinendra ❤❤
Jai jinendra from kenya.khub anumodana mehul .brining us rich history of jainism ..very knowledgeable topics everyday.
धन्यवाद 🙏🏻 आपने सिर्फ़ इतिहास नहीं कहाँ बल्कि.. सत्य ज्ञान भी दिया है। शरीर क्या है यह भी सही समज दिया । धन्यवाद 🙏🏻 अब ज़रूर अयोध्या जायेगे और परमात्मा के दर्शन भी करेंगे। 🙏🏻🙏🏻
Wah wah bhaiya,wahh information to mast thi he lekin akhir me jo kavita sunai usne aur bhi dil khus kar diya.🙏
Jai jinendra🙏
The way you present Jain Darshan is unique in itself, Congratulations, God has gifted it to You, Continue it, we are ignorant,
Ayodhya Bhoomi ko shat shat pranam.
Jai shri Ram Shri Ram Shri Ram
🙏🙏apka bohot bohot dhanyawad ki app iss tarah se hame gyan aur shradha aur shudh bhav aur dharm kii baten itni asani se bata dete hai 🙏🙏🙏
दुर्लभ एवं बोधगम्य जानकरी के लिये धन्यवाद ।
Go ahead.
Awesome facts and explanations. Loved the video. Shared with all my friends.
अच्छी जानकारी मिली धन्यवाद
Aapka Dharmik gyan Bahut achchha hai, jai Shree Ram, jai jinendra.
Nice information, great job
Bahot dhanyavad satsang karane kliye Dipak shah
Very happy to knw history of Jainism🙏 keep sharing videos like these👍 Dhram nagari Ahodhay🙂
Jay shree Ram
Proud Jain
jai Jinshashan
Jay shree Ram
Even From Jain terapanth community had given Fund for Bhagwan Shree Ram temple 🤗
Jai jinendra ❤ ram ram, Ahimsa parmo dharma
Jainism, a very strong branch of Sanatan Dharma
Jis bhoomi mein 5 tirthankar bhagwan Ka janm hua purushottam bhagwan Shree ram Ka janm hua...ayodhya bhoomi ki pavitra ko Anant bar vandan...
बहुत अच्छा प्रयास।धन्यवाद।
सर, आप हमेशा बहुत अच्छी एंव रोचक जानकारी देते है, जो हमेशा मस्तिष्क मे छाप छोड़ती है । धन्यवाद सर, जय जिनेन्द्र
Jay shree Ram
जय श्री राम। जय जिनेन्द्र।
Jai Jinendra ji
You are doing excellent work in the field of janism🙏🙏
अयोध्या नगरी की स्थापना इंद्र महाराजा ने आदिनाथ भगवान के लिए बनाई थी आदिनाथ भगवान ने क्षत्रिय वंश की स्थापना की उनके पहले पुत्र भरत चक्रवर्ती थे जिनसे सूर्यवंश चला दूसरे पुत्र बाहुबली जिनसे चंद्रभान चला और इसी क्रम में आगे श्री राम का जन्म हुआ
Am filled wit full of spiritual feelings.. unable to write much... ur presentation is so nice it actually took us to that time and ur words are so realistic that it enters not only eats but heart in deep. Bhagwan adhinath ki kripa aap par bani rahe🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Pranam
Thank you for this wonderful
Knowledge
Please share more and more information 🙏🏻
Jai Jinendra 🙏🏻
An author by name gunrashmi renu'.. Wrote in 'kalyan' that all know which is ramjanmbhumi Or Krishna janm bhumi.. But what abt rishabh janmabhoomi? Infact our jains don't know that prior to
Ram.. Our 5 tirthankars birth took place here.. So.. Infact we all jains should say... Rishabh janmabhoomi...
Thru social media we can do this...
And Mehulji u have vast media.. If possible plz pass this.. Let's hope effort of gunrashmi renu' works out..
And one more thing why on page of jainism we give abhinandan to them..
Auchitya is fine... But on vast media when u put when people love u follow u.. They won't understand auchitya but they too would go to such temples..
Mehulji I don't wish to hurt u as I'm fan of urs but just wanted to draw ur attention
आपने अच्छी अभिव्यक्ति की हैं इससे धर्म ज्ञान की वृद्धि होती है ।
Jai Jinendra 🙏
Explained very well bhaiya tysm for information❤️👍
Jai jinendra
Thanks, excellent info🙏🙏 thanks for English subtitles
अयोध्या नगर के साथ जैनध॔म के सम्बंध की ईस जानकारी के लिए आभार ।
Jai jinendra jai shri ram shri ram is also one of the shalaka purush mentioned in Jain Ramayana
@labhesh haria ya i know brother
@labhesh haria ya i know brother
Shree Ram is not shalaka purush.Shri Ram is. Siddha parmatma.He attained nirvana from Mangi Tungi Maharashtra with Hanuman ji , sugriva ji , nal , neel and lakh other
@@18ajai Thank a bunch!! for correcting me actually i didn't know much about Jain Ramayana jai Jinendra jai adinath Jai Shri Ram
Bhut achhi jankari, jai jinendra
Jai ho is ayodhya nagri ki.. Jai kesiryya lal ki.... Jai shree ram.... Jai jinendre
Bhagvan Aadinath ki jai !! Prabhu Shri Ram , Bhagvan Aadinath ke hi vanshaj thee !!
Very nice, jai jinendra 🙏
Hare Krishna hare Krishna hare Krishna hare Krishna hare Krishna hare Krishna hare Krishna hare Krishna hare Krishna 🙏
YOU're doing an amazing job by bringing out such informative and amazing content, information and news about our as well as other religions ....THANK you Mehul Jain🙏🙏
प्रणाम मेहुल भाई
Jai Jinendra 🙏Important information related to our jain dharam and First teerathkar Adinath prabhu and other given in this video.🙏
Proud to be ayodhyawashi🙏🙏
Great work🙏
Jai rishabnath bhagwan jai shri ram 🚩
Jai shree ram jai jinendra
आप हीं हो जो सही बात करते हो हिसां का बिज रोपण नही करते हमारे धर्म शासन का प्रचार सही तरीके से करते हो जैन अजैन को लडाते नही बल्कि नीति सम्मत तर्क रखतै हो ,🙏🏽,जय जिन शासन
Jai Jinendra Jay Shri Ram🙏
Thank you. Jainam jayti shasnam 🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻🌹🙏🏻
Thanks a lot. Very informative. Jai Shreeram.! Jai Jinendra!
Thanks for sharing this information 🤗👍🙏
I like your videos, all of them are so informative, the way you speak each and every word is so clear , ur work is so inspiring.... Jai jinshashan...
Jai Jainendra, Jai Shri Ram, Hare Krishna.... Har Har Mahadev.
Jai jinendra bhai
जय श्री राम कृष्ण ऋषभदेव हरि
Thanks for showing Jain dharm history and. Glory We are proud of
Ayodhya and Bharatvarsh
Thanks a ton for this amazing and satiating information.. 🙏
Thank you for all the information.
Khub Khub Anumodna
Pranam jai jinendra
Thaks sir for great information
Great knowledge 👍
Jain dharm great great great love jain dharm
@@fantasticdays2775 islamist fake account
@@chinaindiaexecutersofpissl190 This is a fake ID buslim
इक्ष्वाकु वंश के प्रथम आदीपुरुष भगवान ऋषभदेव की जन्म भुमी आयोध्या है। और तपोभुमी ब्रद्रीनाथ है। यह उल्लेख श्रीमद् भग्वत गीता महापुराण के पांचवे स्कंध मे मीलता है। जैन धर्म भारतवर्ष का प्राचीन एवं सनातन धर्म है।
Highly Informative ,Interesting worth lisning video on Jain History for Ayodha Nagri.
Proud to be 🚩Sanaatan+Jain....
🙏🙏🙏❤❤❤🙏🙏🙏
अयोध्याधाम सारे भारतवर्ष का है। जैन ऋषी, मुनी, कल्याणकों की जानकारी देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
Bohath hi achha lagha
Peheli bar much sunne mila
बहूत सुंदर प्रस्तुति के लिए आभार
बहुत सुंदर प्रस्तुति 🙏
Nice knowledgeable fact things
Jay Shree Ram🙏🙏 Jay Jinendra🙏🙏 Jay Bhagwan Aadinath🙏🙏
जय जिनेंद्र
ज्ञान बाटने से बढ़ता है और जो आप कर रहे हो वह सराहनिय है ।आपको तः दिल से धन्यवाद देते है और आपके jain videos से अपने जैन ज्ञान की वृद्धि करना चाहेंगे।आपके efforts को खुब खुब अनुमोदन।
First view, comment and like is mine😇😇
🙏 जय हो, धन्य है आप 🙏 जोरदार 🙏
@@JainMedia kyun
@@shailishah9970 incredible support 🙏👏
@@JainMedia its ok but i love your channel i just watched jain media , sureshbhai chennai , and our songs about Neminath dada , girnar, and ,diksha song , even i also love when you replied us thank you mehul bhai and put videos constantly aap videos subah rakho na toh thoughts subah se ache rahein🙁
Jain dharma ki jay ho. Bhagwan k 19 Kalyanak Wali aayodhya nagar ki jay ho. Ram mandir banane walon ki jay ho.
didi mera ek question hai please answer Dena na please
Well done brother..
Keep going on.. N spread the all information related to our jain community.. ❤thanks
You are great brother inspires all keep going
To all those who don't know Prabhu Shri Ram was 81st descendant of Jain Tirthankar Rishabhdeva (Adinath) Bhagwan
Source : Rigveda
Jai Jinendra