Jain Bhajan On Guitar By Karan Shah Bhagwan Aatma भगवान आत्मा आनंद भंडार

Поделиться
HTML-код
  • Опубликовано: 28 авг 2024
  • भगवान् आत्मा आनंद भंडार, चेतन उस पर दृष्टि कर
    शांत स्वरुप को लक्ष्य में ले, हो जाएंगे सब संकट हर
    👉कर्म तुझमे नही राग तुझमे नहीं
    ऐसा जिनवर ने बतलाया
    तेरे दोषों से ही बंधन है
    पूज्य गुरु ने फरमाया-2
    अपने दोषों को दूर करे
    तो जाये शास्वत सुख के घर
    शांत स्वरुप को लक्ष्य में ले
    हो जाएंगे सब संकट हर ।।टेक।।
    👉तू वस्तु स्वरुप को भूला था
    परभावों में धर्म मन था
    चेतन तो पर का ज्ञाता है
    यह ज्ञान स्वाभाव न जाना था-2
    पर का अकर्ता यद्यपि ज्ञाता
    ऐसी सम्यक श्रद्धा कर
    शांत स्वरुप को लक्ष्य में ले
    हो जाएंगे सब संकट हर ।।टेक।।
    👉यदि कर्म विकार कराये तुझे
    तो कर्माधीन तू हो जाये
    ऐसी ही स्थिति में सुन चेतन
    तुझे शास्वत सुख न मिल पाए-2
    तू चेतन कर्मादि नहीं है
    पूज्य गुरु की कड़ी मोहर
    शांत स्वरुप को लक्ष्य में ले
    हो जाएंगे सब संकट हर ।।टेक।।

Комментарии • 1