दुःख फ़साना नहीं के तुझसे कहें, दिल भी माना नहीं के तुझसे कहें। आज तक अपनी बेकली का सबब, ख़ुद भी जाना नहीं के तुझसे कहें। एक तू हर्फ़ आशना था मगर अब ज़माना नहीं के तुझसे कहें बेतरह हाल ए दिल है और तुझसे दोस्ताना नहीं के तुझसे कहें। ए खुदा दर्द ए दिल है बख्शिशे दोस्त आब ओ दाना नहीं के तुझसे कहें ।
दुःख फ़साना नहीं के तुझसे कहें, दिल भी माना नहीं के तुझसे कहें। आज तक अपनी बेकली का सबब, ख़ुद भी जाना नहीं के तुझसे कहें। एक तू हर्फ़ आशना था मगर अब ज़माना नहीं के तुझसे कहें बेतरह हाल ए दिल है और तुझसे दोस्ताना नहीं के तुझसे कहें। ए खुदा दर्द ए दिल है बख्शिशे दोस्त आब ओ दाना नहीं के तुझसे कहें ।
قاصدا ہم فقیر لوگوں کا اک ٹھکانہ نہیں جو تجھ سے کہیں
One of the best / great urdu poet of all time. GOD BLESS BLESS BLESS HIM & Rest his soul in peace. Aameen
SubhanAllah yaar..dil ko choo lia
Wah wah very beautiful and heart touching
दुःख फ़साना नहीं के तुझसे कहें,
दिल भी माना नहीं के तुझसे कहें।
आज तक अपनी बेकली का सबब,
ख़ुद भी जाना नहीं के तुझसे कहें।
بہت خوب
پسندیدہ کلام
Tabahi
दुःख फ़साना नहीं के तुझसे कहें,
दिल भी माना नहीं के तुझसे कहें।
आज तक अपनी बेकली का सबब,
ख़ुद भी जाना नहीं के तुझसे कहें।
एक तू हर्फ़ आशना था मगर
अब ज़माना नहीं के तुझसे कहें
बेतरह हाल ए दिल है और तुझसे
दोस्ताना नहीं के तुझसे कहें।
ए खुदा दर्द ए दिल है बख्शिशे दोस्त
आब ओ दाना नहीं के तुझसे कहें ।
Lab uh chacha ❤️❤️
Me to
Hayeeee 🔥🔥🔥😔😔😔😭😭
दुःख फ़साना नहीं के तुझसे कहें,
दिल भी माना नहीं के तुझसे कहें।
💔
'Faraz' tumne use mushkilo me daal diya.
Zamana saheb-e-zar aur sirf shayar tu.
👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌
Ahmad Faraz yuhi meri fav shayar nhi but last aashaar shirkiya na brdasht
दुःख फ़साना नहीं के तुझसे कहें,
दिल भी माना नहीं के तुझसे कहें।
आज तक अपनी बेकली का सबब,
ख़ुद भी जाना नहीं के तुझसे कहें।
एक तू हर्फ़ आशना था मगर
अब ज़माना नहीं के तुझसे कहें
बेतरह हाल ए दिल है और तुझसे
दोस्ताना नहीं के तुझसे कहें।
ए खुदा दर्द ए दिल है बख्शिशे दोस्त
आब ओ दाना नहीं के तुझसे कहें ।