बहुत सुन्दर प्रस्तुती बहन नन्दिनी! गोस्वामी जी ने राम नाम वन्दना में लिखा है- बंदउँ नाम राम रघुबर को |हेतु कृसानु भानु हिमकर को || महामंत्र जोइ जपत महेसू |कासीं मुकुति हेतु उपदेसू || माँ पार्वती ने भी कहा है- तुम्ह पुनि राम राम दिन राती |सादर जपहु अनंग आराती ||
बहुत सुन्दर प्रस्तुती बहन नन्दिनी! गोस्वामी जी ने राम नाम वन्दना में लिखा है-
बंदउँ नाम राम रघुबर को |हेतु कृसानु भानु हिमकर को ||
महामंत्र जोइ जपत महेसू |कासीं मुकुति हेतु उपदेसू ||
माँ पार्वती ने भी कहा है-
तुम्ह पुनि राम राम दिन राती |सादर जपहु अनंग आराती ||
आवाज राज जी ❤
क्या बात है दीपक राज
भाई रणजीत राज जी! बहुत सुन्दर पेशकश! सागर मंथन से ये चौदह रत्न निकले थे-
श्री, मणि, रंभा, वारुणी, अमिय, शंख, गजराज |
कल्पद्रुम, शशि, धेनु, धन, धनवन्तरि, विष, बाज ||
❤❤❤❤
Ranjeet Raj ❤