किस्सा-सरवर नीर-2/रचनाकार-कर्मपाल शर्मा,श्री राम कुमार शर्मा/Sarver Neer Duet 2 KMS MS Ramrattan

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  • Опубликовано: 29 окт 2024
  • किस्सा-सरवर नीर-2
    रचनाकार-श्री जयसिंह, श्री कर्मपाल शर्मा,
    श्री राम कुमार शर्मा/श्री बाजे भगत
    गायक-कर्मपाल शर्मा व साथी
    प्रस्तुति-सोनोटोस कैसेटस
    वर्ष-1990
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    1. मत लाईये हाथ लिए मान बात आज हो
    मैं सूं पतिव्रता नार जले क्यूं बदी करै...
    तेरा चन्दा बरमा नूर होग्या देख कै सरूर हो गौरी बन जा मेरी नार
    बता क्यूं मन मैं डरै.......
    2. दिल की प्यारी कड़ै डिगरग्यी मैं रोउं टक्कर मार,
    लिकड़ सरा चली गई वा कर सोला सिंगार
    3. पिता डूब गया दरिया मैं और छोड़ गई जननी माई,
    रोवै मत ना बीर मेरे या शीश चढ़ी करड़ाई
    4. लूट लई मैं साहूकार दगाबाज सिपाही पेश चली ना मेरी...
    5. म्हारा ना कोई इस संसार मैं तनै भेद बता दूं आज सारा...
    6. बागां के मां घूमैं सै तू कौण कड़े की हूर
    ओ मैं सू कन्या कुंवारी मनै देख रहा क्यूं घूर
    7. विवाह करवा ले मेरे तै और बण ज्या दिल की प्यारी,
    8. सजन लेने आवै सखि अब जाउंगी

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