किस्सा

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  • Опубликовано: 23 янв 2025

Комментарии • 3

  • @sumitramniwasjandli8886
    @sumitramniwasjandli8886 Год назад +2

    जय हो आजाद कवि दादा मुंशीराम जी जांडली की।

  • @ShivKumar-fh4yd
    @ShivKumar-fh4yd Год назад +2

    जब ये महान कलाकार आते थे तो सारा गाम आराम से बैठकर सुनता था ये हैं हरयाणवी संस्कृति के रखवाले बार बार प्रणाम आजकल गंदा गाना गंदा नाचना बचा लो अपनी संस्कृति को

  • @AliHamza-uc2cg
    @AliHamza-uc2cg 3 месяца назад

    video banaya karo ggggg